West Bengal will play a significant role in ‘Purvodaya’: PM Modi

Published By : Admin | October 22, 2020 | 10:58 IST
QuoteFeeling blessed to be a part of Maa Durga Pujo’s Mahashashti celebrations: PM Modi
QuoteThe power of maa Durga and devotion of the people of Bengal is making me feel like I am present in the auspicious land of Bengal: PM Modi
QuoteI urge everyone to ensure 'do gaj ki doori' and wear masks during celebrations at all times, says PM Modi
QuoteDurga Puja reflects unity and strength of India, as well as traditions and culture of Bengal, says PM Modi
QuoteWest Bengal has to play a significant role in ‘Purvodaya’, says Prime Minister Modi

पश्चिम बंगाल के मेरे भाइयो और बहनो, आज भक्ति की शक्ति ऐसी है कि ऐसा लग रहा है जैसे मैं दिल्ली में नहीं लेकिन आज मैं बंगाल में आप के बीच उपस्थित हूं।

बंगाल के मां दुर्गा के भक्तों ने, मेरे स्वजनों ने मुझे बुलाया है, मुझे इस अवसर से जुड़ने का बहुत बड़ा सौभाग्य मिला है। जब आस्था अपरंपार, मां दुर्गा का आशीर्वाद हो तो स्थान स्थिति परिस्थिति से आगे बढ़कर पूरा देश ही एक प्रकार से बंगालमय हो जाता है, बंगाल हो जाता है। ऐसी कोई जगह नहीं जहां इन दिनों ग्राम बांग्ला और शोहोर बांग्ला के रंग और मां दुर्गा के नवरूप की झलक ना दिखाई देती हो। दुर्गा पूजा का पर्व, भारत की एकता का पर्व भी है, भारत की पूर्णता का पर्व भी है।

बंगाल की दुर्गा पूजा भारत की इस पूर्णता को एक नई चमक देती है, नए रंग देती है, नए श्रृंगार देती है। ये बंगाल की जागरूक चेतना का, बंगाल की आध्यात्मिकता का, बंगाल की ऐतिहासिकता का प्रभाव है। पवित्र षष्ठी के इस पुण्य अवसर पर मैं बंगाल की पवित्र पुण्य भूमि को आज आदरपूर्वक नमन करता हूं।

बंगाल की भूमि से निकले महान व्यक्तित्वों ने जब जैसी आवश्यकता पड़ी, शस्त्र और शास्त्र से, त्याग और तपस्या से मां भारती की सेवा की है। बंगाल की माटी को अपने माथे से लगाकर जिन्होंने पूरी मानवता को दिशा दिखाई। उनमें राम कृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, चैतन्य महाप्रभू, श्री अरबिंदो, बाबा लोकनाथ, श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र, मां आनंदमयी ऐसे अनगिनत ऋषि परंपरा के महानुभावों को, महार्षियों को, तपस्वियों को आज मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं।
जिन्होंने बंगाल ही नहीं पूरे देश के संस्कारों को गढ़ा, उन गुरुदेव रविन्द्रनाथ जी टैगोर, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय, शरतचंद्र चट्टोपाध्याय जी को भी मैं आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं। जिन्होंने भारतीय समाज को नई राह दिखाई, नई चेतना जगाई उन ईश्वरचंद्र विद्यासागर, राजा राम मोहन राय, गुरुचंद ठाकुर, हरिचंद ठाकुर, पंचानन बरमा का नाम लेते हुए नई चेतना जगती है।

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आज अवसर है उन सबके सामने शीष झुकाने का जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को जीवंत किया, नई ऊर्जा से भर दिया। ऐसे नेता जी सुभाष चंद्र बोस, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, शहीद खुदी राम बोस, शहीद प्रफुल्ल चाकी, मास्टर दा सूर्यसेन, बाघा जतिन को हम सब आज नमन करते हैं। जिन्होंने मां भारती की सेवा में अपना जीवन लगा दिया ऐसी मां शारदा, मातंगिनी हाजरा, रानी रासमणि, प्रीतिलता वाडेकर, सरला देवी चौधरानी, कामिनी राय को आज प्रणाम करने का ये पल है। जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में भारत का परचम पूरी दुनिया में लहराया। ऐसे जगदीश चंद्र बोस, सत्येंद्र नाथ बोस, आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय, आज जब विज्ञान का युग उनको हर पल याद करता है, मैं भी आज उन महानुभावों को नमन करता हूं।

आज के भारत को गढ़ने में, संवारने में बंगाल का इतना बड़ा योगदान है, इतने सारे नाम हैं कि शाम हो जाएगी लेकिन नाम खत्म नहीं होंगे। कला संगीत जगत की ही बात करें तो काजी नजरुल इस्लाम, सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, सुचित्रा सेन, उत्तम कुमार, कितने ही नाम हैं जिन्होंने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। वैसे बहुत से लोगों को ये भी पता नहीं होगा कि दुर्गा स्वरूप मां भारती की जो तस्वीर आज करोड़ों भारतीयों के दिल में बसी है वो तस्वीर भी सबसे पहले बंगाल में अवनींद्र नाथ टैगोर जी ने बनाई थी। बंगाल के लोगों में एक ऐसी आत्मशक्ति है जिसके कारण वे हर क्षेत्र में आगे बढ़कर उपलब्धियां पाते हैं। बंगाल के लोगों ने देश को प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाया है, आज भी बढ़ा रहे हैं और ये मेरा विश्वास है कि भविष्य में भी बंगाल के लोग देश का गौरव इसी तरह बढ़ाते रहेंगे। अभी इस कार्यक्रम में उपस्थित आप सब भी बंगाल के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। आज के पावन दिन, मैं सभी का स्मरण करता हूं, अथाह शक्तियों से भरी हुई बंगाल की जनता को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियो, इस बार हम सभी कोरोना के संकट के बीच दुर्गा पूजा मना रहे हैं। मां दुर्ग के भक्त, पंडालों के आयोजकों सबने इस बार अद्भुत संयम दिखाया है। संख्या पर भले असर पड़ा हो लेकिन भव्यता वही है, दिव्यता वही है। आयोजन भले ही सीमित है लेकिन उत्सव का रंग, उल्लास आनंद असीमित है, यही तो बंगाल की पहचान है, यही तो बंगाल की चेतना है, यही तो असली बंगाल है। हां, मेरा आपसे ये आग्रह जरूर है कि मां दुर्गा की पूजा के साथ ही आप दो गज की दूरी, मास्क पहनने और अन्य नियमों का पालन भी पूरी निष्ठा से करेंगे।

