Congress sidelined interest of people of this country: PM Modi in Shahdol

Published By : Admin | November 16, 2018 | 14:58 IST
Congress must answer why during the time of Emergency, Rajmata Ji was jailed for a long time: PM Modi
For 55 years Congress were in power. During all those years, Madhya Pradesh was termed 'Bimaru': PM Modi
In the last 15 years, definition of MP has changed. It has now become 'Maximum Progress': PM Modi
Congress manufactures lies and spreads it. But now people are more aware. They know about Congress' lies: PM
Even today, the Congress cries fowl of demonetisation. Why is it so? Because they faced the heat of demonetisation: PM Modi
Our fight against corruption won't end. Those who have looted the poor must return what they have looted: PM

मंच पर विराजमान मध्य प्रदेश के लोकप्रिय और यशस्वी मुख्यमंत्री, एक प्रकार से जनता के मुख्यमंत्री, ऐसे मेरे मित्र, भाई श्री शिवराज सिंह जी, संसद में मेरे साथी और पार्टी के अध्यक्ष श्रीमान राकेश सिंह जी, संसद में मेरी साथी बहन रीति पाठक जी, श्रीमान ज्ञान सिंह जी, मेरे बहुत पुराने अनन्य साथी सांसद श्रीमान फग्गन सिंह कुलस्ते जी, अनूपपुर के जिला अध्यक्ष श्री आधाराम जी वैश्य, भाई सुनील जैन, श्री मनीष सिंह जी, इंद्रजीत छाबड़ा जी, मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे हुए शहडोल के मेरे प्यारे भाइयो और बहनो...

इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता, जनता जनार्दन के हितों को समर्पित ऐसे हमारे ओजस्वी कार्यकर्ताओं को इस बार मैदान में हमने उतारा है। अनूपपुर से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार श्रीमान रामलाल जी, पुष्पराजगढ़ से श्री नरेन्द्र मरावी जी, कोतमा से श्री दिलीप जी, बांधवगढ़ से शिवनारायण सिंह जी, जैतपुर से मनीषा सिंह, मानपुर से मीना सिंह, जयसिंह नगर से श्रीमान जयसिंह मरावी जी, ब्यौहारी से श्रीमान शरद कोल, डिंडोरी से श्रीमान जय सिंह जी। आप सब मेरे साथ भारत माता की जय बोल करके हमारे इन सभी साथियों को आशीर्वाद दीजिए। भारत माता की जय! भारत माता की जय!

आज छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्र का दौरा करने के बाद शहडोल में आपके बीच आने का मुझे सौभाग्य मिला है। ये भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी प्रसन्नता का विषय है कि हमारे देश में जहां-जहां सर्वाधिक आदिवासी क्षेत्र हैं, ऐसे सभी राज्यों में हमारे आदिवासी भाइयों-बहनों ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा की है। चाहे महाराष्ट्र हो, गुजरात हो, राजस्थान हो, मध्य प्रदेश हो, छत्तीसगढ़ हो, झारखंड हो, सारे क्षेत्र जहां सर्वाधिक आदिवासी समूह रहता है उन सभी राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को बार-बार सेवा करने का मौका आप सबने दिया है। और इसलिए, मैं सबसे पहले हृदय से आपका अभिनंदन करना चाहता हूँ, सर झुकाकर के आपका नमन करना चाहता हूँ।

