QuoteModi is tirelessly working day and night to change your lives: PM Modi at Dharashiv rally
QuoteSerious allegations have been made against the Congress Party and its members for creating fake videos: PM Modi against the Opposition

भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।

महाराष्ट्राची कुलस्वामिनी आई तुलजाभवानी ला नमन करतो !

मां तुलजाभवानी ने यहां छत्रपति शिवाजी महाराज को विजयी होने का आशीर्वाद दिया था। और आज मैं भी इस धरती पर जनता जनार्दन से आशीर्वाद लेने आया हूं। आशीर्वाद शक्तिशाली भारत के लिए...आशीर्वाद विकसित भारत बनाने के लिए...आपका ये आशीर्वाद ही गारंटी दे रहा है-फिर एक बार...मोदी सरकार! फिर एक बार...मोदी सरकार! फिर एक बार...मोदी सरकार!

भाइयों और बहनों,

ये चुनाव भारत के स्वाभिमान का है। आपने 10 साल पहले का समय देखा है। आप आज का समय भी आप देख रहे हैं। आज दुनिया, उस भारत को जानती है... जो दुनिया के विकास को गति दे रहा है। जिसका चंद्रयान वहां पहुंचाता है, जहां कोई नहीं पहुंचा। जो एक साथ 100 सैटेलाइट भेजता है। जो गगनयान को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। वो भारत जिसने अपनी मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन बनाई... वो भारत जिसने दुनिया के करोड़ों लोगों की जान बचाई। वो भारत जो बड़े से बड़े युद्ध से गोलाबारी के बीच से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकाल लाता है। भाइयों-बहनों पहले ऐसा कभी होता था। पहले आतंकी हमला करके भाग जाते थे… कांग्रेस की सरकार रोती रहती थी, दुनियाभर में जाकर कहती थी बचाओ... बचाओ। पहले जिसे देखो वो भारत को आंख दिखा देता था। और कांग्रेस की सरकार क्या करती थी? अमन की आशा का राग अलापती थी। अब आप मुझे बताइए, जो सरकार खुद ही कमजोर हो, वो देश कैसे मजबूत बनाती। क्या कमजोर सरकार मजबूत देश बना सकती है? जिसका खुद का ठिकाना ना हो कि ना जाने कब गिर जाएगी, वो कांग्रेस सरकार भारत को नई ऊंचाई दे सकती है?

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस पार्टी की एक पहचान रही है- विश्वासघात, विश्वासघात, विश्वासघात। मराठ-वाड़ा की इस धरती को भी कांग्रेस ने एक ही चीज दी है...विश्वासघात, विश्वासघात, विश्वासघात। कांग्रेस 60 साल तक सत्ता में रही, लेकिन किसान के खेत में पानी नहीं पहुंचा पाई। आप मुझे बताइए, मराठ-वाड़ा वॉटर ग्रिड परियोजना को किसने रोका था? ऐसे नहीं चलेगा भाई। आपको जवाब देना पड़ेगा। किसने रोका था। जलयुक्त शिवार योजना को किसने रोका था? जिन्होंने आपका पानी रोका, आप उनको वोट देंगे क्या?