साथियो, बंगाल में ‘उमा एलो घरे’ की सनातन परंपरा रही है। दुर्गा पूजा के प्रारंभ में बोधन समारोह में मां का पारंपरिक आह्वाहन भी इसी परंपरा का विधान है। यहां दुर्गा को अपनी बेटी भी मानते हैं, बेटी की तरह घर में उनका स्वागत करते हैं। ये दर्शन ईश्वरीय सत्ता से हमारा संतान और मां का ये रिश्ता, यही हमारे आध्यात्मिक और सामाजिक चिंतन का मूलभूत आधार है। इसलिए हमें सभी बेटियों को दुर्गा की तरह सम्मान करने की सीख दी जाती है। नवरात्र में उनकी पूजा की जाती है और मां दुर्गा की पूजा तो साक्षात शक्ति की साधना है।
हमारी मां दुर्गा दारिद्र, दुःख, भयहारिणी कही जाती हैं, दुर्गति नाशिनी कही जाती है अर्थात वो दुखों को, दरिद्रता को, दुर्गति को दूर करती है इसलिए दुर्गा पूजा तभी पूरी होती है जब हम किसी के दुःख को दूर करते हैं, किसी गरीब की मदद करते हैं।
साथियो, महिषासुर का वध करने के लिए माता का एक अंश ही पर्याप्त था लेकिन इस कार्य के लिए सभी दैवीय शक्तियां संगठित हो गई थीं, वैसे ही नारी शक्ति हमेशा से सभी चुनौतियों को परास्त करने की ताकत रखती है। ऐसे में यह सभी का दायित्व है कि संगठित रूप से सभी उनके साथ खड़े हों।
भारतीय जनता पार्टी के विचार यही हैं, संस्कार यही हैं और संकल्प भी यही है इसलिए देश में आज महिलाओं के सशक्तिकरण का भी अभियान तेज गति से जारी है। चाहे जन-धन योजना के तहत 22 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते खोलना हो या फिर मुद्रा योजना के तहत करोड़ों महिलाओं को आसान ऋण देना, चाहे बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ अभियान हो या फिर तीन तलाक के खिलाफ कानून, चाहे गर्भावस्था के दौरान मुफ्त चेकअप की सुविधा हो या फिर पोषण अभियान, चाहे ‘स्वच्छ भारत’ के तहत घरों में शौचालय का निर्माण हो या फिर रसोई में धुएं से आजादी, चाहे नाइट शिफ्ट में काम करने के अधिकार हो या फिर मैटेरनिटी लीव को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते करना हो। चाहे गहरी खदानों में काम करने की स्वीकृति हो या फिर सेना में परमानेंट कमीशन, देश की नारी शक्ति को सशक्त करने के लिए निरंतर काम किया जा रहा है।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी सरकार सजग है। रेप की सजा से जुड़े कानूनों को बहुत सख्त किया गया है, दुराचार करने वालों को मृत्युदंड तक का प्रावधान हुआ है।
भारत ने जो नया संकल्प लिया है, आत्मनिर्भर भारत के जिस अभियान पर हम निकले हैं उसमें भी नारी शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है।

साथियो, मैं भोलेनाथ की नगरी काशी का सांसद हूं, काशी में मां दुर्गा, माता अन्नपूर्णा के रूप में विराजती हैं। मां के रूप में दुर्गा जी को हमेशा ये चिंता भी रहती कि उनकी कोई संतान भूखी ना रहे, कोई गरीब ना रहे। बांग्ला में कहते हैं, ‘अमार शोंतान जेनो थाके दूधे भाते’। मां दुर्गा का ये आशीर्वाद तभी पूरा होगा जब हमारा किसान आत्मनिर्भर बने, हमारा श्रमिक आत्मनिर्भर बने, हमारा देश आत्मनिर्भर बने। आत्मनिर्भर भारत के इसी संकल्प से हमें सोनार बांग्ला के संकल्प को पूरा करना है। हमें याद रखना है, ये बंगाल की ही पवित्र धरती थी, जिसने ‘मायेर देवा मोटा कापोड, मथाए तुले ना रे भाई’ का गीत दिया था। ये बंगाल की ही धरती थी जिसने आजादी के आंदोलन में स्वदेशी को एक संकल्प बनाने का काम किया था। बंगाल की ही धरती से गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर और बंकिम चंद्र चटर्जी ने आत्मनिर्भर किसान और आत्मनिर्भर जीवन का संदेश दिया था।
गुरुदेव ने लिखा था, ‘बांग्लार माटी बांग्लार जल, बांग्लार बायू बांग्लार फल पुण्य हो, पुण्य हो, पुण्य हो, हे भगवान’। इसलिए 21वीं सदी में आत्मनिर्भर भारत का ये नया संकल्प ही, बंगाल की धरती से ही मजबूत होगा। हमारे बंगाल के गौरव को, बंगाल के उद्यम और बंगाल के उद्योग को यहां की समृद्धि और संपन्नता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है।

