QuoteSocial infrastructure is essential for the development of every nation: PM Narendra Modi
QuoteCentre would not stop at laying foundation stones but ensure completion of projects on time: PM
QuoteOur Government will do everything it can for welfare of farmers: PM Modi
QuotePakistan now knows well what the Indian Army is capable of: PM Modi
QuoteOur Govt is taking steps to ensure that the middle class is not exploited and the poor get their due: PM

ये मेरा सौभाग्‍य है कि मुझे फिर एक बार आपके बीच आने का अवसर मिला है। पिछले महीने लुधियाना आया था, तभी मैंने कहा था समय अभाव से मैं भटिण्‍डा नहीं जा पा रहा हूं लेकिन जल्‍द से जल्‍द मैं भटिंडा आऊंगा और आज वो वादा मैं पूरा कर रहा हूं।

देश के विकास में रोड़ बने, एयरपोर्ट बने, रेल चले, इसका जितना महत्‍व है, उससे भी ज्‍यादा सामान्‍य नागरिकों के लिए Social Infrastructure; जिसमें स्‍कूल हो, अस्‍पताल हो, गरीब से गरीब की सेवा हो,  गरीब से गरीब को शिक्षा मिले तब जा करके समाज ताकतवर बनता है। और आज भारत सरकार और पंजाब सरकार मिल करके, कंधे से कंधा मिला करके गांव; गरीब; किसान; दूर-सुदूर के इलाके; उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए, जहां बिजली नहीं, बिजली पहुंचे; जहां पानी नहीं, पानी पहुंचे; जहां अस्‍पताल नहीं, वहां अस्‍पताल बने; जहां स्‍कूल नहीं, वहां स्‍कूल बने; उस काम पर बल दे रही है। और उसी के तहत आज भटिंडा में सवा नौ सो करोड़ रुपये से ज्‍यादा, करीब-करीब हजार करोड़ रुपये की लागत से AIIMS का निर्माण होने जा रहा है।  ये AIIMS सिर्फ बीमारों की बीमारी दूर करेगा ऐसा नहीं, Paramedical की शिक्षा, Nursing की शिक्षा, डॉक्‍टरी की शिक्षा , यहां के नौजवानों के जीवन में, पूरा-पूरा उनका भविष्‍य; और एक पीढ़ी का नहीं, आने वाली पीढि़यों का भी भविष्‍य बदलने की ताकत इस AIIMS की योजना में बनी हुई है।

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कितना बड़ा भला होगा इस इलाके का, मेरे पूर्व वक्‍ताओं ने इसकी विस्‍तार से चर्चा की है। और जैसे बादल साहब कहते थे, उद्घाटन की चर्चा इस सरकार का स्‍वभाव है। जिस काम का शिलान्‍यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हमारे ही कार्यकाल में करते हैं; वरना पहले सरकारें चुनाव आते ही हर गली-मोहल्‍ले में जा करके पत्‍थर खड़े करके आ जाते थे। लोगों को समझा देते थे ये होगा, वो होगा; और बाद में भूल जाते थे। हम तो योजना बनाते हैं तो पूछते हैं भाई बताओ किस तारीख को पूरा करोगे; और तब जा करके देश में गति आती है। और इन दिनों तो मैंने देखा है, भारत सरकार Project जो लेती है, उसकी जो तारीख तय करती है, और फिर बनाने वालों में स्‍पर्धा खड़ी हो जाती है। कुछ लोग तो समय से पहले पूरा करते हैं और ऐसे लोगों को मैं पुरस्‍कार भी देता हूं ताकि देश में जल्‍दी काम करने की आदत बन जाए।

भाइयो, बहनों पाकिस्‍तान यहां से दूर नहीं है। सीमा पर रहने वाले, सीमा पार से होने वाले जुल्‍म सहते रहते हैं। सेना के जवान सीने में दम हो, हाथ में हथियार हो, उसके बावजूद भी अपने पराक्रम नहीं दिखा पाते; उनको सहन करना पड़ता है। भाइयो, बहनों, हमारी सेना की ताकत देखिए, 250 किलोमीटर लंबे पट पर जब हमारे सेना के बहादुर जवानों ने Surgical Strike किया, सीमा पार बड़ा हड़कम्‍प मच गया, अभी भी उनका मामला ठिकाने नहीं लग रहा है। लेकिन मैं पाकिस्‍तान के पड़ोस में आज खड़ा हूँ तब, सीमा पर खड़ा हूँ तब, मैं फिर एक बार पाकिस्‍तान की आवाम से बात करना चाहता हूं। मैं पाकिस्‍तान की आवाम से कहना चाहता हूं, ये हिन्‍दुस्‍तान है, यहां के सवा सौ करोड़ देशवासी हैं। जब पेशावर में बच्‍चों को मार दिया जाता है, सवा सौ करोड़ हिन्‍दुस्‍तानियों की आंख में आँसू टपकते हैं। आपका दर्द हर हिन्‍दुस्‍तानी को भी अपना दर्द लगता है। पाकिस्‍तान की आवाम तय करे, उनके हुक्‍मरानों से जवाब मांगे; अरे लड़ना है तो भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ो, लड़ना है तो काले धन के खिलाफ लड़ो, लड़ना है तो जाली नोट के खिलाफ लड़ो; अरे लड़ना है तो गरीबी के खिलाफ लड़ो। ये भारत के साथ लड़ाई लड़ के खुद को भी तबाह कर रहे हो और निर्दोषों की मौत के गुनहगार बनते चले जा रहे हो, और इसलिए पाकिस्‍तान की आवाम भी गरीबी से मुक्ति चाहती है। कोई कारण नहीं है, अपने राजनीतिक उल्‍लू सीधे करने के लिए ये तनाव का माहौल बनाए रखा जाता है। और अब पाकिस्‍तान ने देख लिया है भारत की सेना में दम कितना है, हमारे फौजियों की ताकत कितनी है, अब परिचय करवा दिया है।

