भारत माता की… भारत माता की…
कन्नौज के सभी भाइयों-बहनों को मेरा आदरपूर्वक नमस्कार।
आप सभी इतनी बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी को आशीर्वाद देने आए हैं। मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। इटावा, औरैया और फर्रुखाबाद से भी लोग हमारे साथ जुड़े हुए हैं। इस क्षेत्र के भी सभी लोगों का मैं अभिनंदन करता हूं। कन्नौज की आबोहवा में इत्र की खुशबू तो होती ही है इसके साथ-साथ यहां के लोगों के परिश्रम की सुगंध भी होती है। आप लोगों का विकास हो, निरंतर विकास हो, हर व्यापारी-कारोबारी का बिजनेस और बढ़े, इसी कामना के साथ मैं आप सबको अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। बीते दिनों उत्तर प्रदेश हो, गोवा हो, उत्तराखंड हो जहां-जहां बीजेपी के पक्ष में वहां मुझे कार्यक्रमों के लिए जाना हुआ, भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में अभूतपूर्व लहर देखी है। अभी मैं उत्तराखंड से आ रहा हूं, जो मिजाज उत्तराखंड में मैंने देखा है, जो उत्साह और उमंग मैंने उत्तराखंड में देखा है। भाइयों-बहनों, ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी इन राज्यों में पहले से ज्यादा सीटें कैसे प्राप्त करे, ये जैसे जनता ने मन बला लिया है। और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने के लिए आज भाजपा का कार्यकर्ता जितनी मेहनत कर रहा है उससे ज्यादा उत्तर प्रदेश के, गोवा के, उत्तराखंड के, पंजाब के, मणिपुर के वहां के मतदाता जी-जान से जुटे हैं, रात-दिन मेहनत कर रहे हैं, मैं इन मतदाताओं का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। आज मैं कन्नौज की धरती से, उत्तराखंड के लोगों को, गोवा के लोगों को फिर एक बार कहूंगा कि 14 फरवरी को अधिक से अधिक मतदान करके रिकॉर्ड बनाएं।और साथियों, मैं आपसे एक बात कहूंगा। यूपी में लड़ाई इस बात की नहीं है कि किसकी सरकार बनेगी या किसकी सरकार नहीं बनेगी। पूरा यूपी जानता है, पूरा देश जानता है कि- “आएगी तो भाजपा ही, आएंगे तो योगी ही”। और पहले चरण के चुनाव ने ये पक्का कर दिया है- “आएगी तो भाजपा ही, आएंगे तो योगी ही”। बस अब मुकाबला इस बात की है बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी, वो पहले से कितनी ज्यादा से ज्यादा सीटें लेकर के बनेगी इसका मुकाबला चल रहा है। और इस मुकाबले में भी आगे निकलना है, इसलिए भाजपा समर्थकों के लिए भी एक- एक वोट की अहमियत है। योगी जी आज फ्रंट फुट पर जो मोर्चा संभाले हैं तो उसके पीछे भी आपके एक-एक वोट की ताकत है आपके समर्थन की ताकत। हमें मिलकर इस ताकत को और बढ़ाना है।
भाइयों और बहनों,
पहले चरण के मतदान ने एक और बात साफ की है। दो दिन से घोर परिवारवादियों को सपने दिखना बंद हो गए हैं… पता है क्यों? इसलिए क्योंकि उनकी नींद हराम हो गई है। वो लोग सोच रहे थे कि जातिवाद फैलाकर, संप्रदायवाद फैलाकर, वोटों को बांट देंगे। लेकिन मुझे खुशी है कि यूपी के लोग माफियावादियों, दंगावादियों के खिलाफ एकजुट होकर वोट कर रहे हैं। ये एकजुटता दंगावाद से मुक्ति के पक्ष में है। ये एकजुटता, कानून व्यवस्था के पक्ष में है। ये एकजुटता महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और समृद्धि के पक्ष में है। यूपी के जिन क्षेत्रों में आगे के चरणों का चुनाव है, वहां के लोगों को भी मैं कहूंगा- इसी तरह एकजुट रहना है, अपना वोट जाति के नाम पर, संप्रदाय के नाम पर बंटने नहीं देना है।
