I urge all the eligible voters in Kerala to turn out and exercise their franchise in support of the BJP: PM Modi
Only the BJP can ensure social justice for every group in Kerala like we did across the country: PM Modi
Everybody has seen how the UDF and LDF are threatening the traditions and religious practices of the people here: Prime Minister Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी और हमारे सभी साथी दलों के वरिष्ठ नेतागण और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, आपने जिस प्रकार से मोबाइल फोन का दीप प्रज्वलन करके इस पूरी जनसभा को रोशन कर दिया, आपके पवित्र वोट से पूरा हिंदुस्तान रोशन होने वाला है। आधुनिक ट्रावनकोर के निर्माता मार्तन्ड वर्मा की इस धरती को मैं नमन करता हूं। स्वाथी थिरूनल, वक्कोम खादर मौलवी, अय्या वैकुंदार स्वामी कल और श्री नारायण गुरु जैसी विभूतियों को मेरा कोटि-कोटि नमन।

 साथियो, आप भली-भांति जानते हैं की भारतीय जनता पार्टी ने इस बार भी तिरुवनंतपुरम में अपना उम्मीदवार श्री कुम्मनम राजशेखरन जी को बनाया है वो आपके बीच मशहूर हैं ही। इनका सादगी ईमानदारी और स्वच्छ छवि की दिल्ली तक बहुत चर्चा होती है। राजशेखरन जी ने कई साल केरला में बीजेपी की कमान भी संभाली है। मेरा आपसे आग्रह होगा की इस बार हमारे सभी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को भव्य विजय दिलाएं।

साथियो, पिछले पांच वर्षों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर जो भरोसा आपने दिखाया उसके कारण भारत आज तेज गति से आगे बढ़ रहा है और जल में, थल में, नभ में और अंतरिक्ष में भी सुरक्षित है। आज मोबाइल से लेकर मिसाइल तक जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जो स्पेस से कंट्रोल नहीं होता, कल्पना कीजिए अगर कोई गलत ताकत कभी स्पेस में हमारे संसाधनों पर हमला कर दें तब क्या होगा। साथियो, ये काम पहले भी हो सकता था लेकिन कांग्रेस की सरकार के पास हिम्मत नहीं थी वो फैसले लेने से डरते थे। हां कुछ ऐसा करना हो जिससे देश को नुक्सान होता हो, वैज्ञानिकों का मनोबल टूटता हो तो कांग्रेस का सारा डर खत्म हो जाता है। केरला की धरती के सुपूत वैज्ञानिक नंबी नारायण जी के साथ क्या किया गया ये आपको पता है ना? साथियो, यही अंतर एक राष्ट्रवादी सरकार और एक वंशवादी सरकार के बीच होता है, यही अंतर एक निर्णायक सरकार और एक नारे देने वाली सरकार में होता है।

भाइयो-बहनो, इस बार का चुनाव सिर्फ एक सरकार बनाने के लिए नहीं हैं, ये चुनाव आने वाले वर्षों में भारत विकसित देश कैसे बने, इसके लिए है। भारत, दुनिया की टॉप थ्री इकोनॉमी के क्लब में कितनी जल्द पहुंच सके, आप इस चुनाव में आपके एक वोट से ये तय करने वाले हैं।


साथियो, ऐसे में तिरुवनंतपुरम के, केरल के हर वोटर, विशेष तौर पर फर्स्ट टाइम वोटर पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। साथियो, जब सरकारें विचार और विजन के बजाए राजनीतिक हिंसा से चलती हैं तो केरल जैसे स्वर्ग पर भी आंच आती है। कांग्रेस और कम्यूनिस्टों ने यहां के भाइचारे, आस्था और विश्वास के साथ क्या कर दिया है ये आपके सामने है। सिर्फ सत्ता पाने के लिए अपनों का खून बहाना ये केरल का कल्चर नहीं है, आए दिन हिंसा- आए दिन हत्याएं बच्चों को अनाथ कर देना, मांओं की कोख उजाड़ देना ये केरल का कल्चर नहीं है। ये केरल की महान परंपरा और संस्कृति के खिलाफ है, जब पूरा देश विकास के रास्ते पर चल पड़ा है तो केरल को कम्यूनिस्टों और कांग्रेस के इस कल्चर से मुक्ति दिलाना ये बहुत जरूरी रहेगा। इसी हिंसक कांग्रेस-कम्यूनिस्ट कल्चर ने यहां केरल में सैकड़ों संघ-बीजेपी कार्यकर्ताओं की जान ली है। उनके बलिदान को मैं नमन करता हूं, मैं बीजेपी के प्रत्येक कार्यकर्ता को कहूंगा की उनकी तपस्या एक ना एक दिन अवश्य सफल होगी। केरल को भी हिंसा की राजनीति करने वालों की महामिलावट से मुक्ति मिलेगी।

