Congress' model for MP was 'laapata model': PM Modi

Published By : Admin | November 8, 2023 | 12:00 IST
Despite several decades of Congress rule, Poverty had remained a constant phenomenon in India: PM Modi
Today’s date symbolizes the decisive action taken against Congress’ corrupt intentions enabling a corruption-free society: PM Modi
Congress is well-oiled machinery that indulges in systemic corruption significantly looting the people of India: PM Modi
Congress has absolutely deprived the people of MP. The betting scandal of Chhattisgarh, Lal Diary of Rajasthan, and false promises of Karnataka and Himachal Pradesh are other examples of the same: PM Modi

भारत माता की...

भारत माता की...

जागेश्वरनाथ की...

जागेश्वर नाथ की...

सबई जनों खों हमाई तरफ से राम-राम पोंचे!

दमोह में एक तरफ जैन तीर्थ कुंडलपुर और जागेश्वरधाम है, वहीं दूसरी तरफ ये आल्हा-उदल की शौर्य भूमि भी है। ये नारीशक्ति की प्रेरणा, रानी दुर्गावती और अवंती बाई की भी कर्मस्थली रही है। इस पावन धरा पर आप सभी मेरे परिवारजन, और आप सभी मेरे परिपारजनों का दर्शन प्राप्त करना इससे बड़ी खुशी और जिंदगी में क्या हो सकती है। यहां आपका इतनी बड़ी संख्या में आना, हम सभी पर अपना स्नेह बरसाना, आशीर्वाद देना, 3 दिसंबर को आने वाले नतीजों का ऐलान कर रहा है। आज दमोह कह रहा है, पूरा मध्य प्रदेश कह रहा है, हर मतदाता कह रहा है- एक बार फिर... एक बार फिर... एक बार फिर...

मेरे परिवारजनों,
आप सभी के आशीर्वाद से, पूरे विश्व में आज भारत का परचम लहरा रहा है। लहरा रहा है ना? लहरा रहा है ना? पूरे विश्व में भारत का परचम लहरा रहा है ना? आपको गर्व हो रहा है? आपको गर्व हो रहा है? आज, ज़मीन से लेकर अंतरिक्ष तक भारत का गौरवगान हो रहा है। भारत का चंद्रयान वहां पहुंचा है, जहां दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच। भारत में हुए G20 सम्मेलन की प्रशंसा पूरे विश्व में हो रही है। भारत के युवा बेटे-बेटियां खेल के मैदान में आज नए-नए रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं। भारत की एक गाथा बुंदेले-हरबोलों.. ये हम बचपन से सुनते थे और ये गाथा आज हम दुनिया को सुना रहे हैं। भारत का ये गौरवगान संभव ना हो पाता, अगर एमपी का इतना आशीर्वाद मुझ पर ना होता। ये आपका स्नेह, आपका प्यार और इसी के कारण गांव के लोग हों या शहर के लोग हो, पढ़े-लिखे लोग हो या अनपढ़ लोग हो, पुरुष हो या स्त्री हो, लोग यही कहते हैं-एमपी के मन में... एमपी के मन में... एमपी के मन में... और मोदी के मन में... और मोदी के मन में... और मोदी के मन में...

मेरे परिवारजनों,
एमपी के मन में मोदी है। गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े और आदिवासी के मन में मोदी के लिए अपार प्यार है। क्योंकि मोदी कुछ नहीं है सिर्फ और सिर्फ आपका सेवक है। आपका जीवन बेहतर हो, आपके जीवन से मुश्किलें कम हों, यही मेरी प्राथमिकता है। देश को आज़ाद हुए इतने साल हो चुके हैं। इतने वर्षों से कांग्रेस देश से एक ही झूठ बार-बार बोलती आ रही है। देश से गरीबी खत्म करने का नारा देती आ रही है। लेकिन कांग्रेस कभी गरीबी खत्म नहीं कर पाई, क्योंकि कांग्रेस के नेताओं की नीयत ठीक नहीं थी। कांग्रेस के राज में गरीब औऱ गरीब होता गया, अमीर और अमीर होते गए। आज केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है। भाजपा के सेवाकाल में देश गरीबी से बाहर निकल रहा है, अपनी गरीबी दूर कर रहा है।