भाइयो, बहनों Indus Water Treaty, सतलुज, व्‍यास, रावी, ये तीन नदियों का पानी, उसमें जो हिन्‍दुस्‍तान के हक का पानी है, ये मेरे किसान भाइयों के हक का पानी है। वो पानी आपके खेत में नहीं आ रहा, पाकिस्‍तान के माध्‍यम से समुद्र में बह जाता है। न पाकिस्‍तान उसका उपयोग करता है, न हिन्‍दुस्‍तान के किसान के नसीब आता है। मैं एक बड़ी मक्‍मता के साथ आगे बढ़ रहा हूं। मैंने एक task force बनाया है, ये Indus Water Treaty जो है, जिसमें हिन्‍दुस्‍तान के हक का पानी है; जो पाकिस्‍तान में बह जाता है, अब वो बूंद-बूंद पानी रोक करके मैं पंजाब के, जम्‍मू–कश्‍मीर के, हिन्‍दुस्‍तान के किसानों के लिए वो पानी लाने के लिए कृतसंकल्‍प हूं।

भाइयो, बहनों, कोई कारण नहीं है, हम हमारे हक का भी इस्‍तेमाल न करें। और मेरा किसान पानी के बिना तरसता रहे। आपके मुझे आशीर्वाद चाहिए भाइयो, बहनों, आपके खेतों को भी लबालब पानी से भरने का इरादा ले करके मैं चल रहा हूं । पानी की समस्‍या के समाधान हैं। मिल-बांट करके रास्‍ते निकल सकते हैं। पाकिस्‍तान में पानी चला जाए और दिल्‍ली में सरकारें आईं, चली गईं, सोती रहीं, और मेरा किसान रोता रहा।

भाइयो, बहनों और पंजाब के किसान को तो अगर पानी मिल जाए, तो मिट्टी में से सोना पैदा करके देश की तिजोरी भर देता है, देश का पेट भर देता है। उस किसानों की चिंता करना, उनको हक दिलाना, ये दिल्‍ली में बैठी हुई सरकार भी बादल साहब के साथ कंधे से कंधा मिला करके चलने वाली सरकार है।

भाइयो, बहनों मैं आज किसानों से एक बात आग्रह से करना चाहता हूं। कोई ये तो कहेगा कि मोदी को राजनीति आती नहीं है, चुनाव सामने हैं और किसानों को ऐसी सलाह देता है। मेरे किसान भाइयो, बहनों मुझे चुनाव के गणित से कोई लेना-देना नहीं है। मुझे तो मेरे किसान का भला हो, यही मेरा हिसाब-किताब है। आप मुझे बताइए मेरे किसान भाइयो, बहनों आज से पहले जब हमें पूरा ज्ञान नहीं था, खेतों में फसल काटने के बाद हमारी जो परारी रहती थी, उसको हम जला देते थे। तब हमें ज्‍यादा ज्ञान नहीं था, हमको लगता था कि इसके कारण खेत बरबाद हो रहा है, जला दो। कभी जल्दबाजी रहती थी इसलिए जला दो। लेकिन अब विज्ञान ने सिद्ध कर दिया है कि जिस खेत में जो फसल होती है, उसकी फसल काटने के बाद जो wastage निकलता है, परारी कहें, कुछ भी कहें, वो उस खेत में जो धरती माता है वो उसका उत्‍तम से उत्‍तम खुराक होती है। अगर उसी को एक बार मशीन घुमा दें, ट्रैक्‍टर घुमा दें, जमीन में गाड़ दें, तो आप ही के खेत की वो धरती माता की अच्‍छे से अच्‍छी खुराक होती है।

