From now on, India will only have two castes: the poor and those that want to remove poverty: PM Modi
The people of India have given their mandate that they want the nation to rise above petty politics of division and appeasement: Prime Minister Modi
While a majority is necessary for forming a stable government, a consensus is required for running the country smoothly: PM Modi

भारतीय जनता पार्टी के यशस्वी, परिश्रमी अध्यक्ष भाई अमित शाह जी, भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ साथी और प्यारे भाइयो और बहनो, आज स्वयं मेघराज भी इस विजयोत्सव में शरीक होने के लिए हमारे बीच हैं।

2019 लोकसभा का जनादेश, हम सब देशवासियों के पास नए भारत के लिए जनादेश लेने के लिए गए थे। आज हम देख रहे हैं, देश के कोटि-कोटि नागरिकों ने इस फकीर की झोली को भर दिया। मैं भारत के 130 करोड़ नागरिकों का सर झुकाकर के नमन करता हूं। लोकतांत्रिक विश्व में 2019 का ये जो मतदान का सिर्फ आकड़ा है, ये अपने आप में लोकतांत्रिक विश्व के इतिहास की सबसे बड़ी घटना है, पूरे विश्व की ये सबसे बड़ी घटना है। देश आजाद हुआ, कितने लोकसभा के चुनाव हुए, लेकिन आजादी के बाद, इतने चुनाव होने के बाद सबसे अधिक मतदान इस चुनाव में हुए हैं। और वो भी 40-42 डिग्री गर्मी के बीच में, ये अपने आप में भारत के मतदाताओं की जागरूकता, लोकतंत्र के प्रति भारत की प्रतिबद्धता, पूरे विश्व को इस बात को रजिस्टर करना होगा, पूरे विश्व को भारत की लोकतांत्रिक शक्ति को पहचानना होगा।

इस अवसर पर मैं, इस लोकतंत्र के उत्सव में, लोकतंत्र के खातिर जिन-जिन लोगों ने बलिदान दिया है, जो लोग घायल हुए हैं उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना प्रकट करता हूं। और लोकतंत्र के इतिहास में लोकतंत्र के लिए मरना, ये मिसाल आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी। मैं चुनाव आयोग को, सुरक्षाबलों को, इस लोकतंत्र की व्यवस्था को संभालने वाले हर किसी को उत्तम तरीके से लोकतंत्र में विश्वास बढ़ाने वाली व्यवस्था देने के लिए, बहुत ही उत्तम तरीके से चुनाव प्रक्रियाओं को संपन्न कराने के लिए हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियो, जब महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ तब श्री कृष्ण से पूछा गया की आप किसके पक्ष में थे। मैं समझता हूं, उस समय महाभारत के काल में भगवान श्री कृष्ण ने जो जवाब दिया था वो आज 21वीं सदी में, 2019 के इस चुनाव में हिंदुस्तान के 130 करोड़ नागरिकों ने, जनता जनार्दन ने श्री कृष्ण के रूप में जवाब दिया है। और श्री कृष्ण ने जवाब दिया था की मैं किसी के पक्ष में नहीं था, मैं तो सिर्फ हस्तिनापुर के लिए हस्तिनापुर के पक्ष में खड़ा था। आज 130 करोड़ नागरिक श्री कृष्ण के रूप में भारत के लिए खड़े हैं, भारत के लिए मतदान किया है और इसलिए देश के सामान्य नागरिक की ये भावना भारत के उज्जवल भविष्य की गारंटी है। इस चुनाव में मैं पहले दिन से कह रहा था, ये चुनाव कोई दल नहीं लड़ रहा है, कोई उम्मीदवार नहीं लड़ रहा है, कोई नेता नहीं लड़ रहा है, ये चुनाव देश का जनता लड़ रही है। जिनके आंख-कान बंद थे उनके लिए मेरी बात समझना मुश्किल था, लेकिन मेरी उस भावना को जनता जनार्दन ने प्रकट कर दिया है और इसलिए अगर कोई विजयी हुआ है तो हिंदुस्तान विजयी हुआ है, अगर कोई विजयी हुआ है तो लोकतंत्र विजयी हुआ है, अगर कोई विजयी हुआ है तो जनता जनार्दन विजयी हुई है। और इसलिए हम सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता, हम सभी एनडीए के साथी नम्रतापूर्वक इस विजय को जनता जनार्दन के चरणों में समर्पित करते हैं।

