Uttarakhand needs VIKAS - Vidyut, Kanoon Vyavastha & Sadak: PM Modi

Published By : Admin | February 11, 2017 | 15:15 IST
QuoteAtal Bihari Vajpayee ji created Uttarakhand. It was his efforts & policies that this state is scaling new heights: PM
QuoteBJP is dedicated to open up new possibilities for youth of Uttarakhand: PM Modi
QuotePeople of Uttarakhand need to get rid of tainted and corrupt Congress government: PM Modi
QuoteUttarakhand has the potential to attract tourists from the entire world. We have allotted Rs. 12000 crore for connecting Char Dham: PM

भारत माता की जय। भारत माता की जय। मंच पर विराजमान संसद में मेरे साथी, पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमान भगत सिंह जी कोश्यारी जी, पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमान विजय बहुगुणा जी, पूर्व मंत्री श्रीमान श्रीमान यशपाल जी आर्य, रुद्रपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्री राजकुमार ठुकराल जी, लालकुआं से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान नवीन दुमका जी, नानकमत्ता से उम्मीदवार श्रीमान प्रेम सिंह राणा जी, खड्डीमा से उम्मीदवार श्रीमान पुष्कर सिंह धामा जी, जसपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान शैलेंद्र मोहन सिंघल जी, किच्छा से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान राजेश शुक्ला जी, गदरपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्री अरविंद पांडे जी, कालाडुंगी से उम्मीदवार श्री बंशीधर भगत जी, सितारगंज से उम्मीदवार श्रीमान सौरव बहुगुणा जी, हल्द्वानी जिला उपाध्यक्ष श्रीमान प्रदीप बिष्ठ, काशीपुर जिलाध्यक्ष श्रीमान राम मलहोत्रा जी, मंच पर विराजमान श्रीमती जी सोनी कोली जी। श्रीमान गजराज बिष्ट जी, श्याम जाजू जी, सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय। दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत बहुत धन्यवाद।

भाइयों बहनों।

रुद्रपुर मैं पहले भी आया हूं। आज फिर एक बार आपके बीच आने का सौभाग्य मिला है। मुझे पता नहीं है इसके पहले कौन प्रधानमंत्री कब यहां आए थे। मेरे सामने सिर्फ उत्तराखंड नहीं है, एक लघु हिंदुस्तान है मेरे सामने। भारत का कोई प्रदेश ऐसा नहीं होगा जिसके लोग रुद्रपुर में न रहते हों। एक प्रकार से ये मिनी हिंदुस्तान है रुद्रपुर। और इसलिए रुद्रपुर में जो होता है, पूरे हिंदुस्तान की हवा का वो बैरोमीटर होता है। रुद्रपुर में जो होता है, पल दो पल में हिंदुस्तान के कोने-कोने में खबर पहुंच जाती है। एक प्रकार से रुद्रपुर हिंदुस्तान के हर कोने से हर पल उसकी धड़कन जुड़ी रहती है। ऐसे रुद्रपुरवासियों से आज मुझे मिलने का सौभाग्य मिला। और आप इतनी बड़ी संख्या में हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। हृदय से आप सबका नमन करता हूं। उत्तराखंड के मेरे प्यारे भाइयों बहनों आज ग्यारह फरवरी है, आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि है। और आज से ठीक एक महीने के बाद इसी समय ग्यारह मार्च को पूरा उत्तराखंड विजय उत्सव मनाता होगा। ये मैं देख रहा हूं। इसकी झलक नजर आ रही है।

भाइयों बहनों।

मैं अभी आज उत्तर प्रदेश से आ रहा हूं। उत्तर प्रदेश में जब था तो मुझे आज खबर मिली कि उत्तर प्रदेश में एमएलसी का चुनाव चल रहा था, तीन सीटों का नतीजा आया। आज एमएलसी का चुनाव था गोरखपुर, कानपुर, बरेली तीनों की तीनों सीटें गठबंधन के बावजूद भारतीय जनता पार्टी जीत गई आज, पच्चीस-पच्चीस हजार वोटों से। भाइयों बहनों, ये हवा का रूख कहां है, इसका ये सैंपल सर्वे था। मुझे मालूम नहीं मैं दौरे पर हूं, टीवी पर खबरें आ रही हैं कि मुझे पता नहीं है। लेकिन आज विजयश्री की शुरुआत हो चुकी है। कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी ने महागठबंधन किया है। उसके बावजूद एमएलसी के चुनाव में तीनों सीटों पर भव्य विजय। उत्तर प्रदेश में भी 11 मार्च को क्या नतीजा आने वाला है, उसका संदेश अभी उसने दे दिया है। आज मैं इस देवभूमि में आया हूं। मैं देश के वैज्ञानिकों को बधाई देना चाहता हूं।

