The talent and ingenuity of our Yuva Shakti is remarkable: PM
Today the world is saying that the strength of India is our youth power, our innovative youth, our tech power: PM
Many of the solutions of all the hackathons that have taken place in the last 7 years are proving to be very useful for the people of the country today: PM
We have implemented the new National Education Policy to nurture scientific mindset in students: PM
Under ‘One Nation One Subscription’ scheme, Government is taking subscriptions of reputed journals so that no youth in India is deprived of any information: PM
Over 1300 student teams to participate at the Grand Finale of SIH 2024 at 51 nodal centres across the country
150% increase recorded this year in internal hackathons at institute level, making this the largest edition so far

साथियों,

आप सबको याद होगा मैंने हमेशा लाल किले से एक बात कही है। मैंने कहा है सबका प्रयास आज का भारत सबके प्रयास से ही तेज गति से आगे बढ़ सकता है। आज का ये दिन इसी का एक उदाहरण है। Smart India Hackathon के इस grand finale का मुझे बहुत इंतजार था। जब भी आप जैसे युवा innovators के बीच आने का अवसर मिलता है। मुझे भी बहुत कुछ जानने का, सीखने का समझने का मौका मिलता है। आप सभी से मेरी अपेक्षाएं भी बहुत होती हैं। आप सभी युवा innovators के पास 21वीं सदी के भारत को देखने का नजरिया कुछ अलग है और इसलिए आपके solutions भी अलग होते हैं। इसलिए जब आपको नए challenges मिलते हैं तो आप उनके नए और अनोखे समाधान खोजकर दिखाते हैं। मैं पहले भी कई हैकेथॉन्स का हिस्सा रहा हूं। आपने कभी निराश नहीं किया। हमेशा मेरा विश्वास और बढ़ाया है। आपके पहले जो टीम्स रही हैं। उन्होंने solutions दिए। वो आज अलग अलग मंत्रालयों में बहुत काम आ रहे हैं। अब इस हैकेथॉन में देश के अलग अलग हिस्सों में टीम क्या कर रही है। मैं आपके innovations के बारे में जानने के लिए बहुत उत्सुक हूं। तो चलिये शुरू करते हैं पहले कौन हमारे साथ बात करेंगे।

प्रधानमंत्री जी : नमस्ते जी।

पार्टिसिपेंट : नमस्ते सर, I am Sahida of team big brains participating in SIH. We are from Karnataka Bengaluru. सर हम Nodal centre NIT Srinagar में हैं और यहां पर काफी ठंडी है तो अगर बात करते समय थोड़ी गलती हो गई तो हमें क्षमा कीजिए।

प्रधानमंत्री जी : नहीं नहीं आप लोग बहादुर होते हैं। कोई ठंड आपको असर नहीं करती है। आप चिंता मत कीजिए।

पार्टिसिपेंट : Thank You Sir, we are participating under the problem statement provide by Ministry of Social justice and empowerment. जहां पर We are building a virtual reality friend for children with Autism Spectrum disorder and intellectual disability. जहां पर They will be using this as interactive skills enhancer तो हमारे देश में there are around 80 million people on the autism spectrum and there is 1 child out of every hundred children who faces intellectual challenges. तो इन सबको एड्रेस करने के लिए we will be building a tool which still act like a दोस्‍त, a दोस्त that they can carry on their smartphones. Virtual Reality use करने के लिए उनको कोई special set की जरूरत नहीं होगी। They can access it with their phone या laptop या जो भी devices हैं उनके पास and ये ऐसा दोस्‍त होगा जो उनको उनकी हर टास्‍क में गाइड करेगा। It is an AI powered virtual reality solution तो अब जैसे कोई दिनचर्या का काम हो गया जो उनसे नहीं हो पाता, they face challenges when it comes to learning a language या लोगों से बात करना, communication, social interaction तो हर टास्‍क के लिए it will be broken down into छोटे-छोटे से…

प्रधानमंत्री जी : अच्छा आप जो काम कर रहे हैं। इससे इन बच्चों की सोशल लाइफ पर क्या पॉजिटिव इंपैक्ट होगा।

पार्टिसिपेंट : वो इस दोस्त की मदद से ये सीख पाएंगे क्या सोशल इंटरेक्शन में क्‍या सही है क्या गलत है और कैसे लोगों को अप्रोच कर सकते हैं। तो ये यहां पर एक सेफ एनवायरमेंट में सीख कर आगे जा कर वो अपने रियल एनवायरमेंट में अप्लाई कर सकते हैं। वहां पर they can help make them their lives better by being able to do normal things in the real world. तो children with special needs have a special requirements when it comes to learning, so we will be providing them this ताकि there is no difference between normal people and their normal lives and a children with special needs carrying or normal activities in their daily work.

प्रधानमंत्री जी : आपकी टीम में कितने लोग इस समय काम कर रहे हैं?

पार्टिसिपेंट : Sir all 6 of us are working and in fact मेरी टीम काफी diverse है। So we have members with different technical backgrounds, geographical backgrounds, so we have a member who is a non Indian.

प्रधानमंत्री जी : आप में से कोई हैं जिन्‍होंने ऐसे बच्चों के साथ कभी बातचीत की हो? उनकी कठिनाइयां समझने का प्रयास किया हो और फिर solution की दिशा में गए हों?

पार्टिसिपेंट : Yes sir, हमारी टीम में there is a member who has a family relative who suffers from autism and हम यहां आने से पहले we also spoke with different centres to understand कि इन बच्चों को क्या actual में दिक्कत होती है। So that we can address this in the right way.

प्रधानमंत्री जी : आप कुछ कह रहे थे आपके साथी कुछ कहने वाले थे।

पार्टिसिपेंट : हां जी सर, तो हमारी टीम में we have a member who is not an Indian, he is a foreign student studying in India.