साथियो, बंगाल के तेज विकास के लिए, बंगाल के लोगों को मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए निरंतर काम हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बंगाल में करीब-करीब 30 लाख गरीबों के लिए घर बनाए जा चुके हैं। उज्जवला योजना के तहत करीब-करीब 90 लाख गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के जरिए बंगाल के लगभग 4 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोले गए हैं। इतना ही नहीं, जल जीवन मिशन योजना के जरिए बंगाल के लगभग चार लाख घरों में पाइप से साफ पानी पहुंचाने क काम हुआ है। बंगाल के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कनेक्टिविटी सुधारने के लिए भी लगातार काम हो रहा है। कोलकाता में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कार्रिडोर परियोजना के लिए भी साढ़े 8 हजार करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। नेपाल, भारत और बंग्लादेश के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए सैंकड़ों करोड़ रुपए का लागत से सड़क परियोजना पर कार्य चल रहा है। नेशनल हाईवेज हो, वॉटरवेज हो या फिर गांव-गांव तक ब्राडबैंड कनेक्टिविटी, हमारी कोशिश है कि बंगाल के आम जन के जीवन से मुश्किलें कम हो, उनका जीवन आसान बने।

साथियो, भाजपा की केंद्र सरकार ने पूर्वोदय का मंत्र अपनाया है, जहां सूर्योदय हम देखते हैं पहला उसी दिशा का पूर्वोदय। पूर्वी भारत के विकास के लिए निरंतर फैसले लिए हैं। पूर्वोदय के इस मिशन में पश्चिम बंगाल को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है, मुझे भरोसा है कि पूर्वोदय का केंद्र बनकर पश्चिम बंगाल जल्द ही एक नई दिशा की तरफ बढ़ेगा। हमारे शास्त्रों में कहा गया है, ‘या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।’ अर्थात हर जन में मां दुर्गा ही शक्ति रूप से स्थित है। हमें इसी भावना से पूरी ताकत से काम करना है, जन-जन तक पहुंचाना है। हमारे शास्त्रों का कथन है, ‘या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता।’ अर्थात मां दुर्गा ही जन-जन में शांति रूप से स्थित है। इसलिए हमें शांति, प्रेम, भाईचारे की भावना से देश की एकता के लिए काम करना है। हमारे शास्त्रों का मंत्र है, ‘या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता।’ अर्थात मां दुर्गा सभी प्राणियों में दया के रूप में विराजती हैं इसलिए हमें हिंसा के खिलाफ अहिंसा से जीत हासिल करनी है। हमारी भावना है कि, ‘या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी-रूपेण संस्थिता।’ यानी कि मां दुर्गा ही सभी के साथ लक्ष्मी रूप में रहती हैं इसलिए हमें सबके सुख के लिए, सबके विकास के लिए काम करना है। हमें सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास इस मंत्र को लेकर आगे बढ़ना है। मुझे पूरा भरोसा है कि आप सबका ये तप, ये त्याग, ये साधना जल्द ही फलीभूत होंगे।

वैसे बंग्ला भाषा में इतनी मिठास है, मुझे मालूम है कि उच्चारण में कुछ ना कुछ कमी रह ही जाती है लेकिन फिर भी बांग्ला बोलने के मोह से मैं खुद को रोक नहीं पाया हूं। त्रुटियों के लिए क्षमा के साथ ही मैं मां दुर्गा के इस पवित्र पावन नवरात्री के पर्व पर सर झुका कर प्रणाम करते हुए पूरे राष्ट्र के कल्याण के लिए आप सबके साथ प्रार्थना में जुड़ने का गर्व अनुभव करते हुए मैं मेरी वाणी को विराम देता हूं। एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। जय मां दुर्गा, जय मां काली।

  • krishangopal sharma Bjp January 04, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌹🌷🌷🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 04, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp January 04, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • Mahendra singh Solanki Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp December 18, 2023

    नमो नमो नमो नमो नमो नमो
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ਪਿਆਰੇ ਦੇਸ਼ਵਾਸੀਓ,

ਨਮਸਕਾਰ!

ਅਸੀਂ ਸਾਰਿਆਂ ਨੇ ਬੀਤੇ ਦਿਨਾਂ ਵਿੱਚ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਅਤੇ ਉਸ ਦਾ ਸੰਜਮ ਦੋਵੇਂ ਦੇਖੇ ਹਨ। ਮੈਂ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਭਾਰਤ ਦੀ ਪਰਾਕ੍ਰਮੀ ਸੈਨਾਵਾਂ ਨੂੰ, ਹਥਿਆਰਬੰਦ ਬਲਾਂ ਨੂੰ, ਸਾਡੀਆਂ ਖੁਫੀਆਂ ਏਜੰਸੀਆਂ ਨੂੰ, ਸਾਡੇ ਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਨੂੰ, ਹਰ ਭਾਰਤਵਾਸੀ ਵੱਲੋਂ ਸੈਲਿਊਟ ਕਰਦਾ ਹਾਂ। ਸਾਡੇ ਵੀਰ ਸੈਨਿਕਾਂ ਨੇ ‘ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ’ ਦੇ ਟੀਚਿਆਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਲਈ ਅਸੀਮ ਸ਼ੌਰਯ ਦਾ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨ ਕੀਤਾ। ਮੈਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵੀਰਤਾ ਨੂੰ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਾਹਸ ਨੂੰ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਰਾਕ੍ਰਮ ਨੂੰ, ਅੱਜ ਸਮਰਪਿਤ ਕਰਦਾ ਹਾਂ- ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਹਰ ਮਾਤਾ ਨੂੰ, ਦੇਸ਼ ਦੀ ਹਰ ਭੈਣ ਨੂੰ, ਅਤੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਹਰ ਬੇਟੀ ਨੂੰ, ਇਹ ਪਰਾਕ੍ਰਮ ਸਮਰਪਿਤ ਕਰਦਾ ਹਾਂ।

