BJP’s vision for Rajasthan is to enable its development, eliminate corruption, and empower its women
India’s unprecedented rise is owing to the ‘vote’ of India’s collective citizens for BJP and for the development of India
Congress in Rajasthan is founded on appeasement, manifesting the reign of terror, and betraying the trust of women promoting incessant violence against them
Congress’ hatred for Dalits is well-known. Their hate for Hiralal Samariya, IAS, and former President Ramnath Kovind is a manifestation of the same
The basis of Congress rule in Rajasthan is the corruption-laden ‘Lal Diary,’ policies promoting large-scale inflation and Mafia rule.

भारत माता की...

भारत माता की...

भारत माता की...

राधा रानी की... राधा रानी की... राधा रानी की... बंसी वाले की... बंसी वाले की...बंसी वाले की.. भगवान देवनारायण की... भगवान देवनारायण की... मीन भगवान की... मीन भगवान की... ब्रज भूमि के आप सभी निवासियों को मैं आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं। कुशल प्रशासक परम प्रतापी महाराजा सूरजमल को भी श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। अब से ठीक एक हफ्ते बाद राजस्थान में मतदान होने वाला है। हर तऱप एक ही गूंज है जन-जन की यही पुकार... जन-जन की यही पुकार... जन-जन की यही पुकार... जन-जन की यही पुकार... आ रही है भाजपा सरकार। कुछ लोग यहां खुद को जादूगर कहते हैं। अब उन्हें आज राजस्थान की जनता कह रही है तीन दिसंबर... तीन दिसंबर... कांग्रेस छू-मंतर।

साथियों,
मैं आज सबसे पहले राजस्थान भारतीय जनता पार्टी को, यहां के सभी नेताओं को बहुत-बहुत बधाई दूंगा,क्योंकि राजस्थान भाजपा ने एक शानदार संकल्प पत्र जारी किया है। भाजपा का संकल्प है राजस्थान को देश का अग्रणीय राज्य बनाएंगे। भाजपा का संकल्प है राजस्थान में भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार करेंगे। भाजपा का संकल्प है बहनों-बेटियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाएंगे। राजस्थान बीजेपी ने जो वायदे किए हैं इन्हें पूरा करने के लिए हम जी जान लगा देंगे। और आप से किए ये वायदे जरूर पूरे होंगे क्योंकि ये मोदी की भी गारंटी है।

मेरे परिवारजनों,
आज पूरी दुनिया भारत का लोहा मान रही है। मान रही है कि नहीं मान रही है? भारत का लोहा मान रही है कि नहीं मान रही है? हम दुनिया की पांचवें नंबर की आर्थिक ताकत बन चुके हैं और बहुत ही जल्द भारत तीसरे नंबर की आर्थिक ताकत के रूप में अपनेआप को प्रतिस्थापित करेगा। भारत का चंद्रयान वहां पहुंचा है जहां दुनिया का कोई देश पहुंच नहीं पाया है। भारत में ऐतिहासिक जी-20 सम्मेलन हुआ जहां पूरी दुनिया के लिए बहुत ब़ड़े-बड़े फैसले हुए। आपको लगता है आज दुनिया में हिंदुस्तान का नाम बढ़ रहा है? आपको लगता है? लगता है तो बताइए... लगता है? सचमुच में लगता है? दुनिया में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है। अमेरिका में भी बज रहा है। यूके में भी बज रहा है। आस्ट्रेलिया में भी बज रहा है। यूरोप में भी बज रहा है। एशिया में भी बज रहा है। आपको गर्व हो रहा है? खुशी हो रही है? संतोष हो रहा है? ये सब किसके कारण हो रहा है...? किसके कारण हो रहा है...? किसके कारण हो रहा है...? आपका जवाब पूरी तरह गलत। जी नहीं ये मोदी के कारण नहीं, बल्कि ये कमाल आपका एक वोट कर रहा है, ये आप के कारण हो रहा है। क्योंकि, आपने एक वोट देकर दिल्ली में स्थिर और मजबूत सरकार बनाई, इसलिए आज भारत हर मैदान में जीत रहा है।


मेरे परिवारजनों,
एक तरफ तो भारत दुनिया में अग्रणी बन रहा है, दूसरी तरफ राजस्थान में बीते पांच वर्ष में क्या हुआ? क्या हुआ? पांच साल में क्या हुआ? पांच साल में जो बर्बादी हुई उसके लिए जिम्मेवार कौन है? राजस्थान को पीछा धकेलने के लिए जिम्मेवार कौन है? राजस्थान के नौजवानों का भविष्य बर्बाद करने वाला कौन है? यहां कांग्रेस ने राजस्थान को भ्रष्टाचार, दंगों और अपराधों में अग्रणी बना दिया। और इसलिए राजस्थान कह रहा है.. जादूगर जी कौनी मिले वोट जी...

