Kolkata port represents industrial, spiritual and self-sufficiency aspirations of India: PM
I announce the renaming of the Kolkata Port Trust to Dr. Shyama Prasad Mukherjee Port: PM Modi
The country is greatly benefitting from inland waterways: PM Modi

नमस्‍ते। अमार प्रियो बंग्लार भाई ओ बोनेरा! इंगरेज़ी नॉबो बॉरसेर हार्दिक शुभोकामोना एबॉन्ग आसोनो मकर संक्रांति उपोलॉक्खे अपना देर शुभेच्छा !!

पश्चिम बंगाल के राजयपाल, श्रीमान जगदीप धनखड़ जी, केन्‍द्रीय मं‍त्रीपरिषद के मेरे सहयोगी मनसुख मांडविया जी, यहां उपस्थित भारत सरकार के अन्‍य मंत्रीगण, सांसदगण, और बड़ी संख्‍या में यहां पधारे पश्चिम बंगाल के मेरे बहनों और भाइयो।

मां गंगा के सानिध्य में, गंगासागर के निकट, देश की जलशक्ति के इस ऐतिहासिक प्रतीक पर, इस समारोह का हिस्सा बनना हम सबके लिए एक अनन्‍य सौभाग्य की बात है। आज का ये दिन कोलकाता पोर्ट ट्रस्‍ट के लिए, इससे जुड़े लोगों के लिए, यहां काम कर चुके साथियों के लिए तो बहुत ही महत्‍वपूर्ण अवसर है। भारत में port laid development को नई ऊर्जा देने का भी मैं समझता हूं इससे बड़ा कोई अवसर नहीं हो सकता। स्‍थापना के 150वें वर्ष में प्रवेश करने के लिए कोलकाता पोर्ट ट्रस्‍ट से जुड़े आप सभी साथियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।

साथियो, थोड़ी देर पहले यहां आज के इस पल की गवाही देने वाले डाक टिकट जारी किए गए। इसी के साथ इस ट्रस्‍ट के कर्मचारियों और यहां काम कर चुके हजारों पूर्व कर्मचारियों की पेंशन के लिए 500 करोड़ रुपए का चैक भी सौंपा गया। विशेष रूप से 100 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्‍ठ महानुभावों को सम्‍मानित करने का गौरव मुझे मिला। कोलकाता पोर्ट ट्रस्‍ट के माध्‍यम से राष्‍ट्र सेवा करने वाले ऐसे तमाम महानुभावों को और उनके परिवारों को मैं नमन करता हूं, उनके बेहतर भविष्‍य की कामना करता हूं।

साथियो, इस पोर्ट के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए आज सैकड़ों करोड़ रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया गया है। आदिवासी बेटियों की शिक्षा और कौशल विकास के लिए हॉस्टल और स्किल डेवलपमेंट सेंटर का भी शिलान्यास हुआ है। विकास की इन तमाम सुविधाओं के लिए भी पश्चिम बंगाल के सभी नागरिकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियो, कोलकाता पोर्ट सिर्फ जहाजों के आने-जाने का स्‍थान नहीं है, ये एक पूरे इतिहास को अपने-आप में समेटे हुए है। इस पोर्ट ने भारत को विदेशी राज से स्वराज पाते हुए देखा है। सत्याग्रह से लेकर स्वच्छाग्रह तक, इस पोर्ट ने देश को बदलते हुए देखा है। ये पोर्ट सिर्फ मालवाहकों का ही स्थान नहीं रहा, बल्कि देश और दुनिया पर छाप छोड़ने वाले ज्ञानवाहकों के चरण भी इस पोर्ट पर पड़े हैं। अनेक मनीषियों ने, अनेक अवसरों पर यहीं से दुनिया के अपने सफर की शुरूआत की थी।

एक प्रकार से कोलकाता का ये पोर्ट भारत की औद्योगिक, आध्यात्मिक और आत्मनिर्भरता की आकांक्षा का जीता-जागता प्रतीक है। ऐसे में जब ये पोर्ट 150वें साल में प्रवेश कर रहा है, तब इसको न्यू इंडिया के निर्माण का भी एक ऊर्जावान प्रतीक बनाना हम सबका दायित्‍व है।

