भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।
मंच पर विराजमान यहां को लोकप्रिय मुख्यमंत्री भाई नीतीश जी, रामविलास जी, सुशील जी, नित्यानंद जी। मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव, इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सभी उम्मीदवार और हम सब को आशीर्वाद देने के लिए विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो। मैं जानता हूं, चुनाव के दिनों में भी इतना जल्दी सभा करना जरा मुश्किल होता है लेकिन ये आपका प्यार है, आपका आशीर्वाद है की आप इतनी बड़ी मात्रा में इस सभा में उपस्थित हुए हैं। और मैं अभी भी देख रहा हूं, सारे रास्ते से लोग आ ही रहे हैं, जिधर-जिधर मेरी नजर पहुंच रही है, ये अद्भुत नजारा है जी। ये दिल्ली में बैठकर के जातियों का जोड़-तोड़ करने वालों को अंदाज नहीं आएगा, ये देश कैसे बदल रहा है।
साथियो, बिहार के आप सभी के प्यार से मैं अभिभूत हूं, गदगद हूं। एनडीए के प्रति आपका यही प्यार, यही समर्थन मुझे दिन रात आपकी सेवा करने के लिए प्रेरित करता है। साथियो, 6 चरणों की वोटिंग के बाद देश यह स्पष्ट तौर पर कह रहा है, फिर एक बार… मोदी सरकार। अब हमें सिर्फ ये सुनिश्चित करना है की ये जीत भव्य और दिव्य है। इसके लिए आखिरी चरण में और भारी संख्या में आपको बूथ तक पहुंचना है। भाइयो-बहनो, मैं बिहार में एक-आध बार भी आता तो भी बिहार का प्यार कम नहीं होने वाला था। ये मेरे सभी साथी मुझे हमेशा कहते थे की मोदी जी आपको हिंदुस्तान के किसी और भाग में जाना है तो जरूर जाइए, यहां हम संभाल लेंगे। और मुझे भी पता है की मुझसे ज्यादा बिहार को संभालने की ताकत इस पूरी टोली में है लेकिन मैं बार-बार आया, बिहार के अलग-अलग इलाकों में क्योंकि मैं खुद मिलकर के आपके आशीर्वाद लेना चाहता था। आपके आशीर्वाद लेना, ये खुद में एक बहुत बड़ा सौभाग्य होता है। जनता की नजरें जब आप पर पड़ती हैं तो एक प्रकार से आशीर्वाद की वर्षा होती है और इसलिए मैं आपके बीच आता रहा हूं।
भाइयो-बहनो, एक प्रकार से आपका प्यार इतना है की मुझे वोट मांगने की जरूरत नहीं है लेकिन मेरा कर्तव्य बनता है सर झुका कर आपका धन्यवाद करने का, क्योंकि आपने हर पल मेरा साथ दिया है। पूरे बिहार ने मेरा साथ दिया है, 130 करोड़ देशवासियों ने मेरा साथ दिया है। इसलिए आज इस चुनाव अभियान की एक प्रकार से ये बिहार की मेरी 6ठी सभा है और मैं 6 चरण में जिन्होंने मतदान किया है उनका भी और सातवें चरण के जो मतदाता है उनका भी सर झुकाकर मैं धन्यवाद करना चाहता हूं, उनका अभिवादन करना चाहता हूं और सातवें चरण के भी। मैं जानता हूं चौथे, पांचवें चरण के बाद सभी सर्वे वालों ने कह दिया है की फिर से एक बार मोदी सरकार बन रही है, एनडीए की सरकार बन रही है। किसी को भी मन कर जाता, जब चार और पांचवें चरण में चुनाव का परिणाम तय हो चुका है तो सातवें चरण तक मोदी मेहनत क्यों कर रहा है। मोदी मेहनत कर रहा है क्योंकि मेरी पार्टी का एनडीए का मेरे सभी साथी दलों का एक-एक, छोटा-छोटा कार्यकर्ता घर-घर जा कर के इस कड़ी धूप में काम करता है तो मैं कौन होता हूं, मैं भी तो कार्यकर्ता हूं, मैं भी तो काम करूंगा। इसलिए मैं कार्यकर्ता भाव से आज आप सब के बीच आ कर के आपका धन्यवाद करने आया हूं।