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मेरे किसान भाइयो, बहनों, जैसे धरती मां को पानी की प्‍यास लगती है, वैसे धरती मां को भूख भी लगती है, उसको खाना भी चाहिए। ये परारी अगर उसके पेट में फिर से डाल दोगे, तो ये धरती मा आपको आशीर्वाद देती है, उससे दस गुणा आशीर्वाद देगी और आपका खेत फलेगा-फूलेगा भाइयो, बहनों। और इसलिए इसको जलाओ मत, ये आपकी संपत्ति है। अरबों-खरबों रुपयों की सं‍पत्ति मत जलाओ। और मैं सिर्फ पर्यावरण के नाम पर बातें करने वाला व्‍यक्ति नहीं हूं, मैं तो सीधा-सीधा किसान की भलाई की बातें करने वाला हूं। और इसलिए पंजाब हो, हरियाणा हो, पश्चिम उत्‍तर प्रदेश हो, उत्‍तरी राजस्‍थान हो, हम ये परारी न जलाएं। और अब तो विज्ञान आगे बढ़ रहा है, ये wastage में से Ethanol बनने की संभावनाएं साफ नजर आ रही हैं। भारत सरकार उस पर बड़ा तेजी से काम कर रही है। आने वाले दिनों में हमारे किसानों को उसका लाभ मिलेगा, और जब लाभ मिलेगा तो परारी से भी पैसा आएगा। और इसलिए मेरे भाइयो, बहनों आज से संकल्‍प करो हमारी इस धरती माता का हक का जो खाना है, उसको हम जला नहीं देंगे, उसको उसी जमीन में गाड़ देंगे, वो खाद बन जाएगा; मां का पेट भी भरेगा; उत्‍तम फसल भी होगी; जो देश का भी पेट भरेगा और इसलिए मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूं।

भाइयो, बहनों आप जानते हैं भ्रष्‍टाचार ने, काले धन ने, इस देश के मध्‍यम वर्ग को लूटा है, उसका शोषण किया है और भ्रष्‍टाचार, काले धन ने गरीबों को उसके हकों से वंचित रखा है। मुझे मध्‍यम वर्ग का शोषण बंद करवाना है, उनके लिए लूट जो हो रही है; वो लूट बंद करवानी है, और मुझे गरीबों का जो हक है वो हक दिलवाना है। कुछ भी काम करो, बच्‍चों को स्‍कूल ले जाना है तो भी स्‍कूल वाला कहता है, Cheque से इतना लेंगे Cash में इतना लेंगे; जमीन खरीदनी है, बोले Cash से इतना लेंगे Cheque से इतना लेंगे, अस्‍पताल डॉक्‍टर के पास जाना है, Cash इतना दो, Cheque इतना दो। ये काला कारोबार देश को दीमक की तरह खाता चला जा रहा है। और इसलिए भाइयो, बहनों 500 और 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगाया है, नई नोट धीरे-धीरे आने वाली है और देश की जनता ने जो तकलीफ झेली है, कठिनाई झेली है; भाइयो, बहनों करोड़ों-करोड़ों देशवासियों का शुक्र गुजारने के लिए मेरे शब्‍द भी कम पड़ जाते हैं। इतना आपने कष्‍ट झेलने के बाद भी इस अच्‍छे काम के साथ आप खड़े रहे हो; र्इमानदारी के काम के साथ खड़े रहे हो।

भाइयो, बहनों कठिनाइयों का रास्‍ता भी है और उस रास्‍ते के लिए मैं आपकी मदद चाहने आया हूं। आप, आपके पास जो Mobile Phone है, वो सिर्फ Mobile Phone नहीं है। आपके Mobile Phone को आप अपनी खुद की बैंक बना सकते हो, आपके Mobile Phone को आप अपना बटुआ बना सकते हो, एक भी रुपये का कैश नोट न हो तो भी आज का विज्ञान ऐसा है, Technology ऐसी है; अगर आपके पैसे बैंक में जमा पड़े हैं तो आप Mobile Phone से बाजार से खरीदी कर सकते हैं, Mobile Phone से payment दे सकते हैं, हाथ को, रुपये को छुए बिना भी आपका पूरा कारोबार कर सकते हैं।

हमारे देश में जितने परिवार हैं, उससे चार गुना Telephone हैं हाथ में लोगों के। Mobile Phone हैं। आज Mobile Banking चलता है, भविष्‍य में भी भ्रष्‍टाचारियों को फिर से अगर उठने नहीं देना है, काले धन वालों को उठने नहीं देना है, तो मैं देशवासियों से आग्रह करता हूं कि आप अपने Mobile Phone में ही Bank का Branch बना दो। Mobile Phone पर बैंकों के App होते हैं, उसको download करिए। मैं नोजवानों को कहूंगा, Universities को कहूंगा, राजनेताओं को कहूंगा कि अपने इलाके में नागरिकों का प्रशिक्षण करें, व्‍यापारियों को शिक्षा करें। हरेक के Mobile में अगर App आ गया तो मैं जिस दुकान में जाऊंगा उसको कहूंगा कि मेरे पास ये App है, मुझे 200 रुपये का सामान चाहिए, आप Mobile Phone में नम्‍बर लगाइए, 200 रुपया एक सेकेंड में उसके पास चला जाएगा, और वो देखेगा हां मेरा 200 रुपया आ गया, आपका काम हो गया।

