Manipur Can Contribute Immensely To India's Development: PM Modi

Published By : Admin | February 25, 2017 | 13:33 IST
Until our eastern part prospers, the country would not develop: PM Modi
Congress, which is in power for the last 15 years in Manipur, have not done anything to develop the state: PM
Naga accord does not compromise on the territorial integrity of Manipur: PM Narendra Modi
Congress government will have to answer for all the sufferings of the people of Manipur due to blockade: PM
Manipur can contribute immensely to India's development: Shri Narendra Modi
Unity of Manipur, welfare of its people and development of the state is our only goal: PM Modi

भारत माता की जय। भारत माता की जय। मंच पर विराजमान प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्रीमान भावना दास सिंह जी। चुनाव के संयोजक शोभा सिंह जी। मणिपुर  के महाराजा आदरणीय श्री लायसेंबा सानाजाउबा। डॉक्टर जितेंद्र सिंह जी। किरेन रिजिजू जी। हेमंत विस्वा जी। विधायक श्रीमान विश्वजीत सिंह जी। पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमान कोयजाम जी। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष शांति कुमार शर्मा जी।  सुश्री सोसो शैलजा जी।  डॉक्टर बोरो बाबू जी। श्रीमती शारदा देवी जी। श्रीमान भरत सिंह जी। श्रीमान जी। और दोनों तरफ आज हमारे सभी उम्मीदवार यहां हमारे बीच में हैं। सभी हमारे उम्मीदवार जनता जनार्दन उनको आशीर्वाद दे।

भाइयों बहनों

आज मैं सबसे पहले मणिपुर के लिए एक शिकायत करना चाहता हूं... कंप्लेन करना चाहता हूं... करूं... लेकिन आप बुरा मान जाएंगे तो... करुं कंप्लेन करुं... बुरा नहीं मानेंगे ... पक्का नहीं मानेंगे... एक दम पक्का। देखिये 2014 में जब लोकसभा का चुनाव हुआ  और मैं प्रधानमंत्री का उम्मीदवार था और उस समय इसी मैदान में सभा की थी... लेकिन उस समय आधा मैदान भी भरा नहीं था... मैं खुद प्रधानमंत्री का उम्मीदवार था ... इतनी दूर से आया था, लेकिन आधा मैदान भी नहीं भरा था। और आज चारों तरफ लोग ही लोग नजर रहे हैं, भीड़ ही भीड़ नजर रही है। भाइयों बहनों आपने ये जो प्यार दिखाया है आशीर्वाद दिए हैं... इसके लिए शिकायत नहीं हो सकती है सिर्फ आपका अभिनंदन ही हो सकता है... आपका धन्यवाद ही हो सकता है।

भाइयों बहनों

आज मणिपुर पूरी तरह भारतीय जनता पार्टी के रंग में रंग चुका है। और कुछ ही दिनों में आप अपना नववर्ष भी मनाने वाले हैं। तब तो खुशियों का पार नहीं होगा ऐसा मेरा पूरा विश्वास है। भाइयों बहनों मुझे दिल्ली में आपने जिम्मेवारी दी। अभी ढाई साल हुआ है। और यहां मुख्यमंत्री पंद्रह साल से बैठे हैं।  कोई काम नजर आता है क्या। कोई काम नजर आता है क्या। मणिपुर का भला किया क्या। विकास के काम किए क्या। नौजवान को रोजगार के लिए कुछ किया क्या। आप मुझे बताइये, मणिपुर जो हमारे 'पूरब का स्विटजरलैंड' माना जाता है। अगर उसकी ये बर्बादी की है पंद्रह साल लगातार मणिपुर नीचे  ही गया नीचे ही गया। दिल्ली में भी उनकी सरकार थी। यहां भी उनकी सरकार थी। उसके बावजूद भी मणिपुर बर्बाद कर दिया गया। उसके  लिए जिम्मेवार कौन है। कौन है जिम्मेवार। कौन है जिम्मेवार। जरा पूरी ताकत से बताइए दूर दूर से कौन जिम्मेवार है। मणिपुर को किसने बर्बाद किया। मणिपुर के किसानों का नुकसान किसने किया। मणिपुर की मां बहनों का अन्याय किसने किया। मणिपुर के नौजवानों का भाग्य किसने डुबोया। जिस कांग्रेस के इतने गुनाह हैं अब मणिपुर में उस कांग्रेस को एक दिन भी रहने का अधिकार है क्या। है क्या। अब इस बार पूरी तरह से साफ कर दोगे कि नहीं कर दोगे।

भाइयों बहनों

दिल्ली में पहली बार भारतीय जनता पार्टी की ऐसी सरकार बनी है। जिस सरकार ने सबसे पहली योजना लगाई एक्ट ईस्ट पॉलिसी। हमने कहा जब तक पूर्वी भारत उत्तरी पूर्व ये विकसित नहीं होगा हिंदुस्तान का विकास अधूरा रह जाएगा। प्राकिृतिक संपदाओं से हरा भरा यहां के लोग सामर्थ्यवान कानून को मानने वाले  लोग। पवित्र जीवन जीना पसंद करने वाले लोग। अगर सरकार दो कदम चले तो यहां के लोग 10 कदम दौड़ने के लिए तैयार होते हैं, ऐसा हमारा ये राज्य है।  लेकिन भाइयों बहनों नॉर्थ ईस्ट पुरानी सरकार कांग्रेस ने राजनीति का खेल का मैदान बना दिया एक जनजाति को दूसरी जनजाति के साथ लड़ाया। चुनाव जाय तो विकास की चर्चा नहीं करना, काम का हिसाब नहीं देना। सिर्फ एक जाति को दूसरी जनजाति के खिलाफ भड़का देना, लड़ाई करवा देना और बीच में से अपना उल्लू सीधा कर लेना... यही  कारोबार चल रहा है। भाइयों बहनों ये मणिपुर को बर्बाद करने वाले इनके तौर तरीके ये खत्म होने चाहिए कि नहीं होने चाहिए।

