The Centre and States are now working together to fulfil the objective of cooperative federalism: PM
Only resources cannot lead to success of initiatives, resolve is needed: PM Modi
New thermal plant in Telangana will help revive shortage of electricity supply in the state: PM
New railway lines have been laid to connect regions of Telangana to entire India: PM
Fertilizer unit in Telangana will cater to farmer needs; give boost agriculture sector in the state: PM
India is a diverse country. Our unity must be our priority: PM Modi
Solutions to all problems lie in development: PM Modi

विशाल संख्या में पधारे मेरे भाइयों और बहनों।

मेरे प्यारे भाइयों बहनों तेलंगाना बनने के बाद ये मेरी पहली Visit है और हिन्दुस्तान में तेलंगाना सबसे छोटी उम्र का राज्य है। सिर्फ दो साल हुए हैं। लेकिन दो साल की इतनी छोटी आयु में तेलंगाना ने जन आकांक्षाओ की पूर्ती के लिए, जन सामान्य की आवश्यकताओं के लिए जिस प्रकार से कदम उठाए हैं उससे मुझे विश्वास है कि जिस इरादे से तेलंगाना बनाया गया तेलंगाना के लोग तेलंगाना की सरकार उन सारे संपनों को पूरा कर के रहेगी। ऐसा मेरा विश्वास है।

आज मुझे पंचशक्ति के दर्शन हुए। इस पंचशक्ति में शरीक होने का अवसर मिला जिसमें पानी भी है, प्रकाश भी है, परिवहन भी है, एक साथ पांच प्रकल्प और वो भी भारत सरकार और तेलंगाना सरकार मिलकर के और यही तो Cooperative Federalism है। एक समय था भारत में हमेशा केन्द्र और राज्य के बीच तनाव की भाषा का उपयोग होता था। आज ऐसा वक्त आया है कि केन्द्र और राज्य मिलकर के भारत को नई ऊंचाइयों में ले जाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर के काम कर रहे हैं। अभी Parliament में आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक Reform का काम हुआ। उसमें श्रीमान चन्द्रशेखर राव और उनकी पार्टी ने भरपूर समर्थन किया। इसके लिए मैं उनका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

आज मैं यहां देख रहा हूं कि भारत सरकार और तेलंगाना मिलकर के बिजली का काम हो, Fertilizer का काम हो, रेल का काम हो, पानी का काम हो, एक साथ मिलकर के बढ़ने कि दिशा में कदम उठा रहे हैं। यही रास्ता है, जो देश को आगे बढ़ाएगा। और मैं एक बात कहूंगा। चन्द्रशेखर राव मुख्यमंत्री बनने के बाद मुझे जितनी बार मिले हैं, हर बार उन्होंने तेलंगाना की विकास की बात की है। हर बार उन्होंने पानी के विषय में, इतने Emotional होकर के वो बाते करते थे। ऐसा लग रहा था कि पानी उनके जीवन का बहुत बड़ा मिशन बन गया हो। एक बार मेरे पास आए बोले, “मोदी जी मैंने मेरी टीम गुजरात भेजी थी। और कच्छ में आपने कैसे पानी पहुंचाया है। उसका अध्ययन करने के लिये गए थे। और जहां-जहां पानी का अच्छा काम हुआ है। मैं उसका अध्ययन कर रहा हूं। और मैं पूरे तेलंगाना में पीने के पानी के लिए एक दीर्घकालीन योजना बनाऊंगा और घर-घर पानी पहुंचाऊंगा|”

कुछ लोगों की सोच ऐसी है, कि संसाधनों से सब योजनाएं सफल होती है। ये सही है कि संसाधन तो लगते ही लगते हैं। लेकिन सिर्फ संसाधनों से सफलताएं नहीं मिलती संकल्प भी होना चाहिए और जब संकल्प होता है तो जनसामान्य जुड़ जाता है और तब जाकर के सफलताएं प्राप्त होती है। आज काम का शुभारम्भ हुआ है। लेकिन मुझे विश्वास है कि काम आगे बढ़ेगा।