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भाइयो, बहनों अब वो जमाना चला गया, कि जेब में नोट भर-भरके जाना पड़े, चोर-लुटेरों का भी भी कोई भय नहीं। भाइयो, बहनों जाली नोट, जाली नोट, इसने हमारे देश के नौजवानों को तबाह किया है। मेरे देश के नौजवानों को बचाने के लिए जाली नोटों का भी खात्‍मा करना, ये समय की मांग है। और इसलिए मेरे प्‍यारे भाइयो, बहनों मैं आपसे आग्रह करता हूं, मैं आपसे आग्रह करने आया हूं, कि आप पूरा समर्थन दे करके ये देश को महान बनाने का जो अभियान चला है, उस अभियान में कंधे से कंधा मिला करके चलिए; हर किसी की मदद कीजिए; और हमारे पंजाब को आगे ले जाइए।

ये पंजाब का सौभाग्‍य है कि बादल साहब जैसे ऐसे एक महान नेता पंजाब की धरती पर हैं। ये देश इस बात का गर्व करता है जब हिन्‍दुस्‍तान के Youngest Chief Minister की चर्चा होती थी तो कहा जाता था भारत का सबसे Youngest कोई मुख्‍यमंत्री है तो प्रकाश सिंह बादल है। और आज हिन्‍दुस्‍तान में सबसे वरिष्‍ठ मुख्‍यमंत्री कौन है उसकी चर्चा होती है तो वो भी प्रकाश सिंह बादल है। इतने लम्‍बे अरसे तक जनता-जनार्दन का एक व्‍यक्ति के प्रति विश्‍वास, ये कितना बड़ा तपस्‍या का रास्‍ता है जो हम सब अनुभव करते हैं।

आइए भाइयो, बहनों, पंजाब के भाइयो-बहनों, पंजाब के उज्‍जवल भविष्‍य के लिए ये दिल्‍ली आपके साथ है; दिल से आपके साथ है; मिल करके चलना है, नया पंजाब बनाना है; ताकतवर पंजाब बनाना है; यहां के नौजवानों के जीवन को बदलने वाला पंजाब बनाना है; और AIIM से एक नया Chapter खुल रहा है जो स्‍वस्‍थ पंजाब की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

मैं फिर एक बार आप सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं, बादल साहब का धन्‍यवाद करता हूं।

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मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्रीमान मंगुभाई पटेल, हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन यादव जी, टेक्नोलॉजी के माध्यम से हमारे साथ जुड़े हुए केंद्रीय मंत्री, इंदौर से तोखन साहू जी, दतिया से राम मोहन नायडू जी, सतना से मुरलीधर मोहोल जी, यहां मंच पर उपस्थित राज्य के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा जी, राजेंद्र शुक्ला जी, लोकसभा में मेरे साथी वी डी शर्मा जी, अन्य मंत्रिगण, जनप्रतिनिधिगण और विशाल संख्या में आए हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

सबसे पहले मैं मां भारती को भारत की मातृशक्ति को प्रणाम करता हूं। आज यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें-बेटियां हमें आशीर्वाद देने आई हैं। मैं आप सभी बहनों के दर्शन पाकर धन्य हो गया हूं।

भाइयों और बहनों,

आज लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर जी की तीन सौवीं जन्म जयंती है।140 करोड़ भारतीयों के लिए ये अवसर प्रेरणा का है, राष्ट्र निर्माण के लिए हो रहे भागीरथ प्रयासों में अपना योगदान देने का है। देवी अहिल्याबाई कहती थीं, कि शासन का सही अर्थ जनता की सेवा करना और उनके जीवन में सुधार लाना होता है। आज का कार्यक्रम, उनकी इस सोच को आगे बढ़ाता है। आज इंदौर मेट्रो की शुरुआत हुई है। दतिया और सतना भी अब हवाई सेवा से जुड़ गए हैं। ये सभी प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश में सुविधाएं बढ़ाएंगे, विकास को गति देंगे और रोजगार के अनेक नए अवसर बनाएंगे। मैं आज इस पवित्र दिवस पर विकास के इन सारे कामों के लिए आप सबको, पूरे मध्य प्रदेश को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

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साथियों,

लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर, ये नाम सुनते ही मन में श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है। उनके महान व्यक्तित्व के बारे में बोलने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। देवी अहिल्याबाई प्रतीक हैं, कि जब इच्छाशक्ति होती है, दृढ़ प्रतिज्ञा होती है, तो परिस्थितियां कितनी ही विपरीत क्यों ना हों, परिणाम लाकर दिखाया जा सकता है। ढाई-तीन सौ साल पहले, जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, उस समय ऐसे महान कार्य कर जाना, कि आने वाली अनेक पीढ़ियां उसकी चर्चा करें, ये कहना तो आसान है, करना आसान नहीं था।