मेरे परिवारजनों,
अपने यहां ब्रज क्षेत्र की बड़ी मशहूर कहावत है- जा पत्तल में खानौ वा में छेद करनौ। कांग्रेस ने यहां आपके साथ ऐसा ही किया है। यहां कांग्रेस सरकार की जिम्मेदारी थी कि वो हर नागरिक के जान-माल की सुरक्षा करे। लेकिन हुआ क्या? बीते 5 वर्षों में बहनों-बेटियों पर, दलितों पर वंचितों पर सबसे ज्यादा अपराध हुआ, सबसे ज्यादा जुल्म हुआ। होली हो, रामनवमी हो, हनुमान जयंति हो, कोई भी त्योहार आप लोग शांति से नहीं मना पाए। दंगे-पत्थरबाज़ी, कर्फ्यू, राजस्थान में यही सब चलता रहा। कांग्रेस जहां-जहां आती है, वहां-वहां आतंकवादी, अपराधी और दंगाई, बेलगाम हो जाते हैं। कांग्रेस के लिए तुष्टिकरण ही सब कुछ है। कांग्रेस तुष्टिकरण के लिए किसी भी हद तक जा सकती है, चाहे इसमें आपका जीवन तक दांव पर क्यों न लगाना पड़े। कांग्रेस ने राजस्थान की महिलाओं के विश्वास को भी चकनाचूर कर दिया है। जो मुख्यमंत्री खुद कहे कि महिलाएं रेप के फर्जी मामले दर्ज करवाती हैं, क्या वो महिलाओं की सुरक्षा कर सकता है? क्या कोई मां, बहन, बेटी ऐसी बात खुद कह सकती है कि मेरे साथ... और ये क्या हो गया है कांग्रेस के लोगों को। क्या ऐसे मुख्यमंत्री को, ऐसे जादूगर को एक मिनट भी कुर्सी पर रहने का हक है क्या? एक मिनट भी रहने का हक है क्या? अब उनकी विदाई करोगे कि नहीं करोगे आपलोग? पक्का करोगे? 25 तारीख आपके हाथ में है।

भाइयों और बहनों,
महिलाओं को लेकर कांग्रेस की सोच कितनी गिरी हुई है, ये कांग्रेस के एक मंत्री के बयान से भी पता चलता है। महिला अत्याचार पर उस मंत्री ने कहा कि ये इसलिए हो रहा है क्योंकि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है। (...inaudible...). क्या भाषा बोलते हो आप, क्या राजस्थान के मर्द जिस मिट्टी के लिए मौत को आलिंगन करने वाले शौर्य से भरपूर यहां के मर्द हैं। यहां के मर्द बहन-बेटी की इज्जत की जिंदगी के लिए खुद की जिंदगी दांव पर लगा देते हैं। बेटियों की इज्जत के लिए मरने-मिटने में जो मर्द है वो पीछे नहीं रहता। लेकिन उस राजस्थान में कांग्रेस के जादूगर के प्रिय मंत्री ये कहें कि ये मर्दों का प्रदेश है इसलिए बहनों पर जुल्म होता रहता है। कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए कि नहीं आनी चाहिए? इस राजस्थान के मर्दों से माफी मांगनी चाहिए कि नहीं मांगनी चाहिए? यहां की माताओं और बहनों से माफी मांगनी चाहिए कि नहीं मांगनी चाहिए। क्या राजस्थान की कोई भी मां-बहन-बेटी, इस बयान को स्वीकार कर सकती है? ये बयान राजस्थान की हर माता-बहन के सीने में भाले की तरह चुभ रहा है। और कांग्रेस ने इस मंत्री को सजा देने के बजाय ईनाम दे दिया है। टिकट, दिल्ली वाले भी इससे सहमत हो गए और इसलिए दिल्ली में बैठे लोग वे भी इस बात से सहमत हो गए, इस पाप से सहमत हो गए और इसलिए उसे टिकट दे दिया। सवाल ये उठता है कि जादूगर के इस प्रिय मंत्री के पास वो कौन सी दूसरी लाल डायरी है कि दिल्ली को भी झुकना पड़ा और ऐसे व्यक्ति को टिकट देना पड़ा। दिल्ली में बैठे कांग्रेस के हर नेता को इस मंत्री की सच्चाई का पता है...लेकिन फिर भी इस मंत्री के पास कोई ऐसी जानकारी है, दिल्ली में बैठे हुए लोगों की भी कोई जानकारी है, सब उससे कांपते हैं, टिकट दे दिया है। मैं आपको वादा करता हूं यहां भाजपा की सरकार बनने के बाद उस राज को भी खोलने की कोशिश की जाएगी। मेरे साथियों, राजस्थान से कांग्रेस को सदा सर्वदा के लिए हटाने की जरूरत है। और हटाने का मतलब, सिर्फ आपकी विधानसभा में उसकी पराजय हो जाए इतना ही नहीं है। जैसे दिवाली के त्योहारों में, वैसे तो हमारी माताएं-बहनें घऱ में सफाई रोजाना करती हैं, लेकिन दिवाली के समय कोने-कोने से, छोटी-छोटी जगह से इतनी सफाई करती है कि घर को चमका देती है। जैसे दिवाली के त्योहार में माताए-बहनें हर कोने की सफाई करती है ना, ये चुनाव भी वो दिवाली है आपको ऐसी सफाई करनी है ऐसी सफाई करनी है कि किसी कोने में भी कांग्रेस बचनी नहीं चाहिए। करोगे? पक्का करोगे? तब तो देवदिवाली ऐसी मनेगी ऐसी मनेगी।