भाइयो-बहनो, लोकतंत्र में विचारधाराओं पर सरकारें बनती हैं-बिगड़ती हैं। नीतियों के आधार पर विरोध और समर्थन होते हैं लेकिन कांग्रेस और कम्यूनिस्ट की विचारधारा अवसरवाद की है। केरल में एक-दूसरे की नीतियों का विरोध करते हैं, आपस में लड़ते हैं और दिल्ली में सत्ता के लिए एक साथ आ जाते हैं। कांग्रेस के अध्यक्ष को संसद पहुंचने के लिए यहां वायनाड आना पड़ रहा है, वो कहते हैं की वाम दलों के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। केरल में कुश्ती और दिल्ली में दोस्ती ये इनका खेल है। साथियो, अगर ये सोचते हैं की केरल की जनता इसको समझती नहीं है तो ये बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं। साथियो, कांग्रेस के नामदार का कहना है की साउथ को मैंसेज देना था तभी वायनाड गया। अरे तिरुवनंतपुरम से मैसेज नहीं दिया जा सकता था क्या, ये तो राजधानी है।

 

 

भाइयो-बहनो, ये मैसेज साउथ के लिए नहीं बल्कि ये मैसेज अपीजमेंट पॉलीटिक्स का है जिसको कांग्रेस ने अपने विजन का हिस्सा बना लिया है। कांग्रेस अमेठी मॉडल ऑफ डेव्लपमेंट का विजन केरल के लिए लेकर आई है। आज के डिजिटल इंडिया के युग में जब स्मार्ट फोन हर हाथ में है और डेटा सबसे सस्ता दुनिया में हमारे यहां है, तब अमेठी की हालत जानने में केरल को ज्यादा परेशानी नहीं होगी। कम्यूनिस्टों को हमारे पूजा-पाठ और धर्म-कर्म से दिक्कत है ये हम जानते हैं लेकिन वो आस्थावानों के अधिकारों को नहीं कुचल सकते। आज यहां स्थिति ये बना दी गई है की भगवान का नाम तक नहीं ले सकते, भगवान का नाम लेने पर यहां की कम्यूनिस्ट सरकार झूठे केस करती है, लाठियों से पिटवाती है।

भाइयो-बहनो, भारत में हजारों सालों से जो परंपराएं विकसित हुई हैं, उन पर राजनीति के लिए किसी प्रकार का प्रहार हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। केरल का बच्चा-बच्चा इसका विरोध करेगा, आस्था का चौकीदार बनकर खड़ा होगा। भाइयो-बहनो, मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं, 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार बनेगी तो कोर्ट से लेकर संसद तक हम आपकी आस्था के लिए लड़ेंगे, आस्था को संविधान संरक्षण दिलाने का काम हम करेंगे। साथियो, केरल में जाति-पंथ के आधार पर भेदभाव और भ्रष्टाचार गवर्नेंस का मॉडल बन चुका है, खुद मुख्यमंत्री पर लवलीन घोटाले के आरोप हैं, मंत्रियों पर गंभीर आरोप हैं, यहां तक की बाढ़ और तूफान से प्रभावित लोगों के लिए जो पैसा आया उसको भी नहीं छोड़ा। अब तो यह भी साबित हो रहा है की केरल की भीषड़ बाढ़ नेचुरल कैलिमिटी से ज्यादा सरकारी लापरवाही का परिणाम ही थी।

साथियो, ये तो भला हो केरल के माछीमार साथियों का जिन्होंने अपनी जान हथेली पर रख कर लोगों की जान बचाई, ये हमारे साथी सच में हमारे समंदर के चौकीदार हैं। मछुआरों को सशक्त करने के लिए, केंद्र की एनडीए की सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। मछुआरों को समय पर खतरे का अलर्ट मिले इसके लिए नए नाविक डिवाइस दिए जा रहे हैं। इसके अलावा फिशरीज के लिए अलग डिपार्टमेंट बनाने का हमने बजट घोषित किया है। वहीं मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी दे दी गई है। इसके अलावा डीप सी फिशिंग के लिए बोट के आधुनिकीकरण के लिए भी मदद दी जा रही है।