ਸਾਥੀਓ,

22 ਅਪ੍ਰੈਲ ਨੂੰ ਪਹਿਲਗਾਮ ਵਿੱਚ ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੇ ਜੋ ਬਰਬਰਤਾ ਦਿਖਾਈ ਸੀ, ਉਸ ਨੇ ਦੇਸ਼ ਅਤੇ ਦੁਨੀਆ ਨੂੰ ਝੰਜੋੜ ਕੇ ਰੱਖ ਦਿੱਤਾ ਸੀ। ਛੁੱਟੀਆਂ ਮਨਾ ਰਹੇ ਨਿਰਦੋਸ਼- ਮਾਸੂਮ ਨਾਗਰਿਕਾਂ ਨੂੰ ਧਰਮ ਪੁੱਛ ਕੇ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ, ਬੇਰਹਮੀ ਨਾਲ ਮਾਰ ਦੇਣਾ, ਇਹ ਅੱਤਵਾਦ ਦਾ ਬਹੁਤ ਡਰਾਉਣਾ ਚਿਹਰਾ ਸੀ , ਕਰੂਰਤਾ ਸੀ। ਇਹ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਸਦਭਾਵਨਾ ਨੂੰ ਤੋੜਨ ਦਾ ਘਿਣਾਉਣਾ ਯਤਨ ਵੀ ਸੀ। ਮੇਰੇ ਲਈ ਨਿਜੀ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਇਹ ਪੀੜਾ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਸੀ। ਇਸ ਅੱਤਵਾਦੀ ਹਮਲੇ ਦੇ ਬਾਅਦ ਸਾਰਾ ਰਾਸ਼ਟਰ, ਹਰ ਨਾਗਰਿਕ, ਹਰ ਸਮਾਜ, ਹਰ ਵਰਗ, ਹਰ ਰਾਜਨੀਤਕ ਦਲ, ਇੱਕ ਸੁਰ ਵਿੱਚ, ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਸਖਤ ਕਾਰਵਾਈ ਲਈ ਉੱਠ ਖੜ੍ਹਾ ਹੋਇਆ। ਅਸੀਂ ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੂੰ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਉਣ ਲਈ ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਸੈਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਪੂਰੀ ਛੂਟ ਦੇ ਦਿੱਤੀ। ਅਤੇ ਅੱਜ ਹਰ ਅੱਤਵਾਦੀ, ਅੱਤਵਾਦ ਦਾ ਹਰ ਸੰਗਠਨ ਜਾਣ ਚੁੱਕਾ ਹੈ ਕਿ ਸਾਡੀਆਂ ਭੈਣਾਂ-ਬੇਟੀਆਂ ਦੇ ਮੱਥੇ ਤੋਂ ਸਿੰਦੂਰ ਹਟਾਉਣ ਦਾ ਅੰਜਾਮ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ।

ਸਾਥੀਓ,

‘ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ’ ਇਹ ਸਿਰਫ਼ ਨਾਮ ਨਹੀਂ ਹੈ, ਇਹ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਕੋਟਿ-ਕੋਟਿ ਲੋਕਾਂ ਦੀਆਂ ਭਾਵਨਾਵਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਹੈ। ‘ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ‘ ਨਿਆਂ ਦੀ ਅਖੰਡ ਪ੍ਰਤਿੱਗਿਆ ਹੈ। 6 ਮਈ ਦੀ ਦੇਰ ਰਾਤ, 7 ਮਈ ਦੀ ਸਵੇਰ, ਪੂਰੀ ਦੁਨੀਆ ਨੇ ਇਸ ਪ੍ਰਤਿੱਗਿਆ ਨੂੰ ਅੰਜਾਮ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦੇ ਦੇਖਿਆ ਹੈ। ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਸੈਨਾਵਾਂ ਨੇ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਵਿੱਚ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਠਿਕਾਣਿਆਂ ‘ਤੇ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਟ੍ਰੇਨਿੰਗ ਸੈਂਟਰਸ ‘ਤੇ ਸਟੀਕ ਪ੍ਰਹਾਰ ਕੀਤਾ। ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੇ ਸੁਪਨੇ ਵਿੱਚ ਵੀ ਨਹੀਂ ਸੋਚਿਆ ਸੀ ਕਿ ਭਾਰਤ ਇੰਨਾ ਵੱਡਾ ਫੈਸਲਾ ਲੈ ਸਕਦਾ ਹੈ। ਲੇਕਿਨ ਜਦੋਂ ਦੇਸ਼ ਇਕਜੁੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, Nation First ਦੀ ਭਾਵਨਾ ਨਾਲ ਭਰਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਰਾਸ਼ਟਰ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਫੌਲਾਦੀ ਫੈਸਲੇ ਲਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਨਤੀਜੇ ਲੈ ਕੇ ਦਿਖਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ।

