PM Modi distributes e-rickshaws in a function organised by Bharatiya Micro Credit in Lucknow
Whole world has recognised that India is the fastest growing major economy in the world today: PM
Primary objectives of the Government are welfare of the poor, and employment for the youth: PM
Youth should become job creators instead of job seekers. My Government has taken a series of steps to fulfil these objectives: PM
Through Jan Dhan Yojana, our Govt has opened doors of banks for poor which were closed for so many years: PM

मंच पर विराजमान उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्रीमान राम नाइक जी, लखनऊ के सांसद और गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी , लखनऊ के विधायक भाई आशुतोष जी , यहाँ के महापौर श्रीमान दिनेश जी , मुद्रा के चेयरमैन डा के शिवा जी,और आज इस समारोह के केंद्र बिंदु , मेरे रिक्शा चालक भाई बन्धु और उनके परिवार जन , और प्यारे भाइयों और बहनों..

ये सरकार एक के बाद एक कदम जिस प्रकार से उठा रही है और इतने कम समय में आज पूरे विश्व ने इस बात को स्वीकार किया है कि दुनिया की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अगर कोई Economy है तो वो Economy हिंदुस्तान की है। आज पूरी दुनिया में मंदी का माहौल है। बहुत बड़े-बड़े माने-जाने वाले देश भी मंदी के शिकार हो गए हैं और ऐसे समय एक अकेला भारत ऐसा देश है न वो सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना पाया है लेकिन तेज गति से आगे बढ़ रहा है। चाहे World Bank हो, IMF हो, दुनिया की Rating Agencies हो, सब एक स्वर से इस बात को स्वीकार कर रहे हैं, इतना ही नहीं दुनिया के सभी अर्थज्ञाताओं का कहना है कि आने वाले दिनों में भारत बहुत तेजी से आगे बढ़ने वाला है।

जब ये बातें सुनते हैं तो मन को बहुत समाधान होता है लेकिन हमारा लक्ष्य सिर्फ दुनिया की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली Economy बनना नहीं है, हमारा लक्ष्य है हमारे देश के गरीब की जिंदगी में बदलाव लाना, हमारा लक्ष्य है नौजवान को रोजगार मिले, हमारा लक्ष्य है हमारी युवा पीढ़ी अपने पैरों पर खड़ी रहे, हमारी कोशिश है कि देश का नौजवान नौकरी तलाशने के लिए दर-दर ठोकरें न खाएं| इस स्थिति से बाहर आकर के, वो अपने पैरों पर खड़ा रहकर के औरों को भी रोजगार देने की ताकत प्राप्त करे और इसलिए हम जो कदम उठा रहे हैं, वो सारे कदम देश के सामान्य मानवी के जीवन में अपनी मेहनत से जो कमाएं, वो परिवार के जीवन में आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम आएं और इसलिए एक के बाद एक कदम। हमारे देश में बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ 40 साल पहले और इसलिए राष्ट्रीयकरण हुआ था, उस समय ये बातें बताई गई थीं कि बैंक गरीबों के काम आनी चाहिए। गरीबी हटाने के लिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण जरूरी है और सरकार ने सारी बैंक अपने कब्जे में कर ली। 40 साल हो गए लेकिन इस देश के लिए बैकों के दरवाजे नहीं खुले थे।

हमारी सरकार बनने के बाद हमने एक बीड़ा उठाया कि क्यों न हिंदुस्तान के गरीब से गरीब व्यक्ति का बैंक का खाता क्यों न हो, अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में हिंदुस्तान का गरीब क्यों न हो और प्रधानमंत्री जन-धन योजना का अभियान चला, बैंकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और आज देश में जिन लोगो के बैंक के खाते नहीं थे, करीब-करीब 20 करोड़ नए खाते खोले गए। सारी दुनिया को अचरज हो रहा है कि कैसे संभव हुआ है और खाते खोलने थे, गरीब के खाते खोलने थे तो हमने नियम बनाया कि एक भी पैसा नहीं होगा तो भी बैंक का खाता खोला जाएगा, उसके लिए जो खर्च होता है तो उसके लिए वो उसका बैंक भुगतान करेगा। एक भी नया पैसा देना नहीं था लेकिन हमारे देश के गरीबों की अमीरी देखिए, इन गरीबों ने बैंक में खाते खुलाए और छोटा-मोटा रकम नहीं 30 हजार करोड़ रुपया जमा किया, 30 हजार करोड़ रुपया, ये है हमारे देश के गरीब की ताकत।