साथियों,
कांग्रेस के शासन में दलितों के खिलाफ भी अत्याचार के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। कांग्रेस स्वभाव से ही दलित विरोधी है। मैं एक सबसे ताजा उदाहरण आपको देता हूं। अभी हाल में ही, देश को पहला दलित मुख्य सूचना आयुक्त मिला है। चीफ इनफॉरमेशन कमिश्नर, उनका नाम है हीरालाल सामरिया जी, ये दलित मां का बेटा हीरालाल ये आपके ही इसी डीग गांव के रहने वाले हैं, ये डीग थोड़े समय पहले तक ये हमारे भरतपुर जिले का हिस्सा हुआ करता था। लेकिन दुर्भाग्य ये है कि कांग्रेस को एक प्रतिभाशाली दलित अधिकारी की नियुक्ति भी पसंद नहीं आई। इसलिए जो मीटिंग रखी गई थी, उसका भी कांग्रेस ने बॉयकॉट किया था। कांग्रेस, एक दलित अफसर को ऊंचे पद पर पहुंचते हुए देख ही नहीं सकती। ये वही कांग्रेस है जिसने रामनाथ कोविंद जी का विरोध किया था। ये वही कांग्रेस है जिसने बाबा साहेब आंबेडकर को हमेशा अपमानित किया। कांग्रेस ने दो-दो बार बाबा साहेब को चुनाव में हराया, उन्हें राजनीति से दूर करने की कोशिश की। जबकि ये भाजपा है जो बाबा साहेब से जुड़े पुण्य स्थलों को पंच तीर्थ के तौर पर विकसित कर रही है। बाबा साहेब के बाद, देश को दूसरा दलित कानून मंत्री भी भाजपा ने ही बनाया है। हमारे राजस्थान के ही अर्जुन राम मेघवाल जी आज देश के बड़े-बड़े कानूनों को बनाने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

मेरे परिवारजनों,
आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। और मोदी के लिए तो आप ही उसका परिवार हैं, जो कुछ है वो सब आप ही हैं मेरे लिए। मेरा संकल्प है कि हर गरीब, दलित, पिछड़े, हर परिवार तक जीवन की मूल सुविधाएं पहुंचे। कोई भी ज़रूरतमंद सरकार की योजना से वंचित न रहे, इसलिए देश में अब भारत सरकार आपके गांव आ रही है। 15 नवंबर से देश में विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू हुई है। भरतपुर के गांव-गांव से भी चुनाव के बाद ये यात्रा गुज़रेगी। पीएम आवास हो, गैस कनेक्शन हो, नल से पानी की व्यवस्था हो, मुफ्त इलाज का प्रबंध हो, बीमा हो, पेंशन का प्रबंध हो, ऐसी अनेक योजनाओं का लाभ जिन्हे अब तक पहंचा नहीं है। उनके लिए सुविधाएं पाने का ये नया अवसर सरकार आपके घर आंगन आकर के देने के लिए ये योजना मोदी लेकर आया है।

