The dreams of crores of women, poor and youth are Modi's resolve: PM Modi

Published By : Admin | February 18, 2024 | 13:00 IST
In the next 100 days, we all have to reach out to every new voter, every beneficiary, every community. We've to win everyone's trust: PM Modi
BJP karyakartas have to work with new energy for next 100 days, says PM Modi during BJP National Convention 2024
Several historic and courageous decisions were taken in the last 10 years. We found the solution of decades-old problems: PM Modi
I am living for the future of poor children. The dreams of crores of women, poor and youth are Modi's resolve, says PM Modi
The entire country believes that having a spotless 10-year term and taking 25 crore people out of the poverty line is not a simple task: PM Modi
I am the first PM who raised from Red Fort the issue of toilets, expressed anguish at use of derogatory words for women, says PM Modi

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !
जो उत्साही साथी हैं, उनसे मेरी प्रार्थना है कि अगर आप बैठेंगे तो अच्छा होगा। आपका ये उत्साह, आपका ये प्यार सर आंखों पर, कृपा करके बैठिए। थोड़ी जगह कम पड़ रही है, मेरी सबसे प्रार्थना है कि भले ही नीचे बैठना पड़े लेकिन अगर आप बैठेंगे तो अच्छा होगा। इधर से मेरे साथियों से आग्रह है...यहां सुनाई देता है मेरी बात...सुनाई देती है...जरा प्रबंधक उस तरफ देखे भाई। जगह नहीं है तो कृपा करके आप ... कहीं पर भी नीचे बैठ जाइए।
भारत माता की जय ! भारत माता की जय !
राष्ट्रीय अधिवेशन में यहां उपस्थित और देश के कोने-कोने से जुड़े प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता का मैं अभिनंदन करता हूं। भाजपा का कार्यकर्ता, साल के हर दिन, चौबीसों घंटे देश की सेवा के लिए कुछ न कुछ करता ही रहता है। लेकिन अब अगले 100 दिन, नई ऊर्जा, नया उमंग, नया उत्साह नया विश्वास, नए जोश के साथ काम करने का है। आज 18 फरवरी है, इस कालखंड में जो युवा 18 वर्ष के पड़ाव पर पहुंचे हैं वो देश की 18वीं लोकसभा का चुनाव करने वाले हैं। अगले 100 दिन हम सबको जुट जाना है, हर नए वोटर तक पहुंचना है, हर लाभार्थी तक पहुंचना है, हर वर्ग, हर समाज, हर पंथ परंपरा सब लोगों के पास पहुंचना है, हमें सबका विश्वास हासिल करना है। और जब सबका प्रयास होगा तो देश की सेवा के लिए सबसे ज्यादा सीटें भी बीजेपी को ही मिलेगी।

साथियो,
आज मैं...कल मुझे पदाधिकारियों के साथ बैठने का अवसर मिला। कल दोपहर से आप सबके साथ बैठने का अवसर मिला। मैं नड्डा जी और उनकी पूरी टीम को और आप सबको बधाई देता हूं। जब मैं पदाधिकारियों की बैठक में साल भर के काम का रिपोर्टिंग सुन रहा था। मैं सचमुच में इतना प्रभावित हुआ कि भाजपा के कार्यकर्ता सत्ता में रहने के बावजूद भी समाज के लिए इतना करते हैं। दिन-रात दौड़ते हैं। संकटों के बीच भी करते हैं। और सिर्फ और सिर्फ भारत मां की जय के लिए करते हैं। ये दो दिन भी जो चर्चा हुआ है, विमर्श हुआ है देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए हमारे संकल्प दढ़ करने वाली बातें हुई है। मैं इस भव्य आयोजन के लिए प्रेरक विषयों के लिए आप सबको भी, देशभर के कार्यकर्ताओं को भी नड्डा जी माध्यम से सबका अभिनंदन करता हूं।

साथियो,
आज मैं समस्त देशवासियों की तरफ से संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज को श्रद्धापूर्वक आदरपूर्वक नमन करते हुए श्रद्धांजलि देता हूं। उनके संल्लेखन समाधिस्थ होने की सूचना मिलने के बाद उनके अनुयायी शोक में हैं, हम सभी शोक में हैं। मेरे लिए तो यह एक व्यक्तिगत क्षति जैसा है। वर्षों तक मुझे व्यक्तिगत रूप से अनेक बार उनसे मिलने का, उनके दर्शन करने का, उनके मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर मिला है। कुछ ही महीने पहले ऐसा ही मन कर गया था मेरे प्रवास कार्यक्रम को बदल करके बहुत सुबह-सुबह मैं उनके पास पहुंच गया था। तब पता नहीं था कि मैं दुबारा (भावुक)...उनके दर्शन नहीं कर पाऊंगा। ये मेरा सौभाग्य रहा है कि पिछले 50 से भी ज्यादा वर्षों से मुझे देश के गणमान्य आध्यात्मिक मूर्तियों के निकट रहने का उनके आशीर्वाद पाने का अवसर रहा है। और इसीलिए मैं उस आध्यात्मिक जगत की उस शक्ति को भलीभांति जानता हूं, समझता हूं, अनुभव करता हूं। आपको सुनके आश्चर्य होगा कि वे तो दिगंबर परंपरा से थे उनका जीवन कैसा होता है हम जानते हैं। लेकिन शायद ही कोई महत्वपूर्ण घटना ऐसी नहीं होगी या मेरी तरफ से कुछ महत्वपूर्ण...किसी काम में मेरा संबंध आया हो, 24 घंटे के भीतर-भीतर उसका एनालिसिस करके मुझे उनका संदेश आता था। यानि कितने जागरूक थे। अपनी इतनी विराट आध्यात्मिक यात्रा के बाद भी वो हम सबको हमेशा प्रेरणा देते रहे हैं। जीवन भर इतनी सौम्यता के साथ लोगों से मिलते रहे। उन्होंने हमारे युवाओं को परंपराओं से जोड़ा, गरीबों तक शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं पहुंचाईं। उनका पूरा जीवन हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा जैसा है, जिसने गरीबों और वंचितों के लिए काम करने का संकल्प लिया है। आज जब भारत प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है, मुझे ये विश्वास है कि उनके सिद्धांत और उनका आशीर्वाद ऐसे ही भारत भूमि को प्रेरणा देते रहेंगे।