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साथियों,

ये मोदी है। मोदी समस्याएं टालता नहीं, उनसे टकराता है। हर घर पानी पहुंचाना...हर खेत पानी पहुंचाना...ये मोदी का मिशन है। अभी तो मोदी को 10 साल ही हुए हैं। 10 साल में पानी के लिए जितना काम मोदी ने किया है...उतना कांग्रेस अपने 60 साल में नहीं कर पाई। सिर्फ 5 साल में...ध्यान दीजिए...सिर्फ 5 साल में...5 साल में मोदी ने महाराष्ट्र के 75 लाख से ज्यादा घरों को नल कनेक्शन से जोड़ा है। मोदी ने हर खेत तक पानी लाने का भी बीड़ा उठाया हुआ है। यहां महाराष्ट्र में कांग्रेस ने 26 सिंचाई परियोजनाएं दशकों से लटका कर रखी थीं। अब कांग्रेस नेताओं के बंगले में, इंडी अघाड़ी वालों के बंगले में तो पानी आता था। वो आपकी चिंता क्यों करते? इसलिए उन्होंने आपको अपने हाल पर छोड़ दिया था। कांग्रेस ने जिन सिंचाई योजनाओं को दशकों तक अधूरा रहने दिया, उन्हें अब मोदी पूरा कर रहा है। इसके अलावा भी मोदी नई सिंचाई परियोजनाएं शुरू करवा रहा है। यहां हमारे साथी एकनाथ जी, देवेंद्र जी, अजीत दादा के नेतृत्व में इसके लिए बहुत तेजी से काम हो रहा है।

साथियों,

किसानों से विश्वासघात का कांग्रेस का एक और तरीका रहा है। ये तरीका है- झूठे पैकेज देने का। इस पैकेज का लाभ असली किसान तक पहुंचता ही नहीं था। फिर ये पैसा कहां जाता था? ये पैसा कांग्रेस का पंजा छीन लेता था। मोदी ने ये खेल भी बंद कर दिया है। आप सबको पीएम किसान सम्मान निधि के बारे में पता है। इससे 3 लाख करोड़ रुपए देश के किसानों को मिले हैं। यहां धाराशिव के किसानों के खाते में भी 800 करोड़ रुपए NDA सरकार ने भेजे हैं। और आप मुझे बताइए, एक भी पैसे की लूट हुई क्या?

साथियों,

कांग्रेस की सरकार थी, तो किसानों के हिस्से की खाद भी, फर्टिलाइजर भी लुट जाती थी। केमिकल की फैक्टरियों में चली जाती थी। किसानों को यूरिया के लिए लाठियां खानी पड़ती थीं। लेकिन 10 सालों में किसानों को हमने यूरिया की कमी नहीं आने दी। पिछले साल ही हमने खाद पर ढाई लाख करोड़ रुपए की सब्सीडी दी है। यूरिया की जो बोरी 3 हजार रुपए की पड़ती है, वो आपको मोदी 300 रुपए से भी कम कीमत में दे देता है। और मोदी सिर्फ इतने पर ही नहीं रुका है। आपने नैनो यूरिया और नैनो डैप के बारे में भी सुना होगा। हमारे वैज्ञानिक एक बोरी खाद की, एक बोरी यूरिया की ताकत अब एक बोतल में ले लाए हैं। जो काम एक बोरी यूरिया करता है, एक बोतल नैनो यूरिया करता है। ये आपके बहुत काम आने वाली है। साथियों, अब सूखा हो, ओला वृष्टि हो, बारिश हो, हमारे किसानों पर मौसम की तरह-तरह से मार पड़ती रही है। पहले ऐसे किसानों को सौ तरह की मुश्किलें आती थीं। ऐसे किसानों को पीएम फसल बीमा योजना से बड़ी मदद मिली है। उन्हें बहुत मामूली प्रीमियम के बदले डेढ़ लाख करोड़ रुपए का क्लेम मिला है।

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साथियों,

आज कांग्रेस के लोग, अघाड़ी के लोग, किसानों के लिए बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। लेकिन इन्होंने किया क्या, आज जरा मैं इनका कच्चा चिट्ठा भी खोलना चाहता हूं। मैं हमारे सोयाबीन किसानों से कहूंगा कि मेरी बात ध्यान से सुनें। 2014 से पहले 10 सालों में सिर्फ 12 हजार करोड़ रुपए का दलहन-तिलहन, कांग्रेस सरकार ने खरीदा। जबकि बीते 10 सालों में मोदी सरकार ने कितनी खरीद की? हमने करीब सवा लाख करोड़ रुपए दलहन-तिलहन किसानों को MSP के रूप में पहुंचाए हैं। यानि NDA ने दलहन-तिलहन के किसानों को कांग्रेस के मुकाबले 10 गुना ज्यादा पैसा दिया है। और ये तो सिर्फ ट्रेलर है। अब मोदी का मिशन, देश को दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर बनाने का है। आपको पता है ना...दाल और तेल खरीदने के लिए हर साल हमारा देश हज़ारों करोड़ रुपए विदेश भेजते हैं। मोदी ने ठान लिया है कि वो पैसा विदेश नहीं जाएगा मेरे किसानों की जेब में जाएगा। इसलिए हम भारत को आत्मनिर्भर बना रहे हैं।