इस लोकसभा के चुनाव में जो विजयी हुए हैं, उन सभी विजेताओं को मैं हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं और सभी विजयी, किसी भी दल से जीत कर आए हों, किसी पार्श्वभूमि से आए हों, लेकिन देश के उज्जवल भविष्य के लिए प्रतिबद्धता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के भारत के उज्जवल भविष्य के लिए विजयी सभी जन, सभी प्रतिनिधि आने वाले दिनों में देश की सेवा करेंगे, इस विश्वास के साथ मैं उन सब को शुभकामनाएं देता हूं। 

चार राज्यों में भी चुनाव थे, ओडिशा, आन्ध्र, सिक्किम, अरुणाचल। उन विधानसभाओं में जो प्रतिनिधि चुन कर आए हैं, उन राज्यों की जनता ने जिन सरकारों को चुना है उनको भी मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। और मैं उन सभी सरकारों को विश्वास दिलाता हूं की भारतीय जनता पार्टी भारत के संविधान को समर्पित है, फेडरलिज्म पर समर्पित है और इसलिए इन चीजों को विजय प्राप्त करने वाले लोगों को मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं की केंद्र सरकार उन राज्यों की विकास यात्रा में पूरी तरह कंधे से कंधा मिलाकर के उनके साथ चलेगी। जैसा हमारे अध्यक्ष जी ने कहा की भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता, उनके परिश्रम, उनका पुरुषार्थ, इतना गर्व होता है की जिस दल में हम हैं उस दल में ऐसे दिलदार लोग हैं। कोटि-कोटि कार्यकर्ता सिर्फ एक ही भाव, भारत माता की जय और कुछ नहीं, वे कार्यकर्ता, वे भारतीय जनता पार्टी परिवार का प्रत्येक साथी कोटि-कोटि अभिनंदन का अधिकारी है। जिसने निस्वार्थ भाव से लोकतंत्र का झंडा ऊंचा रखते हुए देश के सामान्य मानवी की आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ती के लिए जी-जान से, लोकतांत्रिक तरीके से इस पूरे लोकशाही के उत्सव में शरीक हो कर के उसकी आन,बान,शान बढ़ाने में यशस्वी भूमिका निभाई है। 

भारतीय जनता पार्टी की विशेषता है और विशेषता ये है की हम कभी दो भी हो गए, लेकिन हम कभी अपने मार्ग से विचलित नहीं हुए, आदर्शों को ओझल नहीं होने दिया, ना रुके, ना थके, ना झुके, कभी हम दो भी हो गए तो भी और आज दोबारा आ गए। दो से दोबारा आने तक इस यात्रा में अनेक उतार-चढ़ाव आए हैं। दो थे तब भी निराश नहीं हुए, दोबारा आए तब भी ना हमारी नम्रता छोड़ेंगे, ना हमारा विवेक छोड़ेंगे, ना हमारे आदर्शों को छोड़ेंगे, ना हमारे संस्कार छोड़ेंगे।

साथियो, अभी हमारे अध्यक्ष जी चुनाव नतीजों की कुछ हाईलाइट्स बता रहे थे। मैं स्वयं आज काफी व्यस्त था उसके कारण चुनाव नतीजों पर मेरा ध्यान नहीं था और इसलिए मुझे पूरी जानकारी भी नहीं है कि कहां क्या हुआ, कैसे हुआ, लेकिन अध्यक्ष जी ने जो विस्तार से बताया, मैं आज रात के बाद समय निकाल कर के देखूंगा की आज दिन भर क्या-क्या हुआ है। लेकिन जो अध्यक्ष जी ने बताया, ये अपने आप में हिंदुस्तान के पॉलीटिकल पंडितों को, उनकी सारी 20वीं सदी की सोच को छोड़ना पड़ेगा। ये 21वीं सदी है, ये नया भारत है, ये चुनाव का विजय, कोई कहता है मोदी-मोदी, ये मोदी का विजय नहीं है। ये देश में ईमानदारी के लिए तड़पते हुए नागरिक की आशा-आकांक्षाओं की विजय है, ये 21वी सदी के सपनों को लेकर चल पड़े नवजवान का विजय है। ये विजय आत्मसम्मान, आत्मगौरव के साथ एक शौचालय के लिए तड़पती हुई, उस मां की विजय है। ये विजय उस बीमार व्यक्ति का है जो चार-चार,पांच-पांच साल से पैसों के अभाव में उपचार नहीं करवा पा रहा था, जिसका आज उपचार हो पाया उसके आज आशीर्वाद की विजय है। ये विजय देश के उन किसानों की है जो पसीना बहा कर के राष्ट्र का पेट भरने के लिए अपने पेट को भी परेशान करता रहता है और खुद जहमत उठाता रहता है, ये उसकी विजय है। ये उन 40 करोड़ असंगठित मजदूरों की विजय है, जिनको पहली बार, लेफ्ट के लोगों ने विचार बहुत रखे होंगे, लेकिन इस देश में ऐसी सरकार जिस पर लेफ्ट का लेबल तो नहीं है, लेकिन 40 करोड़ लोगों के लिए, असंगठित कामदारों के लिए पेंशन योजना लागू कर के उनको सम्मानित जीवन देने का काम किया है, ये उनकी विजय है। जो बेघर जिंदगी गुजारते-गुजारते आज पक्के घर में रहने गए हैं, ये उनकी विजय है और जिनका 2022 तक पक्का घर बनना तय है उनका विजय है।

