Modi was born not for pleasure but for a mission: PM Modi in Palamu

Published By : Admin | May 4, 2024 | 11:00 IST
Modi was born not for pleasure but for a mission: PM Modi in Palamu
JMM-Congress alliance leaders have accumulated immense wealth through corruption: PM Modi in Palamu
In the last 10 years, Modi has given you a solid house, electricity, gas, water: PM Modi in Palamu

आप सब लोगन के प्रणाम। रऊआ सब के गोड़ लागत थी, प्रणाम करत ही। ऐसा लग रहा है, आपने जेएमएम और कांग्रेस को दिन में ही तारे दिखा दिए। वहां जो पीछे सिक्योरिटी औऱ प्रशासन के लोग काम करते हैं, मैं देख रहा हूं, बहुत लोग आ रहे हैं, एक शायद उन्होंने एंट्री प्वाइंट बहुत कम बनाए हैं, इसलिए लोगों को आने में दिक्कत हो रही है। अच्छा होगा, पीछे आ रहे हैं तो आने दिजिए। इतनी स्क्रूटनी करने की क्या जरूरत है। बहुत बड़ी मात्रा में हूजूम का हूजूम आ रहा है। शायद यहां से मेरी बात, प्रशासन वालों को मेरी बात सुनाई देगी या नहीं सुनाई देगी, मुझे मालूम नही, otherwise यहां के कोई व्यक्ति वहां जाकर समझाएं, ताकि ज्यादा लोग अंदर आ सकें। वैसे भी, ये पंडाल छोटा पड़ गया है।

साथियों,

मैंने लंबे अर्से तक पार्टी के संगठन का काम किया है। यहां झारखंड में भी, और इलाके में जाया करता था। चुनाव लड़वाएं भी हैं, औऱ चुनाव लड़े भी हैं। लेकिन सुबह दस, साढ़े दस बजे इतनी बड़ी रैली करने की हिम्मत मैं नहीं कर सकता था। मैं यहां आपकी पूरी टीम को बधाई देता हूं, भाई। इतनी बड़ी रैली सुबह साढ़े दस बजे करना, ये बहुत बड़ी ताकत लगती है। आपने बड़ा कमाल किया है जी। ये धरती, शहीद नीलांबर-पीतांबर की धरती है। इस धरती को प्रणाम करता हूँ। इतनी बड़ी रैली, इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें. आपका ये आशीर्वाद, आपका ये प्यार, ये मैं कभी नहीं भूल सकता।

भाइयों और बहनों

आप सभी अपने एक वोट के महत्व को बहुत अच्छी तरह जानते हैं। 2014 में आपके एक वोट ने ऐसा काम क्या किया, ऐसा काम किया, कि पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र की ताकत को सलाम करने लग गई। आपने 2014 में अपने एक वोट से कांग्रेस की महाभ्रष्ट सरकार को हटा दिया था। आपके एक वोट ने BJP-NDA की सरकार बनाई। और आपकी इस एक वोट की ताकत का परिणाम क्या हुआ? आज भारत का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। 500 साल से हमारी कितनी ही पीढ़ियां संघर्ष करती रही, इंतजार करती रही, लाखों लोग शहीद होते रहे, पांच सौ साल लंबा अविरल संघर्ष चला, शायद दुनिया में इतना लंबा अविरल संघर्ष इतिहास में कहीं हुआ होगा, जो अयोध्या में हुआ। आपके वोट की ताकत देखिए, 500 साल तक लड़ाई लड़नी पड़ती थी। 500 साल तक इंतजार करना पड़ता था। 500 साल तक अनेक पीढ़ियां चली गई। लेकिन जो काम नहीं हुआ वो आपके एक वोट से आज राम मंदिर बन गया। देश आजाद हुआ, जम्मू कश्मीर में आए दिन, खतरे की घंटी बजती रहती थी। जम्मू कश्मीर का क्या होगा चिंता रहती थी। बम धमाके, गोला बारूद, कश्मीर से वही सुनाई देता था, आपके एक वोट की ताकत देखिए, आपने जम्मू कश्मीर देखा भी नहीं होगा लेकिन आपके वोट की ताकत देखिए जो 370 की दीवार थी, आपके वोट ने 370 की उस दीवार को जमींदोज करके जमीन में गाड़ दिया। आए दिन हमारे झारखंड में, छत्तीसगढ़ में, उड़ीसा में, बिहार में, आंध्रं में पशुपति से ले करके तिरूपति तक नक्सलवाद के आतंकवाद को फैला करके इस धरती को लहूलूहान कर देता था। इतनी माताएं अपना जवान बेटा खो देती थीं, पाल पोस कर के बड़ा किया बेटा, गलत संगत में आ कर, बंदूक उठाकर जंगलों में भाग जाता था। आपके एक वोट ने कितनी ही माताओं की आस पूरी की, बच्चों को बचा लिया। आपके एक वोट ने, इस धरती को लहूलूहान करने वाले नक्सलवादी आतंकवादी से मुक्ति दिला दी, ये आपके एक वोट की ताकत है।