भाइयो-बहनो, ये चुनाव कौन विधायक बने, कौन विधायक न बने, कौन दल जीते, कौन दल न जीते, किसकी सरकार बने, किसकी सरकार न बने, इतने सीमित हेतु के लिए नहीं है। ये चुनाव है हमारे मध्य प्रदेश का भविष्य क्या हो, उसका फैसला करने के लिए। हम हमारे बच्चों को कैसा मध्य प्रदेश देना चाहते हैं, इसका निर्णय इस चुनाव में आपको करना है। ये मध्य प्रदेश को Centre stage में लाने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है, शिवराज सिंह के नेतृत्व ने किया है, मध्य प्रदेश की सेवा में रत भारतीय जनता पार्टी के लक्षावधि कार्यकर्ताओं ने किया है और मध्य प्रदेश की जनता के भरपूर प्यार का परिणाम है कि ये संभव हुआ है। और इसलिए भाइयो-बहनो, आपके सामने साफ है 15 साल बनाम 55 साल। और भी एक comparison आप करें, जरूर करें। मोदी का भी हिसाब आपको मांगना चाहिए। मांगना चाहिए कि नहीं मांगना चाहिए? संकोच मत कीजिए। मोदी को भी हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? पल-पल का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? पाई-पाई का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? उसके लिए भी मैं आपसे आग्रह करता हूँ। उनकी 4 पीढ़ियों की सरकारें, एक ही परिवार की 4 पीढ़ी ने देश को क्या दिया और एक चायवाले ने 4 साल में देश को क्या दिया? आ जाओ हो जाए मुकाबला। इनका हाल ये है कि मुंह में राम बगल में छूरी। ये बोलते हैं, पार्लियामेंट में भी बोलते हैं, बाहर भी बोलते हैं कि हम प्रेम की बात करते हैं, हम प्रेम की बात करते हैं, हम प्रेम की बात करते हैं। और यहाँ मध्य प्रदेश में हमें बताया गया कि वो गुस्से के सिवा कुछ बोल ही नहीं रहे। यानि बोलना एक, करना दूसरा- ये कांग्रेस के चरित्र का हिस्सा है।

अब मुझे बताइए, जो ये कांग्रेस के नेता जा-जा करके भड़का रहे हैं कि शिवराज जी ने ये नहीं किया, मोदी जी ने ये नहीं किया, शिवराज जी ने ये नहीं किया, मोदी जी ने ये नहीं किया…ये कांग्रेस वालों को एक सवाल पूछोगे आप? मुझे पूरा जवाब चाहिए आपलोगों से। कांग्रेस वाले जब आएंगे तो सवाल पूछोगे? पक्का पूछोगे? प्रेम से पूछोगे? आँख में आँख मिलाकर के  पूछोगे? अगर वो कहते है कि सड़क क्यूँ नहीं बनी, तो आप उनको इतना पूछ लीजिए कि 55 साल सरकार आपने चलाई थी, तो आप सड़क बना के गए थे और शिवराज जी ने उखाड़ के फेंकी है क्या? ना-ना जरा बताओ ना? ना-ना ये रोड आप बना के गए थे और शिवराज जी ने आकर के बुलडोज लगाया क्या उसपे? जरा बताओ ना ये स्कूल क्या आप 55 साल में बना के गए थे, क्या शिवराज जी ने आकर के उसकी दीवारें तोड़ दीं? क्या ये अस्पताल आप बना के गए थे? जो काम उन्होंने नहीं किया, हमें पूछ रहे हैं क्यूँ नहीं हुआ? अरे 55 साल में तुम जो नहीं कर पाए, पहले उसका जवाब दो। क्या तुम्हारे दिमाग को तब ताला लग गया था? ये पहली बार तुम्हें पता चला कि विकास का मतलब ये होता है, ये-ये करना होता है?

और इसलिए भाइयो-बहनो, कांग्रेस पार्टी... मैं तो हैरान हूँ और अब मुझे समझ आया है कि इतने सालों तक वो चुनाव में जीतते कैसे थे? क्यूंकि उस समय विरोधी दल की ताकत भी बहुत कम थी, मीडिया भी उतना vibrant नहीं था और इतने चैनल भी नहीं थे, इतने अखबार भी नहीं थे, सोशल मीडिया तो था ही नहीं। इसलिए, वो जो झूठ परोसते थे वो नीचे तक पहुँच जाता था और लोगों को झूठ भी सच लगने लगता था। अब पता चल गया है कि झूठ के कारोबारी, ये झूठ के शहंशाह कितना झूठ बोल सकते हैं, कितनी बार झूठ बोल सकते हैं, कैसा-कैसा झूठ बोल सकते हैं, कहाँ-कहाँ झूठ बोल सकते हैं। शायद रात में बड़बड़ाते होंगे तो उसमें भी झूठ बोलते होंगे, ऐसी झूठ बोलने की आदत हो गई है। लेकिन अब मीडिया जागरूक है, सोशल मीडिया ज्यादा एक्टिव हो गया है, अखबारों की भी संख्या बढ़ गई है और इसलिए, उनका झूठ 1 घंटे, 2 घंटे से ज्यादा जी नहीं सकता, उसका मरना तय हो जाता है और इसलिए उनको नया झूठ गढ़ना पड़ता है।