साथियो,
पिछले 10 वर्षों में भारत ने जो गति हासिल की है, बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने का जो हौसला पाया है, वो अभूतपूर्व है। इसलिए नहीं कि मैं कह रहा हूं, दुनिया गाजे-बाजे के साथ बोल रही है। भारत ने आज हर क्षेत्र में जो ऊंचाई हासिल की है, उसने हर देशवासी को एक बड़े संकल्प से जोड़ दिया है। और ये संकल्प है- विकसित भारत का। अब देश न छोटे सपने देख सकता है और देश न अब छोटे संकल्प ले सकता है। सपने भी विराट होंगे, संकल्प भी विराट होंगे। और ये हमारा सपना भी है, हम सबका संकल्प भी है कि हमें भारत को विकसित बनाना है। और इसमें अगले 5 वर्षों की बहुत बड़ी भूमिका होने जा रही है। अगले 5 साल में भारत को पहले से भी कई गुना तेजी से काम करना है। अगले 5 साल में हमें विकसित भारत की तरफ एक लंबी छलांग लगानी है। लेकिन भाइयों और बहनों, सारे लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए, पहली शर्त है- सरकार में भाजपा की जोरदार वापसी। आज विपक्ष के नेता भी NDA सरकार 400 पार के नारे लगा रहे हैं। और NDA को 400 पार कराने के लिए भाजपा को 370 का माइलस्टोन पार करना ही होगा।

साथियो,
कई बार लोग मुझसे कहते हैं...अरे मोदी जी आपने इतना तो सब कुछ कर लिया। जो बड़े-बड़े संकल्प आपने लिए वो तो पूरे कर लिए। अब क्यों इतनी भागदौड़ करनी...? साथियों पूरा देश मानता है...10 साल का बेदाग कार्यकाल और 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना ये सामान्य उपलब्धि नहीं है। पूरा देश मानता है..हमने देश को महाघोटालों और आतंकी हमलों के खौफ से मुक्ति दिलाई है। पूरा देश मानता है..हमने गरीब और मिडिल क्लास का जीवन बेहतर करने का प्रयास किया है। लेकिन जो लोग सोचते हैं कि अब बहुत हो गया, ऐसा सोचने वालों को मैं एक पुरानी घटना ज़रूर बताना चाहूंगा। एक बार एक नेता मुझे मिले। मेरे प्रधानमंत्री पद के दूसरे कार्यकाल में। बोले मोदी जी प्रधानमंत्री बनना बहुत बड़ी बात है, आप बन गए। आपने इतने दशकों तक संगठन में काम किया। फिर मुख्यमंत्री के रूप में सेवा की। आप प्रधानमंत्री के रूप में भी दुबारा आ गए। अब जरा बैठो, आराम करो, बहुत कर लिया। ये उन्होंने मुझे कहा था। उनकी वो भावना राजनीति के पुराने अनुभवों से थी।

लेकिन साथियों, हम राजनीति के लिए नहीं राष्ट्रनीति के लिए निकले हैं। हम तो छत्रपति शिवाजी महाराज को मानने वाले लोग हैं। जब छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ तो उन्होंने ये नहीं किया कि अब तो छत्रपति बन गए, सत्ता मिल गई तो चलो उसका आनंद लो। उन्होंने अपना मिशन जारी रखा। ऐसे ही, उनसे प्रेरणा लेकरके मैं अपने सुख वैभव के लिए जीने वाला व्यक्ति नहीं हूं। मैं बीजेपी सरकार का तीसरा टर्म, सत्ता भोग के लिए नहीं मांग रहा हूं। मैं राष्ट्र का संकल्प लेकर निकला हुआ व्यक्ति हूं। अगर मैं अपने घर की ही चिंता करता तो आज करोड़ों गरीबों के घर नहीं बना पाता। मैं देश के करोड़ों बच्चों के भविष्य के लिए जीता हूं, जागता हूं जूझता रहता हूं। देश के करोड़ों युवाओं, करोड़ों बहनों-बेटियों, करोड़ों गरीबों का सपना ही मोदी का संकल्प है। और इस संकल्प की पूर्ति के लिए ही हम सब सेवाभाव से दिन-रात एक कर रहे हैं। 10 वर्षों में हमने जो हासिल किया, साथियों, वो तो एक पड़ाव मात्र है, मंजिल तक पहुंचने का एक नया विश्वास है, अभी हमें अपने देश के लिए, कोटि-कोटि भारतीयों के लिए, हर भारतीय का जीवन को बदलने के लिए बहुत कुछ हासिल करने का सपने हैं, संकल्प है। इसके लिए बहुत से निर्णय बाकी हैं।

साथियो,
आज भाजपा, युवा शक्ति, नारीशक्ति, गरीब और किसान शक्ति को विकसित भारत के निर्माण की शक्ति बना रही है। पहले लोगों को लगता था कि सरकारें बदलती हैं, व्यवस्था नहीं बदलती। हमने सच्चे अर्थ में सामाजिक न्याय की भावना से हर व्यवस्था को पुरानी सोच, पुरानी अप्रोच से बाहर निकाला। जिनको किसी ने नहीं पूछा, हमने उन्हें पूछा है, इतना ही नहीं हमने उनको पूजा है। आदिवासियों में भी सबसे पिछड़ी जनजातियों को पहले किसी ने नहीं पूछा। हमने उनके लिए पीएम जनमन योजना बनाई। लाखों विश्वकर्मा परिवारों को किसी ने नहीं पूछा। हमने उनके लिए पीएम विश्वकर्मा योजना बनाई। रेहड़ी-ठेले-फुटपाथ पर काम करने वाले लाखों साथियों के बारे में किसी ने नहीं सोचा। हमने उनके लिए पीएम स्वनिधि योजना बनाई।

