PM Modi congratulates all those who have been conferred the prestigious Gandhi Peace Prize
Freedom struggle became a mass movement due to the visionary efforts of Mahatma Gandhi: PM
Mahatma Gandhi had merged the streams of Jan Bhagidari and Jan Andolan: PM Modi

महामहिम राष्‍ट्रपति जी, उपस्थित सभी वरिष्‍ठ महानुभव और आज जिनको सम्‍मान प्राप्‍त हुआ है, वे सभी समाज को समर्पित महानुभव। मैं सबसे पहले आपसे क्षमा चाहता हूं, क्‍योंकि कार्यक्रम थोड़ा विलंब से प्रारंभ हुआ, क्‍योंकि मैं किसी एक और काम में व्‍यस्‍त हो गया जिसके कारण मुझे ही आने में देरी हुई मैं इसलिए आप सब से क्षमा चाहता हूं। आज गांधी शांति पुरस्‍कार के लिए जिन व्‍यक्ति और संगठनों को सम्‍मानित किया गया है, एक प्रकार से यह वर्ष महत्‍वपूर्ण भी हैक्‍योंकि पूज्‍य बापू की 150वीं जयंती देश और दुनिया मना रही है और पूज्‍य बापू जीवनभर जिन बातों को लेकर जिए, जिसको उन्‍होंने अपने जीवन में उतारा और जिसे समाज जीवन में संस्‍कारित करने का जिन्‍होंने अविरत प्रयास किया। ऐसे ही कामों को ले करके, जो संगठन समर्पित है, जो लोग समर्पित है, वे इस सम्‍मान के लिए पसंद किए जाते हैं। कन्‍याकुमारी का विवेकानंद केंद्र हो, एकल विद्यालय हो, यह समाज जीवन के आखिरी छोर पर बैठे हुए लोगों को शिक्षा और संस्‍कार के लिए निरंतर प्रयास करते रहते हैं। समाज के लिए समर्पण भाव से काम करने वाले बहुत बड़ी श्रृंखला इन्‍होंने निर्माण की है। आज इस सम्‍मान के अवसर पर मैं उनका बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।

जब गांधी जी से पूछा गया था तो एक बार उन्‍होंने कहा था कि स्‍वराज और स्‍वच्‍छता दोनों में से मुझे पहली कोई चीज पसंद करनी है, तो मैं स्‍वच्‍छता को पसंद करूंगा और पूज्‍य बापू का वो सपना पूरा करना हम सबका दायित्‍व है। देश के किसी भी कौने में जो भी स्‍वच्‍छता के लिए, शौचालय के लिए अपने आप को खपा देता है वो हम सबके लिए बहुत सम्‍मानीय है। और उसी बात को आगे बढ़ाने के लिए सुलभ शौचालय जिस प्रकार से कार्य कर रहा है, उनका भी आज अभिनंदन करने का अवसर मिला है। अक्षय पात्र के माध्‍यम से देश के बालकों को मध्‍याह्न भोजन मिले, सरकार की यह सभी राज्‍यों में चलने वाली गतिविधि है। उसको professionalism एक touch देने का प्रयास अक्षय पात्र ने किया है और मुझे कुछ ही समय पहले वृंदावन में जा करके तीन अरब की थाली परोसने का सौभाग्‍य मिला था। भारत सरकार भी कुपोषण के खिलाफ एक बहुत बड़ी व्‍यापक योजना के साथ एक मिशन के रूप में काम कर रही है, क्‍यों‍कि भारत का बचपन स्‍वस्‍थ हो, तो भारत स्‍वस्‍थ रहेगा और इसी भाव को ले करके इन प्रयासों में जन भागीदारी बहुत आवश्‍यक होती है। सरकार के प्रयासों में जब जन-भागीदारी जुड़ती है। तब उसकी शक्ति बढ़ जाती है।

