Shri Saibaba's teachings inspire us to build a strong unified society: PM Modi

Published By : Admin | October 19, 2018 | 12:49 IST
PM Modi hands over keys to mark the Grihapravesh of Prime Minister Awas Yojana- Grameen (PMAY-G) beneficiaries in Maharashtra
Being amongst people during the auspicious occasion of Dussehra gives me energy and renewed vigour to work for the betterment of the country: PM Modi
Shri Saibaba's teachings gives usthe mantra to build a strong unified society and toserve humanity with love: PM Modi
People getting their own homes is a big step towards the fight against poverty: PM Modi
In the last four years, our Government has built over 1.25 crore houses: PM Modi
PM Modi appreciates people of Maharashtra for making the state Open Defecation Free
Under Ayushman Bharat (PMJAY), modern medical infrastructure is getting readied: PM Modi
PM Modi underlines the efforts taken by the Government to deal with drought faced by Maharashtra

मंच पर विराजमान महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल श्रीमान विद्यासागर राव जी, महाराष्‍ट्र मुख्‍यमंत्री श्री देवेंद्र जी, विधानसभा के स्‍पीकर हरिबाबू जी, मंत्रिपरिषद के मेरे सहयोगी श्री सुभाष धामरे जी, साईबाबा संस्‍थान ट्रस्‍ट के चेयरमैन श्रीमान सुरेश हावरे जी, महाराष्‍ट्र के तमाम मंत्रीगण, सांसद के मेरे साथी, महाराष्‍ट्र के विधायकगण और यहां विशाल संख्‍या में पधारे हुए मेरे प्‍यारे भाईयो और बहनों आप सभी को पूरे महाराष्‍ट्र को, पूरे भारत वर्ष को, देश के जन-जन को दशहरे की विजयादशमी की बहुत-बहुत बधाई।

हम सभी का ये प्रयास रहता है। कि हर वर्ष पर्व को अपनों के साथ मनाएं। मेरी भी ये कोशिश रहती है कि हर त्‍यौहार देशवासियों के बीच जाकर के मनाऊं। इसी भावना के साथ आज आप सभी के बीच उपस्थित होने का मुझे सौभाग्‍य मिला है। जिस प्रकार आप सभी दशहरे के पावन अवसर पर भारी संख्‍या में यहां मुझे आशीर्वाद देने आए हैं। और मैं देख रहा हूं कहीं जगह ही नहीं बची, आधे लोग तो धूप में खड़े हैं। मैं आप सबका और आपका यही अपनत्‍व, यही मेरी सामर्थ्‍य है कि आपके इस प्‍यार के लिए, आपका ये प्‍यार निरंतर नई ऊर्जा का संचार करता है। मुझे शक्ति देता है।

साथियों, दशहरे के साथ-साथ हम आज शिरडी की इस पावन भूमि पर एक और पवित्र अवसर के साक्षी बन रहे हैं। साईंबाबा की समाधि के शताब्‍दी समारोह को भी आज संपन्‍न होने का, पूर्ण होने का, समापन का ये अवसर था। थोड़ी देर पहले ही मुझे साईंबाबा के दर्शन में, उनके आर्शीवाद प्राप्‍त करने का अवसर मिला। मैं जब भी पूज्‍य साईंबाबा का दर्शन करता हूं, उनका स्‍मरण करता हूं तो करोड़ों श्रद्धालुओं की तरह जैसे आप लोगों के दिल में भावना जगती है वैसी ही जनसेवा की भावना, और जनसेवा के लिए खुद को समर्पित करने का एक नया उत्‍साह इस भूमि पर से मिलता है।

भाईयो और बहनों शिरडी के कण-कण में साईं के मंत्र उनकी सीख है। जनसेवा, त्‍याग और तपस्‍या की जब बात आती है तो शिरडी का उदाहरण हर कोई प्रस्‍तुत करता है। ये हमारा शिरडी तात्‍या पाटिल जी की नगरी है, ये दादा कोते पाटिल जी की नगरी है। ये माधवराव देशपांडे, माल्‍सापति जैसे महापुरुष इसी धरती ने दिए हैं। काशीराम शिपि और अप्‍पा जागले साईंबाबा के अंतिम समय तक सेवा करते रहे। कोंडा जी, गवा जी और तुका राम को कौन भूल सकता है। इस पावन धरा के महान सपूतों को मैं नमन करता हूं।   