साथियो,
पहले की सरकारों ने महिलाओं के हितों की, उनके जीवन में आ रही परेशानियों की भी कभी चिंता नहीं की। हमारे यहां बेटियों को गर्भ में ही मार डालने की कितनी विराट समस्या थी। हमने इसके लिए हमने सामाजिक चेतना और कड़े कानून, दोनों का सहारा लिया। पहली बार देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसा एक जनआंदोलन चला, जिसका एक बहुत ही सार्थक प्रभाव हुआ। हमने बालिकाओं के, महिलाओं के पोषण पर विशेष बल दिया। हमने पोषण अभियान चलाया ताकि गर्भवती महिलाओं को उचित मदद मिल सके। स्वस्थ महिला ही स्वस्थ संतान को जन्म दे सकती है। गर्भ के समय महिलाओं को उचित पोषण मिले, इसके लिए मातृवंदना योजना के तहत सवा 3 करोड़ से अधिक बहनों को सीधी मदद दी। हमने सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत लगभग 5 करोड़ गर्भवती महिलाओं का हेल्थ चेकअप किया। प्रयास यही था कि माता और शिशु, दोनों के जीवन पर पहले जो खतरे रहते थे, उन्हें कम किया जा सके। 2014 से पहले महिला सुरक्षा को लेकर कितनी चिंताएं होती थीं। हर कोई चिंतित रहता था। हमने रेप जैसे संगीन अपराधों में फांसी की सज़ा सुनिश्चित की। ऐसे मामलों का तेज़ी से निपटारा हो इसके लिए भी विशेष व्यवस्थाएं बनाईं।

साथियो,
मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं जिसने शौचालय जैसे विषय को लाल किले से उठाया। मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं जिसने महिलाओं के खिलाफ अपशब्दों पर लाल किले से नाराजगी व्यक्त की थी। नारी गरिमा, नारी सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है। मुझे गर्व है कि बीते 10 वर्षों में भाजपा सरकार ने महिलाओं का जीवन आसान बनाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। हमने 10 करोड़ उज्जवला गैस कनेक्शन दिया। हमने 4 करोड़ घर बनाए, जिनमें से 3 करोड़ से ज्यादा घर महिलाओं के नाम रजिस्टर में है। हमने महिलाओं के नाम 3 करोड़ ज्यादा घर रजिस्टर करवाकर उनको घर का मालकिन बनवाया। हमने 10 करोड़ परिवारों की बहनों को पहली बार नल से जल दिया। हमने 12 करोड़ परिवारों की बहनों को टॉयलेट दिया। ये चारदीवारी नहीं इज्जत घर है। हमने 1 रुपए में सुविधा सेनिटेरी पैड्स की योजना शुरु की। हमने 25 करोड़ से ज्यादा महिलाओं के बैंक अकाउंट खोले। हमने 30 करोड़ से अधिक मुद्रा लोन, महिला लाभार्थियो को दिए।

साथियो,
बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए, बेटियों को नौकरी करने में आसानी हो, इसके लिए भी हमने अनेक कदम उठाए हैं। हमने सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से 10 करोड़ बहनो को जोड़ा। हमने 1 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाया। खादी को जो फिर से नया जीवन मिला है, उसका फायदा भी सबसे अधिक गांव की बहनों को ही हुआ है। हमने प्रेग्नेंसी लीव को बढ़ाकर 26 हफ्ते किया। पहले फैक्ट्रियों में या दूसरी जगहों पर महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए अनेक अड़चनें थीं। हमने श्रम कानूनों में सुधार करके, इनको भी दूर किया। हमने पैरामिलिट्री फोर्स में महिलाओं की भर्ती दोगुने से अधिक की। हमने सेनाओं के अग्रणी मोर्चों में महिलाओं की तैनाती को सुनिश्चित किया। हमने सैनिक स्कूलों और मिलिट्री अकेडेमी के दरवाज़े बेटियों के लिए खोल दिए।

साथियो,
इस बार 26 जनवरी को कर्तव्य पथ नारी शक्ति से पूरे देश को प्रेरणा दे रहा था। आने वाले समय में हमारी माताओं-बहनों-बेटियों के लिए अवसर ही अवसर आने वाले हैं। ‘मिशन शक्ति’ से देश में नारीशक्ति की सुरक्षा और सशक्तिकरण का संपूर्ण इकोसिस्टम बनेगा। अब 15 हजार महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप को ड्रोन मिलेंगे। ड्रोन दीदी खेती में वैज्ञानिकता और आधुनिकता लाएगी। अब देश में 3 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनाई जाएंगी। पीएम विश्वकर्मा योजना से परंपरागत कला और शिल्प से जुड़ी बहनें सशक्त होंगी। नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से बेटियों को शिक्षा और स्किल के मामले में सबसे अधिक फायदा होगा। गांव के पास ही बेहतर स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनने से बेटियां स्पोर्ट्स में कमाल करेंगी।

