QuoteThe 'remote control' Congress government never paid attention to Madhya Pradesh's needs: PM Modi
QuoteState after state, people are rejecting the negative politics of Congress: PM Modi
QuoteCongress represents nepotism, corruption, caste based and dynastic politics: PM Modi

मंच पर विराजमान मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और संसद में मेरे साथी श्रीमान राकेश सिंह जी, सांसद श्रीमान गणेश सिंह जी, सांसद श्रीमान जनार्दन मिश्र जी, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव भाई विष्णुदत्त शर्मा जी, सीधी जिला के अध्यक्ष श्रीमान राजेश मिश्रा जी और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जिन समाजसेवियों को, जिन कर्मठ कार्यकर्ताओं को इस चुनाव में प्रत्याशी के रूप में आप सब के आशीर्वाद के लिए प्रस्तुत किया है…सबसे पहले रीवा से श्रीमान राजेंद्र शुक्ला जी, गुड़ से श्रीमान नागेंद्र सिंह जी, सीधी से श्रीमान केदारनाथ जी, देवतालाव से श्रीमान गिरीश गौतम जी, मनगांव से श्रीमान पंचूलाल प्रजापति जी, त्योंथर से श्रीमान श्यामलाल द्विवेदी जी, रैगांव से श्रीमान जुगलकिशोर बागरी जी, अमरपाटन से श्रीमान रामखेलावन पटेल जी, चित्रकूट से श्रीमान सुरेंद्र सिंह जी, सिरमौर से श्रीमान दिव्यराज सिंह, चुरहट से श्रीमान सत्येंदु जी, सेमरिया से श्रीमान के.पी. त्रिपाठी जी...आप सबसे मेरा आग्रह है, भारत मां की जय का जयकारा करते हुए मेरे इन सभी साथियों को आशीर्वाद दीजिए...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय!

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विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो। मैं मेरा संबोधन शुरू करने से पहले आज एक शिकायत करना चाहता हूं...करूं? क्यों शिकायत अच्छी नहीं लगती? शिकायत करूं...आप बुरा नहीं मानेंगे ना...? नहीं-नहीं कोई जवाब दे तो मैं हिम्मत करूं वरना तो कैसे हिम्मत करूंगा? बुरा नहीं मानेंगे ना...शिकायत करूं? लेकिन मेरी शिकायत मीठी है कड़वी नहीं है..करूं शिकायत? 2014 में जब मैं लोकसभा का चुनाव लड़ रहा था, भारतीय जनता पार्टी ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था...एक प्रकार से उस समय मैं देश में भाजपा के लिए और मेरे लिए वोट मांगता फिरता था...और उस अभियान के दरम्यान मेरा यहां भी आना हुआ था लेकिन उस समय आधे लोग भी नहीं आए थे। आज ये विराट जनसागर...जहां भी मेरी नजर पहुंच रही है, उत्साह से भरे हुए संकल्प को लेकर के चले हुए, ये लाखों लोगों को मैं नमन करता हूं।

भाइयो-बहनो, ये आपका प्यार, ये आपके आशीर्वाद दिल्ली में बैठ करके एयर कंडीशंड कमरों में लोगों को पता नहीं चलता है कि हवा का रुख किस तरफ जा रहा है। मैं अभी झाबुआ से आ रहा हूं...मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि झाबुआ में इतनी बड़ी सभा हो सकती है। पूरा स्टेडियम खचाखच भर गया था। झाबुआ जैसे आदिवासी इलाके का छोटा सा स्थान और आज रीवा ने तो कमाल कर दिया है।

भाइयो-बहनो, विंध्य की गोद में बसे मां रेवा, मां नर्मदे से ऊर्जा लेने वाले बीहर की और बिछिया की कलकल बहती धारा के साक्षी, सफेद शेरों की धरती, रीवा के जन-जन को मेरा प्रणाम। तानसेन के सुर और बीरबल की हाजिर जवाबी यहां के कण-कण में, जन-जन में रचा बसा है और तानसेन के कारण मेरा भी रीवा से एक नाता बन जाता है। आपको आश्चर्य होगा कि मोदी गुजरात का और उसको तानसेन से क्या लेना-देना, रीवा से क्या लेना-देना। लेना-देना है, आपको पता होगा जो कथाएं सुनने को मिलती हैं कि तानसेन ने दीपक राग गाया, और दीपक राग की उसकी ताकत इतनी थी कि पूरे शरीर में ज्वाला होने लग गई, दीपक राग की ताकत हुआ करती थी, दिए जल जाते थे और तानसेन में वो महारत थी, लेकिन तानसेन के उस राग का इतना असर हुआ कि दीपक तो जले ही जले, भीतर से उनका बदन भी जलने लग गया। अब तानसेन परेशान थे, इस परिस्थिति का उपाय क्या? किसी ने उनसे कहा कि अगर कोई मल्हार राग गा लें और मल्हार राग की ताकत से अगर वर्षा हो जाए, उस वर्षा से अगर तानसेन का शरीर भीगे तब जाकर ज्वाला समाप्त हो सकती है, तब तक नहीं हो सकती...और तब जहां मेरा जन्म हुआ मेरा गांव वडनगर, वहां दो बेटियां हुआ करती थीं नागर ब्राह्मण परिवार की, ताना और रीरी...अकबर को पता चला कि वडनगर में ताना-रीरी नाम की दो बेटियां हैं, वे संगीत की दुनिया में...उनको महारत है और वे मल्हार राग गाती हैं...स्वयं तानसेन वहां गए...ताना-रीरी ने मल्हार का राग गाया, वर्षा हुई और तानसेन की ज्वाला को समाप्त करके उनको ठंडक का एहसास कराने का काम मेरे गांव की दो छोटी-छोटी कन्याओं ने किया था...और इसीलिए मेरा स्वाभाविक नाता तानसेन के कारण ही क्यों ना हो रीवा से ऐसे ही बन जाता है जो तानसेन की भूमि रही है।

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वो एक वक्त था कि वडनगर की दो कन्याओं ने तानसेन के भीतर जलती हुई आग को शांत किया था, आज उसी गांव से एक बेटा आया है आपके पास, जो आपके सपनों को पूरा करने के लिए वो अपना जीवन खपाने में लगा हुआ है। आपके संकल्प ही मेरे संकल्प हैं, आपके सपने ही मेरे सपने हैं, आपके पुरुषार्थ के साथ मेरा भी पुरुषार्थ जुड़ा हुआ है...अगर आप 10 घंटा काम करेंगे तो मैं 11 घंटा करूंगा, अगर आप 14 घंटे काम करोगे, मैं 15 घंटे काम करूंगा, आपका भला करने के लिए ईश्वर ने मुझे जितनी शक्ति और सामर्थ्य, बुद्धि और प्रतिभा दी है...वो पूरा का पूरा। ये सवा सौ करोड़ देशवासी यही मेरा परिवार है। परिवार का मुखिया जिस प्रकार से परिवार की भलाई के लिए अपने आप को खपा देता है, मैं भी सवा सौ करोड़ देशवासियों के मेरे परिवार की भलाई के लिए पल-पल, तिल-तिल अपने आपको खपाता रहा हूं…और मैं कभी उसमें कमी नहीं आने दूंगा ये मैं आपको विश्वास दिलाने आया हूं। और ये मुझे ऊर्जा मिलती है आपके आशीर्वाद से, ये मुझे ऊर्जा मिलती है मेरी माताओं-बहनों के आशीर्वाद से...ये संकल्प को सिद्ध करने के लिए दिन-रात दौड़ने की ताकत मिलती है...मगर ये गरीबों को जब देखता हूं और मेरी अपनी गरीबी जब मुझे याद आती है तो मेरा मन करता है मैं कभी चैन से बैठूंगा नहीं, जब तक कि उनको समाज जीवन में बराबरी का स्थान ना दिला दूं...उनके जीवन में कोई बदलाव ना ला दूं।