भाइयों बहनों।

ये देवभूमि वीरों की भी भूमि है। मां भारती की रक्षा के लिए जान की बाजी लगाने वाले वीर योद्धाओं की ये धरती है। ऐसी वीर माताएं हैं, इस भूमि में, जिन्होंने ऐसे वीर संतान पैदा किए हैं जो आज जान की बाजी लगाकरके मां भारती की रक्षा कर रहे हैं। देश को सुख शांति मिले, इसके लिए वो सीमा पर तैनात हैं। लेकिन भाइयों बहनों आज मेरे फौज का सीना तन जाए, मेरे देश के वैज्ञानिक का सीना तन जाए, मेरे देश के सवा सौ करोड़ देशवासियों का सीना तन जाए गर्व से माथा ऊंचा हो जाए। ऐसी एक महान सिद्धी आज हमारे देश ने प्राप्त की है। आप देखते होंगे खबरें, जानते होंगे, फलाने देश ने मिसाइल बनाई। ये मिसाइल पांच हजार किलोमीटर दूर जाकरके वार करेगी फलाने देश ने मिसाइल बनाई, आठ हजार किलोमीटर जाकरके वार करेगी। पिछले महीने खबर आई थी कि पाकिस्तान ने ऐसी मिसाइल बनाई जो हमारे अंडमान निकोबार तक को तबाह कर सकती है। उधर इजरायल तक को तबाह कर सकती है। ऐसी खबरें आई थीं।

भाइयों बहनों।

भारत के पास भी मिसाइलों की कोई कमी नहीं है, लेकिन आज भारत ने बहुत बड़ा पराक्रम किया है। आज भारत के वैज्ञानिकों ने एक सफल प्रयोग किया कि किसी भी दुश्मन देश की मिसाइल उसके यहां से निकले और हमारे यहां पहुंचने से पहले ही डेढ़ सौ किलोमीटर हवा में उसी को मार सकता है। ऐसी मिसाइल बनाई है भाइयों बहनों, डेढ़ सौ मील ऊपर आकाश में आने वाली मिसाइल को निशाना ताड़ करके वो कितनी गति में क्यों न जाती हो हमारे देश के वैज्ञानिकों ने ऐसी मिसाइल बनाई है कि वहीं पर उसका खात्मा हो जाएगा। दुनिया में अब तक ये काम बड़े-बड़े चार या पांच देश ही कर पाए हैं। हिंदुस्तान के वैज्ञानिकों ने आज अपना नाम दर्ज कर दिया है। मैं देश के वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं। सवा सौ करोड़ देशवाससियों की सुरक्षा के लिए इतनी बड़ी सफलता के लिए हृदय से शुभकामना देता हूं।

भाइयों बहनों।

पता नहीं हमारे कांग्रेस के लोग, हमारे विरोधी दल के लोग, पता नहीं कौन सा बयान देंगे। वो कहेंगे मोदी सबूत लाओ, डेढ़ सौ माइल ऊपर गए कब थे? मिसाइल पर वार कब किया था? जरा बताओ क्योंकि सर्जिकल स्ट्राइक का भी सबूत मांग रहे थे। देश के फौज के लोग सीमा पार दुश्मन के मुल्क में इलाके में जाकरके उसके दांत खट्टे कर कर के वापस लौट आए। अभी तक दुश्मनों को होश नहीं आ रहा है, कि ये कैसे हुआ? पूरी दनिया चर्चा कर रही है कि भारत के फौज में ये ताकत है, लेकिन भाइयों बहनों हमारे देश की राजनीति इतनी नीचे गिर गई कि देश के कुछ राजनीतिक दल, कुछ राजनेता ये पूछने लगे कि जरा सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत दो सबूत। मुझे बताइये कि ये देश के जवानों का अपमान है कि नहीं है ...? देश की सेना का अपमान है कि नहीं है ...? देश की सामर्थ्य का अपमान है कि नहीं है ...? देश के विश्वास का अपमान है कि नहीं है ...? देश की संकल्पशक्ति का अपमान है कि नहीं है ...?

