I will put all my strength into making Bengal developed: PM Modi in Mathurapur, West Bengal
TMC only has one weapon left, 'Eta hote debo na’: PM Modi in West Bengal
TMC doesn’t care about you: PM Modi in Mathurapur, West Bengal
TMC insults institutions like ISKCON, Ramakrishna Mission, & Bharat Sevashram: PM in Mathurapur, WB

जय माँ दुर्गा। जय माँ काली॥

मथुरापुरेर पोबीत्रो भूमि के आमी प्रोणाम जानाई।

मैं पवित्र गंगासागर को प्रणाम करता हूँ। इस पवित्र तीर्थ में आप सभी का, माताओं बहनों का ये अनंत आशीर्वाद बताता है...बीजेपी की विजय कितनी प्रचंड होने जा रही है। मुझे बताया गया कि परसों साइक्लोन के कारण यहां बहुत बारिश हुई, मंडप बनाना भी मुश्किल था, जगह भी तय होना मुश्किल था कि कहां पर कार्यक्रम करेंगे। आखिर-आखिर में कुछ ही घंटों में आप लोगों ने खुले में कार्यक्रम करने के लिए हिम्मत दिखाई और सूर्य देवता ने भी कृपा कर दी। इतने कम घंटों में इतनी बड़ी रैली की योजना बनाना, मैं आप सबको हृदय से धन्यवाद देता हूं। ये तब संभव होता है जब जनता-जनार्दन खुद चुनाव की बागडोर संभाले हुए हो। जनता-जनार्दन चुनाव का नेतृत्व करती हो, तब ऐसा दृश्य बनता है। मैं आज आप सबको शत-शत नमन करता हूं। मैं आज आपके साथ ही कोलकाता के भी लोगों का आभार व्यक्त करूंगा। कल शाम कोलकाता के लोगों ने रोड शो में और उसके पहले और उसके बाद भी जो प्रेम दिया, जो स्नेह दिया, जो आशीर्वाद दिए मैं ये दृश्य कभी भूल नहीं सकता हूं। मैं कोलकातावासियों का भी इतना लगाव, इतना उत्साह-उमंग, इतना भरपूर आशीर्वाद, जी भर कर आज मैं उनका धन्यवाद करता हूं।

साथियों,

आपका ये स्नेह साफ-साफ संदेश दे रहा है- फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार! आबार एकबार, मोदी शोरकार, आबार एकबार, मोदी शोरकार, आबार एकबार, मोदी शोरकार।

साथियों,

चौबीस के इस चुनाव में...बंगाल में ये मेरी आखिरी सभा है। इसके बाद मैं ओडिशा चला जाउंगा और आखिरी दिन मैं पंजाब में बिताऊंगा। एक प्रकार से कल शाम को प्रचार पूरा हो जाएगा। उस अर्थ में बंगाल की ये मेरी, 2024 के चुनाव की आखिरी सभा में इस पवित्र मिट्टी के दर्शन करने का मौका मिला है, आपके उत्साह और उमंग को अनुभव करने का मौका मिला है। 2024 का ये लोकसभा चुनाव कई मायनों में अलग है, अद्भुत है। ये चुनाव खुद आगे बढ़कर..देश के राजनीतिक दल नहीं...देश के राजनेता नहीं...देश की जनता ने उसकी बागडोर संभाले हुई है। इस चुनाव का नेतृत्व देश की जनता कर रही है, क्योंकि उसी जनता ने 10 साल की विकास यात्रा भी देखी है....और 60 वर्षों की दुर्गति भी देखी है। आप याद करिए...देश के करोड़ों गरीब जीवन की मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे। भारत जैसे देश में भुखमरी की खबरें आम होती थीं। करोड़ों लोगों के सर पर छत नहीं थी। महिलाएं खुले में शौच के लिए मजबूर थीं....पीने के लिए पानी नहीं...18 हजार गाँवों में बिजली नहीं....उद्योगों के लिए संभावनाएं नहीं...ये तो एक दृश्य...सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये भी था कि सुधार के लिए चर्चा भी नहीं होती थी....परिवारवाद की राजनीति ने करोड़ों युवाओं के सपने मार दिये थे। पांच-पांच पीढ़ी को आजाद हिंदुस्तान में तबाह कर दिया गया...उनके सपनों को रौंद दिया गया...उनकी आशा-आकांक्षाओं को मिट्टी में मिला दिया गया। जो देश हमारे साथ आज़ाद हुए थे...हमसे छोटे थे..सामान्य थे.. वो कहाँ से कहां पहुँच गए! हमारे पास इतना टैलेंट…..इतना स्किल और सामर्थ्य....युवा आबादी की बढ़त....लेकिन हम पीछे छूटते चले गए। वही भारत आज जब नई रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, तो पूरी दुनिया देख रही है। आज पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। बज रहा है कि नहीं बज रहा है...पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है..अमेरिका में भारत का डंका बज रहा है..यूरोप में बज रहा है...ऑस्ट्रेलिया में बज रहा है..जापान में बज रहा है। ये किसने किया.... किसने किया.... किसने किया....ये सब हुआ है आपके एक वोट की ताकत से...ये आपका वोट जिसने मोदी को मजबूत बनाया और मोदी की मजबूत सरकार ने दुनिया में भारत का झंडा फहरा दिया। ये ताकत मोदी की नहीं...ये ताकत आपके एक वोट की है। हमने 10 साल में 4 करोड़ गरीबों को घर दिये। 12 करोड़ से ज्यादा घरों तक पानी पहुंचाया। हर गाँव तक बिजली पहुंचाई। आज हम विश्व की पाँचवी बड़ी अर्थव्यवस्था हैं।