पार्टिसिपेंट : Hello Mr. Prime Minister, my name is Mohd Dhaali and I am an international student from the Republic of Yemen. So I came to India to pursue my Bachelor of Engineering in Computer Science Engineering and I am a part of the big brains team where we are developing an AI power virtual reality experience that is especially designed for these kids, these special kids.

प्रधानमंत्री जी : Is this your first experience to be a part of this type of team?

पार्टिसिपेंट : I have been a part of different Hackathons locally in Bangalore but this is my first time here and I am very grateful for being part of this huge initiative and I want to thank you Mr. Prime Minister and the Government of India for giving me this opportunity and from this place I invite all my fellow, Yemen students and international students to be innovator outside to be a part of this India’s ecosystem. Thank you.

प्रधानमंत्री जी : आप सभी को बधाई कि आपने इस विचार को समझा कि हर बच्चा स्‍पेशल होता है। सभी को फलने-फूलने का अवसर मिले, समाज में कोई भी पीछे ना हरे। कोई भी खुद को लेफ्ट आउट महसूस ना करे, इसके लिए नए solutions की भी जरूरत पड़ती रहती है। आपकी टीम का ये solution लाखों बच्‍चों की जिंदगी को आसान बनाने का काम करेगा। ये जो solutions आप देश के लिए तैयार कर रहे हैं, ये भले ही लोकल हैं। Local need यानी need based हैं लेकिन इनका यूज ग्‍लोबल है, इसका इंपैक्ट ग्‍लोबल है। जो भारत की जरूरतों के लिए फिट है वो दुनिया के किसी भी देश में फिट हो सकते हैं। आपका और आपकी टीम को मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। नेक्‍स्‍ट कौन हैं?

धर्मेंद्र प्रधान जी : अगला टीम है Dreamers जो खड़गपुर में बैठे हैं, टीम खड़गपुर!

पार्टिसिपेंट : Thank you Hon’ble Prime Minister जी! I am Lavanya, the team leader of Dreamers and we are at our nodal centre IIT Kharagpur, West Bengal and we are from Chennai Institute of Technology, Tamil Nadu. The problem statement we have chosen as given by National Technical Research Organisation. As technological innovation increasing day by day, the number of cyber attacks were also increasing. As per our record, there were 73 million cyber attacks occurred in India which is the 3rd largest among the world. To tackle the situation, we have come up with a innovative, unique and a scalable solution. Sir solution will be explained by my team mate Ms. Kalpriya.

पार्टिसिपेंट : नमस्ते Hon’ble Prime Minister!

प्रधानमंत्री जी : नमस्ते जी!

पार्टिसिपेंट : नमस्ते! To detect the infected files, most of the cyber securities are in our nation to strengthen our defence, we are using multiple antivirus engines. There are 3 engines we used like Microsoft Defender, ESET and Trend Micro Maximum Security. Our solution is completely offline, including the architectural design and the threat direction. As we know, no single antivirus is perfect, each antivirus has its own strength and its weakness. So we using Microsoft Defender, ESET and Trend Micro Maximum Security to tackle this challenge. We can using this 3 AVs by parallely scanning in an efficient way. It also avoids the threat detection and maintains our system in safe mode.

प्रधानमंत्री जी : अभी मैंने मन की बात में सामान्य लोग जो मुसीबत झेल रहे हैं, उसकी विस्तार से चर्चा की थी। किस प्रकार से individually साइबर फ्रॉड के माध्यम से लोगों को लुटा जा रहा है। इसका आप लोगों को पता है?

पार्टिसिपेंट : नहीं सर!

प्रधानमंत्री जी : क्योंकि आप जो solution ढूंढ रहे हैं और मैं मानता हूं कि समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग है जो आज ऐसे संकटों में फंस जाता है। ये नौजवान कुछ कहना चाहते थे?

पार्टिसिपेंट : जी हां सर! नमस्ते सर!

प्रधानमंत्री जी : नमस्ते!

पार्टिसिपेंट : हां सर वो ही टेक्‍नोलॉजी बनने बनने से लेकर अच्छा टेक्‍नोलॉजी भी बढ़ा रहा है at the same time हमारा साइबर अटैक्‍स का भी उसे भी देखना पड़ता है, तो उस मामले से हम लोग उस solution को better efficient और improve कर रहे हैं। Existing solution से हम और efficiently और improvise करके हम लाग जो solution रख रहे हैं वो करंट solution से better होगा।

प्रधानमंत्री जी : आप लोगों को पता है कि साइबर सिक्‍योरिटी के किसी भी आपके प्रयास की उम्र बहुत छोटी होती है। इसका अंदाजा है आप लोगों को?

पार्टिसिपेंट : जी हां सर!

प्रधानमंत्री जी : क्या-क्या अंदाजा है जरा बता सकते हैं?

पार्टिसिपेंट : हम लोगों को लाइक अपडेट करना पड़ता है क्योंकि टेक्‍नोलॉजी ज्यादा जा रही है। हम लोग अपडेट होना…

प्रधानमंत्री जी : Yes, you are right क्योंकि साइबर अटैक में अटैक करने वाले इतने इनोवेटिव होते हैं कि आप एक solution आज निकालोगे, 4 घंटे में नए solution की जरूरत पड़ेगी। आपको हमेशा अपडेट करना पड़ता है। देखिए भारत दुनिया की अग्रणी Digital Economy में से एक है। हमारा देश बड़े पैमाने पर Digitally Connect हो रहा है। ऐसे में साइबर क्राइम का खतरा भी जैसा आप लोगों ने कहा ये लगातार बढ़ रहा है। इसलिए जिस solution पर आप काम कर रहे हैं ये भारत के future के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन जैसा मैंने कहा ये वन टाइम solution नहीं होता है। ये आपको हर समय जैसे जितनी बार बारिश आए, उतनी बार छाता खोलना पड़े ऐसा है ये! लेकिन मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं आपने एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय के लिए मेहनत कर रहे हैं और आपके solution जरूर मेरे सामने आएंगे और सरकार को भी बहुत इसका लाभ हो सकता है। मैं सभी आपके साथियों को मैं देख रहा हूं पूरी आपकी टोली बड़ी उत्साह से भरी हुई है। सब लोग अपने मोबाइल फोन से इसका रिकॉर्डिंग भी करते नजर आ रहे हैं। चलिए हम आगे चलते हैं। अगली टीम कौन है?