भाइयों बहनों।

क्या ये देवभूमि में अभी भी मौका दिया जाएगा क्या ...? दिया जाएगा क्या ...? उनके पापों का हिसाब लेने का वक्त आ चुका है। और इसुलिए मैं आपसे आग्रह करने आया हूं कि इस बार उत्तराखंड में ऐसा परिणाम में दीजिये। ऐसा परिणाम दीजिये जो उत्तराखंड के भविष्य को निर्धारित कर दे।

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भाइयों बहनों।

अटल बिहारी वाजपेयी जब देश के प्रधानमंत्री थे तो अटल बिहारी वाजपेयी जी ने हिंदुस्तान को तीन राज्य दिए झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड। और आज रुद्रपुर बना है। ये जो आज पूरा औद्योगिक इलाका तैयार हुआ है, उसका अगर श्रेय किसी एक व्यक्ति को जाता है तो अटल बिहारी सरकार की नीतियों को जाता है। उन्होंने टैक्सेसन में जो नीतियां बनाई, उसका परिणाम है कि यहां औद्योगिक नगरी बनना शुरू हो गया। और देशभर के लोग रोजी-रोटी कमाने के लिए आने लगे।

भाइयों बहनों।

यहां छोटे-छोटे उद्योगों की जाल है। अनेक लोगों को रोजगार देने की ताकत है। इस बार बजट में हमने सबसे बड़े अगर फैसले किए हैं, तो इन लघु उद्योगों को मदद करने वाले फैसले किए हैं। ये मध्यम और लघु उद्योगों को तीस प्रतिशत टैक्स देना पड़ता था। ये हमारी दिल्ली में बैठी हुई सरकार ने, अब तक कोई उनकी सुनता नहीं था। तीस प्रतिशत को 25 प्रतिशत कर दिया। जो उद्योग जगत में बैठे हैं, उनको पता है कि इसका कितना बड़ा फायदा होता है। हम मुद्रा योजना लाए। बिना कोई गारंटी, कोई भी व्यक्ति बैंक से लोन ले सकता है। इस देश के दो करोड़ से ज्यादा लोगों को लाखों करोड़ों रुपये का लोन दे दिया गया। ...और उसके कारण व्यापार उद्योग के अंदर गति आए। नौजवान, उनको रोजगार मिले। ...इसलिए स्किल डेवलपमेंट का अभियान, जिस क्षेत्र में जिस प्रकार के उद्योग लगे हों, वैसा ही स्किल डेवलपमेंट हो ताकि उसको अपना गांव छोड़कर जाना न पड़े। उसको वहीं कल कारखाने में काम मिल जाए और खुद भी अपना छोटा मोटा कारोबार चालू करना चाहता है तो कर सकता है। मैं आज रूद्रपुर वासियों से कहने आया हूं, मेरे लिए ये पूरा क्षेत्र सिर्फ चुनाव का मैदान नहीं है। मेरे लिए क्षेत्र इस पूरे विस्तार के आर्थिक विकास की ये महत्वपूर्ण ऊर्जा भूमि है। और इस लिए भारत सरकार इस पूरे क्षेत्र पर बल देना चाहती है। अलग-अलग नीतियों के द्वारा बल देना चाहती है। व्यवस्थाओं के द्वारा बल देना चाहती है ताकि यहां का औद्योगिक जीवन इतना फले-फूले कि आस पास के सभी इलाकों में लोगों को रोजगार देने का कारण बन जाए और नई ऊंचाइयों पर पहुंच जाए।

भाइयों बहनों।

हमारे देश में राजनीति में बाहुबली, ये शब्द की इतनी आलोचना होती थी। अगर किसी को टिकट दे दिया और अखबार में आ गया कि फलाने पार्टी ने बाहुबली को टिकट दे दिया है तो लोग नफरत करते थे। लोग डरते थे कि बाहुबली हमारा प्रतिनिधि बन जाएगा क्या ...? बाहुबली हमारे देश में राजनीतिक जीवन में नफरत का शब्द माना गया है लेकिन राजनीति ऐसी गिरी, ऐसी गिरी कि उत्तराखंड, ये देवभूमि में ऐसे राजनेता पैदा हुए हैं, जिनको अपने आप में बाहुबली कहलाने में शर्म नहीं आती है। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है ...? सबसे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है ...?

