Democracy is in DNA of every Indian: PM Modi

Published By : Admin | June 26, 2022 | 18:31 IST

नमस्‍कार,

कैसे हैं आप सब?

मुझे बताया गया कि आप में से कई लोग आज बहुत दूर-दूर से लंबा सफर तय करके यहां आए हुए हैं। मैं आप सभी में भारत की संस्‍कृति, एकता और बंधुत्‍व के भाव का दर्शन कर रहा हूं। आपका ये स्‍नेह मैं कभी भूल नहीं सकता। आपके इस प्‍यार के लिए, इस उत्‍साह और उमंग के लिए मुझे पूरा विश्‍वास है, जो लोग हिन्‍दुस्‍तान में इन खबरों को देखते होंगे उनका भी सीना गर्व से भर गया होगा।

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साथियो,

आज का दिन एक और वजह से भी जाना जाता है। आज 26 जून है। जो डेमोक्रेसी हमारा गौरव है, जो डेमोक्रेसी हर भारतीय के डीएनए में है। आज से 47 साल पहले इसी समय उस डेमोक्रेसी को बंधक बनाने, डेमोक्रेसी को कुचलने का प्रयास किया गया था। आपातकाल का कालखंड इमरजेंसी भारत के वाइब्रेंट डेमोक्रेटिक इतिहास में एक काले धब्बे की तरह है। लेकिन इस काले धब्बे पर सदियों से चली आ रही लोकतांत्रिक परंपराओं की श्रेष्ठता भी पूरी शक्ति के साथ विजयी हुई, लोकतांत्रि‍क पंरपराएं इन हरकतों के लिए भारी पड़ी है।

भारत के लोगों ने लोकतंत्र को कुचलने की सारी साजिशों का जवाब लोकतांत्रिक तरीके से ही दिया। हम भारतीय कहीं भी रहें अपनी डेमोक्रेसी पर गर्व करते हैं। हर हिन्‍दुस्‍तानी गर्व से कह सकता है कि भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। लोकतंत्र का हजारों वर्षों का हमारा इतिहास आज भी भारत के कोने-कोने में जीवंत है। इतनी सारी भाषाएं, इतनी सारी बोलियां, इतने अलग-अलग तरह के रहन-सहन के साथ भारत की डेमोक्रेसी वाइब्रेंट है, हर नागरिक का विश्‍वास है, उसकी आशा है और प्रत्‍येक नागरिक के जीवन को सशक्‍त कर रही है।

भारत ने दिखाया है कि इतने विशाल और इतनी विविधता भरे देश में डेमोक्रेसी कितने बेहतर तरीके से डिलिवर कर रही है। जिस तरह करोड़ों भारतीयों ने मिलकर बड़े-बड़े लक्ष्य हासिल किए हैं, वो अभूतपूर्व है। आज भारत का हर गांव open defecation free है। आज भारत के हर गांव तक बिजली पहुंच चुकी है। आज भारत का लगभग हर गांव सड़क मार्ग से जुड़ चुका है। आज भारत के 99 पर्सेंट से ज्‍यादा लोगों के पास clean cooking के लिए गैस कनेक्‍शन है। आज भारत का हर परिवार बैंकिंग व्‍यवस्‍था से जुड़ा हुआ है। आज भारत के हर गरीब को पांच लाख रुपये मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्‍ध है।

कोरोना के इस समय में भारत पिछले दो साल से 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज सुनिश्चित कर रहा है। इतना ही नहीं, आज भारत में औसतन हर दस दिन में, आज स्‍टार्टअप की दुनिया है ना, हर दस दिन में एक यूनिकॉर्न बन रहा है। आज भारत में हर महीने औसतन 5 हजार पेटेंट फाइल होते हैं। आज भारत ह‍र महीने औसतन 500 से अधिक आधुनिक रेलवे कोच बना रहा है। आज भारत हर महीने औसतन 18 लाख घरों को पाइप वॉटर सप्‍लाई से जोड़ रहा है- नल से जल। भारतीयों के संकल्‍पों की ये सिद्धियों की ये लिस्‍ट बहुत लंबी है। मैं अगर बोलता जाऊंगा तो आपके डिनर का टाइम हो जाएगा।