अब भाइयो-बहनो, हमने वादा किया है कि 2022 तक जब भारत की आजादी के 75 साल होंगे, तब तक हम हिंदुस्तान में एक भी परिवार को बिना घर का रहने नहीं देंगे, हर परिवार को उसका अपना घर होगा। मुझे बताइए, हमारे इस वादे पर किसी को शक है क्या? पूरी ताकत से बताइए, उनके कान फट जाएं ऐसे बोलो। क्या किसी को शक है? हमारे इस वादे पर जरा भी शक है क्या आपको? ये शक क्यूँ नहीं है? इसलिए नहीं कि ये मोदी बोल रहा है, इसलिए नहीं कि ये शिवराज जी बोल रहे हैं। ये इसलिए है कि भाइयो-बहनो, इस प्रधानमंत्री आवास योजना में इतने कम समय में अकेले मध्य प्रदेश में 12 लाख पक्के घर की चाबी हम सुपुर्द कर चुके हैं, तब लोगों को विश्वास पैदा हुआ है कि भई ये जो वादे करते हैं, ये गुमराह करने के लिए नहीं करते हैं। भाइयो-बहनो, जनता-जनार्दन को विश्वास तब होता है।  समाज के अंदर सरकार कानून बना करके दोषियों को सजा दिलाती है लेकिन परिवार के संस्कार बच्चों को गुनहगार बनने से रोकते हैं। और इसलिए, हमारी कोशिश रही है कि एक तरफ परिवारों में संस्कारों का वातावरण फले-फूले तो दूसरी तरफ सरकार का कानून तेज गति से काम करे। चुप हैं, ये झूठ बोलने वाले लोगों के मुंह पर कभी ताले लग जाते हैं। यही मध्य प्रदेश की सरकार है...बलात्कारियों को 5 दिन में, 15 दिन में, महीने में सारी कार्रवाई करके फांसी की सजा दिलाने में ये मध्य प्रदेश की सरकार सफल हुई। तभी खोट पैदा होता है। माँ-बेटियों की रक्षा करने के लिए इस चुस्ती से काम करना होता है...और मैं बधाई देता हूँ, शिवराज जी को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ कि उन्होंने कानून का सही तरीके से उपयोग करके माताओं-बहनों की इज्जत को बचाने के लिए भरसक काम किया है। लेकिन ऐसी बातें नहीं बोलेंगे क्यूंकि उनके काल-खंड में तंदूरी कांड हुआ करते थे। इसको कोई देश में भूल नहीं सकता है भाइयो-बहनो। और इसीलिए, मैं कहता हूँ कि काम करने वाली सरकार चाहे सामान्य मानवी के सपनों को पूरा करना हो या सामान्य मानवी की सुरक्षा की चिंता करनी हो, वो जब तेज गति से काम करती है तो परिणाम मिलते हैं।