मेरे परिवारजनों,
आज पूरी दुनिया भारत में हो रहे विकास की चर्चा कर रही है। 2014 में जब हम सरकार में आए, हमारा सेवाकाल शुरू हुआ। आपके आशीर्वाद से 2014 में हमारा सेवाकाल प्रारंभ हुआ तब हमारा देश दुनिया की अर्थव्यवस्था में 10वें नंबर की आर्थिक ताकत था। हमारी अर्थव्यवस्था जब 10वें नंबर से ऊपर होने लगी, तब उतनी चर्चा नहीं हुई। हम नौ से आठ पर पहुंचे, हम आठ से सात पर पहुंचे, हम सात नंबर से छह पर पहुंचे, कहीं कोई चर्चा नहीं हुई। लेकिन जैसे ही हम छह से पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था बने, हर कोई इसी बारे में बात करने लगा। अखबारों में लेख छपने लगे, टीबी पर डिबेट होने लगी, क्योंकि 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बनने के साथ ही हमने उस देश को पीछे छोड़ दिया, जिसने हम पर 200 साल तक राज किया था। सेवाभाव से समर्पण भाव से काम करते हैं, तो 10वें से पांचवें नंबर पर पूरी ताकत के साथ पहुंचते हैं। और ये मोदी ने आपको गारंटी दी है। ये मोदी की गारंटी है लिख लीजिए- जब तीसरी बार मेरा सेवाकाल शुरू होगा मैं इस देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की टॉप तीन अर्थव्यवस्था में लाकर रहूंगा भाइयों। हमारी गारंटी खजाने लुटाने की नहीं होती है हमारी गारंटी देश को आन बान शान के साथ आगे ले जाने की होती है। हमारी गारंटी वोट बटोरने की नहीं होती है, हमारी गारंटी मेरे देश के सामर्थ्य बढ़ाने की होती है।

साथियों,
जब किसी देश का आर्थिक सामर्थ्य बढ़ता है, तो उसके नागरिकों का सामर्थ्य बढ़ता है, उसके नागरिकों की कमाई बढ़ती है। जब देश की आर्थिक ताकत बढ़ती है, तो गरीबों पर खर्च करने के लिए देश के पास पैसे भी ज्यादा आते हैं। इसलिए आज का ये समय, कांग्रेस से सबसे ज्यादा सावधान रहने का है। कांग्रेस वो पार्टी है, जो गरीबों के हक का पैसा छीन लेती है। कांग्रेस वो पार्टी है, जो हजारों करोड़ रुपए के घोटाले करती है। कांग्रेस वो पार्टी है, जो एक समाज को दूसरे से लड़ाकर, कुर्सी कब्जा करने का खेल खेलती है। कांग्रेस के लिए देश का विकास जरूरी नहीं, राज्य का विकास जरूरी नहीं। कांग्रेस के लिए सिर्फ अपना स्वार्थ ही जरूरी है। और कांग्रेस का हाल देखिए, 2014 में जब देश ने दस साल तक कार्य करने का मौका दिया था। आपको पता ही होगा कि देश के प्रधानमंत्री क्या कर रहे थे, क्या बोल रहे थे। क्योंकि उन्हें कोई काम करना ही नहीं था, रिमोट से चल रहा था, सब रिमोट से। लेकिन ये कांग्रेस की रिमोट की आदत नहीं जा रही है। उस समय प्रधानमंत्री रिमोट से चल रहे थे, इन दिनों कांग्रेस के अध्यक्ष रिमोट से चल रहे हैं। कांग्रेस के अध्यक्ष सीनियर मोस्ट लोगों में से एक है। मेरे अच्छे मित्र भी है लेकिन आज उनका हाल ऐसा कर दिया है कि वे कुछ कर नहीं पाते। नाममात्र के लिए रख दिया है उनको। लेकिन मैं कभी-कभी देखता हूं कि हमारे कांग्रेस के अध्यक्ष जी जब खुद के मूड में आ जाते हैं। कभी ये रिमोट का चार्जिंग खत्म हो गया हो, कनेक्टिविटी टूट गई हो, तो उनके मुंह से कुछ अच्छी बातें निकल जाती हैं। मैंने कहीं पढ़ा कि कल उन्होंने पांडवों को याद किया। जब रिमोट चलता है तब वो सनातन को गाली देते हैं, लेकिन रिमोट बंद हो गया तो उन्होंने कल पांडवों को याद किया मतलब सनातन को याद किया। और उन्होंने ये कहा कि भाजपा में पांच पांडव है। देखिए, जब सच बोलते हैं तो कैसी बातें निकलती है। हमें गर्व है कि हम पांच पांडवों की राह पर चल रहे हैं, इससे बड़ा गर्व क्या हो सकता है।

