The BJP government is boosting tourism in Uttarakhand, creating new job opportunities: PM Modi at Rishikesh rally
Uttarakhand, the land of Brahmakamal, awaits the blooming of the Panch-Kamal with full glory once again: PM Modi
It is Modi who has given more than Rs 1 lakh crore to ex-servicemen by implementing OROP: PM Modi
Congress opposes both development and heritage. They've even questioned the existence of Lord Ram: PM Modi taking a jibe against Opposition

भारत माता की जय।
सभी दाना सयांणु दीदी, भूली, चाचा, बडीयों तैं मेरू प्रणाम !
मां गंगा के सानिध्य में बसे, चार धाम के द्वार ऋषिकेश में इतनी विशाल संख्या में आप हमें आशीर्वाद देने आए हैं। मैं आप सबका बहुत-बहुत आभारी हूं। मैं उत्तराखंड आता हूं तो आपसे आशीर्वाद मांगने के साथ ही आप परिवारजनों के साथ पुरानी यादें भी ताज़ा कर लेता हूं। कल मैं भारत के दक्षिणी छोर पर, सागर तट पर बसे तमिलनाडु में था। वहां भी लोग कह रहे हैं- फिर एक बार मोदी सरकार ! आज हिमालय की गोद में, बाबा केदार और बद्री विशाल के चरणों में हूं।तो यहां भी वही गूंज है- फिर एक बार मोदी सरकार ! हमारे यहां उत्तराखंड में यह तो देवभूमि है, देवताओं का आह्वान करने की परंपरा है और हुड़का का नाद देवताओं का आह्वान करने में ऊर्जा देता है। आज मुझे भी जनता जनार्दन जो देवता रूपी है उनका आह्वान करने के लिए हुड़का का नाद बजाने का सौभाग्य मिला है।

साथियों,
ये गूंज इसलिए है क्योंकि देश के लोगों ने पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार का काम देखा है। आज देश में ऐसी सरकार है जिसने बीते 10 साल में भारत को पहले के मुकाबले कई गुना मजबूत कर दिया है। मेरी बात से आप सहमत हैं, सहमत हैं, पूरी तरह सहमत हैं।
जब-जब देश में कमजोर और अस्थिर सरकार रही है, तब-तब दुश्मनों ने फायदा उठाया है। जब भारत में कमज़ोर और अस्थिर सरकारें थीं, तब भारत में आतंकवाद ने पैर पसारे। आज भारत में मोदी की मज़बूत सरकार है, इसलिए आतंकवादियों को घर में घुसकर मारा जाता है। आज भारत में मजबूत सरकार है, इसलिए भारत का तिरंगा, युद्धक्षेत्र में भी सुरक्षा की गारंटी बनता है। ये भाजपा की मजबूत सरकार ही है, जिसने 7 दशक बाद जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 खत्म करने का साहस किया। ये भाजपा की मजबूत सरकार ही है, जिसने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया। ये भाजपा की मजबूत सरकार ही है जिसने महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण दिया। ये भाजपा की मजबूत सरकार ही है जिसने सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया।

साथियों,
कांग्रेस की सरकार होती तो वन रैंक वन पेंशन कभी लागू नहीं होती। मोदी ने ये गारंटी दी थी और इसे पूरा करके दिखाया। ये कांग्रेस थी, जो कहती थी कि वन रैंक वन पेंशन लागू करके हम पूर्व सैनिकों को 500 करोड़ रुपए देंगे। ये मोदी है जिसने वन रैंक वन पेंशन लागू करके पूर्वसैनिकों को एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा उनके बैंक खाते में पहुंचा दिए हैं। यहां उत्तराखंड में भी OROP के साढ़े 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा, सैनिक परिवारों को मिले हैं।

भाइयों और बहनों,
कांग्रेस के समय में तो जवानों के पास बुलेटप्रूफ जैकेट तक की कमी थी। दुश्मन की गोली से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं थे। ये भाजपा है जिसने भारत में बनी बुलेट प्रूफ जैकेट अपने सैनिकों को दी, उनके जीवन की रक्षा की। आज आधुनिक राइफल से लेकर लड़ाकु विमान और विमान वाहक पोत तक देश में ही बन रहे हैं। जो ज्यादा उत्साह और उमंग में हैं, उनसे मेरी प्रार्थना है कि साथियों यह जो ऊर्जा है ना वह हमें 19 तारीख तक काम में लगाए रखनी है। सारी ऊर्जा आज मत खर्च कर दीजिए। आपका यह प्यार आपका यह उत्साह मेरे सर आंखों पर है। उत्तराखंड वालों के लिए मैं आपका खुद का घर का हूं जी। मैं यहां बैठे-बैठे पुराने पुराने चेहरे देख रहा था। दूर से मुंडी हिलाकर उन्हें नमस्ते कर रहा था। आप लोगों से मेरा इतना निकट नाता रहा। दोस्तों यह मेरा सौभाग्य है और मैं कभी भी उत्तराखंड के प्यार को जीवन में भूल नहीं सकता हूं।