भाइयों बहनों।

यहां तो छोटे-मोटे व्यापारी और उद्योगों का इलाका है। आप मुझे बताइये। ये पूरी देवभूमि में हरदा टैक्स देना पड़ता है। हरदा टैक्स देना पड़ता है कि नहीं देना पड़ता है ...? हर किसी को दारोगा आएगा तो भी मारेगा। स्कूल में एडमिशन होगा तो भी मारेगा। दुकान में लायसेंस चाहिए तो भी दे दो। अवैध खनन का कारोबार करना है, तो फिर देते... देते ही रहो। यही कारोबार चला है कि नहीं चला है ...? ये हमारी देवभूमि को भ्रष्टाचार से मुक्त करना है कि नहीं करना है ...? भ्रष्टाचार से मुक्त करना है कि नहीं करना है ...? हरदा टैक्स से मुक्त करना है कि नहीं ...? कानून का राज चाहिए कि नहीं चाहिए ...? ईमानदारी का राज चाहिए की नहीं चाहिए ...?

इसलिए मेरे प्यारे भाइयों बहनों।

मैं आपसे आग्रह करने आया हूं कि इस देवभूमि को आगे बढ़ाना है तो आप हमें भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाकर हमें सेवा करने का अवसर दीजिये। भाइयों बहनों जब अटल जी की सरकार थी तब भी यहां पर ऐसा कारोबार था कि अटल जी चाहते हुए भी उत्तराखंड का भला करने में दिक्कतें आईं। मैं ढाई साल से बैठा हूं। अनेक काम करने के लिए मैंने योजनाएं रखीं। उत्तराखंड को आगे बढ़ाने के लिए योजनाएं रखीं। लेकिन यहां ऐसे लोग बैठे हैं जिनको विकास में कोई रूचि नहीं है। कुर्सी बचाने में रुचि है। इसलिए विकास के काम नहीं हुए। आज हमारी देवभूमि हिमालय की ऊंचाई पर है, लेकिन राजनीति ने ऐसे गड्ढे में, ऐसे गड्ढे में डाला है कि इसको बाहर निकालने के लिए दो-दो इंजन लगाने पड़ेंगे। एक उत्तराखंड की भाजपा सरकार का ईंजन और दूसरी केंद्र में मोदी सरकार का ईंजन। दो ईंजन लगेंगे, तब जाकर ये उत्तराखंड इस गड्ढे में से बाहर आएगा। और इसलिए भाइयों बहनों विकास एक ही रास्ता है। सब समस्याओं का समाधान सिर्फ और सिर्फ विकास में है। और विकास की बात जब मैं करता हूं तब भाइयों बहनों विकास का वि- विद्युत चाहिए, विकास का का- कानून व्यवस्था चाहिए, विकास का स- सड़क चाहिए। अगर उत्तराखंड को इन व्यवस्थाओं से जोड़ दिया जाएगा तो उत्तराखंड के लोगों में दम है, वो यहां की इस भूमि को नंदनवन बनाकर छोड़ देंगे। ये ताकत यहां के लोगों में है। हिंदुस्तान का कोई नागरिक ऐसा नहीं होगा, कोई परिवार ऐसा नहीं होगा जिसकी ये इच्छा न हो कि एक बार चार धाम यात्रा के लिए जाना है। गंगा जी में डुबकी लगाने जाना है। सवा सौ करोड़ देशवासी जिनके दिल में ये आकांक्षा हो, विश्व के लोगों के लिए देवभूमि आकर्षण का केंद्र हो। यहां यात्रा धामों के विकास के लिए, यहां टूरिज्म के विकास के लिए अनेक संभावनाएं पड़ी हुई हैं। पूरे हिंदुस्तान में जितने यात्री हैं, उससे आधे यात्री उत्तराखंड में आने को ललायित हो जाएंगे। अगर हम सही व्यवस्थाएं देंगे।