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भाइयो-बहनो, ये चुनाव कौन एमएलए बने, कौन एमएलए ना बने, इतने सीमित हेतु के लिए नहीं है। ये चुनाव किसकी सरकार बने, किसकी ना बने, कौन दल जीते, कौन दल हारे इतने सीमित हेतु के लिए नहीं है। ये चुनाव, आपको फैसला करना है कि आपके नौजवान बेटे-बेटियों को जिनके सारे सपने अभी अधूरे हैं, जो अभी-अभी पढ़ाई करके निकले हैं या जो अभी स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं...आप अपने बच्चों को कैसा मध्य प्रदेश देना चाहते हैं, उसका फैसला करने के लिए चुनाव है। ये चुनाव किसी दल का भाग्य निर्धारित करने के लिए नहीं है, ये चुनाव आपका भाग्य निर्धारित करने के लिए है और इसीलिए मेरे भाइयो-बहनो, मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूं...मत डालने से पहले 55 साल का कांग्रेस का शासन और 15 साल का बीजेपी का शासन, पलभर के लिए जरा याद कर लीजिए। यहां जो बड़ी उम्र के लोग बैठे हैं 35-40-50-55-60-70-80 आप जरा मन में सोचिए, वो दिन याद कीजिए जब घर में कोई बीमार होता था, गर्मी तेज होती थी और मन करता था पंखा चले तो मां की बीमारी में ठीक रहेगा लेकिन बिजली नहीं आती थी, पंखा वैसा का वैसा लटका रहता था और बीमार मां परेशान रहती थी...वो दिन जरा याद करिए जब कांग्रेस की सरकारें हुआ करती थीं। कोई गर्भवती मां तबीयत खराब हो जाए, जीवन और मृत्यु की लड़ाई लड़ रही थी और नजदीक के शहर में अस्पताल जाना था, 20-25 किलोमीटर का रास्ता काटना था लेकिन पक्की सड़क नहीं थी गांव से...और बड़ी मुश्किल से उस गर्भा बहन को लेकर के अस्पताल के लिए निकल पड़ते थे...लेकिन कच्ची सड़क पर ट्रैक्टर पर बिठा करके ले जा रहे हैं या खटिया में बिठा करके, दौड़ करके ले जा रहे हैं और रास्ते में ही या तो बच्चा मर जाता या कभी मां मर जाती, कभी मां और बच्चा दोनों मर जाते। वो दिन...कांग्रेस के रास्ते याद कीजिए तब आपको पता चलेगा कि शिवराज जी की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने, प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में बैठकर के क्या काम किया, उसका जरा हिसाब लगा लीजिए।

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भाइयो-बहनो, आखिर सरकार किसके लिए होती है। क्या सरकार अमीरों के लिए होती है, अरे अमीर को तो अपने बच्चों को पढ़ाना है तो दुनिया के बड़े से बड़े स्कूल में पढ़ने के लिए भेज देगा, हिन्दुस्तान के किसी भी कोने में जहां अच्छा स्कूल होगा, रुपये पैसे डालकर के पढ़ने के लिए भेज देगा। गरीब को तो अगर बच्चों को पढ़ाना है तो सरकार के स्कूल पर ही निर्भर रहना पड़ता है और सरकार का दायित्व बनता है कि शिक्षा के लिए चिंता करे। अगर गरीब बीमार होता है तो उसका कौन, अगर अमीर बीमार होता है सारे डॉक्टर उसके घर के आगे कतार लगा करके खड़े हो जाएंगे, स्पेशल प्लेन लेकर के अच्छे से अच्छे अस्पताल में चला जाएगा, गरीब बीमार होगा तो उसका सहारा तो सरकारी अस्पताल ही हुआ करता है, उसके लिए कोई चारा नहीं होता है।

अमीर को एक गांव से दूसरे गांव जाना है, खटाक से स्कूटर लेके निकल पड़ेगा, मोटर बाइक लेके निकल पड़ेगा, कार लेके चल पड़ेगा, गरीब को जाना है उसको तो सरकार की बस आए उसका इंतजार करना पड़ेगा। अगर सरकार की बस नहीं आएगी तो वो अपने रिश्तेदार को मिलने के लिए नहीं जा पाएगा और इसीलिए मेरा ये मंत्र है कि सरकार गरीबों के लिए होनी चाहिए। सरकार सामान्य मानवी के लिए होनी चाहिए, सरकार जरूरतमंदों के लिए होनी चाहिए और हमने कोशिश की है कि हमारी सरकार इस काम को पूरा करे।

भाइयो-बहनो, कहने को तो शिवराज जी की सरकार को 15 साल भाजपा की सरकार को मध्य प्रदेश में हुए हैं, लेकिन हकीकत में ये हिसाब...जरा सुधार करने की जरूरत है। जनता जनार्दन ने तो हमें ये 15 साल दिए लेकिन 15 साल में 10 साल, दिल्ली में मैडम की सरकार थी, रिमोट कंट्रोल वाली सरकार थी, और वो मैडम को भारतीय जनता पार्टी का नाम सुनते ही कान खड़े हो जाते हैं...ये शिवराज सिंह, मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री...हम उसको सफल नहीं होने देंगे...हम जितने रोड़े अटका सकते हैं, अटकाएंगे, जितनी अड़चन डाल सकते हैं, डालेंगे। 10 साल मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार को हर दिन दिल्ली से लड़ाई लड़ने में उनका टाइम गया है। मध्य प्रदेश के नागरिकों के हक के लिए उनको हर पल लड़ाई लड़नी पड़ती थी और उन्होंने चाहे पानी के प्रोजेक्ट हों, बिजली के प्रोजेक्ट हों, रास्ते के प्रोजेक्ट हों, शिक्षा के प्रोजेक्ट हों, हर चीज में रुकावटें डालीं, इसीलिए वो 10 साल तो संघर्ष में गए। सच्चे अर्थ में मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को खुले मन से काम करने का मौका ये साढ़े चार साल मिला है जब दिल्ली में आपने भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाई। उसके बावजूद भी मध्य प्रदेश को कहां से कहां पहुंचाया। अगर पूरे 15 साल हमें मिले होते तो आज मध्य प्रदेश आपके सपनों का बन गया होता। लेकिन भाइयो-बहनो, अब भी वक्त है अब दिल्ली में ऐसी सरकार है जो मध्य प्रदेश के लोगों के सपनों के अनुकूल निर्णय करने के लिए तत्पर रहती है। मध्य प्रदेश के लोगों की आशा, आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, मध्य प्रदेश की शिवराज जी की सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए दिन-रात दौड़ने वाली सरकार है। अब मध्य प्रदेश को पिछले साढ़े चार साल से डबल इंजिन मिला हुआ है, भोपाल में शिवराज जी का इंजन है तो दिल्ली में नरेन्द्र मोदी का इंजन है और ये दोनों इंजन मध्य प्रदेश को आगे ले जाने में लगे हुए हैं।