साथियो, केरल में भाजपा हर वर्ग को उसका हक दिलाने के लिए खड़ी है। हम केरल के सामान्य मानवी को भी उनका हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम पूरे देश में 10 प्रतिशत आरक्षण देकर गरीबों को उनका हक दिला रहे हैं, वो भी किसी का हक छीने बिना। बीजेपी सरकार ने ही पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है।

भाइयो-बहनो, केरल के सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने के लिए भी हम कमटेड हैं। नेशनल हाईवे क प्रोजेक्ट्स हो, बाईपास हो, एयरपोर्ट का विकास हो हर प्रकार से कनेक्टिविटी को सशक्त किया जा रहा है। यहां के टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए प्रसाद योजना के तहत अनेक काम हुए हैं, हेरितेज टूरिज्म पर हमारा विशेष फोकस रहने वाला है, हम केरल में 100 से ज्यादा आस्था से जुड़े स्थानों को आध्यात्मिक सर्किट से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। भाइयो-बहनो, चौकीदार की सरकार ने सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर काम किया है। गरीबों को पांच लाख तक का मुफ्त इलाज हो या फिर गरीब से गरीब घर तक एलपीजी कनेक्शन देने का काम ये हमारी सोच को दिखाता है। इतना ही नहीं मिडिल क्लास के लिए विशेष तौर पर हमारी सरकार ने प्रयास किए हैं, बीते पांच वर्षों में महंगाई की दर 4 प्रतिशत के आस-पास रही है जो कांग्रेस के राज में दस प्रतिशत तक थी। पांच साल में हमने एक बार भी टैक्स नहीं बढ़ाया बल्कि अब तो पांच लाख रुपए तक की टैक्सेबल इनकम को टैक्स के दायरे से ही बाहर कर दिया। इसी तरह पहली बार मिडिल क्लास के घर के लिए भी सरकारी सहायता देने का काम किया, एजुकेशन लोन भी बहुत सस्ता किया गया है।

साथियो, एक तरफ हम आनेस्ट टैक्सपेयर को थैंक्यू कहते हैं तो वहीं कांग्रेस मिडिल क्लास को सेल्फिश कहती है, टैक्स का बोझ लादने की बात करती है। कांग्रेस के ढकोसलापत्र उनके मेनिफेस्टो में मिडिल क्लास का जिक्र तक नहीं किया गया है। वो ये मान चुकी है कि मिडिल क्लास कांग्रेस का करेक्टर पहचान चुका है। भाइयो-बहनो, केरल के विकास में प्रवासी भारतीयों का बहुत बड़ा योगदान रहा है, हमारी सरकार ने प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा और सम्मान के लिए बड़े कदम उठाए हैं। साथियो, आपको इस बार हिसां, अपमान और अवसरवाद को हराना है, केरल के उज्जवल भविष्य के लिए, केरल में शांति का वातावरण मजबूत करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को जिताइए कमल के निशान पर बटन दबाइए।

भाइयो-बहनो, आज-कल कांग्रेस और कम्यूनिस्टों को और उनके महामिलावटी साथियों को भारतीय सेना का मजाक उड़ाने की आदत हो गई है और जब भारत की सेना पाकिस्तान में घुस कर के आतंकवादियों का हिसाब चुकता करती है। सर्जिकल स्ट्राइक करती है, एयर स्ट्राइक करती है, पाकिस्तान में घर में घुसकर मारती है तो ये कम्यूनिस्ट, ये कांग्रेस के महामिलावटी लोग हिंदुस्तान की सेना को भला-बुरा कहने में तुले हुए हैं। भाइयो-बहनो, देश की सेना, उसका सम्मान देश की सुरक्षा से सीधा-सीधा जुड़ा हुआ है लेकिन कांग्रेस को, जो अब तक सरकार में भागीदार रहे हैं उनके लिए देश की सेना और सुरक्षा और डिफेंस मंत्रालय सिर्फ एटीएम बन कर रह गया है, उसमें से रुपए मारना यही उनका काम रहा है। मजबूत भारत ही सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों को सपनों को पूरा कर सकता है। मजबूत भारत बनाने के लिए मजबूत सरकार होना जरूरी है और मजबूत सरकार में एक चौकीदार प्रधानमंत्री का ताकत का बहुत बड़ा महत्व रहता है। आपका एक-एक वोट चौकीदार को मजबूत करेगा, देश में एक मजबूत सरकार बनाएगा। एनडीए और कमल को दिया हुआ आपका वोट वो सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। इतनी बड़ी तादाद में आप हमें आशीर्वाद देने के लिए आए इसके लिए मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।