साथियों,

लोकमाता अहिल्याबाई ने प्रभु सेवा और जन सेवा, इसे कभी अलग नहीं माना। कहते हैं, वे हमेशा शिवलिंग अपने साथ लेकर चलती थीं। उस चुनौतीपूर्ण कालखंड में एक राज्य का नेतृत्व कांटों से भरा ताज, कोई कल्पना कर सकता है, कांटों से भरा ताज पहनने जैसा वो काम, लेकिन लोकमाता अहिल्याबाई ने अपने राज्य की समृद्धि को नई दिशा दी। उन्होंने गरीब से गरीब को समर्थ बनाने के लिए काम किया। देवी अहिल्याबाई भारत की विरासत की बहुत बड़ी संरक्षक थीं। जब देश की संस्कृति पर, हमारे मंदिरों, हमारे तीर्थ स्थलों पर हमले हो रहे थे, तब लोकमाता ने उन्हें संरक्षित करने का बीड़ा उठाया, उन्होंने काशी विश्वनाथ सहित पूरे देश में हमारे अनेकों मंदिरों का, हमारे तीर्थों का पुनर्निर्माण किया। औऱ ये मेरा सौभाग्य है कि जिस काशी में लोकमाता अहिल्याबाई ने विकास के इतने काम किए, उस काशी ने मुझे भी सेवा का अवसर दिया है। आज अगर आप काशी विश्वनाथ महादेव के दर्शन करने जाएंगे, तो वहां आपको देवी अहिल्याबाई की मूर्ति भी वहाँ पर मिलेगी।

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साथियों,

माता अहिल्याबाई ने गवर्नेंस का एक ऐसा उत्तम मॉडल अपनाया, जिसमें गरीबों और वंचितों को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई। रोजगार के लिए, उद्यम बढ़ाने के लिए उन्होंने अनेक योजनाओं को शुरू किया। उन्होंने कृषि और वन-उपज आधारित कुटीर उद्योग और हस्तकला को प्रोत्साहित किया। खेती को बढ़ावा देने के लिए, छोटी-छोटी नहरों की जाल बिछाई, उसे विकसित किया, उस जमाने में आप सोचिए 300 साल पहले। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कितने ही तालाब बनवाए और आज तो हम लोग भी लगातार कह रहे हैं, catch the rain, बारिश के एक एक बूंद पानी को बचाओ। देवी अहिल्या जी ने ढाई सौ-तीन सौ साल पहले हमें ये काम बताया था। किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्होंने कपास और मसालों की खेती को प्रोत्साहित किया। आज ढाई सौ-तीन सौ साल के बाद भी हमें बार बार किसानों को कहना पड़ता है, कि crop diversification बहुत जरूरी है। हम सिर्फ धान की खेती करके या गन्ने की खेती करके अटक नहीं सकते, देश की जरूरतों को, सारी चीजों को हमें diversify करके उत्पादित करना चाहिए। उन्होंने आदिवासी समाज के लिए, घुमन्तु टोलियों के लिए, खाली पड़ी जमीन पर खेती की योजना बनाई। ये मेरा सौभाग्य है, कि मुझे एक आदिवासी बेटी, आज जो भारत के राष्ट्रपति पद पर विराजमान है, उनके मार्गदर्शन में मेरे आदिवासी भाई-बहनों की सेवा करने का मौका मिला है। देवी अहिल्या ने विश्व प्रसिद्ध माहेश्वरी साड़ी के लिए नए उद्योग लगाए और बहुत कम लोगों को पता होगा, कि देवी अहिल्या जी हूनर की पारखी थी और वो जूनागढ़ से गुजरात में, जूनागढ़ से कुछ परिवारों को माहेश्वर लाईं और उनको साथ जोड़कर के, आज से ढाई सौ-तीन सौ साल पहले ये माहेश्वरी साड़ी का काम आगे बढ़ाया, जो आज भी अनेक परिवारों को वो गहना बन गया है, और जिससे हमारे बुनकरों को बहुत फायदा हुआ।

साथियों,

देवी अहिल्याबाई को कई बड़े सामाजिक सुधारों के लिए भी हमेशा याद रखा जाएगा। आज अगर बेटियों की शादी की उम्र की चर्चा करें, तो हमारे देश में कुछ लोगों को सेक्यूलरिज्म खतरे में दिखता है, उनको लगता है ये हमारे धर्म के खिलाफ है। ये देवी अहिल्या जी देखिए, मातृशक्ति के गौरव के लिए उस जमाने में बेटियों की शादी की उम्र के विषय में सोचती थीं। उनकी खुद की शादी छोटी उम्र में हुई थी, लेकिन उनको सब पता था, बेटियों के विकास के लिए कौन सा रास्ता होना चाहिए। ये देवी अहिल्या जी थीं, उन्होंने महिलाओं का भी संपत्ति में अधिकार हो, जिन स्त्रियों के पति की असमय मृत्यु हो गई हो, वो फिर विवाह कर सकें, उस कालखंड में ये बातें करना भी बहुत मुश्किल होता था। लेकिन देवी अहिल्याबाई ने इन समाज सुधारों को भरपूर समर्थन दिया। उन्होंने मालवा की सेना में महिलाओं की एक विशेष टुकड़ी भी बनाई थी। ये पश्चिम की दुनिया के लोगों को पता नहीं है। हमें कोसते रहते हैं, हमारी माताओं बहनों के अधिकारों के नाम पर हमें नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। ढाई सौ-तीन सौ साल पहले हमारे देश में सेना में महिलाओं का होना, साथियों महिला सुरक्षा के लिए उन्होंने गांवों में नारी सुरक्षा टोलियां, ये भी बनाने का काम किया था। यानी माता अहिल्याबाई, राष्ट्र निर्माण में हमारी नारीशक्ति के अमूल्य योगदान का प्रतीक हैं। मैं, समाज में इतना बड़ा परिवर्तन लाने वाली देवी अहिल्या जी को आज श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं, उनके चरणों में प्रणाम करता हूं और मैं उनसे प्रार्थना करता हूं, कि आप जहां भी हों, हम सभी पर अपना आशीर्वाद बरसाए।