साथियो,
कांग्रेस की कमज़ोर सरकार, सीमाओं पर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बना पाई। आज देखिए, पूरी सीमा पर आधुनिक सड़कें बन रही हैं, आधुनिक सुरंगें बन रही हैं।

साथियों,
कुछ साल पहले बाबा केदार के दर्शन के बाद मेरे मुंह से अचानक ही निकला था कि ये दशक उत्तराखंड का दशक है। हमारी सरकार उत्तराखंड के सामर्थ्य का लगातार विस्तार करने में जुटी है। और इसमें बहुत बड़ी भूमिका पर्यटन की है। यात्रा की है, यात्रा धामों की है। ऋषिकेश तो आसपास के कई राज्यों के लोगों के लिए पर्यटन का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है। एक जमाना था जब योग की पूरी दुनिया में धूम नहीं थी। तब भी दुनिया के कई देश के लोग जिज्ञासु के नाते योग के लिए हमारे ऋषिकेश आया करते थे। मुझे याद है बहुत पुरानी घटना है। मैं एक बार यूएसए गया था। इतना इंटीरियर इलाके में मैं गया था कि मुझे कोई वेजीटेरियन खाना तलाश रहा था। मुझे कोई वेजीटेरियन खाने का आता पता नहीं मिल रहा था। इतने में एक छोटी सी दुकान में एक अमेरिकन नागरिक छोटी दुकान लेकर बैठा हुआ था। लेकिन उसके गले में तीन-चार रुद्राक्ष की माला थी तो मैं उसके पास चला गया तो उसने भी नमस्ते करके मेरा स्वागत किया। फिर मैंने उसको मेरी कठिनाई बताएं तो उसने कहा, आप चिंता मत कीजिए। मैं वेजिटेरियन हूं। मैं आपके लिए कुछ प्रबंध करता हूं और उसने मुझे अपने तरीके से मुझे कुछ वेजीटेरियन बना कर खिलाया। मुझे उससे बातें हुई कि आपने यह कहां से सीखा तो उसने कहा कि मैं बहुत सालों से ऋषिकेश आता जाता रहता हूं। इस कारण मेरी जिंदगी में यह बदला आया है। यह ताकत है इस भूमि की, यह समर्थ है इस भूमि का।

भाई और बहनों
पर्यटन के क्षेत्र में कोई ऐसा एडमिशन एडवेंचर टूरिज्म हो तो हमारा उत्तराखंड है। चाहे राफ्टिंग करने वाले युवा हों, या कैंपिंग और एडवेंचर में दिलचस्पी रखने वाले हों, या फिर.. आध्यात्म और योग में रूचि रखने वाले व्यक्ति हों, ऋषिकेश आकर हर कोई आनंद से भर जाता है। भाजपा सरकार उत्तराखंड के पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर तैयार कर रही है। इसके लिए हमारा फोकस इस बात पर है कि देश के किसी भी हिस्से से पर्यटकों के लिए उत्तराखंड के कोने-कोने तक पहुंचना आसान हो। इसके लिए हम देवभूमि में रोडवेज, रेलवेज और एयरवेज की लगातार सुविधा बढ़ा रहे हैं। यहां ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर तेज़ी से काम चल रहा है। दिल्ली से देहरादून की दूरी भी सिमट रही है। उत्तराखंड के जिन सीमावर्ती गांवों को कांग्रेस अंतिम गांव कहती थी, भाजपा उन्हें देश का पहला गांव मानकर विकास कर रही है।आप ने देखा होगा, मानस खंड के तीर्थ स्थानों जैसे आदि कैलाश, ओम पर्वत दर्शन के लिए हेलीकाप्टर सेवाएं शुरू हो गई हैं। यमुनोत्री, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोप-वे बनने से बहुत सुविधा हो जाएगी। सड़क के रास्ते जो दूरी तय करने में कई-कई घंटे लगते थे, उसे कुछ ही समय में पूरा कर लिया जाएगा। चार धाम परियोजना के तहत केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को लगभग 900 किलोमीटर लंबे हाइवे से जोड़ा जा रहा है। इन सब प्रयासों से श्रद्धालुओं को उत्तराखंड पहुंचने में काफी आसानी हो रही है। ये इसलिए हो पा रहा है, क्योंकि भाजपा की नीयत सही है। और जब नीयत सही होती है, तो नतीजे भी सही मिलते हैं।