साथियों,
आप कल्पना कर सकते हैं, गरीबों का पैसा लूटने के लिए कांग्रेस ने एक खास मशीन बनाई थी। आपको पता है? कांग्रेस ने एक खास मशीन बनाई थी, आपको मालूम है? मैं बताऊं? मैं बताऊ? एक बार कांग्रेस के प्रधानमंत्री ने उसका उल्लेख किया था। वो मशीन ऐसी थी जिसमें सरकार अगर सौ रुपये भेजती थी तो उसमें से 85 रुपए सीधे कांग्रेस नेताओं की तिजोरी में पहुंच जाते थे, सिर्फ 15 रुपये ही लोगों के पास जाते थे। ये उनके प्रधानमंत्री ने कहा था। 2014 में जब हमारी सरकार बनी, तो मैंने कहा कि ऐसे तो मैं कभी चलने नहीं दूंगा। मैंने सबसे पहले कांग्रेस की इस भ्रष्ट मशीन के सारे टायर पंचर कर दिए। हमने आधार-मोबाइल और बैंक खातों की ऐसी त्रिशक्ति बनाई कि कांग्रेस की भ्रष्ट मशीन टिक ही नहीं पाई। और फिर देशवासियों को आज की तारीख भी याद है जब भ्रष्टाचारियों पर बहुत बड़ी कार्रवाई हुई थी। जो लोग नोटों के गद्दों पर सोते थे, उनकी नींद उड़ गई थी और देश का गरीब भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होते देख मोदी का जय जयकार कर रहा था। इसलिए आज की तारीख आते ही कांग्रेस ऐसे बिलबिलाती है, जैसे सबसे ज्यादा काली कमाई उसी को बैंकों में जमा करानी पड़ी हो। आज भी कांग्रेस सबसे ज्यादा मुझे, भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए दिन में सौ-सौ बार गालियां देती है। हजारों करोड़ रुपए के घोटाले में जो लोग जमानत पर हैं, उन्हें मोदी से तकलीफ होनी बहुत स्वभाविक ही है। ये लोग जो मुझे गालियां देते हैं उनके नाम निकालकर देख लेना। ये सारे लोग किसी न किसी केस में फंसे हुए हैं, भ्रष्टाचार के आरोप लगे हुए हैं और जमानत पर जिंदगी गुजार रहे हैं। लेकिन ये लोग चाहे मुझे कितनी ही गालियां दे, भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं रुकेगी। मुझे जरा आप बताइए... दमोह के मेरे भाइयो-बहनों इतनी बड़ी तादाद में आए हैं ज्यादा लोग धूप में तप रहे हैं.. लेकिन मुझे प्यार से सच्चाई बता दीजिए- क्या मुझे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए? भ्रष्टाचारियों को जेल भेजना चाहिए? भ्रष्टारियों ने जो लूटा है वो देश को वापस मिलना चाहिए? जो लूटा है वो लोटाना पड़ेगा कि नहीं पड़ेगा? क्या आपका आशीर्वाद है ना? मुझे यही आशीर्वाद मेरी ताकत है। मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए ही आपने मुझे इस सेवा के लिए जन्म दिया है।

