West Bengal will play a significant role in ‘Purvodaya’: PM Modi

Published By : Admin | October 22, 2020 | 10:58 IST
Feeling blessed to be a part of Maa Durga Pujo’s Mahashashti celebrations: PM Modi
The power of maa Durga and devotion of the people of Bengal is making me feel like I am present in the auspicious land of Bengal: PM Modi
I urge everyone to ensure 'do gaj ki doori' and wear masks during celebrations at all times, says PM Modi
Durga Puja reflects unity and strength of India, as well as traditions and culture of Bengal, says PM Modi
West Bengal has to play a significant role in ‘Purvodaya’, says Prime Minister Modi

पश्चिम बंगाल के मेरे भाइयो और बहनो, आज भक्ति की शक्ति ऐसी है कि ऐसा लग रहा है जैसे मैं दिल्ली में नहीं लेकिन आज मैं बंगाल में आप के बीच उपस्थित हूं।

बंगाल के मां दुर्गा के भक्तों ने, मेरे स्वजनों ने मुझे बुलाया है, मुझे इस अवसर से जुड़ने का बहुत बड़ा सौभाग्य मिला है। जब आस्था अपरंपार, मां दुर्गा का आशीर्वाद हो तो स्थान स्थिति परिस्थिति से आगे बढ़कर पूरा देश ही एक प्रकार से बंगालमय हो जाता है, बंगाल हो जाता है। ऐसी कोई जगह नहीं जहां इन दिनों ग्राम बांग्ला और शोहोर बांग्ला के रंग और मां दुर्गा के नवरूप की झलक ना दिखाई देती हो। दुर्गा पूजा का पर्व, भारत की एकता का पर्व भी है, भारत की पूर्णता का पर्व भी है।

बंगाल की दुर्गा पूजा भारत की इस पूर्णता को एक नई चमक देती है, नए रंग देती है, नए श्रृंगार देती है। ये बंगाल की जागरूक चेतना का, बंगाल की आध्यात्मिकता का, बंगाल की ऐतिहासिकता का प्रभाव है। पवित्र षष्ठी के इस पुण्य अवसर पर मैं बंगाल की पवित्र पुण्य भूमि को आज आदरपूर्वक नमन करता हूं।

बंगाल की भूमि से निकले महान व्यक्तित्वों ने जब जैसी आवश्यकता पड़ी, शस्त्र और शास्त्र से, त्याग और तपस्या से मां भारती की सेवा की है। बंगाल की माटी को अपने माथे से लगाकर जिन्होंने पूरी मानवता को दिशा दिखाई। उनमें राम कृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, चैतन्य महाप्रभू, श्री अरबिंदो, बाबा लोकनाथ, श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र, मां आनंदमयी ऐसे अनगिनत ऋषि परंपरा के महानुभावों को, महार्षियों को, तपस्वियों को आज मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं।
जिन्होंने बंगाल ही नहीं पूरे देश के संस्कारों को गढ़ा, उन गुरुदेव रविन्द्रनाथ जी टैगोर, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय, शरतचंद्र चट्टोपाध्याय जी को भी मैं आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं। जिन्होंने भारतीय समाज को नई राह दिखाई, नई चेतना जगाई उन ईश्वरचंद्र विद्यासागर, राजा राम मोहन राय, गुरुचंद ठाकुर, हरिचंद ठाकुर, पंचानन बरमा का नाम लेते हुए नई चेतना जगती है।

आज अवसर है उन सबके सामने शीष झुकाने का जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को जीवंत किया, नई ऊर्जा से भर दिया। ऐसे नेता जी सुभाष चंद्र बोस, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, शहीद खुदी राम बोस, शहीद प्रफुल्ल चाकी, मास्टर दा सूर्यसेन, बाघा जतिन को हम सब आज नमन करते हैं। जिन्होंने मां भारती की सेवा में अपना जीवन लगा दिया ऐसी मां शारदा, मातंगिनी हाजरा, रानी रासमणि, प्रीतिलता वाडेकर, सरला देवी चौधरानी, कामिनी राय को आज प्रणाम करने का ये पल है। जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में भारत का परचम पूरी दुनिया में लहराया। ऐसे जगदीश चंद्र बोस, सत्येंद्र नाथ बोस, आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय, आज जब विज्ञान का युग उनको हर पल याद करता है, मैं भी आज उन महानुभावों को नमन करता हूं।