साथियों,
विकास के लिए, रोजगार के लिए, निवेश के लिए, शांति का माहौल सबसे पहली शर्त होती है। इसलिए, उत्तर प्रदेश आज कानून के राज को सबसे बड़ी प्राथमिकता दे रहा है। यूपी का सामान्य से सामान्य मतदाता भी समझ रहा है कि दंगाइयों और गुंडे-बदमाशों के इलाज की दवा सिर्फ और सिर्फ भाजपा के सरकार के ही पास है। मुझे याद है, एक समय था जब गुजरात में भी ऐसी ही स्थिति थी। कांग्रेस के बरसों के शासन ने वहां ऐसी स्थितियां बना दी थीं कि ना व्यापार-कारोबार फलता-फूलता था, ना लोग सुरक्षित महसूस करते थे। और हर साल वहां दंगे होते थे। हर बार खबरे आती थी कि यहां दंगा हो गया, तो वहां दंगा हो गया। वहां हर वर्ष जैसे जगन्नाथ पुरी में जगन्नथ जी की रथयात्रा निकलती है न ऐसे ही अहमदाबाद में भी जगन्नाथ जी की यात्रा निकलती है, और अनुभव ये है कि पिछले बीजेपी सरकार आने से पहले 10 साल में से 7 साल ऐसे जाते थे कि कोई न कोई दंगा हो जाता था, इतना ही नहीं पतंग उड़ाने में भी दंगा, रास्ते में आने जाने पर दंगा, यानि हर साल हर छोटी-मोदी बात पर दंगे होते थे। और दंगों की वजह से कर्फ्यू लगता था, संपत्ति जलती थी, हत्याएं होना तो आम बात हो गई थी। लोगों को मोहल्ले के मोहल्ले खाली करके भागना पड़ता था। और इसके बाद खाली मकानों को सस्ते में खरीद कर उस इलाके की पहचान ही बदल दी जाती थी। इसी प्रकार के दुष्चक्र में गुजरात लंबे अरसे तक फंसा हुआ था। गुजरात के लोगों ने जब बीजेपी को मौका दिया, तो स्थितियां बदलनी शुरू हो गई। हमने सबसे बड़ी प्राथमिकता कानून व्यवस्था को दी, कानून के राज को दी।
इसी का नतीजा है कि पिछले दो दशकों से गुजरात में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ है। अब वहां हर वर्ग, हर संप्रदाय के लोग अपने विकास, गुजरात के विकास, देश के विकास में जुटे हुए हैं। और आप देखिए, सभी के प्रयासों से गुजरात भी किस तरह विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। कन्नौज के मेरे भाइयों-बहनों आप मुझे बताइये, हमें शांति चाहिए कि नहीं चाहिए ? कानून का राज चाहिए कि नहीं चाहिए ? दंगों से मुक्ति चाहिए कि नहीं चाहिए ? गुंडागर्दी बंद होनी चाहिए कि नहीं चाहिए ? माफियाशाही बंद होनी चाहिए कि नहीं चाहिए ? बेटियों को सम्मान की जिंदगी मिलनी चाहिए कि नहीं चाहिए ? व्यापारी सुख शांति से व्यापार करे ऐसी स्थिति चाहिए कि नहीं चाहिए ? ये काम भाजपा सरकार ही कर सकती है योगी जी की सरकार ही कर सकती है। उधर साथियों देखिए, जगह कम है लोग ज्यादा है, आप वहीं रहिए प्लीज आगे आने की कोशिश मत कीजिए, आप वहीं रहीये आपका प्यार मेरे सर आंखों पर। ये आपका प्यार ही है जो मुझे दिन-रात काम करने के लिए दौड़ाता रहता है। आपके प्यार को सौ-सौ सलाम। भाइयों-बहनों, उत्तर प्रदेश में भी हमें कानून व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी है।योगी जी के नेतृत्व में यूपी ने जिस प्रकार दंगों को रोका है, हमें उसे स्थाई स्वरूप देना है। दोबारा ऐसी हरकतों को उत्तर प्रदेश में पनपने नहीं देना है।