भाइयों बहनों

मणिपुर की एकता, मणिपुर का विकास, मणिपुर का भला, यही हमारा सपना होना चाहिए कि नहीं। कोई भी जनजाति हो पहाड़ी हो या तराई हो,  शहर हो या गांव हो, हर किसी का एक समान रूप से भला होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए न। मैं आज आपके बीच में ये विश्वास दिलाने आया हूं कि एक बार भारतीय जनता पार्टी को मणिपुर में सेवा करने का अवसर दीजिए। पांच साल दीजिए। उनको आपने पंद्रह साल दिए हैं। पद्रह साल में जो काम उन्होंने नहीं  किया है, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार पंद्रह महीने में वो करके दिखाएगी आपको। पंद्रह  महीने में  मैं वादा करता हूं भाइयों। और आप हमारा व्यक्तिगत रूप से तो मेरा इस भूभाग के प्रति लगाव है। ये पूरा क्षेत्र हमारा नॉर्थ ईस्ट सभी राज्यों का भला हो ये देश की एकता और अखंडता के लिए भी आवश्यक है। यहां होनहार नौजवान हैं। वो हमारे देश की अमानत हैं। इन होनहार नौजवानों का देश के विकास में योगदान बढ़े इससे देश का भला होने वाला है, देश का लाभ होने वाला है और इसलिए हम यहां के नौजवानों के लिए विकास की नई उचाइयां पार करना चाहते हैं।

भाइयों बहनों

आप मुझे बताइये साहब ये पद्रह साल यहां कांग्रेस का राज रहा। जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी तो उन्होंने बड़ा ही महत्वपूर्ण काम किया था। उन्होंने नॉर्थ ईस्ट के लिए सप्तभगिनी के लिए पहली बार दिल्ली में अलग मंत्रालय बनाया था। अलग बजट बनाया था। हर डिपार्टमेंट को कुछ परसेंट सिर्फ और सिर्फ नॉर्थ ईस्ट के लिए खर्च करने का निर्णय किया था। नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के बीच को-ऑर्डिनेशन के लिए एक उत्तम प्रकार की व्यवस्था बनाई थी। लेकिन बाद में दस साल दिल्ली में एक ऐसी सरकार बैठी कि जिसको इनकी परवाह ही नहीं थी। क्योंकि वो तो ये मानते थे कि अब एकाध एमपी हमारे पास आया तो आया...  नहीं आया तो क्या फर्क पड़ता है। ये अहंकार था। सवाल एमपी की संख्या का नहीं है। सवाल इतनी दूर सुदूर रहने वाले मेरे भाइयों बहनों के दिल में हिंदुस्तान के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा है, उनको अवसर देने का सवाल है। और हमने अवसर देने की दिशा में काम किया है।

भाइयों बहनों

पहले आए दिन महीने में पांच दिन सात दिन ये नॉर्थ ईस्ट मुख्यमंत्री और मंत्री दिल्ली में बैठे रहते थे। क्या करते थे भगवान जाने। और उस समय के प्रधानमंत्री, उस समय की सरकार, उस समय के पार्टी के नेता इन नॉर्थ ईस्ट से आए हुए नेताओं को मिलने का समय तक नहीं देते थे, समय तक नहीं देते थे। आज भाइयों बहनों नॉर्थ ईस्ट का कोई भी मुख्यमंत्री हो किसी भी दल का मुख्यमंत्री हो। मुझे जब भी मिलने के लिए कहता है मेरे दरवाजे हमेशा हमेशा के लिए खुले रहते हैं। लेकिन हम आज के नहीं, हमने तो पिछले दो साल में भारत सरकार के नब्बे मंत्रियों का दौरा... कोई मंत्री दो बार आए होंगे, कोई तीन बार आए होंगे। लेकिन केंद्र का कोई कोई मंत्री 90 बार नॉर्थ ईस्ट राज्यों में खुद आया और सिर्फ स्टेट कैपिटल पर नहीं जिलों में गया और भारत सरकार की योजनाएं ठीक से लागू हो रही है कि नहीं हो रही है। कहीं भ्रष्टाचार तो नहीं हो रहा इन सारी चीजों का सीधा-सीधा हिसाब लेने का काम किया है। पहले कोई आता नहीं था अगर आना पड़ता था तो यहां के लोगों को आना पड़ता था।

भाइयों बहनों

एनईसी की मीटिंग होती है। हमारे मंत्री जी उस मीटिंग में रहते हैं। और नॉर्थ ईस्ट की समस्याओं के समाधान के लिए सब मिल बैठकर के रास्ता निकालते हैं। इतनी महत्वपूर्ण व्यवस्था आखिर में जब एनइसी की मीटिंग में जब मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री  थे। करीब चालीस साल पहले, चालीस साल पहले जब मोरारजी भाई देसाई प्रधानमंत्री थे,  तब वे एनईसी की मीटिंग के लिए नॉर्थ ईस्ट में आए थे। चालीस साल तक देश का एक भी प्रधानमंत्री एनईसी की मीटिंग के लिए नॉर्थ ईस्ट में कभी नहीं आया था। चालीस साल के बाद मैं पहला प्रधानमंत्री था जो एनईसी की मीटिंग में आया, रात रुका। सभी मुख्यमंत्रियों से बातें की। अलग अलग बातें की। और नॉर्थ ईस्ट के विकास के संबंध में उनके मन में जो विचार थे उन्हीं को लागू करने की योजना भी बना दी। और तेज गति से काम चल रहा है। नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य की शक्ति है। अब आप देखते हैं सिक्किम छोटा सा राज्य, नॉर्थ ईस्ट का हिस्सा आज तेज गति से विकास कर रहा है। लेकिन जहां कांग्रेस बैठी है वो एक भी राज्य विकास नहीं कर रहा है। आए दिन भ्रष्टाचार की खबरें आती है, यही काम उन्होंने किया है।