भाइयो-बहनो, आखिरकार वोट देने से पहले सरकार ने जो निर्णय किए हैं, जो काम किए हैं, जो परिणाम दिखाए हैं उससे अंदाज आएगा कि हमें किन लोगों को लाना है। मैं विश्वास से कहता हूं, जो लोग कांग्रेस को भली-भांति जानते हैं, जो लोग कांग्रेस के काम को भी जानते हैं और कारनामों को भी जानते हैं वो एक बार कांग्रेस गई दोबारा घुसने नहीं देते हैं। आप देखिए उत्तर प्रदेश...ढेर सारे प्रधानमंत्री कांग्रेस के उत्तर प्रदेश से आए, एक परिवार के 4 नेता उत्तर प्रदेश से आए, 3 प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से आए। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का ही राज चलता था, उसी का डंका बजता था लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता जैसे ही कांग्रेस को पहचान गई एक बार उसको वहां से जो हटाया, आज 30-35 साल हो गए फिर से कांग्रेस को पैर नहीं रखने दिया है। रखने दिया है क्या..रखने दिया है क्या? आप पश्चिम बंगाल देखिए, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का ही राज चलता था, वहां की जनता ने कांग्रेस को उखाड़ फेंका, कम्युनिस्टों की सरकार आई, बाद में ममता जी को भी लाए लेकिन पश्चिम बंगाल की जनता आज 40-45 साल के बावजूद भी कांग्रेस को पैर रखने देने के लिए तैयार नहीं है।

भाइयो-बहनो, बिहार देख लीजिए…बड़े-बड़े दिग्गज नेता हुआ करते थे बिहार में कांग्रेस के, जनता ने एक बार वहां से कांग्रेस को हटाया…अच्छे हों, बुरे हों किसी को स्वीकार किया, लालू जैसे लोगों को स्वीकार किया लेकिन दुबारा बिहार में कांग्रेस को पैर रखने नहीं दिया। गुजरात देख लीजिए, 30 साल हो गए, एक कांग्रेस का वहां एकचक्री शासन वहां हुआ करता था, वहां की जनता कांग्रेस को पहचान गई एक बार उसको हटाया, 30 साल हो गए, आज भी कांग्रेस को पैर नहीं रखने देते। मेरे मध्य प्रदेश के भाइयो-बहनो, ये हिन्दुस्तान के राज्यों की जो समझ है, जो बुद्धिमानी है उसको भलीभांति हम समझें और हम भी मध्य प्रदेश में संकल्प करें। और एक जमाना था कांग्रेस वाले ऐसे नारे देते थे, आधी रोटी खाएंगे इंदिरा को लाएंगे, यानि ऐसा ही सिखाया था भूखे मरो...बस हमारा राज, हमारा राज बना रहे। यही सिखाया गया था, लोग भूखे मरते रहे, उनको परवाह नहीं रही। उनकी राजगद्दी सलामत रही, यही सिखाया गया था।

भाइयो-बहनो, हिन्दुस्तान में जहां से भी कांग्रेस जाती है दुबारा कांग्रेस लौट करके नहीं आती है। मेरे मध्य प्रदेश में भी उस 55 साल के बुरे हाल, किसी भी हालत में मध्य प्रदेश में मत आने दीजिए और इसीलिए भाइयो-बहनो कांग्रेस के आने का मतलब होता है भाई-भतीजावाद, कांग्रेस के आने का मतलब होता है जातिवाद का जहर, कांग्रेस के आने का मतलब होता है संप्रदायवाद की लड़ाई, कांग्रेस के आने का मतलब होता है मेरे-तेरे का खेल, कांग्रेस के आने का मतलब होता है भ्रष्टाचार, डगर-डगर पर भ्रष्टाचार, कांग्रेस के आने का मतलब होता है जो भी करें खुद के लिए करें। जनता मरे तो मरे ये मंत्र लेकर के कांग्रेस ने देश के 50 साल बर्बाद किए हैं और इसीलिए भाइयो-बहनो, मैं आज मध्य प्रदेश की जनता से आग्रह करने आया हूं और आप देखिए छत्तीसगढ़ में नक्सलवादियों ने कहा था वोट करने जाओगे तो उंगली काट देंगे उसके बाद भी 70% से ज्यादा वोट कर-कर के लोकतंत्र का झंडा बस्तर के अंदर, छत्तीसगढ़ में हमारे देश के लोकतंत्रप्रेमी नागरिकों ने फहरा दिया। आज भी भारी मतदान हुआ है। श्रीनगर, वहां जो सरकारें पहले हुआ करती थीं वो चुनाव कराने की हिम्मत नहीं करती थीं, वो डरते थे गोलियां चल जाएंगी, मर जाएंगे...नगरपालिकाओं के चुनाव एक भी हिंसा के बिना पूरे हो गए, पंचायतों के चुनाव चल रहे हैं। कश्मीर घाटी में तीन दिन पहले मतदान हुआ...65% मतदान हुआ। आतंकवादियों ने बंद का कॉल दिया था...बम, बंदूक, गोली, पिस्तौल की धाक-धमकी दी थी उसके बावजूद भी लोकतंत्र में श्रद्धा रखने वालों ने वोट करके परचम फहरा दिया। मेरे मध्य प्रदेश के भाइयो-बहनो, अरे आतंकवादियों की धमकी के बीच भी लोग लोकतंत्र के लिए मैदान में आते हैं, भाइयो-बहनो, उंगलियां काटने की धमकियों के बाद भी लोग आते हैं। मध्य प्रदेश के लोग 28 तारीख को भारी मतदान करके भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाएंगे।

भाइयो-बहनो, हमारे देश में आप मुझे बताइए, ये सूरज...ये सूरज मैं जरा आपको पूछना चाहता हूं...ये सूरज मोदी के आने के बाद निकला क्या...पहले सूरज था कि नहीं था...सूरज उगता था कि नहीं उगता था...पहले भी रोशनी देता था कि नहीं देता था...मोदी के आने के पहले भी देता था कि नहीं देता था? भाइयो-बहनो, 50 साल तक कांग्रेस की सरकारों को सूरज नहीं दिखाई दिया, 4 साल में मोदी को सूरज की ताकत दिखाई दी। कैसे फर्क आता है? सूर्य ऊर्जा में 50 साल में जो काम हुआ, हमने 4 साल में 9 गुना ज्यादा उस काम को कर दिया। 72 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी आज देश में हमने उत्पादन करके दे दी। भाइयो-बहनो, हमारे मध्य प्रदेश में 55 साल कांग्रेस ने किया बेहाल, 55 साल कांग्रेस ने किया बेहाल और 30 मेगावाट नवीनीकरण वाली ऊर्जा, 30 मेगावाट थी भाइयो-बहनो, हमने 15 साल के अंदर मध्य प्रदेश में 4,000 मेगावाट नवीनीकरण ऊर्जा का काम किया। कहां 55 साल में 30 मेगावाट और कहां 15 साल में 4,000 मेगावाट... उनको सूरज नहीं दिखता था. हमें सूरज की ताकत दिखती है और इसीलिए हम जनता की भलाई के लिए उसको काम में लाते हैं। भाइयो-बहनो, आप सोचिए 55 साल में उन्होंने 30 मेगावाट किया, उनको अगर 4,000 इसी गति से करना होता 4,000 मेगावाट तो कितने साल लग जाते...अरे 3-3 पीढ़ी पूरी हो जाती तो भी वो 4,000 मेगावाट काम नहीं कर सकते, जो काम हमने 15 साल में कर दिया और आज मध्य प्रदेश के घरों में हर उपयोग के लिए 24 घंटे बिजली देने का सफल काम शिवराज जी की सरकार ने करके दिखाया है भाइयो-बहनो। हमारे किसान भाइयों-बहनों को हम सोलर पंप देने का बड़ा अभियान लेकर के चले हैं। आने वाले समय में 28 लाख खेतों में हम सोलर पंप देंगे। बिजली का बिल नहीं आएगा। सूरज शक्ति से चलने वाली पैनल होगी उसी से पंप चलेगा, उसी से पानी निकलेगा और ज्यादा बिजली पैदा हुई तो किसान वो बिजली भी बेच सकेगा और हम तो चाहते हैं हमारे देश का किसान जो आज अन्नदाता है वो अन्नदाता भी रहेगा और ऊर्जादाता भी बनेगा। वो अपने खेत में सूर्य ऊर्जा पैदा कर करके देश को ऊर्जा भी देगा, देश को रोशन भी करने का काम करेगा। इस योजना को लेकर के हम काम कर रहे हैं।