भाइयों बहनों।

अगर कोई उद्योग लगता है, 10 लाख का पूंजी निवेश होगा तो 15-17 लोगों को रोजगार देता है। अगर किसानी करता है तो थोड़े ज्यादा लोगों को रोजगार देता है लेकिन कम पूंजी से अगर टूरिज्म में पैसा लगाया तो सबसे ज्यादा लोग को रोजगार देता है। और इसलिए भाइयों बहनों जिस प्रकार से यहां की औद्योगिक विकास की जरूरत है। उसी प्रकार से पूरे उत्तराखंड में ये देवभूमि में हर प्रकार के टूरिज्म की संभावनाएं विश्व के लोगों को आकर्षित करने की ताकत रखती है। हमने आज पूरी दुनिया में योग को लेकर जो डंका बजया है। आज दुनिया पूरी हमारे योग को जानने के लिए इस धरती पर आने के ललिए ललायित हो रही है। कितने लोगों को रोजगार मिलेगा? चार धाम, सदियों से हम चार धाम की बात सुन रहे हैं। यात्री कष्ट झेलकर चार धाम की यात्रा पर जा रहे हैं। क्या सत्तर साल के बाद इन चार धाम की यात्रा के लिए सही रास्ते मिल सकते हैं कि नहीं मिल सकते …?

भाइयों बहनों।

12 हजार करोड़ लगाकर के हमने 12 हजार करोड़ रुपये... 12 हजार करोड़ रुपये लगाकरके चार धाम को जोड़ने के लिए आधुनिक से आधुनिक टेक्नॉलोजी वाले और सभी मौसम में चलने वाले रोड बनाने का काम शुरू कर दिया है। वादे नहीं, काम शुरू कर दिया है। और 11 मार्च को अगर हमारी अनुकूल सरकार आ गई और आएगी ये मुझे साफ लगता है भाइयों। ये नजारा कह रहा है आएगी। आपको मैं कहता हूं, हमने जो तय किया है, उसे भी जल्दी हम पूरा करके देंगे। अगर एक बार ये हो जाता है तो आप कल्पना कर सकते हैं कि कितनी बड़ी मात्रा में टूरिस्ट का आना शुरू हो जाएगा। कितने नौजवानों को रोजगार मिलना शुरू हो जाएगा।

और इसलिए भाइयों बहनों।

हम जो निर्णय करते हैं, उसको लागू करके रहते हैं। वन रैंक वन पेंशन, हमारे देश के फौज के जवान, चालीस साल से मांग कर रहे थे। कांग्रेस की किसी सरकार ने अध्ययन भी नहीं किया। स्टडी भी नहीं किया कि आखिर वन रैंक वन पेंशन है क्या? कैसे लागू होता है?  कितना बोझ आता है? कितना खर्च आता है? कुछ नहीं। हर चुनाव में बोल देना कि हम वन रैंक वन पेंशन लागू करेंगे। चालीस-चालीस साल हो गए, लागू नहीं किया। मैंने वादा किया था कि दिल्ली में मेरी सरकार बनेगी तो मैं वन रैंक वन पेंशन लागू कर दूंगा।

भाइयों बहनों।

हमने लागू कर दिया और हमारे सेना के जवानों के घर में बैंक में सीधे रुपये पहुंच गए। अब तक 6 हजार करोड़ रुपये पहुंच गए। आखिरी हफ्ता बाकी है वो भी आने वाले दिनों में पहुंच जाएगा। ये काम हम करते हैं भाइयों।

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भाइयो बहनों।

मेरी सरकार इस देश के नौजवानों को रोजगार देना चाहती है। मेरी सरकार इस देश के किसानों के खेतों में पानी देना चाहती है। मेरी सरकार इस देश के बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहती है। मेरी सरकार इस देश के बुजुर्गों को सस्ते में अच्छी दवाई देना चाहती है। मेरी सरकार इस देश के नौजवानों को रोजगार कमाई देना चाहती है। मेरी सरकार इस देश के गरीब-से गरीब को रहने के लिए अपना खुद का घर देना चाहती है।

