इस समय देश के हर कोने में इस योग के कार्यक्रम से लोग जुड़े हुए हैं और विश्व के सभी देश अपने-अपने समय की सुविधा से इस कार्यक्रम के साथ जुड़े हुए हैं। यूनाइटेड नेशन्स द्वारा पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। भारत के अनुरोध पर गत वर्ष इसका प्रारंभ हुआ। 21 जून की तारीख इसलिए पसंद की गई कि एक प्रकार से विश्व के एक बहुत बड़े हिस्से में आज का दिवस सबसे लंबा दिवस होता है और एक प्रकार से सूर्य से निकट नाते का यह पर्व होता है और उसे ध्यान में रखते हुए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में पसंद किया गया है। पूरे विश्व का समर्थन मिला, विकसित देश हो, विकासमान देश हो, समाज के हर तबके का समर्थन मिला।
वैसे यूनाइटेड नेशन्स के द्वारा कई ऐसे अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाए जाते हैं। मैं सबका उल्लेख नहीं करता हूं लेकिन शायद यूनाइटेड नेशन्स द्वारा मनाए गए इतने सारे दिवसों में कोई दिवस जन आंदोलन बन गया हो... विश्व के हर कोने में उसको समर्थन और स्वीकृति प्राप्त होती हो, शायद अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बराबरी कोई और दिवस नहीं कर पा रहा है वह भी एक साल के भीतर-भीतर|
अंतर्राष्ट्रीय अनेक कार्यक्रम होते हैं। UN के द्वारा World Cancer Day होता है, World Health होता है, World Mental Health Day होता है, World Age Day होता है, अनेक और भी कई होते हैं । Health को लेकर के भी अनेक, दिन दिवस UN के द्वारा मनाए जाते हैं। लेकिन यही है जिसका सीधा संबंध Health के साथ तो है, शारीरिक-मानसिक-सामाजिक तंदुरूस्ती के साथ संबंध है, वो योग आज इतने बड़े पैमाने पर जन सामान्य का आंदोलन बना है और मैं समझता हूं कि ये हमारे पूर्वजों ने, हमें जो विरासत दी है, इस विरासत की ताकत क्या है? इस विरासत की पहचान क्या है? इसका परिचय करवाते हैं।
कभी-कभी तो मैं कहता हूं कि योगासन एक प्रकार से जीवन अनुशासन का भी अभिष्ठान बन जाता है। कभी-कभी लोग इसको समझने में उनकी क्षमता की कमी के कारण पूरी तरह समझ नहीं पाते हैं। कभी-कभी लोगों को लगता है कि योगा से क्या मिलेगा? ये पूरा विज्ञान लेने-पाने के लिए है ही नहीं। योग, क्या मिलेगा, इसके लिए नहीं है। योग, मैं क्या छोड़ पाऊंगा, मैं क्या दे पाऊंगा, मैं किन-किन चीजों से मुक्त हो पाऊंगा, ये मुक्ति का मार्ग है, पाने का मार्ग नहीं है।
सभी संप्रदाय, धर्म, भक्ति, पूजा-पाठ, वो इस बात पर बल देते है कि मृत्यु के बाद इहलोक से निकलकर के जब परलोक में जाएंगे तो आपको क्या प्राप्त होगा। आप अगर इस प्रकार से पूजा-पद्धति करेंगे, ईश्वर की साधना-अराधना करेंगे तो आपको परलोक में ये मिलेगा। योग परलोक के लिए नहीं है। मृत्यु के बाद क्या मिलेगा, इसका रास्ता योग नहीं दिखाता है और इसलिए ये धार्मिक कर्मकांड नहीं है। योग इहलोक में तुम्हारे मन को शान्ति कैसे मिलेगी, शरीर को स्वस्थता कैसे मिलेगी, समाज में एकसूत्रता कैसे बनी रहेगी, उसकी ताकत देता है। ये परलोक का विज्ञान नहीं है, इसी इहलोक का विज्ञान है। इसी जन्म में क्या मिलेगा, उसकी का विज्ञान है।