भाइयो-बहनो, वो महामिलावटी जो दिल्ली में एक मजबूर सरकार का सपना पाले थे, उनकी उम्मीदों पर देश ने पानी फेर दिया है। भाइयो-बहनो, जितने भी ये महामिलावटी हैं, ये घोर नकारात्मकता के साथ चुनाव लड़ रहे हैं, इनके पास दो ही मुद्दे हैं, मोदी की छवि को खराब करो और मोदी को हटाओ। लेकिन इन महामिलावटी लोगों को एहसास नहीं है की मोदी आज यहां पर 130 करोड़ भारतीयों के आशीर्वाद से है। साथियो, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में मेरा करीब दो दशक का काम रहा है।
भाइयो-बहनो, जनता जनार्दन तो ईश्वर का रूप है और मैं तो जनता-जनार्दन में ही ईश्वर देखता हूं। इन पदों को मैंने जनता द्वारा दिया एक प्रसाद माना है, इस प्रसाद को मैंने शीश झुकाकर स्वीकार किया है। प्रसाद की पवित्रता भी मुझे संस्कार में मिली है, प्रसाद की गरिमा और मर्यादा को मैंने हमेशा बचाकर रखा है। मुझे जो संस्कार मिले हैं उन संस्कारों को बचा कर रखा है लेकिन ये महामिलावटी इन पदों को भी लालची नजरों से देखते हैं ताकि उन्हें जनता को लूटने का अवसर मिले।
भाइयो-बहनो, इन महामिलावटी लोगों ने अपने और अपने परिवार के स्वार्थ को राष्ट्ररक्षा से भी ऊपर रखा है लेकिन कांग्रेस का नामदार परिवार हो या फिर यहां बिहार का भ्रष्ट परिवार, इनकी संपत्ति आज सैकड़ों, हजारों, करोड़ों रुपए में है। आखिर ये पैसे आए कहां से, ये पैसे कहां से आए? अगर गरीब की जरा सी भी परवाह होती, अगर देश की जरा सी भी परवाह होती तो भ्रष्टाचार करने से पहले इनके हाथ कांपते। साथियो, गरीब इनकी जबान पर सिर्फ एक रटा-रटाया शब्द मात्र है। ये लोग हमेशा अपनी प्रशंसा, अपनी वाहवाही, इसको सुनने के आदी हो गए हैं। दरबारियों की पूरी फौज दिन-रात इनका गुणगान करके इनका अभिमान बढ़ाती रहती है। अब इनके आस-पास की दीवारें इतनी ऊंची हो चुकी हैं की इन्हें गरीब का दर्द दिखाई नहीं देता। गरीब की दिक्कत, गरीब की परेशानी क्या होती है ये, ये लोग भूल चुके हैं। सैकड़ों एकड़ जमीन हड़पने के बाद अब ये लोग जमीन से पूरी तरह कट चुके हैं। इनकी आंखें आज भी चोरी का माल तलाशने के लिए ही खुलती हैं, जैसे ही मौका मिलता है ये उस माल को हड़प जाते हैं।