भाईयो और बहनों साईं का मंत्र है सबका मालिक एक है। सार्इं के चार शब्‍द जैसे समाज को एक करने का सूत्र वाक्‍य बन गए हैं। साईं समाज के थे और समाज साईं का था। साईं ने समाज की सेवा के कुछ रास्‍ते बताए थे और मुझे प्रसन्‍नता है कि साईंबाबा के दिखाए रास्‍ते पर श्री साईंबाबा संस्‍थान, ट्रस्‍ट निरंतर समाज की सेवा कर रहा है।

शिक्षा के माध्‍यम से समाज को सशक्‍त करना हो अध्‍यात्‍म के जरिए सोच में परिवर्तन करना हो। समाज में समरसता और सहभाव का संचार करना हो इसके लिए आपका प्रयास बहुत ही वंदनीय है।

आज भी इस धरती पर आस्‍था, अध्‍यात्‍म और विकास से जुड़े अनेक प्रोजेक्‍ट की शुरुआत हुई है। और मैं महाराष्‍ट्र सरकार को बधाई देता हूं। कि गरीबों के कल्‍याण की इतनी बड़ी योजना के लिए इससे बढ़कर के कोई जगह नहीं हो सकती। साईं के चरणों में बैठकर के गरीबों के लिए काम करना इससे बड़ी धन्‍यता क्‍या हो सकती है। और इसलिए महाराष्‍ट्र सरकार बधाई के पात्र हैं। दर्शनार्थियों के लिए बनने वाले नए परिसर के भूमिपूजन के मौके पर मौजूद होने पर मुझे प्रसन्‍नता हो रही है। आज ही के दिन साईंबाबा इंगलिश मीडियम स्‍कूल कन्‍या विद्यालय और कॉलेज की नींव रखी जा रही है। मुझे पूरा विश्‍वास है कि साईं के जीवन और दर्शन को लेकर शुरु होने वाले साईं नॉलेज पार्क से लोगों को साईं की सीख समझने में और आसानी होगी।

साथियों आज यहां दस मेगावॉट की एक सोलर यूनिट का भी काम शुरु हुआ है। इससे संस्‍थान के संसाधन बढ़ेंगे। और clean एनर्जी में संस्‍थान की बहुत भागीदारी होगी। एक प्रकार से साईं ट्रस्‍ट की तरफ से करोड़ो श्रद्धालुओं के लिए इस दशहरा को विजयादशमी का एक बहुत बड़ा तोहफा है।

साथियो, नवरात्र से लेकर दीपावली तक साल का ये वो समय होता है जब देशवासी घर, गाडी, गहनें जैसे अनेक सामान की खरीद करते हैं। जिसका जितना सामर्थ्‍य होता है वो उस हिसाब से पैसे बचाता है और अपने परिवार को उपहार देता है। मुझे खुशी है कि दशहरे के इस पावन अवसर पर मुझे महाराष्‍ट्र के ढाई लाख भाईयो और बहनों को अपना घर सौंपने का अवसर मिला है।

मेरे वो भाई-बहन जिनके लिए खुद का घर हमेशा ही सपना रहा है। अपने इस विशाल परिवार के सदस्‍यों को एक साथ गृह प्रवास कराने से इससे बड़ी अपने गरीब भाईयो और बहनों की सेवा मैं समझता हूं, दशहरे की पूजा भला मेरे लिए इस सेवा से बड़ी क्‍या हो सकती है। आप सभी जनों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने इस नये घरों की, आपके जीवन में आए इस शुभ अवसर की, आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। ये नए घर आपके अपने सपनों के प्रतीक तो है ही। आपकी आकांक्षाओं को नया आयाम देने वाले भी हैं। अब आपका जीवन, आपके बच्‍चों का जीवन सार्थक बदलाव के पथ पर आगे बढ़ चुका है। ये गरीबी पर जीत की तरफ का एक बहुत बड़ा पहला अहम कदम है।

साथियों, अपना घर जीवन को आसान बना देता है। और गरीबी से लड़ने का नया उत्‍साह पैदा करता है। एक सम्‍मान का भाव पैदा होता है। इसी को ध्‍यान में रखते हुए हमने सोचा है कि 2022, भारत की आजादी के 75 साल होंगे। देश के हर बेघर गरीब परिवार को उसका खुद का घर देने का लक्ष्‍य रखकर के हम काम कर रहे हैं।