योग के संबंध में शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा ये synchronized way में काम करे, इसकी एक ट्रेनिंग योग के द्वारा होती है। हम अपनी तरफ देखे तो हमने देखा होगा कि हम चले या न चले, हम स्फूर्तीले हो या आलसी हो, थके हुए हो या ऊर्जावान हो, हमारा शरीर कुछ भी हो सकता है, ढीला-ढाला, ऐसे ही। चलो छोड़ो यार, कहां जाएगा वहां, बैठो। लेकिन मन, मन कभी स्थिर नहीं रहता। वो तो चारों तरफ चक्कर मारता है, यहां बैठे हो और आपको अमृतसर याद आ जाए तो वहां चले जाएंगे। आनंदपुर साहब याद आएगा तो वहां चले जाएंगे, मुंबई याद आएगा तो वहां चले जाएंगे। कोई दोस्त याद आया तो उसके पास मन चला जाएगा। मन अस्थिर होता है, शरीर स्थिर होता है। ये योग है जो हमें सिखाता है, मन को स्थिर कैसे करना और शरीर को गतिवान कैसे बनाना। यानी हमारी मूलभूत प्रकृति में परिवर्तन लाने का काम योग के द्वारा होता है जिससे मन की स्थिरता की ट्रेनिंग हो और शरीर को गतिशीलता की ट्रेनिंग मिले और अगर ये balance हो जाता है तो जीवन में ईश्वर प्रदत्त, ये जो हमारा शरीर है वो हमारे सभी संकल्पों की पूर्ति के लिए उत्तम माध्यम बन सकता है।
इस अर्थ में योग आस्तिक के लिए भी है, योग नास्तिक के लिए भी है। जीरो बजट से दुनिया में कहीं पर भीhealth insurance नहीं होता है, लेकिन योग ऐसा है जो जीरो बजट से health assurance देता है। योग को अमीर-गरीब का भेद नहीं है। विद्वान-अनपढ़ का भेद नहीं है। गरीब से गरीब व्यक्ति भी, अमीर से अमीर व्यक्ति भी योग आसानी से कर सकता है। किसी चीज की जरूरत नहीं है। एक हाथ फैलाने के लिए कहीं जगह मिल जाए, वो अपना योग कर सकता है और अपने तन-मन को तंदुरूस्त रख सकता है। भारत जैसे गरीब देश, दुनिया के गरीब देश, developing countries, उनका health का बजट अगर preventive health care पर बल दिया जाए तो काफी बचाया भी जा सकता है और सही काम में उपयोग भी लाया जा सकता है और इसलिएpreventive health care के जितने उपाय है, उसमें योग एक सरल, सस्ता और हर किसी को उपलब्ध, ऐसा मार्ग है।
योग को जीवन से जोड़ना जरूरी है। बहुत लोग होंगे, अगर आज जल्दी उठ गए होंगे तो हो सकता है कि टीवी पर देखते हो या दिनभर में टीवी पर उनको ये कार्यक्रम देखने का अवसर मिले। मैं विश्वभर के लोगों से प्रार्थना करता हूं, आप खुद के लिए, खुद से जुड़ने के लिए, खुद को जानने के लिए, खुद की क्षमता बढ़ाने के लिए मैं आपसे आग्रह कर रहा हूं, इंतजार मत कीजिए। इस जीवन में योग को जीवन का हिस्सा बना दीजिए। जिस प्रकार से आज मोबाइल फोन आपके जीवन का हिस्सा बन गया, उतनी ही सहजता से आप योग को अपने जीवन का हिस्सा बना सकते हैं। कोई कठिन काम नहीं है, उसको सरलता की ओर ले जाने की जरूरत है।
कभी-कभी हम लोग योग के संबंध में जब चर्चा करते है, तब ब्राजील में एक धर्म मित्र योगी हो गए। उनका दावा था कि योग के 1008 आसन होते हैं, 1008 और उन्होंने प्रयत्न करके 908 आसनों की तो फोटोग्राफी की थी, उस क्रियाओं की। ब्राजील में जन्मे थे, योग को समर्पित थे। दुनिया के हर भू-भाग में आज योग प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है और जब योग का आकर्षण हो, योग की प्रतिष्ठा हो; तब जिस महापुरुषों ने, ऋषियों ने, मुनियों ने, हमें ये विज्ञान दिया है, हमारी जिम्मेवारी बनती है कि इसको सही स्वरूप में हम विश्व तक पहुंचाए। हम अपनी capacity building करे। भारत से उत्तम से उत्तम योग टीचर तैयार हो।