भाइयो-बहनो, पहले पूरे देश में जितने घर बनते थे, ये सरकार उतने मकान अकेले मध्य प्रदेश में बना देती है, ये कैसे होता होगा। पहले गैस का कूपन लेने के लिए MPs को दिल्ली में ये राज दरबारों के अंदर जाकर ये request करनी पड़ती थी कि एमपी के 25 कूपन को 30 कर दीजिए, हमारे इलाके में 25 परिवारों को हम गैस का कनेक्शन देना चाहते हैं। एक एमपी 25 घर में साल में गैस का कनेक्शन दे पाता था और वो भी ये राज दरबार की कृपा से! ये 4 पीढ़ी तक जिन्होंने राज किया, वे कृपा करें तब होता था। हमने तय किया कि मेरी गरीब माताओं को चूल्हे के धुएँ से मुझे मुक्त कराना है। अगर इस देश के अमीर के घर में गैस का चूल्हा जल सकता है तो मेरे गरीब के घर में भी गैस का चूल्हा जलेगा और देश में ये समानता हम लाकर रहेंगे। भाइयो-बहनो, मुझे खुशी है कि आज हमारे यहाँ मध्य प्रदेश के अंदर हजारों परिवारों को गैस का कनेक्शन मिला। देश में 8 करोड़ परिवारों को पहुंचाना है…हमने वादा किया और हमारे वादे पर भरोसा इसलिए है कि साढ़े पाँच करोड़ परिवारों में गैस के चूल्हे मुफ्त में और गैस का कनेक्शन पहुँच चुका है। तब जाकर के लोगों को भरोसा होता है कि मोदी और शिवराज मिलकर के काम कर सकते हैं।

और इसलिए भाइयो-बहनो, लोगों को बिजली का कनेक्शन....लोग बेचारे 18वीं सदी में जीने के लिए मजबूर थे। 20वीं सदी का उत्तरार्ध, 21वीं सदी का प्रारम्भ। अगर आज भी लोगों को अंधेरी जिंदगी जीनी पड़े तो जिन्होंने 4-4 पीढ़ी तक राज किया, जिन्होंने 55 साल तक मध्य प्रदेश में राज किया, उन लोगों को जवाब देना चाहिए कि आपने लोगों को अंधेरे में क्यूँ रखा था? हमने सौभाग्य योजना के तहत इस देश में जिस भी परिवार में बिजली नहीं है, लट्टू नहीं लग रहा है, उन सभी परिवारों में बिजली पहुँचने का काम प्रारम्भ किया है। भाइयो-बहनो, हमारे मध्य प्रदेश में हजारों परिवारों को गया है, अकेले शहडोल इलाके में 40 हजार परिवार जो अंधेरे की जिंदगी जीते थे, हमारी सरकार ने लट्टू पहुंचा दिया, बिजली भी चालू हो गई और उनके घर में से अंधेरे को भागना पड़ा। और उजाला आया है तो जिंदगी में भी नया उजाला आने वाला है, ऐसा मुझे विश्वास है।

भाइयो-बहनो, जिन्होंने आजादी के बाद, सरकारों ने शौचालय बनाने का काम शुरू किया। इतनी सरकारें, जितने शौचालय बनाए, इनकी 4 पीढ़ी ने जितने शौचालय बनाए, उतने ही शौचालय हमने 4 सालों में बना दिए…भाइयो-बहनो, 4 साल में बना दिए। अगर उनकी गति से हम चलते तो आज भी आधा हिंदुस्तान...मेरी माताओं-बहनों को खुले में शौच जाने के लिए मजबूर होना पड़ता लेकिन इस कलंक को मिटाने के लिए हमने गति बढ़ा दी, धन आवंटन बढ़ा दिया, परिणाम लाकर के रहे और माताएँ-बहनें इज्जत के साथ जिंदगी जी सकें, ये काम हमने करके दिया।