भाइयों बहनों

आप जानते हैं कि भली भांति इन लोगों ने भ्रष्टाचार के जो खेल  खेले हैं उन बातों को हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं। आज भी मणिपुर इतना समृद्ध इलाका वहां गरीबी की रेखा के नीचे  जीने वालों की संख्या में पंद्रह साल रहने के बावजूद भी कोई प्राथमिक परिवर्तन भी नहीं ले पाए। अगर गरीबों के प्रति इनकी इतनी उदासीनता है, तो भाइयों बहनों मेरे मणिपुर का विकास कैसे होगा। यहां पर भ्रष्टाचार की खबरें आए दिन, क्योंकि यहां तो भ्रष्टाचार करते हैं, और जब पूछते  हैं कि भाई क्या है। बोले दिल्ली थोड़ा भेजना पड़ता है। ये बोलते हैं यहां के नेता। कैसे कैसे नेता दिल्ली में बैठे है आपकी पार्टी के। इन गरीब लोगों से लूट करके दिल्ली में पार्टी चलाने के लिए पैसे देते हैं।  सरकारी खजानों से निकालते हैं। भाइयों बहनों ये पाप चक्र बंद होना चाहिए और मणिपुर को और पूरे नॉर्थ ईस्ट को मुझे इस पूरे चक्र से मुझे बाहर निकालना है।

भाइयों बहनों

नौकरियों की भर्ती, हर भर्ती में मामला अदालत पहुंचा कि नहीं पहुंचा। अदालतों ने मणिपुर सरकार के खिलाफ निर्णय दिया कि नहीं दिया। सारे नौकरी के मसले... नौजवान को जब तक उसके पास भ्रष्टाचार करने के लिए पैसे नहीं है, नौकरी के लिए तरसता है। ये स्थिति कांग्रेस ने पैदा की है कि नहीं की है। रेट बोलते हैं  रेट। टीचर बनना है इतना रेट।  पुलिस वाला बनना है इतना रेट। क्लर्क बनना है इतना रेट। दारोगा बनना है, पुलिसवालाा बनना है इतना रेट। ड्राइवर भी बनना है इतना रेट। किसी मंत्री के यहां खाना पकाने जाना है तो भी इतना रेट।   ये क्या करके रखा है भाई। क्या आप लोगों को इस काम के लिए बिठाया है।

भाइयों बहनों

इन दिनों यहां के लोगों को बिजली की कटौती हिंदुस्तान में जो औसत बिजली की कमी है, उससे मणिपुर में ढाई गुना कमी है। अगर मणिपुर को भारत सरकार बिजली देने को तैयार है। सस्ते में देने को तैयार है। लेकिन मणिपुर की कांग्रेस सरकार आपके घर में उजाला नहीं चलाने देना चाहती। आपको अंधेरे में रखना चाहती है। मणिपुर सरकार को लगता है कि बिजली आएगी तो लोग टीवी चलाएंगे।  और टीवी में पता चल जाएगा कि इतना  रुपया आया है लेकिन  खर्च नहीं हुआ है तो वो चली जाएगी सरकार इसलिए बिजली भी नहीं देते। बिजली भी नहीं देते। भाइयों बहनों जिस प्रकार से युवाओं को रोजगार के संबंध में। अगर बिजली नहीं होगी तो यहां कौन कारखाने लगाएगा। कारखाने नहीं लगाएगा तो नौजवान को रोजगार कहां से मिलेगा। इसलिए भाइयों बहनों बिजली का उपयोग है, लेकिन इस सरकार को भारत सरकार बिजली देती है तो भी उसको विकास करने में कोई रुचि नहीं है।

भाइयों बहनों

आपने देखा होगा। दिल्ली में हमने  एक महत्वपूर्ण निर्णय किया। हमने दिल्ली की पुलिस में, खास तौर पर नॉर्थ ईस्ट के नौजवानों को रोजगार देने का प्रबंध किया। ताकि दिल्ली में लोग देखे कि मणिपुर से आए हुए नौजवान कितने होनहार हैं। किस प्रकार से दिल्ली की सुरक्षा कर सकते हैं ये ताकत दिखाने का हमने काम किया है। मैंने हिंदुस्तान के और राज्यों को भी कहा है। कि आप भी अपने यहां पुलिस में नॉर्थ ईस्ट के नौजवानों को बुलाइये उनकी सेवाएं लीजिए और देश को एक विश्वास दिलाइये कि नॉर्थ ईस्ट में हमारे जो होनहार नौजवान हैं वो हिंदुस्तान के किसी भी कोने में जाकरके मां भारती की सेवा कर सकते हैं। जन सामान्य की रक्षा कर सकते हैं।

भाइयों बहनों

यहां पर शिक्षा का अधिकार हो, रोजगार या मनरेगा की योजना हो। एक भी चीज जो भारत सरकार के पैसे मिल रहे हैं, लागू करने में उनको रुचि नहीं है। रुपये आते हैं किसी के घर चले जाते हैं। मैं तो हैरान हूं कि जब मैंने 8 नवंबर को रात को 8 बजे टीवी पर आकर के कहा... कि मेरे प्यारे देशवासियों... और 1000 और 500 रुपये के नोट बंद कर दिए तो सबसे पहले कांग्रेस के नेता भागमभाग करने लग गए। क्या हो गया। मोदी को दिखा देंगे। मोदी को देख लेंगे। मोदी को समझा देंगे। मोदी समझता क्या है। अरे भाई हजार और पांच सौ के नोट... सत्तर साल से गरीबों को लूट लूट करके आपके घरों में बंद पड़ी है मैं उसको बाहर निकालना चाहता हूं, ताकि चोरी का माल गरीबों के कल्याण के काम आए। विकास के काम आए कुएं में पानी नहीं है तो कुआं खोदने के लिए काम आए। किसान के लिए गांव में स्कूल नहीं है तो स्कूल बनाने के लिए काम आए। रेल का स्टेशन नहीं है तो रेल का स्टेशन बनाने के लिए काम आए। अस्पताल नहीं है तो अस्पताल बनाने के काम आए। भाईयों बहनों ये पैसा देश की जनता का है। देश के गरीब का है। ये जो लूट करके बैठे हैं।  और, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं ये जो लूटा हुआ माल है वो मैं वापिस लेके रहूंगा और देश  के गरीबों के काम लगाऊंगा। यहां के मुख्यमंत्री समझ लें.... मणिपुर में जो भ्रष्टाचार हुआ है 15 साल में उसका कच्चा चिट्ठा हम खोल देंगे। ये बात मान लीजिए।

