PM Narendra Modi meets L&T workers in Riyadh, Saudi Arabia
PM Modi lauds the hard work of the L&T workers
India has potential and manpower that the world wants today: PM Narendra Modi
India was earlier “one of the countries” in the world but now it is a “very important country”: Modi
Prime Minister Modi meets and interacts with Indian workers in Riyadh, lauds their hard work
Govt’s e-migrate programme to regularize migration, resource centre to benefit workers: PM Modi

मेरे प्‍यारे साथियो, ये आपके पसीने की महक है जो मुझे यहां खींच करके ले आई है। आपका ये पसीना न सिर्फ आपके परिवारजनों का पेट भरता है, न सिर्फ डॉलर, पाउंड के चैक काटता है, लेकिन आपका ये पसीना भारत की आन-बान-शान बढ़ाता है। जब हम काम करते हैं तब तो हमें पता नहीं होता है, हम इतना ही समझते हैं किसी project से मैं जुड़ा हुआ हूं। लेकिन अगर इतिहास की ओर देखें तो दुनिया में बहुत-सी ऐसे चीजें होती हैं, अगर आप अफ्रीका में जाएंगे तो वहां के लोग आपको एक रेलवे बताते हैं और उस जमाने में 45 डिग्री height पर वो रेलवे चलाई गई थी, और वहां के लोग बड़े गर्व से कहते हैं कि भारत के लोगों ने आ करके मेहनत करके रेलवे लाइन लगाई थी, और यहां जाती है। आज अगर आप मॉरीशस में जाएंगे तो मॉरीशस की Government ने, जहां पर पहली बार भारतीय लोगों ने land किया, उस जगह पर एक भव्‍य Museum बनाया है और उनके पूर्वज हिन्‍दुस्‍तान से कब आए, किस हालत में आए, कैसे रहते थे, और उन्‍होंने कैसे मॉरीशस को बनाया, उसका पूरा चित्रण उसमें किया गया है और अगर वो देखते हैं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि 150 (डेढ़ सौ) साल पहले इन कठिन परिस्थ्‍िातियों में भारत से गए हुए लोगों ने अपने खून-पसीने से वहां मानवता का इतिहास कैसे नवरचित किया है। आप भी, शायद आज आपको पता नहीं होगा कि आप क्‍या कर रहे हैं, लेकिन सदियों बाद जब इन चीजों की चर्चा होगी तब इस बात की गर्जना होगी कि हिन्‍दुस्‍तान से ऐसे नौजवान आए थे और उन्‍होंने Riyadh (रियाद) को ये नया सा अनमोल खजाना दिया था।

आप लोगों में से मुझे सीधी तो चिट्ठी बहुत कम लोग लिखते हैं लेकिन आपने अपने परिवारों को लिखा और आपके परिवारों ने मुझे भेजा वो, ऐसी बहुत सी खबरें मेरे पास आती रहती हैं। और कभी उसमें दर्द भी होता है, पीड़ा भी होती है, चिंता भी होती है, और कभी-कभी खुशियों का खजाना भी होता है। और जब मैं इन चीजों को देखता हूं, आपके जीवन की आपकी कठिनाइयों आपकी संभावनाओं, जब अच्‍छी खबरें आपके पास से आती हैं तो मैं भी उतना ही खुश हो जाता हूं जितने कि आपके परिवारजन खुश हो जाते हैं। और आपसे कोई चिंता की खबर आ जाती है तो मुझे भी उतनी ही पीड़ा होती है जितनी कि आपके परिवार को होनी चाहिए क्‍योंकि आप, आप एक प्रकार से मेरे परिवारजन हैं और आपका सुख-दुख, ये ही तो हमारा सुख-दुख है। और इसीलिए भारत सरकार की तरफ से विश्‍व भर में फैले हुए भारतीय समुदाय के लिए क्‍या अच्‍छा कर सकें, उस दिशा में हम लगातार प्रयास करते रहते हैं। मैं His Majesty King का भी बहुत आभारी हूं, उन्‍होंने मुझे जब भी बातचीत करने का अवसर दिया। भारतीय समुदाय यहां किस प्रकार से काम कर रहा है, आपकी तरफ से कुछ कहने वाली बातें मैंने उनसे कहीं, और उन्‍होंने आपके प्रति जो संतोष जताया, ये सुनता हूं तो मेरा सीना भी बहुत चौड़ा हो जाता है।