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भाइयो-बहनो, अभी हमारे राकेश सिंह जी गरीब के घर की चर्चा कर रहे थे, आप कल्पना कर सकते हैं प्रधानमंत्री आवास योजना, आपको किसी को याद आता है कि कहीं पर सरकार की आवास बनाने की योजना पहले चलती थी। रुपये तो निकलते थे लेकिन रुपये कहां चले जाते थे ये कांग्रेस के नेता के पिता श्री जब देश के प्रधानमंत्री थे तो भाषण दिया करते थे, वो कहते थे श्रीमान राजीव गांधी कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो गांव में जाते-जाते 15 पैसा हो जाता है। दिल्ली से 1 रुपया निकलता है तो गांव में जाते-जाते 15 पैसा हो जाता है। जब राजीव गांधी की सरकार थी, पंचायत से पार्लियामेंट तक कांग्रेस का ही झंडा फड़कता था, कांग्रेस के सिवाय कोई पार्टी बची नहीं थी। भाइयो-बहनो, मैं पूछना चाहता हूं, जरा कांग्रेस वाले जवाब दो ये आप ही की पार्टी के प्रधानमंत्री श्रीमान राजीव गांधी ने कहा था, 1 रुपया दिल्ली से निकलता है,15 पैसा गांव पहुंचता है। मैं पूछना चाहता हूं वो कौन सा पंजा था जो रुपये को 15 पैसा बना देता था और 85 पैसे मार लेता था, वो कौन सा पंजा था?

भाइयो-बहनो, गरीबों के आवास के नाम पर दिल्ली से अरबों-खरबों रुपये निकले पिछले कई वर्षों में लेकिन घर नहीं बन पाता था। हमने तय किया 2022, भारत की आजादी के 75 साल होंगे, हिन्दुस्तान में एक भी परिवार ऐसा नहीं होगा, जिसके पास अपना खुद का पक्का घर नहीं होगा। और ये सिर्फ वादे नहीं, 4 साल के भीतर-भीतर सवा करोड़ लोगों को घर की चाबी दे दी गई है। सवा करोड़ लोग जो कभी झुग्गी-झोपड़ी में जिंदगी गुजारते थे, फुटपाथ पर रात को सोते थे, पक्के घर में दिवाली मनाने का सौभाग्य हम दे चुके हैं भाइयो-बहनो। और हम सिर्फ चारदीवारी नहीं देते हैं, हम नल भी देते हैं और नल में जल भी देते हैं। हम बिजली भी देते हैं, हम गैस का कनेक्शन भी देते हैं, गैस का चूल्हा भी देते हैं, शौचालय भी देते हैं। भाइयो-बहनो, गरीब को सम्मानपूर्वक जिंदगी देने का हमारा ये प्रयास है। और इसीलिए भाइयो-बहनो आप कल्पना कर सकते हो पहले कैसी सरकार चलती थी, कांग्रेस के जमाने में सामान्य मानवी को गैस का कनेक्शन सीधा नहीं मिलता था। जब तक कटकी कंपनी की व्यवस्था ना हो, गैस का चूल्हा नहीं मिलता था, उसके जमाने में नियम था कि हर मेंबर ऑफ पार्लियामेंट को, एमपी को 25 कूपन मिलेगी हर साल 25 कूपन और वो अपने इतने बड़े लोकसभा क्षेत्र में एक साल में 25 लोगों को कूपन देगा, उस कूपन से उसको गैस का कनेक्शन मिलेगा। ये देखिए 21वीं सदी में कांग्रेस ने कैसे राज किया, इसका नमूना देखिए...एमपी को 25 कूपन, 5 साल में 125 कूपन और 125 घरों में गैस का कनेक्शन, मध्यम वर्ग का परिवार सुबह एमपी साहब के घर के बाहर कतार लगाके खड़ा रहता था, हाथ-पैर जोड़ता था...साहब एक कूपन दे दीजिए...वो कहता है अगले साल देखूंगा, आएगा तो दे दूंगा।

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ये देश वही है, लोग वही हैं, सरकार वही है, कानून वही है, फाइलें वही हैं, लीडरशिप बदलती है सोच बदलती है, तो काम कैसे होता है...हमने तय किया, इस देश के 8 करोड़ माताएं-बहनें जो लकड़ी का चूल्हा जला करके धुएं में जिंदगी गुजारती है, हम, मेरी इन गरीब 8 करोड़ माताओं को लकड़ी के चूल्हे से, अंधियारी जिंदगी से, धुएं की जिंदगी से मुक्त कराएंगे। और एक मां जब लकड़ी के चूल्हे, धुएं के बीच रोटी पकाती है, एक दिन में उस मां के शरीर में 400 सिगरेट का धुआं जाता है...और घर में जो बच्चे खेलते हैं उनको भी इस धुएं का शिकार होना पड़ता है। मैंने गरीबी देखी है...मैंने धुएं में खाना पकाती मेरी मां को देखा है... दर्द होता था...प्रधानमंत्री बना तो मुझे लगा जो दर्द मेरी मां को होता था, ये करोड़ों-करोड़ों मेरी माताओं का भी दर्द मुझे मिटाना है। 8 करोड़ परिवारों को मुफ्त में गैस का कनेक्शन देने का अभियान चलाया और भाइयो-बहनो वादा नहीं, चुनावी घोषणाएं नहीं, 8 करोड़ परिवारों में से 6 करोड़ परिवारों को गैस का कनेक्शन, उज्ज्वला योजना में दे चुके हैं। भाइयो-बहनो, हमारे मध्य प्रदेश में भी 50 लाख परिवारों को गैस का कनेक्शन मिला है...और हमारे इस रीवा में भी 1.5 लाख परिवारों को ये कनेक्शन मिल चुका है। भाइयो-बहनो, अगर इरादे नेक हों, नीति साफ हो, नीयत में कोई खोट ना हो तो अच्छे काम बहुत स्वाभाविक रूप से होते हैं भाइयो-बहनो।

आप कांग्रेस के पास कोई अपेक्षा नहीं करते। जिनके लीडर कन्फ्यूज हों और जिनकी पार्टी फ्यूज हो, वे किसी भी हालत में आपको करेंट नहीं पहुंचा सकते हैं। और इसीलिए भाइयो-बहनो, मध्य प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य के लिए गत 15 साल में, 10 साल संघर्ष में बीतने के बावजूद भी, साढ़े चार साल में, दिल्ली का भी सहयोग मिलने के कारण मध्य प्रदेश जिस गति से आगे बढ़ा है, जिस प्रकार से सपनों को पूरा किया है... मैं आपसे आग्रह करने आया हूं, कांग्रेस का एक भी नुमाइंदा जीतना नहीं चाहिए, एक भी जीतना नहीं चाहिए। ये कांग्रेस का अहंकार...किसी की परवाह नहीं करना, अनाप-शनाप हर किसी का अपमान करना, ये जो उनका अहंकार है उस अहंकार को चूर-चूर करने के लिए 28 नवंबर एक मौका है। ये 28 नवंबर, अहंकार को चूर-चूर करने का मौका है...और मुझे दिल्ली में लोग कहते हैं कि दिल्ली की एक विशेषता है, सतयुग से देख लो, त्रेतायुग देख लो, मुगल सल्तनत देख लो...कहते हैं कि दिल्ली को एक ऐसा श्राप है कि किसी की भी कितनी ही सल्तनत बड़ी क्यों ना हो लेकिन चौथी पीढ़ी आने के बाद वो समाप्त हो जाती है। चौथी पीढ़ी के आगे किसी का कुछ बचता ही नहीं है, ये कांग्रेस का भी वही हाल हुआ है। ये चौथी पीढ़ी पर आके अटका हुआ है, अब बचने वाला नहीं है। और इसीलिए भाइयो-बहनो, भारतीय जनता पार्टी के कमल निशान पर बटन दबाइए, मध्य प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य के लिए भारतीय जनता पार्टी को आशीर्वाद दीजिए, मेरे इन सभी साथियों को आशीर्वाद दीजिए और भव्य विजय के साथ 28 नवंबर को आपका मतदान, विकास यात्रा के एक नव प्रकरण की ओर शुरुआत करेगा, नया मध्य प्रदेश बनाने की दिशा की शुरुआत करेगा। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की...जय...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय! बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • दीपक प्रजापति March 15, 2024