साथियो,
आज जब मैं बीते 10 वर्षों पर नजर डालता हूं, तो कितना ही कुछ याद आता है। ये 10 वर्ष साहसिक फैसलों, दूरगामी निर्णयों के नाम रहे। जो काम सदियों से लटके थे... हमने उनका समाधान करने का साहस करके दिखाया है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करके हमने 5 सदियों का इंतजार खत्म किया है। गुजरात के पावागढ़ में भी 500 साल बाद धर्मध्वजा फहराई गई है। 7 दशक बाद हमने करतारपुर साहब राहदारी खोली। 7 दशक के इंतज़ार के बाद देश को आर्टिकल-370 से मुक्ति मिली। लगभग 6 दशक बाद राजपथ, कर्तव्य पथ के नए स्वरूप में सामने आया। 4 दशक बाद आखिरकार, वन रैंक वन पेंशन की मांग पूरी हुई। 3 दशक बाद आखिरकार, देश को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली। 3 दशक बाद आखिरकार, लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण मिला। तीन तलाक की बुराई के विरुद्ध कड़ा कानून बनाने का साहस भी हमने ही दिखाया। दशकों से नए संसद भवन की ज़रूरत महसूस हो रही थी, उसे हमने ही पूरा किया। ये प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता का सौभाग्य है कि वो ऐसी अनेक सिद्धियों का निमित्त बन सके।

साथियो,
कोई भी देश हो, वो अपना भविष्य तभी संवार सकता है, जब वो अपने इतिहास को सहेजकर रखता है। बीते वर्षों में भारत ने अपने इतिहास को सहेजा भी है, संवारा भी है। हमने नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण किया। हमने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक बनाई। हमने अंडमान में नेताजी सुभाष और परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर द्वीपों का नामकरण किया। हमने दांडी में नमक सत्याग्रह स्मारक का निर्माण किया। हमने बाबा साहेब आंबेडकर से जुड़े पंचतीर्थ को विकसित किया। हमने रांची में भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में म्यूजियम बनवाया। सरदार पटेल को समर्पित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, हमारे कार्यकाल में बनी। 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस हमारी सरकार ने घोषित किया। 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित करने का अवसर हमें मिला। 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में याद करने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया। 26 दिसंबर को हमने साहिबजादों की स्मृति में वीर बाल दिवस घोषित किया। 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित करने का फैसला भी हमारी ही सरकार ने किया। और 21 जून को संयुक्त राष्ट्र ने इंटरनेशन योगा डे भी हमारी ही सरकार के प्रयासों से घोषित किया।

साथियो,
विपक्ष के हमारे दल भले ही योजनाओं को पूरा करना ना जानते हों, लेकिन झूठे वादे करने में इनका कोई जवाब नहीं रहा है। बावजूद इसके आज एक वायदा करने से ये सारे राजनीतिक दल घबराते हैं। एक भी राजनीतिक दल के मुंह से नहीं सुना होगा आपने, जो वादा हम कर रहे हैं उसका जिक्र भी करने का सामर्थ्य उनके पास नहीं है। वो वायदा है- विकसित भारत का। इन लोगों ने स्वीकार कर लिया है कि ये लोग भारत को विकसित नहीं बना सकते। सिर्फ और सिर्फ बीजेपी ही ऐसी पार्टी है, जिसने इसका सपना देखा है। हम मिशन मोड पर भारत को 2047 तक, देश जब आजादी का 100 साल मनाएगा, हम भारत को विकसित देश बनाने के लिए काम कर रहे हैं। हमने तीसरे टर्म में भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने का संकल्प लिया है। ये मोदी की गारंटी है। और जब मैं भारत को तीसरी आर्थिक ताकत बनाने की बात करता हूं...तो उसका मतलब भी बहुत गहरा है। इसका मतलब है, भारत के आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक सामर्थ्य का कई गुना विस्तार। चहुं दिशा में विस्तार।

साथियो,
हम इसके लिए कितनी तेज़ी से काम कर रहे हैं, इसका हिसाब लगाना भी ज़रूरी है। भारत को (ये आंकड़ा याद रखिए) वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में लगभग 60 साल लगे। 2014 में जब देश ने हमें अवसर दिया तो, 2 ट्रिलियन मार्क भी बहुत बड़ा लग रहा था। लेकिन 10 वर्षों में हमने अपनी अर्थव्यवस्था में 2 ट्रिलियन डॉलर और जोड़ लिए हैं। 1 के लिए 60 साल,10 साल में 2 और जोड़ दिया। जब भारत दुनिया की 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था था, 11 से 10 पर आने में दम उखड़ गया उनका, हम 11 से पांच पर ले आए। जब 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था थी। तब इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट 2 लाख करोड़ रुपए भी नहीं बना पाते थे। आज भारत पांचवे नंबर की अर्थव्यवस्था है तो भारत का इंफ्रा बजट 11 लाख करोड़ को पार कर रहा है। इसी वजह से, आज गरीबों के करोड़ों घर बन रहे हैं। आज गरीबों के घर तक पानी पहुंच रहा है। आज देश में रिकॉर्ड मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, कॉलेज-यूनीवर्सिटीज़ बन रहे हैं। गांव तक सड़कें बन रही हैं। जब भारत दुनिया की टॉप तीन अर्थव्यवस्थाओं में आएगा, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि विकास कार्यों के लिए हमारे पास कितनी ज्यादा पूंजी होगी। इसलिए, भारत के टॉप तीन इकॉनॉमी में आने का मतलब है..भारत के हर परिवार का जीवन स्तर सुधरेगा, भारत के हर परिवार की आय, बहुत अधिक बढ़ जाएगी। भारत का पब्लिक ट्रांसपोर्ट, और आधुनिक बनेगा...भारत में रोजगार के लिए नए सेक्टर खुलेंगे, रोजगार के और ज्यादा मौके बनेंगे। भारत के युवा को भारत में ही फंडिंग के ज्यादा से ज्यादा अवसर आएंगे। भारत की महिलाओं को हर मोर्चे पर आगे बढ़कर नेतृत्व करने का मौका मिलेगा। हमारे किसान Latest Technology से जुड़कर काम करेंगे। कृषि उत्पाद में वैल्यू एडीशन करेंगे। लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लिए देश में पर्याप्त संसाधन और व्यवस्थाएं मौजूद होंगी।