साथियों,

याद करिए कांग्रेस के समय क्या हाल था, यहां बम फूटते थे, आतंकवादी गोलियां चलाते थे। निर्दोषों को मौत के घाट उतारते थे, और दिल्ली की सरकार पाकिस्तान को लव लेटर भेजती थी, पाकिस्तान को लव लेटर भेजती थी, अमन की आस लगाते थे, अमन की आस, पाकिस्तान के पास जितने लेटर जाते थे उससे ज्यादा आतंकी भेजता था। औऱ बम-गोले लेकर वो देश में फिर खून की होली खेलते थे। और जब आपने एक वोट दिया न, उस वोट ने मुझमें इतना दम भर दिया, इतना दम भर दिया मैंने आते ही कह दिया, enough is enough, बहुत हो चुका है। मैंने कहा, अब ये खेल नहीं चलेगा, मां भारती का अपमान नहीं सहन करूंगा, निर्दोषों को मारने नहीं दूंगा। आज नया भारत डोजियर नहीं देता है, ये नया भारत है घर में घुस करके मारता है। सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक के तमाचे ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया था। पहले एक समय ऐसा था कि कोई महीना ऐसा नही जाता था कि झारखंड, बिहार के इस इलाके से, देश की सेवा करते करते हमारे नौवजवान सीमा पर शहीद न होते हों, और तिरंगे में लिपटकरके उनके शरीर वापिस न आते हों, ये हर महीने चलता था। आज वो सब बंद हो चुका है। ये आपके वोट ने किया है। एक वो स्थिति थी जब आतंकी हमले के बाद कांग्रेस की डरपोक सरकार दुनिया भर में जा-जाकर रोती थी। एक ये स्थिति है, वो वक्त चला गया जब हम दुनिया में जा करके रोते रहे। आज स्थिति ये है पाकिस्तान दुनिया भर में जा-जा करके रो रहा है। बचाओ, बचाओ चिल्ला रहा है। आज पाकिस्तान के नेता, कांग्रेस के शहजादे को पीएम बनाने के लिए दुआ कर रहे हैं। लेकिन मज़बूत भारत तो अब मज़बूत सरकार ही चाहता है। ये दृश्य दिखाता है, पूरा हिन्दुस्तान में हर कोई कहता है मजबूत भारत के लिए मजबूत सरकार, मजबूत सरकार के लिए मोदी की सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार,

भाइयों और बहनों,

मुझे सीएम और पीएम के रूप में देश वासियों की सेवा करते करते, लगभग 25 साल हो जाएगें। आपके आशीर्वाद से पच्चीस साल हो गए, मोदी पर एक पैसे के घोटाले का आरोप नहीं लगा है। और मेरे लिए तो मेरी ये मॉ बहनें बैठी हैं न, उनकी दुआ उनके आशिर्वाद ही मेरे लिए बहुत है, काफी है। मुझे जीवन किसी औऱ की जरूरत नहीं है जी, मैं आज भी पद प्रतिष्ठा, सुख, समृद्धि इन सबसे दूर वैसा हूँ जैसा आपने मुझे यहां भेजा था। मोदी मौज के लिए नहीं मिशन के लिए पैदा हुआ है। जेएमएम कांग्रेस के नेताओँ ने भ्रष्टाचार से अपार धन संपदा खड़ी की है। मेरे पास अपनी साइकिल भी नहीं है। न मेरा घर है।

साथियों,

संपत्ति हो, राजनीति हो, सब कुछ ये अपने-अपने बच्चों के लिए अर्जित कर रहे हैं। ये उनके लिए विरासत में ढेर सारी काली कमाई छोड़ कर जाएंगे। लेकिन मोदी को किसके लिए छोड़ना है भाई, आगे भी कुछ रखा नहीं है पीछे भी कुछ रखा नहीं है। मेरे वारिस तो आप सभी हैं, आपके बच्चे हैं, आपके नाती-पोते, यही मेरे वारिस हैं। मेरी इच्छा है, मैं विरासत में आपको, आपके बच्चों को विकसित भारत ही दे करके जाऊं, ताकि आपको कभी मुसीबत भरी जिंदगी जीने की नौबत न आए। आपका अच्छा जीवन हो। आपको वो सब न देखना पड़े, जो मेरे जैसे परिवार, जो मैंने कभी देखा था, मेरे जैसे लाखों करोड़ों परिवारों ने देखा है। मैं उन स्थितियों से देश को मुक्त कराना चाहता हूँ।