साथियो,

कोई देश जब समय पर सही फैसले लेकर, सही नीयत से, सभी को साथ लेकर चलता है तो उसका तेजी से विकास होना निश्चित है। आप सभी इस बात से परिचित हैं कि पिछली शताब्‍दी में तीसरी औद्योगिक क्रान्ति का जर्मनी और अन्‍य देशों ने कितना लाभ उठाया। भारत उस समय गुलाम था। और इसलिए वो इस दौड़ में बहुत पीछे रह गया। लेकिन आज 21वीं सदी का भारत चौथी औद्योगिक क्रान्ति में industry 4.0 में पीछे रहने वालों में नहीं बल्कि इस औद्योगिक क्रान्ति का नेतृत्‍व करने वालों में से एक है।

Information technology में, digital technology में भारत अपना परचम लहरा रहा है। दुनिया में हो रहे Real Time Digital Payments में से 40 percent transaction भारत में हो रहे हैं। आज भारत Data consumption में नए रिकॉर्ड बना रहा है। भारत उन देशों में है जहां डेटा सबसे सस्‍ता है। 21वीं सदी के नए भारत में लोग जितनी तेजी से नई टेक्‍नोलॉजी अपना रहे हैं वो किसी को भी हैरान कर सकती है।

कोरोना वैक्‍सीन लगवाने के लिए, वेक्‍सीनेशन सर्टिफिकेट पाने के लिए बनाए गए कोविन पोर्टल पर करीब 110 करोड़ रजिस्‍ट्रेशन हुए हैं। कोरोना संक्रमण की tracking के लिए बनाए गए एक विशेष एप आरोग्‍य सेतु से आज करीब 22 करोड़ भारतीय जुड़े हुए हैं। सरकार द्वारा खरीदारी करने के लिए बनाए गए गवर्मेंट ई-मार्केट प्‍लेस यानी GEM से करीब 50 लाख विक्रेता जुड़े हुए हैं। आज 12 से 15 लाख भारतीय ट्रेन से आने-जाने के लिए हर रोज 12 से 15 लाख टिकट ऑनलाइन बुक करा रहे हैं।

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आज भारत में ड्रोन टेक्‍नोलॉजी का जिस तरह इस्‍तेमाल हो रहा है वो अभूतपूर्व है। आप जान करके हैरान रह जाएंगे कि अब देश के अनेक क्षेत्रों में ड्रोन से फर्टिलाइजर का छिड़काव होने लगा है। भारत में सरकार ने एक योजना शुरू की है- स्‍वामित्‍व योजना। इस योजना के तहत देश के लाखों गांवों में जमीन की मैपिंग, घरों की मैपिंग का काम ड्रोन ही कर रहे हैं। इस अभियान के द्वारा करोड़ों नागरिकों को property certificate दिए जा रहे हैं। प्राकृतिक आपदाओं के समय, राहत और बचाव के समय भी ड्रोन टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल भारत में लगातार बढ़ रहा है।

साथियो,

आज का भारत- होता है, चलता है, ऐसे ही चलेगा- उस मानसिकता से बाहर निकल चुका है दोस्‍तों। आज के भारत की पहचान है- करना है, करना ही है और समय पर करना है। इस संकल्‍प के साथ हिन्‍दुस्‍तान चल रहा है। भारत अब तत्‍पर है, तैयार है, अधीर है। भारत अधीर है प्रगति के लिए, विकास के लिए, भारत अधीर है अपने सपनों के लिए, अपने सपनों को संकल्‍प ले करके सिद्धि तक पहुंचाने के लिए अधीर है। भारत आज अपने सामर्थ्‍य में भरोसा करता है, अपने-आप में भरोसा करता है।

इसलिए आज हम पुराने रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं और नए लक्ष्‍य हासिल कर रहे हैं। आप किसी भी क्षेत्र में देखिए, मैं एक उदाहरण देता हूं आपको। भारत ने 2016 में तय किया था कि 2030 तक हमारी कुल बिजली उत्‍पादन क्षमता का 40 प्रतिशत Non fossil fuel से होगा। अभी 2030 से हम आठ साल दूर हैं लेकिन भारत ये लक्ष्‍य हासिल कर चुका है। हमने पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल ब्‍लैंडिंग का टारगेट रखा था। ये लक्ष्‍य भी देश ने डेड लाइन से पांच महीने पहले ही हासिल कर लिया है।

भारत में कोविड वैक्‍सीनेशन के स्‍पीड और स्‍केल से भी आप भलीभांति प‍रिचित हैं। आज भारत में 90 पर्सेंट adults को वैक्‍सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। 95 पर्सेंट adults ऐसे हैं जो कम से कम एक डोज ले चुके हैं। ये वही भारत है जिसके बारे में कुछ लोग कह रहे थे कि सवा अरब आबादी को वैक्‍सीन लगाने में 10-15 साल लग जाएंगे। आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो भारत में वैक्‍सीन डोज का आंकड़ा 196 करोड़ यानी 1.96 बिलियन को पार कर चुका है। मेड इन इंडिया वैक्‍सीन ने भारत के साथ ही दुनिया के करोड़ों लोगों की कोरोना से जान बचाई है।