भारत सरकार ने भी एक सपना देखा है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना। हमारे देश के किसान को अगर पानी मिल जाए, तो मिट्टी में से सोना पैदा करने की ताकत रखता है। और इसलिए पूरे देश में पानी पहुंचाना एक वृहत काम जहां-जहां Water Resources हैं, जहां-जहां catchment Area है, जहां-जहां Command Area है और सालों से अटकी पड़ी योजनाएं हैं। पिछले दिनों हमनें Cabinet में इन योजनाओं का निर्णय किया है। आने वाले दिनों में देश के किसानों को पानी पहुंचाने की दिशा में एक अहम भूमिका अदा करेगा। भारत का गांव भारत का Agriculture Sector ये हमारी आर्थिक ताकत है। उस ताकत को बल देना उसे हम प्राथमिकता के आधार पर ध्यान दे रहे हैं। लेकिन मैं यह भी कहना चाहूंगा कि तेलंगाना की धरती से देशवासियों को भी कहना चाहूंगा। जब पानी होता है तब हमें कभी पानी का मूल्य समझ नहीं आता है। बहुत प्यास लगी हो और दूर तक कहीं पानी नजर न आता हो, तो इंसान का हाल क्या होता है। जब पानी नहीं होता है तब पता चलता है। लेकिन जब पानी होता है तब सबसे ज्यादा उदासीनता उसके प्रति होती है। और इसलिए ये हमारा नागरिक धर्म है कि हम पानी को बचाएं। अगर पानी बचेगा तो पानी पहुंचेगा और अगर पानी पहुंचेगा तो एक नई जिन्दगी प्राप्त होती है। और इसलिये वर्षा का एक-एक बूंद पानी कैसे बचाया जाए।

आपमें से किसी को अगर पोरबंदर महात्मा गांधी के जन्म स्थान पर जाने का सौभाग्य मिला हो, तो मेरा आपसे अनुरोध है कि कभी जाने का मौका मिले तो कभी एक बार जरूर देखिए कहां पर महात्मा गांधी जन्मे थे वहां तो आप नमन करेंगे और फूल भी चढ़ाएंगे। लेकिन वहां पर आज से 200 साल पहले वर्षा का पानी बचाने के लिए हर घर में क्या व्यवस्था रहती थी। जमीन में पानी का कैसा टैंक रहता था। साल भर पानी खराब न हो जाए। उसके लिए क्या टैक्नॉलॉजी होती थी। 200 साल पुरानी वो व्यवस्था आज भी महात्मा गांधी के जन्म स्थान को देखने जाएंगे, तो देखने को मिलती है। 200 साल पहले पानी का संकट नहीं था। उस समय भी हमारे लोग पानी के महत्व को समझते थे और आज तो पूरी दुनिया पानी के संकट से गुजर रही है। तब हमारा दायित्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। और इसलिए इस योजना के तहत सिर्फ पानी पाने का आनन्द नहीं होना चाहिए। पानी को प्रसाद की तरह संभालने का भी दायित्व का भाव बढ़ता चला जाना चाहिए। तब जाकर के लाभ होगा।

आज यहां एक बिजली के कारखाने का शिलान्यास हुआ। एक बिजली के कारखाने का लोकार्पण हुआ। जो राज्य कभी बिजली की कमी से जूझते थे। Shortfall था। आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि भारत सरकार और हमारे पीयूष गोयल जी और उनके मंत्रालय ने दो साल में ऐसी स्थिति पैदा की है कि जो राज्य बिजली के कमी के कारण परेशान थे ऐसे राज्यों को भी बिजली सम्पन्न स्टेट बना दिया गया है। अगर इरादा नेक हो, सामान्य मानवी की आवश्यकताओं की पूर्ती करने का इरादा हो, तो समस्याओं के समाधान भी निकल आते हैं। और अभी पीयूष जी मुझे बता रहे थे कि पहले अगर तेलंगाना को बिजली खरीदनी होती थी तो एक यूनिट का करीब-करीब ग्यारह साढ़े ग्यारह रुपया लगता था। यूनिट का ग्यारह साढ़े ग्यारह रुपया भाइयों बहनों आज भारत सरकार ने जिस प्रकार से बिजली में रिफॉर्म किये। बिजली के उत्पादन को बढ़ाया।