भाइयों और बहनों,
सिर्फ विकास की बातें करने से विश्वास नहीं आता, लेकिन जब नीयत भी साफ होती है मेहनत दिन-रात होती है, जनता की सुख-दुख की चिंता होती है तभी सामान्य मानवी के मन में विश्वास पैदा होता है। लेकिन, जिनकी राजनीतिक बुनियाद अपराध, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार पर टिकी हो, वो कभी सुधर नहीं सकते।आप देखिए, कैसे-कैसे उम्मीदवारों को इन लोगों ने टिकट दिए हैं। इनके ज्यादातर उम्मीदवार हिस्ट्रीशीटर है। और उनकी तो हालत ऐसी है, कई लोग तो जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं।
साथियों,
लोकतंत्र की व्याख्या करते हुए पूरे विश्व में एक बात कही जाती है, लंबे अरसे से कही जाती है और कहा जाता है… “Government-of-the-people-by-the-people-for-the-people” यानि जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन। हमारे देश की घोर परिवारवादी पार्टियों ने, लोकतंत्र की इस भावना को ही बदल दिया। इन लोगों का मंत्र क्या बन गया है। ये लोग कहते हैं, उनका सूत्र क्या है of-the-people-by-the-people-for-the-people नहीं, उनका सूत्र है परिवार का, परिवार के लिए, परिवार द्वारा शासन। “Government-of-the family-by-the-family-for-the-family” इसलिए यूपी के लोगों ने फिर ठान लिया है कि उन्हें सिर्फ अपने परिवार के स्वार्थ के लिए काम करने वाले लोग अब उत्तर प्रदेश में नहीं चाहिए। यूपी के लोगों को तो पब्लिक की सेवा करने वाले लोग चाहिए, परिवार की सेवा करने वाले नहीं। इन घोर परिवारवादियों की कुनीति का एक गवाह कन्नौज का इत्र उद्योग भी है। इन्होंने अपने भ्रष्टाचार से, अपने काले कारनामों से यहां के इत्र कारोबार को बदनाम किया। इन्होंने इत्र को करप्शन से जोड़ दिया। हम इस इत्र को ग्लोबल ब्रांड बनाने में जुटे हैं। दुनिया में कन्नौज के इत्र का डंका बजे इसके लिए हम काम कर रहे हैं।
साथियों,
पहले की सरकारों के समय, उत्तर प्रदेश के जिलों की पहचान, यहां जिलों की पहचान कैसे होती थी? फलाना जिला- फलाना माफिया, वो जिला- वो माफिया, उधर वाला जिला- वो मदमाश। जिलों की पहचान ऐसे ही माफियाओं से होती थी। पांच वर्ष के भीतर-भीतर अब योगी जी की सरकार के समय यूपी के जिलों की पहचान वहां के उत्पादों से हो रही है। वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट के तहत योगी जी की सरकार ने औरैया के देसी घी को भी अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने में मदद की है। इटावा के बुनकरों द्वारा बनाए उत्पाद, देश विदेश में धूम मचाएं इसके लिए भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। यूपी में ऐसे उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय मार्केट तक पहुंचाने के लिए भी काम हो रहा है। अब तो बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे भी जल्द तैयार होने वाला है। इसका भी लाभ औरैया और इटावा सहित इस पूरे क्षेत्र को होने वाला है।
साथियों,