अभी भारत सरकार ने गुणवत्ता के लिए जो council होती है, quality council. उसने योग की ट्रेनिंग कैसी हो, योग के ट्रेनर कैसे हो, उसके कुछ norms तय करने की दिशा में काम किया है। भारत सरकार ने WHO के साथ मिलकर के पूरे विश्व में योग के प्रोटोकॉल क्या हो, वैज्ञानिक तरीके क्या हो, उस पर काम प्रारंभ किया है। देशभर में योग को प्रोत्साहन देने के लिए व्यवस्था कैसे हो, विश्व में योग का सही रूप कैसे पहुंचे और उसकी जो शुद्धता है, उसको बरकरार रखने की दिशा में क्या काम हो? उस पर काम हो रहा है। नए-नए संसाधनों की भी आवश्यकता है।
आपने देखा होगा, आजकल बड़े-बड़े शहरों में, जो Gynaecologist doctor होते है वो pregnant women कोpregnancy के दरमियान योगा के लिए आग्रह करते हैं, योगा ट्रेनर के पास भेजते हैं ताकि प्रसूति काल में उसको वो सबसे ज्यादा मदद रूप होता है, योगिक क्रियाएं। कहने का तात्पर्य यह है कि जैसे-जैसे समय बीतता है, जैसी आवश्यकताएं होती हैं, संशोधन करते हुए उसमें बदलाव लाने के लिए यह आवश्यक होता है।
हम बहुत व्यस्त हो गए हैं। खुद के साथ, अपने को न जोड़ पाते हैं, न हम खुद के साथ जी पाते हैं। हम अपने आप से cut-off हो चुके हैं। योग और किसी से जोड़े या न जोड़े, अपने आप से जोड़ता है इसलिए योग हमारे लिए शारीरिक, आध्यात्मिक और सामाजिक चेतना का केन्द्र बिन्दु बन गया है। शारीरिक स्वस्थता देता है, आध्यात्मिक अनुभूति के लिए मार्ग बना सकता है और समाज के साथ संतुलित व्यवहार करने की हमें शिक्षा देता है इसलिए मैं चाहूंगा कि इस योग को विवादों में डाले बिना, जनसामान्य की भलाई के लिए और इहलोक की सेवा के लिए, परलोक की सेवा के लिए नहीं है। परलोक के लिए संप्रदाय है, धर्म है, परंपरा है, गुरु महाराज है, बहुत कुछ है। योग इहलोक के लिए, क्षमता बढ़ाने के लिए है इसलिए हम अपने आप को योग से जोड़े, सब लोग अपने आप को योग को समर्पित नहीं कर सकते। लेकिन खुद से जुड़ने के लिए योग से जुड़ना एक उत्तम मार्ग है। मुझे विश्वास है कि हम इस दिशा में आगे बढ़ेंगे ।
आज योग विश्व में एक बहुत बड़ा आर्थिक कारोबार भी बनता जा रहा है। पूरे विश्व में एक बहुत बड़ेprofession के रूप में विकसित हो रहा है। योग के ट्रेनर की बहुत बड़ी मांग बढ़ रही है दुनिया में। दुनिया के हर देश में मांग बढ़ रही है। नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की संभावनाएं हो रही हैं। अरबों-खरबों का कारोबार आज योग नाम की व्यवस्था के साथ विकसित होता जा रहा है। दुनिया में कई देश ऐसे है कि जहां टीवी चैनल 100% योग के लिए ही समर्पित हो, ऐसे टीवी चैनल चलते हैं। एक बहुत बड़े कारोबार के रूप में भी ये विकसित हो रहा है।
