QuoteChaudhary Chhotu Ram had said about Farmers- “To me a farmer is a sign of poverty as well as a soldier raising his voice against the atrocities of the British Army”: PM
QuoteNot many people would be aware that the idea of constructing the Bhakra Dam was Chaudhary Chhotu Ram’s idea. He, along with the King of Bilaspur, signed the Bhakra Dam project: PM
QuoteInspired by Chaudhary Sahab’s vision, we are working towards welfare of our farmers: PM
QuoteWe are ensuring that the income of farmers of Haryana is increased and Haryana’s villages become prosperous: PM
QuoteToday, the soul of Chaudhary Chhotu Ram would be delighted to see the success of the ‘Beti Bachao, Beti Padhao’ campaign in Haryana: PM
QuoteToday, Haryana is accelerating the growth of the country. We all need to work together to ensure that this growth continues in the long run: PM

मैं बोलूंगा- सर छोटूराम

आप सब बोलेंगे, दो बार बोलेंगे- अमर रहे, अमर रहे।

सर छोटूराम - अमर रहे, अमर रहे।

सर छोटूराम - अमर रहे, अमर रहे।

सर छोटूराम - अमर रहे, अमर रहे।

सर छोटूराम - अमर रहे, अमर रहे।

देश की सीमा पे रक्षा करण में सबते घणे जवान, देश की करोड़ों आबादी का पेट भरण में सबते आगे किसान और खेलां में सबते ज्‍यादा मैडल जीताण आले खिलाड़ी देण आले हरियाणा की धरती नै मैं प्रणाम करता हूं।देश का नाम, स्‍वाभिमान बधाण में सबते आगे रहण में हरियाणवियों का कोई मुकाबला नहीं से।

मंच पर विराजमान हरियाणा के राज्‍यपाल श्रीमान सत्‍यदेव नारायण आर्य जी, केन्‍द्रीय मंत्रिपरिषद के मेरे सहयोगी चौधरी बीरेन्‍द्र सिंह जी, श्री कृष्‍णपाल गुर्जर जी, हरियाणा के लोकप्रिय मुख्‍यमंत्री श्रीमान मनोहर लाल जी, जम्‍मू–कश्‍मीर के राज्‍यपाल श्रीमान सतपाल मलिक जी, हिमाचल प्रदेश के राज्‍यपाल और इसी धरती की संतान श्री आचार्य देवव्रत जी, हरियाणा सरकार में मंत्री हमारे पुराने साथी भाई ओ.पी.धनकड़ जी, विधायक श्री सुभाष बराला जी, और हरियाणा के साथ ही पंजाब और राजस्‍थान से आए मेरे प्‍यारे भाइयो और बहनों।

मैं आज म्‍हारे दीनबंधु छोटूराम की मूर्ति थमने सौंपण आया सूं। इसते बड़ा मेरे खातर खुशी का कौन सा दिण हो सके सै।

साथियों, ये मेरा सौभाग्‍य है कि आज मुझे उस सांपला में किसानों की आवा़ज़, किसानों के मसीहा, रहबरे आज़म दीनबंधु चौधरी छोटूराम जी की इतनी भव्‍य और विशाल प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर मिला है। यहां इस सभा में आने से पहले मैं चौधरी छाटूराम जी की याद में बने संग्रहालय में भी गया था। अब इस संग्रहालय के साथ ही हरियाणा की सबसे ऊंची प्रतिमा सांपला, रोहतक की एक और पहचान बन गई है। और मेरा सौभाग्‍य है इसी अक्‍तूबर महीने में किसानो के मसीहा, सर छोटूराम जी की हरियाणा की सबसे बड़ी प्रतिमा का लोकार्पण करने का सौभाग्‍य मिला तो 31 अक्‍तूबर को सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की जन्‍म-जयंती पर दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, उसका लोकार्पण करने का सौभाग्‍य मिलेगा। और दोनों महापुरुष किसान थे, किसानों के लिए थे और किसानों को देश के लिए जोड़ने का काम किया था। और दूसरी विशेषता है इस प्रतिमा को निर्माण किया है श्रीमान सुतार जी ने। अब 90 से भी ज्‍यादा आयु हो गई है, अभी भी काम करते हैं। और वही हमारे सुतार जी ने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की भी उन्‍होंने ही बनाई है। मैं हरियाणा, राजस्‍थान और पंजाब के साथ-साथ पूरे देश के हमारे सभी जागरूक नागरिकों को बधाई देता हूं।