ਜਦੋਂ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਵਿੱਚ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਅੱਡਿਆਂ ‘ਤੇ ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਮਿਜ਼ਾਇਲਾਂ ਨੇ ਹਮਲਾ ਬੋਲਿਆ, ਭਾਰਤ ਦੇ ਡ੍ਰੋਨਸ ਨੇ ਹਮਲਾ ਬੋਲਿਆ, ਤਾਂ ਅੱਤਵਾਦੀ ਸੰਗਠਨਾਂ ਦੀਆਂ ਇਮਾਰਤਾਂ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੌਸਲਾ ਵੀ ਕੰਬ ਗਿਆ। ਬਹਾਵਲਪੁਰ ਅਤੇ ਮੁਰੀਦਕੇ ਜਿਹੇ ਅੱਤਵਾਦੀ ਠਿਕਾਣੇ, ਇੱਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਗਲੋਬਲ ਟੈਰਰਿਜ਼ਮ ਦੀ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀਜ਼ ਰਹੀਆਂ ਹਨ। ਦੁਨੀਆ ਵਿੱਚ ਕਿਤੇ ਵੀ ਜੋ ਵੱਡੇ ਅੱਤਵਾਦੀ ਹਮਲੇ ਹੋਏ ਹਨ, ਭਾਵੇਂ ਨਾਈਨ ਇਲੈਵਨ ਹੋਵੇ, ਭਾਵੇਂ ਲੰਦਨ ਟਿਊਬ ਬੌਂਬਿੰਗਸ ਹੋਣ, ਜਾਂ ਫਿਰ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਦਹਾਕਿਆਂ ਵਿੱਚ ਜੋ ਵੱਡੇ-ਵੱਡੇ ਅੱਤਵਾਦੀ ਹਮਲੇ ਹੋਏ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਤਾਰ ਕਿਤੇ ਨਾ ਕਿਤੇ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਠਿਕਾਣਿਆਂ ਨਾਲ ਜੁੜਦੇ ਰਹੇ ਹਨ। ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੇ ਸਾਡੀਆਂ ਭੈਣਾਂ ਦਾ ਸਿੰਦੂਰ ਉਜਾੜਿਆ ਸੀ, ਇਸ ਲਈ ਭਾਰਤ ਨੇ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਇਹ ਹੈੱਡਕੁਆਰਟਰਸ ਉਜਾੜ ਦਿੱਤੇ। ਭਾਰਤ ਦੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਹਮਲਿਆਂ ਵਿੱਚ 100 ਤੋਂ ਵੱਧ ਖੂੰਖਾਰ ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੂੰ ਮੌਤ ਦੇ ਘਾਟ ਉਤਾਰਿਆ ਗਿਆ ਹੈ। ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਆਕਾ, ਬੀਤੇ ਢਾਈ-ਤਿੰਨ ਦਹਾਕਿਆਂ ਤੋਂ ਖੁੱਲ੍ਹੇਆਮ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਵਿੱਚ ਘੁੰਮ ਰਹੇ ਸੀ, ਜੋ ਭਾਰਤ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਸਾਜਿਸ਼ਾਂ ਕਰਦੇ ਸੀ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਭਾਰਤ ਨੇ ਇੱਕ ਝਟਕੇ ਵਿੱਚ ਖਤਮ ਕਰ ਦਿੱਤਾ।

ਸਾਥੀਓ,

ਭਾਰਤ ਦੀ ਇਸ ਕਾਰਵਾਈ ਨਾਲ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਘੋਰ ਨਿਰਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਘਿਰ ਗਿਆ ਸੀ, ਹਤਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਘਿਰ ਗਿਆ ਸੀ, ਘਬਰਾ ਗਿਆ ਸੀ, ਅਤੇ ਇਸੇ ਘਬਰਾਹਟ ਵਿੱਚ ਉਸ ਨੇ ਇੱਕ ਹੋਰ ਗਲਤੀ ਕੀਤੀ। ਅੱਤਵਾਦ ‘ਤੇ ਭਾਰਤ ਦੀ ਕਾਰਵਾਈ ਦਾ ਸਾਥ ਦੇਣ ਦੀ ਬਜਾਏ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੇ ਭਾਰਤ ‘ਤੇ ਹੀ ਹਮਲਾ ਕਰਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੱਤਾ। ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੇ ਸਾਡੇ ਸਕੂਲਾਂ-ਕਾਲਜਾਂ ਨੂੰ, ਗੁਰਦੁਆਰਿਆਂ ਨੂੰ, ਮੰਦਿਰਾਂ, ਆਮ ਨਾਗਰਿਕਾਂ ਦੇ ਘਰਾਂ ਨੂੰ ਨਿਸ਼ਾਨਾ ਬਣਾਇਆ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੇ ਸਾਡੇ ਸੈਨਾ ਠਿਕਾਣਿਆਂ ਨੂੰ ਨਿਸ਼ਾਨਾ ਬਣਾਇਆ, ਲੇਕਿਨ ਇਸ ਵਿੱਚ ਵੀ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਖੁਦ ਬੇਨਕਾਬ ਹੋ ਗਿਆ।

