Congress is getting weaker every day: PM Modi

Published By : Admin | September 26, 2024 | 14:15 IST
QuoteCongress exists only for welfare of their own families: PM Modi
QuoteHard work & diligence of both old & new generation of Haryana Karyakartas’ always inspired me: PM
QuoteCongress is getting weaker every day: PM Modi
QuoteIn the last 10 years Congress has failed even as opposition: PM Modi
QuotePeople of Haryana have decided to give BJP a chance to serve once again: PM Modi

नमस्कार! हरियाणा के मेरे सभी पुराने साथी, नए साथी और मेरा सौभाग्य रहा कि हरियाणा में आप सब कार्यकर्ताओं के साथ लंबे अरसे तक मुझे काम करने का सौभाग्य मिला। बहुत कुछ सीखने को मिला और एक बात मैं हमेशा याद रखता हूं कि हरियाणा के पुरानी पीढ़ी के कार्यकर्ता हो या नई पीढ़ी के। उनके परिश्रम की पराकाष्ठा, उनकी कर्मठता हमेशा-हमेशा मुझे प्रेरणा देती रही है। इतना ही नहीं उनका खुशमिजाज स्वभाव, हर चीज में ठहाके लेना, गंभीर से गंभीर बात को भी बहुत ही बुद्धिपूर्वक, तर्क के साथ, मजाकिया लहजे से, उसको हल्का-फुलका बना देना...शायद वो तो हरियाणा से ही कोई सीख सकता है।

साथियों,

मैं जानता हूं आप लोग बहुत व्यस्त हैं। काफी दौड़-धूप कर रहे हैं। ऐसे समय मुझे आप सबका ज्यादा समय तो नहीं लेना चाहिए। लेकिन हरियाणा के साथ जो मेरा पुराना नाता रहा है और हर ग्रास रूट लेवल के वर्कर से बात करने का मौका मिलता है, तो मुझे भी बड़ा आनंद आता है। और आप लोग तो इन दिनों दिन-रात अपने बूथ पर जुटे हुए हैं और ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ इस मंत्र के साथ आप अपना बूथ जीतने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। और आपको तो मालूम है, मेरा चुनाव का, रणनीति का एक ही ओपन सीक्रेट है और वो ये है- चुनाव जीतना मतलब पोलिंग बूथ जीतना। जो पोलिंग बूथ जीतता है, वही चुनाव जीतता है और एक चुनाव मतलब पोलिंग बूथ हमारी एक-एक मजबूत चौकी है। और भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता कभी भी पोलिंग बूथ में अपना झंडा झुकने नहीं देता है। हर पोलिंग बूथ के कार्यकर्ता के अंदर वो गर्व होना चाहिए कि मेरे पोलिंग बूथ में बीजेपी का एजेंडा झुकने नहीं दूंगा। मेरे पोलिंग बूथ में मैं किसी से भी कम नहीं रहूंगा। और कम नहीं रहूंगा का मतलब है कि पहले से अधिक मतदान कराऊंगा। पहले से अधिक मत बीजेपी को ला करके दूंगा। और इसके लिए मेहनत करनी होती है। और आप तो जानते हैं कि जो हमारे खिलाफ चुनाव के मैदान में हैं उनका पूरा का पूरा आधार झूठ का है। लगातार झूठ बोलो, बार-बार झूठ बोलो, जहां जाओ वहां झूठ बोलो, बिना सिर-पैर की बातें करो। और ऐसे ही हवा को खराब करते रहो।

और आजकल तो आप देख रहे हैं कांग्रेस के लाउडस्पीकर जो पहले बड़े-बड़े दावे कर रहे थे, उनका करंट भी ऐसा लग रहा है पूरी तरह कमजोर हो गया है। कोई कह रहा है कि कांग्रेस हर दिन कमजोर होती जा रही है। और पिछले 10 साल में कांग्रेस विपक्ष के रूप में भी विफल रही है। उनका अधिकतर समय गुटबाजी में, लड़ाई करने में एक-दूसरे का हिसाब चुकता करने में यही खप रहा है। जो पार्टी 10 साल तक जनता के विषयों से बिल्कुल ही अलिप्त रही हो, या तो अपने परिवार के लिए जिए वो, या तो अपने गुट के लिए जिए। वैसे लोग हरियाणा की जनता का विश्वास कभी भी नहीं जीत सकते हैं। कांग्रेस की आंतरिक कलह, इससे हरियाणा का बच्चा-बच्चा परिचित है। लेकिन हमारी रणनीति उनके कलह पर सुख-चैन से बैठने की नहीं होनी चाहिए। वो अपने मौत मरने ही वाले हैं। लेकिन हमें तो अपने परिश्रम से अपना झंडा गाड़ना है।

हमें पहले से ज्यादा मेहनत करनी है। और मैंने तो हमेशा देखा है, हरियाणा की जनता इतनी सूझबूझ वाली जनता है। आजादी के बाद इतने सालों में हरियाणा की जनता ने एक बात की चिंता हमेशा की है। वो मानते हैं कि हरियाणा का विकास बेरोकटोक तेज गति से आगे बढ़ाना है, तो दिल्ली में जिसकी सरकार हो उसके साथ रहना है। ये हरियाणा ने पिछले सात दशक लगातार किया है। इस बार भी मैं देख रहा हूं, वो दिल्ली भाजपा सरकार के साथ ही कदम से कदम मिलाकर के हरियाणा को हिंदुस्तान का नंबर वन बनाने के लिए हरियाणा की जनता कृत संकल्प है। और इसलिए हमें जनता की भावना का आदर करते हुए, जनता के आशीर्वाद माथे चढ़ाते हुए, अपनी ताकत पोलिंग बूथ में लगानी है।

और मुझे पक्का विश्वास है और साथियों, मुझे दो बार इस चुनाव में अभी हरियाणा आने का मौका मिला। मैं हैरान था जी, जो उमंग, जो उत्साह, जो जोश और सामान्य नागरिकों का जोश ये वाकई तारीफ करने जैसा था। और मेरा पक्का विश्वास बन गया और मैं ये मीडिया रिपोर्ट के आधार पर नहीं कह रहा हूं। मैं सुनी-सुनाई बातों के आधार पर नहीं कह रहा हूं। मैं हरियाणा में धरती पर काम कर-करके निकला हुआ कार्यकर्ता हूं और मेरा पक्का विश्वास बना है कि हरियाणा की जनता ने बीजेपी को फिर से एक बार सेवा करने का मौका देना तय कर लिया है। क्योंकि उनको खुशी है कि 10 साल में बिना भ्रष्टाचार के सरकार चलाना, ये हरियाणा में पहली बार हुआ है।

हरियाणा के नौजवानों को बिना पर्ची बिना खर्ची रोजगार मिलना ये हरियाणा में पहली बार हुआ है। और इसलिए हरियाणा की जनता हमारे साथ है। उनके आशीर्वाद हमारे साथ है। और मैं पक्का कहता हूं साथियों, विजय निश्चित है। आपको मैं आने वाला एक हफ्ता आपके पास बचा है। पूरा हफ्ता, पूरी ताकत पोलिंग बूथ के एक-एक परिवार पर लगाइए। एक-एक घर के लोगों को अपने साथ जोड़ करके उनका मतदान हो जाए और सुबह-सुबह जल्दी-जल्दी मतदान हो जाए। और पूरी ताकत बूथ पर झोंक दीजिए। बगल वाले बूथ पर क्या हो रहा है इसकी चिंता छोड़ दीजिए। मीडिया वाले क्या लिखते हैं इसकी मीडिया चिंता छोड़ दीजिए। कांग्रेस वाले क्या झूठ फैलाते हैं, इसकी चिंता छोड़ दीजिए। बस आप एक ही संकल्प लेकर मैं जी-जान से बूथ जिता करके रहूंगा। मेरा बूथ जीत करके ही मैं रहूंगा और बीजेपी का कोई भी कार्यकर्ता ऐसा नहीं होना चाहिए, जो एक बूथ जिताने की जिम्मेवारी ना ले। हमारे लाखों मेंबर हैं। लाखों कार्यकर्ता हैं और हमें पूरी शक्ति से लगना है।

साथियों,

मैं ज्यादा बात लंबी करना नहीं चाहता हूं क्योंकि मेरा तो पक्का विश्वास है कि सरकार बन रही है। बीजेपी की बन रही है और पूर्ण बहुमत के साथ जनता- जनार्दन के आशीर्वाद से सरकार बन रही है। अब मैं आप ही को सुनना चाहूंगा। आइए, सबसे पहले हमारे साथ कौन बात करेंगे।

रणबीर सिंह- नमस्कार! माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, मैं हिसार लोकसभा से।

पीएम मोदी- नमस्ते-नमस्ते कौन बोल रहे हैं।

रणबीर सिंह- भारतीय सेना से रिटायर सूबेदार रणबीर सिंह वर्तमान में।

पीएम मोदी- रणबीर जी नमस्ते भैया।

रणबीर सिंह- हां जी नमस्ते। मैं वर्तमान में बवानीखेड़ा विधानसभा में पसी मंडल का महामंत्री बोल रहा हूं।

पीएम मोदी- चलिए रणबीर जी, आप तो किसान भी हैं और जवान भी हैं। रणबीर जी और कुछ बताइये अपने विषय में।

रणबीर सिंह- मैं 2014 में आपकी रेवाड़ी रैली में शामिल हुआ।

पीएम मोदी- अच्छा ये बात है।

रणबीर सिंह- जहां आपने ओआरओपी देने की घोषणा की थी। वहीं से मुझे भाजपा से जुड़ने की प्रेरणा मिली थी।

पीएम मोदी- रणबीर जी हमारा सौभाग्य है कि आप जैसे वीर माता के पुत्र भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में देश के भलाई के लिए काम कर रहे हैं। आपने सेना में रहकर भी देश की सेवा की। और अब राजनीति में आकर के भी देश की सेवा कर रहे हैं। अच्छा रणबीर जी, अब बताइए हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए मुझे पक्का विश्वास है आप तो एक फौजी हैं, तो बिल्कुल नियम से पक्के पद्धति से काम करते होंगे। घर-घर जाते होंगे, तो मुझे जरा जानना है कैसे काम करते हैं आप दिनभर कैसे करते हैं?

रणबीर सिंह- प्रधानमंत्री जी, हरियाणा का चुनाव बहुत ही अच्छा चल रहा है, जनता हमें पूरे मन से आशीर्वाद दे रही है। हम घर-घर जाकर लोगों से मिलते हैं। इसके लिए सुबह और शाम को 4 बजे के बाद का समय तय है। दिन में बैठकें और पार्टी के अन्य काम हो रहे हैं। हालांकि, चुनाव नजदीक हैं तो रात तक बैठकें चल रही हैं। लेकिन जनता भी हमारा खूब साथ दे रही है। लोग हरियाणा में कांग्रेस के शासन की बातें बताते हैं और भाजपा की तारीफ करते हैं। जो लाभार्थी हैं, जिन्हें योजनाओं का लाभ मिला है। वो फिर से बीजेपी की सरकार चाहते हैं। लोगों का आप पर बहुत भरोसा है और उन्हें ये विश्वास है कि जब तक आप उनके साथ हैं उनका अहित नहीं हो सकता।

पीएम मोदी- रणबीर जी आपकी बातें बीजेपी के सारे कार्यकर्ता सुन रहे हैं। मेरा तो उत्साह बढ़ ही रहा है। लेकिन उन लाखों कार्यकर्ताओं का भी उत्साह बढ़ रहा है। लेकिन क्या आप लोग जब घर-घर जाते हैं तो 5-10 कार्यकर्ताओं की टोली निकलती है कि अकेले निकलते हैं।

रणबीर सिंह- 10-12 कार्यकर्ता एक साथ जाते हैं।

पीएम मोदी- उसमें हमारी माताएं-बहनें भी होती हैं साथ में कि माताएं-बहनों की टोली अलग निकलती है।

रणबीर सिंह- वो अलग निकलती है सर।

पीएम मोदी- हां, लेकिन क्या घर के बाहर खड़े-खड़े होकर बात करते हैं, या अंदर घर में जाकर बैठ करके उनके घर से पानी-वानी पिया। आराम से बात की ऐसा करते हैं आप लोग।