साथियों
आज मजाल है कि केंद्र सरकार गरीबों के लिए पैसा भेजे और कोई पंजा बीच में से उसे लूट के ले जाए, वो जमाना चला गया। इसी साल मध्य प्रदेश के लोगों को केंद्र सरकार ने हजारों करोड़ रुपए सीधे उनके बैंक खातों में भेजे हैं। इसमें से एक भी पैसा कोई पंजा लूट नहीं पाया है। जानते हैं क्यों? क्योंकि वो यहां सरकार में नही है। अगर गलती से भी कांग्रेस मध्य प्रदेश में सरकार में आ गई, तो हर काम में 85 परसेंट कमीशन तय है। ये उनके एक प्रधानमंत्री 85 परसेंट तय करके गए हैं। फिर ना यहां विकास होगा और ना ही कोई काम। कांग्रेस फिर से मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य बना देगी। इसलिए मध्य प्रदेश के लोगों को, विशेषकर आज की युवा पीढ़ी को कांग्रेस से बहुत सावधान रहना है।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता, गरीब का विकास है, गरीब का कल्याण है। हम बहुत नेक नीयत से आपके जीवन की हर परेशानी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। गरीब से गरीब परिवार के पास अपना पक्का घर हो, इसलिए हमने 4 करोड़ से ज्यादा पक्के घर बनाकर गरीबों को दिए है। आप जरा बताएंगे कितने घर? जरा इधर से आवाज आए कि कितने घर बनाकर दिए? गरीबों को कितने घर दिए? माताए-बहने जरा बताइए, कितने घर बना के दिए? कितने घर दिए? राम मंदिर बनाया ये तो याद है, 4 करोड़ गरीबों के घर बनाए, ये भी याद रखिए। पहले करोड़ों देशवासी खुले में शौच के लिए मजबूर थे। इसलिए हमने शौचालय की, इज्जतघर की सुविधा दी। पहले देश के करीब ढाई करोड़ से ज्यादा घरों में लोग, बिना बिजली के अंधेरे में रह रहे थे। भाजपा सरकार ने ऐसे ढाई करोड़ परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन दिया। हमारे देश के गरीब परिवारों की माताओं-बहनों के जीवन में तो सिर्फ धुआं ही धुआं था। हमने उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन दिए। महंगे इलाज के कारण, गरीब और गरीब हो रहा था। इसलिए भाजपा ने गरीबों को 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी। जब कोरोना का इतना बड़ा संकट आया, तो ये हमारी ही सरकार है जिसने हर गरीब को मुफ्त वैक्सीन लगवाई। वो वैक्सीन विदेश में लोगों को कई-कई सौ भी लग नहीं पाती थी वो काम आपके बेटे ने मुफ्त में वैक्सिन लगा कर के किया है। आप मुझे बताइए, आप लोगों को वैक्सीन लगा था कि नहीं लगा था? जरा हाथ ऊपर कर के बताइए लगा था कि नहीं लगा था? क्या आपको एक रुपया देना पड़ा था? कोई पैसा देना पड़ा था क्या? ये आबका बेटा आपकी जिंदगी बचाने के लिए दिन-रात मेहनत करता था कि नहीं करता था?