पश्चिम बंगाल की, देश की इसी भावना को नमन करते हुए मैं कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम, भारत के औद्योगीकरण के प्रणेता, बंगाल के विकास का सपना लेकर जीने वाले और एक देश, एक विधान के लिए बलिदान देने वाले डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा करता हूं। अब ये पोर्ट डॉक्‍टर श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट के नाम से जाना जाएगा।

साथियो, बंगाल के सपूत, डॉक्टर मुखर्जी ने देश में औद्योगीकरण की नींव रखी थी। चितरंजन लोकोमोटिव फैक्ट्री, हिन्दुस्तान एयरक्राफ्ट फैक्ट्री, सिंदरी फर्टिलाइज़र कारखाना और दामोदर वैली कॉर्पोरेशन; ऐसी अनेक बड़ी परियोजनाओं के विकास में डॉक्टर श्‍यामा प्रसादमुखर्जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। और आज के इस अवसर पर, मैं बाबा साहेब अंबेडकर को भी याद करता हूं, उन्हें नमन करता हूं। डॉक्टर मुखर्जी और बाबा साहेब अंबेडकर, दोनों ने स्वतंत्रता के बाद के भारत के लिए नई-नई नीतियां दी थीं, नया vision दिया था।

डॉक्‍टर मुखर्जी की बनाई पहली औद्योगिक नीति में देश के जल संसाधनों के उचित उपयोग पर जोर दिया गया था तो बाबा साहेब ने देश की पहली जल संसाधन नीति और श्रमिकों से जुड़े कानूनों के निर्माण को लेकर अपने अनुभवों का उपयोग किया। देश में नदी घाटी परियोजनाओं का, डैम्‍स का, पोर्ट्स का निर्माण तेजी से हो पाया तो इसका बड़ा श्रेय इन दोनों महान सपूतों को जाता है। इन दोनों व्‍यक्तित्‍वों ने देश के संसाधनों की शक्ति को समझा था, उसे देश की जरूरतों के मुताबिक उपयोग करने पर जोर दिया था।

यहीं कोलकाता में 1944 में नई water policy को लेकर हुई conference में बाबा साहेब ने कहा था कि भारत की water ways policy व्‍यापक होनी चाहिए। इसमें सिंचाई, बिजली और यातायात जैसे हर पहलू का समावेश होना चाहिए। लेकिन ये देश का दुर्भाग्य रहा कि डॉक्टर मुखर्जी और बाबा साहेब के सरकार से हटने के बाद, उनके सुझावों पर वैसा अमल नहीं किया गया, जैसा किया जाना चाहिए था।

साथियो, भारत की विशाल समुद्री सीमा लगभग 7,500 किलोमीटर लंबी है। दुनिया में समुद्र तट से जुड़ा होना आज भी बहुत बड़ी ताकत माना जाता है। Landlocked countries अपने-आप को कभी-कभी असहाय महसूस करती हैं। पुराने समय में भारत की भी एक बहुत बड़ी शक्ति थी। गुजरात के लोथल पोर्ट से लेकर कोलकाता पोर्ट तक देखें, तो भारत की लंबी कोस्ट लाइन coastline से पूरी दुनिया में व्यापार-कारोबार होता था और सभ्यता, संस्कृति का प्रसार भी होता था। साल 2014 के बाद भारत की इस शक्ति को फिर से मजबूत करने के लिए नए सिरे से सोचा गया, नई ऊर्जा के साथ काम शुरू किया गया।