भाइयों बहनों

क्योंकि आपने सिर्फ चुनाव जीतने के लिए। यहां के समाजों को एक दूसरे का दुश्मन बनाकर रख दिया है। भाई भाई को लड़ा दिया आपने क्या राजनीति इतनी नीचे  स्तर पर गई है। जिसको समाज की परवाह नहीं हो, देश की परवाह नहीं हो,  मणिपुर की परवाह हो, सिर्फ अपनी कुर्सी की परवाह  हो। ऐसे लोगों को एक पल भी रहने का अधिकार नहीं है। ..... और इसलिए अब यहां कहते हैं। नागाओं के साथ जो आपका एकॉर्ड हुआ है। मैं जरा यहां के मुख्यमंत्री को पूछना चाहता हूं कि डेढ़ साल सोए थे क्या। गहरी नींद सोए थे क्या। ये एकॉर्ड डेढ़ साल पहले हुआ। आपने कभी भारत सरकार को चिट्ठी लिखी है। मैंने स्वयं एकॉर्ड में क्या है सारा बताया है। आज डेढ़ साल बाद जब चुनाव घोषित हो गया तो झूठ फैला करके मणिपुर  के लोगों को बांटने का काम कर रहे हो। मणिपुर के भाइयों बहनों आप तय कीजिए 15 साल तक मणिपुर को बर्बाद करने वाले मुख्यमंत्री के झूठ को मानना है या ढाई साल से इमानदारी से आपकी सेवा में लगे हुए प्रधानमंत्री के सच को मानना है। ये मैं आप पर छोड़ देता हूं भाइयों। लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं नागाओं के साथ जो एकॉर्ड हुआ है इसमें कहीं पर भी मणिपुर के टेरिटरी के साथ कोई भी धोखा करने की चर्चा नहीं है। इतना झूठ बोल रहे हो। मणिपुर के मेरे प्यारे भाइयों बहनों, मैं मणिपुर की इस पवित्र धरती पर आकरके आपको वादा देता हूं कि ऐसा एक भी शब्द जो मणिपुर के हितों की रक्षा करता हो, जो मणिपुर के हितों को नुकसान करता हो, ऐसा एकॉर्ड में एक भी शब्द नहीं है भाइयों बहनों। एक भी शब्द नहीं है।  

भाइयों बहनों

ऐसी कैसी सरकार... जिसकी जिम्मेवारी है कि अपने राज्य के नागरिकों को जरूरी सारी चीजें मुहैया कराना। दवाइयां चाहिए दवाइयां मिलनी चाहिए। अनाज मिलने का हो तो अनाज मिलना चाहिए। नमक की जरूरत हो तो नमक मिले। चीनी की जरूरत हो तो चीनी मिले। पेट्रोल केरोसिन की जरूरत हो तो प्रेट्रोल-केरोसिन मिले।  डीजल की जरूरत हो तो डीजल मिले। आप मुझे बताइये ये पहुंचाने की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है  कि नहीं है। जरा जोर से बोलिए राज्य सरकार की है कि नहीं है। राज्य सरकार की है कि नहीं है। जरा जोर से बोलिए राज्य सरकार की है कि नहीं है। कहीं कोई भी रुकावट करता है तो उनको हटाने की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है कि नहीं है। भाइयों बहनों कानूनन.... कानूनन हिंदुस्तान का संविधान कहता है कि ये पूर्णतया जिम्मेवारी मणिपुर के मुख्यमंत्री की है, मणिपुर की सरकार की है, मणिपुर की पुलिस की है। उसके बावजूद भी रास्तों पर ब्लॉकेज चल रहा है। लोगों को अनाज नहीं मिल रहा है। दवाई नहीं मिल रही। बच्चों को दूध नहीं मिल रहा कैसी सरकार चलाते हो। भाइयों बहनों ये उनकी विफलता  का जीता-जागता उदाहरण है। ये जिम्मेवारी उनकी है। भाइयों बहनों आपको मैं कहता हूं ग्यारह तारीख को चुनाव के नतीजे आएंगे। तेरह मार्च को हिंदुस्तान होली का उत्सव मनाएगा। भारतीय जनता पार्टी की मणिपुर में सरकार बनेगी और मणिपुर के हाथ में सरकार आते ही कोई भी ब्लॉकेज नहीं रहने देंगे। मैं आपको वादा करता हूं।