साथियों,

ये हमारा महाराष्ट्र तो सहकारिता की धरती है। NDA सरकार, खेती में सहकारिता का दायरा बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। बीते 10 साल में 8000 से ज्यादा किसान उत्पाद संघ-FPO बने हैं। हमने एक और बड़ा काम किया है। हमने दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना बनाई है। इसके तहत देश में हजारों गोदाम बनाए गए हैं। और इसका जिम्मा भी सहकारी संस्थाओं को दिया है। साथियों, इस क्षेत्र में ज्वार की पैदावार होती है। मोदी ने इस मोटे अनाज यानि मिलेट्स को श्रीअन्न के नाम से पहचान बनाई है। मोदी ने संकल्प लिया है, आपका जो ये श्री अन्न है, उसे दुनिया के कोने-कोने में डायनिंग टेबल पर पहुंचाउंगा। इसका बहुत बड़ा लाभ ये हमारे छोटे किसानों को मिलेगा, जो ज्वार पैदा करते हैं। आपको खुशी होगी भाई जब काम करते हैं तो प्रभाव कैसा होता है। अभी कुछ समय पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ने मुझे अमेरिका आने का निमंत्रण दिया। और उनके व्हाइट हाउस में बहुत बड़ा भोज समारोह किया। मैं हिंदुस्तान का पहला प्रधानमंत्री था जिसके लिए इतना बड़ा समारोह हुआ। लेकिन मजा इस बात की है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने उस रात को भोजन में सबके टेबल ये हमारा श्रीअन्न मिलेट्स परोसा था सबको। ये सुपरफूड के रूप में आज दुनिया में जानने लगे हैं लोग।

साथियों,

मोदी दिन-रात काम करता है आपका जीवन बदलने के लिए। आपका जीवन बदलने के लिए दिन रात एक कर देता हूं। ये इंडी अघाड़ी वाले मोदी को बदलने में पूरी ताकत लगा रहे हैं। मैं आपका जीवन बदलना चाहता हूं, वो मुझे बदलना चाहते हैं। जिनके घोटाले मैंने रोके हैं, वो मोदी पर गुस्सा करेंगे, ये बहुत स्वाभाविक है। वो मोदी को गालियां देते फिरंगे, अनगिनत झूठे आरोप लगाएंगे, और आजकल ये दिन-रात मोदी को गाली देने में लगे हैं। देश के लिए क्या करेंगे, उसके लिए कुछ नहीं है। मोदी को मारो, मोदी को पीटो, मोदी को गाली दो। और ये लोग आपको कैसे-कैसे डरा रहे हैं। कभी कहते हैं मोदी आया तो लोकतंत्र चला जाएगा। कभी कहते हैं तो संविधान को खतम कर देगा, आरक्षण छीन लेगा। ऐसा झूठ बोलने की जरूरत क्या पड़ गई भाई आपको। क्या आपके पास सच बोलने के लिए कोई जगह नहीं बची। साथियों, आज पार्लियामेंट हो या असेंबली, एससी-एसटी-ओबीसी सबसे ज्यादा एमएलसी बीजेपी-एनडीए के, सबसे ज्यादा एमएलए बीजेपी-एनडीए के, सबसे ज्यादा एमपी बीजेपी-एनडीए के। अब उनको लगा ये भी चले गए। ये आज इसलिए दलित, आदिवासी, पिछड़े ये हमारा समर्थन इसलिए कर रहे हैं कि हम जीजान से उनके कल्याण के लिए खप रहे हैं। अब इनकी हालत ये है, झूठ नहीं चलता है तो हमारा चेहरा उपयोग करके, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग करके उनकी मोहब्बत की दुकान में फेक वीडियो बिकने लगे हैं। ये फेक वीडियो बना रहे हैं, मोदी के भाषण को, मोदी की आवाज का उपयोग करके नई-नई चीजें गढ़ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इतनी कंगालियत पर पहुंच गई है, उसको पराजय का भय इतना सता रहा है। और कांग्रेस वाले लिख लो, आप लाख कोशिश करो, मुझे बताइए भाई, हमारे देश में किसी भी पार्टी को सरकार बनानी है तो 272 से ज्यादा सीटें चाहिए कि नहीं चाहिए। किसी को भी बहुमत चाहिए तो 272 से ज्यादा सीटें चाहिए कि नहीं चाहिए। ये इनका पूरे गठबंधन में एक भी पार्टी नहीं है जो 272 से ज्यादा चुनाव लड़ती हो। जिनका चुनाव में लड़ने के लिए जगह नहीं है, वो देश पे कब्जा जमाने के सपने देख रहे हैं। भाइयों-बहनों,ये झूठ की दुकान वाले, ये जो फेक वीडियो निकाल करके तालियां बजा रहे हैं, ये इनकी दुकानें बंद होनी चाहिए।