रणबीर सिंह- हर घर में दो मिनट लगाते हैं। अंदर बैठते हैं, उनसे बातचीत करते हैं। उसके बाद आगे के घर के लिए चलते हैं पानी-वानी पीने के बाद।

पीएम मोदी- देखिए मेरा आग्रह है कि आप लोग जब निकलें। तो एक मानो 12-15 लोग हैं, तो तीन-तीन लोग एक घर में जाकर के बैठिए। पांच घर में एक साथ बैठिए और बैठ करके 5-7-10 मिनट उनके सुख-दुख पूछिए और उनको हमारे सफलता की बातें बताइए। और पोलिंग बूथ में जीतने के लिए वो क्या मदद कर सकते हैं। कभी-कभी क्या होता है कि लोग कहते तो हैं कि भाई हमें तो भाजपा चाहिए। लेकिन अगर वाय चांस छुट्टी मिल गई तो फिर छुट्टी पर रिश्तेदार के यहां चले जाते हैं तो सब लोग रहे ये बात समझाना पड़ता है। और इस बार तो मैंने जो हरियाणा बीजेपी का संकल्प पत्र आया है, इतना शानदार संकल्प पत्र है। और इतना जिम्मेवारी वाला संकल्प पत्र है उसकी एक-एक चीज हर परिवार में बैठकर उनको समझाना चाहिए कि देखिए इस योजना से आपको क्या लाभ होगा। हमें सिर्फ प्रचार करना है, ऐसा नहीं है। प्रचार तो करना ही है, लेकिन उसके मन को जीतना है। और एक बार अगर उसका मन जीत लेते हैं, तो मत जीतना तो बहुत आसान हो जाता है। तो उस प्रकार से बात करते हैं सब लोग।

रणबीर सिंह- हां जी उसी प्रकार से बात करते हैं जी। जैसे उनका मन को जीतना बहुत जरूरी है, तभी वो हमारा सपोर्ट करते हैं हमारे साथ चलते हैं। उनके परिवार से भी एक बंदा हमारे साथ चलने के लिए कहता है चलो हम भी आपके साथ हैं।

पीएम मोदी- हां ये बहुत बढ़िया बात बताई आपने। उस परिवार का व्यक्ति भी फिर आगे प्रचार में जुड़ जाता है। भारत सरकार की योजनाओं का जो बेनिफिट मिला है, उसको भी उनको याद कराना चाहिए।

रणबीर सिंह- याद कराते हैं जी। जैसे लखपति दीदी योजना है। किसान सम्मान निधि योजना है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना है।

पीएम मोदी- बहुत-बहुत अच्छा है रणबीर जी, आप तो आपकी बातों से लगता है कि आप सचमुच में धरती पर बराबर डटे हुए नेता हैं। इतनी बारीकी से आप बोल रहे हैं मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। देखिए, आपको तो मालूम है, पीएम सूर्य घर, हर घर मुक्त बिजली योजना, कितनी महत्त्वपूर्ण योजना है। आज हम इस दिशा में चल रहे हैं कि हर परिवार का बिजली का बिल जीरो हो जाए। और इस काम के लिए भारत सरकार 80 हजार रुपये दे रही है। और अब तो मैंने देखा है कि हरियाणा बीजेपी ने भी घोषणा की है कि सरकार बनने के बाद वो भी उसमें कुछ जोड़ देंगे। इसका मतलब ये हुआ कि घर की जरूरत तो बहुत ज्यादा होती नहीं है। तो अतिरिक्त जो बिजली पैदा होगी, वो सरकार खरीद लेगी। और अगर सरकार खरीदती है तो मैंने अभी गुजरात में गया था ऐसे एक क्षेत्र में गया था ये पीएम सूर्य घर योजना कैसे काम कर रही है देखने के लिए, तो मुझे गर्व से बताते थे कि हमारा 25-30 हजार साल भर का बच जाएगा। तो मैंने कहा भाई 25-30 हजार रुपये बचेगा तो अगर बेटी आपकी छोटी है तो बेटी के नाम पर बैंक में रख दोगे तो आपको 20 साल में बेटी जब 20 साल की होगी तो 10-12 लाख रुपये मिल जाएगा। ये ऐसी योजना है जो बिल्कुल फायदा ही फायदा करने वाली है। तो ये बात सबको आपको बतानी चाहिए, इससे बहुत लाभ होगा। आयुष्मान योजना का लाभ हो रहा है वहां।

रणबीर सिंह- हां जी, आयुष्मान योजना का लाभ हो रहा है। आयुष्मान कार्ड का बहुत लाभ हो रहा है। जनता में जनधन योजना का गरीबों के बैंक में जो अकाउंट खुलवाए थे आपके ने, इस जनधन योजना के थ्रू उससे जनता को सबसे ज्यादा लाभ मिला है। उनके अकाउंट में सीधे पैसे जाते हैं, जबकि एक टाइम था कांग्रेस की सरकार में एक रुपया ऊपर से चलता था। गरीब के पास 15 पैसे ही पहुंचते थे।

पीएम मोदी- हां, वो तो खुद प्रधानमंत्री स्वीकार करते थे उनके।

रणबीर सिंह- हां जी।

पीएम मोदी- देखिए आप एक बात जरूर बताना अब तो 70 साल के ऊपर के परिवार में जो भी लोग हैं उनकी बीमारी में खर्च दिल्ली सरकार करने वाली है। भाजपा की केंद्र सरकार करने वाली है। यानी हर परिवार का 70 से ऊपर के जो भी माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी जो भी होंगे उन सबके इलाज का जिम्मा अब उनके बच्चों को नहीं उठाना पड़ेगा। ये खर्च भी अब सरकार उठाएगी। तो ये बहुत बड़ी सेवा है और मैं तो मानता हूं आपकी पोलिंग बूथ में 70 से ऊपर से ऊपर की उम्र के जितने लोग हैं। उनको एक बार इकट्ठा कीजिए उनको समझाइए। और हो सके तो इन 70 से ऊपर के लोगों का एक जुलूस निकालिए। बहुत बड़ा काम हो जाएगा।

रणबीर सिंह- जी सर

पीएम मोदी- देखिए, हेल्थ इंश्योरेंस से उस परिवार की बहुत बड़ी चिंता खत्म हो जाती है। परिवार अपने खर्चे बच्चों के लिए खर्च कर सकता है। अच्छे स्कूल में पढ़ने के लिए भेज सकता है, कोई चीज खरीदनी है तो ले सकता है। रणबीर जी मुझे बहुत अच्छा लगा आपसे बात करके। और आप तो युद्ध के मैदान में रहे हुए व्यक्ति हैं और आज पोलिंग बूथ जीतने का आपने मोर्चा संभाला है। तो मुझे पक्का विश्वास है कि आप जैसे कर्मठ कार्यकर्ताओं से हमारा पोलिंग बूथ विजयी होगा। और अभूतपूर्व विजय होगा। ऐसा मेरा विश्वास है। मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं और वहां सब कार्यकर्ताओं को मेरी तरफ से नमस्कार भी जरूर कह देना। पहले तो मैं रेगुलर आता था उस इलाके में। अब आप लोगों ने मुझे काम ऐसा दे दिया कि मैं तो नहीं आ पाता हूं लेकिन मेरे नमस्कार कहिए। आइए, अब और कौन है अगले कार्यकर्ता, कौन हैं मेरे साथ बात करेंगे।

कमलेश - नमस्कार प्रधानमंत्री जी माननीय प्रधानमंत्री जी नमस्कार। मैं कमलेश श्योराण बाढड़ा विधानसभा से।

पीएम मोदी- कमलेश जी नमस्ते।

कमलेश श्योरण- नमस्कार जय सियाराम जय श्री राम।

पीएम मोदी- जय सियाराम आप कहां से हैं।

कमलेश श्योराण- मैं बाढड़ा विधानसभा से हूं।

पीएम मोदी- अच्छा महेंद्रगढ़ के इलाके में।

कमलेश श्योराण- हां सर।

पीएम मोदी- अच्छा-अच्छा, पहले तो हम महेंद्रगढ़ बहुत आना-जाना होता था। अब तो हमारा आना भी बहुत कम हो गया है। कमलेश जी, मैं सुनना चाहता हूं आपके विषय में भी और आपके कार्य के विषय में भी।
कमलेश श्योराण- मैं एक कारगिल शहीद, मेरे हस्बैंड शहीद हुये थे कारगिल की लड़ाई में 1999 में और मैं कमलेश श्योराण।

पीएम मोदी- कमलेश जी, सबसे पहले तो मैं हरियाणा के सपूत शहीद राजवीर जी को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। और आपने उनके सपनों को साकार करने के लिए जो बीड़ा उठाया है और समाज सेवा के लिए आप निकली हैं। ये आप सचमुच में बहुत प्रेरणा देने वाला आपका जीवन है। मैं आपको आदर से प्रणाम करता हूं। आपके परिवार को प्रणाम करता हूं। आप तो जानते हैं, हरियाणा में भाजपा सरकार ने बहुत सारे काम किए हैं। तो आप लोगों में जाते हैं तो क्या अनुभव आता है।

कमलेश श्योराण- मैं हर घर में जाकर महिलाओं से मिलती हूं और मैं दादरी महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष हूं। मैं हर घर में जाकर महिला से मिलती भी हूं और उनकी समस्या भी पूरी भी हूं और उनको योजना के बारे में सबको समझाती भी हूं।

पीएम मोदी- कमलेश जी, आप तो जानती हो मैं बहुत बड़ा भाग्यवान रहा हूं कि मुझे माताओं-बहनों के अपार आशीर्वाद मिलते रहे हैं। हरियाणा ने तो मुझे भरपूर आशीर्वाद दिए हैं। बस माताओं-बहनों को जिनको भी मिलो ना, तो मेरा एक काम जरूर करना। उनको कहिए कि मोदी जी का फोन आया था और मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम जरूर कह देना, हर घर में करेंगे।

कमलेश श्योराण- मैं हर घर में जाती हूं और आपको जय सियाराम। हर घर में, मैं पहली बार जाकर आपकी बताती हूं। महिला से मिलती हूं। पांच-सात लेडीज हम एक साथ एक घर में जाते हैं पानी पीते हैं। पूरी योजना के बारे में समझाते हैं जो बुजुर्ग महिला से उनको भी पूरी योजना की और जो आयुष्मान भारत ये है, हॉस्पिटल का कार्ड। इसके बारे में भी पूरी योजना के तहत समझावें सैं। और महिला का आरक्षण के बारे में भी समझावे सैं। 33 परसेंट आरक्षण महिला को दिया गया सै। और महिला और महिला को जो-जो सुविधा मिली हुई है उनसे भी बात करते हैं। मकान दिया गया, सिलेंडर दिया गया है। और ये राशन फ्री मिल रहा है। महिला बहुत खुश हैं और ये बोल रहे हैं भाजपा सरकार हमारे बहुत खुश है उससे और मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बहुत महिलाओं के लिए बहुत काम कर रहा सैं और आगे भाजपा ही आनी चाहिए।

पीएम मोदी- देखिए, अगर संभव हो अभी 5-6 दिन हैं तो हर दिन 50-50 लोगों का एक छोटा-छोटा, छोटा सम्मेलन दिन में तीन-चार, तीन-चार सम्मेलन अगर करें और उसमें अच्छे ढंग से बात करें और खास करके हमारी जो युवान बेटियां हैं उनसे बात करें तो बहुत बड़ा फर्क पड़ेगा। और उसी प्रकार से सरकार की तरफ से जो लाभ मिला है। कई परिवार है जिनको पक्का घर मिला होगा। किसी के अंदर से जल आया होगा। किसी को टॉयलेट बना होगा। किसी के घर में बिजली का कनेक्शन आया होगा, मुफ्त अनाज तो करीब-करीब सब परिवारों को मिलता होगा। ये बातें अगर उनके साथ उनके मुंह से करवाएंगे कि भाई आपको क्या-क्या मिला है बताइए?