गांव, गरीब, किसान, पशुपालक, सभी का जीवन बेहतर बनाने के लिए भी हम दिनरात काम कर रहे हैं। हमारे यहां पशुधन का क्या महत्व है, ये हमारे गोपालकों से बेहतर कौन बता सकता है। बीते वर्षों में हमारी सरकार ने गोबरधन योजना की शुरुआत की, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन किया, डेयरी सेक्टर के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए हज़ारों करोड़ रुपए का विशेष फंड बनाया है। हमने पहली बार, पशुपालकों को, मछली पालन से जुड़े लोगों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा हमारी सरकार ने दी है।
साथियों,
कोरोना की वजह से आज देश में लोगों के टीकाकरण की बहुत चर्चा हो रही है। कोरोना के कारण सबको पता है कि टीकाकरण कितना बड़ा काम होता है, कितनी मेहनत होती है, कितने काम होते हैं, सबको पता है, लेकिन एक बात बताता हूं जिसकी चर्चा बहुत नहीं हो रही है, लोगों के ध्यान में भी नहीं आता है क्यों ? बात ऐसी भी है जैसे कोरोना के समय वैक्सीन की चर्चा होती है, हमने हिंदुस्तान में आजादी के बाद पहली बार सबसे बड़ा एक काम चलाया है वो पशुधन की सुरक्षा के लिए पशुओं के लिए पशुओं के लिए बहुत बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया आजादी के बाद पशुओं के टीकाकरण का ऐसा अभियान देश में पहली बार शुरू हुआ है। इस पर सरकार 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है। पशुओं को Foot and Mouth Disease, मुंहपका और खुरपका बीमारी से निजात दिलाना हमारी प्राथमिकता है।
भाइयों और बहनों,
जो काम इनको छोटे लगते हैं, हमें उनमें गरीब की तरक्की का समाधान दिखता है। हमें उसकी चिंता थी जिसके पास या तो ज़मीन है ही नहीं, या फिर बहुत कम है। हमें उन बहनों की चिंता थी जिनके लिए पशुपालन आत्मनिर्भरता का, आत्मसम्मान का माध्यम है। पशुपालन में जुटे एक बड़े समाज को, जिसे पिछड़ा कहा गया, हमें उनकी समृद्धि, उनकी गरिमा की चिंता थी। हमें उन पशुओं की चिंता थी, जिनको बेसहारा, बेआसरा छोड़ दिया जाता है। इसलिए दूध के साथ-साथ, और जो दूध नहीं दे पाते है उन पशुओं के गोबर से भी धन कमाने के माध्यम आज हम विकसित कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में गोबर से बायोगैस बनाने के, जैविक खाद बनाने वाले, बहुत बड़े-बड़े प्लांट्स लगाए जा रहे हैं।
साथियों,
हमारी सरकार, नैचुरल फार्मिंग को भी बढ़ावा दे रही है। ये खेती का वो तरीका है, जिसमें खेती पर खर्च ना के बराबर होता है, लेकिन उत्पादन कहीं ज्यादा होता है। इसमें भी हमारे पशुधन की भूमिका है। देश के अनेक राज्यों के किसान, आज केमिकल फ्री खेती कर रहे हैं, नैचुरल फार्मिंग कर रहे हैं और पहले से ज्यादा पैसा कमा रहे हैं। जो पशु कुछ लोगों को बोझ लगते हैं, वही पशु, अब किसानों की कमाई बढ़ाने में मदद करने जा रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले मेरी काशी के ऐसे कई किसानों से मुलाकात हुई थी। नैचुरल फार्मिंग का ये तरीका, उत्तर प्रदेश के छोटे किसानों के लिए भी बहुत लाभकारी है। उनके अनुभव सुनकर के मुझे इतना आनंद आया, उन्होंने खेती में क्रांति का काम किया है।
भाइयों और बहनों,