भाइयो-बहनो, ये विजय उन मध्यम वर्ग के परिवार का है, जो कानून-नियम का पालन करता रहा, जो देश की भलाई के लिए टैक्स देता रहा, लेकिन ना कभी उसे सम्मान मिला, ना ही उसे कभी भरोसा हुआ, की जो वो टैक्स देता है वो देश के काम आता है क्या? पांच साल में अनुभव किया की जो दे रहा है वो सही जगह पर जा रहा है, सही काम आ रहा है। उस मध्यम वर्ग को जो संतोष हुआ है वो संतोष इन चुनाव नतीजों में नजर आ रहा है। ईमानदारी को जो ताकत मिली है उस ताकत को इस चुनाव ने एक नई स्वीकृति दी है। और इस प्रकार से जो बदलाव आया है उस बदलाव ने ये परिवर्तन लाया है।

भाइयो-बहनो, हमारे देश में ये चुनाव ऐसा हुआ, वरना आपने देखा होगा 30 साल तक लगातार देश में विशेष रूप से, वैसे ये ड्रामेबाजी तो लंबे समय से चल रही है। एक ऐसा प्रिंटआउट, एक ऐसा टैग फैशन हो गई थी, कुछ भी करो उसको लगा लो गंगा स्नान करने जितना पुण्य मिल जाता था और पूरी तरह नकली, उस टैग का नाम था सेक्यूलरिज्म और नारे लगते थे सेक्यूलर एक हो जाओ-सेक्यूलर एक हो जाओ। आपने देखा होगा 2014 से 19 आते-आते उस पूरी जमात ने बोलना ही बंद कर दिया। इस चुनाव में एक भी राजनीतिक दल सेक्यूलरिज्म का नकाब पहनकर देश को गुमराह करने की हिम्मत नहीं कर पाया है। दूसरा, हिंदुस्तान में कोई चुनाव ऐसा नहीं गया, जिसके केंद्र बिंदु में महंगाई ना रही हो, ये चुनाव ऐसा है जहां महंगाई पर एक भी विरोधी दल ने आरोप नहीं लगाया। ये चुनाव ऐसा है की जिसमें हिंदुस्तान के पिछले कोई भी चुनाव उठा लीजिए, सब चुनाव भ्रष्टाचार के मुद्दे से रंगे गए थे। भ्रष्टाचार के मुद्दों पर चुनाव लड़े गए थे, भ्रष्टाचार के मुद्दों पर जवाब देने पड़े थे। ये पहला चुनाव ऐसा था जिसमें देश का कोई राजनीतिक दल पांच साल के शासन पर भ्रष्टाचार का एक आरोप नहीं लगा पाया। भारत के लोकतंत्र में ये तीन चीजें कांसटेंट रही हैं, इस चुनाव में मिसिंग थीं। इसलिए पॉलीटिकल पंडितों को समझ नहीं आ रहा था किस तराजू से चीजों को तौला जाए।