कमलेश श्योराण- हां बोलते हैं जो भी सुविधा उनको मिली है जो भी चीज मिली है महिला बहुत खुश हैं और वो खुश होकर बतावें हैं। और बूड्डी औरत हैं वो भी महिला हैं वो भी बहुत खुश सैं। जो प्रधानमंत्री हमारे बुढ़ापे की लाठी है। बुढ़ापे में पूरी, पहले एक एक पैसे के लिए बेटे के पास से और उनके पास से वह करती थी। ईब बोली 3000 रुपये मेरे खाते में आ जावे सैं। तो हम खुलकर खर्च कर लेते हैं, कोई किसी की पैसे की जरूरत नहीं। प्रधानमंत्री है इतने हमको कोई चिंता की जरूरत नहीं।

पीएम मोदी- कमलेश जी आपको इतनी सारी जानकारियां हैं और वहां इतने लोगों से मिलती हैं। मुझे सुनकर बहुत अच्छा लगता है। देखिए, आज अगर देश में सबसे अधिक पेंशन कोई देता है तो हमारा हरियाणा की भाजपा सरकार देती है। और बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन पाने के लिए पहले तो कितने पापड़ बेलने पड़ते थे? महिलाएं अफसरों की मिन्नत करती रहती थीं। कभी-कभी तो रिश्वत लेने वाले भी मौका नहीं छोड़ते थे। लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद ऐसा सारा ऑनलाइन सिस्टम बनाया। सीधा पेंशन उनके खाते में चला जाता है। अब दफ्तरों के चक्कर खाना बंद हो गया। कोई अपमानित करने जो पहली घटनाएं घटती थी वो भी खत्म हो गई। मान-सम्मान भी बना रहा। ऐसे बहुत सारे काम आज भाजपा सरकार ने किए हैं। और उसके कारण महिलाओं का एक विश्वास भी पैदा हुआ है।

कमलेश श्योराण- सभी महिला बहुत खुश हैं और आपको बार-बार कहती हैं जय श्री राम और महिला सब आपकी योजना से बहुत।

पीएम मोदी- हमारा हरियाणा तो राम-राम से शुरू होता है और जय श्री राम का जय-जयकारा करता है और ये जो नारा है ना म्हारा हरियाणा, नॉन स्टॉप हरियाणा। ये हमारी माताओं-बहनों ने दिया है। हरियाणा की हमारी माताएं- बहनें बहुत जागरूक और समझदार हैं। उन्हें पता है कि कांग्रेस की असलियत क्या है। आपको बस अपनी योजनाओं को और अच्छे तरह से उन्हें समझाना है। ताकि उनका विश्वास वोट बनकर बीजेपी के साथ जुड़े और कमल के निशान पर वो बटन दबाएं। तो कमलेश जी आपने जीवन में तो बहुत संघर्ष किया है, लेकिन आपका जीवन सचमुच में हम भाजपा कार्यकर्ताओं को भी और हरियाणा के लोगों को भी प्रेरणा देने वाला है। मेरी तरफ से

कमलेश श्योराण- बीजेपी सरकार ने 1999 में मेरे पेट्रोल पंप अलॉटमेंट किया था, मैं चलाती हूं। मेरे बच्चा का पालन-पोषण बहुत बढ़िया तरह से कर रही हूं। एक बेटा डॉक्टर है एक एग्रीकल्चर में है।

पीएम मोदी- वाह-वाह, वाह ये सुन कर तो बहुत अच्छा लगा। मुझे मैं बहुत-बहुत आभारी हूं। आइए अब मेरे साथ और कौन जुड़ रहा है कहां से जुड़ रहे हैं।

मुकेश सैनी- माननीय प्रधानमंत्री जी राम-राम।

पीएम मोदी- राम-राम।

मुकेश सैनी- मेरा नाम मुकेश सैनी है जी।

पीएम मोदी- मुकेश जी नमस्ते।

मुकेश सैनी- मैं जिला जींद से बोल रहा हूं हल्का जुलाना से, रामराय मंडल अध्यक्ष जी। मेरी रामराय में छोटी सी चाय की दुकान है जी अड्डे पे। जहां अपने मुख्यमंत्री नायब सैनी जी चाय बनाकर गए थे जी।

पीएम मोदी- अच्छा-अच्छा यही मुकेश जी हैं।

मुकेश सैनी- जी-जी।

पीएम मोदी- हां, मैं कल भी तो आया था आपके यहां।

मुकेश सैनी- हां जी, हां जी बहुत भीड़ थी।

पीएम मोदी- मुकेश जी, अच्छे अच्छे लोग आपके यहां चाय बनाते हैं।

मुकेश सैनी- हां जी, हां जी।

पीएम मोदी- हमने तो सुना है आपको तो मुख्यमंत्री जी से बहुत बड़ी दोस्ती है।

मुकेश सैनी- हां जी, हमारे बड़े भाई हैं। बड़ा प्यार है जी उनका।

पीएम मोदी- देखिए भाई, मैं भी चाय वाला रहा हूं तो मैं भी तो आपका भाई हूं।

मुकेश सैनी- हां जी, हां जी हमारा तो सौभाग्य है जी।

पीएम मोदी- अच्छा मुकेश जी बताइए।

मुकेश सैनी- हां जी।

पीएम मोदी- मैं जरा जानना चाहता हूं, कल की सोनीपत की सभा तो बड़ी जबरदस्त थी भाई। और मैं देख करके आया मैं मानता हूं कि बिल्कुल आपने जैसे विजय पक्का कर दिया है लेकिन मुझे पोलिंग बूथ जीतना है। चुनाव तो जीतना था पक्का कर लिया हरियाणा ने। मुझे कार्यकर्ताओं से मेरी एक ही मांग है बस पोलिंग बूथ जीत कर के लाओ। मैं कार्यकर्ता से और कुछ नहीं मांगता हूं।

मुकेश सैनी- ठीक है जी सभी जीतेंगे जी।

पीएम मोदी- अच्छा, मुकेश जी जरा बताइए ना। वहां कैसा है आपके यहां तो चाय की दुकान है तो इतने लोग आते होंगे। नौजवान आते होंगे। दुनिया भर की बातें सुनने को मिलती होगी। आपसे भी बहुत पूछते होंगे और आप तो मुख्यमंत्री के मित्र हैं तो जरा और भी आप के साथ बातें बहुत करते होंगे।

मुकेश सैनी- हां जी अपनी जैसे चाय की दुकान है अड्डे पर जी। वहां बस स्टैंड पर है जहां पर बच्चे कॉलेज जाते हैं, वहां बैठकर चलाते हैं। वहीं हम जो पढ़ते हैं, पढ़ने वाले जो कांग्रेस में उनको पढ़ने-लिखने वाले बच्चों पर डाका डाला गया है। और लोगों को पता भी है कांग्रेस की सरकार में यहां कोई विकास नहीं होगा जी। इसलिए लोग बीजेपी से जुड़ना चाहते हैं जी। और हरियाणा में आने वाली पर्ची और खर्ची वाला राज नहीं चलेगा जी। इसलिए लोग बीजेपी के साथ हैं जी। नौजवान कहते हैं, जहां जाते हैं वहां खूब वादा करते हैं। फिर लोग इनके ऑफिस में ये कांग्रेस वाले बाहर धक्का मारकर बाहर निकाल देते हैं जी, झूठ बोलकर।

पीएम मोदी- कांग्रेस वाले तो अपने परिवार के लिए ही जीते हैं जी। ऊपर से नीचे तक यही उनका चरित्र है। उनको किसी और के बच्चों की चिंता नहीं है।

मुकेश सैनी- हां जी, हरियाणा में युवाओं में आपके साथ ऊर्जा और आपकी मेहनत और आप जिस तरह से लोगों से जुड़ते हैं सर, उससे लेकर बहुत सम्मान है सर।

पीएम मोदी- देखिए, इस बार तो हमारे सोनीपत ने खेलकूद के मैदान में बहुत कुछ किया है। पैरालंपिक हो तो भी हमारे सोनीपत ओलंपिक हो तो भी हमारा सोनीपत। देखिए, हरियाणा का नौजवान यानि सब कुछ कर सकता है। चाहे वो सेना हो, चाहे खेती का नया काम हो, चाहे खेलों का काम हो हमें ये नौजवानों की शक्ति हरियाणा के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगानी है जी। पूरी ताकत नौजवानों को हमने युवा वोटर और जो पहली बार वोटर बने हैं ना, जिनकी उम्र 18-20 साल है उन्होंने तो ये कांग्रेस वालों के पाप पता ही नहीं बेचारों को। कितना भ्रष्टाचार करते थे, कितना भाई-भतीजावाद करते थे, दलाली कैसी चलती थी? या तो दलाल या तो दामाद यही वहां के सुनाई देता था हमेशा। ये हाल जो है वो नई पीढ़ी को बताना पड़ेगा।

मुकेश सैनी- युवा वर्ग जानता है आज हरियाणा में नया बिजनेस ,नई फैक्ट्री और रोजगार सिर्फ आप ला सकते हैं सर

पीएम मोदी- देखिए, नौजवान तो पढ़ता-लिखता है सोचता भी है उसको बताइए। ये अपने बगल में हिमाचल का क्या हाल हुआ। वोट पाने के लिए हिमाचल कांग्रेस ने ऐसे कैसे वादे किए, ऐसे वादे किए। जैसे हर घर के सोने की छत बना देंगे, ऐसे ही वादे किए। और सरकार बनने के बाद हाथ ऊपर कर लिए। ओल्ड पेंशन स्कीम की बातें की। अभी वहां हड़ताल चल रही है। वो सरकारी मुलाजिमों को पैसा नहीं दे पा रहे हैं। विकास का कोई काम नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने सरकारी भर्तियां नहीं कर पा रहे हैं। और कई-कई महीनों तक डीए नहीं मिला हुआ है, डीए अटका हुआ है। सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल सब ठप पड़ा है। और इन्होंने तो वादा किया था कि महिलाओं को 1500 रुपये देंगे। आज दो साल हो गए हिमाचल की महिलाएं कांग्रेस से इंतजार कर रही हैं। आपने सुना होगा लोकसभा में तो उन्होंने एक जुलाई को 8000 मिल जाएंगे कहा था। सब लोग जुलूस लेकर उनके कार्यालय पर पहुंच गए। तो ये कांग्रेस के झूठ क्या हैं और कैसे बर्बादी कर रहे हैं। और चुनाव जीतने के लिए कैसी झूठ बोल सकते हैं ये हिमाचल ऐसा उदाहरण है, आप वहां नौजवानों को जरूर बताइए।

मुकेश सैनी- जी-जी, एक और प्रधानमंत्री जी, मैं चाहता हूं कि एक बार रामराय वाली चाय दुकान पर आओ एक बार चाय पीकर जाओ जी।

पीएम मोदी- अरे पक्का आएंगे मुकेश जी, मुझे एसपीजी वाले ऐसे परेशान करते हैं ना। पहले हरियाणा आता था मस्ती से किसी की भी स्कूटर पर चला जाता था। बस में चला जाता था अब वो नसीब मेरा पता नहीं क्या हो गया। लेकिन आपका प्यार ही मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।

मुकेश सैनी- जींद में आप स्कूटर पर आया करते थे।

पीएम मोदी- जींद में मैं जाता था हमारे रामेश्वर जी के घर जाता था सीधा। झोला अपने रामेश्वर जी के यहां लटकाता था और फिर निकल पड़ता था पैदल।

मुकेश सैनी- हां जी, हां जी। हम सुनते हैं ये बात जींद में जी।

पीएम मोदी- नहीं मैं जी बहुत पहले बहुत बहुत जगह पर गया हूं। बहुत लोगों से मिला हूं और अभी भी मुझे इतनी मीठी यादें हैं मेरे पास मुझे तो बहुत ही अच्छा लगता है। लेकिन मुकेश जी देखिए मेहनत बहुत करनी चाहिए। ये बात पक्का है चुनाव जीतेंगे।

मुकेश सैनी- पूरी मेहनत करेंगे जी।

पीएम मोदी- मेहनत करनी है बूथ जीतने के लिए।

मुकेश सैनी- हर बूथ जीतेंगे जी।

पीएम मोदी- बूथ जीतने का ही काम है और आज मैं आप सबसे बात कर रहा हूं। हजारों कार्यकर्ता आज मेरे साथ टेलीफोन पर जुड़े हैं। मेरा उनसे एक ही आग्रह है बाकी जो भी काम आए वो करते रहिए। मोदी की तरफ से एक ही काम है बूथ जीतो। पोलिंग बूथ जीतो, पोलिंग बूथ में भाजपा का झंडा झुकने नहीं देना है। नौजवान वोटर भी हमें वोट करें। माताएं-बहनें हमें वोट करें। बुजुर्ग हमें वोट को करें। किसान हमें वोट करें। विश्वकर्मा योजना वाले जो गांव के अंदर रहते हैं वो सारे हमको वोट करें। पूर्व सैनिक हमें वोट करें, ये वातावरण हमको बनाना है जी।

मुकेश सैनी- हां जी।

पीएम मोदी- चलिए मुकेश जी मुझे बहुत अच्छा लगा अब आगे कौन मेरे से बात करेगा।

मुकेश सैनी- राम-राम जी।

पीएम मोदी- राम- राम भैया।

अजय खुंडिया- जी, नमस्कार मोदी जी। मैं अजय खुंडिया बोल रहा हूं रोहतक से जी।

पीएम मोदी- अजय जी नमस्ते कहां से?