साथियों,
ये इतिहास गवाह है, हर पल गवाब है, हर इलाका गवाह है... मोदी जो भी गारंटी देता है, वो हर लाभार्थी तक पहुंचती है। शत-प्रतिशत लाभार्थी तक पहुंचती है। मोदी ने आपके राशन कार्ड को, भूख से मुक्ति का गारंटी कार्ड भी बना दिया है। किसी भी गरीब परिवार को रोटी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि आपका ये बेटा, आपका ये भाई, दिल्ली में आपका सेवक बनकर बैठा है। मोदी ने तय किया है कि मुफ्त राशन की योजना, आप सबको याद होगा, जब कोविड की बीमारी ने पूरी दुनिया को अपने चपेट में लिया था। मौत मंडरा रही थी अस्पतालों में मरीज से मृतक नजर आते थे। परिवार भी चिंता में दबे हुए थे। अगर मां बीमार है तो बेटे को कहती थी बेटा मेरे कमरे में मत आना जो होगा सो होगा। बेटा बीमार होता था तो मां को कहता था कि मां मैं सहन कर लूंगा तुम कमरे में मत आना कहीं तुम्हें ये बीमारी न लग जाए। हर परिवार में मौत दरबाजे पर दस्तक दे रहा था। वैसी हालत हो गई थी, कौन बचेगा कौन चला जाएगा, भय का वातावरण पसरा था। दुनिया ठप पड़ी थी, व्यापार और रोजगार पर मुसीबतें आई थी, और तब ये मोदी गरीब मां के बेटे के रूप में जब आपकी सेवाओं में बैठा है तब उसने सोचा कुछ भी हो जाए गरीब का चूल्हा बूझने नहीं दूंगा...मेरे देश का कोई बच्चा भूखा ना सो जाए, मेरी कोई मां बच्चों की भूख देखकर के आंसू पीकर रह न जाए, इसलिए हमने निर्णय किया था। अन्न के भंडार खोल दिए थे मुफ्त राशन दिया था, हर परिवार को मुफ्त राशन देना शुरू किया। आज भी 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। ये योजना दिसंबर महीने में पूरी हो रही है, लेकिन मोदी ने संकल्प कर लिया है, निश्चय कर लिया है कि ये मुफ्त राशन वाली योजना अगले पांच साल तक चालू रहेगी। अब किसी परिवार को भोजन की थाली की चिंता नहीं रहेगी। इतना बड़ा पवित्र काम करने का निर्णय किया है। मुझे जरा बताइये भइया... राजस्थान के लोग तो वीरता से भरे हुए लोग है जब ऐसा काम करते हैं तो पुण्य मिलता है कि नहीं मिलता है? ऐसे नहीं जरा जोर से बताइए, माताएं-बहनें बताइए पुण्य मिलता है कि नहीं मिलता है? पुण्य मिलता है कि नहीं मिलता है? अब पांच साल के लिए गरीब के घर में चूल्हा जलता रहेगा, बच्चों को रोटी मिलेगी क्या पुण्य मिलेगा कि नहीं मिलेगा? मिलेगा कि नहीं मिलेगा? ये किसको मिलेगा? ये पुण्य किसको मिलेगा? ये पुण्य किसको मिलेगा? ये पुण्य आपको मिलेगा। ये पुण्य के हकदार आप हैं क्योंकि आपने वोट देकर के मोदी से ये पवित्र काम करवाया है। और इसलिए इस पुण्य के अधिकारी आप हैं। लेकिन ये कांग्रेस पार्टी को देखिए, कमाल की पार्टी है, गरीब को मुफ्त राशन से कांग्रेस तिलमिलाई हुई है, गुस्से में है। और इसलिए कांग्रेस इलेक्शन कमीशन को जा कर के मेरे खिलाफ इतनी बड़ी चिट्ठी देकर के आए गई है। अदालत में जाने की धमकियां दे रही है। अरे अगर गरीब को रोटी खिलाने में जेल भी जाना पड़े तो क्या गम है चले जाएंगे।