साथियो,
मुझे खुशी है कि आज विकसित भारत अभियान की बागडोर भी भारत के युवाओं ने संभाल ली है। पिछले डेढ़ साल में विकसित भारत के संकल्प से जुड़े सुझावों के लिए (और लोगों को ऐसा लगता होगा कि हम बात...लेकिन ऐसा नहीं है, इस पर हम डेढ़ साल से चुपचाप काम कर रहे हैं, सरकार की मशीनरी को लगाया है) और आपको जानकर खुशी होगी अब तक 15 लाख से ज्यादा लोगों ने विकसित भारत कैसा हो, रोडमैप कैसा हो इनीशिएटिव कैसा हो, नीतियां कैसी हो इस पर विचार विमर्श हुआ है। लोगों ने अपने आइडिया दिए हैं। और आपको जानकर और खुशी होगी कि इन 15 लाख में से आधे, 35 वर्ष से कम आयु के हैं। पूरी युवा सोच के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। इन लाखों युवाओं ने विकसित भारत का रोडमैप सुझाया है।

साथियो,
युवा ऊर्जा से भरा हुआ भारत आज अपने लिए बड़े लक्ष्य तय कर रहा है, जो लक्ष्य तय करता है, उन्हें अपनी आंखों के सामने प्राप्त भी करता है। हम 2029 में भारत में यूथ ओलंपिक और 2036 में ओलंपिक खेलों का आयोजन कराने के लिए काम कर रहे हैं। हम 2030 तक हमारी रेलवे को नेट जीरो के टारगेट पर लाकर कार्बन मुक्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम 2030 के बजाय अपनी टारगेट डेट से 5 साल पहले ही पेट्रोल में 20 प्रतिशत Ethanol Blending का लक्ष्य भी हासिल कर लेंगे। भारत 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी नीतियां बना रहा है। इसका अर्थ है कि आने वाले समय में हमारे देश में अनगनित ग्रीन जॉब्स बनेंगी।

साथियो,
विकसित भारत वो नहीं होगा जिसका भविष्य भाग्य के भरोसे हो। इसलिए दूसरे देशों पर भारत की निर्भरता को हम तेजी से कम कर रहे हैं। इसलिए हम देश के लिए बड़े लक्ष्य बना रहे हैं और उनके लिए योजनाबद्ध तरीके से काम भी कर रहे हैं। भविष्य में हम एक ऐसा भारत देखेंगे, जिसे लाखों करोड़ रुपये का खाद्य तेल बाहर से लाने की जरूरत नहीं होगी। हमारे पाम ऑयल मिशन की मदद से हमारे किसान ही इतने सशक्त हो जाएंगे, कि वो देश के पैसों की बचत कर सकें। बीते कुछ वर्षों में दलहन, तिलहन और श्री अन्न के लिए विशेष नीतियां बनाई गई हैं। जिससे छोटे-छोटे किसानों को मदद हो रही है। भविष्य में भी हमारे किसानों को इनसे और लाभ मिलेगा।
किसानों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए हमने देश के कोने-कोने में अमृत सरोवर अभियान भी शुरू किया है। आजादी का अमृत मोत्सव हम बहुत कुछ कर सकते थे। हम दिल्ली के अंदर कोई बड़ा ताबूत खड़ा करके नाम लिखवा सकते थे कि आजादी के अमृत काल में मोदी जी ये बनाकर गए। हमने आजादी के अमृत वर्ष को जनांदोलन बनाया। और काम क्या किया... तालाब बनाए। हर गांव में जब तालाब बनते हैं न तो वो किसान को सुरक्षित करते हैं, शुद्ध पानी की गारंटी देते हैं, जमीन उर्वरक बना देते हैं। हमने भविष्य को सोच करके ऐसे काम हम करते हैं। इस अभियान के तहत देश में 60 हजार से ज्यादा नए सरोवर बनाए जा चुके हैं। 60 हजार तालाब...शायद ही किसी सरकार के नसीब में ये काम करने का सौभाग्य आया होगा। ये सरोवर जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में किसानों की मदद करेंगे।
आज ग्रीन हाइड्रोजन से जुड़े अभियान और सोलर रूफटॉप मिशन के कारण देश RENEWABLE ENERGY के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। बहुत जल्द भारत, दुनिया का सेमीकंडक्टर हब बनेगा और इससे पूरी दुनिया में नई Computing Revolution को भी भारत गति देने का निमित्त बनने वाला है। पोर्ट लेड ग्रोथ से पब्लिक ट्रांसपोर्ट तक, आने वाले समय में हर क्षेत्र को नई ऊंचाई मिल सकेगी।