और इसलिए भाइयों बहनों।

ऐसा नहीं है कि देश के पास पैसों की कमी है। पैसों की कमी नहीं है। लेकिन भ्रष्टाचार कालाधान इस बीमारी ने देश को ऐसा जकड़ लिया है कि मध्यमवर्गीय नागरिकों का शोषण होता है, गरीब के हक को छीन लिया जाता है और मुट्ठी भर लोग मौज कर रहे हैं भाइयों। और मैंने उनके खिलाफ लड़ाई शुरू की है। जब मैंने नोटबंदी की 8 नवंबर रात आठ बजे भाइयों बहनों। और मैं देश वासियों को वादा करता हूं। ये मेरी लड़ाई गरीबों के लिए है। ये मेरी लड़ाई मध्यम वर्ग के लोगों के लिए है। ये मेरी लड़ाई ईमानदार लोगों के लिए है जिन्होंने देश को लूटा है। उन्हें देश को लौटाना पड़ेगा। ये लड़ाई लड़ने के लिए मैं निकला हूं। कितनी बड़ी-बड़ी ताकतें मेरा मजाक उड़ाएं। मेरे खिलाफ खड़ी हो जाएं लेकिन देशवासी ईमानदारी की मदद करने वाले लोग हैं। मुझे विश्वास है, सवा सौ करोड़ की ईमानदारी की इस लड़ाई में मेरे साथ खड़े हैं। मुझे बताइये कि काला धन खत्म होना चाहिए कि नहीं चाहिए ...? भ्रष्टाचार जाना चाहिए कि नहीं चाहिए …? जिन्होंने लूटा है वो रुपया लौटना चाहिए कि नहीं लौटना चाहिए ...? इस देश के ईमानदार के काम वो पैसा आना चाहिए कि नहीं चाहिए ...? मेहनत किसान के  लिए वो पैसा काम आना चाहिए कि नहीं आना चाहिए …? गरीब की भलाई के लिए वो पैसा काम आना चाहिए कि नहीं चाहिए …?

भाइयों बहनों।

आपके आशीर्वाद से मैं ये लड़ाई लड़ रहा हूं। अच्छे अच्छों को कबट में बंडल के बंडल रखे थे। नीची मुंडी करके बैंक में जमाने करे पड़े। अब उनका हिसाब मांगा जा रहा है कि कहां से लाए थे। भाइयों बहनों। कभी-कभी कुछ लोगों के दिमाग में भ्रम होता है कि कालाधन व्यापारी लोग करते हैं।

भाइयों बहनों।

व्यापारी तो कभी मौका मिल जाए हो सकता है बीस रुपये का माल पच्चीस में बेचेगा। कभी उसको सौ रुपया सरकार को देना होगा तो अस्सी रुपया देगा। कुछ रख लेगा। भाइयों बहनों देश का उतना नुकसान उन्होंने ज्यादा नहीं किया है। अगर उनको अफसर लोग परेशान न करे, उसको रिश्वत के पैसे देने की जरूरत न पड़े तो इस देश का व्यापारी, इस देश का मध्यम वर्ग का व्यक्ति, एक रुपए की चोरी करना नहीं चाहता है। वो ईमानदारी की जिंदगी जीना चाहता है। बेइमानी की है बाबुओं ने। बेइमानी की है राजनेताओं ने। सत्ता पर जिनके पास कुर्सी थी उन्होंने ही लूटा है भाइयों बहनों। ...और मैं उनसे ही निकालना चाहता हूं। जिन्होंने लोगों पर अपनी सत्ता का रौब जमाकरके लूटा है, गैरकानूनी काम करके लूटा है, मेरी लड़ाई उनके खिलाफ है। और, इस लड़ाई का काम मैंने नोटबंदी से शुरू किया है। हमने बेनामी संपत्ति का कानून बनाया है। क्या किसी किसान की बेनामी संपत्ति होती है ...? किसी शिक्षक की बेनामी संपत्ति होती है ...? किसी फौजी की बेनामी संपत्ति होती है ...? ये बेनाम संपत्ति होती है बाबुओं की। राजनेताओं की। और मैंने ऐसा कानून बनाया है कि कम से कम तो पहले तो सात साल जेल जाना पड़ेगा। दूसरा ये सारी संपत्ति है, कितना ही बड़ा बंगलो होगा, कितनी ही ज्यादा जमीन होगी, एक रात में सरकार की मालिकी की हो जाएगी, वो गरीबों के काम आएगी। मैं जानता हूं स्कूल में टीचर भी अगर थोड़ा ज्यादा कड़क रहते हैं न, तो दो चार बच्चे और उसके रिश्तेदार आ जाते हैं कि टीचर जरा ज्यादाती करता है। उसके खिलाफ आवाज उठाते हैं।