मुझे खुशी है कि करीब-करीब आधा रास्‍ता हम इतने कम समय में पार कर चुके हैं। भाईयो और बहनों गरीब हो या मध्‍यम वर्ग का परिवार बीते चार वर्षों में उसे झुग्‍गी से, किराए के मकान से निकाल कर अपना घर देने की तरफ सरकार ने गंभीर प्रयास किए हैं। कोशिशें पहले भी हूईं है लेकिन दुर्भाग्‍य से उनका लक्ष्‍य गरीबों को घर देकर गरीबों को सशक्‍त करने की बजाय एक विशेष परिवार के नाम का प्रचार करना यही उनका मकसद था। वोट बैंक तैयार करना यही उनका मकसद था। घर अच्‍छा हो, उसमें शौचालय हो, बिजली हो, पानी हो, गैस का कनेक्‍शन हो। इस पर पहले कभी सोचा ही नहीं गया। जब किसी योजना के मूल में राजनीतिक स्‍वार्थ वो केंद्र में नहीं होता है। राजनीतिक स्‍वार्थ के बजाय सिर्फ और सिर्फ गरीब का कल्‍याण होता है तो उसके जीवन को आसान बनाने की प्रेरणा मिलती है। तब काम की गति कैसे बढ़ती है। ये आज देश के सामने जीता-जागता उदाहरण है।

साथियों, पहले जो सरकार थी, उस पिछली सरकार ने अपने आखिरी चार साल के वर्षों में पूरे देश में सिर्फ 25 लाख घर बनाए थे। चार साल में 25 लाख......, कितने ..... जरा बोलिए न क्‍या हुआ.....  चार साल में कितने घर बनाए थे? चार साल में कितने घर बनाए थे? 25 लाख, जबकि बीते चार वर्षों में हमारी सरकार बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्‍व वाली सरकार के केंद्र में आने के बाद 1 करोड़ 25 लाख घर बनाए हैं। उनके चार साल के 25 लाख और हमारे चार साल के 1 करोड़़ 25 लाख।

अगर वही सरकार होती तो इतने घर बनाने के लिए 20 साल लग जाते...20 साल और आपको भी 20 साल तक इस घर के लिए इंतजार करना पड़ता। तेज गति से काम करने वाली सरकार गरीबों को तेज गति से कैसे काम देती है इसका ये उदाहरण है। और आप देखिए सब कुछ तो वही है। वहीं साधन, वही संसाधन, वही लोग लेकिन साफ नीयत से, गरीब की सेवा के भाव से जब काम होता है तो ऐसे ही तेज गति से नतीजे भी मिलते हैं।

भाईयो और बहनों पहले की सरकार ने एक मकान बनाने में करीब-करीब 18 महीने लगते थे, डेढ़ साल लगता था इस सरकार में एक साल के अंदर-अंदर 12 महीने से भी कम समय में घर तैयार हो जाता है। समय तो कम हुआ ही है हमनें घर का आकार भी बढ़ाया है। इसके साथ-साथ घर बनाने के लिए सरकारी मदद को भी 70 हजार रुपये से बढ़ाकर के 1 लाख 20 हजार रुपये कर दिया गया है। सबसे अहम बात ये कि पैसे सीधे बैंक खाते में जमा हो रहे हैं। और लाभार्थियों का चयन वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीके से हो रहा है। इतना ही नहीं ये घर टिकाऊ हो, उनमें शौचालय समेत सारी मूलभूत सुविधाएं हों। इसका भी विशेष ध्‍यान रखा जा रहा है।

मैं एक बार फिर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आज अपना घर प्राप्‍त करने वाले लोगों को ह्दय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और मुझे जब आज कुछ परिवारों से अलग-अलग जिलों में बात करने का मौका मिला। उन बहनों का आत्‍मविश्‍वास इनके चेहरे की खुशी मुझे कितना आनंद देती थी आप कल्‍पना नहीं कर सकते। जब मेरा कोई गरीब परिवार उसके चेहरे पर खुशी दिखाई देती है तो जीवन काम करने का जैसे धन्‍य हो जाता है। नया काम करने की ऊर्जा मिल जाती है। आज इन सभी बहनों ने जो आर्शीवाद दिए मैं फिर एक बार उस संकल्‍प को दोहराता हूं कि आपकी सेवा के लिए हम पल-पल अपना जीवन आपके लिए खपाते रहेंगे।

भाईयो और बहनों देश के हर घर को शौचालय की सुविधा से जोड़ने का अभियान अब अंतिम पड़ाव पर है। महाराष्‍ट्र ने तो इस मामले में प्रशंसनीय कार्य किया है। आप सभी ने पूरे महाराष्‍ट्र ने खुद को खुले में शौच से मुक्‍त घोषित कर लिया है। इसके लिए राज्‍य के 11 करोड़ नागरिकों को भी मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इससे महाराष्‍ट्र के गांव और गलियां साफ-सुथरी तो रहेंगी ही साथ में डायरिया जैसी अनेक बीमारियों से गरीब किसान परिवारों के बच्‍चों का जीवन सुरक्षित रहेगा।