    दीपक प्रजापति
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PM Modi's address to the nation
May 12, 2025
QuoteToday, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
QuoteOperation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
QuoteTerrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
QuotePakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
QuoteOperation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
QuoteThis is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
QuoteZero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
QuoteAny talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM

ਪਿਆਰੇ ਦੇਸ਼ਵਾਸੀਓ,

ਨਮਸਕਾਰ!

ਅਸੀਂ ਸਾਰਿਆਂ ਨੇ ਬੀਤੇ ਦਿਨਾਂ ਵਿੱਚ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਅਤੇ ਉਸ ਦਾ ਸੰਜਮ ਦੋਵੇਂ ਦੇਖੇ ਹਨ। ਮੈਂ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਭਾਰਤ ਦੀ ਪਰਾਕ੍ਰਮੀ ਸੈਨਾਵਾਂ ਨੂੰ, ਹਥਿਆਰਬੰਦ ਬਲਾਂ ਨੂੰ, ਸਾਡੀਆਂ ਖੁਫੀਆਂ ਏਜੰਸੀਆਂ ਨੂੰ, ਸਾਡੇ ਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਨੂੰ, ਹਰ ਭਾਰਤਵਾਸੀ ਵੱਲੋਂ ਸੈਲਿਊਟ ਕਰਦਾ ਹਾਂ। ਸਾਡੇ ਵੀਰ ਸੈਨਿਕਾਂ ਨੇ ‘ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ’ ਦੇ ਟੀਚਿਆਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਲਈ ਅਸੀਮ ਸ਼ੌਰਯ ਦਾ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨ ਕੀਤਾ। ਮੈਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵੀਰਤਾ ਨੂੰ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਾਹਸ ਨੂੰ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਰਾਕ੍ਰਮ ਨੂੰ, ਅੱਜ ਸਮਰਪਿਤ ਕਰਦਾ ਹਾਂ- ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਹਰ ਮਾਤਾ ਨੂੰ, ਦੇਸ਼ ਦੀ ਹਰ ਭੈਣ ਨੂੰ, ਅਤੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਹਰ ਬੇਟੀ ਨੂੰ, ਇਹ ਪਰਾਕ੍ਰਮ ਸਮਰਪਿਤ ਕਰਦਾ ਹਾਂ।

ਸਾਥੀਓ,

22 ਅਪ੍ਰੈਲ ਨੂੰ ਪਹਿਲਗਾਮ ਵਿੱਚ ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੇ ਜੋ ਬਰਬਰਤਾ ਦਿਖਾਈ ਸੀ, ਉਸ ਨੇ ਦੇਸ਼ ਅਤੇ ਦੁਨੀਆ ਨੂੰ ਝੰਜੋੜ ਕੇ ਰੱਖ ਦਿੱਤਾ ਸੀ। ਛੁੱਟੀਆਂ ਮਨਾ ਰਹੇ ਨਿਰਦੋਸ਼- ਮਾਸੂਮ ਨਾਗਰਿਕਾਂ ਨੂੰ ਧਰਮ ਪੁੱਛ ਕੇ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ, ਬੇਰਹਮੀ ਨਾਲ ਮਾਰ ਦੇਣਾ, ਇਹ ਅੱਤਵਾਦ ਦਾ ਬਹੁਤ ਡਰਾਉਣਾ ਚਿਹਰਾ ਸੀ , ਕਰੂਰਤਾ ਸੀ। ਇਹ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਸਦਭਾਵਨਾ ਨੂੰ ਤੋੜਨ ਦਾ ਘਿਣਾਉਣਾ ਯਤਨ ਵੀ ਸੀ। ਮੇਰੇ ਲਈ ਨਿਜੀ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਇਹ ਪੀੜਾ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਸੀ। ਇਸ ਅੱਤਵਾਦੀ ਹਮਲੇ ਦੇ ਬਾਅਦ ਸਾਰਾ ਰਾਸ਼ਟਰ, ਹਰ ਨਾਗਰਿਕ, ਹਰ ਸਮਾਜ, ਹਰ ਵਰਗ, ਹਰ ਰਾਜਨੀਤਕ ਦਲ, ਇੱਕ ਸੁਰ ਵਿੱਚ, ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਸਖਤ ਕਾਰਵਾਈ ਲਈ ਉੱਠ ਖੜ੍ਹਾ ਹੋਇਆ। ਅਸੀਂ ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੂੰ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਉਣ ਲਈ ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਸੈਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਪੂਰੀ ਛੂਟ ਦੇ ਦਿੱਤੀ। ਅਤੇ ਅੱਜ ਹਰ ਅੱਤਵਾਦੀ, ਅੱਤਵਾਦ ਦਾ ਹਰ ਸੰਗਠਨ ਜਾਣ ਚੁੱਕਾ ਹੈ ਕਿ ਸਾਡੀਆਂ ਭੈਣਾਂ-ਬੇਟੀਆਂ ਦੇ ਮੱਥੇ ਤੋਂ ਸਿੰਦੂਰ ਹਟਾਉਣ ਦਾ ਅੰਜਾਮ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ।

ਸਾਥੀਓ,

‘ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ’ ਇਹ ਸਿਰਫ਼ ਨਾਮ ਨਹੀਂ ਹੈ, ਇਹ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਕੋਟਿ-ਕੋਟਿ ਲੋਕਾਂ ਦੀਆਂ ਭਾਵਨਾਵਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਹੈ। ‘ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ‘ ਨਿਆਂ ਦੀ ਅਖੰਡ ਪ੍ਰਤਿੱਗਿਆ ਹੈ। 6 ਮਈ ਦੀ ਦੇਰ ਰਾਤ, 7 ਮਈ ਦੀ ਸਵੇਰ, ਪੂਰੀ ਦੁਨੀਆ ਨੇ ਇਸ ਪ੍ਰਤਿੱਗਿਆ ਨੂੰ ਅੰਜਾਮ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦੇ ਦੇਖਿਆ ਹੈ। ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਸੈਨਾਵਾਂ ਨੇ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਵਿੱਚ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਠਿਕਾਣਿਆਂ ‘ਤੇ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਟ੍ਰੇਨਿੰਗ ਸੈਂਟਰਸ ‘ਤੇ ਸਟੀਕ ਪ੍ਰਹਾਰ ਕੀਤਾ। ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੇ ਸੁਪਨੇ ਵਿੱਚ ਵੀ ਨਹੀਂ ਸੋਚਿਆ ਸੀ ਕਿ ਭਾਰਤ ਇੰਨਾ ਵੱਡਾ ਫੈਸਲਾ ਲੈ ਸਕਦਾ ਹੈ। ਲੇਕਿਨ ਜਦੋਂ ਦੇਸ਼ ਇਕਜੁੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, Nation First ਦੀ ਭਾਵਨਾ ਨਾਲ ਭਰਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਰਾਸ਼ਟਰ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਫੌਲਾਦੀ ਫੈਸਲੇ ਲਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਨਤੀਜੇ ਲੈ ਕੇ ਦਿਖਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ।