आज के भारत को गढ़ने में, संवारने में बंगाल का इतना बड़ा योगदान है, इतने सारे नाम हैं कि शाम हो जाएगी लेकिन नाम खत्म नहीं होंगे। कला संगीत जगत की ही बात करें तो काजी नजरुल इस्लाम, सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, सुचित्रा सेन, उत्तम कुमार, कितने ही नाम हैं जिन्होंने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। वैसे बहुत से लोगों को ये भी पता नहीं होगा कि दुर्गा स्वरूप मां भारती की जो तस्वीर आज करोड़ों भारतीयों के दिल में बसी है वो तस्वीर भी सबसे पहले बंगाल में अवनींद्र नाथ टैगोर जी ने बनाई थी। बंगाल के लोगों में एक ऐसी आत्मशक्ति है जिसके कारण वे हर क्षेत्र में आगे बढ़कर उपलब्धियां पाते हैं। बंगाल के लोगों ने देश को प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाया है, आज भी बढ़ा रहे हैं और ये मेरा विश्वास है कि भविष्य में भी बंगाल के लोग देश का गौरव इसी तरह बढ़ाते रहेंगे। अभी इस कार्यक्रम में उपस्थित आप सब भी बंगाल के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। आज के पावन दिन, मैं सभी का स्मरण करता हूं, अथाह शक्तियों से भरी हुई बंगाल की जनता को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियो, इस बार हम सभी कोरोना के संकट के बीच दुर्गा पूजा मना रहे हैं। मां दुर्ग के भक्त, पंडालों के आयोजकों सबने इस बार अद्भुत संयम दिखाया है। संख्या पर भले असर पड़ा हो लेकिन भव्यता वही है, दिव्यता वही है। आयोजन भले ही सीमित है लेकिन उत्सव का रंग, उल्लास आनंद असीमित है, यही तो बंगाल की पहचान है, यही तो बंगाल की चेतना है, यही तो असली बंगाल है। हां, मेरा आपसे ये आग्रह जरूर है कि मां दुर्गा की पूजा के साथ ही आप दो गज की दूरी, मास्क पहनने और अन्य नियमों का पालन भी पूरी निष्ठा से करेंगे।

साथियो, बंगाल में ‘उमा एलो घरे’ की सनातन परंपरा रही है। दुर्गा पूजा के प्रारंभ में बोधन समारोह में मां का पारंपरिक आह्वाहन भी इसी परंपरा का विधान है। यहां दुर्गा को अपनी बेटी भी मानते हैं, बेटी की तरह घर में उनका स्वागत करते हैं। ये दर्शन ईश्वरीय सत्ता से हमारा संतान और मां का ये रिश्ता, यही हमारे आध्यात्मिक और सामाजिक चिंतन का मूलभूत आधार है। इसलिए हमें सभी बेटियों को दुर्गा की तरह सम्मान करने की सीख दी जाती है। नवरात्र में उनकी पूजा की जाती है और मां दुर्गा की पूजा तो साक्षात शक्ति की साधना है।
हमारी मां दुर्गा दारिद्र, दुःख, भयहारिणी कही जाती हैं, दुर्गति नाशिनी कही जाती है अर्थात वो दुखों को, दरिद्रता को, दुर्गति को दूर करती है इसलिए दुर्गा पूजा तभी पूरी होती है जब हम किसी के दुःख को दूर करते हैं, किसी गरीब की मदद करते हैं।
साथियो, महिषासुर का वध करने के लिए माता का एक अंश ही पर्याप्त था लेकिन इस कार्य के लिए सभी दैवीय शक्तियां संगठित हो गई थीं, वैसे ही नारी शक्ति हमेशा से सभी चुनौतियों को परास्त करने की ताकत रखती है। ऐसे में यह सभी का दायित्व है कि संगठित रूप से सभी उनके साथ खड़े हों।
भारतीय जनता पार्टी के विचार यही हैं, संस्कार यही हैं और संकल्प भी यही है इसलिए देश में आज महिलाओं के सशक्तिकरण का भी अभियान तेज गति से जारी है। चाहे जन-धन योजना के तहत 22 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते खोलना हो या फिर मुद्रा योजना के तहत करोड़ों महिलाओं को आसान ऋण देना, चाहे बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ अभियान हो या फिर तीन तलाक के खिलाफ कानून, चाहे गर्भावस्था के दौरान मुफ्त चेकअप की सुविधा हो या फिर पोषण अभियान, चाहे ‘स्वच्छ भारत’ के तहत घरों में शौचालय का निर्माण हो या फिर रसोई में धुएं से आजादी, चाहे नाइट शिफ्ट में काम करने के अधिकार हो या फिर मैटेरनिटी लीव को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते करना हो। चाहे गहरी खदानों में काम करने की स्वीकृति हो या फिर सेना में परमानेंट कमीशन, देश की नारी शक्ति को सशक्त करने के लिए निरंतर काम किया जा रहा है।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी सरकार सजग है। रेप की सजा से जुड़े कानूनों को बहुत सख्त किया गया है, दुराचार करने वालों को मृत्युदंड तक का प्रावधान हुआ है।
भारत ने जो नया संकल्प लिया है, आत्मनिर्भर भारत के जिस अभियान पर हम निकले हैं उसमें भी नारी शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है।