धर्मेंद्र प्रधान जी : अब हम इंटरैक्ट करेंगे टीम कोडब्रो के साथ जो Gujarat Technical University, Ahmedabad में बैठा है, over to Ahmedabad.

पार्टिसिपेंट : नमस्ते प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्री जी : नमस्ते जी!

पार्टिसिपेंट : Yes sir we are… Hi, my name is Harshit and I am representing the Team Brocode. Here, we are gonna developing the problem statement of ISRO. Our problem statement is enhancing the darker images of the solar panel, solar code, which is located at the South Pole. So we are gonna develop this solution by coming the name the Chand Vartani. Chand Vartani is a solution where we are able to enhance the darker image into the higher quality of the image. So it is not only the image quality enhancer, it is also the decision making skill. In the decision making skill, we are gonna detect the geological lunar exploration and also the real time site selection also sir.

प्रधानमंत्री जी : आप कभी ये स्पेस की दुनिया में जो लोग काम करते हैं क्योंकि अहमदाबाद में आप लोग बैठें हैं। वहां तो बहुत बड़ा सेंटर है स्‍पेस का, कभी वहां जाकर के उन लोगों से कोई चर्चा करके, issues क्‍या हैं quality रिजल्‍ट के लिए क्‍या करना है, कुछ चर्चा की क्या?

पार्टिसिपेंट : I had talked with the mentors and also the Scientists among Hyderabad. But I have not reached the any centres like this because we are far away from the Andhra Pradesh and our team is…

प्रधानमंत्री जी : अच्‍छा क्‍या इस प्रोजेक्ट की वजह से हम चंद्रमा की Geological और Environmental Condition को और अधिक बेहतर ढंग से जान पाएंगे क्या?

पार्टिसिपेंट : Yes sir! ofcourse we can able to detect the geological uncover hidden features of the geological lunar exploration sir example like we can able to detect the frozen bodies of water bodies and also we can able to detect the boulders or the bigger stones or the bigger particles around the moon surface. So that we can able to land the rover very smoothly by detecting this boulders and particles.

प्रधानमंत्री जी : अभी आपकी टीम में कितने लोग काम कर रहे हैं?

पार्टिसिपेंट : 6 members are working in the team.

प्रधानमंत्री जी : सब अलग-अलग जगह से इकट्ठे आए हैं या आप यहीं पर से पढ़-पढ़कर के निकले हैं?

पार्टिसिपेंट : In the problem statement, we had divided the task to all the members. 3 members are doing the mission landing models and 2 members are dealing upon the image filters, but enhancing those images sir and now my teammate sunil will continue the conversation sir.

प्रधानमंत्री जी : देखिए आपने बहुत महत्वपूर्ण विषय को चुना, कुछ कह रहे थे आप नौजवान कोई और माइक ले रहे थे?

पार्टिसिपेंट : Sir we are from Andhra Pradesh. I don't know Hindi too much.

प्रधानमंत्री जी : Andhra Gaaru

पार्टिसिपेंट : Sorry for the…

प्रधानमंत्री जी : हां बताइए!

पार्टिसिपेंट : नमस्ते प्रधानमंत्री जी, I am Sunil Reddy from Andhra Pradesh. We are Team working on a Mission Learning Model where we can enhance the images from the south pole of the moon and these images can be enhanced by Mission Learning Model where we are using 2 architectures, one is darknet and another one is photonet. Darknet is used to remove the shadow of the image and photonet is used to reduce the noise of the images. While taking the image from the South Pole of the image, there will be low light conditions and also there will be high noise due to the low protons so we are enhancing that image by using the Neural networks and those neural networks will be having the thousand 24 neurons each and Harshit is actually mentioned that there is a chance in the best case we can detect the frozen water bodies also and I am very happy to speak with you sir and it is always my dream to deep talk with you. You came to Nellore also, I am far in the crowd, I am always seeing and shouting like I am very biggest fan of you sir. Thank you sir, thank you for giving this opportunity sir.

प्रधानमंत्री जी - देखिए साथियों, स्पेस टेक्नोलॉजी में भारत की यात्रा को दुनिया बहुत उम्मीद से देख रही है। आप जैसे यंग ब्रेन्स जब इससे जुड़ते हैं तो उम्मीद और बढ़ जाती है। आप जैसे youth innovators को देखकर साफ है कि भारत ग्लोबल स्पेस पॉवर के तौर पर तेजी से अपनी भूमिका का विस्तार करेगा। मैं आप सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। आईये अब next team कौन है।

धर्मेंद्र प्रधान जी : Mystic Originals, Institute of Management Development and Research Mumbai के हैं। मुंबई के मित्र माननीय प्रधानमंत्री जी से बात करें।

पार्टिसिपेंट : नमस्ते माननीय प्रधानमंत्री जी।

प्रधानमंत्री जी : नमस्ते जी,

मेरा नाम महक वर्मा है और मैं Team Mystic Originals की team leader हूं। हम लोग Indian Institute of Information Technology Kota से हैं। And it is an absolute honour to be heard smart India Hakathon 2024 with my amazing team comprising Akshit Jangra, Kartan Aggrawal, Sumit Kumar, Avinash Rathore, Tushar Jain and I mentor Ananya Srivastava. हम लोग एक सिक्योरिटी चैलेंज को tackle कर रहे हैं। जोकि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटिड द्वारा दिया गया है। Which is micro doppler base target classification that is to distinguish given object drone है या फिर बर्ड है क्योंकि प्रोब्लम ये है कि अक्सर both drones as well as birds they appear similar on the radar. इसकी वजह से it may lead to false alarms in efficiencies and other potential security threats, specially in sensitive areas , जैसे military zones, Airports and Critical infrastructures. And thus our aim is to develop a solution which processes advance data using machine learning algorithm to accurately classify कि given object drone है या फिर Bird है। To tell more about the solution I would like to hand over to my teammate Akshit.