साथियों,

देवी अहिल्या का एक प्रेरक कथन है, जो हम कभी भूल नहीं सकते। और उस कथन का अगर मोटे-मोटे शब्दों में मैं कहूं, उसका भाव यही था, कि जो कुछ भी हमें मिला है, वो जनता द्वारा दिया ऋण है, जिसे हमें चुकाना है। आज हमारी सरकार लोकमाता अहिल्याबाई के इन्हीं मूल्यों पर चलते हुए काम कर रही है। नागरिक देवो भव:- ये आज गवर्नेंस का मंत्र है। हमारी सरकार, वीमेन लेड डवलपमेंट के विजन को विकास की धुरी बना रही है। सरकार की हर बड़ी योजना के केंद्र में माताएं-बहनें-बेटियां हैं। आप भी जानती हैं, गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं और इनमें से अधिकतर घर हमारी माताओं-बहनों के नाम पर हैं, मालिकाना हक मेरी माताओं-बहनों को दिया है। इनमें से ज्यादातर महिलाएं ऐसी हैं, जिनके नाम पर पहली बार कोई संपत्ति दर्ज हुई है। यानी देश की करोड़ों बहनें पहली बार घर की मालकिन बनी हैं।

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साथियों,

आज सरकार, हर घर तक नल से जल पहुंचा रही है, ताकि हमारी माताओं-बहनों को असुविधा न हो, बेटियां अपनी पढ़ाई में ध्यान दे सकें। करोड़ों बहनों के पास पहले, बिजली, एलपीजी गैस और टॉयलेट जैसी सुविधाएं भी नहीं थीं। ये सुविधाएं भी हमारी सरकार ने पहुंचाईं। और ये सिर्फ सुविधाएं नहीं हैं, ये माताओं-बहनों के सम्मान का हमारी तरफ से एक नम्र प्रयास है। इससे गांव की, गरीब परिवारों की माताओं-बहनों के जीवन से अनेक मुश्किलें कम हुईं हैं।

साथियों,

पहले माताएं-बहनें अपनी बीमारियां छुपाने पर मजबूर थीं। गर्भावस्था के दौरान अस्पताल जाने से बचती थीं। उनको लगता था, कि इससे परिवार पर बोझ पड़ेगा और इसलिए दर्द सहती थीं, लेकिन परिवार में किसी को बताती नहीं थीं। आयुष्मान भारत योजना ने उनकी इस चिंता को भी खत्म किया है। अब वो भी अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करा सकती हैं।

साथियों,

महिलाओं के लिए पढ़ाई और दवाई के साथ ही जो बहुत जरूरी चीज है, वो कमाई भी है। जब महिला की अपनी आय होती है, तो घर में उसका स्वाभिमान और बढ़ जाता है, घर के निर्णयों में उसकी सहभागिता और बढ़ जाती है। बीते 11 वर्षों में हमारी सरकार ने देश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए निरंतर काम किया है। आप कल्पना कर सकते है, 2014 से पहले, आपने मुझे सेवा करने का मौका दिया उसके पहले, 30 करोड़ से ज्यादा बहनें ऐसी थीं, जिनका कोई बैंक खाता तक नहीं था। हमारी सरकार ने इन सभी के बैंक में जनधन खाते खुलवाए, इन्हीं खातों में अब सरकार अलग-अलग योजनाओं का पैसा सीधा उनके खाते में भेज रही है। अब वे गांव हो या शहर अपना कुछ ना कुछ काम कर रही हैं, आर्थिक उपार्जन कर रही हैं, स्वरोजगार कर रही हैं। उन्हें मुद्रा योजना से बिना गारंटी का लोन मिल रहा है। मुद्रा योजना की 75 प्रतिशत से ज्यादा लाभार्थी, ये हमारी माताएं-बहनें-बेटियां हैं।

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साथियों,

आज देश में 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं, जो कोई न कोई आर्थिक गतिविधि करती हैं। ये बहनें अपनी कमाई के नए साधन बनाएं, इसके लिए सरकार लाखों रुपयों की मदद कर रही है। हमने ऐसी 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया है। मुझे संतोष है कि अब तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा बहनें, लखपति दीदी बन भी चुकी हैं। अब गांव-गांव में बैंक सखियां लोगों को बैंकिंग से जोड़ रही हैं। सरकार ने बीमा सखियां बनाने का अभियान भी शुरु किया है। हमारी बहनें-बेटियां अब देश को बीमा की सुरक्षा देने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभा रही हैं।