भाइयो और बहनों हमारे देश में समय-समय पर ऐसी महान विभूतियां जन्‍म लेती रहीं हैं जो अपना पूरा जीवन का सिर्फ और सिर्फ समाज की सेवा और देश को दिशा दिखाने में समर्पित कर रहे हैं। कितनी ही गरीबी हो, अभाव हो, कितनी ही मुश्किलें हों, संघर्ष हो; ऐसे व्‍यक्ति हर चुनौती को पार करके खुद को खपाकर समाज को मजबूत करते रहे हैं।ये हम सभी के लिए गौरव की बात है कि हरियाणा की इस धरती पर चौधरी छोटूराम जी का जन्‍म हुआ।

|

चौधरी छोटूराम जी देश के उन समाज सुधारकों में थे जिन्‍होंने भारत के निर्माण में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। वो किसानों, मजदूरों, वंचितों, शोषितों की बुलंद और मुखर आवाज थे। वो समाज में भेद पैदा करने वाली हर शक्ति के सामने डटकर खड़े हुए। कृषि से जुड़ी समस्‍याओं, किसानों, छोटे उद्यमियों के सामने आने वाली विपत्तियों, चुनौतियों को उन्‍होंने बहुत करीब से देखा, समझा और उन चुनौतियों को कम करने का प्रयास भी किया।

साथियों, आज सर छोटूराम जी की आत्‍मा जहां भी होगी, ये देख कर खुश होंगे कि आज के ही दिन सोनीपत में एक आधुनिक तकनीक वाले रेल कोच कारखाने का शिलान्‍यास भी हुआ है।

करीब-करीब 500 करोड़ रुपये की लागत से इस कारखाने का निर्माण किया जाएगा। इस रेल कोच फैक्‍टरी में हर साल पैसेंजर ट्रेन के 250 डिब्‍बों की मरम्‍मत और उन्‍हें आधुनिक बनाने का काम किया जाएगा। इस कोच फैक्‍टरी के बनने के बाद यात्री डिब्‍बों के रख-रखाव के लिए डिब्‍बों को अब दूर की फैक्‍टरियों में भेजने की मजबूरी समाप्‍त हो जाएगी। और इससे इस क्षेत्र में चलने वाली ट्रेनों में यात्री डिब्‍बों की उपलब्‍धता भी बढ़ेगी और लोगों को आरामदायक कोच की सुविधा भी मिलेगी।

भाइयो और बहनों, ये कारखाना सिर्फ सोनीपत ही नहीं बल्कि हरियाणा के औद्योगिक विकास को बढ़ाने में भी मदद करेगा। कोच की मरम्‍मत के लिए जो भी सामान की आवश्‍यकता होगी, उसकी पूर्ति यहां के छोटे-छोटे उद्यमों को भी इसके कारण नए-नए काम का अवसर मिलेगा, लाभ मिलेगा। चाहे सीट कवर हों, पंखे हों, बिजली की फिटिंग हो, कोच में लगने वाली तमाम सुविधाएं हों, उन्‍हें मुहैया कराने का बड़ा अवसर हरियाणा के छोटे-मोटे उद्यमियों को मिलेगा।

आप सोचिए, इस कोच कारखाने से यहां के युवाओं को रोजगार के कितने नए अवसर उपलब्‍ध होने जा रहे हैं। इस कारखाने का एक और लाभ होगा- यहां के इंजीनियर और टेक्‍नीशियनों को इस कारखाने की वजह से रेल कोच की मरम्‍मत के क्षेत्र में local expertise भी विकसित होगी।यानि यहां के इंजीनियर, technician इस कारखाने की वजह से एक अलग ही तरह की विशेषता और विशेषज्ञता हासिल करेंगे। आने वाले दिनों में यहां के expert देश के दूसरे हिस्‍सों में जाकर भी अपनी विशेषज्ञता का लाभ देश को दे पाएंगे।