भाइयों बहनों

हम दिखा देंगे कि सरकार कैसे चलती है। और आप देखेंगे कि ये पाप करनेवाले। कांग्रेस का खेल देखिये। इधर लोगों को भड़काना और उधर बंद करने वालों को पैसा देना। और मैं जानकारियों के आधार पर बोलता हूं भाइयों बहनों। तीन तीन महीनों से नेशनल हाईवे को ब्लॉकेज करके रखे हुए हैं। और उनको कोई असर ले सरकार। इसका मतलब है कि कांग्रेस के लोगों के साथ इनकी मिलीभगत है भाइयो बहनों। ऐसा करने वालों को जेल में बंद क्यों नहीं करते। उसपर कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं करते। और मैं मणिपुर सरकार को कहता हूं कि आप जो भी मदद मांगोगे दिल्ली सरकार मदद करने के लिए तैयार है। अभी इसी मिनट मांगोगे, मैं यहीं पर कहता हूं आपको हम मदद करने को तैयार हूं, ब्लॉकेज खाली कराओ। भाइयों बहनों, चुनाव जीतने के लिए जनता पर इतना जुल्म करें। जनता को भूखा रहने के लिए मजबूर करें। चुनाव जीतने के लिए। जनता को कालाबाजारी में  माल खरीदने के लिए मजबूर करें। भाइयों बहनों ऐसी निर्दय। निर्दय। पूरी तरह निर्दय सरकार को मणिपुर में रहने का हक नहीं है भाइयों। मणिपुर के लोगों ने ऐसी सरकार को सजा करना चाहिए भाइयों बहनों... और ये चुनाव मौका है। आपके सामने खिलवाड़ किया है। आप पुराना इतिहास देखिए। हर चुनाव के पहले ऐसा ही खेल किया। ऐसा ही ड्रामा किया है। भाई-भाई के साथ झगड़ा करवा दिया है और अपना उल्लू सीधा किया है। लेकिन तब तो दिल्ली में आपकी सरकार थी तो आपकी गाड़ी चलती थी, लेकिन अब आपको हिसाब देना पड़ेगा दिल्ली में मोदी बैठा है। मैं कांग्रेस के नेताओं को कहता हूं कि ये जनता पर जो जुल्म किया है इसका हिसाब आपको देना पड़ेगा। आप अब बचने वाले नहीं हैं। मान के चलिए भाइयों बहनों।...  और झूठ बोलते हो। जिम्मेवारी आपकी है। करना कुछ नहीं। और  मजा ले रहे हो हिसाब लगा रहे हो। ये ब्लॉकेज जरा ज्यादा तेज होगा तो ज्यादा फायदा होगा। लोग भूखे मरेंगे तो फायदा होगा। अरे मुख्यमंत्री जी वो जमाना चला गया। अब मणिपुर का बच्चा बच्चा हर बात को समझता है। आपके झूठ को स्वीकार करने वाला नहीं है। चाहे मैदानी इलाकों में रहने वाले हों चाहे पहाड़ी इलाके में रहने वाले हों आप विश्वास रखिये, आप मेरे लिए समान हैं भाइयों बहनों। आप किस जनजाति के हैं , आप किस इलाके के हैं, मेरी सरकार कभी आपसे भेदभाव नहीं करेगी, आपको हक का पूरा देने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं।  

भाइयों बहनों

हमने यहां स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने के लिए। मणिपुर के लोगों ने कितना बड़ा देश का नाम रोशन किया है। पूरे खेल जगत में आज हम गर्व से खड़े रहते हैं, कि मणिपुर के लोगों ने इतना बड़ा मान सम्मान बढ़ाने का काम किया है देश का। मणिपुर  के अंदर एक ताकत बढ़ी है। और इसलिए हमने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने का निर्णय किया पैसे आवंटन कर दिया। लेकिन ये मुख्यमंत्री

हमने सुना है देश में  शायद किसी मुख्यमंत्री के लिए परसेंटेज की बात नहीं होती है। कितने परसेंटेज चलते हैं यहां।  कितने... कितने ... टेन... कितने आप सबको मालूम है। फिर भी इसको रहने देते हो।  देश में कहीं टेन परसेंट चीफ मिनिस्टर सुना है भाई। हम तो पहली बार आए। हम तो समझे  भी नहीं कि टेन परसेंट होता क्या है। तो मैंने पूछा मणिपुर वालों को।  ये सबलोग कहते हैं लिखते हैं टेन परसेंट टेन परसेंट। मैंने कहा ये क्या है भाई। ये कौन सा शास्त्र है। बोले मोदी जी आप इमानदार आदमी हो, आपको जल्दी समझ नहीं आएगा। ये कैसे बेइमान लोग हैं। भाइयों बहनों आप मणिपुर को जीरो परसेंट वाला मुख्यमंत्री चाहिए, जीरो परसेंट वाला मंत्री चाहिए, जीरो परसेंट वाली सरकार चाहिए, तब जाकर मणिपुर का भला होगा भाइयों बहनों। और इसलिए बहुत हो गया। पंद्रह साल तक टेन परसेंट। कितना चला गया आपका। अगर उतना ही रह गया होता ... तो भी मणिपुर आज दुनिया के सामने ताकत बनकर खड़ा होता। लेकिन इन्होंने तबाह कर दिया है भाइयों बहनों।