साथियो, हमारी सरकार ये मानती है कि भारत के बंदरगाह भारत की समृद्धि के प्रवेशद्वार हैं। और इसलिए सरकार ने Coasts पर कनेक्टिविटी और वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए सागरमाला कार्यक्रम शुरू किया। सागरमाला परियोजना के तहत देश में मौजूद पोर्ट का modernization और एक नए पोर्ट के development का काम लगातार किया जा रहा है। सड़क, रेलमार्ग, Interstate waterways और coastal transport को integrated किया जा रहा है। ये परियोजना coastal transport के जरिए माल ढुलाई को बढ़ाने में बहुत अहम भूमिका निभा रही है

इस योजना के तहत करीब 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक के पौने 6 सौ प्रोजेक्ट्स की पहचान की जा चुकी है। इनमें से 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक के 200 से ज्यादा प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और लगभग सवा सौ पूरे भी हो चुके हैं।

साथियो, सरकार का प्रयास है कि transportation का पूरा framework आधुनिक और integrated हो। हमारे देश में टांसपोर्ट नीतियों में जो असंतुलन था, उसे भी दूर किया जा रहा है। इसमें भी पूर्वी भारत और नॉर्थ-ईस्‍ट को Inland waterway यानी नदी जलमार्ग आधारित योजनाओं से विशेष लाभ हो रहा है और आने वाले समय में जलशक्ति के माध्‍यम से पूरे नॉर्थ-ईस्‍ट को जोड़ने का नेटवर्क भारत के विकास में एक स्‍वर्णिम पृष्‍ठ के रूप में उभर करके आने वाला है।

बहनों और भाइयों, कोलकाता तो जल से जुड़े विकास के मामले में और भी भाग्यशाली है। कोलकाता पोर्ट देश की समुद्री परिधि में भी है और नदी के नट पर भी स्थित है। इस प्रकार से ये देश के भीतर और देश के बाहर के जलमार्गों की एक प्रकार से संगम स्थली है।

आप सभी भलीभांति जानते हैं कि हल्दिया और बनारस के बीच गंगा जी में जहाज़ों का चलन शुरु हो चुका है। और मैं काशी का एमपी हूं, इसलिए स्‍वाभिक रूप से आपसे सीधा जुड़ चुका हूं। देश के इस पहले आधुनिक Inland waterway को पूरी तरह से तैयार करने के लिए तेज़ी से काम चल रहा है।

इस वर्ष हल्दिया में multimodal terminal और फरक्का में navigational lock को तैयार करने का प्रयास है। साल 2021 तक गंगा में बड़े जहाज़ भी चल सकें, इसके लिए भी ज़रूरी गहराई बनाने का काम प्रगति पर है। इसके साथ-साथ गंगाजी को असम के पांडु में ब्रह्मापुत्र से जोड़ने वाले inland waterway-2 पर भी cargo transportation शुरू हो चुका है। नदी जलमार्ग की सुविधाओं के बनने से कोलकाता पोर्ट पूर्वी भारत के औद्योगिक सेंटर्स से तो जुड़ा ही है, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार जैसे देशों के लिए व्यापार और आसान हुआ है।

साथियों, देश के पोर्ट्स में आधुनिक सुविधाओं का निर्माण, connectivity की बेहतर व्यवस्था, management में सुधार जैसे अनेक कदमों के कारण कार्गो के clearance और उसके transportation से जुड़े समय में कमी आई है।

Turnaround time बीते 5 वर्ष में घटकर लगभग आधा हो गया है। ये एक बड़ा कारण है जिसके चलते भारत की ease of doing business की रैंकिंग में 79 rank का सुधार हुआ है।

साथियों, आने वाले समय में Water Connectivity के विस्तार का बहुत अधिक लाभ पश्चिम बंगाल को होगा, कोलकाता को होगा, यहां के किसानों, उद्योगों और श्रमिकों को होगा, यहां के मेरे मछुआरे भाइयों-बहनों को होगा।