साथियो,

मुझे याद है कि साल 2015 में जब मैं जर्मनी आया था तो स्‍टार्टअप इंडिया अभियान एक आइडिया के स्‍तर पर था, शब्‍द कान में पड़ते थे। तब स्‍टार्टअप दल में भारत का कोई नामोनिशान नहीं था, कोई जानता ही नहीं था। आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्‍टार्टअप इकोसिस्‍टम है। एक समय था जब भारत साधारण से साधारण स्‍मार्टफोन भी बाहर से मंगाता था। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा mobile phone manufacturer है और अब भारत में बने मोबाइल दुनिया भर में जा रहे हैं। सात-आठ साल पहले जब मैं आप जैसे साथियों से चर्चा करता था तो हमारी biotech economy 10 बिलियन डॉलर यानी 75 हजार करोड़ रुपये की हुआ करती थी। आज ये 8 गुना अधिक बढ़कर 80 बिलियन डॉलर यानी 6 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुकी है।      

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साथियो,

मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी भारत के लोगों का हौसला ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। साथियो, पिछले साल हमने अब तक का highest export किया है। ये इस बात का सबूत है कि एक ओर हमारे manufacturers नए अवसरों के लिए तैयार हो चुके हैं, वहीं दुनिया भी हमें उम्‍मीद और विश्‍वास से देख रही है। बीते ही वर्ष भारत ने 111 बिलियन डॉलर्स यानी 8 लाख 30 हजार करोड़ रुपये के इंजीनियरिंग गुड्स का एक्‍सपोर्ट किया है। भारत के कॉटन और हैंडलूम प्रॉडक्‍ट्स के निर्यात में भी 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

भारत में manufacturing को बढ़ाने के लिए सरकार ने करीब 2 लाख करोड़ रुपये की production linked incentive पीएलआई स्‍कीम भी शुरू की है। अगले साल हम अपने एक्‍सपोर्ट टारगेट को और भी बढ़ाना चाहते हैं और आप लोग इसमें काफी मदद भी कर सकते हैं। इसी तरह हमारा एफडीआई इनफ्लो, विदेशी निवेश भी साल-दर-साल नए रिकॉर्ड बना रहा है।

सा‍थियो,

जब किसी देश के नागरिक सबका प्रयास की भावना के साथ, जनभागीदारी की भावना के साथ राष्‍ट्रीय संकल्‍पों को सिद्ध करने में जुट जाते हैं तो उन्‍हें दुनिया की बड़ी-बड़ी शक्तियों का भी साथ मिलने लग जाता है। आज हम देख रहे हैं कि किस तरह दुनिया की बड़ी शक्तियां भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती हैं। अपने देशवासियों की संकल्‍प शक्ति से आज भारत प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। हमारे लोगों के संकल्‍पों से, उनकी भागीदारी से भारत के प्रयास आज जन-आंदोलन बन रहे हैं। यही है जो मुझे देश के भविष्‍य के लिए आश्‍वस्‍त करता है, भरोसा देता है।

उदाहरण के तौर पर, दुनिया में ऑर्गेनिक फार्मिंग जैसे शब्‍द चर्चा का‍ विषय बने हुए हैं। लेकिन भारत के किसान खुद आगे आकर इसे जमीन पर उतार रहे हैं। इसी तरह क्‍लाइमेट चेंज, आज ये भारत में केवल सरकारी पॉलिसीज का मुद्दा नहीं है। भारत का युवा ईवी और ऐसी ही दूसरी pro-climate technology में invest कर रहा है। Sustainable climate practices आज भारत के सामान्‍य से सामान्‍य मानवी के जीवन का हिस्‍सा बन रही है।

2014 तक भारत में खुले में शौच एक बड़ी समस्‍या थी लेकिन हमने देश में 10 करोड़ से ज्‍यादा शौचालय बनवाए। आज स्‍वच्‍छता भारत में जीवन-शैली बन रही है। भारत के लोग, भारत के युवा देश को स्वच्‍छ रखना अपना कर्तव्‍य समझ रहे हैं। आज भारत के लोगों को भरोसा कि उनका पैसा ईमानदारी से देश के लिए लग रहा है, भ्रष्‍टाचार की भेंट नहीं चढ़ रहा है। और इसलिए देश में कैश कम्‍पलॉयन्‍स तेजी से बढ़ रही है। ये किसी कानूनी प्रक्रिया के कारण नहीं है बल्कि स्‍वत: स्‍फूर्त जागरण से हो रहा है दोस्‍तों।