पार्टिसिपेंट : नमस्ते प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्री जी : नमस्ते जी!

पार्टिसिपेंट : मेरा नाम अक्षित है और मैं टीम Mystic Originals का सदस्य हूं। तो सर our Solution works by using micro Doppler signatures, which are the unique patterns generated by different objects. These can be due to the wings beats of birds or the router plate movements of drone. तो इसे हम फिंगरप्रिंट की तरह समझ सकते हैं। जैसे हर human being के अलग फिंगर प्रिंट होते हैं वैसे ही हर object एक अलग micro Doppler signature देता है। जिसकी मदद से हम differences कर सकते हैं कि object एक drone है या फिर bird है। And this differentiation is very crucial in preventing any disruptions in areas like Airports, Borders and military zones, where there is lot of need of security.

प्रधानमंत्री जी : आपको इतना difference पता चलेगा कि भई नहीं ये बर्ड नहीं है लेकिन ड्रोन है। लेकिन क्या आप ये भी बता पाएंगे कि कितने distance पर है, किस दिशा में जा रहा है, कितनी गति से जा रहा है। ये सारी चीजें इसमें मेप कर पाएंगे आप?

पार्टिसिपेंट : हां जी सर हम इस पर भी काम कर रहे हैं। और हम जल्द ही ये चीज भी कर पाएंगे।

प्रधानमंत्री जी : आप लोग जो ड्रोन का पता लगाने वाले सिस्टम पर काम कर रहे हैं। ड्रोंस के बहुत से पॉजिटिव व्यूज हैं। लेकिन कुछ ताकतों द्वारा गलत इस्तेमाल के कारण ड्रोन सिक्योरिटी के लिए चुनौती भी है। आपकी टीम इस चुनौती से कैसे निपटेगी?

पार्टिसिपेंट : सर जैसे हमारा सिस्टम है अगर मैं आपको उसकी वर्किंग समझाऊं तो सबसे पहले हमारे पास जो रडार से डेटा आता है। हम उनमे से सारी noice को निकालते हैं to get a clean and accurate data फिर उसमे हम कुछ time frequency transform लगाते हैं जो ये micro Doppler pattern generate करता है और फिर हम इन patterns को एक मशीन लर्निंग मॉडल में फीड करते हैं। जो बताता है हमें कि object एक ड्रोन था या बर्ड था। और हम इस चीज को काफी compact और cost effective devices पर भी use कर सकते हैं। और ये सिस्टम काफी scalable है और इसके साथ साथ ही ये काफी adaptable भी है अलग अलग environments के लिए, जिसकी वजह से हम इसे Airports और Border areas के ऊपर भी use कर सकते हैं। and to share why we came out with this problem, I would like to hand over to one of my teammates Sumit.

पार्टिसिपेंट : नमस्ते प्रधानमंत्री जी।

प्रधानमंत्री जी : जी नमस्ते।

पार्टिसिपेंट : हम ये problem statement हमने क्यो choose करी इसके लिए मैं राजस्थान श्री गंगानगर से आता हूं। बार्डर के काफी पास का area है तो ड्रोंस आते जाते रहते हैं। पर पुलवामा अटैक के बाद तो drones का आना जाना बहुत जी ज्यादा बढ़ गया, उसके बाद सुबह चार बजे, रात को 12 बजे, कभी भी anti drone system हो जाता और फायरिंग चालू होने लगती। न उस टाइम पढ़ा जा रहा था न लोग सो नहीं पा रहे थे। बहुत परेशानिया थीं। उस समय ये दिमाग में बात रही कि इसके लिए कुछ न कुछ किया जा सकता है। जब इस साल प्रॉब्लम आई तो हमारी टीम प्रॉब्लम्स ढूंढ रही थी तो हम प्रोब्लम हमारे सामने आई तब मैंने अपनी टीम को बताया क्यों न इस चीज के ऊपर कुछ काम किया जाए। ताकि हम लोगों की परेशानियों को दूर कर पाएं और आखिरकार हमारी टीम ने इसके ऊपर काम किया और हम ग्रैंड फिनाले में पहुंच पाए। थैंक यू सो मच सर!

प्रधानमंत्री जी : साथियों, आजकल देश में ड्रोन का अलग-अलग सेक्‍टर्स में बहुत इस्तेमाल हो रहा है। आपने नमो ड्रोन दीदी योजना के बारे में जरूर सुना होगा। ड्रोन आजकल रिमोट एरिया में दवाएं और जरूरी सामान पहुंचाने में इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन देश के दुश्मन भारत में हथियारों और ड्रग्स की तस्करी में ड्रोन का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में मेरे लिए खुशी की बात है कि आप सभी ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रहे हैं। आपका प्रयास डिफेंस टेक्नोलॉजी के एक्सपोर्ट को भी नया आयाम दे सकता है और इसलिए मैं आपको बधाई देता हूं और आपका एक साथी तो स्वयं बॉर्डर पर रहने वालों में से हैं तो वो इस समस्या को भली भांति समझ भी सकता है और उसके सोल्‍यूशन की जरूरत भी समझ सकता है। लेकिन इसके कई पहलू होंगे आगे चलकर के और मैं समझता हूं कि बहुत बड़ी मात्रा में काम करना पड़ेगा क्योंकि जो ड्रोन की दुनिया वाले लोग हैं जो इस प्रकार के लोग ड्रोंस को लेकर के दुनिया में बर्बादी का काम कर रहे हैं। वो हर बार नई टेक्नोलॉजी लाएंगे, नए एंट्री प्‍वाइंट्स ढूंढेंगे तो हमारे लिए भी चुनौतियां नित्य नई बनती रहेंगी लेकिन आपके प्रयास को मैं बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। आइए देखते हैं देश के किस भाग से हम जुड़ने वाले हैं अब!