साथियों, जब गरीबों के जीवन और स्‍वास्‍थ्‍य की बात आती है। जो आजकल पूरी दुनियां में आयुषमान भारत यानी PMJAY प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना की बड़ी चर्चा हो रही है इसके तहत हर वर्ष देश के करीब 50 करोड़ नागरिकों को गंभीर बीमारी के स्थिति में मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया गया है।

महाराष्‍ट्र के भी लाखों परिवारों तक इस योजना का लाभ पहुंच रहा है। अभी तो इसको शुरु हुए महीना भी नहीं हुआ है। लेकिन देश भर के अस्‍पतालों में करीब-करीब 1 लाख मरीज इसका लाभ ले चुके हैं। इस योजना की वजह से किसी गरीब की पथरी का मुफ्त इलाज हुआ है। तो किसी गरीब के ट्यूमर को हटाया गया है। किसी का 50 हजार का मेडिकल का बिल भरा गया तो किसी का तीन लाख का।

साथियों, इस योजना के तहत अब तक जो क्‍लेम दिया गया है वो औसतन प्रति व्‍यक्ति लगभग 20 हजार रुपये दिया गया है। अब आप सोचिए। हजारों की ये राशि उस गरीब को अपनी जेब से खर्च करनी पड़ रही थी। वो कर भी नहीं पाता था। इसी वजह से वो अस्‍पताल जाने से बचता था। अब सरकार उस गरीब के साथ खड़ी है। कि पैसे कि चिंता मत करिए। पहले अपना इलाज करवाइए।

साथियों, आयुषमान भारत योजना की वजह से देश में आधुनिक मेडिकल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का नया ढांचा तैयार हो रहा है। विशेषकर tier II, tier III शहरों में हजारों नए अस्‍पताल खुलने की संभावना बनी है। ये अस्‍पताल देश के नौजवानों के लिए रोजगार के लाखों नए अवसर भी लेकर कर आएंगे।

भाईयो और बहनों समाज का हर वर्ग, हर जन सुखी हों, सबका जीवन सरल और सुलभ हो इसी लक्ष्‍य के साथ सरकार काम कर रही हैं। मेरी जानकारी है कि राज्‍य के हिस्‍से हमारे महाराष्‍ट्र में वरुण देव की कृपा कुछ कम हुई है, बारिश कम हुई है। मैं आपको आशवस्‍त करता हूं कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत उसके माध्‍यम से आपको जल्‍द से जल्‍द राहत मिलेगी ही। इसके अतिरिक्‍त महाराष्‍ट्र सरकार जो कदम उठाएगी उसमें केंद्र भी कंधे से कंधा मिलाकर के पूरा सहयोग करेगी।   

भाईयो और बहनों पानी के इसी संकट से देश के किसानों को निकालने के लिए सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत बरसों से अटकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने का काम कर रही है। इसके तहत महाराष्‍ट्र में भी अनेक बड़े प्रोजेक्‍ट पर काम चल रहा है। महाराष्‍ट्र सरकार ने भी अपने जलयुक्‍त शिविर अभियान के माध्‍यम से जलसंकट से निपटने का एक अभुतपूर्व प्रयास किया है। ये बहुत संतोष की बात है कि इस अभियान की वजह से राज्‍य के 16 हजार गांव सूखा मुक्‍त हो चुके हैं और करीब 9 हजार गांव को सूखा मुक्‍त करने का काम तेजी से चल रहा है।

मैं महाराष्‍ट्र के लोगों की इस बात के लिए भी प्रशंसा करुंगा कि उन्‍होंने सिंचाई टैंकों की सफाई Desiltation के अभियान को बहुत सफलता पूर्वक चलाया है। Irrigation टैंकों से 9 करोड़ क्‍यूबिक मीटर की silt निकालने का काम आसान नहीं है। लेकिन आप लोगों ने जन-भागीदारी से एक अभुतपूर्व काम करके पूरे देश को रास्‍ता दिखाया है। मुझे बताया गया है कि यही काम अगर किसी contractor को दे देते तो छ: सौ करोड़ से भी ज्‍यादा खर्च होता। लेकिन यही काम आपने अपने परिश्रम से कर दिखाया है।