भाइयों बहनों।

मैंने तो पूरे देश में, 70 साल से जमा जमा कर के बैठे हैं। उनके खिलाफ लड़ाई छेड़ी हैं। तो आप कल्पना कर सकते हो कि मुझ पर क्या बीतती होगी। क्या -क्या बीतती होगी। क्या क्या बीतती होगी। ये लोग मुझे गुस्सा ऐसे नहीं करते हैं। दुखता है पेट और कूदते हैं माथा। उनकी परेशानी है कि मोदी छोड़ेगा नहीं। मुझे किसी ईमानदार को परेशान नहीं करना है। लेकिन गरीबों का लूटा है, आपने सत्ता का दुरुपयोग करके लूटा है।

और इसलिए भाइयों बहनों।

हिंदुस्तान के नौजवान का भविष्य बनाने के लिए ये लड़ाई मैंने छेड़ी है और मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए। और बेशर्मी देखो बेइमानों की बेशर्मी देखो कैमरा के सामने रुपयों की लेती-देती की चर्चा करते हैं तो भी शर्म का नामों निशान नहीं है। और इसलिए भइयों बहनों मैं जानता हूं ये लड़ाई मुश्किल होगी। हर डगर पर मुझे खतरे होंगे लेकिन सवा सौ करोड़ देशवासियों का मुझे आशीर्वाद है और खतरों से खेलना मेरा स्वभाव है। न हम सत्ता के लिए पैदा हुए हैं, और न हम कुर्सी के पीछे मुंह में पानी निकालने वाले लोग हैं। हम तो देश के लिए मरने मिटने वाले जमात के लोग हैं। इसलिए भाइयों बहनों देश एक बदलाव से गुजर रहा है। सत्तर साल की बेइमानी के कालखंड से ईमानदारी के रास्ते पर चलने के लिए आज देश तैयार है।

भाइयों बहनों।

कभी आपने सोचा है। हमारे देश के सत्तर साल का इतिहास देख लीजिए हमेशा सरकार कोई निर्णय करे तो जनता सरकार के सामने होती है, सरकार और जनता के बीच लड़ाई होती है संघर्ष होता है। ये ऐसा निर्णय था नोटबंदी का कि जिसमें जनता और सरकार एक थी। जनता और सरकार एक थी। ऐसा कभी नहीं होता है। और कुछ लोग अलग – अलग थे वो कौन थे,, जिन्होंने वो थप्पे जमा किए न वो जरा परेशान थे। और, इसलिए भाइयों बहनों भ्रष्टाचार कालेधन के खिलाफ सफलता पाकर के रहना है... देश को जगाते रहना है... कठोर कदम उठाते रहना है,  बेइमानों को सजा देकर ही चुप रहना है। इस संकल्प के लिए देवभूमि में एक इमानदार सरकार बनाने के लिए मुझे आपका साथ चाहिए। और, में देवभूमि वासियों को कहना चाहता हूं कि ये उत्तराखंड अटल जी के सपनों का उत्तराखंड है। अटल जी के सपनों को पूरा करने के लिए मैं अपने आप जितनी ताकत लगा सकता हूं लगाता रहूंगा। आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकरके चलूंगा ये आपको वादा करने आया हूं। कभी आपको कमी महसूस नहीं होने दूंगा। आपको देवभूमि अपनी लगेगी, दिल्ली भी आपको अपना लगेगा। ये स्थिति मैं बनाकर रहूंगा भाइयो। और, इसलिए मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं। रुद्रपुर में इतनी जबरदस्त भीड़, मैं देख रहा हूं ये पर्दे भी निकाल देने पड़ रहे हैं आपको। कोई कल्पना कर सकता है कि इतनी भीड़ हो सकती है एक सभा में। भाइयों बहनों ये इमानदारी का मेला ये, इमानदारी का मेला है। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने का ये विजय नाद है भाइयों बहनों। विजय नाद है। और, आज इसलिए मैं देवभूमि को नमन करता हूं मैं उधर भी देख रहा हूं कोई कमी नहीं साहब। चारों तरफ। मैं आपका बहुत आभारी हूं, आप मुझे आशीर्वाद देने आए। 15 तारीख को भारी मतदान कीजिए। पहले मतदान और बाद में जलपान। पहले मतदान फिर जलपान। और इस विजय के लिए मत दीजिए। आपका बटन विजय का बटन होगा। कमल के निशान पर बटन दबाइये। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए बटन दबाइये। ईमानदारों को मदद करने के लिए बटन दबाइये। देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए बटन दबाइये। इसी एक अपेक्षा के साथ मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय। पूरी ताकत से बोलिये। दोनों मुट्ठी बंद करके बोलिए। सभी उम्मीदवार आ जाइये। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM reviews status and progress of TB Mukt Bharat Abhiyaan
May 13, 2025
QuotePM lauds recent innovations in India’s TB Elimination Strategy which enable shorter treatment, faster diagnosis and better nutrition for TB patients
QuotePM calls for strengthening Jan Bhagidari to drive a whole-of-government and whole-of-society approach towards eliminating TB
QuotePM underscores the importance of cleanliness for TB elimination
QuotePM reviews the recently concluded 100-Day TB Mukt Bharat Abhiyaan and says that it can be accelerated and scaled across the country