कन्नौज को विशेष ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार एक और अभियान चला रही है। मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए भाजपा सरकार ने 500 करोड़ रुपए का एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है। इससे यहां के लोगों को दो तरह के लाभ मिलेंगे। एक तो मधुमक्खियों से फूलों की खेती को मदद मिलेगी, यानि एक तरह से इत्र उद्योग को सीधी मदद मिलेगी। दूसरा ये कि यहां अलग-अलग फूलों के रस से बने, अलग अलग तरह के सुगंध और स्वाद वाले शहद का उत्पादन संभव होगा और बढ़ेगा जिसका दुनिया के बाजार में बहुत बड़ी आवश्यकता है। इस तरह के आधुनिक प्रयासों की उम्मीद आप परिवारवादियों से कभी नहीं कर सकते।
भाइयों और बहनों,
भाजपा सरकार वर्तमान के साथ ही भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए भी निरंतर काम कर रही हैं। चाहे हर गरीब को पक्का घर देना हो, हर गांव को तेज़ इंटरनेट की सुविधा देनी हो, हर गांव को पक्की सड़कों से जोड़ना हो, हाईवे-एक्सप्रेसवे बनाने हो, गांव के पास ही अच्छे भंडार, आधुनिक कोल्ड स्टोरेज, कृषि आधारित उद्योग लगाने हो, इसके लिए हमारी सरकार ने बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाई हैं। 44 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की केन-बेतवा लिंक परियोजना इसी का एक उदाहरण है। ये जो घोर परिवारवादी बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं, वो इन्हीं योजनाओं के भरोसे बोलना पड़ रहा है। लेकिन भाइयों और बहनों, केंद्र की इन योजनाओं का लाभ उत्तर प्रदेश को तभी मिल सकता है जब यहां बेहतर तालमेल वाली सरकार हो। गरीबों को घर देने में यूपी अव्वल राज्यों में रहा, क्योंकि यहां डबल इंजन सरकार है। गरीब बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन तेज़ी से मिले, क्योंकि यहां डबल इंजन की सरकार है। लाखों किसान परिवारों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिला, क्योंकि यहां डबल इंजन सरकार है। आयुष्मान भारत योजना के तहत लाखों मरीज़ों को मुफ्त इलाज मिला, क्यों ? क्योंकि यहां डबल इंजन सरकार है।दशकों पुरानी सिंचाई परियोजनाएं पूरी हुईं, हर घर जल योजना पर काम हुआ, क्यों ? क्योंकि यहां पर डबल इंजन की सरकार है।
साथियों
ये डबल इंजन की सरकार ही है जिसके कारण 100 साल के सबसे बड़े संकट का, कोरोना महामारी का यूपी ने डटकर मुकाबला किया। ऐसा संकट अगर उनके जमाने में आय होता, 2017 से पहले आता होता तो, उत्तर प्रदेश को बहुत बड़ी समस्या हो जाती। इनका काम तब भी बोलता था कि ये यूपी के लोगों के विरोधी हैं, इनका काम अब भी यही बोलता है। इन्होंने मेड इन इंडिया टीकों को भाजपा का टीका बताकर गरीबों के जीवन से बहुत बड़ा खिलवाड़ करने की कोशिश की।हमारी सरकार पूरी शक्ति से जुटी है कि यूपी के एक-एक गरीब को कोरोना की वैक्सीन लग जाए। लेकिन इन लोगों ने इस अभियान में भी बाधा डालने की कोशिश की। आप अंदाजा लगाइए साथियों, अगर गरीबों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगी होती तो इस लहर में मेरे सभी भाइयों-बहनों का, मेरे उत्तर प्रदेश के नागरिकों का क्या हाल हुआ होता। हमारी सरकार ने गरीब का सामान्य मानवी का जीवन बचाने के लिए, सबको मुफ्त वैक्सीन लगवाई और आज भी लगवा रही है। मैं कन्नौज