अजय खुंडिया-- मैं रोहतक से।

पीएम मोदी- रोहतक से बोल रहे हैं। हमारे एक चौधरी जयनारायण जी खुंडिया हुआ करते थे।

अजय खुंडिया- मेरे दादा जी हैं जी।

पीएम मोदी- अच्छा आप उनके पोते हैं।

अजय खुंडिया- जी।

पीएम मोदी- जय नारायण जी का तो मुझ पर बहुत प्यार रहा भाई। और मैं इस कोविड के समय भी मैंने समय निकाल कर उनसे बात की थी।

अजय खुंडिया- जी-जी, माननीय प्रधानमंत्री जी आपने बात की थी।

पीएम मोदी- हां, मेरा बड़ा अच्छा संबंध रहा है। वो हमेशा मेरी बड़े एक पिता की तरह मेरी चिंता करते थे।

अजय खुंडिया- जी, माननीय प्रधानमंत्री जी दादा जी बताते थे। एक-दो बार स्कूटर के माध्यम से गाड़ी के माध्यम से आपके साथ कहीं उनको भी जाने का अवसर मिलता था, घूमते थे।

पीएम मोदी- हां, मैंने काफी उनके साथ काम किया है जी। दादा जी के साथ तो इसलिए कोविड के समय थोड़ा समय था तो मैं सब पुराने लोगों से फोन करके बात करता था। तो मैंने आपके दादाजी से भी उस दिन फोन लगाया था।

अजय खुंडिया- जी प्रधानमंत्री जी।

पीएम मोदी- अच्छा, अजय जी बताइए आपका तो पूरा परिवार तीन-तीन पीढ़ी भाजपा को समर्पित है और आपने तो सिर्फ भाजपा का झंडा बुलंद रखने के लिए तीन-तीन पीढ़ी खपा दी है आप लोगों ने। बहुत बड़ी सेवा की है, आपके परिवार ने। इस चुनाव में क्या स्थिति है मुझे बताइए। क्या लग रहा है बूथ पर कैसे काम कर रहे हैं?

अजय खुंडिया- माननीय प्रधानमंत्री जी, आज तक हमारा बूथ नंबर 131 है। आज तक भारतीय जनता पार्टी हमारे बूथ से हमेशा जीतती आई है। अब लोकसभा चुनाव में भी 687 वोट आए थे हमारे बूथ से जी। 787 वोटों में से सिर्फ 100 वोट हम पीछे रहे कोशिश करेंगे। अबकी बार हम 100% बूथ को हम वोट डलवाएं। जी अपने ही पक्ष में।

पीएम मोदी- देखिए, मैं तो जानता हूं जब जयनारायण जी थे तब से वो बिल्कुल बाकी सब काम वो मुझे कहते थे कि मोदी जी बाकी सब मैं करूंगा लेकिन मैं मेरे बूथ में कभी हारूंगा नहीं। और वो जितने जीवित रहे, छोटा चुनाव हो वो जीत करके ले आते थे। ये मिजाज हमें पूरे हरियाणा प्रदेश में भाजपा के कार्यकर्ताओं में बनाना चाहिए। और किसानों को क्योंकि रोहतक का बेल्ट ऐसा है। जींद का बेल्ट ऐसा है किसानों से बात पक्की कर लेनी चाहिए। देखिए, पूरे देश में 24 फसलों पर एमएसपी देने वाला ये भाजपा सरकार ही दे सकती है। ये किसानों को बहुत पसंद आने वाली बात है। और मैं चाहूंगा कि किसानों से भरपूर इस विषय में बातचीत होनी चाहिए।

अजय खुंडिया- माननीय प्रधानमंत्री जी, हम हरियाणा प्रांत 24 फसलों पर एमएसपी दे रहा है। इस बात को लेकर किसानों में जब चर्चा होती है तो बहुत से किसान ये कहते हैं कि ऐसा और अन्य कोई पार्टी नहीं कर सकती। कांग्रेस के काल में तो माननीय प्रधानमंत्री जी किसानों ने खुल के लोकसभा चुनाव में सुनारिया गांव में ये कहा कि हमारी जमीनें लूटने का काम किया है। और सस्ते दामों में उन्होंने बेच दिया कहीं बाहर। और आज माननीय प्रधानमंत्री जी, मैं ये भी कहना चाहूंगा और जो हमारा दलित समाज है, गरीब समाज है, वंचित समाज है। आपके नेतृत्व में और भाजपा शासनकाल में अपने आपको भय मुक्त देख रहा है। अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहा है जी।

पीएम मोदी- देखिए, आपको तो मालूम है जय नारायण जी को पता है। उस जमाने में हमारे दलित समाज के भाई-बहनों पर कितना जुल्म होता था और कितनी बड़ी घटनाएं होती थी और उनका मीडिया मैनेजमेंट ऐसा था। कुछ बाहर नहीं आता था। और आज भी ये झूठ बोलने में इतने एक्सपर्ट हैं, इतने एक्सपर्ट हैं और ऐसा झूठ बोलते हैं, जैसे मानो वो ही सत्य का अवतार है। वही जैसे राजा हरिश्चंद्र है। इतना झूठ बोलने में एक्सपर्ट बन गए हैं ये लोग। और नकाब पहन लेते हैं राजा हरिश्चंद्र का। और इसलिए घर-घर जाकर के इनके झूठ का पर्दाफाश करना पड़ेगा। दलितों पर, पिछड़ों पर कैसा अत्याचार करते हैं अब ये बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं। हरियाणा को पहली बार ओबीसी चीफ मिनिस्टर मिला है। पहली बार पिछड़ा समाज से मिला है, लेकिन ये कांग्रेस वाले बोलेंगे नहीं। आप पूरे देश में जाकर के जाति-जाति-जाति के गीत गाएंगे। मुस्लिम बस्ती में जाएंगे तो जाति का नाम भी नहीं देते हैं। और हरियाणा में तो बिल्कुल ताला लग गया है, क्योंकि उनको मालूम है कि जाति की बात बोलेंगे तो हरियाणा में तो कभी उन्होंने कभी पिछड़े को मुख्यमंत्री नहीं बनाया। और भाजपा ने एक अति पिछड़े को मुख्यमंत्री बना दिया और इतना नम्र इतना सरल मुख्यमंत्री है कि उनकी हेकड़ी चलती नहीं उनके सामने। लेकिन ये बात हमें घर-घर जाकर बतानी पड़ेगी।

अजय खुंडिया- माननीय प्रधानमंत्री जी हम और हमारी पूरी टीम और ये बातें हम घर-घर जाकर बता रहे हैं। और इस बात का आपको, क्योंकि हरियाणा का किसान किस प्रकार से आपने उनको फसल बीमा के माध्यम से उनके सीधे खाते में किसान सम्मान निधि के माध्यम से और गरीब आदमियों के प्रति जो बाबा भीमराव अंबेडकर जी के अनुसरण करते हुए जिस प्रकार से निरंतर हमारी भाजपा सरकार ने गरीब आदमी का जो उनका हक उनको दिया है। इस बात से लेकर के एक-एक गरीब आदमी आज कमल के फूल के साथ खड़ा है जी।

पीएम मोदी- देखिए, ये तो मैं तो देखा हूं हरियाणा में कभी ओले गिरते थे। प्राकृतिक आपदा होती थी तो कांग्रेस सरकार मुआवजा दो-दो रुपए के चेक देती थी। दो रुपये का चेक। और बहुत बड़ी शर्म आती थी, आज भाजपा सरकार ने 15000 रुपये के हिसाब से हजारों करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को बांटा है। और वो भी सीधा बैंक में जमा किया, कोई बिचौलिया नहीं, कोई कट कंपनी नहीं। आप देखिए किसान सम्मान निधि हमारे छोटे- छोटे किसान हैं। हमारे दलित समाज में तो बहुत कम जमीन होती है। इन छोटे-छोटे किसानों को भी किसान सम्मान निधि का पैसा लगातार मिल रहा है। और उनके खेती के जो प्राथमिक काम होते हैं सारे उसी से हो जाते हैं और ये जो किसान के नाम पर बातें करते हैं। किसान को लूटने का काम करते हैं।

अजय खुंडिया- माननीय प्रधानमंत्री जी, आज अनुसूचित जाति वर्ग जिन्होंने लोकसभा में एक बड़ा एजेंडा चलाया कि संविधान खतरे में है। माननीय प्रधानमंत्री जी, आज हम घर-घर जा करके एक-एक परिवार में जाकर के बता रहे हैं और उन लोगों को ये बात समझ में आ गई कि संविधान खतरे में नहीं है। और भारतीय जनता पार्टी गरीब आदमियों के पक्ष में इतनी स्कीमें हम जा जाकर बता रहे हैं। और इस बात का रिजल्ट अभी हमारे इतनी बड़ी-बड़ी रैलियां हो रही हैं। अनुसूचित जाति वर्ग की पीछे भी हमारे रैली हुई है 4-5 दिन पहले, जहां बिना बुलाए अपनेआप बीजेपी के साथ आज गरीब आदमी खड़ा है जी।

पीएम मोदी- देखिए, हरियाणा में तो अनुसूचित जाति समाज ने हमें बहुत मदद की हमेशा। बस हमें उन तक पहुंचना है और इनके तो पेट में दर्द हो रहा है कि देश का प्रधानमंत्री पिछड़ा कैसे बन गया? हरियाणा का मुख्यमंत्री पिछड़ा कैसे बन गया? और इसलिए ये झूठ फैलाते हैं ताकि उनको लगता है कि अगर ये पिछड़ों की इतनी ताकत बढ़ गई तो उनका क्या होगा। इसलिए ये सब खेल कर रहे हैं। इतने सारे झूठ फैला रहे हैं ये लोग। और मैं तो किसान भाइयों से भी कहूंगा कि कांग्रेस से जवाब मांगे कि कांग्रेस ने कैसे-कैसे जुल्म किए हैं? एमएसपी को लेकर के पहले कितना झूठ बोला है। और आज भाजपा सरकार कितना एमएसपी खरीद रही है, उन्होंने कुछ किया नहीं। अब आप देखिए यूरिया, आज दुनिया के बाजार में यूरिया का बोरा 3000 रुपये में मिलता है। भारत को भी उतने ही महंगा यूरिया बाहर से लाना पड़ता है, लेकिन हम किसानों को 3000 रुपये देने के लिए मजबूर नहीं करते हैं। वो सारा यूरिया का इतना बड़ा पैसों का बोझ भारत सरकार अपने कंधे पर उठा लेती है और सिर्फ 300 रुपये में 300 से भी कम यूरिया का बोरा हमारे किसान को पहुंचता है। जबकि दुनिया के बाजार में 3000 रुपये हो गया है। क्योंकि हम नहीं चाहते कि हमारे किसान को मुसीबत हो। लेकिन ये बातें हमें किसानों को बतानी होंगी। और उनसे जरूर कहना होगा कि भाई हम किसानों की भलाई के लिए, दलितों की भलाई के लिए काम करने वाली अगर कोई पार्टी है तो भारतीय जनता पार्टी है। और दलितों के नाम पर कांग्रेस के जमाने में जो जुल्म हुए थे, उसका तो कोई कल्पना नहीं कर सकते।