भाइयों बहनों

चाहे रोड का काम हो, अभी हमारे नितिन गडकरी आए थे। मणिपुर  का विकास करना है, नॉर्थ ईस्ट का विकास करना है तो मेरी पक्की समझ है, अगर यहां रोड नेटवर्क, रेल नेटवर्क मिल जाए, एयर नेटवर्क मिल जाए। तो मेरा नॉर्थ ईस्ट पूरे हिंदुस्तान के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाएगा। सवा सौ करोड़ देशवासी पागल की तरह यहां चले आएंगे।  आपके बीच कुछ दिन बिताकरके आनंद से टूरिज्म को बढ़ावा देते यहां से जाएंगे। यहां के लोग दुनिया में जा पाएंगे। यहां की पैदावार बहुत ही कम खर्च से हिंदुस्तान के बाजार में जाएगी।  हिंदुस्तान के हर कोने में पहुंचेगी। बताइये नॉर्थ ईस्ट का कितना भला होगा भाइयों। हम नॉर्थ ईस्ट को ऑर्गेनिक स्टेट बनाने की दिशा में  काम करना चाहते हैं। ऑर्गेनिक स्टेट बनता है तो हमारा किसान जो पैदा करता है एक बार वो ऑर्गेनिक बन जाता है तो एक रुपये के बदले में एक डॉलर मिलता है, इतनी कमाई हो जाती है भाइयों।  ये काम मुझे नॉर्थ ईस्ट के लिए करना है। हमें रेल से जोड़ना है नॉर्थ ईस्ट को। हिंदुस्तान में दिल्ली के साथ सीधी रेल जुड़नी चाहिए। हम इस काम में लगे हुए हैं। हम विकास की नई उचाइयों के लिए...  शिक्षा के हर काम। आइआइटी बनाना है तो हम बनाना चाहते है। ताकि यहां के नौजवानों को अपने घर में रहकरके शिक्षा दीक्षा के लिए लाभ मिले। हम विकास के लिए बिजली, हम चौबीसों घंटे बिजली देना चाहते हैं। हर गांव में बिजली देना चाहते हैं। राज्य सरकारें कोई काम नहीं करेगी। रुकावटें डालेंगी। अंधेरी जिंदगी में मेरे मणिपुर के भाइयों बहनों को  रहना पड़ेगा हमें उससे बाहर लाना है भाइयों बहनों। और इसलिए मैंआज आपसे आग्रह करने आए हैं। भाइयों बहनों हम विकास के लिए मत मांगते हैं। उनको टेन परसेंट के लिए चाहिए मुझे आपका हंड्रेड परसेंट विकास हो इसके लिए वोट चाहिए। एक तरफ टेन परसेंट कमिशन वाले हैं दूसरी तरफ हंड्रेड परसेंट विकास वाले हैं. निर्णय आपको करना है कि टेन परसेंट कमीशन वालों के पास जाना है कि हंड्रेड परसेंट विकास वालों के पास जाना है। और जब हम विकास की बात करते हैं तो विकास का हमारा मतलब है कि किसान को सिंचाई, बच्चों को पढ़ाई, युवा को कमाई और बुजुर्गों को दवाई।

भाइयों बहनों

हम किसान को उसकी जो आवश्यकताएं हैं... उस पर बल देना चाहते हैं। एक समय था हमारे किसान को यूरिया चाहिए, महीनों तक यूरिया नहीं मिलता था। किसान को यूरिया समय पर चाहिए, सरकारों को परवाह नहीं। सिर्फ प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख दो, सो जाओ। हमने सोचा कि क्या कारण है कि सारे देश में यूरिया के लिए किसान रो रहा है। कालेबाजारी में खरीद रहा है। हमने यूरिया का नीम कोटिन कर दिया। यूरिया की चोरी बंद हो गई। यूरिया की कालाबाजारी बंद हो गई। जिस किसान को  यूरिया चाहिए समय पर मिलने लग गया। जितना चाहिए उतना मिलने लग गया। कालाबाजारी बंद हो गई।

भाइयों बहनों

आज मध्यम वर्ग का परिवार भी हो, अच्छी खासी कमाई हो, लेकिन अगर घर में एकाध व्यक्ति बीमार हो जाए तो पूरा घर का बजट बर्बाद हो जाता है सबकुछ खत्म हो जाता है। बेटी की शादी रुक जाती है, बच्चे की पढ़ाई रुक जाती है। एक बीमारी अगर घर में आगे बढ़ी तो पूरा घर तबाह हो जाता है। डायबिटीज हो, हार्ट डिजीज हो, कैंसर हो, पूरा परिवार सोचता है अब परिवार बचेगा नहीं। भाइयों बहनों, मध्यम वर्ग का व्यक्ति, गरीब व्यक्ति उसकी सेवा कैसे होगी। हम सरकार में आए। हमने सोचा, कि गरीब मध्यम वर्ग का व्यक्ति आखिर इतनी दवाई महंगी होगी तो वो बचेगा क्या। उसका परिवार बचेगा क्या। वो तो बीमारी के कारण मरेगा। लेकिन परिवार आर्थिक बोझ के कारण मर जाएगा। हमने दवाई बनाने वाली कंपनियों को बुलाया। हमने जरा पूछताछ की। हमने कहा भाइया तीस-तीस हजार में गोलियां बेचते हो आप, तीस हजार में। अगर महीने में दो गोली खानी है तो भाइयों बहनों वो बेचारा साठ हजार रुपया कहां से लाएगा। हमने कहा इतनी दवाइयां महंगी कैसे आती है भाई। कैसे बनाते हो। क्या डालते  हो अंदर। कितनी कीमत होगी जरा निकालो। शुरू में तो बताते  ही नहीं थे। लेकिन हम तो डरने वालों में  से हैं नहीं। हम जरा पूछने लगे बताओ भाई। भाईयों बहनों पूरी जांच पड़ताल कर के बाद हमने नियम बना दिया। आठ सौ दवाइयां, आठ सौ दवाइयां, जो लोगों को जीवन मरण के लिए जरूरी होती है हमने उनके दाम तय कर दिए। और जो दवाई तीस हजार रुपये में मिलती थी आज वो तीन हजार रुपये में बेचने के लिए मजबूर कर दिया। जो दवाई 80 रुपये में मिलती थी वो 12 रुपये में बिकना शुरू हो गया। आप बताइये, गरीब का भला हुआ कि नहीं हुआ। मध्यमवर्ग का भला हुआ कि नहीं हुआ भाइयों।