Transition Line में खर्चा किया। सारा संतुलित कारोबार किया। उसका परिणाम यह है कि आज कुछ समय पहले जो बिजली यूनिट ग्यारह साढ़े ग्यारह रुपया में मिलती थी। आज मैं आज इसी वक्त इसी तारीख एक रुपया दस पैसे में मिलती है। राज्य के खजाने का कितना पैसा बचेगा। राज्य के खजाने में पैसा आएगा, तो राज्य के लोगों की भलाई के लिए कितना काम आएगा। इसका आप भली भांति अंदाज कर सकते हैं। इसलिये भाइयों बहनों बिजली में हम Nuclear Power पर बल दे रहे हैं। Hydro पर बल दे रहे हैं। Solar पर बल दे रहे हैं। क्योंकि पानी, प्रकाश ये जिन्दगी की सबसे बड़ी अनिवार्यता होती है। और दोनों चीजें प्रमात्मा से मिलती है। पानी भी परमात्मा की कृपा से आता है और प्रकाश भी सूरज देवता की कृपा से आता है और इसलिए Solar Energy पर बल दिया है।

मैं अभी मुख्यमंत्री जी से बात करते बता रहा था कि आपका जो पानी पहुंचाने का प्रयोग है इसको Solar Energy के साथ Attach कीजिए। ताकि पानी पहुंचाने का पूरा प्रयोग बिजली के खर्च से मुक्त हो जाएगा। तो वो Economically viable बनाने में सुविधा होगी। एक जमाना था, देश में एक हजार मेगावॉट से भी कम Solar Energy थी। एक हजार से भी कम आज दो साल के भीतर-भीतर वो तीन हजार मेगावॉट से भी ज्यादा हो गई है। काम की गति कितनी तेज है। काम का Quantum कितना बड़ा है। इसका आप अंदाज कर सकते हैं।

आज यहां बहुत वर्षों से जिस रेल लाइन की आप मांग कर रहे थे। आज इस रेल लाइन का शिलन्यास हो रहा है। कितने ही प्रधानमंत्री आकर गए। अपने भी आए बाहर के भी आए। हर बार हर सांसद ने इस रेल लाइन के लिए हर सरकार से मांग की। लेकिन कभी भी दूर-दूर तक रेल लाइन नजर नहीं आई। आज के युग में विकास के लिए Connectivity बहुत आवश्यक है। Infrastructure का आर्थिक रूप है। और इसलिए हम पूरे देश में आर्थिक विकास को और रेल Connectivity को जोड़कर के आगे करने का प्लान कर रहे हैं। पहले तो रेल की स्थिति ऐसी थी कि चार एमपी इकट्ठे होकर के जरा आवाज करें, तो रेल मंत्री कह देते अच्छा ठीक है एक डब्बा तुम्हें दे देते हैं। चार एमपी और मिल जाए तो कह देते थे कि ठीक है यहां पर तुमको स्टोपिज दे देंगे। रेल ऐसे ही चलती है। हमने आमूलचूल परिवर्तन किया। देश के आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए। जन सामान्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए। रेल का Nationalize करते हुए रेल को हम आगे बढ़ाना चाहते हैं। और आज इस योजना के तहत रेल का प्रोजेक्ट तेलंगाना की लंबे अरसे की मांग थी इसको हम आज पूरा कर रहे हैं। और मुझे विश्वास है कोई अगर रुकावट नहीं आई तो समय सीमा में इस रेल प्रोजेक्ट को भी पूरा कर देंगे। और यहां की जनसामान्य की आवश्यकताओं की आज तेलंगाना के इतिहास में पहली बार और सबसे पहला Fertilizer का कारखाना उसका शिलान्यास हुआ है।