साथियो,
भाजपा, आज देश का एकमात्र दल है जो एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना के प्रति इतना आग्रही भी है और इतना समर्पित भी है। मैं पिछले महीने के अपने अनुभवों को कभी भूल नहीं सकता। इस दौरान मुझे भगवान श्री राम से जुड़े कई स्थलों के भ्रमण करने का अवसर मिला। मेरा 11 दिनों का अनुष्ठान चल रहा था। उस अनुष्ठान के दरम्यान मैं नासिक, लेपाक्षी, त्रिप्रयार, श्रीरंगम, रामेश्वरम धनुषकोडी...मैं इन जगहों पर एक सामान्य साधक के तौर पर गया था। इस दौरान मुझे दक्षिण भारत के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों से जो स्नेह मिला आशीर्वाद मिले, इसका मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता हूं, ये पॉलिटिकल पंडितों के पैरामीटर वो कभी आ नहीं सकता है। जब मैं सड़कों से गुजर रहा था, लोग अपने वचन से, अपने भावों से मुझ पर अपना आशीर्वाद बरसा रहे थे। इस दौरान मुझे कंब रामायण का पाठ सुनने का अवसर मिला। ये ठीक उसी जगह पर हुआ जहां महान कवि कंबन ने 800 वर्ष पूर्व अपने रामायण की रचना की थी। आप कल्पना कर सकते है उसी स्थान पर बैठ कर मैं कंब रामायण को सुन रहा था ...उस भाव विश्व को मैं ही अनुभव कर सकता हूं। ये एक ऐसा अद्भुत क्षण था, जिसमें एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना पूरी तरह समाहित थी। मुझे विश्वास है कि आप सभी ने कम-अधिक मात्रा में इसे महसूस किया होगा। हम हमेशा विभिन्न तरीके से देशवासियों को करीब लाने का निरंतर प्रयास करते हैं। एकता सूत्र में बांधने के लिए हमारी कोशिश रहती है चाहे संयुक्त राष्ट्र में जाकरके पहली बार कोई तमिल में बोलता है। जगद्गुरु बश्वेश्वरा का संदेश दूर-दूर तक पहुंचाने के लिए हम लेकर जाते हैं। काशी तमिल संगमम का आयोजन हो, काशी तेलुगु संगमम का आयोजन हो, या फिर बीएचयू में सुब्रह्मण्यम भारती के नाम पर चेयर की स्थापना हो, हम जी 20 करते हैं तो देश के कोने कोने में जाकर करते हैं , विदेश से मेहमान आते हैं तो दिल्ली को ही देश नहीं मानते हम हर राज्य में लेकर जाते हैं। हम राजभवनों में हर राज्य के स्थापना दिवस मनाए जाते हैं। कोई राजभवन होगा नागालैंड भी वहां स्थापना दिवस मनाया जाएगा और गुजरात का भी मनाया जाएगा, महाराष्ट्र का भी मनाया जाएगा, गोवा का भी मनाया जाएगा हर राज्य भवन में राष्ट्रीय एकता का उत्सव बना दिया जाता है। हम अपनी विविधता को सेलिब्रेट करते हैं। एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना हमारे दिल के बहुत करीब है, इसे मजबूत बनाने के लिए हम काम करते रहेंगे।
साथियो,
एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना हमारी गवर्नेंस में भी दिखती है। हर क्षेत्र के विकास पर हमारा पूरा फोकस है। नॉर्थ ईस्ट का उदाहरण आपके सामने है। पहले की सरकारों में नॉर्थ ईस्ट को पूरी तरह अनदेखा कर दिया गया था। क्योंकि पार्लिटामेंट की सीटें कम है, उनका इंटरेस्ट ही नहीं था। हम वोट और सीटों के हिसाब से काम नहीं करते हमारे लिए देश का हर कोना समृद्ध हो विकसित हो यही हमारा भाव है। आज चाहे सियाचिन हो, या फिर देश के आकांक्षी जिले हों, कोई हमसे दूर नहीं है। वो गांव, जिन्हें पहले आखिरी गांव कहा जाता था, हमारे लिए देश के पहले गांव बन गए हैं। मेरे सारे कैबिनेट के मंत्री उन गावों में रात बिता कर आए कुछ को तो माइनस 15 डिग्री में रूकना पड़ा। क्योंकि आत्मसात करना चाहते हैं। हमारे लिए देश का हर हिस्सा महत्वपूर्ण है, हर हिस्से पर हमारा फोकस है।

साथियो,
जो भी राजनीति में दिलचस्पी रखता है, और जिसके लिए लोकतांत्रिक मूल्य महत्व रखते हैं, वो भी अगर न्यूट्रल है तो पब्लिकली हमारी प्रशंसा करते हैं, न्यूट्रल नहीं है तो खानगी में तो कर ही देते हैं। इसकी एक बड़ी वजह है, हमने समय के साथ खुद को सराकात्मकता के साथ बदलने का प्रयास किया है। हमने अपनी राजनीतिक व्यवस्था को नए और आधुनिक विचारों के लिए खुला रखा है। आजादी के बाद वर्षों तक, जिन्होंने हमारे देश पर शासन किया, उन्होंने एक व्यवस्था बना दी थी। उस व्यवस्था में कुछ बड़े परिवारों के लोग ही सत्ता के केंद्र में रहे। उनके आसपास रहने वाले लोगों को ही राजनीतिक ताकत मिलती रही। अहम पदों पर परिवार के करीबियों को ही आगे बढ़ाया गया। हमने इस व्यवस्था को भी बदल दिया। हमने नए लोगों को मौका दिया कि वो हमारी व्यवस्था का हिस्सा बनें और परिणाम लाकर दिखाएं। इससे व्यवस्था में नयापन आया और इसका लोकतांत्रिक स्वरूप कायम रहा। हमारी कैबिनेट में रिकॉर्ड संख्या में नॉर्थ ईस्ट के मंत्री हैं। नागालैंड से पहली महिला सांसद राज्यसभा में सांसद बनी हैं। हमें गर्व है कि हमने पहली बार त्रिपुरा के मंत्री को काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स में शामिल किया। पहली बार हमारी सरकार में अरुणाचल प्रदेश को कैबिनेट मिनिस्टर मिला। पहली बार, गुर्जर मुस्लिम को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया। हमारी सरकार में ही, गोवा से एक कैबिनेट मंत्री बनाया गया। हमें गर्व है कि हम बीजेपी की एक ऐसी संस्कृति का हिस्सा हैं, जहां मंत्रालय में रिकॉर्ड ओबीसी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाता है।

साथियो,
हमारी सरकार सबके लिए है। सबका साथ, सबका विकास हमारे काम से ही झलकता है। हमें गर्व होता है जब करतारपुर साहिब कॉरिडोर के द्वारा लाखों सिख श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक इच्छाएं पूरी होती हैं। आप कल्पना कीजिए 70 साल तक भारत की सीमा रह कर सिख अनुयायी दूरबीन से करतारपुर साबिह के दर्शन करते थे। हमने स्थिति बदली है। हमने लंगर की वस्तुओं से GST भी हटाया। हमने स्वर्ण मंदिर के लिए FCRA रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित किया, जिससे विदेशियों को सेवा करने का अवसर मिला। पहली बार, वीर बाल दिवस मनाकर हमने सत्य और न्याय के लिए बलिदान देने वाले साहेबजादों के शौर्य को सम्मान दिया। आज केरल का बच्चा भी जानता है कि साहिबजादे का बलिदान कैसा था। नागालैंड का बच्चा भी जानता है कि साहिबजादों ने कितना बड़ा बलिदान दिया था। अफगानिस्तन से गुरुग्रंथ साहब के स्वरूपों को पूरे सम्मान से वापस लाए। इसके साथ ही, हमारी सरकार ने हज की प्रक्रिया में सुधार करके यात्रा को सुविधाजनक बनाया। आज बिना मेहरम के हज करना भी संभव हुआ है। इससे महिलाओं के लिए भी हज करना आसान हो गया है। और हजारों महिलाएं गई।