अब लोगों में चर्चा है कि सरकार तो पहले भी थी, 4-4 पीढ़ी से एक ही परिवार राज कर रहा था, ये चायवाला प्रधानमंत्री बन गया, ये इतने पैसे लाता कहाँ से है? लोगों के मन में सवाल है कि मोदी के पास इतने पैसे आए कहाँ से? जहां देखो कहीं गाँव की सड़क बन रही है, कहीं कुआं खुद रहा है, कहीं तालाब खुद रहा है, कहीं नदी-नाले बन रहे हैं, कहीं रेल का चौड़ीकरण हो रहा है, कहीं रेल का इलेक्ट्रिफिकेशन हो रहा है, कहीं पर नए स्कूल खोल रहे हैं, कहीं नए एम्स खुल रहे हैं, आईआईटी खुल रहे हैं। ये मोदी इतने कम समय में पैसे लाया कहाँ से? इनकी पीड़ा का कारण भी यही है। ये 4 पीढ़ी से जो जमा किया हुआ है, किसी के बिस्तर के नीचे रुपये की नोटें पड़ी हुई थीं, किसी के बोरे भर-भर के पड़ी थी, किसी की आलमारियों में नोटों के थक्के लगे थे, ये मोदी ने नोटबंदी करके सब के सब बैंक में ले आया। ये पैसे हैं आपके, इसलिए, शौचालय बन रहे हैं, घर बन रहे हैं, गाँव की सड़क बन रही है, किसान को पानी पहुँच रहा है, और इसलिए उनको परेशानी है। यहाँ बैठा हुआ एक भी व्यक्ति नोटबंदी को लेकर के आज रो रहा है क्या भाई? कोई रो रहा है क्या? उस समय तकलीफ हुई तो मैंने publicly कहा था कि थोड़ी तकलीफ होगी, मैंने publicly कहा था। आज कोई रो रहा है क्या? अकेली कांग्रेस रो रही है, ये परिवार रो रहा है। क्यूँ? उनका 4 पीढ़ी का जमा कराया चला गया, इसलिए रो रहे हैं, आँसू नहीं सूख रहे हैं। अरे जवान बेटा मर जाता है तो भी बूढ़ा बाप साल भर में संभल जाता है। इनका कितना लुट गया होगा कि 2-3 साल के बाद भी अभी संभल नहीं पा रहे हैं। आप कल्पना कर सकते हैं। आप मुझे बताइए कि इन लुटेरों ने जो लूटा है उसे वापस लाना चाहिए या नहीं लाना चाहिए? हिंदुस्तान के सामान्य मानवी का पैसा इनके पास से वापस निकालना चाहिए कि नहीं निकालना चाहिए? ये काम जारी रहना चाहिए कि नहीं रहना चाहिए था? आपका आशीर्वाद है? आपका आशीर्वाद है? दोनों मुट्ठी बांध करके हाथ ऊपर करके मुझे आशीर्वाद दीजिए क्यूंकि ये लड़ाई मैं छोड़ने वाला नहीं हूँ। भ्रष्टाचार के खिलाफ मैं लड़ाई छोड़ने वाला नहीं हूँ भाइयो-बहनो। ये मलाई खाने वालों के खिलाफ मेरी लड़ाई है।

भाइयो-बहनो, जाति-बिरादरी के नाम पर चुनाव बहुत हो चुके हैं, संप्रदायवाद के नाम पर चुनाव बहुत हो चुके हैं, मेरे-तेरे का खेल बहुत हो चुका है, अपने-परायों के रंग बहुत रंगे गए हैं, अब देश को ये मंजूर नहीं है। अब देश को विकास के लिए वोट चाहिए, देश को विकास के लिए दल चाहिए, देश को विकास के लिए राजनीति चाहिए। अगर जो भी जवाब देगा तो विकास का देगा, जो भी वादे करेगा विकास के वादे करेगा। और कांग्रेस के वादों में कितना दम है भई? मैंने बताया। मेरे वादों में दम इसलिए है कि लोग देख रहे हैं यहाँ-यहाँ तक पहुंचा, अब यहाँ पहुंचेगा, ये लोग देख रहे हैं। हिसाब लगातार देता रहता हूँ। जरा उनको पूछिए, भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश में सरकार बनी उसके पहले यहाँ कौन सरकार चलाता था भई? किसकी सरकार थी? किसकी सरकार थी? दिग्गी राजा। हाँ?  और क्या खेल खेले? आप जरा उनके चुनाव का मैनिफेस्टो निकाल दीजिए। 5 साल तक उनको सरकार चलाने का मौका मिला था और उसमें 2 साल पूरा मध्य प्रदेश एक था, 3 साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ अलग काम कर रहे थे, लेकिन मैनिफेस्टो कांग्रेस का था, सरकारें दोनों कांग्रेस की थीं। आप हिसाब निकाल के देख लीजिए, उस समय जो आपकी आँखों में धूल झोंकी गई, जो वादे किए गए, जो बड़ी लोक-लुभावनी बातें की गईं, उसमें से 62 प्रतिशत...बड़ी गंभीर बात है...62 प्रतिशत वादे उस किताब में वैसे के वैसे बंद पड़े रहे, कोई काम 5 साल उन्होंने किया नहीं। न मध्य प्रदेश के हिस्से का किया, न छत्तीसगढ़ के हिस्से का किया। क्या आप उनपे भरोसा करोगे भाई? आप जोर से बताइए, भरोसा करोगे?