|

साथियो, ये मेरा सौभाग्‍य रहा कि मुझे कई वर्षों तक हरियाणा में काम करने का मौका मिला। और जब मैं यहां पार्टी का काम करता था तो शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो कि मुझे कोई न कोई व्‍यक्ति सर छोटूराम जी के संबंध में, उनकी महानता के संबंध में कोई न कोई प्रसंग न सुनता हो। उनके बारे में जो कुछ भी मैंने पढ़ा-सुना, वो उस हर व्‍यक्ति को प्रेरित करने वाला है जो चुनौतियों का मुकाबला कर देश और समाज के लिए कुछ करना चाहता है। यहीं रोहतक में चौधरी साहब ने कहा था कि मेरे लिए किसान गरीबी का भी प्रतीक है और अंग्रेजी सेना के अत्‍याचार के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाला ये सैनिक भी है। ये सर छोटूराम के शब्‍द थे।

साथियो, आज हरियाणा में ऐसा कोई गांव नहीं जहां का कोई सदस्‍य सेना से न जुड़ा हुआ हो। सेना से जुड़कर देश सेवा का ये भाव जाग्रत करने का श्रेय काफी हद तक दीनबंधु छोटूराम जी को जाता है। उन्‍होंने ही यहां के किसानों को बड़ी संख्‍या में सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया।प्रथम विश्‍वयुद्ध के दौरान यहां के अनेक सैनिक विश्‍व शांति के लिए लड़े थे।

साथियों, अपने जीवन में वो स्‍वतंत्र भारत को नहीं देख पाए, लेकिन भारत की चुनौतियों की उसकी आशाओं, उसकी आकांक्षाओं और उसकी आवश्‍यकताओं को उन्‍होंने बखूबी समझा था। वो हमेशा अंग्रेजों की ‘बांटों और राज करो’ की नीति के खिलाफ आवाज उठाते रहे। चौधरी छोटूराम जी ने और उनके इन्‍हीं विचारों की वजह से राजनीति की हर धारा में सर, छोटूराम जी का सम्‍मान होता था। उनका कद, उनका व्‍यक्तित्‍व कितना बड़ा था इसका अंदाज इस बात से लग सकता है कि सरदार पटेल ने एक बार सर छोटूराम के लिए कहा था और मैं मानता हूं हरियाणा का हर नागरिक इस वाकये पर गर्व कर सकता है। सरदार वल्‍लभ भाई पटेल ने कहा था कि अगर आज चौधरी छोटू राम जी जीवित होते तो मुझे बंटवारे के बाद, भारत विभाजन के बाद, उस बंटवारे के समय पंजाब की चिंता मुझे न करनी पड़ती, छोटूराम जी संभाल लेते। ये सरदार वल्‍लभ भाई पटेल ने सर छोटूराम जी की सामर्थ्‍य और शक्ति का परिचय दिया है।

पश्चिम और उत्‍तर भारत के एक बड़े हिस्‍से में उनका प्रभाव इतना व्‍यापक था कि अंग्रेज प्रशासक भी उनकी बात मानने से इंकार करने से पहले सौ बार सोचने के लिए मजबूर होते थे। चौधरी छोटूराम जी और साहूकार की उस घटना, मैंने भी कभी-कभी कम से कम 100 बार सुनी होगी। आप सब भलीभांति परिचित होंगे। साहूकार ने उनको कर्ज देने के बजाय पटवारी बनने की सलाह दे दी थी। लेकिन साहूकार को भी अंदाज नहीं था कि जिसको वो पटवारी बनने का सुझाव दे रहे हैं, वो एक दिन पंजाब के हजारों पटवारियों की किस्‍मत तय करने वाला है। सिर्फ और सिर्फ अपने सामर्थ्‍य के बल पर संघर्ष करते हुए चौधरी साहब पंजाब के revenue मिनिस्‍टर तक बन गए थे।

भाइयो और बहनों, मंत्री रहते हुए उन्‍होंने पंजाब ही नहीं बल्कि देश के किसानों के लिए, खेत में काम करने वाले मजदूरों के लिए, भारत के revenue system के लिए, फसलों की मार्केटिंग के लिए ऐसे कानून बनाए, जो आज तक हमारी व्‍यवस्‍था का हिस्‍सा हैं। किसानों को कर्ज से जुड़े कानून हों, समर्थन मूल्‍य से जुड़ा कानून हो या फिर कृषि मंडियों से जुड़े कानून, इनकी नींव चौधरी साहब ने ही रखी थी।

हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि सारे कार्य उस समय हुए थे जब देश गुलाम था। चौधरी साहब के सामने तमाम तरह की सीमाएं थीं लेकिन बावजूद उसके उन्‍होंने किसानों के लिए न सिर्फ सोचा बल्कि करके भी दिखाया है। वो एग्रो इंडस्‍ट्रीज को बढ़ाने के भी प्रबल पक्षधर रहे। उस दौर में भी उन्‍होंने cottage industries, लघु उद्योगों को मजबूत करने पर बल दिया था। वो उद्यमियों को निरंतर प्रेरित करते थे कि देश के किसानों से जुड़ें, agriculture sector से हर किसी को जुड़ना चाहिए।

साथियो, छोटूराम जी की इस दूरदृष्टि को देखते हुए चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य जी ने कहा था, राजगोपालाचार्य जी ने सरछोटूराम के लिए कहा था कि चौधरी छोटूराम जी न सिर्फ ऊंचे लक्ष्‍य तय करना जानते हैं बल्कि उन लक्ष्‍यों का हासिल कैसे किया जाए, इसका मार्ग भी उन्‍हें अच्‍छी तरह पता था।

|

भाइयो और बहनों, देश में बहुत से लोगों को तो ये तक पता नहीं होगा, ये जो भाखड़ा बांध है, ये जो भाखड़ा बांध है इसकी असली सोच चौधरी साहब की ही थी। उन्‍होंने ही बिलासपुर के राजा के साथ भाखड़ा बांध पर हस्‍ताक्षर किए थे। इस बात का पंजाब, हरियाणा, राजस्‍थान के लोगों को, किसानों को जो लाभ आज भी मिल रहा है, वो हम सभी देख रहे हैं। सोचिए कितना बड़ा vision था उनका, कितनी दूरदृष्टि थी उनकी।

साथियो, जिस व्‍यक्ति ने देश के लिए इतना कुछ किया, इतने व्‍यापक सुधार किए, ऐसा vision सामने रखा; उसके बारे में जानना, समझना हर व्‍यक्ति का हक है, अधिकार है। कई बार तो मुझे हैरानी होती है कि इतने महान व्‍यक्ति को तो एक क्षेत्र के दायरों में ही सीमित क्‍यों किया गया है। मेरा मानना है कि इससे चौधरी साहब के कद पर तो कोई असर नहीं पड़ा लेकिन देश की अनेक पीढ़ियां उनके जीवन से सीख लेने से वंचित रह गईं।

भाइयो और बहनों, हमारी सरकार देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले प्रत्‍येक व्‍यक्ति का मान बढ़ाने का काम कर रही है। बीते चार वर्षों से ना सिर्फ महान व्‍यक्तित्‍वों को सम्‍मान देने का काम हो रहा है बल्कि उनके दिखाए रास्‍तों को विस्‍तार भी दिया जा रहा है। किसानों को, छोटे उद्यमियों को मदद के लिए साहूकारों के भरोसे न रहना पड़े, इसके लिए बैंकों के दरवाजे खोलकर रखे गए हैं। जन-धन योजना के तहत हरियाणा के भी करीब साढ़े छियासठ लाख भाई-बहनों के खाते खोले गए हैं। सरकार द्वारा सहकारी बैंकों से ऋण लेना और आसान किया गया है। हाल में ही India Post Payment Bank भी शुरू हुआ है। इससे आपको अपने गांव में ही डाकिये के माध्‍यम से घर पर ही बैंकिंग सेवा मिलनी सुनिश्चित हुई है।