आज हम हर प्रकार से योग करते हैं। मैं योग से जुड़े हुए सभी महानुभावों से आज इस सार्वजनिक मंच से एक प्रार्थना करना चाहता हूं। ये मेरी request है। क्या अगले साल जब हम योग दिवस मनाएंगे, ये जो एक वर्ष है, एक वर्ष के दरमियान हम योग के लिए; जो भी करते हैं करें लेकिन एक विषय पर हम फोकस कर सकते हैं क्या? और वो मेरा विषय है मधुमेह, Diabetes. Diabetes और योग। सभी योग की दुनिया के लोग, जो भी ज्ञान उनके पास है, तरीके उनके पास है; साल भर योग की बाकी चीजें तो चलेंगी लेकिन ये प्रमुख होगा। भारत में Diabetes की संख्या बढ़ रही है। योग के द्वारा Diabetes से मुक्ति मिले या न मिले लेकिन उसकोcontrol तो किया जा सकता है। हम सामान्य व्यक्ति को Diabetes की स्थिति में कौन से योगिक उपाय है, ये सिखाने का जन आंदोलन खड़ा कर सकते हैं क्या? देश में Diabetes के कारण होने वाली परेशानियों से हम कुछ percent लोगों को भी मुक्ति दिलाएंगे तो योग इस वर्ष के achievement में, अगले साल कोई और बीमारी लेंगे। लेकिन मैं चाहता हूं कि इस उत्तम स्वास्थ्य के लिए कहीं पर किसी बीमारी को भी address करें हम और एक वर्ष के लिए एक बीमारी पकड़कर के आंदोलन चलाए।
दूसरा, योग। ये बीमारी से ही मुक्ति का मार्ग नहीं है। योग, ये wellness की गारंटी है। ये सिर्फ fitness की नहीं, ये wellness की गारंटी है इसलिए हमने wellness पर भी। अगर जीवन को एक Holistic development की ओर ले जाना है, ये उसका उत्तम मार्ग है।
आज जब अंतर्राष्ट्रीय योग का दूसरा वर्ष है। भारत ने विश्व को ये अनमोल विरासत दी है। विश्व ने आज अपने-अपने तरीके से उसको स्वीकार किया है। ऐसे समय भारत सरकार की तरफ से मैं आज दो अवार्ड घोषित करने जा रहा हूं। अगले वर्ष जब 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा, तब भारत की तरफ से यह दो अवार्ड के लिए चयन होगा। उनको अवार्ड उसी समारोह में दिया जाएगा। एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग के लिए उत्तम काम हो रहा हो, उनके लिए अवार्ड। दूसरा, भारत में हिन्दुस्तान के भीतर, योग के लिए जो उत्तम काम होता होगा, उनके लिए अवार्ड। एक अंतर्राष्ट्रीय योग अवार्ड, एक राष्ट्रीय योग अवार्ड।
व्यक्ति, संस्था, हर कोई इसमें जुड़ सकते हैं। उसकी जो expert committee होगी, वो उसके नियम बनाएगी, उसके तौर-तरीके बनाएगी, Jury तय करेगी लेकिन विश्व भर में जिस प्रकार से अनेक-अनेक ग्लोबल अवार्ड की वाहवाही होती है, याद होती है, उसका महात्म्य माना जाता है। हिन्दुस्तान चाहता है कि भारत, विश्व के लोग जो योग से जुड़े हैं उनको सम्मानित करे। हिन्दुस्तान में जो योग के लिए काम कर रहे हैं उनको सम्मानित करे और ये परंपरा हम आगे बढ़ाए। धीरे-धीरे इसको राज्य और district स्तर तक भी हम ले जा सकते हैं तो उस दिशा में हम काम करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
मैं फिर एक बार पूरे विश्व का, भारत की इस महान विरासत को सम्मानित करने के लिए, स्वीकार करने के लिए भारत की इस महान परंपरा के साथ जुड़ने के लिए मैं हृदय से विश्व का आभार व्यक्त करता हूं, मैं UNका आभार व्यक्त करता हूं, मैं देशवासियों का आभार व्यक्त करता हूं, मैं योग गुरुओं का आभार व्यक्त करता हूं। मैं योग के साथ समर्पित सभी पीढ़ी के लोगों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस परंपरा को बनाए रखा है और आज भी पूर्ण समर्पण भाव से योग की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं और जैसा मैंने कहा जीरो बजट वाला ये health assurance, इसको हम एक नई ताकत दे, नई ऊर्जा दे, नई प्रेरणा दे।