Prime Minister Shri Narendra Modi chaired a high-level review meeting on the National TB Elimination Programme (NTEP) at his residence at 7, Lok Kalyan Marg, New Delhi earlier today.

Lauding the significant progress made in early detection and treatment of TB patients in 2024, Prime Minister called for scaling up successful strategies nationwide, reaffirming India’s commitment to eliminate TB from India.

Prime Minister reviewed the recently concluded 100-Day TB Mukt Bharat Abhiyaan covering high-focus districts wherein 12.97 crore vulnerable individuals were screened; 7.19 lakh TB cases detected, including 2.85 lakh asymptomatic TB cases. Over 1 lakh new Ni-kshay Mitras joined the effort during the campaign, which has been a model for Jan Bhagidari that can be accelerated and scaled across the country to drive a whole-of-government and whole-of-society approach.

Prime Minister stressed the need to analyse the trends of TB patients based on urban or rural areas and also based on their occupations. This will help identify groups that need early testing and treatment, especially workers in construction, mining, textile mills, and similar fields. As technology in healthcare improves, Nikshay Mitras (supporters of TB patients) should be encouraged to use technology to connect with TB patients. They can help patients understand the disease and its treatment using interactive and easy-to-use technology.

Prime Minister said that since TB is now curable with regular treatment, there should be less fear and more awareness among the public.

Prime Minister highlighted the importance of cleanliness through Jan Bhagidari as a key step in eliminating TB. He urged efforts to personally reach out to each patient to ensure they get proper treatment.

During the meeting, Prime Minister noted the encouraging findings of the WHO Global TB Report 2024, which affirmed an 18% reduction in TB incidence (from 237 to 195 per lakh population between 2015 and 2023), which is double the global pace; 21% decline in TB mortality (from 28 to 22 per lakh population) and 85% treatment coverage, reflecting the programme’s growing reach and effectiveness.

Prime Minister reviewed key infrastructure enhancements, including expansion of the TB diagnostic network to 8,540 NAAT (Nucleic Acid Amplification Testing) labs and 87 culture & drug susceptibility labs; over 26,700 X-ray units, including 500 AI-enabled handheld X-ray devices, with another 1,000 in the pipeline. The decentralization of all TB services including free screening, diagnosis, treatment and nutrition support at Ayushman Arogya Mandirs was also highlighted.

Prime Minister was apprised of introduction of several new initiatives such as AI driven hand-held X-rays for screening, shorter treatment regimen for drug resistant TB, newer indigenous molecular diagnostics, nutrition interventions and screening & early detection in congregate settings like mines, tea garden, construction sites, urban slums, etc. including nutrition initiatives; Ni-kshay Poshan Yojana DBT payments to 1.28 crore TB patients since 2018 and enhancement of the incentive to ₹1,000 in 2024. Under Ni-kshay Mitra Initiative, 29.4 lakh food baskets have been distributed by 2.55 lakh Ni-kshay Mitras.

The meeting was attended by Union Health Minister Shri Jagat Prakash Nadda, Principal Secretary to PM Dr. P. K. Mishra, Principal Secretary-2 to PM Shri Shaktikanta Das, Adviser to PM Shri Amit Khare, Health Secretary and other senior officials.