धर्मेंद्र प्रधान जी : अब हम बात करेंगे र्निवाना वन से जो New Horizon College of Engineering, Bangalore मैं बैठे हैं, Bangalore से हम जुड़ें, over to Bangalore.

प्रधानमंत्री जी : आवाज नहीं आ रही आपकी, आवाज नहीं आ रही है।

पार्टिसिपेंट : सर अब आ रही है क्या?

प्रधानमंत्री जी : हां अब आया है।

पार्टिसिपेंट : नमस्ते माननीय प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्री जी : नमस्ते जी!

पार्टिसिपेंट : मेरा नाम Dev Poorney है और मैं टीम र्निवाना वन का नेतृत्व कर रहा हूं। मेरी टीम है आदित्य चौधरी, अशर एजाज़, तनवी बंसल, नमन जैन और सानिध्‍य मंलूमिया। सर हम जयपुर ग्रामीण से बेंगलुरु आए हैं मिनिस्‍ट्री ऑफ जल शक्ति द्वारा दी गई एक बेहद ही जरूरी प्रॉब्लम स्टेटमेंट पर काम करने, इसके रिसर्च में हमें पता चला कि भारत सरकार ने पिछले कुछ सालों में कई एडवांस्‍ड एफर्ट्स करें हैं रिवर पॉल्यूशन को कम करने के लिए और रिवर रिजुविनेशन को इंप्रूव करने के लिए तो हमने सोचा कि हम एक कंप्रेहेंसिव सिस्‍टम बनाएं जो रिवर पॉल्यूशन मॉनिटरिंग को इंप्रूव करे उसको और एफिशिएंट बनाए और ऑवर ऑल रिवर इकोसिस्टम की हेल्थ को इंप्रूव करने के लिए सजेशन दे तो हम एक बहुत ही मीनिंगफुल कॉंट्रिब्यूशन कर सकते हैं।

पार्टिसिपेंट : नमस्ते सर।

प्रधानमंत्री : नमस्ते।

पार्टिसिपेंट : हमने आईडेंटिफाई किया कि हमारे देश में बहुत से लोगों की आमदनी और जिंदगी नदियों से जुड़ी है, और इसलिए हम उन लोगों को जिंदगी को बेहतर बनाना चाहते हैं, और एक पॉजिटिव बदलाव लाना चाहते हैं। हमने इस प्रोजेक्ट के लिए गंगा को चुना, क्योंकि वो हमारे इतिहास का एक बहुत ही अहम सांस्कृतिक भूमिका निभाती हैं, और हमारे प्रधानमंत्री जी के दिल के भी बहुत करीब है। हमारे इस प्रोजेक्ट की शुरुआत नमामि गंगे प्रोग्राम और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा, NMCG के बारे में पढ़कर और रिसर्च करके शुरू हुई। हमने इससे ये आईडेंटिफाई किया कि NMCG के दो बहुत क्लियर ऑब्जेक्टिव्स हैं। पहला- Abatement of Pollution i.e गंगा में पॉल्यूशन की कमी, और दूसरा Conservation and Rejuvenation of River Ganga i.e गंगा की क्वालिटी को वापस पहले जैसा बनना।

साथ ही हमने ये भी जाना कि गंगा से रिलेटेड बहुत सारा क्वालिटी डाटा पब्लिकली अवेलेबल किया गया है। इस डेटा से हम काफी प्रभावित हुए और हम बहुत इंस्पायर हुए। हमने सोचा कि अगर हम इस डेटा के बेसिस पर एक डिसीजन सपोर्ट सिस्टम बना सके, जिससे की गंगा के आसपास रहने वाले लोगों को निर्णय लेने में सहायता मिलेगी, तो उससे उनकी जिंदगी में काफी प्रभाव आ सकता है, और उनकी में एक बहुत पॉजिटिव बदलाव आ सकते है।

पार्टिसिपेंट : अब सर गंगा एक बहुत ही विशाल नदी है तो ये necessary हो जाता है कि जो भी सिस्टम बनाया जाए वो truly scalable हो। इसके लिए हमने एक एडवांस टेक्नोलॉजी का यूज करा है जिसका नाम है- Federated Learning. तो हमने डेटा को एनालाइज करा और 38 key locations आईडेंटिफाई करी। और Federated Learning के यूज से हमने वहां लोकल मॉडल्स बनाएं, जो उस localised data पर ट्रेंड है। अभी ये सारे लोकल मॉडल्स एक मदर मॉडल से कम्युनिकेट करते हैं, जहां ये अपना डेटा शेयर करते हैं। इसके थ्रू addition of new models और removal of pre-existing models और जो currently present models हैं, उनकी accuracy, efficiency, significantly इंप्रूव हो जाती है। और अगर हम ये टेक्निकल एस्पेक्ट्स साइड में रखें, तो हमें पता चलता है नमामि गंगे के थ्रू कि Ganga Preservation Rejuvenation और कंट्रोल में मेन कंट्रीब्यूटर्स तो लोग ही हैं। तो हमने इन स्टेकहोल्डर्स के लिए ये जो डेटा और यूजर के बीच की दूरी है उसको कम करने के लिए एक advance dashboard बनाया। जहां पर हमने हर टाइप ऑफ स्टेकहोल्डर्स....।

प्रधानमंत्री : ये बहुत बड़ा कुंभ मेला हो रहा है, गंगा के तट पर 40-45 करोड़ लोग इकट्ठे होने वाले हैं। इस योजना का कैसे लाभ ले सकते हैं, आप इस इनोवोशन का क्या लाभ ले सकते हैं वहां?