ਦੁਨੀਆ ਨੇ ਦੇਖਿਆ ਕਿ ਕਿਵੇਂ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੇ ਡ੍ਰੋਨਸ ਅਤੇ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੀਆਂ ਮਿਜ਼ਾਇਲਾਂ, ਭਾਰਤ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਤਿਨਕੇ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਿਖਰ ਗਈਆਂ। ਭਾਰਤ ਦੇ ਸਸ਼ਕਤ ਏਅਰ ਡਿਫੈਂਸ ਸਿਸਟਮ ਨੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਅਸਮਾਨ ਵਿੱਚ ਹੀ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੱਤਾ। ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੀ ਤਿਆਰੀ ਸੀਮਾ ‘ਤੇ ਹਮਲੇ ਦੀ ਸੀ, ਲੇਕਿਨ ਭਾਰਤ ਨੇ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੇ ਸਿੰਨੇ ‘ਤੇ ਵਾਰ ਕਰ ਦਿੱਤਾ। ਭਾਰਤ ਦੇ ਡ੍ਰੋਨਸ, ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਮਿਜ਼ਾਇਲਾਂ ਨੇ ਸਟੀਕਤਾ ਦੇ ਨਾਲ ਹਮਲਾ ਕੀਤਾ। ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ ਵਾਯੂਸੈਨਾ ਦੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਏਅਰਬੇਸ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਇਆ, ਜਿਸ ‘ਤੇ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹੰਕਾਰ ਸੀ। ਭਾਰਤ ਨੇ ਪਹਿਲੇ ਤਿੰਨ ਦਿਨਾਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੂੰ ਇੰਨਾ ਤਬਾਹ ਕਰ ਦਿੱਤਾ, ਜਿਸ ਦਾ ਉਸ ਨੂੰ ਅੰਦਾਜ਼ਾ ਵੀ ਨਹੀਂ ਸੀ।

ਇਸ ਲਈ, ਭਾਰਤ ਦੀ ਆਕ੍ਰਾਮਕ ਕਾਰਵਾਈ ਦੇ ਬਾਅਦ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਬਚਣ ਦੇ ਰਸਤੇ ਖੋਜਨ ਲੱਗਿਆ। ਪਾਕਿਸਤਾਨ, ਦੁਨੀਆ ਭਰ ਵਿੱਚ ਤਣਾਅ ਘੱਟ ਕਰਨ ਦੀ ਗੁਹਾਰ ਲਗਾ ਰਿਹਾ ਸੀ। ਅਤੇ ਬੁਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਿਟਣ ਦੇ ਬਾਅਦ ਇਸੇ ਮਜਬੂਰੀ ਵਿੱਚ 10 ਮਈ ਦੀ ਦੁਪਹਿਰ ਨੂੰ ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ ਸੈਨਾ ਨੇ ਸਾਡੇ DGMO ਨੂੰ ਸੰਪਰਕ ਕੀਤਾ। ਤਦ ਤੱਕ ਅਸੀਂ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਇਨਫ੍ਰਾਸਟ੍ਰਕਚਰ ਨੂੰ ਵੱਡੇ ਪੈਮਾਨੇ ‘ਤੇ ਤਬਾਹ ਕਰ ਚੁੱਕੇ ਸੀ, ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੂੰ ਮੌਤ ਦੇ ਘਾਟ ਉਤਾਰ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਸੀ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੇ ਸਿੰਨੇ ਵਿੱਚ ਵਸਾਏ ਗਏ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਅੱਡਿਆਂ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਖੰਡਰ ਬਣਾ ਦਿੱਤਾ ਸੀ, ਇਸ ਲਈ, ਜਦੋਂ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੀ ਤਰਫ ਤੋਂ ਗੁਹਾਰ ਲਗਾਈ ਗਈ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੀ ਤਰਫ ਤੋਂ ਜਦੋਂ ਇਹ ਕਿਹਾ ਗਿਆ, ਕਿ ਉਸ ਦੇ ਵੱਲੋਂ ਅੱਗੇ ਕੋਈ ਅੱਤਵਾਦੀ ਗਤੀਵਿਧੀ ਅਤੇ ਸੈਨਾ ਦੀ ਗਲਤੀ ਨਹੀਂ ਦਿਖਾਈ ਜਾਵੇਗੀ। ਤਾਂ ਭਾਰਤ ਨੇ ਵੀ ਉਸ ‘ਤੇ ਵਿਚਾਰ ਕੀਤਾ। ਅਤੇ ਮੈਂ ਫਿਰ ਦੋਹਰਾ ਰਿਹਾ ਹਾਂ, ਅਸੀਂ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੇ ਅੱਤਵਾਦੀ ਅਤੇ ਸੈਨਾ ਠਿਕਾਣਿਆਂ ‘ਤੇ ਆਪਣੀ ਜਵਾਬੀ ਕਾਰਵਾਈ ਨੂੰ ਹੁਣ ਸਿਰਫ ਮੁਲਤਵੀ ਕੀਤਾ ਹੈ। ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਦਿਨਾਂ ਵਿੱਚ, ਅਸੀਂ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੇ ਹਰ ਕਦਮ ਨੂੰ ਇਸ ਕਸੌਟੀ ‘ਤੇ ਮਾਪਣਗੇ, ਕਿ ਉਹ ਕੀ ਰਵੱਈਆ ਅਪਣਾਉਂਦਾ ਹੈ।

ਸਾਥੀਓ,

ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਤਿੰਨੋਂ ਸੈਨਾਵਾਂ, ਸਾਡੀ ਏਅਰਫੋਰਸ, ਸਾਡੀ ਆਰਮੀ, ਅਤੇ ਸਾਡੀ ਨੇਵੀ, ਸਾਡੀ ਬੌਰਡਰ ਸਕਿਓਰਿਟੀ ਫੋਰਸ -BSF, ਭਾਰਤ ਦੇ ਅਰਧਸੈਨਿਕ ਬਲ, ਲਗਾਤਾਰ ਐਲਰਟ ‘ਤੇ ਹਨ, ਸਰਜੀਕਲ ਸਟ੍ਰਾਇਕ ਅਤੇ ਏਅਰ ਸਟ੍ਰਾਇਕ ਦੇ ਬਾਅਦ, ਹੁਣ ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਭਾਰਤ ਦੀ ਨੀਤੀ ਹੈ। ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਨੇ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਲੜਾਈ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਨਵੀਂ ਲਕੀਰ ਖਿੱਚ ਦਿੱਤੀ ਹੈ, ਇੱਕ ਨਵਾਂ ਪੈਮਾਨਾ, ਨਵਾਂ ਮਿਆਰ ਤੈਅ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਹੈ।