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साथियों,

कांग्रेस की एक और चाल से आपको बहुत सावधान रहना है। कांग्रेस की नजर अब आपकी मेहनत की कमाई पर पड़ गई है। आप सबको मालूम है, हमारे देश में हर मां-बाप जीवनभर मेहनत करके कमा करके बचाने का प्रयास करता है। छोटी आय वाला भी मां-बाप होगा न वो भी कुछ बचाने की कोशिश करता है। उसके मन में एक ही बात रहती है कि मरने के बाद संतानों को कुछ देकर के जाना है। अब कांग्रेस पार्टी ने ये मन बना लिया है और उनके फिलॉसफर ने तो घोषणा भी कर दी है कि वो ऐसा कर लगाएंगे, ऐसा टैक्स लगाएंगे कि अब आप जो कमाया हुआ धन है, आपके पास जो स्त्रीधन पड़ा हुआ है, जो मंगलसूत्र पड़ा हुआ है। अब वो आप अपने बच्चों को नहीं दे पाएंगे। आधे से ऊपर ये कांग्रेस की सरकार मार लेगी। बोले एक्स-रे करेंगे। मोदी 4 करोड़ गरीबों को पक्के घर दे चुका है। मोदी ने 3 करोड़ नए घर बनाने की गारंटी दी है। मोदी स्वामित्व योजना से जमीन के कानूनी दस्तावेज़ दे रहा है, ताकि आपकी संतान संपत्ति के झगड़े में न डूबे, परेशानी न हो, उसका मालिक का हक बन जाए। लेकिन कांग्रेस क्या कह रही है? कांग्रेस कह रही है कि वो आपके घर और जमीनों पर छापा मारकर उसका आधा हिस्सा आपसे छीन करके अपने वोटबैंक में बांट देगी। और कांग्रेस के इरादे बहुत खतरनाक हैं। यहां जो रैली में हमारी माताएं-बहनें आई हैं, वो भी सुन लें। कांग्रेस, महिलाओं के गहने और मंगलसूत्र छीनने की तैयारी करके बैठी है। क्या यहां बैठी मेरी माताएं-बहनें ऐसी कांग्रेस को कभी स्वीकार कर सकती है क्या?