साथियो, मैं भोलेनाथ की नगरी काशी का सांसद हूं, काशी में मां दुर्गा, माता अन्नपूर्णा के रूप में विराजती हैं। मां के रूप में दुर्गा जी को हमेशा ये चिंता भी रहती कि उनकी कोई संतान भूखी ना रहे, कोई गरीब ना रहे। बांग्ला में कहते हैं, ‘अमार शोंतान जेनो थाके दूधे भाते’। मां दुर्गा का ये आशीर्वाद तभी पूरा होगा जब हमारा किसान आत्मनिर्भर बने, हमारा श्रमिक आत्मनिर्भर बने, हमारा देश आत्मनिर्भर बने। आत्मनिर्भर भारत के इसी संकल्प से हमें सोनार बांग्ला के संकल्प को पूरा करना है। हमें याद रखना है, ये बंगाल की ही पवित्र धरती थी, जिसने ‘मायेर देवा मोटा कापोड, मथाए तुले ना रे भाई’ का गीत दिया था। ये बंगाल की ही धरती थी जिसने आजादी के आंदोलन में स्वदेशी को एक संकल्प बनाने का काम किया था। बंगाल की ही धरती से गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर और बंकिम चंद्र चटर्जी ने आत्मनिर्भर किसान और आत्मनिर्भर जीवन का संदेश दिया था।
गुरुदेव ने लिखा था, ‘बांग्लार माटी बांग्लार जल, बांग्लार बायू बांग्लार फल पुण्य हो, पुण्य हो, पुण्य हो, हे भगवान’। इसलिए 21वीं सदी में आत्मनिर्भर भारत का ये नया संकल्प ही, बंगाल की धरती से ही मजबूत होगा। हमारे बंगाल के गौरव को, बंगाल के उद्यम और बंगाल के उद्योग को यहां की समृद्धि और संपन्नता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है।

साथियो, बंगाल के तेज विकास के लिए, बंगाल के लोगों को मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए निरंतर काम हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बंगाल में करीब-करीब 30 लाख गरीबों के लिए घर बनाए जा चुके हैं। उज्जवला योजना के तहत करीब-करीब 90 लाख गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के जरिए बंगाल के लगभग 4 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोले गए हैं। इतना ही नहीं, जल जीवन मिशन योजना के जरिए बंगाल के लगभग चार लाख घरों में पाइप से साफ पानी पहुंचाने क काम हुआ है। बंगाल के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कनेक्टिविटी सुधारने के लिए भी लगातार काम हो रहा है। कोलकाता में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कार्रिडोर परियोजना के लिए भी साढ़े 8 हजार करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। नेपाल, भारत और बंग्लादेश के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए सैंकड़ों करोड़ रुपए का लागत से सड़क परियोजना पर कार्य चल रहा है। नेशनल हाईवेज हो, वॉटरवेज हो या फिर गांव-गांव तक ब्राडबैंड कनेक्टिविटी, हमारी कोशिश है कि बंगाल के आम जन के जीवन से मुश्किलें कम हो, उनका जीवन आसान बने।