हम तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। अब भारत विकसित भारत बनने की राह पर चल पड़ा है। अब आने वाले 5 साल स्वर्णिम भारत के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। ये एक बहुत बड़ा टर्निंग पॉइंट है। और इसकी शुरुआत 4 जून को होने जा रही है।

साथियों,

विकसित भारत के लिए विकसित बंगाल का निर्माण जरूरी है। ये तभी होगा जब आप ऐसे एमपी चुनें जो इस विजन को लेकर चलें। इसलिए मुझे बंगाल से ज्यादा से ज्यादा आप कमल जीता कर भेजेंगे इसका आशीर्वाद चाहिए। आप ज्यादा से ज्यादा बीजेपी के एमपी चुनकर भेजें इसके लिए मैं आशीर्वाद मांगने आया हूं। मैं आपको ये भरोसा देता हूँ.... मैं आपको गारंटी देता हूं कि मैं विकसित बंगाल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा दूंगा।

साथियों,

TMC और इंडी जमात वाले बंगाल को विपरीत दिशा में लेकर जा रहे हैं। BJP पर बंगाल के लोगों का प्यार TMC को बर्दाश्त नहीं हो रहा...इसलिए TMC, बुरी तरह बौखलाई हुई है...क्या-क्या बोलते हैं...बंगाल के प्रति नफरत से भरी हुई TMC के पास एक ही हथियार बचा है...एक ही हथियार...- एटा होते देबो ना! विकास के जो काम मोदी करता है...TMC कहती है- एटा...होते देबो ना!... एटा... होते देबो ना! हमने महिलाओं की सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन बनाई। TMC सरकार कहती है- एटा... होते देबो ना! एटा...होते देबो ना! हम देश की हर महिला को उज्ज्वला सिलिंडर दे रहे हैं। बंगाल सरकार लाखों एप्लिकेशन लटकाए हुए है। TMC का कहना है- एटा होते देबो ना! मोदी ने हर गरीब को मुफ्त इलाज की गारंटी दी। अब हम 70 वर्ष से अधिक उम्र के हर बुजुर्ग को बीमारी में मुफ्त इलाज देंगे। लेकिन TMC बंगाल में आयुष्मान योजना नहीं लागू होने दे रही। TMC कह रही है- एटा...होते देबो ना!

साथियों,

TMC की जिद का बहुत बड़ा नुकसान इस क्षेत्र में लाखों फिशरमेन को हो रहा है। केंद्र सरकार मछुआरे भाई-बहनों के लिए इतनी योजनाएं चला रही है। हमने मत्स्यपालकों को...फिशरमैन को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी। यहां रायदिगी में हमने फिश कल्चर सेंटर दिया। हमने पीएम मत्स्य सम्पदा योजना शुरू की...इसके लिए 20 हजार करोड़ से ज्यादा का फंड दिया। लेकिन, TMC सरकार का यहां भी वही रवैया- एटा होते देबो ना! TMC बंगाल में फिशिंग से जुड़े केंद्रीय कानून लागू नहीं होने दे रही। इससे फिशरमेन को insurance क्लेम लेने में दिक्कत आ रही है। बीमा नहीं मिल रहा है। लेकिन, TMC वालों को आपकी चिंता नहीं है। इनको तो अपने तोलाबाजों और कटमनी सिस्टम से मतलब है। ऐसी TMC को जरा आप पूरी ताकत से बता दीजिए...पूरा देश आपको देख रहा है...क्या ऐसी टीएमसी को आप सजा देंगे..कड़े से कड़ी सजा देंगे...हर पोलिंग बूथ पर सफाया कर देंगे।

साथियों,

इस क्षेत्र में नदी कटान रोकने के लिए हमारी सरकार पैसा भेजती है। वो पैसा TMC खा गई। इनका एक ही एजेंडा है....इनको हर चीज में- काटमानी चाई! इनको तो काटमानी चाई! गरीबों के राशन में, पीएम-आवास में…यहाँ तक की बच्चों के मिडडे मील तक में इनको.... काटमानी चाई!...काटमानी चाई!