भाइयो-बहनो, इस चुनाव ने 21वीं सदी की एक मजबूत नींव हमारे सामाजिक, सार्वजनिक, राजनीतिक जीवन के लिए निर्मित की है और मैं चाहूंगा जो देश का उज्जवल भविष्य चाहते हैं। सरकार कौन बने, किसकी बने, कौन आए-कौन जाए, वो तो जनता तय करती रहेगी, लेकिन भारत के उज्जवल भविष्य के लिए, देश की एकता और अखंडता के लिए अब भारत ने, भारत की जनता ने इस चुनाव में एक नया नैरेटिव देश के सामने रख दिया है। सारे समाजशास्त्रियों को अपनी पुरानी सोच पर पुनर्विचार करने के लिए देश के गरीब से गरीब व्यक्ति ने मजबूर कर दिया है, और वो क्या है? अब इस देश में सिर्फ दो जाति बचेगी, दो जाति ही रहने वाली है और देश इन दो जाति पर ही केंद्रित होने वाला है। ये जाति के नाम पर खेल खेलने वाले लोगों को बहुत बड़ा प्रहार इस चुनाव में हुआ है। और दो जाति है, कौन सी? अब 21वीं सदी में भारत की एक जाति है गरीब और दूसरी जाति है देश को गरीबी से मुक्त कराने के लिए कुछ ना कुछ अपना योगदान देने वालों की। एक वो हैं जो गरीबी से बाहर आना चाहते हैं, दूसरे वो हैं जो गरीबी से देश को मुक्त कराना चाहते हैं। ये दो ही जाति हैं और इसलिए हमें 21वीं सदी में इन दोनों को सशक्त करना है। गरीबी से बाहर जिसको लाना है उसको भी सशक्त करना है और गरीबी से बाहर लाने में जो बढ़-चढ़ कर मदद कर रहा है उसको भी ताकतवर बनाना है, ये दो शक्तियां इस देश पर से गरीबी के कलंक को मिटा सकती हैं, इस सपने को लेकर के हमें चलना है।
दोस्तों, ये चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है की इसी कालखंड में, ये 2019 से 2024 ये पांच साल का कार्यकाल और इतना प्रचंड जनमत बहुत बड़ी घटना है जी, विश्व को अचंभित करने वाली घटना है। पल भर याद कीजिए, यही समय है जब महात्मा गांधी के 150वीं वर्षगांठ देश मनाएगा। यही समय है जब 2022 में भारत आजादी के 75 साल मनाएगा, गांधी-150 और भारत-75। इन पांच सालों में 1942 से 1947 के साथ हम प्रतिफल जोड़कर के देखें। 1942 से 1947 देश का हर व्यक्ति जो भी करता था आजादी के लिए करता था। स्कूल छोड़ देता था आजादी के लिए, जेल जाता था आजादी के लिए, खादी पहनता था आजादी के लिए, झाड़ू लगाता था आजादी के लिए, बच्चों को पढ़ाई कराता था आजादी के लिए, स्वदेशी का पालन करता था आजादी के लिए। 1942 से 47 तक एक जन आंदोलन ने देश को आजादी को आजादी दिलाने में बहुत बड़ी मदद की।

ये 2019 से 2024, ये कालखंड देश के आजादी के सिपाहियों का स्मरण करने का है और देशवासी भी तय करें की इन पांच साल का हम 130 करोड़ लोग, उस समय तो जनसंख्या भी इतनी नहीं थी और बड़ी-बड़ी सल्तनत को समाप्त कर दिया था। आज हम 130 करोड़ लोग हैं, अगर हम संकल्प कर लें की देश को सभी मुसीबतों से मुक्त करना है, देश को एक समृद्ध राष्ट्र की तरफ ले जाना है, एक विकसित भारत बनाकर के सांस लेनी है। हमारे गरीब से गरीब की आवश्यकताओं को पूर्ण करना है, अगर 2019 से 2024 जो स्पिरिट आजादी का था वो स्पिरित समृद्ध भारत के लिए बन जाए, स्वतंत्र भारत का वो स्पिरित समृद्ध भारत के लिए बन जाए, 2024 के पहले देश को हम नई ऊंचाइयों पर हम ले जा सकते हैं। और इसलिए दोस्तो, इस चुनाव को हमें नम्रता से स्वीकारना है। सरकार तो बहुमत से बनती है और जनता ने बना भी दी है, लेकिन लोकतंत्र के संस्कार, लोकतंत्र का स्पिरिट भारत के संविधान का स्पिरिट हमें इस बात के लिए जिम्मेवारी देता है की सरकार भले बहुमत से बनती हो, लेकिन देश सर्वमत से बनता है। और इसलिए मैं आज सार्वजनिक रूप से कहता हूं की चुनाव में क्या हुआ, कैसे हुआ, कौन क्या बोला, मेरे लिए वो बात बीत चुकी है। हमें आगे देखना है, हमें सब को साथ लेकर के चलना है, हमारे घोर विरोधी होंगे उनको भी साथ लेकर चलना है, देशहित के लिए चलना है और इतने बड़े प्रचंड बहुमत के बाद भी पूरी नम्रता के साथ चलना है, लोकतंत्र की मर्यादा के बीच चलना है। संविधान ही हमारा सुप्रीम है, उसी की छाया में, उसी के हर शब्द के भाव को पकड़ते हुए हमें चलना है और उस काम में भारतीय जनता पार्टी का कोई कार्यकर्ता भी, हिंदुस्तान का हर कोई नागरिक भी उसी उमंग और उत्साह के साथ हमसे जुड़ेगा, ये मेरा विश्वास है।