साथियों,
ये मोदी है जो अपने 80 करोड़ देशवासियों को मुफ्त राशन देने की गारंटी दे रहा है। कितना बड़ा वो संकट का काल था, दुनिया भर के लोग परेशान थे मौत मंडरा रही थी, कोरोना ने डरा कर रखा था। घर से काम पर भी जाना मुश्किल था। अरे बेटा भी मां के कमरे में जाने से डरता था, कहीं कोरोना मां को ना लग जाए। बेटा भी चिंतित रहता था। वो दिन थे। अब आपका बेटा दिल्ली में बैठे-बैठे दिन-रात आपकी चिंता करता था। इसलिए मैंने तय किया था, कि संकट कितना भी भयंकर क्यों ना आ जाए मैं गरीब के घर का चूल्हा बूझने नहीं दूंगा। मैं किसी गरीब के मां के बच्चे को भूखा नहीं सोने दूंगा। मैं किसी के घर में भूख की आवाज सुनाई दे वो दिन हिंदूस्तान में आने नहीं दूंग और इसलिए 80 करोड़ लोगों को अन्न मुफ्त में देने का काम शुरू किया। भाइयों-बहनों ये योजना योजना इसी दिसंबर में पूरी हो रही है। आप बताइये मुझे इस योजना को आगे चलाना चाहिए कि नहीं चलाना चाहिए? इन गरीबों को मुफ्त अनाज देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? ये दिसंबर के बाद भी मिलते रहना चाहिए कि नहीं मिलते रहना चाहिए? इससे गरीब को मदद मिलती है कि नहीं मिलती है? भाइयों-बहनों मैंने निश्चय किया है कि मैं इन 80 करोड़ लोगों को अब आने वाले 5 साल के लिए इस योजना को बढ़ाने का मेरा निश्चय है। बताइये, मैने सही किया कि गलत किया? सही किया कि गलत किया? मुझे निश्चय अच्छा करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? आपने मुझे अच्छा संकल्प करने के लिए बिठाया है ना?तो करना चाहिए ना? ये कांग्रेस वाले के पेट में चूहें दौड़ रहे हैं.. ये दो दिन से लगे हैं कि इलेक्शन कमीशन में जाएंगे.. मोदी के खिलाफ शिकायत करेंगे। वो गरीबों को मुफ्त अनाज देने की बात कर कैसे सकता है। मोदी अपने आप को समझता क्या है। अरे भाई तुझे जो करना है कर ले बाबा, मेरे तो गरीब मेरे हैं मैं तो उनके लिए जो करता हूं, जो सजा मिल जाए भुगत लूंगा, लेकिन गरीबों का काम मैं नहीं छोड़ूंगा। गरीबों की सेवा करना मैं नहीं छोड़ूंगा, कांग्रेसवालों को जो करना है करता रहे। वो अपना पाप करते रहे मैं मेरा पुण्य करता रहूंगा।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा का प्रयास सिर्फ सुविधाएं जुटाने तक सीमित नहीं है। हम गरीब, SC/ST/OBC परिवारों को, उनकी शिक्षा और कौशल के लिए भी अवसर दे रहे हैं। कांग्रेस के नेता उनके लिए तो अपने बेटे-बेटियों से आग कुछ दिखता ही नहीं। उनको अपने बेटे-बेटियों के भविष्य की चिंता होती है, मेरे लिए तो आप सब परिवारजन है, आपके बेटे का कल्याण यही तो मेरे देश का कल्याण है। आज भी यहां एमपी कांग्रेस में यही खेल चल रहा है। गांव का, गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवार का बेटा-बेटी डॉक्टर-इंजीनियर नहीं बन पा रहा, कांग्रेस को परवाह ही नहीं थी। कांग्रेस ने अंग्रेज़ी में मेडिकल-इंजीनियरिंग की पढ़ाई को अनिवार्य बनाया। मोदी, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लेकर आया, ताकि गरीब से गरीब परिवार के बच्चे को भी अच्छी शिक्षा मिल सके। हमने स्थानीय भाषाओं में मेडिकल-इंजीनियरिंग की पढ़ाई का विकल्प दिया। इसमें मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। लेकिन कांग्रेस की सोच क्या है, ये भी आपको जानना चाहिए। कांग्रेस ने कर्नाटक में सरकार बनाते ही, राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर रोक लगा दी। वो नहीं चाहती कि गरीब के आगे बढ़ने के रास्ते में भाषा की दीवार खत्म हो। कांग्रेस नहीं चाहती कि गरीब को स्कूल से ही लैब की ट्रेनिंग मिले। कांग्रेस नहीं चाहती कि गरीब के बच्चे भी स्पोर्ट्स और क्रिएटिव फील्ड में आगे आएं। यहां मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस को मौका मिला, तो उसका हर फैसला गरीब के बच्चों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए होगा। इसलिए आपको बहुत सावधान रहना है।

