यहां उपस्थित सभी मेरे साथीगण।


आप तो लेबोरेट्री में जिंदगी गुजारने वाले लोग हैं। और आप में एक पहले पायलट प्रोजेक्‍ट करने की परंपरा होती है। और पायलट प्रोजेक्‍ट बनने के बाद पहले scalable किया जाता है तो अभी अभी एक पायलट प्रोजेक्‍ट हो गया। अब ये रियल करना है पहले तो प्रैक्टिस थी। और रियल ये है, actually standing ovation आज के award विजेताओं को है। हम सब standing ovation देंगे। तो पहले वाला प्रैक्टिस था ये रियल था।

आज national science day पर आप सभी के बीच आने का अवसर मिला है। आप सभी भली-भांति जानते है कि ये दिन महान वैज्ञानिक डॉ. सी.वी. रमन के द्वारा रमन effect के आविष्‍कार की याद में मनाया जाता है। इसी की उप‍लब्धि ने देश को विज्ञान के क्षेत्र में पहला नोबेल दिलाया था। मैं डॉ. रमन को श्रद्धाजंलि देने के साथ ही विज्ञान दिवस पर आपको और पूरे वैज्ञानिक जगत को विज्ञान के प्रत्‍येक विद्यार्थी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

मेरी कामना है कि आप सभी research and development से जुड़े अपने प्रयासों में सफल हों और इसका लाभ देश की जनता को मिल सके। आज शांति स्‍वरूप भटनागर पुरस्‍कार पाने वाले विजेताओं और उनके परिवारों को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपकी उपलब्धियों पर हमें गर्व है, हिन्‍दुस्‍तान को गर्व है। मैंने परिवारजनों को भी विशेष बधाई इसलिए दी क्‍योंकि वैज्ञानिक लेबोरेट्री में जिंदगी खपाता है और इसलिए सबसे ज्‍यादा त्‍याग, तपस्‍या परिवारजनों की होती है। आपके प्रयासों से, आपके कार्यों से, देश और समाज को लाभ मिला है और ये कार्य ऐसे होते हैं कि ये पीढ़ी दर पीढ़ी उसका लाभ मिलता है। जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान और जय अनुसंधान नए भारत का रास्‍ता बनें। इसके लिए इस प्रकार के पुरस्‍कारों और National Science Day जैसे आयोजनों की भूमिका बहुत अहम है।

|

साथियों, इस वर्ष की theme बहुत ही प्रासंगिक है। मैं खुद भी विज्ञान को लोगों की जरूरतों से जोड़ने के विचार का आग्रही रहता हूं। हमारी सरकार अपने तमाम कार्यक्रमों और योजनाओं के जरिए भी इस दिशा में कुछ न कुछ प्रयास कर रही है।

साथियों, हमारे पास democracy, demography and demand इसका dividend है, आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्‍यवस्‍था बन चुका है। हमारे युवाओं की महत्‍वाकांक्षाएं सर्वश्रेष्‍ठ होने को लेकर उनकी ललक हमारी सबसे बड़ी ताकत है। ऐसे में हमें science technology or innovation को जनता से जोड़कर उन्‍हें समाज की आंकाक्षाओं और जरूरत के अनुरूप बनाना होगा। इस साल जालंधर में Indian Science Congress के दौरान मैंने कहा था कि भारत की असली ताकत भी यही है। कि यहां विज्ञान को समाज की जरूरत से जोड़ा जा रहा है। और मुझे पूरा विश्‍वास है कि आप सभी हमारा एक-एक वैज्ञानिक परमाणु ऊर्जा स्‍पेस सांइस और रक्षा से जुड़े अपने कौशल को लगातार उन्‍नत करते जाएंगे।

साथियों, हमारे देश के लोगों को अब best से कम कुछ नहीं चाहिए। हमारा स्‍टेंडर्ड काफी ऊपर चला गया है। अगर हमारी संस्‍थाओं की सोच पुरानी होगी तो हम आंकाक्षाओं को पूरा नहीं कर पाएंगे। सांइस से जुड़े हमारे इंस्‍टीच्‍यूट्स को भी भविष्‍य की आवश्‍यकताओं के हिसाब से खुद को गढ़ना होगा। हमें अपनी मौलिक शक्ति को बनाए रखते हुए भविष्‍य के समाज और इकोनॉमी के हिसाब से हमें ढलना होगा। मैंने अपने Principle Scientific Advisor से इस बारे समग्र योजना बनाकर आगे बढ़ने के लिए आग्रह किया है इसमें आप सभी की साझेदारी भी बहुत जरूरी है।