साथियों,
राजस्थान में बनने वाली भाजपा सरकार, किसानों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। जहां-जहां भाजपा सरकार है, वहां के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के 12 हज़ार रुपए मिल रहे हैं। 6 हज़ार केंद्र के और 6 हज़ार राज्य के। राजस्थान भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में आप को ये भी वादा किया है कि जैसे ही यहां भाजपा सरकार बनेगी...राजस्थान के किसानों को भी पीएम किसान सम्मान निधि के 12 हजार रुपए मिलना शुरू हो जाएंगे। राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद आपके पशुधन के टीकाकरण के अभियान को भी तेज किया जाएगा। आपको याद होगा कोविड के समय टीकाकरण अभियान चलाया, दो सौ करोड़ से ज्यादा डोज लगाए, दुनिया आंकड़ा सुनकर हैरान हो जाती है.. दो सौ करोड़ डोज.. मुफ्त में आपका टीकाकरण हुआ था कि नहीं हुआ था? हर किसी को मुफ्त में टीकाकरण हुआ कि नहीं हुआ? आपकी जिंदगी से बढ़कर मेरे लिए कुछ भी नहीं है, और इसलिए ये काम भी कर दिया। अब वैसे ही पशु को मुफ्त टीकाकरण का अभियान चल रहा है जैसे ही बीजेपी की सरकार यहां पर बनेगी राजस्थान में भी ये लागू हो जाएगा।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस ने राजस्थान को आकंठ भ्रष्टाचार में डुबोने का काम किया है। आपने देखा है कि जयपुर में कैसे लॉकर से काली कमाई और लूट का सोना निकल रहा है। सोना निकल रहा है मालूम है न आपको.. आमतौर किसी को कहते हैं कि भाई एक्जाम कैसी गई, बोलता है मेहनत तो की थी बाकी तो लक पर है। चुनाव में किसी कैंडिडेट को आप पूछोगे तो कहेगा, मेहनत तो अच्छी की है, लोगों का प्यार भी है लेकिन आखिर लक पर है। लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के लोगों से पूछोगे तो कहेगा बाकी कुछ भी हो लेकिन लॉकर न खुल जाए। बाकियों को लक दिखता है इनको लॉकर दिखता है, इनकी नींद हराम हो गई है कि मोदी लॉकर खोल रहा है। और लॉकर में से सोना निकल रहा है सोना और कोई ये गलती मत करना कि ये आलू से बना हुआ सोना है। ये आप से लूटा हुआ, चोरी किया हुआ माल से निकला हुआ असली सोना है। ये काला धन, ये सोने के भंडार, जो लॉकर से निकल रहे हैं, ये राजस्थान के नौजवानों को धोखा देकर लूटे गए हैं। ये पेपरलीक घोटाले का पैसा है। ये पानी से जुड़ी योजनाओं में हुए घोटालों का पैसा है। ये बच्चों के मिड डे मील से लूटा हुआ पैसा है। ये ट्रांसफर-पोस्टिंग से कमाया हुआ पैसा है। कांग्रेस ने राजस्थान को जितना लूटा है, उसकी गवाही आज यहां का हर कारोबारी दे रहा है। अब तो कांग्रेस के काले कारनामों की लाल डायरी के पन्ने खुलने लगे हैं। लाल डायरी के 4 पन्ने, 40 पन्नों से कम नहीं हैं। कुछ लोग कहते हैं, लाल डायरी में एक बेटे का कबूलनामा भी है। बेटा खुद कह रहा है कि पापा की सरकार रिपीट नहीं होगी। लाल डायरी के जो पन्ने बाहर आए हैं, उनमें लिखा है कि जादूगर सरकार ने कैसे राजस्थान को खनन माफिया के हवाले कर दिया है।
यहां भी आदिबद्री और कनकांचल पहाड़ियों में क्या हुआ, ये भरतपुर के लोग अच्छी तरह जानते हैं। आप अवैध खनन का विरोध करते रहे, साधु-संत विरोध करते रहे। लेकिन जो कांग्रेस खुद खनन माफिया हो, वो आपकी आवाज़ भला कैसे सुनती। कांग्रेस के इस माफिया राज के कारण ही, संत बाबा विजय दास जी को हमें खोना पड़ा। लेकिन उनका ये बलिदान बेकार नहीं जाएगा। भरतपुर की, पूर्वी राजस्थान की जनता कांग्रेस के माफिया राज को उखाड़ फेंकेगी।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस की लूट-नीति की वजह से यहां राजस्थान में महंगाई इतनी अधिक है। यहां दूसरे राज्यों से पेट्रोल भी इसलिए महंगा है क्योंकि यहां लुटेरी कांग्रेस की सरकार है। केंद्र सरकार अपनी तरफ से पेट्रोल के पैसे कम कर रही है, लेकिन यहां की कांग्रेस सरकार दाम घटाने के लिए तैयार नहीं है। मैं राजस्थान से सटे हुए बीजेपी राज्यों में पेट्रोल कितने रुपए प्रति लीटर है, ये आपको बताता हूं। पास में यूपी में एक लीटर पेट्रोल 97 रुपए के आसपास है। आपका उधर परोसी गुजरात में एक लीटर पेट्रोल 97 रुपए के आसपास है। आपके ऊपर की तरफ आपका परोसी हरियाणा में एक लीटर पेट्रोल 97 रुपए के आसपास है। तीनो परोसी 97 रुपये लीटर का पेट्रोल और ये राजस्थान में देखिए कैसी लूट चली है। राजस्थान में कांग्रेस सरकार एक लीटर पेट्रोल का 109 रुपए के आसपास लेता है। यानि हर लीटर पर 12 रुपये आपकी जेब से मारती है कांग्रेस। मैं आज आपको वादा करता हूं कांग्रेस सरकार, आपसे पेट्रोल का पैसा लूटकर, अपने नेताओं की तिजोरी में भर रही है। मेरा वादा है, राजस्थान में बीजेपी सरकार बनते ही कांग्रेस का ये खेल भी खत्म किया जाएगा। और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। भाजपा की सरकार बनते ही पेट्रोल के दामों की तुरंत समीक्षा की जाएगी। और जल्द से जल्द लोकहित में निर्णय भी किया जाएगा। और ये भी मोदी की गारंटी है।

