Press statement by Prime Minister during his visit to Russia

Published By : Admin | June 1, 2017 | 21:00 IST
India and Russia mark 70 years of very strong ties in a wide range of areas: PM Modi
We have adopted the St. Petersburg declaration which will not only improve our ties but also will be a benchmark of global stability: PM
Energy cooperation is a major area of our ties including cooperation in renewable and nuclear power: PM
Russian private sector can play active role to boost economic relations between our nations: PM
'Bridge to Innovation' programme will connect young scentists, promote start-ups and entrepreneurs: PM Modi

Your Excellency President Vladimir Putin,
Distinguished members of the Russian and Indian delegations,
Member of the Media

राष्ट्रपति पुतिन के खूबसूरत home town Saint Petersburg में आना मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है। राष्ट्रपति पुतिन तथा Saint Petersburg के लोगों द्वारा गर्मजोशी भरे स्वागत का मैं हार्दिक अभिनन्दन करता हूं। आप का स्वागत हमारे संबंधों की मधुरता का प्रतीक है।

मित्रों

इस वर्ष भारत तथा रूस अपने राजनयिक संबंधों की 70 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। संस्कृति से सुरक्षा तक; हमारे संबंधों की भाषा समान है।
जैसे कि रूसी भाषा में कहते हैः

मी गवारिम ना अद्नोम याज़ीके
(We speak one language)

पिछले 7 दशकों के क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय उथल-पुथल में यदि एक स्थिर सच्चाई रही है तो वह है भारत तथा रूस के बीच के सशक्त संबंध। हमारे संबंधों का मूलभूत आधार आपसी स्नेह, आपसी आदर ओर एक दूसरे में अटूट तथा मजबूत विश्वास है। इस सशक्त आधारशिला पर हमारी सहभागिता तथा सहयोग का चहुमुखी विकास हुआ है।

मित्रों

हमारे संबंधों के विकास के संपूर्ण स्वरूप पर मैंने और राष्ट्रपति पुतिन ने आज विस्तार से बातचीत की है। संबंधों की वर्तमान गति को और तेज करना तथा इसके उज्जवल भविष्य के लिए एक action plan बनाने पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इसके मद्देनजर हमने आज Saint Petersburg एक ऐलान adopt किया है। एक ऐसा स्वरूप जो कि न केवल दोनों देशों के आर्थिक तथा राजनैतिक सुदृढ़ता का विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। बल्कि वैश्विक उथल-पुथल में स्थिरता का एक benchmark साबित होगा।

मित्रों

आज के Inter-depended तथा Inter-connected विश्व में बढ़ते आर्थिक सहयोग संबंधों के विकास के महत्वपूर्ण driver है। हमारे आर्थिक संबंधों में तीव्र प्रगति, मेरा तथा राष्ट्रपति पुतिन का एक अहम साझा उद्देश्य है। Saint Petersburg अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक फोरम में भारत का guest country के रूप में शामिल होना तथा मेरा इस फोरम की plenary में कल होने वाला वक्तव्य दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को और समीप लाएगा। इन्हीं प्रयासों के चलते द्विपक्षीय निवेश में काफी तीव्र प्रगति हुई है। तथा हम 2025 तक 30 billion US dollar के निवेश के लक्ष्य की उपलब्धि के समीप हैं। आर्थिक संबंधों की गहनता का एक मुख्य आधार है Energy Cooperation Nuclear, Hydrocarbon तथा Renewable Energy इसके प्रमुख भाग हैं। मुझे खुशी है कि आज कुडूकुनल- V तथा VI के finalization द्वारा हमारे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग और घनिष्ठ होंगे। परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत तथा रूस परस्पर लाभ से आगे तीसरे देशों में भी अपना सहयोग बढ़ा रहे हैं। हमारे व्यापारिक तथा वाणिज्यिक संबंधों के विकास में private sector का एक महत्वपूर्ण role है। इस संदर्भ में हम दोनों देशों के private sectors को एक proactive भूमिका के लिए निमंत्रित करते हैं। हमारा यह भी मानना है कि दोनों देशों के बीच अधिकाधिक physical तथा Institutional connectivity भी आर्थिक संबंधों की मजबूती के लिए अनिवार्य है। इस संदर्भ में International North-South Transport Corridor के अंतर्गत हमारा सहयोग हमारी सहभागिता को एक महत्वपूर्ण दिशा प्रदान करेगा। आने वाली Eurasian Economic Union के साथ FTA negotiations भी हमारे आर्थिक सहयोग को और बल देगी। Scientific Industrial तथा तकनीकी सहयोग हमारे overall आर्थिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण भाग है। इसके द्वारा उत्पन्न लाभ हमारे समाज तथा अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ता तथा समृद्धि प्रदान करता है। 'Bridge to Innovation' का हमारा साझा programme दोनों देशों के युवा वैज्ञानिकों, start-ups तथा युवा entrepreneurs के विकास में अत्यंत मददगार सिद्ध होगा। यह हमारे युवा पीढ़ियों के भविष्य को Innovation Economy की opportunities से सीधा जोड़ेगा। उम्मीद है कि इसके द्वारा job-seekers, job-creators में प्रवर्तित होंगे। इस माह के अंत में दोनों देश पहली बार द्विपक्षीय Science तथा Technology Commission का आयोजन करेंगे। मुझे विश्वास है कि यह हमारी Scientific तथा Technical cooperation को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। 