साथियों, जब इच्‍छाशक्ति हो, तो सीमित संसाधनों में भी कैसे अद्भुत परिणाम दिए जा सकते हैं इसका उदाहरण हमारा स्‍पेस प्रोग्राम है। हमारा मून मिशन हो, mars मिशन हो, या‍ फिर सेटेलाइट लॉचिंग के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियां। दुनिया को आप जैसे हमारे अनेक वैज्ञानिकों के कौशल ने ही चकित किया है। अपने पहले ही प्रयास में हमने मंगल ग्रह के orbit में अपना मंगलयान सफलतापूर्वक भेज दिया था। ऐसे करने वाले हम पहले एशियाई देश थे। अभी तक जो हमनें हासिल किया है उससे मुझे पूरा विश्‍वास है कि वर्ष 2022 तक देश का अपना गगनयान सफलतापूर्वक देश के अपने बेटे-बेटियों को अंतरिक्ष में ले जाएगा और वहां तिरंगा फहरायेगा।

साथियों, हमारे scientist ने, आप सभी ने हमेशा मानवता की भलाई के लिए हमेशा अपना योगदान दिया है। जिन क्षेत्रों में आपने बेहतर काम किया है और जो देश के सामान्‍य मानवी के जीवन को आसान बनाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। उसमें से एक है हमारा pharma sector.... pharma के मामले में भारत आज दुनिया का छठा सबसे बड़ा मार्किट है और दुनिया का तीसरा सबसे तेजी से बढ़ता हुआ बाजार। आज भारतीय दवाएं 200 से ज्‍यादा देशों में निर्यात की जा रही है।

साथियों, हमारे pharma sector के विकास के पीछे council of scientific and industrial research labs यानी CSIR labs जैसी तकनीकी ताकत है। CSIR labs को इस बात का भी पूरा क्रेडिट जाता है कि दुनिया में मिलने वाली मंहगी दवाएं आज देश में बहुत ही कम दामों में उपलब्‍ध है। उनके पास जो दवा बनाने का ज्ञान है और भारत के जंगलों में जो दवा से जुड़े पौधों का खजाना है उससे CSIR का और अधिक विस्‍तार तय है। मैं समझता हूं कि अब हमारे pharma sector को और biotech को और गति देने का समय आ गया है। और इसके लिए जेनेरिक्‍स और bio-similar से मिलने वाली इसकी उपलब्धियों में इनोवेशंस को जोड़ना होगा।

साथियों, council of scientific and industrial research के द्वारा किया जा रहा एक और प्रयास सराहनीय है अरोमा मिशन.... अरोमा मिशन के जरिए जम्‍मू-कश्‍मीर, पूर्वोत्‍तर और छत्‍तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में अपना वो पहुंच बढ़ा रहा है। और मुझे बताया गया है कि पिछले 18 महीनों में देश भर में करीब 3 हजार हेक्‍टेयर भूमि पर ऐरो‍मेटिक प्‍लांटस की खेती को पहुंचाया गया है। इसके लिए CSIR की पूरी टीम बधाई के पात्र है।

ऐरो‍मेटिक प्‍लांटस के अलावा बायोफ्यूल के मामले में भी CSIR बड़ी भूमिका निभा रहा है। CSIR जो aviation bio fuel बनाया है उसका सफल ट्रायल भी हो चुका है। 27 अगस्‍त 2018 को पहली बार देहरादून से दिल्‍ली तक ये जहाज उड़ाया गया था। इससे भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जो bio fuel से जहाज उड़ा सकते हैं। सिर्फ सिविल ही नहीं बल्कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर हमारी एयरफोर्स के जेट ने भी bio fuel का इस्‍तेमाल किया।