साथियो,
2014 में जब मैंने शपथ ली, तो हमारे कई आलोचक कहते थे, मोदी जी एक राज्य के बाहर उनका क्या अनुभव है, इतना बड़ा देश, इतनी बड़ी दुनिया... मोदी क्या करेगा। लेकिन वो सब देख लें... विदेश नीति को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कही जाती थीं। मैं कुछ दिनों पहले ही UAE और कतर से वापस आया हूं। तमाम देशों से हमारे रिश्ते कैसे मजबूत हुए हैं, ये आज दुनिया देख रही है। आज पश्चिमी एशिया के देशों से हमारे संबंध अब तक की सबसे मजबूत स्थिति में हैं। 2015 में जब मैं UAE गया था, आप हैरान हो जाएंगे, मेरे से पहले उसके 34 साल पहले तक कोई भी पीएम वहां नहीं पहुंचा था। सोचिए कि किस तरह हमने उस पूरे क्षेत्र को छोड़ रखा था। कांग्रेस की सरकारें, पूरे वेस्ट एशिया को सिर्फ पाकिस्तान के संदर्भ में देखा करती थीं। उन्हें भारतीयों की शक्ति और उनके विश्वास पर भरोसा ही नहीं था। लेकिन आज भारत इस क्षेत्र से संबंधों का नया अध्याय लिख रहा है। पहले लोग सोचते थे कि बस तेल का इंपोर्ट कर लेते हैं और यहां से सस्ते लेबर भेज देते हैं। ताकि उनको रोजी रोटी मिल जाए। लेकिन अब ऐसा नहीं है। आज ट्रेड, टेक्नॉलजी, टूरिज्म और ऐसे अनेक क्षेत्रों में हमारे संबंध बेहतर हो रहे हैं। और हम निरंतर विकास कर रहे हैं। यहां तक कि अरब के 5 देशों ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान तक दिया है। ये सम्मान मोदी का नहीं, 140 करोड़ भारतीयों के सामर्थ्य का सम्मान है।

भाइयो और बहनो,
विदेश नीति के जो भी जानकार हैं, वो विदेश से मिल रहे संकेत भी पकड़ रहे होंगे। आज अलग-अलग देशों में सत्ता और विपक्ष के दल ये खुलकर मानते हैं कि भारत के सशक्त होने से पूरी दुनिया का हित होने वाला है। ये पूरी दुनिया मानने लगी है। आज हर महाद्वीप में भारत का सम्मान, भारत की ताकत बढ़ रही है। हर देश भारत से गहरे संबंध बनाने पर जोर दे रहा है। और इन सबके बीच कोई देश हमारी सरकार से बातचीत के लिए...आप जानकर हैरान होंगे...अभी तो चुनाव बाकी है लेकिन मेरे पास जुलाई, अगस्त, सितंबर के डेट पड़े हुए हैं, निमंत्रण देकरके। इसका क्या अर्थ है? इसका अर्थ ये है कि दुनिया के विभिन्न देश भी बीजेपी सरकार की वापसी को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है, वो भी जानते हैं, दुनिया का हर देश जानता है, दुनिया की हर शक्ति जानती है। आएगा तो मोदी ही। आएगा तो मोदी ही।

साथियो,
कांग्रेस से देश को बचाना, देश के हर नागरिक को बचाना, बीजेपी के हर प्रत्येक कार्यकर्ता का दायित्व है। कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड हम सभी के सामने है। कांग्रेस, अस्थिरता की जननी है। कांग्रेस...परिवारवाद की जननी है। कांग्रेस....भ्रष्टाचार की जननी है। और कांग्रेस, तुष्टिकरण की भी जननी है। 70 के दशक में जब देश में कांग्रेस के विरुद्ध गुस्सा बढ़ना शुरु हुआ, तो खुद को बचाने के लिए इसने अस्थिरता का सहारा लिया। हर नेता की सरकार, कांग्रेस ने अस्थिर की। आज यहां प्रस्ताव के समय इसकी चर्चा आई है, मैं ज्यादा उसके लिए कहता नहीं हूं। आज भी ये लोग अस्थिरता पैदा करने के लिए नई-नई साजिशें कर रहे हैं। इन लोगों ने मिलकर जो गठबंधन बनाया है, उसकी भी यही पहचान है। कांग्रेस के पास विकास का एजेंडा नहीं है, फ्यूचर का रोडमैप नहीं है। ये देश को कभी भाषा के आधार पर, तो कभी क्षेत्र के आधार पर बांटने में जुटे हुए हैं।