अब आप देखिए कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। अभी-अभी तो दो साल पहले आए हैं। कर्नाटक में दलितों के कल्याण के लिए जो फंड था, उसमें भी उन्होंने घोटाला कर दिया। यानी वो कोई मौका छोड़ते नहीं है और सबसे ज्यादा वो दलितों को ही लूटते हैं। लेकिन अजय जी मेहनत करनी है और सबको एक ही प्रेरणा दीजिए, बस हमें पोलिंग बूथ जीतना है। और इन्होंने जितने झूठे वादे किए आप देखिए जहां-जहां उनकी सरकारें हैं। एक भी वादा पूरा नहीं करते। और यहां हरियाणा में जाकर के बड़े-बड़े भाषण झाड़ रहे हैं ना, उनको कहो ना कि कर्नाटक में तुम्हारी सरकार है तो वहां लागू करने में कौन रोकता है? तेलंगाना में तुम्हारी सरकार है, वहां तुमको लागू करने में कौन रोकता है? तुम हरियाणा के लोगों के सामने झूठी बातें क्यों बोलते हो। पहले वहां करके दिखाओ ना। तो कहते नहीं वो कर्नाटक वाला तो कर्नाटक वाला जाने हम तो हरियाणा की बात करेंगे। ऐसा झूठ बोलते हैं ये लोग। अफवाह फैलाना, झूठ बोलना ये तो इनके रक्त में है। और इसलिए हमें पूरी शक्ति लगा कर के और मेरा तो सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि हमें सिर्फ और सिर्फ पूरी ताकत लगानी है पोलिंग बूथ जीतने पर। चलिए, अजय जी मुझे बहुत अच्छा लगा। लेकिन मैं सभी भाजपा कार्यकर्ताओं से आग्रह करूंगा कि आप सबने चुनाव की आपाधापी और दौड़-धूप के बीच भी समय निकाला।

मेरे साथ बातचीत करने के लिए और मुझे भी पुरानी यादें ताजा करने का मौका मिल गया। और जब मैं आज बात कर रहा था अलग-अलग इलाके में, तो एक साथ मुझे हम मैं कई चेहरे भी आ जाते थे। पुराने- पुराने कार्यकर्ताओं के तो मुझे बहुत अच्छा लगा। जैसे मैं आज वो पुराना नरेंद्र मोदी हरियाणा का कार्यकर्ता ऐसा ही बन गया था आपके बीच में। आपका प्यार हमेशा बना रहे। लेकिन मेरा हरियाणा के कार्यकर्ताओं से यही आग्रह है कि आने वाले 5-6-7 दिन जो भी अपने पास समय है। पोलिंग बूथ जीतने के और पोलिंग बूथ में वोटिंग के पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ने हैं। मेरा बूथ-सबसे मजबूत, मैं कुछ भी हो जाए मेरे पोलिंग बूथ में, मैं झंडा झुकने नहीं दूंगा। ये अगर विश्वास देकर हम चलेंगे और हमें सब समाज को साथ लेकर चलना है। सब वर्गों को साथ लेकर चलना है।

हमें युवा पीढ़ी का भविष्य बनाना है। हमें हमारे किसानों की शक्ति बनाना है। हमारी माताओं- बहनों के सामर्थ्य को बढ़ाना है और हरियाणा आज देश जो प्रगति कर रहा है उसका सबसे ज्यादा फायदा हरियाणा ले सकता है। दिल्ली से, सबसे नजदीक आप लोग हैं और मैं तो हरियाणा वाला ही हूं एक प्रकार से। तो हम मिलकर के बहुत प्रगति कर सकते हैं, बहुत बदलाव कर सकते हैं। तो मुझे बहुत अच्छा लगा। आप सबसे बात करने का मुझे मौका मिला। सब कार्यकर्ताओं से तो बात मैं नहीं कर पाऊंगा, लेकिन कुछ साथियों से मुझे बात करने का मौका मिला। और हरियाणा के गांव-गांव, घर-घर से एक ही आवाज सुनाई दे रही है- ‘भरोसा दिल से भाजपा फिर से’, ये घर-घर से जो आवाज आ रही है जो विश्वास पैदा हुआ है और आप जीतने वाले हैं मैं जानता हूं। लेकिन पोलिंग बूथ जीतना ये मेरा मेरी इच्छा है। हमें सब पोलिंग बूथ जीतना है और आप पोलिंग बूथ जीतेंगे तो दुनिया की तोई ताकत चुनाव नहीं हरा सकती है। मेरी आपको बहुत शुभकामनाएं हैं। और जब भी मेरा आना का मौका मिलेगा आप लोगों से जरूर बात करूंगा। फिर एक बार मेरी आपसे बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत धन्यवाद, नमस्कार, राम-राम।

  • Ratnesh Pandey April 16, 2025

    भारतीय जनता पार्टी ज़िंदाबाद ।। जय हिन्द ।।
  • Jitendra Kumar April 13, 2025

    🙏🇮🇳
  • krishangopal sharma Bjp February 17, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 17, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 17, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 17, 2025

    मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹मोदी 🌹🙏🌹🙏🌷🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🙏🌷🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • Parmod Kumar November 28, 2024

    jai
  • Amit Choudhary November 20, 2024

    Jai hind jai Bharat modi ji ki jai ho
  • Gopal Singh Chauhan November 10, 2024

    Jay shree ram
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ਹਰ ਭਾਰਤੀ ਦਾ ਖੂਨ ਖੌਲ ਰਿਹਾ ਹੈ: ਮਨ ਕੀ ਬਾਤ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਮੋਦੀ

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Urban areas are our growth centres, we will have to make urban bodies growth centres of economy: PM Modi in Gandhinagar
May 27, 2025
QuoteTerrorist activities are no longer proxy war but well thought out strategy, so the response will also be in a similar way: PM
QuoteWe believe in ‘Vasudhaiva Kutumbakam’, we don’t want enemity with anyone, we want to progress so that we can also contribute to global well being: PM
QuoteIndia must be developed nation by 2047,no compromise, we will celebrate 100 years of independence in such a way that whole world will acclaim ‘Viksit Bharat’: PM
QuoteUrban areas are our growth centres, we will have to make urban bodies growth centres of economy: PM
QuoteToday we have around two lakh Start-Ups ,most of them are in Tier2-Tier 3 cities and being led by our daughters: PM
QuoteOur country has immense potential to bring about a big change, Operation sindoor is now responsibility of 140 crore citizens: PM
QuoteWe should be proud of our brand “Made in India”: PM

भारत माता की जय! भारत माता की जय!

क्यों ये सब तिरंगे नीचे हो गए हैं?

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

मंच पर विराजमान गुजरात के गवर्नर आचार्य देवव्रत जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेंद्र भाई पटेल, केंद्र में मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी मनोहर लाल जी, सी आर पाटिल जी, गुजरात सरकार के अन्य मंत्री गण, सांसदगण, विधायक गण और गुजरात के कोने-कोने से यहां उपस्थित मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

मैं दो दिन से गुजरात में हूं। कल मुझे वडोदरा, दाहोद, भुज, अहमदाबाद और आज सुबह-सुबह गांधी नगर, मैं जहां-जहां गया, ऐसा लग रहा है, देशभक्ति का जवाब गर्जना करता सिंदुरिया सागर, सिंदुरिया सागर की गर्जना और लहराता तिरंगा, जन-मन के हृदय में मातृभूमि के प्रति अपार प्रेम, एक ऐसा नजारा था, एक ऐसा दृश्य था और ये सिर्फ गुजरात में नहीं, हिन्‍दुस्‍तान के कोने-कोने में है। हर हिन्दुस्तानी के दिल में है। शरीर कितना ही स्वस्थ क्यों न हो, लेकिन अगर एक कांटा चुभता है, तो पूरा शरीर परेशान रहता है। अब हमने तय कर लिया है, उस कांटे को निकाल के रहेंगे।

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साथियों,

1947 में जब मां भारती के टुकड़े हुए, कटनी चाहिए तो ये तो जंजीरे लेकिन कांट दी गई भुजाएं। देश के तीन टुकड़े कर दिए गए। और उसी रात पहला आतंकवादी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ। मां भारती का एक हिस्सा आतंकवादियों के बलबूते पर, मुजाहिदों के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया। अगर उसी दिन इन मुजाहिदों को मौत के घाट उतार दिया गया होता और सरदार पटेल की इच्छा थी कि पीओके वापस नहीं आता है, तब तक सेना रूकनी नहीं चाहिए। लेकिन सरदार साहब की बात मानी नहीं गई और ये मुजाहिदीन जो लहू चख गए थे, वो सिलसिला 75 साल से चला है। पहलगाम में भी उसी का विकृत रूप था। 75 साल तक हम झेलते रहे हैं और पाकिस्तान के साथ जब युद्ध की नौबत आई, तीनों बार भारत की सैन्य शक्ति ने पाकिस्तान को धूल चटा दी। और पाकिस्तान समझ गया कि लड़ाई में वो भारत से जीत नहीं सकते हैं और इसलिए उसने प्रॉक्सी वार चालू किया। सैन्‍य प्रशिक्षण होता है, सैन्‍य प्रशिक्षित आतंकवादी भारत भेजे जाते हैं और निर्दोष-निहत्थे लोग कोई यात्रा करने गया है, कोई बस में जा रहा है, कोई होटल में बैठा है, कोई टूरिस्‍ट बन कर जा रहा है। जहां मौका मिला, वह मारते रहे, मारते रहे, मारते रहे और हम सहते रहे। आप मुझे बताइए, क्या यह अब सहना चाहिए? क्या गोली का जवाब गोले से देना चाहिए? ईट का जवाब पत्थर से देना चाहिए? इस कांटे को जड़ से उखाड़ देना चाहिए?

साथियों,

यह देश उस महान संस्कृति-परंपरा को लेकर चला है, वसुधैव कुटुंबकम, ये हमारे संस्कार हैं, ये हमारा चरित्र है, सदियों से हमने इसे जिया है। हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। हम अपने पड़ोसियों का भी सुख चाहते हैं। वह भी सुख-चैन से जिये, हमें भी सुख-चैन से जीने दें। ये हमारा हजारों साल से चिंतन रहा है। लेकिन जब बार-बार हमारे सामर्थ्य को ललकारा जाए, तो यह देश वीरों की भी भूमि है। आज तक जिसे हम प्रॉक्सी वॉर कहते थे, 6 मई के बाद जो दृश्य देखे गए, उसके बाद हम इसे प्रॉक्सी वॉर कहने की गलती नहीं कर सकते हैं। और इसका कारण है, जब आतंकवाद के 9 ठिकाने तय करके 22 मिनट में साथियों, 22 मिनट में, उनको ध्वस्त कर दिया। और इस बार तो सब कैमरा के सामने किया, सारी व्यवस्था रखी थी। ताकि हमारे घर में कोई सबूत ना मांगे। अब हमें सबूत नहीं देना पड़ रहा है, वो उस तरफ वाला दे रहा है। और मैं इसलिए कहता हूं, अब यह प्रॉक्सी वॉर नहीं कह सकते इसको क्योंकि जो आतंकवादियों के जनाजे निकले, 6 मई के बाद जिन का कत्ल हुआ, उस जनाजे को स्टेट ऑनर दिया गया पाकिस्तान में, उनके कॉफिन पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए, उनकी सेना ने उनको सैल्यूट दी, यह सिद्ध करता है कि आतंकवादी गतिविधियां, ये प्रॉक्सी वॉर नहीं है। यह आप की सोची समझी युद्ध की रणनीति है। आप वॉर ही कर रहे हैं, तो उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा। हम अपने काम में लगे थे, प्रगति की राह पर चले थे। हम सबका भला चाहते हैं और मुसीबत में मदद भी करते हैं। लेकिन बदले में खून की नदियां बहती हैं। मैं नई पीढ़ी को कहना चाहता हूं, देश को कैसे बर्बाद किया गया है? 1960 में जो इंडस वॉटर ट्रीटी हुई है। अगर उसकी बारीकी में जाएंगे, तो आप चौक जाएंगे। यहाँ तक तय हुआ है उसमें, कि जो जम्मू कश्मीर की अन्‍य नदियों पर डैम बने हैं, उन डैम का सफाई का काम नहीं किया जाएगा। डिसिल्टिंग नहीं किया जाएगा। सफाई के लिए जो नीचे की तरफ गेट हैं, वह नहीं खोले जाएंगे। 60 साल तक यह गेट नहीं खोले गए और जिसमें शत प्रतिशत पानी भरना चाहिए था, धीरे-धीरे इसकी कैपेसिटी काम हो गई, 2 परसेंट 3 परसेंट रह गया। क्या मेरे देशवासियों को पानी पर अधिकार नहीं है क्या? उनको उनके हक का पानी मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए क्या? और अभी तो मैंने कुछ ज्यादा किया नहीं है। अभी तो हमने कहा है कि हमने इसको abeyance में रखा है। वहां पसीना छूट रहा है और हमने डैम थोड़े खोल करके सफाई शुरू की, जो कूड़ा कचरा था, वह निकाल रहे हैं। इतने से वहां flood आ जाता है।