साथियो, भाजपा की केंद्र सरकार ने पूर्वोदय का मंत्र अपनाया है, जहां सूर्योदय हम देखते हैं पहला उसी दिशा का पूर्वोदय। पूर्वी भारत के विकास के लिए निरंतर फैसले लिए हैं। पूर्वोदय के इस मिशन में पश्चिम बंगाल को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है, मुझे भरोसा है कि पूर्वोदय का केंद्र बनकर पश्चिम बंगाल जल्द ही एक नई दिशा की तरफ बढ़ेगा। हमारे शास्त्रों में कहा गया है, ‘या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।’ अर्थात हर जन में मां दुर्गा ही शक्ति रूप से स्थित है। हमें इसी भावना से पूरी ताकत से काम करना है, जन-जन तक पहुंचाना है। हमारे शास्त्रों का कथन है, ‘या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता।’ अर्थात मां दुर्गा ही जन-जन में शांति रूप से स्थित है। इसलिए हमें शांति, प्रेम, भाईचारे की भावना से देश की एकता के लिए काम करना है। हमारे शास्त्रों का मंत्र है, ‘या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता।’ अर्थात मां दुर्गा सभी प्राणियों में दया के रूप में विराजती हैं इसलिए हमें हिंसा के खिलाफ अहिंसा से जीत हासिल करनी है। हमारी भावना है कि, ‘या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी-रूपेण संस्थिता।’ यानी कि मां दुर्गा ही सभी के साथ लक्ष्मी रूप में रहती हैं इसलिए हमें सबके सुख के लिए, सबके विकास के लिए काम करना है। हमें सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास इस मंत्र को लेकर आगे बढ़ना है। मुझे पूरा भरोसा है कि आप सबका ये तप, ये त्याग, ये साधना जल्द ही फलीभूत होंगे।

वैसे बंग्ला भाषा में इतनी मिठास है, मुझे मालूम है कि उच्चारण में कुछ ना कुछ कमी रह ही जाती है लेकिन फिर भी बांग्ला बोलने के मोह से मैं खुद को रोक नहीं पाया हूं। त्रुटियों के लिए क्षमा के साथ ही मैं मां दुर्गा के इस पवित्र पावन नवरात्री के पर्व पर सर झुका कर प्रणाम करते हुए पूरे राष्ट्र के कल्याण के लिए आप सबके साथ प्रार्थना में जुड़ने का गर्व अनुभव करते हुए मैं मेरी वाणी को विराम देता हूं। एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। जय मां दुर्गा, जय मां काली।

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PM Modi to visit Mauritius from March 11-12, 2025
March 08, 2025

On the invitation of the Prime Minister of Mauritius, Dr Navinchandra Ramgoolam, Prime Minister, Shri Narendra Modi will pay a State Visit to Mauritius on March 11-12, 2025, to attend the National Day celebrations of Mauritius on 12th March as the Chief Guest. A contingent of Indian Defence Forces will participate in the celebrations along with a ship from the Indian Navy. Prime Minister last visited Mauritius in 2015.

During the visit, Prime Minister will call on the President of Mauritius, meet the Prime Minister, and hold meetings with senior dignitaries and leaders of political parties in Mauritius. Prime Minister will also interact with the members of the Indian-origin community, and inaugurate the Civil Service College and the Area Health Centre, both built with India’s grant assistance. A number of Memorandums of Understanding (MoUs) will be exchanged during the visit.

India and Mauritius share a close and special relationship rooted in shared historical, cultural and people to people ties. Further, Mauritius forms an important part of India’s Vision SAGAR, i.e., Security and growth for All in the Region.

The visit will reaffirm the strong and enduring bond between India and Mauritius and reinforce the shared commitment of both countries to enhance the bilateral relationship across all sectors.