पार्टिसिपेंट : सर तो जैसे कि हमें पता है अगर पानी की क्वालिटी पैरामीटर्स को हम एनालाइज कर लें, तो हम लोगों को बता सकते हैं कि वो अपने लेवल पर कैसे डिसइन्फेक्शन कर सकते हैं और अपने लेवल पर क्या-क्या ensure कर सकते हैं, कि उनकी हेल्थ तो सही रहे ही और लोगों की भी हेल्थ सही रहे। इसके लिए हम लोग उनको एक पोर्टल देंगे, जैसे हम Industrial effluent monitoring के लिए देंगे sewage treatment infrastructure के लिए देंगे, हम लोग बायोडायवर्सिटी मैनेजमेंट के लिए देंगे। हम लोग farmers, fishermen और ईवन टूरिस्ट को बताएंगे कि वो क्या itineraries बना सकते हैं, और वो क्या-क्या मेन चीजें विजिट कर सकते हैं, उनको कहां जाना चाहिए और कहां करेंटली नहीं जाना चाहिए, और वहां पर कैसे काम चल रहा है।

प्रधानमंत्री : तो शहरों में जो ड्रिंकिंग वाटर की सप्लाई चैन होती है, उसके ऊपर भी आपका तो काम बड़ा आसानी से ऑर्गेनाइज हो सकता है।

पार्टिसिपेंट : Yes Sir. तो हमने क्या करा शहरों में जो...है, जो गंगा में कनेक्ट हो रहे हैं या बाकी नदियों में कनेक्ट हो रहे हैं। हमने उनके latitudes और longitudes आईडेंटिफाई कर लिए हैं। और हमने ये भी आईडेंटिफाई कर लिया है हमारे स्टेशंस के थ्रू, कि उनके आसपास की इंडस्ट्रीज कौन सी है। अब क्योंकि हमें पता है कि कुछ सेक्टर्स ऑफ इंडस्ट्री जैसे, केमिकल, पेपर, टेक्सटाइल, tanneries, slaughter house ये कौन से टाइप का effluent निकालते हैं। तो हम हमारे एल्गोरिदम से बैकट्रेक कर सकते हैं कि अगर हमारे वाटर में कुछ स्पेसिफिक पॉल्यूशंस के स्पाइक्स है तो हम ढूंढ सकते हैं कि कौन से सेक्टर ने ये cause करा है। और यही चीज हम ऑर्गेनाइजेशन, जो अथॉरिटीज मैनेज कर रही है Rivers को, उनको बता सकते हैं और उनको instantly रिपोर्ट का बटन दे सकते हैं, जिससे GPIs जो Grossly Polluting Industries है, उनपे instantly inspection लॉन्च की जा सके।

प्रधानमंत्री : हमारी इस मीटिंग के बाद और कितने घंटे अभी आपको काम करना पड़ेगा?

पार्टिसिपेंट : सर, कम से कम 20 घंटे और।

प्रधानमंत्री : अच्छा! देखिए मां गंगा हो या देश की अन्य नदियां। देश की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विरासत के साथ ही पर्यावरण के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि आप लोग इस विषय पर काम कर रहे हैं। मेरी आपको शुभकामनाएं हैं। और जयपुर के लोग हैं तो पानी का मूल्य क्या होता है, महात्म्य में क्या होता है, वो बहुत अच्छी तरह समझते हैं। बहुत-बहुत शुभकामनाएं मेरी आपको।

पार्टिसिपेंट : Thank You So Much Sir.

प्रधानमंत्री :

साथियों,

आप सभी से बात कर करके बहुत अच्छा लगा और मैं तो देख रहा था कि आप लोगों का समूह जब देखता था वो समूह जिस प्रकार से combination बना हुआ है। तो ये एक भारत श्रेष्ठ भारत उसके दर्शन भी हो रहे थे। North Students South में, South के Students North में, East के West में, West के East में, मैं समझता हूं कि बहुत ही अच्छा अनुभव रहा होगा आप लोगों के लिए भी और देश की विशालता और विविधता के लिए भी आप लोग अनुभव करते होंगे। तो आपके हैकाथॉन में विषय के उपरांत भी आपको साइड लाइन में भी बहुत सी चीजें सीखने को मिलती होती हैं।

साथियों,

आप तो जानते ही हैं कि भविष्य की दुनिया, नॉलेज और इनोवेशन से ही ड्राइव होने वाली है। और ऐसे में आप भारत की Hope हैं, Aspiration हैं। आपके Perspective अलग हैं, सोच अलग है और Energy का लेवल तो बहुत ही अलग है। लेकिन सबका Aim एक ही है। भारत दुनिया का सबसे Innovative, Progressive और Prosperous देश बने। आज दुनिया कह रही है कि भारत की ताकत, ये हमारी युवा शक्ति है, हमारा इनोवेटिव यूथ है, हमारी टेक पावर है। भारत की ये ताकत आप सभी में स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में साफ-साफ नजर आती है। मुझे खुशी है कि Smart India Hackathon भारत के युवाओं को ग्लोबली बेस्ट बनाने का एक बेहतरीन प्लेटफार्म बना है। जब से स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन शुरू हुआ है। करीब 14 लाख Students ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में हिस्सा लिया है। इन छात्रों ने 2 लाख टीमें बनाकर करीब 3 हजार प्रॉब्लम पर काम किया है। 6400 से ज्यादा Institutions, करीब करीब छह हजार Institutions इससे जुड़े हैं। इस हैकाथॉन की वजह से सैकड़ों नए स्टार्ट अप्स का जन्म हुआ है। और मैंने एक बात और नोट की है, 2017 में Students की तरफ से 7 हजार से ज्यादा Ideas, Submit किए गए थे। इस बार इन Ideas की संख्या 57 हजार से भी ज्यादा हो गई है। From 7 thousand to 57 thousand. ये दिखाता है कि भारत का युवा, किस तरह अपने देश की चुनौतियों के समाधान के लिए कमर कसके आगे बढ़ आया है।