आप लोग यहां काम करें लेकिन वो दिन दूर नहीं होगा, जब हिन्‍दुस्‍तान का workforce दुनिया के कई क्षेत्रों पर पहुंचा होगा। क्‍योंकि आज विश्‍व को जिस प्रकार के Manpower की जरूरत है वो Manpower देने की ताकत हिन्‍दुस्‍तान में है। इतने लम्‍बे समय से काम चल रहा है। Millions of Million hours काम हुआ है, Millions of Millions man-days काम में लाए गए हैं, और बड़े गर्व के साथ मुझे अभी presentation दिया गया कि इतना बड़ा काम, इतना विशाल काम, इतने लोगों का काम, लेकिन एक भी अकस्‍मात् नहीं हुआ है।

ये जो Zero Loss है वो सिर्फ technology के कारण नहीं है, Management की काबलियत के कारण नहीं है, ये आपके कारण है। इसका श्रेय आपको जाता है क्‍योंकि आपने उस discipline को follow किया है। आपके कभी कोई बात को जल्‍दबाजी से नहीं होने दी है और जब तक आप technically संतुष्‍ट नहीं हुए हैं आपने कदम आगे नहीं रखा है और वो ही परिणाम है कि किसी का कोई नुकसान नहीं हुआ है।

अगर एक दीवार थोड़ी-सी गिर जाए दुबारा बन जाएगी लेकिन अगर इंसान चला गया तो कुछ नहीं बचता है और इसलिए आपने जिस discipline के साथ काम करते हुए भारत की इज्‍जत बढ़ाई है, आप लोग काम कर रहे हैं, काम करते-करते अपने वतन में अपने बच्‍चों की पढ़ाई की चिंता करते होंगे, लेकिन आपके काम करने का एक by product भी है और वो by product ये है कि आपको जब लोग देखते हैं कि भाई इतना अच्‍छा काम करते हैं! तो फिर कोई और project होगा तो वो सोचते हैं भई नौजवान लाने हैं तो हिन्‍दुस्‍तान से लाओ, काम अच्‍छा हो जाएगा। ये आपने भारत को इज्‍जत दी है, भारत की तरुणाई को ताकत दी है और भारत के अंदर जो नौजवान हैं उनके लिए आपने अवसरों के द्वार खोल दिए हैं और इसीलिए आपको ये कौशल्‍य, आपका ये सामर्थ्‍य अनेक-अनेक बधाई का पात्र हैं।

अब आप लोग इतना दूर-दूर आपकी work sight होती है, कभी Embassy का काम हो, छुट्टी के दिन Embassy नहीं, Embassy चालू है तो आपको छुट्टी नहीं, आपकी दिक्‍कतें बहुत रहती हैं और इन बातों को देखते हुए digital का युग है तो सरकार ने एक ‘मदद’ नाम का portal शुरू किया है। आप उसका फायदा उठाते होंगे। इस ‘मदद’ portal से आप विश्‍व में कहीं पर भी कोई भारतीय होगा, वो अपनी बात भारत सरकार तक बहुत आसानी से पहुंचा सकता है।

इन दिनों देखा होगा आपने कि भारत की एक और पहचान बनी है। उसका Diplomacy में Predominantly human nature, human face, विश्‍व में कहीं पर भी भारतीय को संकट आया भारत सरकार तुरंत पहुंची है। यमन से जिस प्रकार से हजारों लोगों की जिंदगी बचा ली गई, आज भी विश्‍व में कहीं से भी खबर आती है, एकाध परिवार की भी आ जाती है तो हमारा विदेश विभाग, हमारी विदेश मंत्री सुषमा जी, उनकी पूरी टीम, तत्‍काल काम उसको प्राथमिकता देते हुए यानि किसी देश के साथ संबंधों के लिए जितनी ताकत लगाते हैं, उससे ज्‍यादा ताकत एक नागरिक अगर दुनिया के किसी कोने पर संकट में हो, तो उसके लिए भारत सरकार लगाती है। और इसके लिए ये ‘मदद’ portal जो बनाया है।