मेरे परिवारजनों,
ये पूरा ब्रज क्षेत्र तो, कान्हा की लीलाओं की भूमि है। पूरे ब्रज क्षेत्र के तेज विकास के लिए मैं राज्य सरकारों के साथ संपर्क में हूं। 23 नवंबर को मैं संत मीराबाई जी की पांच सौ पच्चीसवीं जयंती के कार्यक्रम पर मथुरा भी जा रहा हूं। यूपी में पहले ही भाजपा सरकार है और यहां भी 3 दिसंबर को भाजपा सरकार तय होने के बाद पूरे ब्रज का विकास तेज होगा। भरतपुर जिले को NCR की तर्ज़ पर विकसित करने का रोडमैप, सिर्फ और सिर्फ भाजपा के पास ही है। भाजपा सरकार ने ही भरतपुर में मेडिकल कॉलेज बनाया। यहां चौड़ी सड़कों और आधुनिक रेल कनेक्टिविटी की गारंटी भी भाजपा ही पूरी कर रही है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से ये पूरा क्षेत्र, देश के औद्योगिक नक्शे पर अग्रणी बनने वाला है। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का खाका भी भाजपा ने खींचा था, और इसे तेज़ी से पूरा भी भाजपा ही करेगी।

मेरे परिवारजनों,
आपने कांग्रेस की करारी हार सुनिश्चित कर दी है। लेकिन ये सीज़न, शादी-ब्याह का भी है। तीज-त्योहार का भी है। इसलिए, ध्यान रखना कि मतदान सबसे पहले करना है। अच्छा, मैं एक बात आपसे बुलबाऊंगा, आप बोलेंगे? बोलेंगे? अच्छा अपना मोबाइल निकालकर के उसका फ्लैश लाइट चालू करेंगे? सब अपने मोबाइल फोन निकाल कर के फ्लैश लाइट चालू कीजिए और मोबाइल फोन ऊपर कीजिए...सबकी फ्लैश लाइट चलनी चाहिए, हर किसी की। अपना मोबाइल फोन से फ्लैश लाइट निकालिए.. और मैं जो बोलूंगा आपको हाथ ऊपर करके बताना है। आपको क्या बोलना है मैं बताता हूं। आपको बोलना है.. कमल चुनेगा राजस्थान.. अरे उत्साही नौजवानों पहले मेरी बात सुनो... कमल चुनेगा राजस्थान... क्या बोलेंगे...? क्या बोलेंगे...? क्या बोलेंगे...? तो मैं बुलवाता हूं...