साथियों अगर फसल अधिक भी हो और उसका उचित दाम भी मिले इसके लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। ये हमारी सरकार है जिसने एमएसपी को लेकर किसानों की बरसों पुरानी मांग को पूरा किया है। सरकार ने गन्‍ने समेत खरीफ और रबी की 21 फसलों को समर्थन मूल्‍य में लागत के ऊपर 50 प्रतिशत का लाभ तय किया है। इस ऐतिहासिक फैसले से इस साल देश के किसानों को हजारों करोड़ रुपयों के अतिरिक्‍त आय सुनिश्चित होगी।

साथियों, खेती के साथ-साथ सरकार टूरिज्‍म को भी बढ़ावा दे रही है। महाराष्‍ट्र में तो शिरडी जैसे आस्‍था से जुड़े बड़े स्‍थान भी, तो दूसरी तरफ अजंता एलोरा जैसे आर्कषक स्‍थान भी हैं। जहां दुनिया भर के टूरिस्‍ट खींचे चले आते हैं। आस्‍था, अध्‍यात्‍म और इतिहास को युवाओं के रोजगार से जोड़ने को एक बहुत बड़ा अभियान हमनें शुरु किया है।     

देश के टूरिस्‍ट सर्किट को आपस में जोड़ा जा रहा है। वहां सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। यहां शिरडी में ही पिछली बार जब ये शताब्‍दी समारोह की शुरुआत करने हमारे मान्‍य राष्‍ट्रपति जी आए थे उन्‍होंने एयरपोर्ट का उपहार दिया था। मुझे कहा गया है कि यहां से अब जो फ्लाइट चल रही है उनमें आने वाले समय में और बढ़ोतरी की जाएगी। ताकि देश और दुनिया का हर साईं भक्‍त आसानी से यहां आकर के दर्शन कर सके।

भाईयो और बहनों महाराष्‍ट्र की धरती ने हमेशा सामाजिक समरसता का पाठ देश को पढ़ाया है। वीर शिवाजी हो, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर हो या फिर पूज्‍य  महात्‍मा ज्‍योतिबा फूले हो सबने उन मूल्‍यों की स्‍थापना की जो समता और एकता को सामाजिक शक्ति मानते हैं। आपने इन महान संत पुरुषों का सबक हमेशा याद रखना और स्‍वार्थ के लिए समाज में भेद करने वाली हर शक्ति, हर बुराई को हमनें पराजित करना है। तोड़ना आसान होता है जोड़ना बहुत मुश्किल होता है। हमें जोड़ने वाली शक्ति को सशक्‍त करना है तोड़ने वाली ताकतों को परास्‍त करना है। सबका साथ, स‍बका विकास और एक भारत श्रेष्‍ठ भारत का यही संकल्‍प इसी विजयदशमी को हमें लेना है। और इसलिए मैं आप सभी से आग्रह करुंगा कि हम सब इस संदेश को लेकर के आगे बढ़ें और इसी संदेश के रास्‍ते हमें आगे चलना है। साईंबाबा ने जो मार्ग दिखाया है उसी मार्ग पर हमें आगे चलना है। मुझे बहुत खुशी हूई।

साथियों, आज मैं इस पवित्र स्‍थान पर हूं शताब्‍दी समारोह का समापन कर रहा हूं। इस 31 अक्‍टूबर को राज्‍य में आप सभी की सरकार चार वर्ष पूरे करने वाली है। मैं देवेंद्र फडणवीस जी और उनकी पूरी टीम को अग्रिम बधाई देता हूं। आप यूं ही पूरी शक्ति से महाराष्‍ट्र वासियों की सेवा करते रहें। और आपको यहां के जन-जन का आशीर्वाद मिलता रहे। मेरी यही कामना है।

इसी विश्‍वास के साथ एक बार फिर उन सभी परिवारों को बहुत-बहुत बधाई जिनको आज दशहरे के दिन खुद का अपने मन का अपने सपनों का आज घर मिला है। ये नए घर आपके सपनों को पूरा करने का माध्‍यम बने, इन घरों में रहते हुए आप और आपका परिवार जीवन में और आगे बढ़़ें, तरक्‍की करे, आपके बच्‍चे सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचें। इसी कामना के साथ मैं अपनी बात समाप्‍त करता हूं और आप सबको इस पावन अवसर पर यहां बुलाने के लिए, इस सेवा का अवसर देने के लिए मैं श्री साईं ट्रस्‍ट का भी आभार व्‍यक्‍त करता हूं। आने वाला हर त्‍यौहार आप सभी के जीवन में खुशियां लेकर के आए। इसी शुभकामना के साथ आप सभी का बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।