के, इटावा, औरैया, फर्रुखाबाद और यूपी के हर व्यापारी, कारोबारी, हर दुकानदार से एक बात विशेष तौर पर कहूंगा। एक बार सोचिए कि अगर हमारी सरकार ने तेजी से सबको वैक्सीन नहीं लगवाई होती, अगर हम ये काम नहीं करवाए होते तो क्या होता? आज देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है, बाजारों में हलचल बढ़ रही है। क्या बिना वैक्सीन ऐसा संभव होता और अगर एक-दो साल और निकालने पड़ते तो न जाने मेरे कितने परिवार तबाह हो जाते तबाह हो जाते।
साथियों,
याद रखिए, मोदी विरोध में जो गरीब के जीवन से खेल सकते हैं, वो लोग क्या-क्या नहीं कर सकते। डबल इंजन की सरकार है, इसलिए आज यूपी शत-प्रतिशत टीकाकरण की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है। साथियों, इस कोरोना काल ने एक और बात का ऐहसास सबको कराया है। इन घोर परिवारवादियों ने, उनके जो राशन माफिया अगर इस कोरोना काल में होते, तो यूपी के गरीबों को जो मुफ्त राशन पहुंच रहा है वह पहुंचता क्या? ये राशन मिलता क्या, गरीबों का चूल्हा जलता क्या? मेरे प्यारे भाइयों बहनों,यूपी के गरीबों, दलितों, पिछड़ों को तो भुखमरी का सामना करना पड़ता। दिल्ली से जो राशन हम भेजते उसको इनका माफिया अपने गोदामों में बंद कर देता, ब्लैक में बाजारों में बिकवाता। ये डबल इंजन की सरकार है, जो महामारी के इस समय में बीते कई महीनों से गरीब को मुफ्त अनाज दे रही है। और यूपी के लोग, यूपी के गरीब याद रखें, इन घोर परिवारवादियों की आंखों में ये गरीब कल्याण की योजनाएं उनको खटक रही हैं। पहला मौका मिलते ही, वो इन योजनाओं को उसका लाभ गरीबों तक पहुंचना बंद करा देंगे। और उनकी ये माफिया कंपनी कटकी कंपनी सबकुछ तबाह कर देगी।
भाइयों और बहनों,
डबल इंजन सरकार कैसे काम करती है, वो शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी दिखता है। यहां स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में गरीबों को, हमारी बहनों को, लखनऊ-दिल्ली तक जाना पड़ता था। लेकिन अब मेडिकल कॉलेज, सुपरस्पेशियेलिटी हॉस्पिटल, पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट्स यहीं बन रहे हैं। इससे स्वास्थ्य सुविधाएं तो बेहतर होंगी ही, यहां के युवाओं के लिए डॉक्टरी और पैरामेडिकल के क्षेत्र में जाने का एक अवसर भी बढ़ेगा। और जितनी मात्रा में हम मेडिकल कॉलेज बना रहे हैं, इतना ही नहीं अब हमारे मेडिकल कॉलेज में अपनी भाषा में अपनी मातृभाषा में हमारे नवजवान पढ़ सकेंगे। हमारी बेटियां पढ़ सकेंगी। इसका मतलब यह हुआ कि जो अंग्रेजी नहीं पढ़ा है जिसको गरीबी के कारण अंग्रेजी की शिक्षा नहीं मिली है वो परिवार का बच्चा भी अगर उसमें दमखम है तो हिंदी में पढ़कर बी वो डॉक्टर बनेगा। और अपनी जिंदगी भी बनाएगा।
भाइयों और बहनों,
सबका साथ, सबका विकास, क्या होता है, ये युवाओं के लिए हमारी नीति में भी दिखता है। भारतीय जनता पार्टी ने सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा दी है। ये भी हमारे दलित वर्ग हमारे ट्राइवल वर्ग के एससी एसटी के भाई-बहनों, या पिछड़ा वर्ग के जो भाई-बहन है उनके आरक्षण का अधिकार को जरा भी तकलीफ दिए बिना उसको बरकरार रखते हुए रखने का काम हमने किया है जो सालों से मांग हो रही थी, इनको परवाह नहीं थी।