साथियों,

बीते 7 सालों में जितने भी हैकाथॉन हुए हैं, उनके बहुत सारे Solutions आज देश के लोगों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। कई बड़ी समस्याओं का समाधान इन हैकॉथान्स ने दिया है। जैसे, 2022 के हैकाथॉन में आप जैसे युवाओं की एक टीम ने साइक्लोन की इंटेसिंटी मापने के एक सिस्टम पर काम किया था। हैकॉथान में जो सिस्टम डेवलप किया गया, उसे अब ISRO द्वारा डवलप की गई टेक्नोल़ॉजी के साथ Integrate किया गया है। ये सुनकर आपको भी गर्व होता होगा। 4-5 साल पहले हैकाथॉन में एक और टीम ने एक ऐसा Video Geotagging App बनाया, जिसने Data Collection को बहुत आसान बना दिया है। इसका भी उपयोग अब स्पेस से जुड़ी रिसर्च में किया जा रहा है। हैकाथॉन की एक और टीम ने Real time blood managing system पर काम किया था। ये ऐसा सिस्टम था, जो किसी Natural Disaster के समय वहां मौजूद ब्लड बैंक्स की डिटेल्स दे सकता है। इससे भी आज NDRF जैसी एजेंसियों को बहुत मदद मिल रही है। कुछ साल पहले एक और टीम ने दिव्यांग जनों के लिए एक ऐसा Product बनाया जो उनके जीवन से मुश्किलों को कम करने में मददगार साबित हो रहा है। आज भी हैकाथॉन में हिस्सा ले रहे आप सभी युवाओं के लिए ऐसी सैकड़ों सफल केस स्टडीज प्रेरणा हैं। ये दिखाती हैं कि कैसे आज देश के युवा, सरकार के साथ मिलकर देश के विकास के लिए, देश के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए काम कर रहे हैं। इससे उनमें देश की समस्याओं के समाधान को लेकर, देश के विकास को लेकर एक ओनरशिप की भावना आ रही है। आज भी आप सब से बात करने के बाद, मेरा Confidence और बढ़ गया है कि देश विकसित भारत होने के सही Track पर है । आप जिस तत्परता से, जिस कमिटमेंट के साथ, भारत की समस्याओं के इनोवेटिव सोल्यूशन ढूंढ रहे हैं,वो अद्भुत है।

साथियों,

आज देश की जो Aspirations हैं, उसमें हमें हर चुनौती के लिए Out of the Box सोचना ही होगा। हमें हर सेक्टर में Out of the box thinking की ये अप्रोच, हमारी आदतों में शामिल करनी होगी। इस Hackathon की विशेषता भी रही है। इसका Process भी Important है और Product भी Important है। एक समय था जब सरकार ही देश की समस्याओं के समाधान का दावा करती थीं। लेकिन अब ऐसा नहीं है। आज ऐसे Hackathons के जरिए Students, Teachers और Mentors को भी इन समाधानों से जोड़ा जा रहा है। ये भारत का नया गवर्नेंस मॉडल है, और ‘सबका प्रयास’ इस मॉडल की प्राणशक्ति है।

साथियों,

देश के अगले 25 सालों की पीढ़ी, भारत की अमृत पीढ़ी है। आप सब पर विकसित भारत के निर्माण की जिम्मेदारी है। और हमारी सरकार आज की इस पीढ़ी को हर साधन-संसाधन सही समय पर देने के लिए कमिटेड है। और हम अलग-अलग Age Group में अलग-अलग लेयर्स पर काम कर रहे हैं। Students में Scientific Mindset को Nurture करने के लिए हमने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू की है। देश की अगली पीढ़ी को स्कूलों में इनोवेशन के संसाधन मिलें। इसके लिए हमने 10 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स खोले हैं। आज एक करोड़ से ज्यादा बच्चों के लिए ये लैब्स नए नए प्रयोगों और अनुसंधानों का केंद्र बन रही हैं। देश के 14 हजार से ज्यादा पीएम श्री स्कूल्स भी 21St Century की Skills पर काम कर रही हैं। Students की इनोवेटिव सोच और बेहतर हो, इसके लिए हमने कॉलेज लेवल पर Incubation Centers की स्थापना की है। Practical Learnings के लिए Advanced Robotics और AI Labs का इस्तेमाल भी हो रहा है। युवाओं की क्वैरीज़ का समाधान हों, इसके लिए जिज्ञासा प्लेटफॉर्म बनाया गया है। इसमें युवाओं को साइंटिस्ट से सीधे जुड़ने और बातें करने का अवसर दिया जा रहा है।