हमारे मछुवारे भाई जल संपदा का पूरा इस्तेमाल कर पाएं, इसके लिए सरकार Blue Revolution Scheme चला रही है। इसके तहत उन्हें इस क्षेत्र में value addition करने के साथ ही ट्रॉलर्स के आधुनिकीकरण में भी मदद की जा रही है। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मछुआरों को अब बैंकों से सस्ता और आसान ऋण भी उपलब्ध हो रहा है। एक तरफ हमने अलग जलशक्ति मंत्रालय बनाया है, उसी को ताकत देने वाला और उसी से अधिकतम फायदा लेने वाली अलग fisheries ministry भी बनाई है। यानी विकास को हम कहां ले जाना चाहते हैं, किस दिशा में जाना चाहते हैं, उसका संकेत इन रचनाओं में भी समाहित है।

साथियो, Port laid development एक व्यापक ecosystem का विकास करता है। इस जल संपदा का उपयोग पर्यटन के लिए, समुद्री पर्यटन, नदी जल पर्यटन के लिए भी किया जा रहा है। आजकल लोग cruise के लिए विदेशों में चले जाते हैं। ये सारी चीजें हमारे यहां बहुत आसानी से विकास किया जा सकता है। ये सुखद संयोग है कि कल ही पश्चिम बंगाल की कला और संस्कृति से जुड़े बड़े सेंटर्स के आधुनिकीकरणकी शुरुआत हुई और आज यहां water tourism से जुड़ी बड़ी स्कीम launch हुई है।

River front development योजना से पश्चिम बंगाल के टूरिज्म उद्योग को नया आयाम मिलने वाला है। यहां 32 एकड़ ज़मीन पर जब गंगा जी के दर्शन के लिए आरामदायक सुविधाएं तैयार होंगी, तब इससे टूरिस्‍टों को भी लाभ मिलेगा।

बहनों और भाइयों, सिर्फ कोलकाता में ही नहीं, सरकार द्वारा पूरे देश में पोर्ट्स् से जुड़े शहरों और clusters में aquarium, water park, sea museums, cruise, और water sports के लिए ज़रूरी infrastructure बनाया जा रहा है।

केंद्र सरकार cruise आधारित पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है। देश में cruise ship की संख्या जो अभी डेढ़ सौ से, करीब-करीब 150 के आसपास है, अब उसको हम 1 हज़ार तक बढ़ाने का लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं। इस विस्तार का लाभ पश्चिम बंगाल को भी अवश्‍य मिलने वाला है, बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीपों को भी मिलने वाला है।

साथियों, पश्चिम बंगाल के विकास के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव कोशिश की जा रही है। विशेषतौर पर गरीबों, दलितों, वंचितों, शोषितों और पिछड़ों के विकास के लिए समर्पित भाव से अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।

पश्चिम बंगाल में लगभग 90 लाख गरीब बहनों को उज्जवला योजना के तहत गैस का कनेक्शन मिला है। इसमें भी 35 लाख से अधिक बहनें दलित और आदिवासी परिवार से हैं।

जैसे ही राज्य सरकार आयुष्मान भारत योजना, पीएम किसान सम्मान निधि के लिए स्वीकृति दे देगी; मैं नहीं जानता हूं कि देगी या नहीं देगी, लेकिन अगर दे देगी तो यहां के लोगों को इन योजनाओं का भी लाभ मिलने लगेगा।

और वैसे आपको बता दूं कि आयुष्मान भारत के तहत देश के करीब-करीब 75 लाख गरीब मरीज़ों को गंभीर बीमारी की स्थिति में मुफ्त इलाज मिल चुका है। और आप कल्‍पना कर सकते हैं जब गरीब बीमारी से जूझता है, तब जीने की भी आस छोड़ देता है। और जब गरीब को बीमारी से बचने का सहारा मिल जाता है तो उसके आशीर्वाद अनमोल होते हैं। आज मैं चैन की नींद सो पाता हूं क्‍योंकि ऐसे गरीब परिवार लगातार आशीर्वाद बरसाते रहते हैं।

इसी तरह पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के 8 करोड़ से अधिक किसान परिवारों के बैंक खाते में लगभग 43 हज़ार करोड़ रुपए सीधे direct benefit transfer के तहत उनके खाते में जमा हो चुके हैं। कोई बिचौलिया नहीं, कोई cut नहीं, कोई syndicate नहीं; और जब सीधा पहुंचता है, cut मिलता नहीं, syndicate का चलता नहीं, ऐसी योजना कोई क्‍यों लागू करेगा।