मेरे परिवारजनों,
मैं एमपी के, बुंदेलखंड के सभी युवा साथियों से, विशेष रूप से फर्स्ट टाइम वोटर्स से एक बात कहना चाहता हूं। जो पहली बार मतदान करने के लिए जाने वाले हैं। देखिए आने वाले 25 साल, आज जो 18-20 साल के नौजवान हैं ना, आने वाला 25 साल आपके लिए, आपके करियर के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। ये 25 साल विकसित भारत के निर्माण के भी हैं। आपके माता-पिता को कांग्रेस ने जो कठिनाइयां दीं, जिन मूसीबतों से आपके माता-पिता को जूझना पड़ा, मैं नहीं चाहता कि आपको भी उन मूसीबतों से जूझना पड़े। आपको अच्छी जिंदगी मिले, दिन-रात मिहनत करके आपकी जिंदगी को उन मूसीबतों से मुक्त कराना चाहता हूं। लेकिन मेरे भाइयों-बहनों, मेरे नौजवानों आपको भी बहुत सतर्क रहना होगा। क्योंकि ये कांग्रेस वाले ऐसे-ऐसे खेल करते रहते हैं। उनके लिए झूठ बोलना कोई मुश्किल काम नहीं है। इस क्षेत्र ने कांग्रेस को 60 साल मौका दिया था। 60 साल, फिर भी बुंदेलखंड को कांग्रेस ने सिर्फ सूखा दिया, पलायन दिया। अब भी कांग्रेस के पास वही लोग हैं जो पिछले 40-50 साल से राजनीति कर रहे हैं। उनके ही कारनामों और करतूतों के कारण एमपी बेहाल था। और जहां मौका मिल भी रहा है, वहां कांग्रेस ने कर क्या लिया? छत्तीसगढ़ में सट्टेबाज़ी है और राजस्थान में काले कारनामों की लाल डायरी है। सट्टा? सरकार में मुख्यमंत्री का कमरा और सट्टा? और सट्टेबाज कह रहा है मैंने मुख्यमंत्री को 500 करोड़ रुपये दिया है। क्या आप मध्य प्रदेश को ऐसा हाल कराना चाहते हैं क्या? ऐसी बर्बादी चाहते हैं क्या? कांग्रेस का मतलब ही है बर्बादी की गारंटी भाइयों। वहां की जनता, इन्हें सबक सिखाने के लिए खुद सड़कों पर उतर आई है। कांग्रेस ने हिमाचल और कर्नाटका में भी झूठे वायदों की झड़ी लगाई थी। कांग्रेस ने वहां चुनाव से पहले वादा किया था कि महिलाओं के खाते में पैसे डाले जाएंगे। माताएं-बहनें आज भी इंतज़ार कर रही हैं कि उनका पैसा कब खाते में आएगा?

साथियों,
ये कांग्रेस भी जानती है कि एमपी का युवा इनके भ्रष्ट और अक्षम ट्रैक रिकॉर्ड पर विश्वास नहीं करता। इसलिए ये लोग झूठ का पिटारा लेकर घूम रहे हैं। इन लोगों के रेडियो पर हमेशा एक ही ट्रैक बजता है। 2018 में जो झूठ बांटा था, वही नए लिफाफे में लेकर आए हैं। ये कहते हैं कि किसानों का कर्ज माफ करेंगे। अरे, 2018 में 10 दिन में किसानों का कर्जमाफी का वादा करके गए थे। 15 महीना आपको मौका मिला था किसान इंतजार करते रहे। कर्जमाफी के नाम पर कांग्रेस बरसों तक किसानों को ठगती रही है। वहीं डबल इंजन सरकार में हर किसान को 12 हज़ार रुपए की गारंटी मिली है। केंद्र सरकार के साथ-साथ एमपी सरकार भी किसानों के खाते में 6-6 हजार रुपये भेज रही है। कांग्रेस का समय होता तो ये पैसा दिल्ली से चलता तो भी किसानों तक नहीं पहुंच पाता।

मेरे परिवारजनों,
बीते वर्षों में बुंदेलखंड में सिंचाई की सुविधा के लिए अभूतपूर्व काम हुआ है। दमोह जिले में ही 150 से अधिक सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण किया गया है। पंचम नगर परियोजना, यहां के किसानों के लिए समृद्धि की धारा लेकर आई है। केन-बेतवा लिंक नहर जब सत्य बन जाएगा हकीकत बन जाएगी, तो दमोह सहित पूरे बुंदेलखंड के लाखों किसानों का जीवन बदल जाएगा। 45 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट से मध्य प्रदेश के 10 जिलो को लाभ होगा। इससे मध्य प्रदेश के लगभग 9 लाख हेक्टेयर खेत को सिंचाई का पानी मिलेगा। इससे 45 लाख लोगों को पीने के पानी की सुविधा भी मिलेगी। बुंदेलखंड के अनेक जिलों में अटल भूजल योजना के तहत भी पानी का स्तर बढ़ाने का काम चल रहा है। बुंदेलखंड में साढ़े 5 सौ से ज्यादा अमृत सरोवर भी बनाए गए हैं। मैंने बुंदेलखंड की माताओं-बहनों को उनके घर तक पाइप से पानी पहुंचाने की भी गारंटी दी है। बुंदेलखंड के 7 लाख से ज्यादा घरों में नल से जल की सुविधा मिल चुकी है। 3 दिसंबर को फिर भाजपा सरकार बनने के बाद, इस काम को और तेज़ किया जाएगा।