साथियों,

आज ट्रेनिंग के अलावा नौजवानों को स्टार्टअप्स इंडिया अभियान के जरिए आर्थिक मदद भी दी जा रही है। उन्हें टैक्स में भी छूट दी जा रही है। नौजवानों को अपने बिजनेस के लिए 20 लाख रुपए तक के मुद्रा लोन की भी व्यवस्था की गई है। नई कंपनियों के लिए देश भर में टेक्नॉलजी पार्क और नए आईटी हब बनाए जा रहे हैं। सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए का रिसर्च फंड भी बनाया है। यानी करियर के हर स्टेज पर सरकार आप सब नौजवानों के साथ खड़ी है, उनकी जरूरतों के हिसाब से काम कर रही है। ऐसे Hackathon भी हमारे नौजवानों को नए नए अवसर दे रहे हैं। और ये सिर्फ कोई औपचारिक सा Event नहीं है। ये एक स्थाई Institution को Evolve करने की प्रक्रिया है। ये हमारे Pro People Governance Model का हिस्सा है।

साथियों,

अगर हमें दुनिया की Economic Superpower बनना है, तो हमें Economy के नए सेक्टर्स पर खूब काम करना होगा। आज भारत Digital Content Creation से Gaming तक कई ऐसे सेक्टर्स में आगे बढ़ रहा है, जो 10 साल पहले तक बहुत Evolve नहीं हुए थे। आज भारत, करियर के नए रास्ते भी बना रहा है। युवाओं को नए रास्ते तलाशने और उन पर प्रयोग करने के अवसर भी दे रहा है। युवाओं की Curiosity और Conviction को समझते हुए, सरकार उनके Interest को बढ़ावा दे रही है। सरकार Reforms करके उनके रास्ते से रोड़े हटा रही है। अभी कुछ समय पहले ही, पहले National Creators Award का आयोजन किया था। इसका उद्देश्य Content Creators की मेहनत और Creativity को Recognise करने का था। हमने स्पोर्ट्स को Career Choice बनाने के लिए काम किया है। गांव में विलेज लेवल टूर्नामेंट्स से लेकर ओलंपिक की तैयारी के लिए Khelo India और TOPS स्कीम को आगे बढ़ाया गया है। National Centre of Excellence for Animation, Visual Effects, Gaming, Comics, and Extended Reality का असर भी दिखने लगा है। इसके कारण Gaming भी एक Promising Career Choice बन रही है।

साथियों,

अभी हाल में एक बहुत बड़ा फैसला सरकार ने किया है। इसकी पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। ये फैसला इंटरनेशनल जर्नल्स को लेकर भारत के नौजवानों, भारत के रिसर्चर्स, भारत के इनोवेटर्स को एक्सेस देने का है। One Nation-One Subscription ये स्कीम अपने आप में दुनिया की अनूठी स्कीम्स में से एक है। जिसके तहत सरकार, प्रतिष्ठित जर्नल्स की सब्स्क्रिप्शन ले रही है, ताकि किसी भी जानकारी से भारत का कोई भी युवा वंचित ना रहे। हैकाथॉन में हिस्सा ले रहे आप सभी युवाओं को भी इससे बहुत लाभ होगा। अब सरकार के हर प्रयास का लक्ष्य यही है कि हमारे युवा दुनिया के Best Minds के साथ Compete कर पाएं। कभी भी युवा शक्ति को ये ना लगे कि उनके पास किसी सपोर्ट या इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव है। मेरे लिए युवा का विजन ही, सरकार का मिशन है। और इसलिए सारे मेरे नौजवानों को जो भी चाहिए, सरकार के रूप में हम उस दिशा में हर काम कर रहे हैं।

साथियों,

आज इस हैकाथॉन से हजारों युवा जुड़े हुए हैं। इसलिए, मैं आप सभी को एक और जरूरी मैसेज देना चाहता हूं। आप जानते हैं कि मैंने लाल किले से कहा है। कि देश की राजनीति में, मैं एक लाख ऐसे युवाओं को लाऊंगा जिनकी फैमिली से पहले कोई भी राजनीति में ना रहा हो। बिल्कुल फ्रेश ब्लड। ये देश के भविष्य के लिए बहुत जरूरी है। इस काम को करने के लिए अलग-अलग तरीके से काम हो रहा है। ऐसा ही एक आयोजन अगले महीने होने जा रहा है। विकसित भारत, Young Leaders Dialogue इसमें देशभर के करोड़ों नौजवान हिस्सा लेंगे, विकसित भारत के लिए अपने Ideas देंगे। जो Ideas सेलेक्ट होंगे, जो नौजवान सेलेक्ट होंगे, उनके साथ 11 और 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर दिल्ली में Young Leaders Dialogue का आयोजन होगा। इसमें देश-विदेश के दिग्गज लोगों के साथ मैं भी आप सबको देखने सुनने के लिए आने वाला हूं। आज इस हैकाथॉन से जुड़े सभी युवाओं से भी मेरा आग्रह है। विकसित भारत, Young Leaders Dialogue से भी जरूर जुड़ें। Nation Building से जुड़ने का ये एक और बेहतरीन मौका आपको मिलने जा रहा है।

साथियों,

आपके लिए आने वाला समय एक Opportunity भी है, साथ साथ एक Responsibility भी है।

मैं तो चाहूंगा Smart India Hackathon की टीमें, सिर्फ भारत ही नहीं, ग्लोबल प्रॉब्लम्स पर भी और बेहतर तरीके से काम करे। अगले साल जब हम इस हैकॉथान में आएं, तो कोई ऐसा उदाहरण भी हो जो किसी ग्लोबल क्राइसिस का समाधान करने का माध्यम बने। देश को आप सभी इनोवेटर्स, आप सभी ट्रबलशूटर्स के सामर्थ्य पर विश्वास भी है, गर्व भी है। आप के सफल भविष्य की मंगलकामना के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।।

धन्यवाद...All the best…

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Prime Minister wishes good health and speedy recovery to Brazilian President after his surgery
December 12, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today wished good health and a speedy recovery to Brazilian President Lula da Silva after his surgery.

Responding to a post by Brazilian President on X, Shri Modi wrote:

“I am happy to know that President @LulaOficial’s surgery went well and that he is on the path to recovery. Wishing him continued strength and good health.”