ਪਹਿਲਾਂ-ਭਾਰਤ ‘ਤੇ ਅੱਤਵਾਦੀ ਹਮਲਾ ਹੋਇਆ ਤਾਂ ਮੂੰਹ ਤੋੜ ਜਵਾਬ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇਗਾ। ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ, ਆਪਣੀਆਂ ਸ਼ਰਤਾਂ ‘ਤੇ ਜਵਾਬ ਦੇ ਕੇ ਰਹਾਂਗੇ। ਹਰ ਉਸ ਜਗ੍ਹਾ ਜਾ ਕੇ ਸਖਤ ਕਾਰਵਾਈ ਕਰਾਂਗੇ, ਜਿੱਥੋਂ ਤੋਂ ਅੱਤਵਾਦ ਦੀਆਂ ਜੜ੍ਹਾਂ ਨਿਕਲਦੀਆਂ ਹਨ। ਦੂਸਰਾ- ਕੋਈ ਵੀ ਨਿਊਕਲੀਅਰ ਬਲੈਕਮੇਲ ਭਾਰਤ ਨਹੀਂ ਸਹੇਗਾ। ਨਿਊਕਲੀਅਰ ਬਲੈਕਮੇਲ ਦੀ ਆੜ ਵਿੱਚ ਪਨਪ ਰਹੇ ਅੱਤਵਾਦੀ ਠਿਕਾਣਿਆਂ ‘ਤੇ ਭਾਰਤ ਸਟੀਕ ਅਤੇ ਨਿਰਣਾਇਕ ਪ੍ਰਹਾਰ ਕਰੇਗਾ।

ਤੀਸਰਾ- ਅਸੀਂ ਅੱਤਵਾਦ ਦੀ ਸਰਪ੍ਰਸਤ ਸਰਕਾਰ ਅਤੇ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਆਕਾਵਾਂ (ਹੁਕਮਰਾਨਾਂ) ਨੂੰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਨਹੀਂ ਦੇਖਾਂਗੇ। ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਦੇ ਦੌਰਾਨ, ਦੁਨੀਆ ਨੇ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦਾ ਉਹ ਘਿਣਾਉਣਾ ਸੱਚ ਫਿਰ ਦੇਖਿਆ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਮਾਰੇ ਗਏ ਅੱਤਵਾਦੀਆਂ ਨੂੰ ਵਿਦਾਈ ਦੇਣ, ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ ਸੈਨਾ ਦੇ ਵੱਡੇ –ਵੱਡੇ ਅਫ਼ਸਰ ਉਮੜ ਪਏ। ਸਟੇਟ ਸਪਾਂਸਰਡ ਟੈਰੇਰਿਜ਼ਮ ਦਾ ਇਹ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਸਬੂਤ ਹੈ। ਅਸੀਂ ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਨਾਗਰਿਕਾਂ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਵੀ ਖਤਰੇ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਦੇ ਲਈ ਲਗਾਤਾਰ ਨਿਰਣਾਇਕ ਕਦਮ ਚੁੱਕਦੇ ਰਹਾਂਗੇ।

ਸਾਥੀਓ,

ਯੁੱਧ ਦੇ ਮੈਦਾਨ ‘ਤੇ ਅਸੀਂ ਹਰ ਵਾਰ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੂੰ ਧੂੜ ਚਟਾਈ ਹੈ। ਅਤੇ ਇਸ ਵਾਰ ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਨੇ ਨਵਾਂ ਆਯਾਮ ਜੋੜਿਆ ਹੈ। ਅਸੀਂ ਰੇਗਿਸਤਾਨਾਂ ਅਤੇ ਪਹਾੜਾਂ ਵਿੱਚ ਆਪਣਾ ਸਮਰੱਥਾ ਦਾ ਸ਼ਾਨਦਾਰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨ ਕੀਤਾ , ਅਤੇ ਨਾਲ ਹੀ, ਨਿਊ ਐਜ਼ ਵੌਰਫੇਅਰ ਵਿੱਚ ਵੀ ਆਪਣੀ ਸ਼੍ਰੇਸ਼ਠਤਾ ਸਿੱਧ ਕੀਤੀ। ਇਸ ਓਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਦੇ ਦੌਰਾਨ, ਸਾਡੇ ਮੇਡ ਇਨ ਇੰਡੀਆ ਹਥਿਆਰਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਮਾਣਿਕਤਾ ਸਿੱਧ ਹੋਈ। ਅੱਜ ਦੁਨੀਆ ਦੇਖ ਰਹੀ ਹੈ, 21ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਵੌਰਫੇਅਰ ਵਿੱਚ ਮੇਡ ਇਨ ਇੰਡੀਆ ਡਿਫੈਂਸ ਇਕਵਿਪਮੈਂਟਸ, ਇਸ ਦਾ ਸਮਾਂ ਆ ਚੁੱਕਿਆ ਹੈ।