सा‍थियो,

हम सभी भारतीय इस साल अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं, अमृत महोत्‍सव मना रहे हैं। आजादी के 75वें वर्ष में भारत अभूतपूर्व inclusiveness और इससे प्रभावित होने वाले करोड़ों aspirations का गवाह बन रहा है। भारत आज अभूतपूर्व संभावनाओं से भरा है। भारत एक मजबूत सरकार के नेतृत्‍व में, एक स्थिर सरकार के नेतृत्‍व में, एक निर्णायक सरकार के नेतृत्‍व में नए सपने भी देख रहा है, नए संकल्‍प भी ले रहा है और संकल्‍पों को सिद्धि में परिवर्तित करने के लिए जी-जान से जुटा हुआ भी है। हमारी पॉलिसी स्‍पष्‍ट है और reforms के लिए भरपूर commitment है। पांच साल बाद हमें कहां पहुंचना है ये भी तय है और आने वाले 25 साल के लिए जब देश आजादी की शताब्‍दी मनाएगा, 25 साल के बाद हमें कहां पहुंचना है, 25 साल के लिए आत्‍मनिर्भरता का रोडमैप भी तैयार है।

सा‍थियो,

वो दिन चले गए ज‍ब दुनिया में कुछ होता था तो हम रोना रोते थे। भारत आज वैश्विक चुनौतियों का रोना रोने वाला देश नहीं है बल्कि भारत आज आगे बढ़कर इन चुनौतियों का समाधान दे रहा है। Coalition for Disaster Resilient Infrastructure (CDRI) के माध्‍यम से हम पूरी दुनिया को आपदाओं से लड़ने में सक्षम बनाना चाहते हैं। आज हम International Solar Alliance के जरिए दुनियाभर के देशों को एक मंच पर ला रहे हैं ताकि सस्‍ती और एनवायरमेंट फ्रेंडली एनर्जी का लाभ दुनिया को दे सकें। One Sun- One World- One Grid का सपना हमने दुनिया के सामने रखा है। इसके लाभ भारत ने बीते आठ वर्षों में खुद अनुभव भी किए हैं। भारत में सोलर पॉवर की रिकॉर्ड कैपिसिटी तो बिल्‍ड हुई ही है ये दो-ढाई रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से उपलब्‍ध है।

ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर भी जिस स्‍केल पर भारत काम कर रहा है, जर्मनी जैसे मित्र देशों के साथ साझेदारी कर रहा है तो उसमें भी मानवता का ही हित है। भारत में WHO Center for traditional medicine स्‍थापित होने से भारत दुनिया की प्राचीन चिकित्‍सा पद्धतियों का ग्‍लोबल सेंटर भी बन रहा है।

साथियो,

योग की ताकत क्‍या है ये तो आप भलीभांति जानते हैं। पूरी दुनिया को नाक पकड़वा दिया है।

साथियो,

आने वाली पीढ़ियों के लिए आज का नया भारत नई विरासत बनाने पर काम कर रहा है। नई विरासत बनाने के इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत हमारे नौजवान हैं, हमारे youth हैं। भारत के युवाओं को सशक्‍त करने के लिए 21वीं सदी की पहली एजुकेशन पॉलिसी लेकर हम आए हैं। पहली बार भारत में मातृभाषा में डॉक्‍टरी और इंजीनियरिंग की पढ़ाई तक का विकल्‍प दिया गया है।

जर्मनी में रहने वाले आप सब लोग तो जानते हैं कि मातृभाषा में डॉक्‍टरी-इंजीनि‍यरिंग पढ़ने का कितना लाभ होता है। अब यही लाभ भारत के युवाओं को भी मिलेगा। नई एजुकेशन पॉलिसी में हायर एजुकेशन और रिसर्च के लिए ग्‍लोबल पार्टनरशिप पर भी बहुत अधिक फोकस है। इसका जिक्र आज मैं इसलिए भी कर रहा हूं क्‍योंकि इसमें जर्मनी के संस्‍थानों के लिए भी बहुत सारे अवसर बन रहे हैं।