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस वो पार्टी है, जिसे भारत की विरासत से भी समस्या है। आज 500 साल बाद, अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन गया है। आज पूरी दुनिया से राम भक्त अयोध्या जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस ने, नकली शिवसेना और नकली राष्ट्रवादी ने प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भी ठुकरा दिया। ऐसे लोग क्या आपके वोट के हकदार हैं? साथियों, NDA सरकार, भारत की विरासत को पूरी शान से अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में जुटी है। यहां, मां तुलजाभवानी के मंदिर के विकास के लिए महायुती की सरकार पूरे भक्ति भाव से काम कर रही है। ये मंदिर संभाजीनगर-सोलापुर हाइवे से जुड़ चुका है। तुलजाभवानी के मंदिर को शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। यहां लातूर से टेंभुणी के बीच भी महामार्ग बनाया जा रहा है। सोलापुर-तुलजापुर-धाराशिव का रेल मार्ग भी जल्दी पूरा हो जाएगा। इससे आपका शहर बहुत बड़ा जंक्शन हो जाएगा।

साथियों,

एक जमाना था, जब धाराशिव से सिर्फ एक ट्रेन चलती थी, आज ये संख्या दो दर्जन तक पहुंच रही है। लातूर की रेल कोच फैक्ट्री हो या फिर टेक्सटाइल पार्क इससे बड़ी संख्या में रोजगार भी पैदा हो रहा है। साथियों, ऐसे हर काम और जल्दी से जल्दी उसके फल आपको मिले, इसके लिए 7 मई को भारी संख्या में बहन अर्चना पाटिल के पक्ष में मतदान करना है। और जब आप बहन अर्चना जी को वोट देंगे न, वो वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। वो वोट मोदी को मजबूती देगा। तो आप ज्यादा से ज्यादा मतदान करेंगे। कितनी भी गर्मी हो, मतदान करेंगे, ज्यादा से ज्यादा बूथ जीतेंगे। भारी बहुमत से जीतेंगे। अच्छा मेरा एक और काम करेंगे। जरा हाथ ऊपर करके बताइए तो मैं बताऊं। मेरा पर्सनल काम है करेंगे। ये चुनाव वाला काम नहीं है, निजी काम है करेंगे। देखिए आप घर-घर जाइएगा और हर घर जाकर कहिएगा कि मोदी जी आए थे, मोदी जी ने आपको नमस्कार भेजा है। मेरा नमस्कार पहुंचा देंगे।

बोलिए भारत माता की। भारत माता की। भारत माता की।

बहुत बहुत धन्यवाद।

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Ensuring energy security for our citizens is not just a priority, but also a responsibility: PM Modi at G7 Summit Session
June 18, 2025

प्रधानमंत्री कार्नी,
Your Excellencies,
नमस्कार!

G-7 समिट में निमंत्रण के लिए, और हमारे शानदार स्वागत के लिए मैं प्रधानमंत्री कार्नी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। G-7 समूह के पचास वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर मैं सभी मित्रों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

Friends,

भावी पीढ़ियों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। हम इसे केवल अपनी प्राथमिकता ही नहीं, बल्कि अपने देशवासियों के प्रति जिम्मेदारी भी मानते हैं। अवेले-बिलिटी, ऐक्से-सेबीलीटी, अफोर्डि-बिलिटी और एक्सेप्टे-बिलिटी के मूल सिद्धांतों पर आगे बढ़ते हुए भारत ने समावेशी विकास का रास्ता तय किया है।

आज भारत के लगभग सभी घर बिजली से connected हैं। भारत की गिनती सबसे कम per unit electricity cost वाले देशों में है। विश्व की fastest growing major economy होते हुए भी, भारत Paris Commitments को समय से पहले पूरा करने वाला देश है। हम 2070 तक Net Zero के लक्ष्य की ओर भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इस समय हमारी total installed capacity का लगभग पचास प्रतिशत share, renewable energy का है।

हम 2030 तक 500 गीगावाट renewable एनर्जी के लक्ष्य की ओर दृढ़ता से अग्रसर हैं। Clean Energy के लिए हम Green Hydrogen, Nuclear Energy, Ethanol Blending पर जोर दे रहे हैं। हम विश्व के सभी देशों को green और sustainable future की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