उसी प्रकार से एक दूसरी व्‍यवस्‍था की है E-migrate, E-migrate व्‍यवस्‍था के कारण जो employer है और जो employee हैं, दोनों के बीच में coordination, और दोनों के द्वारा व्‍यवस्‍था के coordination, भारत सरकार के साथ coordination, ये भी बहुत आसान हुआ है, और उसके कारण कहीं पर कोई cheating होने की संभावना कम है, किसी गलत लोगों के हाथ में, दलालों के हाथ में फंस जाने की संभावना कम है, तो उस दिशा में भी एक प्रयास किया गया है।

आने वाले दिनों में दो, एक तो Emigrant को Regularised करने के लिए, दो एक यहीं पर खास हम प्रयास करने वाले हें Riyadh में और Jeddah में Workers’ resource centre, ये दो खोले जाएंगे, ताकि इस Workers’ resource centre के द्वारा हमारी आवश्‍यकताएं पूरी हो जाएंगी। दूसरा, 24x7 (twenty four by seven) एक help line call centre की व्‍यवस्‍था की जाएगी। Free of charge ये helpline चालू होगी ताकि अब भिन्‍न-भिन्‍न भाषाओं में भी इसका लाभ मिलेगा, वो आने वाले दिनों में व्‍यवस्‍था आपको मिलेगी, ताकि आप कहीं पर कोई जरूरत पड़ी, तो उस help line के माध्‍यम से आप अपनी बात बता सकते हैं।

दूसरा मैं 24 घंटे खाली रहता हूं, मुझे कोई काम-वाम है नहीं। अगर काम है तो सवा सौ करोड़ देशवासियों का काम है, और मेरा अपना कोई काम नहीं है। और इसलिए भारत सरकार की जिसको सीधी-सीधी प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़ी हुई है एक mygov.in उस पर भी आप अपनी बात पहुंचा सकते हैं, वो सीधी मेरे तक पहुंचती है। उसी प्रकार से आप कभी download कर सकते हैं Narendra Modi App, मैं हमेशा आपकी जेब में रहूंगा। और आपका प्रधानमंत्री आपकी जेब में रहे, उससे ज्‍यादा क्‍या चाहिए आपको? आप अपने मोबाइल फोन पर Narendra Modi App download करेंगे, हर बात आपकी मेरे तक पहुंच पाएगी, मेरी बात आप तक पहुंच पाएगी, हम लगातार एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे। और मुझे आप सबको मिलने का अवसर मिला।

आप जानते हैं भारत इन दिनों बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है, पूरा विश्‍व का काम भारत के आर्थिक विकास की यात्रा पर रहा है और बहुत तेज गति से भारत ने आज विश्‍व में अपना स्‍थान फिर से एक बार पुन: प्रस्‍थापित कर दिया है। आप भी, आप भारत से हैं ये कहते हैं तो लोगों का response कैसा मिलता है? जब किसी को पता चलेगा हिन्‍दुस्‍तान से है तो क्‍या होता है? उसको खुशी होती है कि नहीं होती? वो जरा हाथ पकड़ता है तो छोड़ता नहीं है ना? कहता है अच्‍छा इंडिया से हो? पहले कैसा था, अच्‍छा-अच्‍छा इंडिया से हो। देखिए एक हिन्‍दुस्‍तानी के लिए भी आज पूरा विश्‍व इतने गौरव के साथ देखने लगा है। और ये भारत की युवा शक्ति की पहचान बनी है, ताकत बनी है।

मैं आप सबको बहुत शुभ कामनाएं देता हूं और आपके माध्‍यम से भारत का नाम रोशन हो ऐसा मुझे पूरा विश्‍वास है। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।