साथियों,
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के हमारे लोकसभा और विधानसभाओं के साथियों के लिए आरक्षण को 10 साल तक और बढ़ाने का भी काम भाजपा की सरकार ने किया है। ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने के लिए तीन-तीन दशक से मांग हो रही थी, इतनी सरकारें आईं, यहां के सपा वाले भी उस सरकार में भागीदार थे लेकिन उन्होंने कभी ओबीसी को यह अधिकार नहीं दिया ये मोदी की सरकार आने के बाद हमने ओबीसी कमीशन को संविधान अधिकार देकर के ओबीसी की मांग को हमने पूरा किया है। देशभर में केंद्र सरकार के कोटे में जो मेडिकल सीटें होती हैं, उनमें ओबीसी को आरक्षण देने का फैसला भी भाजपा सरकार का एक बड़ा निर्णय़ है। कुछ दिन पहले सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है। अब प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को भी अपनी आधी सीटें, 50 प्रतिशत सीटों की फीस सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर रखनी होगी। इसका बहुत बड़ा लाभ, हमारे मध्यम वर्ग के परिवार, हमारे निम्न वर्ग मध्य वर्ग के परिवार, जो बेचारे ज्यादा खर्च नहीं कर सकते हैं वे भी अपने बच्चों को डॉक्टर बना सकते हैं। भाइयों-बहनों गरीब, दलित, पिछड़े वर्ग के लोग भी, ये जो हमने सारी व्यवस्थाएं बदली हैं। आराम से वे अपने सपने पूरे कर सकते हैं।
साथियों,
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की वजह से भी उत्तर प्रदेश के युवाओं को बहुत मदद मिलने वाली है। हिंदी मीडियम में, जैसे मैंने कहा, ये पढ़ने वाले छात्रों को भी, गांव और गरीब परिवारों के युवाओं को भी डॉक्टर बनना है, इंजीनियर बनना है, टेक्निकल एजुकेशन लेना है वो आराम से ले पाएगा, उनको जो मुश्किल आती थी वो अब जाएगी, और इसलिए भाइयों-बहनों हमने पढ़ाई में ये सारे विकल्प हमने आपको दिया हुआ है।
साथियों,
जब आप मतदान केंद्रों पर जाकर हमें अपना स्नेह, अपना आशीर्वाद देते हैं, तब हमें नए संकल्पों की शक्ति मिलती है। सुविधा, सुरक्षा और सुअवसर देने के इस अभियान को हमें जारी रखना है। यूपी को दंगामुक्त रखने के अभियान को हमें सशक्त करना है। हर बूथ को जगाना है। हर बूथ से लोगों को मतदान केंद्र पर लाना है। इस बार सिर्फ भाजपा को जिताना नहीं हैं, बल्कि बड़े मार्जिन से जिताना है। पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ के जिताना है। आप लोग ये काम करेंगे? घर-घर जाएंगे? एक-एक बूथ से अपने आस-पास के लोगों को निकालेंगे? ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाएंगे? भाइयों-बहनों, ये चुनाव का समय है मतदान के दिन पहले मतदान फिर जलपान, इसी अपेक्षा के साथ आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद। इस चुनाव में जो उम्मीदवार है उनसे मेरा आग्रह है कि आगे आ जाइए। सारे उम्मीदवार आकर के खड़े हो जाएं। और हमारे उप-मुख्यमंत्री जी भी आ जाएं। आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद, हमारे साथ बोलिए… भारत माता की… दोनों हाथ ऊपर कर पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की… भारत माता की…
भारत माता की… बहुत-बहुत धन्यवाद