साथियो, चौधरी साहब ने जिस प्रकार किसानों, मजदूरों के उत्‍थान के लिए संपूर्णता के साथ सोचा, उसी प्रकार हमारी सरकार भी बीज से बाजार तक की एक सशक्‍त व्‍यवस्‍था बनाने का प्रयास कर रही है। किसानों को उसकी उपज का उचित मूल्‍य मिले, मौसम की मार से किसानों को सुरक्षा कवच मिले, आधुनिक बीज मिले, पर्याप्‍त मात्रा में यूरिया मिले, सिंचाई की उचित व्‍यवस्‍था मिले, मिट्टी का स्‍वास्‍थ्‍य बना रहे, इस पर निरंतर काम किया जा रहा है। मुझे प्रसन्‍नता है कि इसका लाभ हरियाणा को भी मिल रहा है। राष्‍ट्र के करीब-करीब 50 लाख किसान परिवारों को soil health card मिले हैं। करीब साढ़े छह लाख किसान फसल बीमा से जुड़े हैं जिनको साढ़े तीन सौ करोड़ से अधिक की क्‍लेम राशि भी मिल चुकी है। जहां बीते 30-40 वर्षों तक पानी नहीं पहुंचा, वहां आज पानी पहुंचाया जा रहा है।हाल में लखवार बांध के लिए छह राज्‍यों के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ है। इससे भी हरियाणा को बहुत लाभ होने वाला है।

साथियो, आठ-नौ-दस दशक पहले चौधरी साहब ने किसानों को फसल का उचित मूल्‍य दिलाने के लिए कृषि उत्‍पाद मंडी अधिनियम बनाया था। हमारी सरकार ने भी PM ASHA यानि प्रधानमंत्री अन्‍नदाता आय संरक्षण अभियान हमने शुरू किया है।इसके तहत सरकार ने ये प्रबंध किया है कि अगर किसानों को समर्थन मूल्‍य से कम कीमत बाजार में मिल रही है तो राज्‍य सरकार भरपाई कर सके। इतना ही नहीं, हमने जो वादा किया था कि लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत लाभ किसानों को मिले, वो भी पूरा किया जा चुका है।

साथियो, सरकार ने धान, गेहूं, गन्‍ने समेत 21 अहम फसलों का समर्थन मूल्‍य बढ़ाया है। धान के समर्थन मूल्‍य में 200 रुपये प्रति क्विंटल कीबढ़ोत्‍तरी की गई है। अब इसकी कीमत 1550 रुपये की जगह 1750 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। इसी प्रकार मक्‍के के लिए एमएसपी 275 रुपये, सूरजमुखी का करीब 1300 रुपये और बाजरे का समर्थन मूल्‍य सवा पांच सौ रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है।

|

भाइयो-बहनों, याद कीजिए- कितने वर्षों से ये मांग हमारे किसान कर रहे थे। देश का किसान बार-बार कह रहा था- अब जा करके हमारी सरकार ने ये मांग पूरी की है।

साथियो, हरियाणा के गांव और किसानों की आय बढ़े, ये तो सुनिश्चित की जा रही है, साथ में उसकी ये आय बीमारी से निपटने में ही न लग जाए, इसका प्रबंध भी किया जा रहा है।

मैं हरियाणावासियों को बधाई देता हूं कि आयुष्‍मान भारत की पहली लाभार्थी आपके राज्‍य की ही एक बेटी है। ये भी संतोष की बात है कि इस योजना के माध्‍यम से दो हफ्ते में ही 50 हजार से अधिक गरीब भाई-बहनों को या तो इलाज मिल चुका है या फिर उनका इलाज हो रहा है।

मुझे इस बात की भी खुशी है कि हरियाणा ने खुद को खुले में शौच से मुक्‍त घोषित कर लिया है। मैं रोहतक को विशेष रूप से बधाई देता हूं क्‍योंकि यहां की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी को स्‍वच्‍छता रैंकिंग में पहला स्‍थान मिला है।

|

साथियो, आज चौधरी साहब की आत्‍मा जहां भी होगी, उन्‍हें हरियाणा में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सफलता देख करके सबसे ज्‍यादा प्रसन्‍नता होती होगी। उन्‍होंने बदलाव के लिए सिर्फ आवाज ही नहीं उठाई बल्कि समाज की सोच में परिवर्तन के लिए शुरूआत अपने घर से की थी। बेटियों को लेकर जो सोच हमारे समाज में रही, उसका उन्‍होंने हमेशा विरोध किया। यही कारण है कि समाज के हर दबाव के बावजूद वो अपनी दो बेटियों के साथ हमेशा मजबूती के साथ खड़े रहे।