भाइयो-बहनो, आप लोग आकलन करिए बिहार ने जिन पर बरसों तक भरोसा किया, उन्होंने बिहार को बदनामी के सिवा क्या दिया। इन लोगों ने आप लोगों से विश्वासघात किया है। साथियो, जिस जाति के नाम पर इन लोगों ने राजनीति की उस जाति से उन्हें पार्टी चलाने के लिए कोई योग्य व्यक्ति नहीं मिला, सब कुछ परिवार में ही। क्या इतनी बड़ी पार्टी में पार्टी को संभालने की योग्यता और किसी में नहीं है? भाइयो-बहनो, जिस जाति और समाज ने इनको अरबों-खरबों का मालिक बनाया। गाड़ी, बंगला, पद-प्रतिष्ठा सब कुछ दिया उसके साथ भी इन लोगों ने अपने समाज के साथ धोखा किया है। इन्होंने देश को कुछ नहीं दिया, बिहार को कुछ नहीं दिया, अरे ये छोड़िए, अपनी जाति को भी कुछ नहीं दिया। इतना ही नहीं, अपनी जाति के दूसरे लोगों पर दबदबा बनाए रखने के लिए जाति में जो अच्छे, होनहार नवजवान थे उन्हें भी उन्होंने गलत रास्ते पकड़ा दिए, दबंगई के रास्ते पर चढ़ा दिया। और नवजवानों के जाति के नाम पर भ्रमित करके उनके कंधे पर बंदूक रख के इन्होंने अपने ही समाज जाति को बंधक बना लिया। लेकिन भाइयो-बहनो, देश बदल रहा है, बिहार बदल रहा है। अहंकार से भरे इन लोगों को लगता है की 21वीं सदी के बिहार का वोटर इनकी 20वीं सदी के झांसे में आने वाला नहीं है, वो अब समझ चुके हैं। ये लोग ये नहीं समझते जब देश की बात आती है तो हर व्यक्ति पहले भारतीय होता है, बाद में कुछ और होता है।
साथियो, हमारे लिए देश के हर वर्ग, हर समुदाय, हर क्षेत्र का विकास जरूरी है। हम सबका साथ-सबका विकास के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, यही कारण है की आजादी के इतिहास में पहली बार सामान्य वर्ग के गरीब युवा को भी दस प्रतिशत का आरक्षण मिल पाया है। इतना ही नहीं ओबीसी आयोग को महामिलावट के तमाम अवरोधों के बावजूद संवैधानिक दर्जा देने का काम भी एनडीए सरकार ने किया है। भाइयो-बहनो, एनडीए सरकारों की यही निष्ठा और यही ईमानदारी है जिसके कारण 21वीं सदी का युवा आश्वस्त है। जब उसको सड़क बनती दिखती है, बिजली आती दिखती है, मेट्रो का काम होता दिखता है, रेल का बिजलीकरण होता दिखता है तो उसको विकास दिखता है। अब ऐम्स मेडिकल कॉलेज, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दिखते हैं तब विकास का अनुभव होता है।
साथियो, बिहार हमेशा से शिक्षा और प्रतिभा की भूमि रही है, यहां से निकले आईएएस, आईपीएस और सिविल सेवा के अन्य अफसर देश को आगे बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। बिहार के गांव-गांव की उम्मीदों को, सपनों को नई ऊंचाई देने के लिए गरीब से गरीब तक टेक्नोलॉजी को हम कैसे पहुंचा रहे हैं, इसका उदाहरण है डिजिटल इंडिया अभियान। साथियो, भाजपा-एनडीए सरकार की नीतियों के कारण आज दुनिया में सबसे सस्ता इंटरनेट भारत में है। दुनिया में सबसे सस्ता इंटरनेट और भारत में बन रहे सस्ते स्मार्टफोन ने गांव में रहने वाले नवजवानों की बहुत बड़ी मदद की है। जब कुछ दिनों पहले ही मैंने बिहार के नवजवानों से वीडियो कांफ्रेस से बात की थी। मुझे बता रहे थे कि कैसे सस्ते इंटरनेट की वजह से अब उन्हें पढ़ाई करने में आसानी हो रही है, प्रतियोगी परीक्षाओं में मदद मिल रही है। हमारी सरकार ने जो प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं उन