साथियों,

एक समय था, जब नई टेक्नोलॉजी आती थी, तो उससे महिलाओं को दूर रखा जाता था। हमारा देश आज उस दौर को भी पीछे छोड़ रहा है। आज सरकार का प्रयास है कि आधुनिक टेक्नॉलॉजी में भी हमारी बहनें, हमारी बेटियां आगे बढ़कर के नेतृत्व दें। अब जैसे आज खेती में ड्रोन क्रांति आ रही है। इसको हमारी गांव की बहनें ही नेतृत्व दे रही हैं। नमो ड्रोन दीदी अभियान से गांव की बहनों का हौसला बढ़ रहा है, उनकी कमाई बढ़ रही है और गांव में उनकी एक नई पहचान बन रही है।

साथियों,

आज बहुत बड़ी संख्या में हमारी बेटियां वैज्ञानिक बन रही हैं, डॉक्टर-इंजीनियर और पायलट बन रही हैं। हमारे यहां साइंस और मैथ्स पढ़ने वाली बेटियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आज जितने भी हमारे बड़े स्पेस मिशन हैं, उनमें बड़ी संख्या में वैज्ञानिक के नाते हमारी माताएं-बहनें-बेटियां काम कर रही हैं। चंद्रयान थ्री मिशन, पूरा देश गौरव कर रहा है। चंद्रयान थ्री मिशन में तो 100 से अधिक महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर शामिल थीं। ऐसे ही जमाना स्टार्ट अप्स का है, स्टार्ट अप्स के क्षेत्र में भी हमारी बेटियां अदभुत काम कर रही हैं। देश में लगभग पैंतालीस परसेंट स्टार्ट अप्स की, उसमे कम से कम एक डायरेक्टर कोई न कोई हमारी बहन है, कोई न कोई हमारी बेटी है, महिला है। और ये संख्या लगातार बढ़ रही है।

साथियों,

हमारा प्रयास है, कि नीति निर्माण में बेटियों की भागीदारी लगातार बढ़े। बीते एक दशक में इसके लिए एक के बाद एक अनेक कदम उठाए गए हैं। हमारी सरकार में पहली बार पूर्ण कालिक महिला रक्षामंत्री बनीं। पहली बार देश की वित्तमंत्री, एक महिला बनीं। पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बार 75 सांसद महिलाएं हैं। लेकिन हमारा प्रयास है कि ये भागीदारी और बढ़े। नारीशक्ति वंदन अधिनियम के पीछे भी यही भावना है। सालों तक इस कानून को रोका गया, लेकिन हमारी सरकार ने इसे पारित करके दिखाया। अब संसद और विधानसभाओं में महिला आरक्षण पक्का हो गया है। कहने का अर्थ ये है कि भाजपा सरकार, बहनों-बेटियों को हर स्तर पर, हर क्षेत्र में सशक्त कर रही है।

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साथियों,

भारत संस्कृति और संस्कारों का देश है। और सिंदूर, ये हमारी परंपरा में नारीशक्ति का प्रतीक है। राम भक्ति में रंगे हनुमान जी भी सिंदूर को ही धारण किए हुए हैं। शक्ति पूजा में हम सिंदूर का अर्पण करते हैं। और यही सिंदूर अब भारत के शौर्य का प्रतीक बना है।

साथियों,

पहलगाम में आतंकियों ने सिर्फ भारतीयों का खून ही नहीं बहाया, उन्होंने हमारी संस्कृति पर भी प्रहार किया है। उन्होंने हमारे समाज को बांटने की कोशिश की है। और सबसे बड़ी बात, आतंकवादियों ने भारत की नारीशक्ति को चुनौती दी है। ये चुनौती, आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए काल बन गई है काल। ऑपरेशन सिंदूर, आतंकवादियों के खिलाफ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल ऑपरेशन है। जहां पाकिस्तान की सेना ने सोचा तक नहीं था, वहां आतंकी ठिकानों को हमारी सेनाओं ने मिट्टी में मिला दिया। सैंकड़ों किलोमीटर अंदर घुसकर के मिट्टी में मिला दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने डंके की चोट पर कह दिया है, कि आतंकवादियों के जरिए छद्म युद्ध, proxy war नहीं चलेगा। अब घर में घुसकर भी मारेंगे और जो आतंकियों की मदद करेगा, उसको भी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अब भारत का एक-एक नागरिक कह रहा है, 140 करोड़ देशवासियों की बुलंद आवाज कह रही है- अगर, अगर तुम गोली चलाओगे, तो मानकर चलों गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।

साथियों,

ऑपरेशन सिंदूर हमारी नारीशक्ति के सामर्थ्य का भी प्रतीक बना है। हम सभी जानते हैं, कि BSF का इस ऑपरेशन में कितना बड़ा रोल रहा है। जम्मू से लेकर पंजाब, राजस्थान और गुजरात की सीमा तक बड़ी संख्या में BSF की हमारी बेटियां मोर्चे पर रही थीं, मोर्चा संभाल रही थीं। उन्होंने सीमापार से होने वाली फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया। कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स से लेकर दुश्मन की पोस्टों को ध्वस्त करने तक, BSF की वीर बेटियों ने अद्भुत शौर्य दिखाया है।