साथियो,

बीते दशकों में आपने मेहनत से, अपने काम से भारत की सशक्‍त छवि यहां बनाई है। आजादी के अमृतकाल में यानी आने वाले 25 साल में आपसे अपेक्षाएं और बढ़ गई हैं। आप इंडिया की success story भी हैं और भारत की सफलताओं के brand ambassador भी हैं। और इसलिए मैं आप सब साथियों को, विश्‍वभर में फैले हुए मेरे भारतीय भाइयों-बहनों को हमेशा कहता हूं कि आप राष्‍ट्रदूत हैं। सरकारी व्‍यवस्‍था में एक-दो राजदूत होते हैं, मेरे तो करोड़ों राष्‍ट्रदूत हैं जो मेरे देश को आगे बढ़ा रहे हैं।

साथियो,

आप सबने जो प्‍यार दिया, जो आशीर्वाद दिए, जो उत्‍साह और उमंग के साथ इतना बड़ा शानदार कार्यक्रम बनाया, आप सबको मिलने का मुझे मौका‍ मिला। इसलिए मैं एक बार फिर आप सभी का बहुत-बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूं। आप सब स्‍वस्‍थ रहिए, खुश-खुशहाल रहिए।

भारत माता की – जय !

भारत माता की – जय !

भारत माता की – जय !

बहुत-बहुत धन्‍यवाद !

  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • JBL SRIVASTAVA June 02, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • MLA Devyani Pharande February 17, 2024

    जय श्रीराम
  • Vaishali Tangsale February 14, 2024

    🙏🏻🙏🏻
  • ज्योती चंद्रकांत मारकडे February 12, 2024

    जय हो
  • Babla sengupta December 28, 2023

    Babla sengupta
  • SOMLAL MURMU December 21, 2022

    jay Hind
  • Bharat mathagi ki Jai vanthay matharam jai shree ram Jay BJP Jai Hind September 16, 2022

    ரை
  • Laxman singh Rana September 13, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🙏
  • G.shankar Srivastav August 09, 2022

    नमस्ते
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Prime Minister and President of Cyprus interact with business leaders from Cyprus and India
June 15, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi along with the President of Cyprus, H.E. Nikos Christodoulides today held a Roundtable interaction with business leaders from Cyprus and India in Limassol. The participants represented diverse sectors such as banking, financial institutions, manufacturing, defence, logistics, maritime, shipping, technology, innovation, digital technologies, AI, IT services, tourism and mobility.

Highlighting India's rapid economic transformation in the last 11 years, Prime Minister noted that India, propelled by next-generation reforms, policy predictability, stable polity and Ease of Doing Business, has become the fastest growing major economy in the world. Emphasizing on the primacy being given to innovation, digital revolution, start-up and futuristic infrastructure development, he expressed confidence that India, the fifth largest economy in the world, was well positioned to become the third largest in a few years’ time. He noted that steady growth in India’s civil aviation, port, shipbuilding, digital payments and green development sectors have opened myriad opportunities for companies from Cyprus to partner with India. He further underlined the strengths of India’s skilled talent and start-up ecosystem and highlighted manufacturing, AI, Quantum, Semiconductor and Critical Minerals as new and emerging areas contributing to India’s growth story.

Prime Minister noted that Cyprus was a significant economic partner for India, particularly in the Foreign Direct Investment sector and welcomed the keen interest in Cyprus for new investments into the Indian economy. Highlighting the potential for business engagement in the financial services sector, the two leaders welcomed the signing of an MOU between NSE International Exchange GIFT CITY, Gujarat and Cyprus Stock Exchange. NIPL (NPCI International Payments Limited) and the Eurobank Cyprus reached an understanding on introducing UPI for cross border payments between the two countries which would benefit tourists and businesses. Prime Minister also welcomed the launch of the India–Greece–Cyprus (IGC) Business and Investment Council, which will foster trilateral cooperation in sectors such as shipping, logistics, renewable energy, civil aviation and digital services. Prime Minister welcomed the fact that many Indian companies see Cyprus as a gateway to Europe and hub for IT services, financial management, and tourism.

As Cyprus prepares to assume the Presidency of the EU Council next year, the two leaders reaffirmed their commitment to further strengthen India-EU Strategic Partnership. They expressed optimism about concluding the India-EU Free Trade Agreement by end of the year which would also give a major boost to trade and economic cooperation between the two countries. Prime Minister underlined that the business roundtable had given practical suggestions which would form the basis for a structured economic roadmap, ensuring long-term collaboration in trade, innovation and strategic sectors.

With shared aspirations and a future-focused approach, India and Cyprus are poised for a new era of dynamic and mutually beneficial economic cooperation.