स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई की सुविधा कर दी है। उससे यात्रियों के साथ ही, रात को अगर आप रेलवे प्लेटफार्म पर जाएंगे तो गरीब मां-बाप के बच्चे, पूरा प्लेटफार्म भरा होता है। वो अपने मोबाइल फोन पर अलग-अलग स्लेबस निकाल कर पढ़ाई करते हैं और इन बच्चों ने मुझे बताया की हम रेलवे स्टेशन पर जो मुफ्त वाई-फाई है उसका उपयोग करते हैं, अब हमें दिल्ली के कोचिंग क्लासों में नहीं जाना पड़ता है इसी पर पढ़ाई करके हम यूपीएससी के एग्जाम देने की तैयारी कर रहे हैं। भाइयो, गरीब के लिए कैसे काम किया जाता है इससे बड़ा उदाहरण, ये इतने साल रह कर आए इनको नहीं समझ में आया लेकिन ये गरीब मां का बेटा इसको समझ में आ गया। गांव-गांव में टेक्नोलॉजी के माध्यम से हो रहा ये सशक्तिकरण, दिल्ली में बैठे दरबारियों को कभी दिखाई नहीं देगा।
भाइयो-बहनो, हमने 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करने का संकल्प लिया है। अन्नदाता को सौरऊर्जादाता बनाने का काम हाथ में लिया है। खेत में 4,6,8 महीने फसल रहती है तो 3-4 महीने वहां से बिजली भी पैदा की जा सकती है और राज्य सरकारें बिजली खरीद भी सकती है। खेत से अन्न भी मिलेगा, ऊर्जा भी मिलेगी, मेरे देश का किसान अन्नदाता भी बनेगा, ऊर्जादाता भी बनेगा। मेरे देश के किसान का अन्न देश की जवानी को ताकत देगा और मेरे देश का ऊर्जादाता किसान देश की गति को ताकत देगा, ये काम आज हम कर रहे हैं। इसके लिए बीज से बाजार तक नई व्यवस्थाएं खड़ी की जा रही हैं। खेती जुड़े छोटे खर्चों के लिए हमने पीएम किसान योजना के तहत सीधे किसानों के बैंक खाते में पैसे जमा करने शुरू कर दिए हैं। इसी तरह जो हमारे पशुपालक साथी हैं उनके लिए पहली बार किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण की व्यवस्था हमने की है। जो लोग अपनी जाति के नाम पर पशुपालन के नाम पर राजनीति करते हैं उनको कभी ये विचार नहीं आया। इतने साल वो सरकार में रहे की पशुपालक को भी क्रेडिट कार्ड मिल सकता है, उसको भी पैसे मिल सकते हैं ये इनको कभी सूझा नहीं।
भाइयो-बहनो, मछली के व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी एनडीए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है। भाइयो-बहनो, आज भी बिहार का बहुत पैसा मछली खरीदने में बाहर जाता है। बिहार के पास पानी है लेकिन मेरे मछुआरों को भारत सरकार ने अनदेखा किया। हम वो दिन लाना चाहते हैं की बिहार की जितनी मछली की आवश्यकता है उसको हिंदुस्तान के किसी और राज्य से लानी ना पड़े। वो यहां से मिल जाए इतना ही नहीं, बिहार का आदमी हिंदुस्तान के और राज्यों में भी मछली पहुंचा सके। भाइयो-बहनो, इसीलिए अब तो मछुआरों के लिए हमने एक अलग विभाग बनाने का भी फैसला लिया है।