मैं सभी योग से जुड़े हुए, आज इस चंडीगढ की धरती पर, मैं अभी बादल साहब को पूछ रहा था कि इस परिसर का इतना उत्तम उपयोग इसके पहले कभी हुआ है क्या? मैं यहां बहुत पहले आया करता था, मैं चंडीगढ में रहता था, करीब पांच साल मैं यहां रहा हूं तो मैं भली-भांति इन चीजों से परिचित था, तो जब चंडीगढ में ये कार्यक्रम बनाने की बात आई। मैंने कहा था कि इससे अच्छी जगह, उत्तम कोई परिसर नहीं हो सकता है और आज इस परिसर का उत्तम उपयोग देख करके मन को बहुत ही आनंद हो रहा है कि हजारों की तादाद में योग के साथ जुड़े लोगों को देखकर के मन को बड़ी प्रसन्नता होती है और विश्व पूरा जुड़ रहा है, ये अपने आप में एक गर्व की बात है। मैं फिर एक बार इस महान परंपरा को प्रणाम करते हुए, उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए, बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ।
At present, in all parts of the nation people have been connected to Yoga: PM @narendramodi in Chandigarh #YogaDay #IDY2016
— PMO India (@PMOIndia) June 21, 2016
The world supported the idea of International Day of Yoga. All sections of society came together in this endeavour: PM #YogaDay #IDY2016
— PMO India (@PMOIndia) June 21, 2016
This is a day linked with good health and now it has become a people's mass movement: PM on popularity of #YogaDay #IDY2016
— PMO India (@PMOIndia) June 21, 2016
Yoga is not about what one will get, it is about what one can give up: PM @narendramodi #YogaDay #IDY2016 https://t.co/vbG9VFN31Q
— PMO India (@PMOIndia) June 21, 2016
With zero budget, Yoga provides health assurance. Yoga does not discriminate between rich and poor: PM #IDY2016 pic.twitter.com/YABoXVkGvQ
— PMO India (@PMOIndia) June 21, 2016
Important to integrate Yoga with our lives. Do not wait, make Yoga a part of one's life: PM @narendramodi #IDY2016 pic.twitter.com/fsDhRQl4ua
— PMO India (@PMOIndia) June 21, 2016
Let's make Yoga more popular globally. Let India produce good Yoga teachers: PM @narendramodi in Chandigarh #YogaDay #IDY2016
— PMO India (@PMOIndia) June 21, 2016
Yoga will connect you to yourself, which is vital in these times when everyone is so busy: PM @narendramodi #YogaDay #IDY2016
— PMO India (@PMOIndia) June 21, 2016
Let's focus on one thing in the coming days, how to mitigate diabetes through Yoga. Diabetes can surely be controlled through Yoga: PM
— PMO India (@PMOIndia) June 21, 2016
PM talks about two Yoga awards, one international and one for India. PM says we want to honour those working to popularising Yoga. #IDY2016
— PMO India (@PMOIndia) June 21, 2016