वो मूल्यों के लिए जीता है, उसूलों के लिए जीता है और इसलिए मुफ्त में खाते खुलाने की बजाए 100 रुपया, 200 रुपया जो है, उसने बचत की है। हम एक मुद्रा योजना लाए हैं। हमारे देश में जो छोटे-छोटे लोग हैं, अखबार बेचने वाला हो, दूध बेचने वाला हो, बिस्किट बेचता हो, फूल बेचता हो, मंदिर के बाहर प्रसाद बेचता हो, धोबी हो, नाई हो, छोटे-छोटे लोग, उन्होंने तो कभी जिंदगी में सोचा ही नहीं था कि उनके कारोबार में अगर आगे बढ़ना हो और पैसो की जरूरत पड़ी तो बैंक पैसे दे सकती है, उन्होंने कभी बैंक का दरवाजा नहीं देखा था। हम प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लाए और तय किया ऐसे सामान्य वर्ग के लोग, जिनको कभी बैंक जाने का अवसर नहीं मिला है, उनको लोन देंगे, बिना गारंटी लोन देंगे और आज मुझे खुशी है कि योजना शुरू की है अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है, 5-6 महीने हुए हैं। अब तक करीब 2 करोड़ लोगों को ये लोन मुहैया कराया गया है, कोई भी गारंटी के बिना।

कुछ लोग हैं जो 50 हजार तक की रकम लिए हैं, कुछ लोग हैं जो 10 लाख तक लिए हैं और कुछ लोग हैं 10 लाख तक से ज्यादा लिया है और ये सारा काम लोन मांगने वाले पर भरोसा करके किया गया है और उसका परिणाम ये आया है करीब 80 हजार करोड़ रुपया इस काम में लगा दिया गया है। आने वाले दिनों में इसके फल नजर आने वाले हैं। आज हम देख रहे हैं 2100 परिवारों को, जो कि किराए की रिक्शा चलाते थे खुद की रिक्शा नहीं थी, उनको छांटा गया और 2100 परिवारों को अपनी मालिकी की रिक्शा का आज, उनको दिया जा रहा है। वे इसके मालिक बनने जा रहे हैं। पहले जो ब्‍याज देना पड़ता था, अब ब्‍याज से मुक्‍ति‍। कि‍राया देना पड़ता था, कि‍राए से मुक्‍ति‍ और उन्हीं पैसों से आज वो मालि‍क बनने जा रहा है। मुद्रा बैंक से उसको पैसे दि‍ए गए हैं, उसको बीमा की पॉलि‍सी दी गई है। अकेले लखनऊ में battery recharging के लि‍ए करीब 40-42 नए सेंटर बन रहे हैं। उनको बैंकों ने पैसे दि‍ए हैं। करीब 10 बड़े सर्वि‍स सेंटर बन रहे हैं, जि‍समें एक-एक सेंटर में 5-5, 10-10, 12-12 नौजवान को काम मि‍लने वाला है। जहां पर इन रि‍क्‍शाओं का repairing का, service का काम होगा। यानी कि‍तना बड़ा रोजगार को बल दि‍या जा सकता है, उसका ये प्रयास है। कोशि‍श यह है कि‍ हमारा सामान्‍य से सामान्‍य व्‍यक्‍ति‍ अपने पैरों पर खड़ा रहे।