भाइयों-बहनों,

आप मेरे जीवन को भलीभांति जानते हैं। मैं तो गरीबी का जीवन जीकर आया हूं। मैंने गरीबी को जीया है। गरीब की जिंदगी कितनी तकलीफ वाली होती है न उससे गुजरते-गुजरते यहां मैं आय़ा हूँ। इसलिए, 10 वर्षों में गरीब कल्याण की हर योजना की प्रेरणा, मेरे अपने जीवन के अनुभव से जन्म लिया है। जब आज मैं लाभार्थियों से मिलता हूं, तो ख़ुशी के मारे मेरे आंख में से आंसू निकल आते हैं। ये आंसू वही समझ सकता है, जिसने गरीबी देखी हो, जिसने कष्ट में जीवन गुजारा हो। जिसने मां को धुएं में खांसते देखा नहीं, उसको ये आंसू कभी भी समझ नहीं आ सकते। जिसने अपना पेट बांधकर, मां को सोते नहीं देखा,जिसने लोटा भर पानी पीकर मां को भूख मिटाते नहीं देखा, जिसने अपनी बीमारी को छिपाते नहीं देखा, शौचालय के अभाव में पीड़ा और अपमान सहती मां को नहीं देखा, वो मोदी के इन आंसुओं का मर्म नहीं समझेगा। लेकिन भाइयों और बहनों, ये कांग्रेस के शहज़ादे, मोदी के आंसुओं में अपनी खुशी ढूंढ रहे हैं। कहते हैं मोदी के आंसू अच्छे लगते हैं। ये निराश-हताश लोग अब इतने कुंठित हो गए हैं। एक कहावत है: जाके पांव न फटे बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई। कांग्रेस के शहज़ादे की हालत वही है। वो तो गर्व से कहते हैं कि उनके घर में कई प्रधानमंत्री थे। खुद चांदी के चमम्च से खाते रहे, गरीब की, दलित-आदिवासी की झोपड़ी में फोटो खिंचवाते रहे, लेकिन गरीब के लिए कुछ नहीं किया। मोदी के 10 साल के सेवाकाल में 25 करोड़ देशवासी गरीबी से बाहर निकले हैं। इसलिए वो आज भाजपा को आशीर्वाद दे रहे हैं। यही मेरे गरीब भाई बहन है, उन्हीं के आशीर्वाद तो मेरी शक्ति है। यही तो मेरी पूंजी है।