साथियों,

हम किसी से दुश्मनी नहीं चाहते हैं। हम सुख-चैन की जिंदगी जीना चाहते हैं। हम प्रगति भी इसलिए करना चाहते हैं कि विश्व की भलाई में हम भी कुछ योगदान कर सकें। और इसलिए हम एकनिष्ठ भाव से कोटि-कोटि भारतीयों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं। कल 26 मई था, 2014 में 26 मई, मुझे पहली बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने का अवसर मिला। और तब भारत की इकोनॉमी, दुनिया में 11 नंबर पर थी। हमने कोरोना से लड़ाई लड़ी, हमने पड़ोसियों से भी मुसीबतें झेली, हमने प्राकृतिक आपदा भी झेली। इन सब के बावजूद भी इतने कम समय में हम 11 नंबर की इकोनॉमी से चार 4 नंबर की इकोनॉमी पर पहुंच गए क्योंकि हमारा ये लक्ष्य है, हम विकास चाहते हैं, हम प्रगति चाहते हैं।

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और साथियों,

मैं गुजरात का ऋणी हूं। इस मिट्टी ने मुझे बड़ा किया है। यहां से मुझे जो शिक्षा मिली, दीक्षा मिली, यहां से जो मैं आप सबके बीच रहकर के सीख पाया, जो मंत्र आपने मुझे दिए, जो सपने आपने मेरे में संजोए, मैं उसे देशवासियों के काम आए, इसके लिए कोशिश कर रहा हूं। मुझे खुशी है कि आज गुजरात सरकार ने शहरी विकास वर्ष, 2005 में इस कार्यक्रम को किया था। 20 वर्ष मनाने का और मुझे खुशी इस बात की हुई कि यह 20 साल के शहरी विकास की यात्रा का जय गान करने का कार्यक्रम नहीं बनाया। गुजरात सरकार ने उन 20 वर्ष में से जो हमने पाया है, जो सीखा है, उसके आधार पर आने वाले शहरी विकास को next generation के लिए उन्होंने उसका रोडमैप बनाया और आज वो रोड मैप गुजरात के लोगों के सामने रखा है। मैं इसके लिए गुजरात सरकार को, मुख्यमंत्री जी को, उनकी टीम को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

हम आज दुनिया की चौथी इकोनॉमी बने हैं। किसी को भी संतोष होगा कि अब जापान को भी पीछे छोड़ कर के हम आगे निकल गए हैं और मुझे याद है, हम जब 6 से 5 बने थे, तो देश में एक और ही उमंग था, बड़ा उत्साह था, खासकर के नौजवानों में और उसका कारण यह था कि ढाई सौ सालों तक जिन्होंने हम पर राज किया था ना, उस यूके को पीछे छोड़ करके हम 5 बने थे। लेकिन अब चार बनने का आनंद जितना होना चाहिए उससे ज्यादा तीन कब बनोगे, उसका दबाव बढ़ रहा है। अब देश इंतजार करने को तैयार नहीं है और अगर किसी ने इंतजार करने के लिए कहा, तो पीछे से नारा आता है, मोदी है तो मुमकिन है।

और इसलिए साथियों,

एक तो हमारा लक्ष्य है 2047, हिंदुस्तान विकसित होना ही चाहिए, no compromise… आजादी के 100 साल हम ऐसे ही नहीं बिताएंगे, आजादी के 100 साल ऐसे मनाएंगे, ऐसे मनाएंगे कि दुनिया में विकसित भारत का झंडा फहरता होगा। आप कल्पना कीजिए, 1920, 1925, 1930, 1940, 1942, उस कालखंड में चाहे भगत सिंह हो, सुखदेव हो, राजगुरु हो, नेताजी सुभाष बाबू हो, वीर सावरकर हो, श्यामजी कृष्ण वर्मा हो, महात्मा गांधी हो, सरदार पटेल हो, इन सबने जो भाव पैदा किया था और देश की जन-मन में आजादी की ललक ना होती, आजादी के लिए जीने-मरने की प्रतिबद्धता ना होती, आजादी के लिए सहन करने की इच्छा शक्ति ना होती, तो शायद 1947 में आजादी नहीं मिलती। यह इसलिए मिली कि उस समय जो 25-30 करोड़ आबादी थी, वह बलिदान के लिए तैयार हो चुकी थी। अगर 25-30 करोड़ लोग संकल्पबद्ध हो करके 20 साल, 25 साल के भीतर-भीतर अंग्रेजों को यहां से निकाल सकते हैं, तो आने वाले 25 साल में 140 करोड़ लोग विकसित भारत बना भी सकते हैं दोस्तों। और इसलिए 2030 में जब गुजरात के 75 वर्ष होंगे, मैं समझता हूं कि हमने अभी से 30 में होंगे, 35… 35 में जब गुजरात के 75 वर्ष होंगे, हमने अभी से नेक्स्ट 10 ईयर का पहले एक प्लान बनाना चाहिए कि जब गुजरात के 75 होंगे, तब गुजरात यहां पहुंचेगा। उद्योग में यहां होगा, खेती में यहां होगा, शिक्षा में यहां होगा, खेलकूद में यहां होगा, हमें एक संकल्प ले लेना चाहिए और जब गुजरात 75 का हो, उसके 1 साल के बाद जो ओलंपिक होने वाला है, देश चाहता है कि वो ओलंपिक हिंदुस्तान में हो।

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और इसलिए साथियों,

जिस प्रकार से हमारा यह एक लक्ष्य है कि हम जब गुजरात के 75 साल हो जाए। और आप देखिए कि जब गुजरात बना, उस समय के अखबार निकाल दीजिए, उस समय की चर्चाएं निकाल लीजिए। क्या चर्चाएं होती थी कि गुजरात महाराष्ट्र से अलग होकर क्या करेगा? गुजरात के पास क्या है? समंदर है, खारा पाठ है, इधर रेगिस्तान है, उधर पाकिस्तान है, क्या करेगा? गुजरात के पास कोई मिनरल्स नहीं, गुजरात कैसे प्रगति करेगा? यह ट्रेडर हैं सारे… इधर से माल लेते हैं, उधर बेचते हैं। बीच में दलाली से रोजी-रोटी कमा करके गुजारा करते हैं। क्‍या करेंगे ऐसी चर्चा थी। वही गुजरात जिसके पास एक जमाने में नमक से ऊपर कुछ नहीं था, आज दुनिया को हीरे के लिए गुजरात जाना जाता है। कहां नमक, कहां हीरे! यह यात्रा हमने काटी है। और इसके पीछे सुविचारित रूप से प्रयास हुआ है। योजनाबद्ध तरीके से कदम उठाएं हैं। हमारे यहां आमतौर पर गवर्नमेंट के मॉडल की चर्चा होती है कि सरकार में साइलोज, यह सबसे बड़ा संकट है। एक डिपार्टमेंट दूसरे से बात नहीं करता है। एक टेबल वाला दूसरे टेबल वाले से बात नहीं करता है, ऐसी चर्चा होती है। कुछ बातों में सही भी होगा, लेकिन उसका कोई सॉल्यूशन है क्या? मैं आज आपको बैकग्राउंड बताता हूं, यह शहरी विकास वर्ष अकेला नहीं, हमने उस समय हर वर्ष को किसी न किसी एक विशेष काम के लिए डेडिकेट करते थे, जैसे 2005 में शहरी विकास वर्ष माना गया। एक साल ऐसा था, जब हमने कन्या शिक्षा के लिए डेडिकेट किया था, एक वर्ष ऐसा था, जब हमने पूरा टूरिज्म के लिए डेडिकेट किया था। इसका मतलब ये नहीं कि बाकी सब काम बंद करते थे, लेकिन सरकार के सभी विभागों को उस वर्ष अगर forest department है, तो उसको भी अर्बन डेवलपमेंट में वो contribute क्या कर सकता है? हेल्थ विभाग है, तो अर्बन डेवलपमेंट ईयर में वो contribute क्या कर सकता है? जल संरक्षण मंत्रालय है, तो वह अर्बन डेवलपमेंट में क्या contribute कर सकता है? टूरिज्म डिपार्टमेंट है, तो वह अर्बन डेवलपमेंट में क्या contribute कर सकता है? यानी एक प्रकार से whole of the government approach, इस भूमिका से ये वर्ष मनाया और आपको याद होगा, जब हमने टूरिज्म ईयर मनाया, तो पूरे राज्य में उसके पहले गुजरात में टूरिज्म की कल्पना ही कोई नहीं कर सकता था। विशेष प्रयास किया गया, उसी समय ऐड कैंपेन चलाया, कुछ दिन तो गुजारो गुजरात में, एक-एक चीज उसमें से निकली। उसी में से रण उत्‍सव निकला, उसी में से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बना। उसी में से आज सोमनाथ का विकास हो रहा है, गिर का विकास हो रहा है, अंबाजी जी का विकास हो रहा है। एडवेंचर स्पोर्ट्स आ रही हैं। यानी एक के बाद एक चीजें डेवलप होने लगीं। वैसे ही जब अर्बन डेवलपमेंट ईयर मनाया।