ब्रज भूमि की बढ़ेगी शान................कमल चुनेगा राजस्थान
महाराजा सूरजमल का शौर्य महान.....कमल चुनेगा राजस्थान
युवा शक्ति का होगा सम्मान............कमल चुनेगा राजस्थान
बहन बेटियों का बढ़ेगा मान...............कमल चुनेगा राजस्थान
भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम................कमल चुनेगा राजस्थान
भरतपुर में बढ़ेगा पर्यटन का काम.......कमल चुनेगा राजस्थान

मेरे साथियों,
इतनी बड़ी सभा हो गई, और मैं ज्यादा समय से राजनीति में संगठन का काम कर रहा हूं। मेरे जीवन के काफी वर्ष संगठन के काम में गए हैं, लेकिन, अरे पहले सुनिए नौजवानों, अभी जरा 25 तारीख तक ऊर्जा बनाए रखो, कभी-कभी क्या होता है, चुनाव की सभाएं तो हो जाती है, लेकिन 11 बजे सुबह इतनी बड़ी सभा करना, ये लोहे के चने चबाने का काम होता है। आप सब भी संगठन के यहां कार्यकर्ता हैं मैं जानता हूं, बहुत मुश्किल काम होता है। लेकिन मैं आज यहां के हर कार्यकर्ता को जी भर के बधाई देता हूं कि सुबह 11 बजे इतनी बड़ी सभा कर दी, ये बहुत बड़ा काम किया है आपने। मैं यहां के जनता जनार्दन का भी सर झुकाकर के नमन करता हूं कि इतनी बड़ी तादाद में आकर के आशीर्वाद दे रहे हैं। और मैं देख रहा हूं जितने लोग पंडाल में उससे कहीं ज्यादा बाहर धूप में तप रहे हैं। जो लोग धूप में तप रहे हैं मैं उनसे क्षमा मांगता हूं, क्योंकि हमारी व्यवस्था कम पड़ गई, आपको धूप में तपना पड़ रहा है। लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आप जो धूप में तप रहे हैं, आपकी तपस्या बेकार नहीं जाने दूंगा.. विकास कर के लौटाऊंगा। अच्छा अभी मतदान का एक हफ्ता बाकी है तो कहीं ऐसा तो नहीं हो जाएगा ना.. कि यार चारों तरफ वाहवाही है, इतनी बड़ी सभा हो गई, चलो कल तो मैच देखेंगे, फिर परसो सिनेमा देखने जाएंगे...अभी कुछ करने की जरूरत नहीं है। अब थोड़े दिन सो जाएंगे.. ऐसा तो नहीं करोगे ना? कोई आराम नहीं करोगे ना? घर-घऱ जाओगे? बूथ में जाओगे? सफाई का काम करोगे? कमल खिलाओगे? हर बूथ में जिताओगे? भाइयों-बहनों एक और काम करना है करोगे? ये चुनावी काम नहीं है करोगे? देखो ठंडे पड़ गए। ये चुनावी काम नहीं है करोगे? ये मेरा निजी काम है करोगे? पर्सनल काम बताता हूं करोगे? सब करोगे? जो पीछे हैं जरा हाथ ऊपर करें वो भी करेंगे? जो धूप में खड़े हैं वो भी हाथ ऊपर करें आप भी करेंगे? तो मैं बताऊं काम, पक्का करोगे? अच्छा आप एक काम करना, घर-घर जाना, जाकर के नमस्ते करते हुए हर किसी को परिवार में कहना कि अपने मोदी जी भरतपुर आए थे, सबको बताना, अपने मोदीजी, प्रधानमंत्री मत कहना, मैं तो हर परिवार का बेटा हूं, जाकर के कहना अपने मोदी जी भरतपुर आए थे, उन्होंने आपको राम-राम कहा है। इतना कर दोगे? हर घऱ जाकर कह दोगे? जब आप उनको कहोगे ना कि अपने मोदी जी ने आपको राम-राम कहा है, हर परिवार मुझे आशीर्वाद देगा, हर परिवार मुझे आशीर्वाद देगा और हर परिवार जब मुझे आशीर्वाद देता है तो मेरी ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है, मेरा दौड़ने का हौसला बढ़ जाता है, दिन-रात काम करने का मन बना रहता है। ये आशीर्वाद एक बहुत बड़ी ऊर्जा है और इसलिए हर परिवार में जाकर के मेरा राम-राम कहना और वो आशीर्वाद मुझ मिल जाएगा। एक नई शक्ति के साथ आपके लिए जुटा रहूंगा। बोलिए भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...
बहुत-बहुत धन्यवाद

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!