मेरे परिवारजनों,
ये चुनाव, सिर्फ विधायक चुनने के लिए नहीं हैं। ये चुनाव, मध्य प्रदेश के विकास को नई दिशा देने के लिए है। खेती के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने अद्भुत प्रगति की है। बीना रिफाइनरी भी आने वाले समय में इस क्षेत्र में उद्योगों को बल देने वाली बहुत बड़ी शक्ति के रूप में प्रगति करेगी। सतधरु परियोजना से इस क्षेत्र में अलग-अलग इंफ्रास्ट्रक्चर को बल मिला है। अब हमें एमपी को देश के टॉप-5 औद्योगिक राज्यों के स्थान पर पहुंचाना है, ताकि हमारे नौजवानों को यहीं पर अधिक से अधिक रोज़गार मिले। ये तभी संभव है जब यहां ज्यादा से ज्यादा निवेश आएगा। ये तभी संभव है जब यहां पूर्ण बहुमत से भाजपा की डबल इंजन सरकार फिर बनेगी। अगर यहां कदम-कदम पर मोदी के काम को रोकने वाली सरकार होगी, तो इससे एमपी पिछड़ जाएगा। इसलिए दमोह सहित पूरे बुंदेलखंड की हर सीट, हर बूथ पर कमल का फूल खिलना चाहिए।

आप यहां से घर-घर जाएंगे?... घर-घर जाएंगे?... हर बूथ में जाएंगे? लोगों को मिलेंगे? कमल खिलाएंगे? ज्यादा से ज्याद मतदान करवाएंगे? हर उम्मीदवार को जिताएंगे ? भाजपा की सरकार बनांएंगे? आप दिन-रात काम करेंगे? य सभा बहुत बड़ी हो गई। दूह-दूर भी लोग दिख रहे हैं। अब ऐसा तो नहीं होगा ना कि अब तो हो गया, बहुत बढ़िया हो गया चलो सो जाओ, ऐसा तो नहीं होगा ना? पक्का? हर मतदादा कार्यकर्ता बनना चाहिए। हर मतदादा कार्यकर्ता बनना चाहिए। हर मतदाता कमल का पहरगीर बनना चाहिए और हमें कमल को हर बूथ पर जिताकर आना चाहिए। जरूर करोगे काम? घर-घर जाकर के करोगो? गांव-गांव जाकर के करोगे? अच्छा मेरा एक काम करोगे? क्यो आवाज धीमी हो गई? मेरा काम करोगे क्या? ये मेरा काम है पर्सनल। करोगे? जरा हाथ ऊपर करके बताओ कि करोगे? अरे वाह, सबने हाथ ऊपर किया। पक्का करोगे? अच्छा एक काम करना, जब भी आप गांव में जाएं, लोगों से मिलने जाएं, जो भी मिले जिससे भी आप मिले उससे आप कहिए कि मोदी जी डमोह आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे? घर-घर पहुंचा देंगे? हर बुजुर्ग तक मरे प्रणाम पहुंचेंगे? हर माता-बहन तक मेरा प्रणाम पहुंचेगा? नौजवान तक मेरी आवाज पहुंचेगी। मेरे साथियों जब मेरा प्रणाम पहुंचता है ना, तो वे मुझे आशीर्वाद देते हैं। और उनके आशीर्वाद मेरी इतनी बड़ी ताकत होती है कि मुझे देश के लिए 24 घंटे काम करने की हिम्मत आ जाती है, इसलिए हर परिवार तक मेरा प्रणाम पहुंचा देना। मेरे साथ बोलिए, भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की... बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!