और मुझे याद है, मैं राजनीति में नया-नया आया था। और कुछ समय के बाद हम अहमदाबाद municipal कॉरपोरेशन सबसे पहले जीते, तब तक हमारे पास एक राजकोट municipality हुआ करती थी, तब वो कारपोरेशन नहीं थी। और हमारे एक प्रहलादभाई पटेल थे, पार्टी के बड़े वरिष्ठ नेता थे। बहुत ही इनोवेटिव थे, नई-नई चीजें सोचना उनका स्वभाव था। मैं नया राजनीति में आया था, तो प्रहलाद भाई एक दिन आए मिलने के लिए, उन्होंने कहा ये हमें जरा, उस समय चिमनभाई पटेल की सरकार थी, तो हमने चिमनभाई और भाजपा के लोग छोटे पार्टनर थे। तो हमें चिमनभाई को मिलकर के समझना चाहिए कि यह जो लाल बस अहमदाबाद की है, उसको जरा अहमदाबाद के बाहर जाने दिया जाए। तो उन्होंने मुझे समझाया कि मैं और प्रहलाद भाई चिमनभाई को मिलने गए। हमने बहुत माथापच्ची की, हमने कहा यह सोचने जैसा है कि लाल बस अहमदाबाद के बाहर गोरा, गुम्‍मा, लांबा, उधर नरोरा की तरफ आगे दहेगाम की तरफ, उधर कलोल की तरफ आगे उसको जाने देना चाहिए। ट्रांसपोर्टेशन का विस्तार करना चाहिए, तो सरकार के जैसे सचिवों का स्वभाव रहता है, यहां बैठे हैं सारे, उस समय वाले तो रिटायर हो गए। एक बार एक कांग्रेसी नेता को पूछा गया था कि देश की समस्याओं का समाधान करना है तो दो वाक्य में बताइए। कांग्रेस के एक नेता ने जवाब दिया था, वो मुझे आज भी अच्छा लगता है। यह कोई 40 साल पहले की बात है। उन्होंने कहा, देश में दो चीजें होनी चाहिए। एक पॉलीटिशियंस ना कहना सीखें और ब्यूरोक्रेट हां कहना सीखे! तो उससे सारी समस्या का समाधान हो जाएगा। पॉलीटिशियंस किसी को ना नहीं कहता और ब्यूरोक्रेट किसी को हां नहीं कहता। तो उस समय चिमनभाई के पास गए, तो उन्‍होंने पूछा सबसे, हम दोबारा गए, तीसरी बार गए, नहीं-नहीं एसटी को नुकसान हो जाएगा, एसटी को कमाई बंद हो जाएगी, एसटी बंद पड़ जाएगी, एसटी घाटे में चल रही है। लाल बस वहां नहीं भेज सकते हैं, यह बहुत दिन चला। तीन-चार महीने तक हमारी माथापच्ची चली। खैर, हमारा दबाव इतना था कि आखिर लाल बस को लांबा, गोरा, गुम्‍मा, ऐसा एक्सटेंशन मिला, उसका परिणाम है कि अहमदाबाद का विस्तार तेजी से उधर सारण की तरफ हुआ, इधर दहेगाम की तरफ हुआ, उधर कलोल की तरह हुआ, उधर अहमदाबाद की तरह हुआ, तो अहमदाबाद की तरफ जो प्रेशर, एकदम तेजी से बढ़ने वाला था, उसमें तेजी आई, बच गए छोटी सी बात थी, तब जाकर के, मैं तो उस समय राजनीति में नया था। मुझे कोई ज्यादा इन चीजों को मैं जानता भी नहीं था। लेकिन तब समझ में आता था कि हम तत्कालीन लाभ से ऊपर उठ करके सचमुच में राज्य की और राज्य के लोगों की भलाई के लिए हिम्मत के साथ लंबी सोच के साथ चलेंगे, तो बहुत लाभ होगा। और मुझे याद है जब अर्बन डेवलपमेंट ईयर मनाया, तो पहला काम आया, यह एंक्रोचमेंट हटाने का, अब जब एंक्रोचमेंट हटाने की बात आती हे, तो सबसे पहले रुकावट बनता है पॉलिटिकल आदमी, किसी भी दल का हो, वो आकर खड़ा हो जाता है क्योंकि उसको लगता है, मेरे वोटर है, तुम तोड़ रहे हो। और अफसर लोग भी बड़े चतुर होते हैं। जब उनको कहते हैं कि भई यह सब तोड़ना है, तो पहले जाकर वो हनुमान जी का मंदिर तोड़ते हैं। तो ऐसा तूफान खड़ा हो जाता है कि कोई भी पॉलिटिशयन डर जाता है, उसको लगता है कि हनुमान जी का मंदिर तोड़ दिया तो हो… हमने बड़ी हिम्मत दिखाई। उस समय हमारे …..(नाम स्पष्ट नहीं) अर्बन मिनिस्टर थे। और उसका परिणाम यह आया कि रास्ते चौड़े होने लगे, तो जिसका 2 फुट 4 फुट कटता था, वह चिल्लाता था, लेकिन पूरा शहर खुश हो जाता था। इसमें एक स्थिति ऐसी बनी, बड़ी interesting है। अब मैंने तो 2005 अर्बन डेवलपमेंट ईयर घोषित कर दिया। उसके लिए कोई 80-90 पॉइंट निकाले थे, बडे interesting पॉइंट थे। तो पार्टी से ऐसी मेरी बात हुई थी कि भाई ऐसा एक अर्बन डेवलपमेंट ईयर होगा, जरा सफाई वगैरह के कामों में सब को जोड़ना पड़ेगा ऐसा, लेकिन जब ये तोड़ना शुरू हुआ, तो मेरी पार्टी के लोग आए, ये बड़ा सीक्रेट बता रहा हूं मैं, उन्होंने कहा साहब ये 2005 में तो अर्बन बॉडी के चुनाव है, हमारी हालत खराब हो जाएगी। यह सब तो चारों तरफ तोड़-फोड़ चल रही है। मैंने कहा यार भई यह तो मेरे ध्यान में नहीं रहा और सच में मेरे ध्यान में वो चुनाव था ही नहीं। अब मैंने कार्यक्रम बना दिया, अब साहब मेरा भी एक स्वभाव है। हम तो बचपन से पढ़ते आए हैं- कदम उठाया है तो पीछे नहीं हटना है। तो मैंने मैंने कहा देखो भाई आपकी चिंता सही है, लेकिन अब पीछे नहीं हट सकते। अब तो ये अर्बन डेवलपमेंट ईयर होगा। हार जाएंगे, चुनाव क्या है? जो भी होगा हम किसी का बुरा करना नहीं चाहते, लेकिन गुजरात में शहरों का रूप रंग बदलना बहुत जरूरी है।

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साथियों,

हम लोग लगे रहे। काफी विरोध भी हुआ, काफी आंदोलन हुए बहुत परेशानी हुई। यहां मीडिया वालों को भी बड़ा मजा आ गया कि मोदी अब शिकार आ गया हाथ में, तो वह भी बड़ी पूरी ताकत से लग गए थे। और उसके बाद जब चुनाव हुआ, देखिए मैं राजनेताओं को कहता हूं, मैं देश भर के राजनेता मुझे सुनते हैं, तो देखना कहता हूं, अगर आपने सत्यनिष्ठा से, ईमानदारी से लोगों की भलाई के लिए निर्णय करते हैं, तत्कालीन भले ही बुरा लगे, लोग साथ चलते हैं। और उस समय जो चुनाव हुआ 90 परसेंट विक्ट्री बीजेपी की हुई थी, 90 परसेंट यानी लोग जो मानते हैं कि जनता ये नहीं और मुझे याद है। अब यह जो यहां अटल ब्रिज बना है ना तो मुझे, यह साबरमती रिवर फ्रंट पर, तो पता नहीं क्यों मुझे उद्घाटन के लिए बुलाया था। कई कार्यक्रम थे, तो मैंने कहा चलो भई हम भी देखने जाते हैं, तो मैं जरा वो अटल ब्रिज पर टहलने गया, तो वहां मैंने देखा कुछ लोगों ने पान की पिचकारियां लगाई हुई थी। अभी तो उद्घाटन होना था, लेकिन कार्यक्रम हो गया था। तो मेरा दिमाग, मैंने कहा इस पर टिकट लगाओ। तो ये सारे लोग आ गए साहब चुनाव है, उसी के बाद चुनाव था, बोले टिकट नहीं लगा सकते मैंने कहा टिकट लगाओ वरना यह तुम्हारा अटल ब्रिज बेकार हो जाएगा। फिर मैं दिल्ली गया, मैंने दूसरे दिन फोन करके पूछा, मैंने कहा क्या हुआ टिकट लगाने का एक दिन भी बिना टिकट नहीं चलना चाहिए।

साथियों,

खैर मेरा मान-सम्मान रखते हैं सब लोग, आखिर के हमारे लोगों ने ब्रिज पर टिकट लगा दिया। आज टिकट भी हुआ, चुनाव भी जीते दोस्तों और वो अटल ब्रिज चल रहा है। मैंने कांकरिया का पुनर्निर्माण का कार्यक्रम लिया, उस पर टिकट लगाया तो कांग्रेस ने बड़ा आंदोलन किया। कोर्ट में चले गए, लेकिन वह छोटा सा प्रयास पूरे कांकरिया को बचा कर रखा हुआ है और आज समाज का हर वर्ग बड़ी सुख-चैन से वहां जाता है। कभी-कभी राजनेताओं को बहुत छोटी चीजें डर जाते हैं। समाज विरोधी नहीं होता है, उसको समझाना होता है। वह सहयोग करता है और अच्छे परिणाम भी मिलते हैं। देखिए शहरी शहरी विकास की एक-एक चीज इतनी बारीकी से बनाई गई और उसी का परिणाम था और मैं आपको बताता हूं। यह जो अब मुझ पर दबाव बढ़ने वाला है, वो already शुरू हो गया कि मोदी ठीक है, 4 नंबर तो पहुंच गए, बताओ 3 कब पहुंचोगे? इसकी एक जड़ी-बूटी आपके पास है। अब जो हमारे ग्रोथ सेंटर हैं, वो अर्बन एरिया हैं। हमें अर्बन बॉडीज को इकोनॉमिक के ग्रोथ सेंटर बनाने का प्लान करना होगा। अपने आप जनसंख्या के कारण वृद्धि होती चले, ऐसे शहर नहीं हो सकते हैं। शहर आर्थिक गतिविधि के तेजतर्रार केंद्र होने चाहिए और अब तो हमने टीयर 2, टीयर 3 सीटीज पर भी बल देना चाहिए और वह इकोनॉमिक एक्टिविटी के सेंटर बनने चाहिए और मैं तो पूरे देश की नगरपालिका, महानगरपालिका के लोगों को कहना चाहूंगा। अर्बन बॉडी से जुड़े हुए सब लोगों से कहना चाहूंगा कि वे टारगेट करें कि 1 साल में उस नगर की इकोनॉमी कहां से कहां पहुंचाएंगे? वहां की अर्थव्यवस्था का कद कैसे बढ़ाएंगे? वहां जो चीजें मैन्युफैक्चर हो रही हैं, उसमें क्वालिटी इंप्रूव कैसे करेंगे? वहां नए-नए इकोनॉमिक एक्टिविटी के रास्ते कौन से खोलेंगे। ज्यादातर मैंने देखा नगर पालिका की जो नई-नई बनती हैं, तो क्या करते हैं, एक बड़ा शॉपिंग सेंटर बना देते हैं। पॉलिटिशनों को भी जरा सूट करता है वह, 30-40 दुकानें बना देंगे और 10 साल तक लेने वाला नहीं आता है। इतने से काम नहीं चलेगा। स्टडी करके और खास करके जो एग्रो प्रोडक्ट हैं। मैं तो टीयर 2, टीयर 3 सीटी के लिए कहूंगा, जो किसान पैदावार करता है, उसका वैल्यू एडिशन, यह नगर पालिकाओं में शुरू हो, आस-पास से खेती की चीजें आएं, उसमें से कुछ वैल्यू एडिशन हो, गांव का भी भला होगा, शहर का भी भला होगा।

उसी प्रकार से आपने देखा होगा इन दिनों स्टार्टअप, स्टार्टअप में भी आपके ध्यान में आया होगा कि पहले स्‍टार्टअप बड़े शहर के बड़े उद्योग घरानों के आसपास चलते थे, आज देश में करीब दो लाख स्टार्टअप हैं। और ज्यादातर टीयर 2, टीयर 3 सीटीज में है और इसमें भी गर्व की बात है कि उसमें काफी नेतृत्व हमारी बेटियों के पास है। स्‍टार्टअप की लीडरशिप बेटियों के पास है। ये बहुत बड़ी क्रांति की संभावनाओं को जन्म देता है और इसलिए मैं चाहूंगा कि अर्बन डेवलपमेंट ईयर के जब 20 साल मना रहे हैं और एक सफल प्रयोग को हम याद करके आगे की दिशा तय करते हैं तब हम टीयर 2, टीयर 3 सीटीज को बल दें। शिक्षा में भी टीयर 2, टीयर 3 सीटीज काफी आगे रहा, इस साल देख लीजिए। पहले एक जमाना था कि 10 और 12 के रिजल्ट आते थे, तो जो नामी स्कूल रहते थे बड़े, उसी के बच्चे फर्स्ट 10 में रहते थे। इन दिनों शहरों की बड़ी-बड़ी स्कूलों का नामोनिशान नहीं होता है, टीयर 2, टीयर 3 सीटीज के स्कूल के बच्चे पहले 10 में आते हैं। देखा होगा आपने गुजरात में भी यही हो रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि हमारे छोटे शहरों के पोटेंशियल, उसकी ताकत बढ़ रही है। खेल का देखिए, पहले क्रिकेट देखिए आप, क्रिकेट तो हिंदुस्तान में हम गली-मोहल्ले में खेला जाता है। लेकिन बड़े शहर के बड़े रहीसी परिवारों से ही खेलकूद क्रिकेट अटका हुआ था। आज सारे खिलाड़ी में से आधे से ज्यादा खिलाड़ी टीयर 2, टीयर 3 सीटीज गांव के बच्चे हैं जो खेल में इंटरनेशनल खेल खेल कर कमाल करते हैं। यानी हम समझें कि हमारे शहरों में बहुत पोटेंशियल है। और जैसा मनोहर जी ने भी कहां और यहां वीडियो में भी दिखाया गया, यह हमारे लिए बहुत बड़ी opportunity है जी, 4 में से 3 नंबर की इकोनॉमी पहुंचने के लिए हम हिंदुस्तान के शहरों की अर्थव्यवस्था पर अगर फोकस करेंगे, तो हम बहुत तेजी से वहां भी पहुंच पाएंगे।