साथियों,
2017 तक केदारनाथ में एक साल के भीतर करीब 5 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का रिकॉर्ड था। पिछले वर्ष करीब 20 लाख यात्री केदारनाथ के दर्शन के लिए आए। अगर पूरी चारधाम यात्रा की बात करें, तो पिछले वर्ष 55 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने उत्तराखंड की यात्रा की। पिछले वर्ष ही मैंने मानसखंड में आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा की थी। लोगों को हिमालय में स्थित ऐसी अलौकिक जगहों को देखने का अवसर मिला तो अब वहां भी सैकड़ों यात्री पहुंचने लगे हैं। पर्यटन का ये विस्तार, सिर्फ एक सेक्टर का विस्तार नहीं है। पर्यटन बढ़ने का मतलब है, रोजगार के ज्यादा से ज्यादा मौके।

साथियों,
उत्तराखंड में हो रहे इस विकास ने अब पलायन की खबरों को बीते दिन की बात बना दिया है। अब उत्तराखंड के स्टार्ट-अप्स की खबरें आती हैं। उत्तराखंड के नौजवानों ने एक हज़ार से अधिक स्टार्ट अप्स रजिस्टर किए हैं। इसमें भी लगभग आधे यानि करीब 500 स्टार्टअप्स का हमारी बेटियों नेतृत्व कर रही हैं। गर्व होता है इन बातों पर। मुद्रा योजना से लाखों नौजवानों को बिना गारंटी के ऋण मिले हैं। ये पैसा यहां टूरिज्म से जुड़े हुए काम जैसे होम स्टे, गेस्ट हाउस, दुकान-ढाबा बनाने में काम आ रहा है। जब कांग्रेस की सरकार थी, तो गरीब का, नौजवान का पैसा, बिचौलिए खा जाते थे। भाजपा सरकार, लोगों के हक का पैसा सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर रही है। उत्तराखंड के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का 2600 करोड़ रुपए से अधिक मिल चुका है। कांग्रेस की सरकार होती तो, ये सबकुछ लुट जाता। ये लूट मैंने बंद की है, इसलिए मोदी पर उनका गुस्सा सातवें समान पर है। इसलिए कुछ भी बोलते जा रहे हैं। आज मोदी कह रहा है भ्रष्टाचार हटाओ, वो कह रहे हैं भ्रष्टाचारी बचाओ। आप मुझे बताइए साथियों भ्रष्टाचार हमारे देश के लिए विनाशक है कि नहीं है। आपके लिए विनाशक है कि नहीं है। भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। इस देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए। क्या मेरे जैसे व्यक्ति ने ईमानदारी से कोशिश करनी चाहिए कि नहीं करनी चाहिए। इसलिए कितनी भी मुसीबतें झेलनी पड़ी। आपके आशीर्वाद बने रहेंगे ना, आपके आशीर्वाद बने रहेंगे ना, यह आपका आशीर्वाद है कि मैं इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हूं।

साथियों,
कांग्रेस के नेताओँ के लिए तो पहले दिल्ली का शाही परिवार और फिर अपना परिवार यही सबकुछ कांग्रेस की परंपरा में है। लेकिन मोदी के लिए तो आप सभी, मेरा भारत ही मेरा परिवार है।

भाइयों-बहनों,
मैंने अपनी जिंदगी का महत्वपूर्ण कालखंड देवभूमि में बिताया है। मैंने खुद देखा है... गढ़वाल हो या कुमाऊं, माताओं-बहनों का पूरा समय, लकड़ी, पानी और पशुओं के चारे के इंतज़ाम में ही बीत जाता था। अपनी बहनों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए हमने घर-घर सस्ता सिलेंडर पहुंचाया। जल जीवन मिशन के तहत भी उत्तराखंड में बहुत काम हुआ है। 2019 तक उत्तराखंड में 100 में से 9 परिवार के पास ही पानी की स्थिति थी। यानि एक प्रकार से 10 में से 1 के पास सुविधा थी। आज स्थिति बदल गई है। आज उत्तराखंड के 10 में से 9 परिवारों के घर नल से जल आता है। आपको अब राशन के लिए, दवा के लिए भी चिंता की जरूरत नहीं है। आने वाले 5 साल तक मुफ्त राशन मिलता रहेगा। अस्पताल में मुफ्त इलाज मिलता रहेगा। यहां उत्तराखंड को एम्स की सुविधा मिली है। गांव-गांव अच्छे अस्पताल- आयुष्मान आरोग्य मंदिर बन रहे हैं। धामी जी और उनकी सरकार मेहनत करके यहां बहुत शानदार काम कर रही है।