ਜਦੋਂ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਵਿੱਚ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਅੱਡਿਆਂ ‘ਤੇ ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਮਿਜ਼ਾਇਲਾਂ ਨੇ ਹਮਲਾ ਬੋਲਿਆ, ਭਾਰਤ ਦੇ ਡ੍ਰੋਨਸ ਨੇ ਹਮਲਾ ਬੋਲਿਆ, ਤਾਂ ਅੱਤਵਾਦੀ ਸੰਗਠਨਾਂ ਦੀਆਂ ਇਮਾਰਤਾਂ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੌਸਲਾ ਵੀ ਕੰਬ ਗਿਆ। ਬਹਾਵਲਪੁਰ ਅਤੇ ਮੁਰੀਦਕੇ ਜਿਹੇ ਅੱਤਵਾਦੀ ਠਿਕਾਣੇ, ਇੱਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਗਲੋਬਲ ਟੈਰਰਿਜ਼ਮ ਦੀ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀਜ਼ ਰਹੀਆਂ ਹਨ। ਦੁਨੀਆ ਵਿੱਚ ਕਿਤੇ ਵੀ ਜੋ ਵੱਡੇ ਅੱਤਵਾਦੀ ਹਮਲੇ ਹੋਏ ਹਨ, ਭਾਵੇਂ ਨਾਈਨ ਇਲੈਵਨ ਹੋਵੇ, ਭਾਵੇਂ ਲੰਦਨ ਟਿਊਬ ਬੌਂਬਿੰਗਸ ਹੋਣ, ਜਾਂ ਫਿਰ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਦਹਾਕਿਆਂ ਵਿੱਚ ਜੋ ਵੱਡੇ-ਵੱਡੇ ਅੱਤਵਾਦੀ ਹਮਲੇ ਹੋਏ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਤਾਰ ਕਿਤੇ ਨਾ ਕਿਤੇ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਠਿਕਾਣਿਆਂ ਨਾਲ ਜੁੜਦੇ ਰਹੇ ਹਨ। ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੇ ਸਾਡੀਆਂ ਭੈਣਾਂ ਦਾ ਸਿੰਦੂਰ ਉਜਾੜਿਆ ਸੀ, ਇਸ ਲਈ ਭਾਰਤ ਨੇ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਇਹ ਹੈੱਡਕੁਆਰਟਰਸ ਉਜਾੜ ਦਿੱਤੇ। ਭਾਰਤ ਦੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਹਮਲਿਆਂ ਵਿੱਚ 100 ਤੋਂ ਵੱਧ ਖੂੰਖਾਰ ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੂੰ ਮੌਤ ਦੇ ਘਾਟ ਉਤਾਰਿਆ ਗਿਆ ਹੈ। ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਆਕਾ, ਬੀਤੇ ਢਾਈ-ਤਿੰਨ ਦਹਾਕਿਆਂ ਤੋਂ ਖੁੱਲ੍ਹੇਆਮ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਵਿੱਚ ਘੁੰਮ ਰਹੇ ਸੀ, ਜੋ ਭਾਰਤ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਸਾਜਿਸ਼ਾਂ ਕਰਦੇ ਸੀ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਭਾਰਤ ਨੇ ਇੱਕ ਝਟਕੇ ਵਿੱਚ ਖਤਮ ਕਰ ਦਿੱਤਾ।

ਸਾਥੀਓ,

ਭਾਰਤ ਦੀ ਇਸ ਕਾਰਵਾਈ ਨਾਲ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਘੋਰ ਨਿਰਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਘਿਰ ਗਿਆ ਸੀ, ਹਤਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਘਿਰ ਗਿਆ ਸੀ, ਘਬਰਾ ਗਿਆ ਸੀ, ਅਤੇ ਇਸੇ ਘਬਰਾਹਟ ਵਿੱਚ ਉਸ ਨੇ ਇੱਕ ਹੋਰ ਗਲਤੀ ਕੀਤੀ। ਅੱਤਵਾਦ ‘ਤੇ ਭਾਰਤ ਦੀ ਕਾਰਵਾਈ ਦਾ ਸਾਥ ਦੇਣ ਦੀ ਬਜਾਏ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੇ ਭਾਰਤ ‘ਤੇ ਹੀ ਹਮਲਾ ਕਰਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੱਤਾ। ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੇ ਸਾਡੇ ਸਕੂਲਾਂ-ਕਾਲਜਾਂ ਨੂੰ, ਗੁਰਦੁਆਰਿਆਂ ਨੂੰ, ਮੰਦਿਰਾਂ, ਆਮ ਨਾਗਰਿਕਾਂ ਦੇ ਘਰਾਂ ਨੂੰ ਨਿਸ਼ਾਨਾ ਬਣਾਇਆ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੇ ਸਾਡੇ ਸੈਨਾ ਠਿਕਾਣਿਆਂ ਨੂੰ ਨਿਸ਼ਾਨਾ ਬਣਾਇਆ, ਲੇਕਿਨ ਇਸ ਵਿੱਚ ਵੀ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਖੁਦ ਬੇਨਕਾਬ ਹੋ ਗਿਆ।

ਦੁਨੀਆ ਨੇ ਦੇਖਿਆ ਕਿ ਕਿਵੇਂ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੇ ਡ੍ਰੋਨਸ ਅਤੇ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੀਆਂ ਮਿਜ਼ਾਇਲਾਂ, ਭਾਰਤ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਤਿਨਕੇ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਿਖਰ ਗਈਆਂ। ਭਾਰਤ ਦੇ ਸਸ਼ਕਤ ਏਅਰ ਡਿਫੈਂਸ ਸਿਸਟਮ ਨੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਅਸਮਾਨ ਵਿੱਚ ਹੀ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੱਤਾ। ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੀ ਤਿਆਰੀ ਸੀਮਾ ‘ਤੇ ਹਮਲੇ ਦੀ ਸੀ, ਲੇਕਿਨ ਭਾਰਤ ਨੇ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੇ ਸਿੰਨੇ ‘ਤੇ ਵਾਰ ਕਰ ਦਿੱਤਾ। ਭਾਰਤ ਦੇ ਡ੍ਰੋਨਸ, ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਮਿਜ਼ਾਇਲਾਂ ਨੇ ਸਟੀਕਤਾ ਦੇ ਨਾਲ ਹਮਲਾ ਕੀਤਾ। ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ ਵਾਯੂਸੈਨਾ ਦੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਏਅਰਬੇਸ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਇਆ, ਜਿਸ ‘ਤੇ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹੰਕਾਰ ਸੀ। ਭਾਰਤ ਨੇ ਪਹਿਲੇ ਤਿੰਨ ਦਿਨਾਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੂੰ ਇੰਨਾ ਤਬਾਹ ਕਰ ਦਿੱਤਾ, ਜਿਸ ਦਾ ਉਸ ਨੂੰ ਅੰਦਾਜ਼ਾ ਵੀ ਨਹੀਂ ਸੀ।