साथियों, अब एक नए तरह के fuel की जरूरत पड़ने वाली है। अगले दो दशक में big data, machine learning, block chain, artificial intelligence जैसी कई नई तकनीक का दौर आने वाला है। ये सारी तकनीक डेटा पर आधारित होगी और इसलिए अब कहा जाने लगा है कि दुनिया में नया ईंधन डेटा ही होने वाला है। इन नई जरूरतों को देखते हुए हमारी सरकार ने National Mission on Interdisciplinary cyber physical system अभियान लॉन्‍च किया है। करीब साढे तीन हजार करोड़ इस अभियान पर खर्च किए जा रहे हैं। इसके तहत अगले पांच साल में robotics, artificial intelligence digital, manufacturing big data analysis quantum communication, and internet of things ये RND को बढ़ावा मिलेगा।

|

साथियों, केंद्र सरकार ने एक artificial intelligence task force भी बनाई। जिससे भारत industry 4.0 के लिए तैयार हो सके। मैं वैज्ञानिक समुदाय और technology expert से अपील करता हूं कि चौथी औद्योगिक क्रांति के इस शुरुआती दौर में विश्‍व की दिशा बदलने वाली नई टेक्‍नीकों को विकसित करे। ताकि भारत manufacturing, knowledge or technology आधारित industry का global hub बन सके। artificial intelligence का उपयोग देश में कृषि से लेकर परिवहन और हेल्‍थकेयर से लेकर मौसम विज्ञान में तक किया जा सकता है। इसमें वो ताकत है कि हम विकास और तरक्‍की के रास्‍ते पर अपने तय किए गए लक्ष्‍य को हासिल कर सकते हैं।

आज विकसित हो रही तकनीकों को सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता है। इसके लिए नई तरह की सोच की जरूरत है। cross disciplinary research इस सोच को और शक्ति दे सकता है। यानी रिसर्च का एक ऐसा वातावरण बनें जहां के इंजीनियर्स cell biologist के साथ काम कर सके। एक chemist arts से प्रेरणा ले सके। एक physicist or social scientist एक साथ सोच सके और काम कर सके। अलग-अलग discipline or ideas का ये संगम निश्चित रूप से R&D आधारित इनोवेशन का एक नया कल्‍चर विकसित करेगा।

मुझे विश्‍वास है कि इस कल्‍चर को हमारी सरकार द्वारा उच्‍च शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों में भी बल मिलेगा। हमारी सरकार ने शिक्षा और खासकर के उच्‍च शिक्षा के विकास के लिए कई बढ़े कदम उठाए हैं। हम research developments or innovation को बढ़ा रहे हैं। उच्‍च शिक्षा के संस्‍थानों को स्‍वायत्‍ता दी जा रही हैं। ताकि शिक्षा के स्‍तर को सुधारा जा सके। इसी प्रयास में 21 यूनिवर्सिटी समेत 60 higher education institute को graded autonomy दी गई है। IIMs स्‍वायत्‍ता देने के पीछे भी सरकार की यही सोच है। इसी तरह institutes of eminence पर भी काम शुरू किया जा चुका है। ऐसे संस्‍थानों को भी पूरी स्‍वायत्‍ता दी जा रही है। ताकि वो दुनिया के सर्वश्रेष्‍ठ संस्‍थानों में अपनी जगह बना सके। ये भी हमारा राष्‍ट्रीय दायित्‍व है कि हम अपने युवा वर्ग की सोच को प्रेरित कर सके। उसमें scientific temper विकसित कर सके। क्‍योंकि वही हमारा भविष्‍य है और भविष्‍य में वही भारत की बागडोर संभालेंगे जो दुनिया को रास्‍ता दिखाने वाली है।