भाइयो-बहनों, आज जब हरियाणा के छोटे-छोटे गांवों में पैदा हुई बेटियां विश्‍व मंचों पर देश का गौरव बढ़ा रही हैं, हरियाणा के युवा भारत को खेलों में विश्‍व शक्ति बनाने के लिए जुटे हैं, जब देश के गरीब से गरीब परिवारों के युवा आगे बढ़ रहे हैं, तब लगता है कि हम चौधरी साहब के सपनों को साकार करने की तरफ तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं।

साथियो, आज हरियाणा देश के विकास को गति दे रहा है। ये गति निरंतर तेज हो इसके लिए हम सभी को काम करना है। यही संदेश चौधरी छोटूराम जी का हम सभी के लिए है। सामाजिक समरसता और राष्‍ट्रीय एकता के लिए समर्पित राष्‍ट्र पुरुष को सच्‍ची श्रद्धां‍जलि तभी होगी जब हम मिल करके उनके सपनों का भारत बनाएंगे, नया भारत बनाएंगे।

|

कुछ दिनों में हरियाणा दिवस भी आने वाला है। इसके लिए भी मैं सभी हरियाणावासियों को एडवांस में बहुत-बहुत शुभकामनाएं भी देता हूं। और आप सब इतनी विशाल संख्‍या में और सर, छोटूराम जी को श्रद्धांजलि देने आए, इसके लिए मैं आप सबका हृदय से धन्‍यवाद करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

  • MLA Devyani Pharande February 16, 2024

    जय हो
  • G.shankar Srivastav June 15, 2022

    नमो नमो नमस्ते
Explore More
ਹਰ ਭਾਰਤੀ ਦਾ ਖੂਨ ਖੌਲ ਰਿਹਾ ਹੈ: ਮਨ ਕੀ ਬਾਤ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਮੋਦੀ

Popular Speeches

ਹਰ ਭਾਰਤੀ ਦਾ ਖੂਨ ਖੌਲ ਰਿਹਾ ਹੈ: ਮਨ ਕੀ ਬਾਤ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਮੋਦੀ
From Digital India to Digital Classrooms-How Bharat’s Internet Revolution is Reaching its Young Learners

Media Coverage

From Digital India to Digital Classrooms-How Bharat’s Internet Revolution is Reaching its Young Learners
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Cabinet approves construction of 4-Lane Badvel-Nellore Corridor in Andhra Pradesh
May 28, 2025
QuoteTotal capital cost is Rs.3653.10 crore for a total length of 108.134 km

The Cabinet Committee on Economic Affairs chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi has approved the construction of 4-Lane Badvel-Nellore Corridor with a length of 108.134 km at a cost of Rs.3653.10 crore in state of Andhra Pradesh on NH(67) on Design-Build-Finance-Operate-Transfer (DBFOT) Mode.

The approved Badvel-Nellore corridor will provide connectivity to important nodes in the three Industrial Corridors of Andhra Pradesh, i.e., Kopparthy Node on the Vishakhapatnam-Chennai Industrial Corridor (VCIC), Orvakal Node on Hyderabad-Bengaluru Industrial Corridor (HBIC) and Krishnapatnam Node on Chennai-Bengaluru Industrial Corridor (CBIC). This will have a positive impact on the Logistic Performance Index (LPI) of the country.

Badvel Nellore Corridor starts from Gopavaram Village on the existing National Highway NH-67 in the YSR Kadapa District and terminates at the Krishnapatnam Port Junction on NH-16 (Chennai-Kolkata) in SPSR Nellore District of Andhra Pradesh and will also provide strategic connectivity to the Krishnapatnam Port which has been identified as a priority node under Chennai-Bengaluru Industrial Corridor (CBIC).

The proposed corridor will reduce the travel distance to Krishanpatnam port by 33.9 km from 142 km to 108.13 km as compared to the existing Badvel-Nellore road. This will reduce the travel time by one hour and ensure that substantial gain is achieved in terms of reduced fuel consumption thereby reducing carbon foot print and Vehicle Operating Cost (VOC). The details of project alignment and Index Map is enclosed as Annexure-I.

The project with 108.134 km will generate about 20 lakh man-days of direct employment and 23 lakh man-days of indirect employment. The project will also induce additional employment opportunities due to increase in economic activity in the vicinity of the proposed corridor.

Annexure-I

 

 The details of Project Alignment and Index Map:

|

 Figure 1: Index Map of Proposed Corridor

|

 Figure 2: Detailed Project Alignment