आप मुझे बताइए, इन्दिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण गरीबों के नाम पर किया था कि नहीं किया था? उन्होंने कहा था कि बैंक गरीबों के लिए होनी चाहिए, इसलिए राष्ट्रीयकरण किया था। किया था कि नहीं किया था? जरा पूरी ताकत से बताइए, किया था कि नहीं किया था? क्या गरीबों को बैंक के अंदर एंट्री थी? क्या गरीब कभी बैंक में जा पाया था? आपने जो वादा किया था, जिस बहाने बैंकों को आपने कब्जा कर लिया था, इस देश की आधी जनसंख्या बैंक के दरवाजे तक पहुँच नहीं पाई थी, आपने वादाखिलाफी की थी। हमने 4 साल के भीतर-भीतर हिंदुस्तान के हर परिवार को बैंक खाते से जोड़ दिया। आज गरीब भी बैंक के दरवाजे पर जा करके खड़ा हो सकता है, ये स्थिति हमने पैदा की है। आप उनके वादों पर भरोसा करोगे? आप उनके वादों पर भरोसा करोगे? आप उनके वादों पर भरोसा करोगे? अरे आपकी दादीमाँ श्रीमती इन्दिरा गांधी ने देश को कहा था गरीबी हटाओ...कहा था कि नहीं कहा था? जरा मुझे पूरे विश्वास से बताइए, कहा था कि नहीं कहा था? इन्दिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था कि नहीं दिया था? उन्होंने कहा था कि गरीबी हटाने के लिए मेरी सरकार बनाइए, कहा था कि नहीं कहा था? उस बात को 4 साल हो गए, क्या गरीबी हटी? गरीबी हटी क्या? उन्होंने वादाखिलाफी की या नहीं की? वादाखिलाफी की या नहीं की? जो ऐसे झूठे वादे करते हैं उनपे भरोसा करोगे क्या? ऐसे झूठे वादे करने वालों पर भरोसा करोगे क्या?

ये लोगों की आंख में धूल झोंकने वालों पर भरोसा करोगे क्या? और इसलिए भाइयो–बहनो, हमारे काम पर विश्वास करके वोट दीजिए। जात-पात पर वोट मत दीजिए। हमारे वादों पर भी वोट मत दीजिए। हमने जो किया है, उस पर विश्वास करके वोट दीजिए। और मैं कहता हूं कि उनकी चार पीढ़ी के खिलाफ मेरे चार साल, उनके पचपन साल के खिलाफ शिवराज जी के पन्द्रह साल, हम सिद्ध करके देंगे कि हम उनसे ज्यादा अच्छा करते हैं, सबके लिए करते हैं और मध्यप्रदेश का भविष्य उसी में है। तो इसी विश्वास के साथ मेरे भाइयो–बहनो, विकास के मंत्र को लेकर के मध्य प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य के लिए आप सब भारी मतदान करें। मध्य प्रदेश में फिर एक बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाइए और दिल्ली से मुझे मध्य प्रदेश की सेवा करने का मौका दीजिए। और मध्य प्रदेश में शिवराज जी को भोपाल से सेवा करने का मौका दीजिए। ये डबल इंजन किस ताकत से आगे बढ़ता है, ये चार साल में आपने देखा है। आने वाले पांच साल में आप देखेँगे कि हम मध्य प्रदेश को कितनी ऊंचाइयों पर ले जाते हैं।

मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय! भारत माता की जय!  

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!