ਸਾਥੀਓ,

ਹਰ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅੱਤਵਾਦ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਸਾਡਾ ਸਾਰਿਆਂ ਦਾ ਇਕਜੁੱਟ ਰਹਿਣਾ, ਸਾਡੀ ਏਕਤਾ, ਸਾਡੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡੀ ਸ਼ਕਤੀ ਹੈ। ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਇਹ ਯੁੱਗ ਯੁੱਧ ਦਾ ਨਹੀਂ ਹੈ, ਲੇਕਿਨ ਇਹ ਯੁੱਗ ਅੱਤਵਾਦ ਦਾ ਵੀ ਨਹੀਂ ਹੈ। ਟੈਰੇਰਿਜ਼ਮ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਜ਼ੀਰੋ ਟੌਲਰੈਂਸ, ਇਹ ਇੱਕ ਬਿਹਤਰ ਦੁਨੀਆ ਦੀ ਗਰੰਟੀ ਹੈ।

ਸਾਥੀਓ,

ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ ਫੌਜ, ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਦੀ ਸਰਕਾਰ, ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅੱਤਵਾਦਾ ਨੂੰ ਖਾਦ-ਪਾਣੀ ਦੇ ਰਹੇ ਹਨ, ਉਹ ਇੱਕ ਦਿਨ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੂੰ ਹੀ ਖਤਮ ਕਰ ਦੇਵੇਗਾ। ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨੂੰ ਜੇਕਰ ਬਚਾਉਣਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਟੈਰਰ ਇਨਫ੍ਰਾਸਟ੍ਰਕਚਰ ਦਾ ਸਫਾਇਆ ਕਰਨਾ ਹੀ ਹੋਵੇਗਾ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਸ਼ਾਂਤੀ ਦਾ ਕੋਈ ਰਸਤਾ ਨਹੀਂ ਹੈ। ਭਾਰਤ ਦਾ ਮਤ ਇਕਦਮ ਸਪਸ਼ਟ ਹੈ, ਟੈਰਰ ਅਤੇ ਟੌਕ, ਇੱਕਠੇ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੇ, ਟੈਰਰ ਅਤੇ ਟ੍ਰੇਡ, ਇਕੱਠੇ ਨਹੀਂ ਚੱਲ ਸਕਦੇ। ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਖੂਨ ਵੀ ਇਕੱਠੇ ਨਹੀਂ ਵਹਿ ਸਕਦੇ।

ਮੈਂ ਅੱਜ ਵਿਸ਼ਵ ਭਾਈਚਾਰੇ ਨੂੰ ਵੀ ਕਹਾਂਗਾ, ਸਾਡੀ ਐਲਾਨ ਨੀਤੀ ਰਹੀ ਹੈ, ਜੇਕਰ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨਾਲ ਗੱਲ ਹੋਵੇਗੀ, ਤਾਂ ਟੈਰੇਰਿਜ਼ਮ ‘ਤੇ ਹੀ ਹੋਵੇਗੀ, ਜੇਕਰ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਨਾਲ ਗੱਲ ਹੋਵੇਗੀ, ਤਾਂ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਔਕਿਯੂਪਾਇਡ ਕਸ਼ਮੀਰ PoK ਉਸ ‘ਤੇ ਹੀ ਹੋਵੇਗੀ।

ਪਿਆਰੇ ਦੇਸ਼ਵਾਸੀਓ,

ਅੱਜ ਬੁੱਧ ਪੂਰਨਿਮਾ ਹੈ। ਭਗਵਾਨ ਬੁੱਧ ਨੇ ਸਾਨੂੰ ਸ਼ਾਂਤੀ ਦਾ ਰਸਤਾ ਦਿਖਾਇਆ ਹੈ। ਸ਼ਾਂਤੀ ਦਾ ਮਾਰਗ ਵੀ ਸ਼ਕਤੀ ਤੋਂ ਹੋ ਕੇ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਮਾਨਵਤਾ, ਸ਼ਾਂਤੀ ਅਤੇ ਸਮ੍ਰਿੱਧੀ ਵੱਲ ਵਧੇ, ਹਰ ਭਾਰਤੀ ਸ਼ਾਂਤੀ ਨਾਲ ਜੀ ਸਕੇ, ਵਿਕਸਿਤ ਭਾਰਤ ਦੇ ਸੁਪਨੇ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਸਕੇ, ਇਸ ਲਈ ਭਾਰਤ ਦਾ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਹੋਣਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ, ਅਤੇ ਜ਼ਰੂਰਤ ਪੈਣ ‘ਤੇ ਇਸ ਸ਼ਕਤੀ ਦਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਵੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ। ਅਤੇ ਪਿਛਲੇ ਕੁਝ ਦਿਨਾਂ ਵਿੱਚ, ਭਾਰਤ ਨੇ ਇਹੀ ਕੀਤਾ ਹੈ।

ਮੈਂ ਇੱਕ ਵਾਰ ਫਿਰ ਭਾਰਤ ਦੀ ਸੈਨਾ ਅਤੇ ਹਥਿਆਰਬੰਦ ਬਲਾਂ ਨੂੰ ਸੈਲਿਊਟ ਕਰਦਾ ਹਾਂ। ਅਸੀਂ ਭਾਰਤਵਾਸੀ ਦੇ ਹੌਂਸਲੇ, ਹਰ ਭਾਰਤਵਾਸੀ ਦੀ ਇਕਜੁੱਟਤਾ ਦੀ ਸ਼ਪਥ, ਸੰਕਲਪ, ਮੈਂ ਉਸ ਨੂੰ ਨਮਨ ਕਰਦਾ ਹਾਂ।

ਬਹੁਤ-ਬਹੁਤ ਧੰਨਵਾਦ

ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ!!!

ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ!!!

ਭਾਰਤ ਮਾਤਾ ਕੀ ਜੈ!!!