भाइयों बहनों

आज कल हृदय रोग की बीमारी होती है। दिल का दौरा पड़ जाता है। हार्ट अटैक आता है। भागे भागे डॉक्टर के पास जाते हैं, और हमें तो पता नहीं कि अंदर क्या हुआ है। दर्द हो रहा है। डॉक्टर देखकर बता देता है कि दिल के अंदर ब्लड जाने का, खून जाने का रास्ता ही बंद हो गया है। दरवाजा खोलना पड़ेगा। उसके लिए अंदर स्टैंट लगाना पड़ेगा। और फिर डॉक्टर बताता है कि ये देसी स्टैंट है इंडिया का बना हुआ है। ये लगाओगे... तो 45 हजार रुपया लगेगा। ये विदेश से लाया हुआ है, ज्यादा अच्छा है, ये लगाओगे तो सवा लाख-डेढ़ लाख रुपया होगा। अब बेचारा मृत्यु शैय्या पर पड़ा है। हृदय रोग की बीमारी है, मां बाप को, बच्चों को, भाई को, बहन को, पत्नी को, सबको लगता है बचना चाहिए। तो वो कहते हैं कि भाई आपकी क्या सलाह है, क्या करें। तो वो कहता है कि... अगर 45 हजार वाला स्टैंट लगाओगे ... तो 4, 6 साल जिंदा रहोगे। लेकिन लाख, डेढ़ लाख वाला लगाओगे... तो जीवन भर देखना नहीं पड़ेगा। तो वो बेचारा... कौन कहेगा कि भई छह साल में मरना है।   तो वो डेढ़ लाख का लगवा लेता है। भाइयों बहनों मैं हैरान था कि गरीब आदमी डेढ़ लाख का स्टैंट कहां से लगाएगा। मैंने बनाने वालों को बुलाया... जरा हिसाब किताब मंगवा। और मैंने कहा कि आप गरीब जनता को लूट रहे हो। बंद करो ये सब। आपने देखा होगा कि अभी दस दिन पहले भारत सरकार ने ऑर्डर कर दिया...  कि 45 हजार में जो स्टैंट बेचते हो... वो बंद करो... सिर्फ 7 हजार रुपये में बेचना पड़ेगा... ताकि गरीब आदमी दवाई करवा सके। जो सवा लाख... डेढ़ लाख में बेचते हैं, हमने कहा इसको 25, 27 हजार से ज्यादा नहीं ले सकते हो। गरीब की भलाई के लिए काम करना पड़ेगा। आप झूठ बोलकरके लोगों को लूट रहे हो। भाइयों बहनों हम गरीब के लिए काम करने वाली सरकार हैं। सामान्य मानवी के लिए काम करने वाली सरकार। बीमारी में हर किसी की मदद करने के लिए सरकार है।

भाइयों बहनों

नौजवान को रोजगार। यहां पर रेट बोले जाते हैं। काम है। ये नौकरी के लिए इतना दाम।  ये नौकरी के लिए इतना दाम। हमने भारत सरकार में आने के बाद एक नियम बनाया। वर्ग तीन और चार.... भारत सरकार में सबसे ज्यादा रोजगार इसी में होता है। हमने कहा कि वर्ग तीन और चार। क्लर्क बनना है, टीचर बनना है, सरकारी मुलाजिम बनना है, पुलिस इंस्पेक्टर बनना है। ये सारे तीन और चार में आते हैं। इसका जब इश्तेहार निकलता है, एडवरटिजमेंट निकलता है... तो लाखों लोग अर्जी करते है। अर्जी करने के बाद लिखित एग्जाम होता है। उसमें कुछ लोग पास होते हैं। उसके बाद इंटरव्यू होता है, और इंटरव्यू के बाद नौकरी मिलती है। होनहार लड़का भी स्कूल में कॉलेज में अच्छा मार्क्स आया है, रिटेन टेस्ट उसमें भी अच्छा मार्क्स आते हैं। इंटरव्यू की चिट्ठी आती है घर पे। मां बाप को लगता है कि चलो बेटे को अब नौकरी मिल जाएगी। दो चार दिन में वो घर जाता है। वो कहता है सुना है बेटे को इंटरव्यू आया है। मां भी खुशी से कहती है हां... हां... बहुत अच्छा हुआ है बेटे को इंटरव्यू आाया है। फिर वो समझाता है कि देख भाई ये इंटरव्यू आया है तो ऐसे नौकरी नहीं मिलती है। किसी की सिफारिश लगती है। आप जरा कोई कोशिश करो। तो वो मां कहती है कि देख भाई तुम्हारे पास कोई है तो मदद करो। वो फिर तीन दिन बाद आता है मां मैंने एक आदमी ढूंढ लिया है।  इंटरव्यू में पास करवा  देगा...  बस सिर्फ दो लाख रुपया लगेगा। मां को भी लगता है बेटे को बेचारे को नौकरी मिल जाए। वो भी कहती है कि बेटा मैं घर गिरवी रख देती हूं, गहने गिरवी रख देती हू, जमीन गिरवी रख देती हूं। लो दो लाख रुपये बेटे को नौकरी दिलवा दो। ये चलता है कि नहीं चलता है भाइयो। ये पाप चलता है कि नहीं चलता है। कोई मुझे बताए ... ऐसा कैसा विज्ञान है कि एक कमरे में तीन बाबू बैठे हैं, एक दरवाजे से कोई इटरव्यू जिसके देना है वो नौजवान, वो बेटी अंदर आती है। तीस सेकेंड में आधी मिनट में वो तीन में से एकाध पूछ देता है क्या नाम है कहां से आए हो, ठीक है और वो दूसरे दरवाजे से निकल जाता है। क्या आधे मिनट में कौन अच्छा है कौन बेकार है। ये बेइमानी है कि नहीं है कि नहीं है। ये पैसे कमाने का गोरखधंधा है कि नहीं है। ये भ्रष्टाचार का दरवाजा है कि नहीं। भाइयों बहनों दिल्ली में हमने निर्णय कर दिया कि अब वर्ग तीन और चार के लिए कोई इंटरव्यू नहीं होगा। जो लोग परीक्षा  का मार्क्स आया है कंप्यूटर में डाल दिया जाएगा और जिसके सबसे ज्यादा मार्क्स हैं उसको सीधा सीधा नौकरी का ऑर्डर चला जाएगा। कोई इंटरव्यू नहीं होगा। भ्रष्टाचार गया कि नहीं गया। भ्रष्टाचार गया कि नहीं गया। नौजवान को उसका हक का मिला कि नहीं मिला। हमने मणिपुर को कहा आप भी लागू करो। नहीं किया। क्यों नहीं किया भाई। क्योंकि उनको मालूम है वो थैले वाला उन्हीं का तो होता है। टेन परसेंट। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हम मणिपुर में भी ये इंटरव्यू बंद करा देंगे। भ्रष्टाचार को बंद करा देंगे। नौजवान को रोजगार देने की चिंता करेंगे।