भाइयो-बहनो, देश ने हमें बहुत दिया है, मैं आज इस पल देशवासियों के सामने भी कुछ कहना चाहता हूं। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं की आपने इस फकीर की झोली तो भर दी। मेरे प्यारे देशवासियों आपने इस फकीर की झोली भर दी है, बड़ी आशा-अपेक्षा के साथ भरी है मैं जानता हूं। आपकी आशा-आकांक्षा, आपके सपने-आपके संकल्प बहुत कुछ इसके साथ जुड़ा हुआ है मैं भली-भांति इस बात की गंभीरता को समझता हूं, लेकिन मैं इस देश को कहूंगा की आपने 2014 में, मुझे ज्यादा जानते नहीं थे लेकिन आपने भरोसा किया। 2019 में आपने मुझे ज्यादा जानने के बाद उसमें और ज्यादा ताकत डाल है, मैं इसके पीछे की भावना को भली-भांति समझता हूं। जैसे अमित भाई कह रहे थे, बहुत वर्षों के बाद एक चुनी हुई सरकार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से और पहले से अधिक ताकत के साथ जीतकर आए, इसका मतलब देश की जनता का कितना भरोसा है और भरोसा जैसे बढ़ता है जिम्मेवारी और ज्यादा बढ़ती है। इसलिए मैं देशवासियों को कहना चाहूंगा की आपने मुझे जो दायित्व दिया है, हमारे एनडीए के सभी साथियों ने जो हमें समर्थन दिया है। एनडीए के साथियों ने भी मिलकर के पूरी मेहनत की है तब जा कर के मैं देशवासियों से आज जरूर कहना चाहूंगा और इसे मेरा वादा मानिए, मेरा संकल्प मानिए, मेरा समर्पण मान लीजिए, मेरी प्रतिबद्धता मानिए, लेकिन मैं जरूर कहूंगा की आपने जो मुझे जो फिर से काम दिया है। आने वाले दिनों में मैं बदइरादे से, बदनीयत से कोई काम नहीं करूंगा। काम करते-करते गलती हो सकती है लेकिन बदइरादे से, बदनीयत से मैं कोई काम नहीं करूंगा। दूसरा देशवासियों आपने मुझे इतना बड़ा भरोसा, इतनी बड़ी जिम्मेवारी दी है तब मैं देशवासियों को फिर से कहूंगा की मैं मेरे लिए कुछ नहीं करूंगा। और तीसरी बात मैं सार्वजनिक रूप से कहना चाहूंगा, मेरे समय का पल-पल, मेरे शरीर का कण-कण सिर्फ और सिर्फ देशवासियों के लिए है। मेरे देशवासी आप जब भी मेरा मूल्यांकन करें, इन तीन तराजू पर जरूर मुझे कसते रहना, कभी कोई कमी रह जाए तो मुझे कोसते रहना, लेकिन मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं मैं सार्वजनिक रूप से जो बातें बताता हूं उसको जीने के लिए भरपूर प्रयास करता हूं।

मैं आज हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष, उनकी पूरी टीम राज्यों के अध्यक्ष, राज्यों की टीम, पार्टी के पन्ना प्रमुख तक के लोग, लोग पन्ना प्रमुख की मजाक उड़ाते रहते हैं, लेकिन उस पन्ना प्रमुख की ताकत क्या होती है वो इस चुनाव में पता चल गया। पन्ना प्रमुख से लेकर राष्ट्रीय प्रमुख तक इन लक्षावधि कार्यकर्ताओं को, उनके परिश्रम को, उनकी प्रतिबद्धता को एक बार हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं, धन्यवाद।

मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम।

Explore More
78ਵੇਂ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਦਿਵਸ ਦੇ ਅਵਸਰ ‘ਤੇ ਲਾਲ ਕਿਲੇ ਦੀ ਫਸੀਲ ਤੋਂ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ, ਸ਼੍ਰੀ ਨਰੇਂਦਰ ਮੋਦੀ ਦੇ ਸੰਬੋਧਨ ਦਾ ਮੂਲ-ਪਾਠ

Popular Speeches

78ਵੇਂ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਦਿਵਸ ਦੇ ਅਵਸਰ ‘ਤੇ ਲਾਲ ਕਿਲੇ ਦੀ ਫਸੀਲ ਤੋਂ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ, ਸ਼੍ਰੀ ਨਰੇਂਦਰ ਮੋਦੀ ਦੇ ਸੰਬੋਧਨ ਦਾ ਮੂਲ-ਪਾਠ
Modi blends diplomacy with India’s cultural showcase

Media Coverage

Modi blends diplomacy with India’s cultural showcase
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।