महात्‍मा गांधी के जीवन की सफलता में सबसे बड़ी बात जो थी, आजादी के लिए मर-मिटने वाली परंपरा कभी इस देश में बंद नहीं हुई। जितने साल गुलामी रही, उतने साल क्रांतिवीर भी मिलते रहे। यह इस देश की विशेषता है, लेकिन गांधी जी ने आजादी को जन-आन्‍दोलन बना दिया था। समाज के लिए कोई भी काम करूंगा तो उससे आजादी आएगी, यह भाव पैदा किया था। जन-भागीदारी, जन-आन्‍दोलन आजादी के काल में, आजादी की लड़ाई के काल में जितना महात्‍मय था उतना ही समृद्ध-सुखी भारत के लिए उतना ही आवश्‍यक है। वो भी गांधी का ही दिखाया हुआ रास्‍ता है कि जन-भागीदारी और जन-आन्‍दोलन के साथ हम पूज्‍य बापू के सपनों को पूरा करते हुए गांधी की 150वीं जयंती और 2022 में आजादी के 75 साल उसके लिए हम संकल्‍प करके आगे बढ़े। पूज्‍य बापू एक विश्‍व मानव थे। आजादी के आंदोलन में इतनी व्‍यस्‍तता के बावजूद भी वे सप्‍ताह में एक दिन रक्‍तपितियों के लिए सेवा में लगाते थे। leprosyके लिए अपने आप को समय देते थे, खुद करते थे। क्‍योंकि समाज में जो मानसिकता बनी थी, उसको बदलने के लिए। सस्‍कावा जी करीब चार दशक में इस काम में जुड़े हुए हैं। leprosyके खिलाफ एक जन-जागरण पैदा हुआ है। समाज में अब उसकी स्‍वीकृति भी बनने लगी है। ऐसे अनेक लोग हैं, जिन्‍होंने रक्‍तपित के कारण समाज में जिनको वंचित कर दिया गया, उनकी वेदना को समझा और उनको मुख्‍य धारा में लाने का प्रयास किया तो इन सभी प्रयासों को सम्‍मानित करना, पूज्‍य बापू को एक सच्‍ची श्रद्धांजलि का प्रयास है। गांधी 150वीं जयंती जब मना रहे हैं तो यह विश्‍व मानव, यह रूप में दुनिया उनको जाने और खुशी की बात है कि इस बार पूज्‍य बापू का प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो तेने कहिए’, दुनिया के करीब-करीब 150 देशों के वहां के लोगों ने वहां के कलाकारों ने जो भारत की कोई भाषा नहीं जानते हैं, उन्‍होंने उसी ढंग से ‘वैष्णव जन तो तेने कहियो’यह भजन गाया और 150 देशों के गायक ‘वैष्णव जन’गाये हैं। यू-ट्यूब पर आप अगर जाएंगे तो इतना बड़ा... यानि भारत की पहचान कैसे बन रही है, कैसे बढ़ रही है, भारत की स्‍वीकृति कैसे बढ़ रही है और गांधी के आदर्श आज मानव कल्‍याण के लिए उपकारक कितने हैं। यह विश्‍व स्‍वीकार करने लगा है। इसके लिए अब हिन्‍दुस्‍तान के हर बच्‍चे के लिए, हर नागरिक के लिए इससे बड़ा गर्व क्‍या हो सकता है। फिर एक बार मैं सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। पूज्‍य बापू के चरणों में नमन करते हुए, विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए मेरी वाणी को विराम देता हूं। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

Explore More
78ਵੇਂ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਦਿਵਸ ਦੇ ਅਵਸਰ ‘ਤੇ ਲਾਲ ਕਿਲੇ ਦੀ ਫਸੀਲ ਤੋਂ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ, ਸ਼੍ਰੀ ਨਰੇਂਦਰ ਮੋਦੀ ਦੇ ਸੰਬੋਧਨ ਦਾ ਮੂਲ-ਪਾਠ

Popular Speeches

78ਵੇਂ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਦਿਵਸ ਦੇ ਅਵਸਰ ‘ਤੇ ਲਾਲ ਕਿਲੇ ਦੀ ਫਸੀਲ ਤੋਂ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ, ਸ਼੍ਰੀ ਨਰੇਂਦਰ ਮੋਦੀ ਦੇ ਸੰਬੋਧਨ ਦਾ ਮੂਲ-ਪਾਠ
'India Delivers': UN Climate Chief Simon Stiell Hails India As A 'Solar Superpower'

Media Coverage

'India Delivers': UN Climate Chief Simon Stiell Hails India As A 'Solar Superpower'
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi condoles loss of lives due to stampede at New Delhi Railway Station
February 16, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the loss of lives due to stampede at New Delhi Railway Station. Shri Modi also wished a speedy recovery for the injured.

In a X post, the Prime Minister said;

“Distressed by the stampede at New Delhi Railway Station. My thoughts are with all those who have lost their loved ones. I pray that the injured have a speedy recovery. The authorities are assisting all those who have been affected by this stampede.”