ਇਸ ਲਈ, ਭਾਰਤ ਦੀ ਆਕ੍ਰਾਮਕ ਕਾਰਵਾਈ ਦੇ ਬਾਅਦ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਬਚਣ ਦੇ ਰਸਤੇ ਖੋਜਨ ਲੱਗਿਆ। ਪਾਕਿਸਤਾਨ, ਦੁਨੀਆ ਭਰ ਵਿੱਚ ਤਣਾਅ ਘੱਟ ਕਰਨ ਦੀ ਗੁਹਾਰ ਲਗਾ ਰਿਹਾ ਸੀ। ਅਤੇ ਬੁਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਿਟਣ ਦੇ ਬਾਅਦ ਇਸੇ ਮਜਬੂਰੀ ਵਿੱਚ 10 ਮਈ ਦੀ ਦੁਪਹਿਰ ਨੂੰ ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ ਸੈਨਾ ਨੇ ਸਾਡੇ DGMO ਨੂੰ ਸੰਪਰਕ ਕੀਤਾ। ਤਦ ਤੱਕ ਅਸੀਂ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਇਨਫ੍ਰਾਸਟ੍ਰਕਚਰ ਨੂੰ ਵੱਡੇ ਪੈਮਾਨੇ ‘ਤੇ ਤਬਾਹ ਕਰ ਚੁੱਕੇ ਸੀ, ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੂੰ ਮੌਤ ਦੇ ਘਾਟ ਉਤਾਰ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਸੀ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੇ ਸਿੰਨੇ ਵਿੱਚ ਵਸਾਏ ਗਏ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਅੱਡਿਆਂ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਖੰਡਰ ਬਣਾ ਦਿੱਤਾ ਸੀ, ਇਸ ਲਈ, ਜਦੋਂ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੀ ਤਰਫ ਤੋਂ ਗੁਹਾਰ ਲਗਾਈ ਗਈ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੀ ਤਰਫ ਤੋਂ ਜਦੋਂ ਇਹ ਕਿਹਾ ਗਿਆ, ਕਿ ਉਸ ਦੇ ਵੱਲੋਂ ਅੱਗੇ ਕੋਈ ਅੱਤਵਾਦੀ ਗਤੀਵਿਧੀ ਅਤੇ ਸੈਨਾ ਦੀ ਗਲਤੀ ਨਹੀਂ ਦਿਖਾਈ ਜਾਵੇਗੀ। ਤਾਂ ਭਾਰਤ ਨੇ ਵੀ ਉਸ ‘ਤੇ ਵਿਚਾਰ ਕੀਤਾ। ਅਤੇ ਮੈਂ ਫਿਰ ਦੋਹਰਾ ਰਿਹਾ ਹਾਂ, ਅਸੀਂ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੇ ਅੱਤਵਾਦੀ ਅਤੇ ਸੈਨਾ ਠਿਕਾਣਿਆਂ ‘ਤੇ ਆਪਣੀ ਜਵਾਬੀ ਕਾਰਵਾਈ ਨੂੰ ਹੁਣ ਸਿਰਫ ਮੁਲਤਵੀ ਕੀਤਾ ਹੈ। ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਦਿਨਾਂ ਵਿੱਚ, ਅਸੀਂ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੇ ਹਰ ਕਦਮ ਨੂੰ ਇਸ ਕਸੌਟੀ ‘ਤੇ ਮਾਪਣਗੇ, ਕਿ ਉਹ ਕੀ ਰਵੱਈਆ ਅਪਣਾਉਂਦਾ ਹੈ।

ਸਾਥੀਓ,

ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਤਿੰਨੋਂ ਸੈਨਾਵਾਂ, ਸਾਡੀ ਏਅਰਫੋਰਸ, ਸਾਡੀ ਆਰਮੀ, ਅਤੇ ਸਾਡੀ ਨੇਵੀ, ਸਾਡੀ ਬੌਰਡਰ ਸਕਿਓਰਿਟੀ ਫੋਰਸ -BSF, ਭਾਰਤ ਦੇ ਅਰਧਸੈਨਿਕ ਬਲ, ਲਗਾਤਾਰ ਐਲਰਟ ‘ਤੇ ਹਨ, ਸਰਜੀਕਲ ਸਟ੍ਰਾਇਕ ਅਤੇ ਏਅਰ ਸਟ੍ਰਾਇਕ ਦੇ ਬਾਅਦ, ਹੁਣ ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਭਾਰਤ ਦੀ ਨੀਤੀ ਹੈ। ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਨੇ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਲੜਾਈ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਨਵੀਂ ਲਕੀਰ ਖਿੱਚ ਦਿੱਤੀ ਹੈ, ਇੱਕ ਨਵਾਂ ਪੈਮਾਨਾ, ਨਵਾਂ ਮਿਆਰ ਤੈਅ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਹੈ।

ਪਹਿਲਾਂ-ਭਾਰਤ ‘ਤੇ ਅੱਤਵਾਦੀ ਹਮਲਾ ਹੋਇਆ ਤਾਂ ਮੂੰਹ ਤੋੜ ਜਵਾਬ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇਗਾ। ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ, ਆਪਣੀਆਂ ਸ਼ਰਤਾਂ ‘ਤੇ ਜਵਾਬ ਦੇ ਕੇ ਰਹਾਂਗੇ। ਹਰ ਉਸ ਜਗ੍ਹਾ ਜਾ ਕੇ ਸਖਤ ਕਾਰਵਾਈ ਕਰਾਂਗੇ, ਜਿੱਥੋਂ ਤੋਂ ਅੱਤਵਾਦ ਦੀਆਂ ਜੜ੍ਹਾਂ ਨਿਕਲਦੀਆਂ ਹਨ। ਦੂਸਰਾ- ਕੋਈ ਵੀ ਨਿਊਕਲੀਅਰ ਬਲੈਕਮੇਲ ਭਾਰਤ ਨਹੀਂ ਸਹੇਗਾ। ਨਿਊਕਲੀਅਰ ਬਲੈਕਮੇਲ ਦੀ ਆੜ ਵਿੱਚ ਪਨਪ ਰਹੇ ਅੱਤਵਾਦੀ ਠਿਕਾਣਿਆਂ ‘ਤੇ ਭਾਰਤ ਸਟੀਕ ਅਤੇ ਨਿਰਣਾਇਕ ਪ੍ਰਹਾਰ ਕਰੇਗਾ।

ਤੀਸਰਾ- ਅਸੀਂ ਅੱਤਵਾਦ ਦੀ ਸਰਪ੍ਰਸਤ ਸਰਕਾਰ ਅਤੇ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਆਕਾਵਾਂ (ਹੁਕਮਰਾਨਾਂ) ਨੂੰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਨਹੀਂ ਦੇਖਾਂਗੇ। ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਦੇ ਦੌਰਾਨ, ਦੁਨੀਆ ਨੇ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦਾ ਉਹ ਘਿਣਾਉਣਾ ਸੱਚ ਫਿਰ ਦੇਖਿਆ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਮਾਰੇ ਗਏ ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੂੰ ਵਿਦਾਈ ਦੇਣ, ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ ਸੈਨਾ ਦੇ ਵੱਡੇ –ਵੱਡੇ ਅਫ਼ਸਰ ਉਮੜ ਪਏ। ਸਟੇਟ ਸਪਾਂਸਰਡ ਟੈਰੇਰਿਜ਼ਮ ਦਾ ਇਹ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਸਬੂਤ ਹੈ। ਅਸੀਂ ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਨਾਗਰਿਕਾਂ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਵੀ ਖਤਰੇ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਦੇ ਲਈ ਲਗਾਤਾਰ ਨਿਰਣਾਇਕ ਕਦਮ ਚੁੱਕਦੇ ਰਹਾਂਗੇ।