मित्रों

रक्षा के क्षेत्र में

भारत तथा रूस के रक्षा संबंध अत्यंत सुदृढ हैं। वैश्विक संबंधों का चाहे कोई भी स्वरूप रहा हो, भारत तथा रूस की सुरक्षा partnership ने सदैव दोनों देशों के strategic हितों की रक्षा की है। हाल ही में भारत में हुई first Military Industry Conference रक्षा तथा सुरक्षा equipment की entire value chain में दोनों देशों की सहभागिता को गहन करने में एक महत्वपूर्ण कदम था। Kamov-226 हेलीकाप्टर के production का Joint Venture भी शुरू हो गया है। Frigates के joint manufacturing को भी implement किया जा रहा है। रक्षा संबंधी manufacturing सहयोग को नई दिशा मिल रही है। दोनों देशों के बीच Military to Military cooperation को नया आयाम देने के लिए इस वर्ष दोनों देश पहली Tri-Services Exercise INDRA -2017 का आयोजन करेगा।

मित्रों

हमारे मधुर संबंधों की एक प्रमुख ईकाई दोनों देशों के बीच people to people contact है। रूसी संस्कृति की भारत में प्रसिद्धि तथा Yoga, Ayurveda तथा भारतीय संस्कृति से जुड़े हर पहलू की रूस में लोकप्रियता दोनों देशों के लिए संतोष का एक विषय है। मुझे विश्वास है कि पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष में हमारे रूसी मित्र International Day of Yoga को धूमधाम से मनाएंगे।

मित्रों

बदलते हुए क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप पर भी आज मैंने और राष्ट्रपति पुतिन ने विस्तार में चर्चा की। हम सहमत है कि चाहे आतंकवाद का मसला हो, strategic हितों की सुरक्षा का प्रश्न हो, या उभरती हुई नई चिंताओं से निपटने का मुद्दा हो, भारत तथा रूस सदैव एक दूसरे के समर्थन में खड़े रहेंगे। Cross border terrorism पर रूस के बिना शर्त संपूर्ण समर्थन का भारत अभिनंदन करता है। अफगानिस्तान, Middle East तथा Asia Pacific पर दोनों देशों की विचारधाराओं में समानता है। भारत तथा रूस, BRICS तथा G-20 में भी लगातार समन्वय बनाए हुए हैं। Shanghai Cooperation Organization में रूस के सुदृढ़ नेतृत्व में हम दोनों देश क्षेत्रीय सहयोग की नवरचना में संलग्न हैं।

मित्रों

हमारे संबंधों के विकास में राष्ट्रपति पुतिन के अद्वितीय नेतृत्व का मैं अभिनंदन करता हूं। हमारा संबंध एक ऐसा फलदायी पेड़ है जिसकी जड़ों को 7 दशकों से कई महानुभावों ने सींचा है। ऐसे ही एक व्यक्ति थे Ambassador एलेक्जेंडर कदाकीन। भारत के इस मित्र को हमने इस वर्ष खो दिया। रूस के इस गौरवशाली पुत्र की याद में नई दिल्ली में एक सड़क का नामकरण Ambassador कदाकीन के नाम पर आज किया गया है।

Excellency, Putin

वक्त की हर कसौटी पर, सामने आई हर चुनौती के सामने, अपने समाजों के विकास के लिए तथा पूरे विश्व के लाभ के लिए भारत तथा रूस की strategic partnership एक pillar of strength रही है। हमारी अडिग साझेदारी आगे आने वाले वर्षों में विश्व को एक संतुलन एवं स्थिरता प्रदान करेगी। आज की वार्ता में लिए गए निर्णय हमारे सहयोग के मार्ग को और अधिक प्रशस्त करेंगे। इन शब्दों के साथ, एक बार फिर, मैं आपका तथा Saint Petersburg की जनता का अभिनन्दन करता हूं।

धन्यवाद। 

 

 

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।