जि‍न लोगों को ई-रि‍क्‍शा मि‍लने वाला है, ऐसे कुछ परि‍वार जनों से मेरा मि‍लना हुआ। मैंने उनको पूछा, पहले कैसा था, अब क्‍या लगता है, कैसे करोगे? कुछ बातें उभर कर आई। कुछ लोगों ने कहा, हम पहला काम करेंगे जो पैसे बचेंगे बच्‍चों की पढ़ाई कराएंगे। अब देखि‍ए, जीवन कैसे बदलना शुरू हो जाता है। हम चाहते हैं कि‍ हमारे बच्‍चे पढ़-लि‍खकर के बड़े हो जाए। कुछ लोगों ने कहा कि‍ हम daily 40 रुपया - 50 रुपया बैंक में जमा करके बचत करेंगे ताकि‍ भवि‍ष्‍य में हमें काम आए। इस ई-रि‍क्‍शा के साथ उनको इंश्‍योरेंस का लाभ मि‍ल रहा है। प्रधानमंत्री जीवन रक्षा योजना, जीवन ज्‍योति‍ योजना, अटल पेंशन योजना, इन सारी योजनाओं का लाभ उनको दि‍या जा रहा है। यानी एक प्रकार से पूर्णत: सुरक्षा का कवच इन हमारे ई-रि‍क्‍शा वालों को मि‍ल रहा है। इनकी training का पूरा काम पूरा हो चुका है। उनको trained कि‍या गया है, उनको uniform दि‍या जा रहा है और पूरे लखनऊ के जीवन में एक नया culture पैदा करने का प्रयास कि‍या जा रहा है।

भारत आने वाले दि‍नों में tourism को बढ़ावा देने का लगातार प्रयास कर रहा है। 100 से अधि‍क देशों को ई-वीज़ा दि‍या जा रहा है। पहले की तुलना में बहुत बड़ी मात्रा में वि‍देशी लोग भारत आने लगे हैं। दुनि‍या का कोई भी व्‍यक्‍ति‍ हि‍न्‍दुस्‍तान में पहली बार आएगा, उसकी सबसे पहले मुलाकात कि‍ससे होगी? सबसे पहले आएगा, उसका मि‍लना होगा, ड्राइवर के साथ। कोई भी बाहर का मेहमान आता है, सबसे पहले ड्राइवर से मि‍लता है और वो ड्राइवर पहले 10-15 मि‍नट में उसके साथ जो भी व्‍यवहार करेगा, वही उसके मन में हि‍न्‍दुस्‍तान की छवि‍ होगी। वही छवि‍ लेकर के वो जाएगा। अगर वो प्‍यार से उनसे बात करता है, ईमानदारी का व्‍यवहार करता है। बाहर का व्‍यक्‍ति‍ आया, उसको मदद करने का प्रयास करता है, वो जीवन भर बाहर से आया हुआ व्‍यक्‍ति‍ हि‍न्‍दुस्‍तान को भूलकर के नहीं जाएगा। देश का प्रधानमंत्री जो काम नहीं कर सकता है, वो एक ऑटो रि‍क्‍शा वाला कर सकता है, एक रि‍क्‍शा चलाने वाला कर सकता है।

जो बात अरबों-खरबों रुपए के advertisement नहीं कर सकती है, वो एक हमारे एक ड्राइवर के व्‍यवहार के कारण हो सकती है। और इसलि‍ए इन ड्राइवरों की एक वि‍शेष training की जाती है ताकि‍, पर्यटन के लिए भवि‍ष्‍य में भारत की छवि‍ अच्‍छी बनाने वाले ये उत्‍तम से उत्‍तम भारत के brand ambassador के रूप में काम कर सके, उस दि‍शा में काम कि‍या जा रहा है।