साथियों,

कांग्रेस ने, उसके सहयोगियों ने पलामू को भी तो अपने हाल पर छोड़ दिया था। दिल्ली में बैठे इनके नेताओं को नक्शा दिखाकर पूछ लीजिए की पलामू कहां है, तो पता ही नहीं होगा। ऐसे ही जिलों में देश के सबसे ज्यादा दलित-पिछड़े-आदिवासी, मेरे भाई बहन रहते हैं। लेकिन इसकी उन्हें परवाह ही नहीं थी। ऊपर से ऐसे जिलों को पिछड़ा जिला कहकर पलामू को अपमानित किया जाता था। ये तो बैकवर्ड डिस्ट्रिक्ट है बैकवर्ड डिस्ट्रिक्ट है। यानि कोई अच्छा अफसर यहां आने को तैयार नहीं, ये हाल बनाकर रखा। आपने मुझे 2014 में सेवा का मौका दिया। मैंने कहा ऐसे नहीं चलेगा, मैंने पिछड़ा-पिछड़ा सारी जो इन जिलों को बैकवर्ड बैकवर्ड कह करके बरबाद करके रख था न, मैंने कहा आकांक्षी जिले हैं, यहां के लोगों के भी सपने हैं। यहां के लोगों की भी आंकाक्षाऐं हैं। मैं उसे मरने नहीं दूंगा। मैं उसमें नई जान भर दूंगा।और मैं इन आंकाक्षी जिलों को, होनहार जिला बनाकर रहूंगा। पहले अफसर ऐसे जिलों में जाने से डरते थे। अफसरों लगता था यहां पेस्टिंग मतलब यहां मेरा पनिशमेंट पोस्टिंग हो गया, सज़ा देने के लिए यहां तैनात किया गया। मैंने देश के सबसे अच्छे अफसरों को पलामू में लगाया, अब मेरे पलामू के लोगों की मेहनत देखिए,पलामू में आकांक्षी जिला कार्यक्रम से शुरू होने से पहले और अब, जमीन आसमान का फर्क आ गया है। 100 में से सिर्फ 14 गरीब परिवार ऐसे थे, जिनके पास पक्के घऱ थे, आज पलामू में करीब-करीब हर परिवार के पास पक्का घर हो रहा है। और मैं आपको भी कहता हूँ जब इस चुनाव अभियान में घर-घर जाएगें न, औऱ गांव में कहीं भी कच्चा मकान दिखे, अगर किसी गरीब परिवार को नहीं पहुंचा है। ऐसे एक दो लोग मिल सकते हैं, उनका नाम पता ले करके मुझे भेज दिजिए, मैं आपको गारंटी देता हूँ, मैं आपको गारंटी देता हूँ तीसरे टर्म में, जब मैं अगली बार प्रधानमंत्री बनूंगा, उनका पक्का घर बना करके दे दूंगा। और आप लोग भी मुझे जानते हो नहीं जानते हो, आप मान लिजिए, मेरे लिए आप ही मोदी हैं, जा करके गारंटी दे देना। आकांक्षी जिला कार्यक्रम शुरू होने से पहले, यहां 100 में से 80 परिवार अंधेरे में रहने के लिए मजबूर थे। यह भी आंकड़ा याद रखिए, सौ में से 80 परिवार अंधेरे में। आज पलामू के हर घऱ, हर स्कूल में बिजली है, 2014 के पहले, पलामू की 100 में से 3 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट था, आज यहां हर गांव डिजिटल क्रांति का हिस्सा है। ये सब मोदी ने किसके लिए किया है? भाई। मोदी ये किसके लिए मेहनत करता है? मोदी ये किसके लिए मेहनत करता है, भाई ? किसके लिए करता है? मुझे संतोष हो रहा है कि मैं इस प्रकार से आपकी सेवा कर रहा हूँ। ये मैं आपके, आपके बच्चों के लिए कर रहा हूँ। मैं, यह आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए कर रहा हूं।

भाइयों और बहनों

आज मैं पलामू को बधाई देने के साथ ही आपको सतर्क करने भी आया हूं। मोदी यहां रोजगार बढ़ाना चाहता है, मोदी आपके जीवन में खुशहाली लाना चाहता है, लेकिन कांग्रेस वालों की नजर आपकी जमीन-जायदाद पर पड़ गई है। कांग्रेस हो या जेएमएम हो उनको कुछ और नजर ही नहीं आता है, और ये कांग्रेस ने अभी अपना मैनिफेस्टो निकाला है, और बेईमानी देखिए, वो कह रहे हैं कि वो आपका एक्स रे करेंगे, एक्स करेंगे, कितनी जमीन है, घर कहां है, कितने कमरे हैं, घर में सोना है कि नहीं है, चांदी है कि नही है, मंगलसूत्र है कि नही है, जांच कराएगें औऱ फिर उनसमें से कुछ हिस्सा छीन लेंगे। औऱ आपस से वो ले करके अपने वोट बैंक को देना चाहते हैं। क्या आप आपकी पूंजी छीनने देंगे, किसी भी सरकार को आप अपनी पूंजी लेने देंगे? आपकी मेहनत की कमाई, आपकी बचाय़ी हुई कमाई किसी को देने देंगे, आपके पूर्वजों ने जो दिया है से आप किसी को देने देंगे? ये आपकी कमाई का, आपकी फसल का, आपके वन धन का, हिस्सा भी हड़प लेना चाहते हैं।