इसके लिए हमने International Solar Alliance, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, मिशन LiFE, Global Biofuels Alliance, One Sun One World One Grid जैसी वैश्विक पहलों की शुरुआत की है।

Friends,

Energy Transition में आगे बढ़ते हुए सभी देशों का साथ चलना आवश्यक है। "मैं नहीं, हम” की भावना से आगे बढ़ना होगा। दुर्भाग्यवश, Uncertainty और conflicts का सबसे अधिक असर ग्लोबल साउथ के देशों को झेलना पड़ता है। तनाव चाहे विश्व के किसी भी कोने में हो, इन देशों पर food, fuel, fertiliser और financial crisis का कहर सबसे पहले टूटता है।

Masses, material, manufacturing और mobility भी प्रभावित होते हैं। भारत ने ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं और चिंताओं को World stage तक पहुंचाना अपना दायित्व समझा है। हमारा मानना है कि किसी भी प्रकार के दोहरे मापदंड के रहते मानवता का सतत और समावेशी विकास संभव नहीं है।

Friends,

एक और गंभीर विषय की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ- वह है आतंकवाद। आतंकवाद पर दोहरे मापदंडों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। हाल ही में भारत को एक क्रूर और कायरतापूर्ण आतंकी हमले का सामना करना पड़ा।

22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला केवल पहलगाम पर ही नहीं, बल्कि हर भारतीय की आत्मा, अस्मिता और गरिमा पर भी सीधा आघात था। यह पूरी मानवता पर आघात था। आप सभी मित्रों ने जिन कड़े शब्दों में इसकी निंदा की, संवेदनाएं प्रकट की, उसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। लोकतान्त्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी देशों का विरोधी है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता अनिवार्य है। भारत के पड़ोस में तो आतंकवाद का ब्रीडिंग ग्राउन्ड है! वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए, हमारी सोच और नीति स्पष्ट होनी चाहिए- यदि कोई भी देश आतंकवाद का समर्थन करता है, तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।

लेकिन दुर्भाग्यवश, वास्तविकता इसके उलट है। एक तरफ तो हम अपनी पसंद-नापसंद के आधार पर, भांति-भांति के sanctions लगाने में देर नहीं करते। दूसरी ओर, जो देश खुले आम आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हे पुरस्कृत करते हैं । इस कमरे में जो बैठे हैं, उनसे मेरे कुछ गंभीर सवाल हैं।

क्या हम आतंकवाद को लेकर गंभीर हैं भी या नहीं? क्या हमें आतंकवाद का मतलब सिर्फ तब समझ आएगा जब वो हमारे घर के दरवाजे पर दस्तक देगा? क्या आतंकवाद फैलाने वाले को और आतंकवाद से पीड़ित को एक ही तराजू में रख कर देखा जायेगा? क्या हमारे ग्लोबल institutions एक मज़ाक बन कर रह जायेंगे?

यदि हमने आज मानवता के विरुद्ध खड़े इस आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कदम नहीं उठाए, तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा। निजी हितों के लिए, आतंकवाद को मूक सम्मति देना, आतंक या आतंकियों का साथ देना, पूरी मानवता के साथ विश्वासघात है।

Friends,

भारत ने सदैव अपने हितों से ऊपर उठकर मानवता के हित में काम किया है। हम आगे भी सभी विषयों पर G7 के साथ अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

Friends,

Technology, AI और Energy के विषय में मैं कुछ बिन्दु रखना चाहूँगा। नि:संदेह, AI हर क्षेत्र में efficiency और innovation बढ़ाने का बहुत ही प्रभावी माध्यम बन रहा है। लेकिन, AI खुद, एक बहुत ही energy intensive टेक्नोलॉजी है। AI डेटा centres के कारण energy की खपत; और आज की टेक्नोलॉजी driven सोसायटी की energy की जरूरतों को टिकाऊ तरीके से पूरा करने का अगर कोई उपाय है, तो वह renewable energy है।