तेलंगाना के पास Fertilizer का कोई कारखाना नहीं है। किसान को यूरिया चाहिए। किसान को खाद चाहिए। अगर खाद का उत्पादन नहीं होगा, तो खाद की बढ़ती हुई मांग है Fertilizer की बढ़ती हुई मांग है उसका हम पूरा नहीं कर सकते। पहले किसानों को खुश करने के लिए Fertilizer में इतनी सब्सिडी देंगे ऐसी घोषणाएं होती थी। अखबारों में छप जाती थी। चुनाव निकल जाते थे। राजनेताओं का काम हो जाता था। लेकिन मेरा किसान वहीं का वहीं रह जाता था। क्यों सब्सिडी की घोषणा तो होती थी लेकिन Fertilizer ही नहीं मिलता तो फिर सब्सिडी कहां मिलेगी। यही कारोबार है। भाइयों बहनों हमने बल दिया है किसान को Fertilizer पहुंचाना है। और किसा कालेबाजारी में Black Marketing में Fertilizer खरीदने के लिए मजबूर होता था। यूरिया खरीदने के लिए मजबूर होता था। कुछ प्रदेशों में तो रात रात से Fertilizer खरीदने के लिए लोगों को कतार में खड़ा रहना पड़ता था। कभी-कभी पुलिस लाठी चार्ज करती थी। और तब भी Fertilizer नहीं मिलता था। और जब मैं मुख्यमंत्री बना तो ज्यादातर मुख्यमंत्रियों की चिट्ठी मुझे पहली जो मिली वो चिट्ठी क्या मिली की साहब सीजन है यूरिया की कमी पड़ रही है। हमारे राज्य को इतना यूरिया दीजिए। करीब-करीब सभी राज्य प्रधानमंत्री को यूरिया के लिए चिट्ठी लिखते थे। आज मैं बड़े संतोष के साथ कह सकता हूं। आज मेरे किसान भाइयों बहनों के सामने सर झुका कर के कह सकता हूं कि पिछले एक दो साल से किसी भी मुख्यमंत्री को यूरिया के लिए चिट्ठी नहीं लिखनी पड़ी।

हमारे श्रीमान अनन्त कुमार जी के नेतृत्व में Fertilizer के क्षेत्र में हम एक नई क्रांति लाए हैं। नीम कोटिंग यूरिया इसके कारण यूरिया में वो ताकत आई है। जो जमीन का लाभ करती है जो जमीन का भला करती है। नीम कोटिंग के कारण यूरिया में वो ताकत आई है। जिसके कारण यूरिया की जो चोरी होती थी। और कैमिकल फैक्टरियों में चला जाता था। सब्सिडी का बिल फटता था किसानों के नाम पर कुछ लोगों के जेब में सब्सिडी चली जाती थी। और Fertilizer Chemical वोलों के कारखानों में सस्ते दाम पहुंचता था। वो अपना कैमिकल बनाकर के दुनिया में बेचते थे। किसान बेचारा वहीं का वहीं रह जाता था। नीम कोटिंग करने के कारण अब कोई कैमिकल फैक्टरी वाले के लिए एक ग्राम यूरिया भी काम नहीं आ सकता है। भ्रष्टाचार भी गया, चोरी भी गई, सरकारी खजाना लूटा जाता था वो भी बंद हो गया। और किसान को यूरिया आसानी से मिलना शुरू हो गया। आजादी में पहली बार Fertilizer के दाम कम हुए। एक-एक बोरी पर दो सौ रुपया, ढाई सौ रुपया पहली बार संभव हुआ।

भाइयों बहनों अगर समाज के भलाई के लिए काम करते हैं किसानों के गांव के भलाई के लिए काम करते हैं तो किस प्रकार से परिवर्तन लाया जा सकता है। अगर यूरिया इसी को स्टडी बनाकर के स्टडी कर ले तो उसको ध्यान में आएगा कि एक अच्छी सरकार होती है और जैसे अभी चन्द्रशेखर राव भारत सरकार की ईमानदारी की भरपूर तारीफ कर रहे हैं। वे स्वयं भारत सरकार में रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार को निकट से देखा है। वे भारतीय जनता पार्टी के नहीं है। वह कह रहे हैं कि सालों के बाद दिल्ली में एक ईमानदार सरकार बैठी है उसका परिणाम ये आता है। उसका परिणाम ये आता है। लेकिन भाइयों बहनों हमारी कृषि को हममें बहुत ही बदलाव की आवश्यकता है। ये Fertilizer वगैरह एक रास्ता है लेकिन हमारी इस धरती माता की तबियत का भी तो खयाल करना पड़ेगा। अगर ये धर्ती माता बीमार रही तो कितने ही नए नए संशोधन होगें। लेकिन कभी न कभी ये मां हमसे रूठ जाएगी। और किसान के लिए तो धरती मां से बड़ी कोई मां नहीं होती। और इसलिये हमने सोइल हेल्थ कार्य के द्वारा इस धरती मां की चिंता की है। उसकी कमियां हों तो कैसे पूरा किया जाए। उसकी शक्ति है तो कैसे उपयोग किया जाए। उस पर बल देने का प्रयास किया है।