|

साथियों, science or technology का असर तब ज्‍यादा होता है जब उसका प्रभाव समाज के अंतिम व्‍यक्ति और वंचित वर्ग को मिलता है। ऐसे में विज्ञान और तकनीक को देश की चुनौतियों से जोड़ने के साथ ही देश की सभी वैज्ञानिक एजेंसियों को इस अभियान का हिस्‍सा बनाना भी आवश्‍यक है। और इसलिए हमारी रिसर्च को solution oriented बनाना होगा। health care, affordable housing, clean energy, paryavaran, waste management, krishi, food processing, electric mobility, cyber security, value edition जैसे सवालों का उत्‍तर बनना पड़ेगा और मेरा मानना है कि science fundamental होना चाहिए उसमें तो compromise हो ही नहीं सकता। science fundamental होना चाहिए लेकिन technology local हो…… technology local का मतलब ये है कि उसको भारतीय परिस्थितियों और जरूरतों को जवाब बनना होगा। ये अभियान सफल हो, इसके लिए हमें अपनी silos से बाहर निकलना पड़ेगा, टुकड़ों में सोचने की जगह समग्र सोच रखनी होगी। अगर एक पेड़ लगाना है तो गड्ढा कौन खोदेगा, बीज कोई बोएगा और पानी कोई और डालेगा इस सोच से काम नहीं चल सकता है। हमें लक्ष्‍य स्‍पष्‍ट रखने होंगे तभी मार्ग हमें साफ दिखाई देगा। तेजी से बदलती टेक्‍नोलॉजी के साथ खुद को बदलने के लिए हमारे पब्लिक और प्राईवेट सेक्‍टर से उद्योग दोनों सक्षम हैं और ऊर्जा से भरे हुए हैं लेकिन competition के इस दौर में खुद को आगे रखने के लिए हमें और बड़े कदम उठाने होंगे, नई दिशाएं तय करनी होंगी। समाज की इन्‍हीं चुनौतियों के जवाब ढूंढने के लिए Prime Minister Science Technology & Innovation Advisory Council भी गंभीरता से काम कर रही है।

|

साथियों, हमें आपकी क्षमताओं पर, आपके कौशल पर, आपके सामर्थ्‍य पर पूरा भरोसा है। आपके इसी सामर्थ्‍य से ही न्‍यू इंडिया के लिए नए आविष्‍कार होंगे। नई तकनीक के बारे में सोचा जाएगा और विज्ञान के जरिए जनता की अपेक्षाओं के हिसाब से देश आगे बढ़ेगा और तभी हमारी सांइस और रिसर्च का फायदा हमारे जवान को भी होगा और हमारे किसान को भी होगा। एक बार फिर जिन महान लोगों ने विज्ञान के क्षेत्र में साधना की है। ऐसे सभी ऋषितुल्‍य वैज्ञानिकों को आज पुरस्‍कार प्राप्‍त हुआ है। मैं उन सबको आदरपूर्वक अभिनंदन करता हूं। बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सभी को National Science Day की फिर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

  • krishangopal sharma Bjp January 07, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 07, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌹
  • krishangopal sharma Bjp January 07, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 07, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 07, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌹🌷🌷🌷
  • Mahendra singh Solanki Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp December 05, 2023

    नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो नमो
  • G.shankar Srivastav June 20, 2022

    नमस्ते
  • Laxman singh Rana March 13, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌷
  • Laxman singh Rana March 13, 2022

    नमो नमो 🇮🇳🌷🌹
  • Laxman singh Rana March 13, 2022

    नमो नमो 🇮🇳
Explore More
78ਵੇਂ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਦਿਵਸ ਦੇ ਅਵਸਰ ‘ਤੇ ਲਾਲ ਕਿਲੇ ਦੀ ਫਸੀਲ ਤੋਂ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ, ਸ਼੍ਰੀ ਨਰੇਂਦਰ ਮੋਦੀ ਦੇ ਸੰਬੋਧਨ ਦਾ ਮੂਲ-ਪਾਠ

Popular Speeches

78ਵੇਂ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਦਿਵਸ ਦੇ ਅਵਸਰ ‘ਤੇ ਲਾਲ ਕਿਲੇ ਦੀ ਫਸੀਲ ਤੋਂ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ, ਸ਼੍ਰੀ ਨਰੇਂਦਰ ਮੋਦੀ ਦੇ ਸੰਬੋਧਨ ਦਾ ਮੂਲ-ਪਾਠ
Explained: How PM Narendra Modi's Khelo India Games programme serve as launchpad of Indian sporting future

Media Coverage

Explained: How PM Narendra Modi's Khelo India Games programme serve as launchpad of Indian sporting future
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
The government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM Modi at Khelo India Youth Games
May 04, 2025
QuoteBest wishes to the athletes participating in the Khelo India Youth Games being held in Bihar, May this platform bring out your best: PM
QuoteToday India is making efforts to bring Olympics in our country in the year 2036: PM
QuoteThe government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM
QuoteThe sports budget has been increased more than three times in the last decade, this year the sports budget is about Rs 4,000 crores: PM
QuoteWe have made sports a part of mainstream education in the new National Education Policy with the aim of producing good sportspersons & sports professionals in the country: PM

बिहार के मुख्यमंत्री श्रीमान नीतीश कुमार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी मनसुख भाई, बहन रक्षा खड़से, श्रीमान राम नाथ ठाकुर जी, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी जी, विजय कुमार सिन्हा जी, उपस्थित अन्य महानुभाव, सभी खिलाड़ी, कोच, अन्य स्टाफ और मेरे प्यारे युवा साथियों!