साथियों,

TMC बंगाल के लोगों से इतनी चिढ़ी हुई है। TMC बंगाल की पहचान को खत्म करने में लगी है। ये बंगाल के मठों को, साधु संतों तक को नहीं छोड़ रहे। TMC इस्कॉन, रामकृष्ण मठ और भारत सेवाश्रम जैसी संस्थाओं को गाली दे रही है। इसके गुंडे मठों पर हमला कर रहे हैं। राममंदिर 500 साल बाद...अयोध्या में प्रभु राम का मंदिर बना...जय श्री राम... जय श्री राम... जय श्री राम। राम मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है...TMC के लोग राममंदिर को अपवित्र बताते हैं। ऐसी TMC कभी बंगाल की संस्कृति की रक्षा नहीं कर सकती।

भाइयों बहनों,

अब तो TMC सरकार तुष्टीकरण के लिए देश के संविधान पर भी खुलकर हमला करने लगी है। हमारे संविधान ने आरक्षण दलितों और पिछड़ों को दिया है....लेकिन, बंगाल में उस आरक्षण की खुली लूट हो रही है। मुस्लिमों के फर्जी OBC सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं। OBC समाज का हक छीनकर मुसलमानों को दिया जा रहा है। कोलकाता हाइकोर्ट ने ये फर्जी सर्टिफिकेट रद्द किए...

TMC हाइकोर्ट का आदेश टाल नहीं सकती...लेकिन मुसलमानों से झूठ बोल रही है...भ्रम फैला रही है...आप कल्पना करिए...तुष्टिकरण के लिए ये लोग किस सीमा तक जाने को तैयार हैं! 1 जून को आपका एक वोट इन खतरनाक इरादों को रोकेगा। हम सुरक्षित और विकसित बंगाल की नई यात्रा शुरू करेंगे।

साथियों,

आज बंगाल के युवाओं को मिलने वाले अवसर घुसपैठिए छीन रहे हैं। आपकी जमीन जायदाद पर भी वो लोग कब्जा कर रहे हैं। पूरा देश चिंतित है...बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में डेमोग्राफी बदली गई है। इन लोगों ने CAA का इतना विरोध क्यों किया? CAA को लेकर इतना झूठ क्यों बोला... इतना झूठ क्यों फैला रहे हैं? क्योंकि, बंगाल में इन्हें अवैध घुसपैठियों को बसाना है। जो हिन्दू शरणार्थी हैं...जो मतुआ समाज के लोग हैं....TMC उन्हें यहाँ नहीं रहने देना चाहती है। लेकिन, आप चिंता मत करिए...4 जून के बाद TMC के इन सारे हथकंडों की हवा निकलने जा रही है। हमारे मतुआ समाज, नामशूद्र समाज को उसके अधिकार मिल करके रहेंगे। ये मोदी की गारंटी है। सभी शरणार्थियों को आन-बान-शान के साथ भारत की नागरिकता मिलेगी। ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

TMC ने बंगाल और इस क्षेत्र को विकास से वंचित रखा है। लोग भी समझ चुके हैं... ईमानदारी से विकास, ये केवल बीजेपी कर सकती है। हमने यहाँ 2 फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लगवाई हैं। हम कोलकाता पोर्ट के कन्जेशन को भी कम करने के लिए काम कर रहे हैं। आप बीजेपी को बंगाल में मजबूत करिए...आपकी हर अपेक्षा बीजेपी ही पूरा करेगी।

साथियों,

इस बार आपका वोट देश की राजनैतिक दिशा भी बदलने का काम करेगा। 4 जून के बाद... अगले 6 महीनों में देश में बहुत बड़ा राजनैतिक भूचाल आने वाला है। ये परिवारवादी पार्टियां अपने आप बिखरने लगेंगी। इनके कार्यकर्ता भी अब थक चुके हैं। वो भी देख रहे हैं कि देश किधर जा रहा है...और, ये पार्टियां किधर जा रही हैं...

साथियों,

हमारे साथ यहाँ मंच पर बीजेपी के तीन प्रत्याशी उपस्थित हैं। मथुरापुर से श्री अशोक पुरकैत जी, जयनगर से डॉक्टर अशोक कंडारी जी, और डायमंड हार्बर से श्री अभिजीत दास बॉबी जी, मेरा आग्रह है, इन्हें भारी बहुमत से विजयी बनाएं। इन्हें दिया हुआ आपका वोट...मेरी शक्ति बढ़ाएगा। मैं रविंद्र नाथ ठाकुर को याद करते हुए अपनी बात समाप्त कर रहा हूं...और मैं बंगाल के लोगों का भी जो उत्साह, उमंग दिया है, उसके लिए आभार व्यक्त करते हुए..ये इस चुनाव की अंतिम सभा का आखिरी दौर है। गुरुदेव रविंद्रनाथ ने कहा था, ओ आमार देशेर माटी, तोमार पोरे थेकै माथा, तोमाते विश्वमोइर, तोमाते विश्वमायेर आंचल पाता ओगो माँ, तोमार कोले जनोम आमार, मरोन तोमार बुके तोमार पोरे खेला आमार दुक्खे-सुक्खे। बोलिए...भारत माता की जय...भारत माता की जय...भारत माता की जय।

वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे...।

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।