ਸਾਥੀਓ,

ਯੁੱਧ ਦੇ ਮੈਦਾਨ ‘ਤੇ ਅਸੀਂ ਹਰ ਵਾਰ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੂੰ ਧੂੜ ਚਟਾਈ ਹੈ। ਅਤੇ ਇਸ ਵਾਰ ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਨੇ ਨਵਾਂ ਆਯਾਮ ਜੋੜਿਆ ਹੈ। ਅਸੀਂ ਰੇਗਿਸਤਾਨਾਂ ਅਤੇ ਪਹਾੜਾਂ ਵਿੱਚ ਆਪਣਾ ਸਮਰੱਥਾ ਦਾ ਸ਼ਾਨਦਾਰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨ ਕੀਤਾ , ਅਤੇ ਨਾਲ ਹੀ, ਨਿਊ ਐਜ਼ ਵੌਰਫੇਅਰ ਵਿੱਚ ਵੀ ਆਪਣੀ ਸ਼੍ਰੇਸ਼ਠਤਾ ਸਿੱਧ ਕੀਤੀ। ਇਸ ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਦੇ ਦੌਰਾਨ, ਸਾਡੇ ਮੇਡ ਇਨ ਇੰਡੀਆ ਹਥਿਆਰਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਮਾਣਿਕਤਾ ਸਿੱਧ ਹੋਈ। ਅੱਜ ਦੁਨੀਆ ਦੇਖ ਰਹੀ ਹੈ, 21ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਵੌਰਫੇਅਰ ਵਿੱਚ ਮੇਡ ਇਨ ਇੰਡੀਆ ਡਿਫੈਂਸ ਇਕਵਿਪਮੈਂਟਸ, ਇਸ ਦਾ ਸਮਾਂ ਆ ਚੁੱਕਿਆ ਹੈ।

ਸਾਥੀਓ,

ਹਰ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਸਾਡਾ ਸਾਰਿਆਂ ਦਾ ਇਕਜੁੱਟ ਰਹਿਣਾ, ਸਾਡੀ ਏਕਤਾ, ਸਾਡੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡੀ ਸ਼ਕਤੀ ਹੈ। ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਇਹ ਯੁੱਗ ਯੁੱਧ ਦਾ ਨਹੀਂ ਹੈ, ਲੇਕਿਨ ਇਹ ਯੁੱਗ ਅੱਤਵਾਦ ਦਾ ਵੀ ਨਹੀਂ ਹੈ। ਟੈਰੇਰਿਜ਼ਮ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਜ਼ੀਰੋ ਟੌਲਰੈਂਸ, ਇਹ ਇੱਕ ਬਿਹਤਰ ਦੁਨੀਆ ਦੀ ਗਰੰਟੀ ਹੈ।

ਸਾਥੀਓ,

ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ ਫੌਜ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੀ ਸਰਕਾਰ, ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅੱਤਵਾਦਾ ਨੂੰ ਖਾਦ-ਪਾਣੀ ਦੇ ਰਹੇ ਹਨ, ਉਹ ਇੱਕ ਦਿਨ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੂੰ ਹੀ ਖਤਮ ਕਰ ਦੇਵੇਗਾ। ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੂੰ ਜੇਕਰ ਬਚਾਉਣਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਟੈਰਰ ਇਨਫ੍ਰਾਸਟ੍ਰਕਚਰ ਦਾ ਸਫਾਇਆ ਕਰਨਾ ਹੀ ਹੋਵੇਗਾ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਸ਼ਾਂਤੀ ਦਾ ਕੋਈ ਰਸਤਾ ਨਹੀਂ ਹੈ। ਭਾਰਤ ਦਾ ਮਤ ਇਕਦਮ ਸਪਸ਼ਟ ਹੈ, ਟੈਰਰ ਅਤੇ ਟੌਕ, ਇੱਕਠੇ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੇ, ਟੈਰਰ ਅਤੇ ਟ੍ਰੇਡ, ਇਕੱਠੇ ਨਹੀਂ ਚੱਲ ਸਕਦੇ। ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਖੂਨ ਵੀ ਇਕੱਠੇ ਨਹੀਂ ਵਹਿ ਸਕਦੇ।

ਮੈਂ ਅੱਜ ਵਿਸ਼ਵ ਭਾਈਚਾਰੇ ਨੂੰ ਵੀ ਕਹਾਂਗਾ, ਸਾਡੀ ਐਲਾਨ ਨੀਤੀ ਰਹੀ ਹੈ, ਜੇਕਰ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨਾਲ ਗੱਲ ਹੋਵੇਗੀ, ਤਾਂ ਟੈਰੇਰਿਜ਼ਮ ‘ਤੇ ਹੀ ਹੋਵੇਗੀ, ਜੇਕਰ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨਾਲ ਗੱਲ ਹੋਵੇਗੀ, ਤਾਂ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਔਕਿਯੂਪਾਇਡ ਕਸ਼ਮੀਰ PoK ਉਸ ‘ਤੇ ਹੀ ਹੋਵੇਗੀ।

ਪਿਆਰੇ ਦੇਸ਼ਵਾਸੀਓ,

ਅੱਜ ਬੁੱਧ ਪੂਰਨਿਮਾ ਹੈ। ਭਗਵਾਨ ਬੁੱਧ ਨੇ ਸਾਨੂੰ ਸ਼ਾਂਤੀ ਦਾ ਰਸਤਾ ਦਿਖਾਇਆ ਹੈ। ਸ਼ਾਂਤੀ ਦਾ ਮਾਰਗ ਵੀ ਸ਼ਕਤੀ ਤੋਂ ਹੋ ਕੇ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਮਾਨਵਤਾ, ਸ਼ਾਂਤੀ ਅਤੇ ਸਮ੍ਰਿੱਧੀ ਵੱਲ ਵਧੇ, ਹਰ ਭਾਰਤੀ ਸ਼ਾਂਤੀ ਨਾਲ ਜੀ ਸਕੇ, ਵਿਕਸਿਤ ਭਾਰਤ ਦੇ ਸੁਪਨੇ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਸਕੇ, ਇਸ ਲਈ ਭਾਰਤ ਦਾ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਹੋਣਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ, ਅਤੇ ਜ਼ਰੂਰਤ ਪੈਣ ‘ਤੇ ਇਸ ਸ਼ਕਤੀ ਦਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਵੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ। ਅਤੇ ਪਿਛਲੇ ਕੁਝ ਦਿਨਾਂ ਵਿੱਚ, ਭਾਰਤ ਨੇ ਇਹੀ ਕੀਤਾ ਹੈ।

ਮੈਂ ਇੱਕ ਵਾਰ ਫਿਰ ਭਾਰਤ ਦੀ ਸੈਨਾ ਅਤੇ ਹਥਿਆਰਬੰਦ ਬਲਾਂ ਨੂੰ ਸੈਲਿਊਟ ਕਰਦਾ ਹਾਂ। ਅਸੀਂ ਭਾਰਤਵਾਸੀ ਦੇ ਹੌਂਸਲੇ, ਹਰ ਭਾਰਤਵਾਸੀ ਦੀ ਇਕਜੁੱਟਤਾ ਦੀ ਸ਼ਪਥ, ਸੰਕਲਪ, ਮੈਂ ਉਸ ਨੂੰ ਨਮਨ ਕਰਦਾ ਹਾਂ।

ਬਹੁਤ-ਬਹੁਤ ਧੰਨਵਾਦ

ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ!!!

ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ!!!

ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ!!!