भाइयो-बहनो, इन महामिलावटी लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए देश की सुरक्षा को भी ताक पर रख दिया था। 2014 से पहले देश में आतंकी विनाश फैलाते रहे लेकिन ये लोग सिर्फ बयान देते रहे। लेकिन भाइयो-बहनो, आपके इस चौकीदार ने पाकिस्तान से, आतंकियों से मिल रहे घाव को सहने से इन्कार कर दिया। अपने सपूतों को खुली छूट दी और आतंकियों को घर में घुसकर मारा है। सही किया कि नहीं किया? ये घर में घुसकर मारने वाला रास्ता सही है कि नहीं है? ये आतंकवाद तभी खत्म होगा कि नहीं होगा? धूप-बत्ती, आरती करने से आतंकवाद जाएगा क्या? भाइयो-बहनो, जैसे वो भूत-प्रेत को चोटी से पकड़ कर मारते हैं ना वैसे ही आतंकवाद को मारना पड़ेगा जी।
साथियो, यदुवंश की जब चर्चा होती है, जिस बात को लेकर यादव समाज बहुत गर्व करता है। वो यदुवंश द्वारिका नगरी से मैं आया हूं, भाइयो। जहां श्री कृष्ण विराजते हैं उस जगह से मैं आया हूं, गुजरात की उस धरती से आया हूं और जब भगवान श्री कृष्ण का नाम लेता हूं, यदुवंश की उस महान परंपरा को याद करता हूं तब आज मैं इस धरती पर मैं कहना चाहूंगा। हमारी प्रेरणा मक्खन खाने वाले बाल-गोपाल हैं, हमारी प्रेरणा बंसुरी बजाने वाले कन्हैया हैं तो हमारी प्रेरणा सुदर्शन चक्र चलाने वाले भगवान कृष्ण भी हैं। जब-जब जरूरत पड़ेगी, आतंक को कुचलने के लिए भारत सुदर्शनधारी कृष्ण का रूप ले कर भी कार्रवाई करेगा।
भाइयो-बहनो, हमारे लिए चरखाधारी मोहन विकास का रास्ता हैं और सुरक्षा का रास्ता है सुदर्शनधारी मोहन, वो भी हमारा रास्ता है। हमें विकास भी करना है, हमें सुरक्षा भी करनी है। सुरक्षा का रास्ता चक्रधारी मोहन ने दिखाया और विकास का रास्ता दिखाया चरखाधारी मोहन ने। लेकिन साथियो, ये महामिलावटी कहते हैं की राष्ट्ररक्षा कोई मुद्दा ही नहीं है। जो निर्दोष लोगों का जीवन छीन ले, ऐसी समस्या देश का मुद्दा कैसे नहीं हो सकता। साथियो, हमारा ट्रैक रिकॉर्ड संकल्प को सिद्ध करने का है इसलिए जनता हम पर विश्वास करती है। लेकिन महामिलावट का ट्रैक रिकॉर्ड धोखे और महामिलावट का है इसलिए उनको सबक सिखाया जा रहा है। भाइयो-बहनो, पटना साहिब की धरती से मैं देश को फिर से कांग्रेस के अहंकार की याद दिलाना चाहता हूं। 1984 के सिख नरसंहार के लिए कांग्रेस के नामदारों के बयान आपने सुने हैं। उस भींषड़ हत्याकांड के लिए माफी मांगने के बजाए ये कह रहे हैं, हुआ तो हुआ। क्या कह रहे है? हुआ तो हुआ। कितना अहंकार झलक रहा है।
साथियो, नामदारों की, कांग्रेस की असली सच्चाई यही है। साथियो, सक्षम, सुरक्षित और संस्कारी नए भारत के लिए आपका सहयोग जरूरी है, आपको पूरी शक्ति से एनडीए के पक्ष में मतदान करना है। आपका हर वोट मोदी के खाते में आएगा। एक बार फिर, आप सब इतनी बड़ी तादाद में आए, हमें आशीर्वाद दिए, मैं आपका आभारी हूं। आज मेरी ये आखिरी सभा है, 2019 के मेरे आखिरी आशीर्वाद लेने का अवसर है। लेकिन इसके बाद, जैसा की राम विलास जी बता रहे थे, प्रधानमंत्री पद के फिर से इस सेवा के भाव से स्वीकार करते हुए, मैं एक बार फिर विकास की गंगा को लेकर के आपके बीच आऊंगा।