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साथियों,

ये गवर्नेंस का एक मॉडल है। दुर्भाग्य से हमारे देश में एक ऐसे ही इकोसिस्टम ने जमीनों में अपनी जड़े ऐसी जमा हुई हैं कि भारत के सामर्थ्य को हमेशा नीचा दिखाने में लगी हैं। वैचारिक विरोध के कारण व्यवस्थाओं के विकास का अस्वीकार करने का उनका स्वभाव बन गया है। व्यक्ति के प्रति पसंद-नापसंद के कारण उसके द्वारा किये गए हर काम को बुरा बता देना एक फैशन का तरीका चल पड़ा है और उसके कारण देश की अच्‍छी चीजों का नुकसान हुआ है। ये गवर्नेंस का एक मॉडल है। अब आप देखिए, हमने शहरी विकास पर तो बल दिया, लेकिन वैसा ही जब आपने दिल्‍ली भेजा, तो हमने एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट, एस्पिरेशनल ब्लॉक पर विचार किया कि हर राज्य में एकाध जिला, एकाध तहसील ऐसी होती है, जो इतना पीछे होता है, कि वो स्‍टेट की सारी एवरेज को पीछे खींच ले जाता है। आप जंप लगा ही नहीं सकते, वो बेड़ियों की तरह होता है। मैंने कहा, पहले इन बेड़ियों को तोड़ना है और देश में 100 के करीब एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट उनको identify किया गया। 40 पैरामीटर से देखा गया कि यहां क्या जरूरत है। अब 500 ब्‍लॉक्‍स identify किए हैं, whole of the government approach के साथ फोकस किया गया। यंग अफसरों को लगाया गया, फुल टैन्‍यूर के साथ काम करें, ऐसा लगाया। आज दुनिया के लिए एक मॉडल बन चुका है और जो डेवलपिंग कंट्रीज हैं उनको भी लग रहा है कि हमारे यहां विकास के इस मॉडल की ओर हमें चलना चाहिए। हमारा academic world भारत के इन प्रयासों और सफल प्रयासों के विषय में सोचे और जब academic world इस पर सोचता है तो दुनिया के लिए भी वो एक अनुकरणीय उदाहरण के रूप में काम आता है।

साथियों,

आने वाले दिनों में टूरिज्म पर हमें बल देना चाहिए। गुजरात ने कमाल कर दिया है जी, कोई सोच सकता है। कच्छ के रेगिस्तान में जहां कोई जाने का नाम नहीं लेता था, वहां आज जाने के लिए बुकिंग नहीं मिलती है। चीजों को बदला जा सकता है, दुनिया का सबसे बड़ा ऊंचा स्टैच्यू, ये अपने आप में अद्भुत है। मुझे बताया गया कि वडनगर में जो म्यूजियम बना है। कल मुझे एक यूके के एक सज्‍जन मिले थे। उन्होंने कहा, मैं वडनगर का म्यूजियम देखने जा रहा हूं। यह इंटरनेशनल लेवल में इतने global standard का कोई म्यूजियम बना है और भारत में काशी जैसे बहुत कम जगह है कि जो अविनाशी हैं। जो कभी भी मृतप्राय नहीं हुए, जहां हर पल जीवन रहा है, उसमें एक वडनगर हैं, जिसमें 2800 साल तक के सबूत मिले हैं। अभी हमारा काम है कि वह इंटरनेशनल टूरिस्ट मैप पर कैसे आए? हमारा लोथल जहां हम एक म्यूजियम बना रहे हैं, मैरीटाइम म्यूजियम, 5 हजार साल पहले मैरीटाइम में दुनिया में हमारा डंका बजता था। धीरे-धीरे हम भूल गए, लोथल उसका जीता-जागता उदाहरण है। लोथल में दुनिया का सबसे बड़ा मैरीटाइम म्यूजियम बन रहा है। आप कल्पना कर सकते हैं कि इन चीजों का कितना लाभ होने वाला है और इसलिए मैं कहता हूं दोस्तों, 2005 का वो समय था, जब पहली बार गिफ्ट सिटी के आईडिया को कंसीव किया गया और मुझे याद है, शायद हमने इसका launching Tagore Hall में किया था। तो उसके बड़े-बड़े जो हमारे मन में डिजाइन थे, उसके चित्र लगाए थे, तो मेरे अपने ही लोग पूछ रहे थे। यह होगा, इतने बड़े बिल्डिंग टावर बनेंगे? मुझे बराबर याद है, यानी जब मैं उसका मैप वगैरह और उसका प्रेजेंटेशन दिखाता था केंद्र के कुछ नेताओं को, तो वह भी मुझे कह रहे थे अरे भारत जैसे देश में ये क्या कर रहे हो तुम? मैं सुनता था आज वो गिफ्ट सिटी हिंदुस्तान का हर राज्य कह रहा है कि हमारे यहां भी एक गिफ्ट सिटी होना चाहिए।

साथियों,

एक बार कल्पना करते हुए उसको जमीन पर, धरातल पर उतारने का अगर हम प्रयास करें, तो कितने बड़े अच्छे परिणाम मिल सकते हैं, ये हम भली भांति देख रहे हैं। वही काल खंड था, रिवरफ्रंट को कंसीव किया, वहीं कालखंड था जब दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम बनाने का सपना देखा, पूरा किया। वही कालखंड था, दुनिया का सबसे ऊंचा स्टैच्यू बनाने के लिए सोचा, पूरा किया।

भाइयों और बहनों,

एक बार हम मान के चले, हमारे देश में potential बहुत हैं, बहुत सामर्थ्‍य है।

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साथियों,

मुझे पता नहीं क्यों, निराशा जैसी चीज मेरे मन में आती ही नहीं है। मैं इतना आशावादी हूं और मैं उस सामर्थ्य को देख पाता हूं, मैं दीवारों के उस पार देख सकता हूं। मेरे देश के सामर्थ्य को देख सकता हूं। मेरे देशवासियों के सामर्थ्य को देख सकता हूं और इसी के भरोसे हम बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं और इसलिए आज मैं गुजरात सरकार का बहुत आभारी हूं कि आपने मुझे यहां आने का मौका दिया है। कुछ ऐसी पुरानी-पुरानी बातें ज्यादातर ताजा करने का मौका मिल गया। लेकिन आप विश्वास करिए दोस्तों, गुजरात की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हम देने वाले लोग हैं, हमें देश को हमेशा देना चाहिए। और हम इतनी ऊंचाई पर गुजरात को ले जाए, इतनी ऊंचाई पर ले जाएं कि देशवासियों के लिए गुजरात काम आना चाहिए दोस्तों, इस महान परंपरा को हमें आगे बढ़ाना चाहिए। मुझे विश्वास है, गुजरात एक नए सामर्थ्य के साथ अनेक विद नई कल्पनाओं के साथ, अनेक विद नए इनीशिएटिव्स के साथ आगे बढ़ेगा मुझे मालूम है। मेरा भाषण शायद कितना लंबा हो गया होगा, पता नहीं क्या हुआ? लेकिन कल मीडिया में दो-तीन चीजें आएंगी। वो भी मैं बता देता हूं, मोदी ने अफसरों को डांटा, मोदी ने अफसरों की धुलाई की, वगैरह-वगैरह-वगैरह, खैर वो तो कभी-कभी चटनी होती है ना इतना ही समझ लेना चाहिए, लेकिन जो बाकी बातें मैंने याद की है, उसको याद कर करके जाइए और ये सिंदुरिया मिजाज! ये सिंदुरिया स्पिरिट, दोस्‍तों 6 मई को, 6 मई की रात। ऑपरेशन सिंदूर सैन्य बल से प्रारंभ हुआ था। लेकिन अब ये ऑपरेशन सिंदूर जन-बल से आगे बढ़ेगा और जब मैं सैन्य बल और जन-बल की बात करता हूं तब, ऑपरेशन सिंदूर जन बल का मतलब मेरा होता है जन-जन देश के विकास के लिए भागीदार बने, दायित्‍व संभाले।

हम इतना तय कर लें कि 2047, जब भारत के आजादी के 100 साल होंगे। विकसित भारत बनाने के लिए तत्काल भारत की इकोनॉमी को 4 नंबर से 3 नंबर पर ले जाने के लिए अब हम कोई विदेशी चीज का उपयोग नहीं करेंगे। हम गांव-गांव व्यापारियों को शपथ दिलवाएं, व्यापारियों को कितना ही मुनाफा क्यों ना हो, आप विदेशी माल नहीं बेचोगे। लेकिन दुर्भाग्य देखिए, गणेश जी भी विदेशी आ जाते हैं। छोटी आंख वाले गणेश जी आएंगे। गणेश जी की आंख भी नहीं खुल रही है। होली, होली रंग छिड़कना है, बोले विदेशी, हमें पता था आप भी अपने घर जाकर के सूची बनाना। सचमुच में ऑपरेशन सिंदूर के लिए एक नागरिक के नाते मुझे एक काम करना है। आप घर में जाकर सूची बनाइए कि आपके घर में 24 घंटे में सुबह से दूसरे दिन सुबह तक कितनी विदेशी चीजों का उपयोग होता है। आपको पता ही नहीं होता है, आप hairpin भी विदेशी उपयोग कर लेते हैं, कंघा भी विदेशी होता है, दांत में लगाने वाली जो पिन होती है, वो भी विदेशी घुस गई है, हमें मालूम तक नहीं है। पता ही नहीं है दोस्‍तों। देश को अगर बचाना है, देश को बनाना है, देश को बढ़ाना है, तो ऑपरेशन सिंदूर यह सिर्फ सैनिकों के जिम्‍मे नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर 140 करोड़ नागरिकों की जिम्‍मे है। देश सशक्त होना चाहिए, देश सामर्थ्‍य होना चाहिए, देश का नागरिक सामर्थ्यवान होना चाहिए और इसके लिए हमने वोकल फॉर लोकल, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट, मैं मेरे यहां, जो आपके पास है फेंक देने के लिए मैं नहीं कह रहा हूं। लेकिन अब नया नहीं लेंगे और शायद एकाध दो परसेंट चीजें ऐसी हैं, जो शायद आपको बाहर की लेनी पड़े, जो हमारे यहां उपलब्ध ना हो, बाकि आज हिंदुस्तान में ऐसा कुछ नहीं। आपने देखा होगा, आज से पहले 25 साल 30 साल पहले विदेश से कोई आता था, तो लोग लिस्ट भेजते थे कि ये ले आना, ये ले आना। आज विदेश से आते हैं, वो पूछते हैं कि कुछ लाना है, तो यहां वाले कहते हैं कि नहीं-नहीं यहां सब है, मत लाओ। सब कुछ है, हमें अपनी ब्रांड पर गर्व होना चाहिए। मेड इन इंडिया पर गर्व होना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर सैन्‍य बल से नहीं, जन बल से जीतना है दोस्तों और जन बल आता है मातृभूमि की मिट्टी में पैदा हुई हर पैदावार से आता है। इस मिट्टी की जिसमें सुगंध हो, इस देश के नागरिक के पसीने की जिसमें सुगंध हो, उन चीजों का मैं इस्तेमाल करूंगा, अगर मैं ऑपरेशन सिंदूर को जन-जन तक, घर-घर तक लेकर जाता हूं। आप देखिए हिंदुस्तान को 2047 के पहले विकसित राष्ट्र बनाकर रहेंगे और अपनी आंखों के सामने देखकर जाएंगे दोस्तों, इसी इसी अपेक्षा के साथ मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए,

भारत माता की जय! भारत माता की जय!

भारत माता की जय! जरा तिरंगे ऊपर लहराने चाहिए।

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

वंदे मातरम! वंदे मातरम! वंदे मातरम!

वंदे मातरम! वंदे मातरम! वंदे मातरम!

वंदे मातरम! वंदे मातरम! वंदे मातरम!

वंदे मातरम! वंदे मातरम! वंदे मातरम!

धन्यवाद!