भाइयों बहनों

भाइयों बहनों आप मुझे बताइये दो हजार चौदह में जो लोकसभा का चुनाव हुआ। उस समय कांग्रेस पार्टी। और मैं मणिपुर में भााषण में उस समय बोला था उस समय। कांग्रेस पार्टी ने क्या वादा किया था। कांग्रेस पार्टी की बड़ी मीटिंग दिल्ली में हुई और लोकसभा के चुनाव के लिए जाने के पहले उन्होंने घोषणा की। कि दल्ली में अगर फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी तो वे गैस के सिलेंडर जो साल में नौ मिलते हैं वो बारह कर देंगे। और इसके लिए उन्होंने वोट मांगा था। गैस का सिलेंडर साल में नौ मिलते हैं, 12  करेंगे आप हमें वोट दे दो ऐसा कहा था। भाइयों बहनों हम सरकार में आए हमने कहा कि जरा गैस का क्या शास्त्र है समझें जरा।  तीन चार महीने जरा अध्ययन किया। और देखा गया भाइयों बहनों हमारे देश में ऐसा ये कालाबाजारी खेल चल रहा था। हमने कहा गरीब मां जो लकड़ी का चूल्हा जलाकरके खाना पकाती है, जब लकड़ी का चूल्हा जलाकरके खाना पकाती है तो उस मां के शरीर में चार सौ सिगरेट का धुआं जाता है चार सौ सिगरेट का। आप मुझे बताइये हर दिन जिस मां के शरीर में चार सौ सिगरेट का धुआं जाता हो उस मां की तबीयत अच्छी रहेगी क्या। वो बीमार होगी कि नहीं होगी। क्या उस मां को धुएं से बचाना चाहिए कि नहीं चाहिए। इतना ही नहीं घर में छोटे छोटे बच्चे रहते हैं। खाना जब पकता है तो वे भी तो वहीं रहते हैं। और जब छोटे छोटे बच्चे के शरीर में भी ये सिगरेट का धुआं जाता है तो वो बच्चा कितने दिन अपने शरीर बचा पाएगा। ऐसे बच्चों की मदद होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। हमने निर्णय किया हमने निर्णय किया। कि हम हिंदुस्तान में तीन साल के भीतर भीतर पांच करोड़ परिवारों के घर में मुफ्त में ... गैस का कनेक्शन दे देंगे। और, इन माताओं को लकड़ी के चूल्हे से बचाएंगे। और भाइयों बहनों मणिपुर में भी हजारों परिवारों में नए गैस के कनेक्शन दे दिए। एक रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं होने दिया। मुफ्त में गैस के कनेक्शन दे दिये। उन माताओं बहनों को लकड़ी के चूल्हे से...  चार सौ सिगरेट पीने के लिए जो मजबूर होना पड़ता था उससे बचाने का काम किए।

भाइयों बहनों

अगर विकास यही मकसद हो, विकास यही मंत्र हो तो हम मणिपुर को हिंदुस्तान में नई उचाइयों पर ले जा सकते है। टूरिज्म बढ़ा सकते हैं। यहां के नौजवान होनहार हैं। यहां की बेटियां होनहार हैं। भारत के सामर्थ्य में नई ताकत जोड़ने का सामर्थ्य रखने वाले लोग हैं। उनको लेकर के हम विकास की उचाइयों को पार करना चाहते हैं। और, इसलिए आज मैं मणिपुर की धरती पर आया हूं। पूरे राज्य के लोगों को इस जनसभा के माध्यम से मैं प्रार्थना करना चाहता हूं कि एक बार भारतीय जनता पार्टी को वोट देकरके पांच साल सेवा करने का मौका दीजिए। और, मैंने कहा अगर मणिपुर में आप भाजपा की सरकार बनाओ... दिल्ली में भी भाजपा की सरकार है तो मणिपुर के विकास के लिए डबल इंजिन लगेगा कि नहीं लगेगा। एक इंफाल का इंजिन और एक दिल्ली का इंजिन दोनों काम आएंगे कि नहीं आएंगे।  भाइयों बहनों और ये मेरी बात लिखनी है तो लिखकर के करके रखिये, और पंद्रह महीने के बाद मेरे से हिसाब मांगिए।  पंद्रह साल में जो काम नहीं हुआ है कांग्रेस सरकार में.... भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद पंद्रह महीने में हम वो करके दिखाएंगे... ये मैं फिर से वादा दोहराता हूं। पंद्रह साल के सामने पंद्रह महीने। भाइयों बहनों दिल्ली सरकार पूरी तरह आपके साथ खड़ी रहेगी। आपके सपनों को पूरा करने के लिए हम साथ खड़े रहेंगे। इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि भारतीय जनता पार्टी को भारी बहुमत से विजय बनाइये। उनके एक भी झूठ को स्वीकार मत कीजिए। एक भी झूठ को स्वीकार मत कीजिए। मणिपुर भी हमारा है। मणिपुर की एक एक इंच धरती हम मणिपुर वासियों की है उसकी रक्षा करने के लिए भारत की सरकार आपके साथ है। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की जय। पूरी ताकत से पूरे मणिपुर में सुनाई दे और झूठ बोलने वालों की नींद हराम हो जाए। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत बहुत धन्यवाद  

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PM to attend Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 22, 2024
PM to interact with prominent leaders from the Christian community including Cardinals and Bishops
First such instance that a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India

Prime Minister Shri Narendra Modi will attend the Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) at the CBCI Centre premises, New Delhi at 6:30 PM on 23rd December.

Prime Minister will interact with key leaders from the Christian community, including Cardinals, Bishops and prominent lay leaders of the Church.

This is the first time a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India.

Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) was established in 1944 and is the body which works closest with all the Catholics across India.