देश के कोना-कोना से आइल,, एक से बढ़ के एक, एक से नीमन एक, रउआ खिलाड़ी लोगन के हम अभिनंदन करत बानी।

साथियों,

खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान बिहार के कई शहरों में प्रतियोगिताएं होंगी। पटना से राजगीर, गया से भागलपुर और बेगूसराय तक, आने वाले कुछ दिनों में छह हज़ार से अधिक युवा एथलीट, छह हजार से ज्यादा सपनों औऱ संकल्पों के साथ बिहार की इस पवित्र धरती पर परचम लहराएंगे। मैं सभी खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। भारत में स्पोर्ट्स अब एक कल्चर के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। और जितना ज्यादा भारत में स्पोर्टिंग कल्चर बढ़ेगा, उतना ही भारत की सॉफ्ट पावर भी बढ़ेगी। खेलो इंडिया यूथ गेम्स इस दिशा में, देश के युवाओं के लिए एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म बना है।

साथियों,

किसी भी खिलाड़ी को अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए, खुद को लगातार कसौटी पर कसने के लिए, ज्यादा से ज्यादा मैच खेलना, ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगिताओं में हिस्सा, ये बहुत जरूरी होता है। NDA सरकार ने अपनी नीतियों में हमेशा इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आज खेलो इंडिया, यूनिवर्सिटी गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया यूथ गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया विंटर गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया पैरा गेम्स होते हैं, यानी साल भर, अलग-अलग लेवल पर, पूरे देश के स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर लगातार स्पर्धाएं होती रहती हैं। इससे हमारे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ता है, उनका टैलेंट निखरकर सामने आता है। मैं आपको क्रिकेट की दुनिया से एक उदाहरण देता हूं। अभी हमने IPL में बिहार के ही बेटे वैभव सूर्यवंशी का शानदार प्रदर्शन देखा। इतनी कम आयु में वैभव ने इतना जबरदस्त रिकॉर्ड बना दिया। वैभव के इस अच्छे खेल के पीछे उनकी मेहनत तो है ही, उनके टैलेंट को सामने लाने में, अलग-अलग लेवल पर ज्यादा से ज्यादा मैचों ने भी बड़ी भूमिका निभाई। यानी, जो जितना खेलेगा, वो उतना खिलेगा। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान आप सभी एथलीट्स को नेशनल लेवल के खेल की बारीकियों को समझने का मौका मिलेगा, आप बहुत कुछ सीख सकेंगे।

साथियों,

ओलंपिक्स कभी भारत में आयोजित हों, ये हर भारतीय का सपना रहा है। आज भारत प्रयास कर रहा है, कि साल 2036 में ओलंपिक्स हमारे देश में हों। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भारत का दबदबा बढ़ाने के लिए, स्पोर्टिंग टैलेंट की स्कूल लेवल पर ही पहचान करने के लिए, सरकार स्कूल के स्तर पर एथलीट्स को खोजकर उन्हें ट्रेन कर रही है। खेलो इंडिया से लेकर TOPS स्कीम तक, एक पूरा इकोसिस्टम, इसके लिए विकसित किया गया है। आज बिहार सहित, पूरे देश के हजारों एथलीट्स इसका लाभ उठा रहे हैं। सरकार का फोकस इस बात पर भी है कि हमारे खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा नए स्पोर्ट्स खेलने का मौका मिले। इसलिए ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में गतका, कलारीपयट्टू, खो-खो, मल्लखंभ और यहां तक की योगासन को शामिल किया गया है। हाल के दिनों में हमारे खिलाड़ियों ने कई नए खेलों में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है। वुशु, सेपाक-टकरा, पन्चक-सीलाट, लॉन बॉल्स, रोलर स्केटिंग जैसे खेलों में भी अब भारतीय खिलाड़ी आगे आ रहे हैं। साल 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला टीम ने लॉन बॉल्स में मेडल जीतकर तो सबका ध्यान आकर्षित किया था।