देश के 8 करोड़ किसानों को इतनी बड़ी मदद, लेकिन मेरे दिल में हमेशा दर्द रहेगा, मैं हमेशा चाहूंगा, ईश्‍वर से प्रार्थना करूंगा कि नीति-निर्धारकों को इस पर सद्बुद्धि दे। और गरीबों को बीमारी में मदद के लिए आयुष्‍मान भारत योजना और किसानों की जिंदगी में सुख और शांति का रास्‍ता पक्‍का हो इसके लिए प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि का लाभ मेरे बंगाल के गरीबों को मिले, मेरे बंगाल के किसानों को मिले। आज बंगाल की जनता का मिजाज मैं जानता हूं, भलीभांति जानता हूं। बंगाल की जनता की ताकत है कि अब इन योजनाओं से लोगों को वंचित कोई नहीं रख पाएगा।

साथियों, पश्चिम बंगाल के अनेक वीर बेटे-बेटियों ने जिस गांव और गरीब के लिए आवाज़ उठाई, उनका विकास हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। ये किसी एक व्यक्ति की, किसी एक सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि पूरे भारतवर्ष का सामूहिक संकल्‍प भी है, सामूहिक दायित्व भी है और सामूहिक पुरुषार्थ भी है। मुझे विश्वास है कि 21वीं सदी के नए दशक में, जब दुनिया एक वैभवशाली भारत का इंतज़ार कर रही है, तब हमारे ये सामूहिक प्रयास दुनिया को कभी निराश नहीं करंगे, ये हमारे प्रयास ज़रूर रंग लाएंगे।

इसी आत्‍मविश्‍वास के साथ 130 करोड़ देशवासियों की संकल्‍पशक्ति और उनके सामर्थ्‍य पर अप्रतीम श्रद्धा होने के कारण मैं भारत के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य को अपनी आंखों के सामने देख रहा हूं।

और इसी विश्‍वास के साथ आओ हम कर्तव्‍य पथ पर चलें, अपने कर्तव्‍यों का निर्वाह करने के लिए आगे आएं। 130 करोड़ देशवासी जब अपने कर्तव्‍यों का पालन करते हैं तो देश देखते ही देखते नई ऊंचाइयों को पार कर लेता है।

इसी विश्‍वास के साथ एक बार फिर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के 150 वर्ष के लिए और विकास परियोजनाओं के लिए, आज के इस महत्‍वपूर्ण अवसर पर मैं आप सबको, पूरे पश्चिम बंगाल को, यहां की महान परम्‍परा को नमन करते हुए अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं, बहुत-बहुत बधाई हूं।

मेरे साथ ये धरती, प्रेरणा की धरती, देश का सामर्थ्‍य जगाने वाली धरती है। यहां से पूरी ताकत से हमारे सपनों को समेटता हुआ नारा हम बोलेंगे। दोनों हाथ ऊपर करके, मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलेंगे-

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

Explore More
78ਵੇਂ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਦਿਵਸ ਦੇ ਅਵਸਰ ‘ਤੇ ਲਾਲ ਕਿਲੇ ਦੀ ਫਸੀਲ ਤੋਂ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ, ਸ਼੍ਰੀ ਨਰੇਂਦਰ ਮੋਦੀ ਦੇ ਸੰਬੋਧਨ ਦਾ ਮੂਲ-ਪਾਠ

Popular Speeches

78ਵੇਂ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਦਿਵਸ ਦੇ ਅਵਸਰ ‘ਤੇ ਲਾਲ ਕਿਲੇ ਦੀ ਫਸੀਲ ਤੋਂ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ, ਸ਼੍ਰੀ ਨਰੇਂਦਰ ਮੋਦੀ ਦੇ ਸੰਬੋਧਨ ਦਾ ਮੂਲ-ਪਾਠ
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...

Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.