साथियो,
कांग्रेस का एक सबसे बड़ा पाप ये रहा है कि वो देश की सेनाओं का मनोबल तोड़ने से भी पीछे नहीं रही है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक शक्ति को नुकसान पहुंचाने में कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। जब भी देश के रक्षा क्षेत्र में कोई बड़ा काम हुआ, जब हमारी सेनाओं ने कोई उपलब्धि हासिल की कांग्रेस ने हर बार उन पर सवाल उठाए। आप सिर्फ सोचिए कि पांच साल पहले इन लोगों ने क्या क्या कहा था। इन लोगों ने हर कोशिश की कि हमारी वायुसेना को राफेल जैसे एडवांस एयरक्राफ्ट ना मिल पाएं। इन्होंने अपप्रचार किया कि हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड को खत्म किया जा रहा है। ये लोग तो एचएएल के बाहर, फोटो तक खिंचाने चले गए। लेकिन देखिए कि एचएएल आज कैसे धूमधाम से आगे बढ़ रहा है। आज देखिए कितने सारे ऑर्डर उनके यहां बुक किए गए हैं। देखिए कि उसकी मार्केट वैल्यू कितना बढ़ गया है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने हमारी सेनाओं के सर्जिकल स्ट्राइक करने पर उनके पराक्रम पर सवाल खड़ा कर दिया। जब एयरस्ट्राइक हुई तो उसकी सफलता के प्रमाण मांगे जाने लगे। कांग्रेस, भारतीय सेनाओं के अपमान का कोई मौका नहीं छोड़ती।

साथियो,
कांग्रेस कितनी कन्फ्यूज़ है, इसका उदाहरण मैं आपको देता हूं। कांग्रेस में लड़ाई चल रही है और बड़ी तगड़ी लड़ाई चल रही है, सिद्धांतों और योजनाओं को लेकर नहीं चल रही है। कांग्रेस में एक वर्ग है जो कहता है मोदी से तीखी नफऱत करो। मोदी पर व्यक्तिगत आरोप लगाओ। मोदी की छवि खराब करने के लिए हर हथकंडे अपनाओ। वहीं कांग्रेस में एक और वर्ग है। जो कहता है कि मोदी पर व्यक्तिगत आरोप, नफरत से कांग्रस को बाहर निकलो। इससे कांग्रेस को और ज्यादा नुकसान होता है। यानि कांग्रेस हमसे सैद्धांदित मुद्दों पर लड़ाई नहीं लड़ रही है। कांग्रेस, इतनी हताश है कि उसमें सैद्धांतिक विरोध, वैचारिक विरोध का साहस भी नहीं बचा। इसलिए, गाली-गलौज और मोदी पर झूठे आरोप ही उनका एकमात्र एजेंडा बन गया है।

साथियो,
लाल किले से मैंने कहा था- यही समय है, सही समय है। भारत के इतिहास में आज वो समय आ गया है, जब हमें अपने देश का भाग्य बदल देना है। मैंने देशवासियों को लाल किले से कहा था कि अगर आप 10 घंटे काम करेंगे तो मोदी 11 घंटे काम करेगा, अगर आप 12 घंटे काम करेंगे तो मैं 13 घंटे काम करूंगा, अगर आप 14 घंटा काम करेंगे तो मैं 15 घंटे काम करूंगा। मेरे साथियों, देशभर के मेरे कार्यकर्ताओं, देश उज्जवल भविष्य की आशा लगाए लोगों से मैं कहना चाहूंगा। आने वाले 100 दिनों तक बीजेपी के हर कार्यकर्ता को अपने लिए नए लक्ष्य बनाने होंगे, उन्हें प्राप्त करना होगा। बीते वर्षों में भाजपा सरकार की योजनाओं का लाभ करोड़ों लाभार्थियों को मिला है। आपको हर लाभार्थी तक पहुंचना है। मेरी एक व्यक्तिगत प्रार्थना है, करोगे। हर लाभार्थी के पास जाइए, उनको कहना कि प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी ने उन्हें प्रणाम कहा है। और इसमें आपको नमो एप से भी बड़ी मदद मिलेगी। आप नमो एप के जरिए मेरा प्रणाम और मेरी चिट्ठी उन लाभार्थी तक जरूर पहुंचाएं। किसी भी बूथ में एक भी फर्स्ट टाइम वोटर ऐसा ना हो, जिस तक बीजेपी का कार्यकर्ता पहुंचा ना हो। आपको उन्हें पिछले 10 वर्षों के काम और आने वाले 5 वर्षों के प्लान के बारे में बताना है। आपको उन्हें नमो एप पर विकसित भारत का ब्रांड एंबेसेडर बनाना है। मतदान के दिन, इन सभी मतदाताओं को बूथ पर लाकर हमें कमल निशान पर मतदान करवाना है। जहां एनडीए के साथी हों उनके निशान पर मतदान करवाना है। आपको याद रखना है, हमें सिर्फ सरकार बनाने के लिए ही लोगों को नहीं जोड़ना बल्कि देश बनाने के लिए भी लोगों को जोड़ना है। जो किसी भी कारण से अभी भी भाजपा से दूर है, उन तक हमें पहुंचना है। सबका साथ-सबका विकास ही हमारा मंत्र है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने जो सपने देखे थे, अब उन्हें पूरा करने का समय आ गया है। और इसके लिए भाजपा जरूरी है, भाजपा सरकार जरूरी है।
आज देश की जनता कह रही है...
भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई होती रहे... इसलिए भाजपा जरूरी है
महंगाई पर लगाम लगी रहे... इसलिए भाजपा जरूरी है
देश के दुश्मनों में डर बना रहे... इसलिए भाजपा जरूरी है
निवेश और नौकरी के अवसर बढ़ते रहें...इसलिए भाजपा ज़रूरी है।
भारत तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बने...इसलिए भाजपा ज़रूरी है।
भारत में तेजी से आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो...इसलिए भाजपा ज़रूरी है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान सफल हो...इसलिए भाजपा ज़रूरी है।
करोड़ों भारतीयों को मुफ्त राशन मिलता रहे... इसलिए भाजपा जरूरी है
किसानों को सम्मान निधि मिलती रहे... इसलिए भाजपा जरूरी है
शत-प्रतिशत लाभार्थी तक तेज़ी से हर लाभ पहुंचे- इसलिए भाजपा ज़रूरी है।

साथियो,
आप यहां से एक नए संकल्प के साथ अपने क्षेत्र में जाएं। अबकी बार...400 पार...इस मिशन पर हमें जुट जाना है।
आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय !

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।