ये सि‍र्फ पैदल चलने वाली रि‍क्‍शा से नि‍कलकर के ई-रि‍क्‍शा में गया, इतना छोटा सा परि‍वर्तन नहीं है। ये पूरा एक transformation हो रहा है। एक नया बदलाव आ रहा है और इसके कारण आज दुनि‍या जो global warming की चि‍न्‍ता कर रही है। Environment को लेकर के दुनिया परेशान है। अभी दुनि‍या के सभी देश पेरि‍स में मि‍ले थे, पेरि‍स में मि‍लकर के सब लोग अपना माथा खपा रहे थे कि‍ कैसे दुनि‍या को global warming से बचाया जाए। हर कि‍सी को चि‍न्‍ता सता रही थी। छोटे-छोटे देश जो समुद्री तट से जुड़े हुए हैं उनको अपने अस्‍ति‍त्‍व का खतरा लग रहा है और हर कि‍सी ने पर्यावरण की रक्षा करनी पड़े, environment की रक्षा करनी पड़े, ये आवश्‍यकता बनी है। ये ई-रि‍क्‍शा मानव जाति‍ जि‍स संकट को झेल रही है, पर्यावरण का, उससे मुक्‍ति‍ दि‍लाने का भले गि‍लहरी जैसा छोटा-सा प्रयास क्‍यों न हो, वो भी एक प्रयास है और जि‍स प्रयास को हमारा ऑटो-रि‍क्‍शा वाला करने वाला है।

यानी एक प्रकार से हर वि‍षय को अपने साथ जोड़कर के एक परि‍वर्तन लाने का प्रयास हो रहा है। इसके कारण लखनऊ के जीवन में नया बदलाव आएगा। इन दो हजार से ज्‍यादा परि‍वारों के जीवन में बदलाव आएगा। यहां की आर्थि‍क गति‍वि‍धि‍ को ताकत मि‍लेगी और हम जो चाहते हैं कि‍ वि‍कास वो हो जो सामान्‍य मानवि‍की की जि‍न्‍दगी में बदलाव लाए। हर व्‍यक्‍ति‍ के जीवन में नई आशा लेकर के आए। व्‍यवस्‍था ऐसी हो जहां नौजवान अपने पैरों पर खड़े रहने की ताकत पाए। उन सारी बातों को लेकर के हम आगे बढ़ रहे हैं।

मैं आज जि‍नको ई-रि‍क्‍शा प्राप्‍त हो रही है, उन सभी परि‍वारों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और मैं आशा करता हूं कि‍ ये इनकी जि‍न्‍दगी की शुरूआत है, नई जि‍न्‍दगी की शुरूआत है। अब उन्‍होंने रूकना नहीं है। प्रगति‍ की नई ऊंचाइयां पार करने के लि‍ए अपने जीवन में भी बदलाव लाना है और देखते ही देखते उनका परि‍वार, उनके बच्‍चे सुख और शांति‍ की जि‍न्‍दगी जीएं उससे बड़ा हमारे लि‍ए अवसर क्‍या हो सकता है और इसलि‍ए मैं इन सभी परि‍वारों को हृदय से शुभकामनाएं देता हूं।

मैं लखनऊ को आज वि‍शेष रूप से धन्‍यवाद करना चाहता हूं क्‍योंकि‍ प्रधानमंत्री बनने के बाद आपके बीच आने का यह मेरा पहला अवसर है। मुझे लखनऊवासि‍यों का इसलि‍ए अभि‍नंदन करना है कि‍ आपने यहां से एक ऐसे सांसद को चुना है, ऐसे सांसद को चुनकर के आपने देश को एक बहुत ही उत्‍तम गृहमंत्री दि‍या है। इसके लि‍ए मैं लखनऊवासि‍यों का हृदय से बहुत-बहुत अभि‍नंदन करता हूं। मैं लखनऊवासि‍यों को बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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PM to attend Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 22, 2024
PM to interact with prominent leaders from the Christian community including Cardinals and Bishops
First such instance that a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India

Prime Minister Shri Narendra Modi will attend the Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) at the CBCI Centre premises, New Delhi at 6:30 PM on 23rd December.

Prime Minister will interact with key leaders from the Christian community, including Cardinals, Bishops and prominent lay leaders of the Church.

This is the first time a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India.

Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) was established in 1944 and is the body which works closest with all the Catholics across India.