इन दिनों गाय के नाम पर बड़ी चर्चा चल रही है। लेकिन हिमाचल के हमारे गवर्नर साहब है। वे स्वयं कृषि में अनेक प्रयोग करने वाले व्यक्ति है। उन्होंने एक बड़ा अभियान चलाया है हिमाचल में जो गाय लोगों ने छोड़ दी है। ऐसी गायों को वो पकड़-पकड़ के किसानों को दे रहे हैं। दूध नहीं देने वाली गाय किसानों को दे रहे हैं। और किसानों को कहते हैं के आप अपनी खेती के साथ गाय को जोड़ दीदिए। गाय का मलमूत्र आपकी खेती में एक नई ताकत देगी। उन्होंने स्वयं ये प्रयोग किये हैं। सफल प्रयोग किये हैं। और इसलिये जो भी गौ भक्ति में विश्वास करते हैं। जो भी गौ सेवा में विश्वास करते हैं। इन सबसे मेरा आग्रह है कि हम गाय को कृषि के साथ जोड़ें। Agriculture के साथ गाय को जोड़ें। गाय कभी भी बोझ नहीं बनेगी। और महात्मा गांधी गाय के लिए एक बढ़िया बात बताते थे। महात्मा गांधी कहते थे कि हमारी मां हमें बचपन में कुछ समय तक दूध पिलाती है। हमें पालती है। लेकिन गाय मां हमें जीवन भर दूध पिलाती है और हमारा पालन पोषण करती है। गाय मां आगे भी मृत्यु के बाद भी मनुष्य के काम आती है जिस प्रकार से पेड़ और पौधे एक Wealth है सम्पत्ति है। वैसे हमारे Cattle भी Wealth है सम्पत्ति है। उसका एक उचित रूप से आयोजन करके राष्ट्र के उसके आर्थिक विकास से जोड़कर के आवश्यकता है। और कभी-कभी चिंता भी सताती है। जो लोग समाज के ताने बाने को तोड़ने में तुले हुए हैं। जो लोग समाज को तहस नहस करने पर तुले हुए हैं। जो लोग हिन्दुस्तान की एकता की बात से परेशान होते हैं। ऐसे कुछ मुट्ठी भर लोग गौ रक्षा के नाम पर समाज में टकराव लाने की कोशिश कर रहे हैं।

मैं सभी देशवासियों को कहना चाहता हूं। ऐसे फेक ऐसे नकली गौ रक्षकों से सावधान हो जाइए। मैं राज्य सरकारों से भी कहता हूं कि हमारी कृषि को बचाने के लिए, हमारे किसान को बचाने के लिए हमारे गांव को बचाने के लिए और जो बात विनोबा भावे कहते थे। जो बात महात्मा गांधी कहते थे। जिस गौ रक्षा के लिए विनोबा जी ने आमरण अंशन किया था। जिस गौ रक्षा के लिए भारत के संविधान में निर्देश है इस गौ रक्षा के लिए ये बात जिस बात को गांधी ने माना हो वो गलत नहीं हो सकती है। लेकिन ये जो नकली गौ रक्षक हैं इनको गाय से लेना देना नहीं है। वे समाज मैं तनाव पैदा करना चाहते हैं और इसलिए हमारी सरकारों को कहना चाहता हूं इसलिए आप भी ऐसे नकली गौ रक्षकों की छानबीन कीजिए। उन पर कठोर कार्रवाई कीजिए। और साथ-साथ मैं सच्चे गौ भक्तों को प्रार्थना करना चाहता हूं, सच्चे गौ पूजकों को प्रार्थना करना चाहता हूं। आप भी सजग रहिए। कहीं आपका ये उमदा काम मुट्ठी भर लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए तबाह न कर दें ऐसे लोगों को खोज करने में आप भी आगे आइए। ऐसे लोगों की इस प्रकार की प्रवृत्ति करने से खुला कर लीजिए समाज के सामने उसको। ताकि ऐसे लोगों की हरकत न चलें।

भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है विविध मान्यताओं से भरा हुआ देश है। अनेक सम्प्रदायिक मान्यताओं से चलने वाला देश है। देश की एकता अखंडता ये हमारी प्राथमिक जिम्मेवारी है। और इसलिए इसको परिपूर्ण करने के लिए हम सब देशवासियों ने सकारात्मक रूप से गौ सेवा करें गौ भक्ति करें गौ पूजा करें गौ समर्थन करें। वो तो राष्ट्र की सम्पत्ति में बढ़ावा करना है। वो राज्य राज्य के लिए संकट नहीं पैदा करता है। लेकिन नकली लोग देश को और समाज को तबाह कर देते हैं। उनके सामने जागरूक होने की जरूरत है। ऐसे लोगों को isolate करने की जरूरत है। ऐसे लोगों को Expose करने की जरूरत है। ऐसे लोगों को दंडित करने की जरूरत है। तब जाकर के हम सब शान से देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।

भाइयों बहनों हर समस्या का समाधान एक ही बात में है। हमारी सारी आवश्यकताओं की पूर्ति सिर्फ और सिर्फ विकास के मार्ग से होगी। आज मुझे खुशी है कि राज्यों राज्यों के बीच विकास की स्पर्धा हो रही है। हर राज्य को लगता है मैं उस राज्य में आगे निकल जाऊं। ये तंदरुस्त स्पर्धा देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। और इसलिए मैं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आह्वान करता हूं। आइए राज्यों राज्यों के बीच विकास की स्पर्धा करें। राज्यों और केन्द्र के बीच विकास की स्पर्धा हो। गर गांव गली मोहल्ले में विकास की स्पर्धा हो।

उसने इतना किया मैं उतना कर के दिखाऊंगा। उसने इतने में किया मैं उससे कम में कर के दिखाऊंगा। उसने इतना अच्छा बनाया मैं इससे भी बेहतर बना कर कर दूंगा। ये वातावर्ण बनाने का प्रयास करने की जरूरत है। देश देखते ही देखते नई ऊंचाइयों को पार कर लेगा। मैं फिर एक बार आदरणीय मुख्यमंत्रियों का आभारी हूं। जितने विषय उन्होंने रखे हैं। मैं तेलंगाना वासियों को विश्वास दिलाता हूं। दिल्ली सरकार विकास के हर काम में कंधे से कंधा मिलाकर के आपके साथ चलेगी। हम मिल कर के विकास की ऊंचाइयों को पार करेंगे। अब दिल्ली आपके लिए दूर नहीं है। आपका हैदराबाद जितना आपका है दिल्ली भी उतना ही आपका है। इस विश्वास के साथ आगे बढ़ें। बहुत बहुत धन्यवाद।

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PM Modi addresses the Parliament of Guyana
November 21, 2024


Prime Minister Shri Narendra Modi addressed the National Assembly of the Parliament of Guyana today. He is the first Indian Prime Minister to do so. A special session of the Parliament was convened by Hon’ble Speaker Mr. Manzoor Nadir for the address.

In his address, Prime Minister recalled the longstanding historical ties between India and Guyana. He thanked the Guyanese people for the highest Honor of the country bestowed on him. He noted that in spite of the geographical distance between India and Guyana, shared heritage and democracy brought the two nations close together. Underlining the shared democratic ethos and common human-centric approach of the two countries, he noted that these values helped them to progress on an inclusive path.

Prime Minister noted that India’s mantra of ‘Humanity First’ inspires it to amplify the voice of the Global South, including at the recent G-20 Summit in Brazil. India, he further noted, wants to serve humanity as VIshwabandhu, a friend to the world, and this seminal thought has shaped its approach towards the global community where it gives equal importance to all nations-big or small.

Prime Minister called for giving primacy to women-led development to bring greater global progress and prosperity. He urged for greater exchanges between the two countries in the field of education and innovation so that the potential of the youth could be fully realized. Conveying India’s steadfast support to the Caribbean region, he thanked President Ali for hosting the 2nd India-CARICOM Summit. Underscoring India’s deep commitment to further strengthening India-Guyana historical ties, he stated that Guyana could become the bridge of opportunities between India and the Latin American continent. He concluded his address by quoting the great son of Guyana Mr. Chhedi Jagan who had said, "We have to learn from the past and improve our present and prepare a strong foundation for the future.” He invited Guyanese Parliamentarians to visit India.

Full address of Prime Minister may be seen here.