भाइयों और बहनों,
कांग्रेस विकास और विरासत, दोनों की विरोधी है। उत्तराखंड का कोई निवासी नहीं भूल सकता कि कांग्रेस ने प्रभु राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया है। ये कांग्रेस ही है जिसने पहले राम मंदिर का विरोध किया। जितने अड़ंगे डाल सकते थे डाले, अदालत में भी रूकावटें करने की कोशिश की लेकिन राम मंदिर बनाने वालों ने कांग्रेस के सारे गुनाह माफ करके उनके घर जाकर उनको निमंत्रण दिया, लेकिन इनका दिमाग कैसा है। पता नहीं घर जाकर निमंत्रण दिया गया था। प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा का अवसर था। उन्होंने उसका भी बहिष्कार कर दिया। अब तो कांग्रेस ने प्रण किया है कि हिंदु धर्म में जो शक्ति है, उसका विनाश करेंगे। ये कांग्रेस, शक्ति स्वरूपा मां धारी देवी, मां चन्द्रबदनी, मां ज्वाल्पा देवी की शक्ति को खत्म करना चाहती है। उत्तराखंड की आस्था को तबाह करने की जो साजिशें चल रही हैं, उसमें कांग्रेस की ये बात आग में घी का काम करेगी। उत्तराखंड की संस्कृति की रक्षा करना हम सभी का दायित्व है। आपको भूलना नहीं है कि ये वही कांग्रेस है जो कहती रही है कि हर की पौड़ी मां गंगा के किनारे पर नहीं, बल्कि एक नहर के किनारे बसी है। अब ये गंगा जी के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं। इन्हें उत्तराखंड के लोग सबक सिखाकर रहेंगे।

साथियों,
उत्तराखंड की पहचान ब्रह्मकमल से जुड़ी हुई है। ये धरती ब्रह्मकमल की धरती है।
इसलिए इस बार भी यहां पूरी शान से पंच-कमल खिलने चाहिए। खिलेंगे, और ये पांचो कमल इसलिए खिलाने हैं क्योंकि हम विकसित भारत का संकल्प लेकर चले हैं। और विकसित भारत के संकल्प के लिए विकसित उत्तराखंड या हमारी प्राथमिकता है।

भाइयों बहनों
इस काम के लिए मेरा पल-पल आपके नाम है। मेरा पल-पल देश के नाम है और मेरी गारंटी है। 24/7, 24/7 for 20 47 यह मोदी की आपको गारंटी है। 19 अप्रैल को,
टिहरी-गढ़वाल से बहन माला राज्य लक्ष्मी शाह, गढ़वाल से अनिल बलूनी जी, और हरिद्वार से त्रिवेंद्र जी को हर बूथ पर विजयी बनाना है। लेकिन मेरी अपेक्षा ज्यादा है, इस चुनाव में मेरी यही चुनौती है आपको, पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ने हैं। हर पोलिंग बूथ को जीतना है, जीतोगे। अपना पोलिंग बूथ जीतोगे। चुनाव का काम तो करोगे ही करोगे, मेरा काम करोगे। मेरा काम है पर्सनल चुनाव वाला काम नहीं है करोगे। ये मोदी का काम है करोगे। देखिए हमारे यहां देवताओं का महिमा होता है और यह नवरात्रि का पर्व चल रहा है। रामनवमी भी आने वाली है। मेरा एक काम करोगे। मेरा काम करोगे। गांव-गांव जाकर सभी देवताओं के सामने मेरी तरफ से माथा नवा करके प्रणाम करना है, करोगे। दूसरा काम घर-घर जाना और हर घर जा करके सभी बड़े बुजुर्गों को कहना है कि मोदी जी ऋषिकेश के आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम भेजा है। राम-राम कहा है, ये मेरा राम-राम पहुंचाओगे। मेरा प्रणाम पहुंचाओगे। जब घर घर जाकर के माता-बहनों-बुजुर्गों को मेरा प्रणाम कहोगे। तो वह मुझे आशीर्वाद देंगे और वह आशीर्वाद मेरे लिए ऊर्जा है। मां भारती की सेवा करने की ऊर्जा है। और आशीर्वाद आपके लिए जीने की, आपके लिए जूझने की, आपके लिए जीवन खपाने की बहुत बड़ी प्रेरणा है। इसलिए घर-घर जाकर जरूर बताइए की मोदी जी ऋषिकेश के आए थे। आपको राम-राम कहा है, अपने मोबाइलल की फ्लैश लाइट चालू करके आप जरा इस बात को अनुमोदन दीजिए।
हरेक की मोबाइल की फ्लैश लाइट चालू कीजिए। आप सब घर-घर जाएंगे, मेरा राम-राम पहुंचाएंगे। 19 तारीख को गर्मी कितनी भी पड़े मतदान कराएंगे। हर बूथ को जीतेंगे। मेरे साथ बोलिए,
भारत माता की जय
भारत माता की जय
भारत माता की जय
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!