साथियों,

कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने एक और खतरनाक बात कही है। ये लोग अब SC/ST/OBC का आरक्षण छीन लेना चाहते हैं। जब हमारा संविधान बन रहा था, तब संविधान निर्माताओं ने मिलकर तभी एक बात तय की थी। और ये पक्का हो गया था कि भारत में कभी भी धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा। लेकिन अब कांग्रेस और उनके चट्टे बट्टे, ये जेएमएम औऱ आरजेडी सब ये आदिवासियों का, पिछ़ड़ों का, दलितों का आरक्षण में डाका डालकर, आरक्षण में से कुछ हिस्सा छीन करके, धर्म के आधार पर, संविधान बदल करके, मुसलमानों को देना चाहती है। और कांग्रेस चिल्ला चिल्ला कर कह रही है औऱ आरजेडी औऱ जेएमएम वाले जवाब भी नहीं दे रहे हैं। वो कांग्रेस के इस एलान को मौन सहमति दे रहे हैं। क्या आप अपने आरक्षण के हक को जाने देंगे? क्या आप अपने आरक्षण के हक को जाने देंगे? बाबा साहेब अंबेडकर ने दिया है, उसको छीनने देंगे क्या? मेरे आदिवासी भाई बहन, मेरे दलित भाई बहन, मेरे पिछड़े भाई बहन, आप लिखकर रखिए, ये मेरी गारंटी है कि जब तक मोदी जिंदा है, जब तक मोदी जिंदा है तब तक दलितों के, आदिवासियों के, पिछड़ों के आरक्षण में से रत्ती भर मैं धर्म के आधार पर उनके वोट बैंक को नहीं देने दूंगा। मैं संविधान के साथ कोई भी छेड़छाड़ नहीं करने दूंगा।

साथियों,

भाजपा ने, NDA ने, हमेशा आदिवासी हितों को सर्वोपरि रखा है। ये मेरा सौभाग्य कि, मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं जो उलिहादु गया, भगवान बिरसा मुंडा के गांव गया। साल 2025 भगवान बिरसा मुंडा का 150वां जन्मजंयती वर्ष है। मोदी ने तय किया है कि मेरे तीसरे प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दरम्यान हमारे बिरसा मुंडा जी के 150 वीं जयंती हिन्दुस्तान के हर कोने में शान से मनायी जाएगी। बिरसा मुंडा की जन्म, उस जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस मनाते हैं, 150 के निमित्त जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। भगवान बिरसा मुंडा की प्रेरणा से ही मैंने 24 हज़ार करोड़ रुपए की पीएम-जनमन योजना शुरू की है। इसका लाभ आदिवासियों में भी जो सबसे पिछड़ी जनजातियां हैं, उन्हें होगा।
भाइयों और बहनों, बीते 10 साल में मोदी ने आपको पक्का घर दिया है, बिजली गैस पानी दिया है। मोदी का तीसरा कार्यकाल शुरू होने दीजिए, जिन-जिन लोगों को अब तक मोदी की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। औऱ ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

NDA सबका साथ-सबका विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यहां झारखंड में ‘आजसू’ पार्टी और सुदेश महतो जी के साथ मिलकर एक ताकत से लड़ाई लड़ रही आपको पलामू से हमारे विष्णु दयाल राम जी को ज्यादा से ज्यादा मतों से विजयी बनाना है। ये हमारे विष्णु दयाल जी इतने सरल हैं, इतने सरल हैं कि पार्लियामेंट में जब मैं उनका किसी से परिचय करवाता हूँ, कि ये डीजीपी थे तो मानने को तैयार नही है। एकदम सरल , जमीन पर रहकरके, सुख दुःख के साथी, ऐसे आपके म्मीदवार हैं, देश को ऐसे लोगों की जरूरत है। 13 मई को आपको अपना बूथ जीतना है। जीतेंगे? पोलिंग बूथ जीतेंगे? मुझे चुनाव तो जीतना है, मुझे पोलिंग बूथ भी जीतना है। आप आप घर-घर जाएगें? दोनों हाथ ऊपर करके बताइए, घर-घर जाएगें? मतदाताओं को मिलेंगे? अच्छा पोलिंग के दिन छोटी छोटी यात्राऐं निकलवा करके मतदान करवाइए। रामधुन करते करते जाइए, उत्सव का माहौल बनाइए, और भारी संख्या में मतदान कराइए, कितनी ही गर्मी क्यों न हो पहले मतदान फिर जनलपान। अच्छा मेरा एक काम करेंगे? मेरा एक काम करेंगे? मुझे बताइए, मेरा एक काम करेंगे? हाथ ऊपर करके बताइए, मेरा एक काम करेंगे? मेरा पर्सनल काम है करेंगे? ये चुनाव का काम नहीं है, करेंगे? ये मोदी का काम है करेंगे? मेरा एक काम करना, घर- घर जाना जा करके कहना, मोदी जी आए थे, और मोदी जी ने आपको जयश्रीराम कहा है। मेरा जयश्रीराम पहुंचा देंगे? पक्का पहुंचा देंगे? बोलिए, भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत बहुत धन्यवाद

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!