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साथियों,

आज दुनिया, राष्ट्ररक्षा में भारत की बेटियों का सामर्थ्य देख रही है। इसके लिए भी बीते दशक में सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। स्कूल से लेकर युद्ध के मैदान तक, आज देश अपनी बेटियों के शौर्य पर अभूतपूर्व भरोसा कर रहा है। हमारी सेना ने पहली बार सैनिक स्कूलों के दरवाज़े बेटियों के लिए खोले हैं। 2014 से पहले एनसीसी में सिर्फ 25 प्रतिशत कैडेट्स ही बेटियां होती थीं, आज उनकी संख्या 50 प्रतिशत की तरफ आगे बढ़ रही है। कल के दिन देश में एक औऱ नया इतिहास बना है। आज अखबार में देखा होगा आपने, नेशनल डिफेंस एकेडमी यानी NDA से महिला कैडेट्स का पहला बैच पास आउट हुआ है। आज सेना, नौसेना और वायुसेना में बेटियां अग्रिम मोर्चे पर तैनात हो रही हैं। आज फाइटर प्लेन से लेकर INS विक्रांत युद्धपोत तक, वीमेन ऑफीसर्स अपनी जांबाजी दिखा रही हैं।

साथियों,

हमारी नौसेना की वीर बेटियों के साहस का ताज़ा उदाहरण भी देश के सामने है। आपको मैं नाविका सागर परिक्रमा के बारे में बताना चाहता हूं। नेवी की दो वीर बेटियों ने करीब ढाई सौ दिनों की समुद्री यात्रा पूरी की है, धरती का चक्कर लगाया है। हज़ारों किलोमीटर की ये यात्रा, उन्होंने ऐसी नाव से की जो मोटर से नहीं बल्कि हवा से चलती है। सोचिए, ढाई सौ दिन समंदर में, इतने दिनों तक समंदर में रहना, कई कई हफ्ते तक जमीन के दर्शन तक नहीं होना और ऊपर से समंदर का तूफान कितना तेज होता है, हमें पता है, खराब मौसम, भयानक तूफान, उन्होंने हर मुसीबत को हराया है। ये दिखाता है, कि चुनौती कितनी भी बड़ी हो, भारत की बेटियां उस पर विजय पा सकती हैं।

साथियों,

नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन हों या फिर सीमापार का आतंक हो, आज हमारी बेटियां भारत की सुरक्षा की ढाल बन रही हैं। मैं आज देवी अहिल्या की इस पवित्र भूमि से, देश की नारीशक्ति को फिर से सैल्यूट करता हूं

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साथियों,

देवी अहिल्या ने अपने शासनकाल में विकास के कार्यों के साथ साथ विरासत को भी सहेजा। आज का भारत भी विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चल रहा है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को देश कैसे गति दे रहे है, आज का कार्यक्रम इसका उदाहरण है। आज मध्य प्रदेश को पहली मेट्रो सुविधा मिली है। इंदौर पहले ही स्वच्छता के लिए दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है। अब इंदौर की पहचान उसकी मेट्रो से भी होने जा रही है। यहां भोपाल में भी मेट्रो का काम तेज़ी से चल रहा है। मध्य प्रदेश में, रेलवे के क्षेत्र में व्यापक काम हो रहा है। कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने रतलाम-नागदा रूट को चार लाइनों में बदलने के लिए स्वीकृति दे दी है। इससे इस क्षेत्र में और ज्यादा ट्रेनें चल पाएंगी, भीड़भाड़ कम होगी। केंद्र सरकार ने इंदौर–मनमाड रेल परियोजना को भी मंजूरी दे दी है।

साथियों,

आज मध्य प्रदेश के दतिया और सतना भी हवाई यात्रा के नेटवर्क से जुड़ गए हैं। इन दोनों हवाई अड्डों से बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में एयर कनेक्टिविटी बेहतर होगी। अब माँ पीतांबरा, मां शारदा देवी और पवित्र चित्रकूट धाम के दर्शन करना और सुलभ हो जाएगा।

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साथियों,

आज भारत, इतिहास के उस मोड़ पर है, जहां हमें अपनी सुरक्षा, अपने सामर्थ्य और अपनी संस्कृति, हर स्तर पर काम करना है। हमें अपना परिश्रम बढ़ाना है। इसमें हमारी मातृशक्ति, हमारी माताओं-बहनों-बेटियों की भूमिका बहुत बड़ी है। हमारे सामने लोकमाता देवी अहिल्याबाई जी की प्रेरणा है। रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, रानी कमलापति, अवंतीबाई लोधी, कित्तूर की रानी चेनम्मा, रानी गाइडिन्ल्यू, वेलु नाचियार, सावित्री बाई फुले, ऐसे हर नाम हमें गौरव से भर देते हैं। लोकमाता अहिल्याबाई की ये तीन सौवीं जन्मजयंती, हमें निरंतर प्रेरित करती रहे, आने वाली सदियों के लिए हम एक सशक्त भारत की नींव मजबूत करें, इसी कामना के साथ आप सभी को फिर से एक बार बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। अपना तिरंगा ऊपर उठाकर के मेरे साथ बालिए –

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!