साथियों,

सरकार का जोर, भारत में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर भी है। बीते दशक में खेल के बजट में तीन गुणा से अधिक की वृद्धि की गई है। इस वर्ष स्पोर्ट्स का बजट करीब 4 हज़ार करोड़ रुपए है। इस बजट का बहुत बड़ा हिस्सा स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हो रहा है। आज देश में एक हज़ार से अधिक खेलो इंडिया सेंटर्स चल रहे हैं। इनमें तीन दर्जन से अधिक हमारे बिहार में ही हैं। बिहार को तो, NDA के डबल इंजन का भी फायदा हो रहा है। यहां बिहार सरकार, अनेक योजनाओं को अपने स्तर पर विस्तार दे रही है। राजगीर में खेलो इंडिया State centre of excellence की स्थापना की गई है। बिहार खेल विश्वविद्यालय, राज्य खेल अकादमी जैसे संस्थान भी बिहार को मिले हैं। पटना-गया हाईवे पर स्पोर्टस सिटी का निर्माण हो रहा है। बिहार के गांवों में खेल सुविधाओं का निर्माण किया गया है। अब खेलो इंडिया यूथ गेम्स- नेशनल स्पोर्ट्स मैप पर बिहार की उपस्थिति को और मज़बूत करने में मदद करेंगे। 

|

साथियों,

स्पोर्ट्स की दुनिया और स्पोर्ट्स से जुड़ी इकॉनॉमी सिर्फ फील्ड तक सीमित नहीं है। आज ये नौजवानों को रोजगार और स्वरोजगार को भी नए अवसर दे रहा है। इसमें फिजियोथेरेपी है, डेटा एनालिटिक्स है, स्पोर्ट्स टेक्नॉलॉजी, ब्रॉडकास्टिंग, ई-स्पोर्ट्स, मैनेजमेंट, ऐसे कई सब-सेक्टर्स हैं। और खासकर तो हमारे युवा, कोच, फिटनेस ट्रेनर, रिक्रूटमेंट एजेंट, इवेंट मैनेजर, स्पोर्ट्स लॉयर, स्पोर्ट्स मीडिया एक्सपर्ट की राह भी जरूर चुन सकते हैं। यानी एक स्टेडियम अब सिर्फ मैच का मैदान नहीं, हज़ारों रोज़गार का स्रोत बन गया है। नौजवानों के लिए स्पोर्ट्स एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में भी अनेक संभावनाएं बन रही हैं। आज देश में जो नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बन रही हैं, या फिर नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनी है, जिसमें हमने स्पोर्ट्स को मेनस्ट्रीम पढ़ाई का हिस्सा बनाया है, इसका मकसद भी देश में अच्छे खिलाड़ियों के साथ-साथ बेहतरीन स्पोर्ट्स प्रोफेशनल्स बनाने का है। 

मेरे युवा साथियों, 

हम जानते हैं, जीवन के हर क्षेत्र में स्पोर्ट्समैन शिप का बहुत बड़ा महत्व होता है। स्पोर्ट्स के मैदान में हम टीम भावना सीखते हैं, एक दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़ना सीखते हैं। आपको खेल के मैदान पर अपना बेस्ट देना है और एक भारत श्रेष्ठ भारत के ब्रांड ऐंबेसेडर के रूप में भी अपनी भूमिका मजबूत करनी है। मुझे विश्वास है, आप बिहार से बहुत सी अच्छी यादें लेकर लौटेंगे। जो एथलीट्स बिहार के बाहर से आए हैं, वो लिट्टी चोखा का स्वाद भी जरूर लेकर जाएं। बिहार का मखाना भी आपको बहुत पसंद आएगा।

साथियों, 

खेलो इंडिया यूथ गेम्स से- खेल भावना और देशभक्ति की भावना, दोनों बुलंद हो, इसी भावना के साथ मैं सातवें खेलो इंडिया यूथ गेम्स के शुभारंभ की घोषणा करता हूं।