अफोर्डेबल, रेलाइबल और सस्टेनेबल ऊर्जा सुनिश्चित करना भारत की प्राथमिकता है। इसके लिए हम Solar Energy और Small Modular Reactors पर जोर दे रहे हैं। Renewable energy production और energy demand centres को जोड़ने के लिए हम smart grids, energy storage और green energy corridors बना रहे हैं।

Friends,

भारत में हमारे सभी प्रयास human centric approach पर आधारित रहे हैं। हम मानते हैं कि किसी भी टेक्नोलॉजी का वास्तविक मूल्य तभी है जब उसका लाभ आखिरी व्यक्ति तक पहुँचे। ग्लोबल साउथ में भी कोई अछूता न रहे। उदाहरण के तौर पर, अगर हम AI powered weather prediction app बनाते हैं, तो उसका लाभ मेरे देश के छोटे से गाँव में रहने वाले किसान या मछुआरे को मिलता है।

भारत में AI-based language app "भाषिणी” बनाया गया है ताकि एक गावं का व्यक्ति भी विश्व की भाषाओं से जुड़कर, वैश्विक संवाद का हिस्सा बन सके। हमने टेक्नोलॉजी को democratise किया है और Digital Public Infrastructure से अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सामान्य लोगों को empower किया हैं।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हमें human centric approach रखनी चाहिए। हर कोई AI के सामर्थ्य और उसकी उपयोगिता को स्वीकार करता है। लेकिन AI की शक्ति और क्षमता हमारी चुनौती नहीं है। बल्कि चुनौती यह है कि AI टूल्स, मानवीय गरिमा और सामथर्य को बढ़ाएं।

Friends,

समृद्ध डेटा ही एक समावेशी, सक्षम और responsible AI की गारंटी है । भारत की विविधता, बहुरंगी रहन-सहन, भाषाएं और भौगोलिक विशालता, समृद्ध डेटा का सबसे उत्तम और शक्तिशाली स्रोत है। ऐसे में, भारत की विविधता की कसौटी से निकले AI मॉडल पूरे विश्व के लिए उपयोगी साबित होंगे।

भारत में हमने एक मजबूत डेटा Empowerment और Protection आर्किटेक्चर बनाने पर बल दिया है। साथ ही भारत के पास एक विशाल talent pool है, जो अपने scale, skill, diversity और democratic values से AI में वैश्विक प्रयासों को सशक्त कर सकता है।

Friends,

AI के विषय पर मैं कुछ सुझाव आपके सामने रखना चाहूँगा। पहला, अंतराष्ट्रीय स्तर पर गवर्नेंस पर काम करना होगा जो AI से जुड़ी चिंताओं को दूर करते हुए innovation को भी बढ़ावा दे। तभी हम इसे force for global good बना पाएंगे। दूसरा, AI के युग में critical minerals और टेक्नोलॉजी में करीबी सहयोग बहुत आवश्यक है।

हमें इनकी supply chains को सुरक्षित और resilient बनाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमें यह भी देखना होगा कि कोई भी देश इनका उपयोग केवल अपने स्वार्थ के लिए या हथियार के रूप में न करे। तीसरा, deep fake बहुत बड़ी चिंता का कारण है । यह समाज में अराजकता फैला सकता है। इसलिए, AI generated content पर water-marking या स्पष्ट घोषणा की जानी चाहिए।

Friends,

पिछली सदी में हमने ऊर्जा के लिए competition देखा। इस सदी में हमें टेक्नॉलजी के लिए cooperation करना होगा। "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास” – इसी मूलमंत्र पर आगे बढ़ना होगा। यानी People, Planet और Progress - यह भारत का आह्वान है। इसी भावना के साथ मैं आप सभी को अगले वर्ष भारत में होने जा रही AI Impact Summit के लिए सादर आमंत्रित करता हूँ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।