उद्योग जगत के सभी वरिष्‍ठ महानुभाव

मैं जेट्रो का आभारी हूं, निक्‍केइ का आभारी हूं, कि मुझे आज आप सबके साथ बातचीत करने का सौभाग्‍य मिला है। मैं जब यहां आ रहा था तो, ये सभी वरिष्‍ठ महानुभाव मुझे बता रहे थे और बड़े आश्‍चर्य के साथ बता रहे थे कि हमारे इतने सालों में इतना बड़ा गैदरिंग पहली बार हुआ है। मुझे कह रहे थे कि 4000 लोगों ने अप्‍लाई किया था, लेकिन हमारे पास एकोमोडेशन पूरी नहीं होने के कारण आधे लोगों को निराश करना पड़ा है। ये इस बात का संकेत है कि अब जैसे भारत ‘लुक ईस्‍ट’ पालिसी लेकर चल रहा है, वैसे जापान ‘लुक एट इंडिया’ इस मूड में आगे बढ़ रहा है।

जब वाजपेयी जी भारत के प्रधानमंत्री थे और एक्‍सीलेंसी मोरी जी यहां प्रधानमंत्री थे, तब से यह रिश्‍ता बड़ा सघन बना। मेरा भी सौभाग्‍य रहा, मैं पहले भी आया। मैंने हर बार देखा कि जापान जिस प्रकार की कार्य संस्‍कृति का आदी है, जापान जिस प्रकार के गवर्नेंस का आदी है, जापान ने जिस प्रकार से इफीशिएंसी और डिसीप्लिन को आत्‍मसात किया है, अगर उस इन्‍वायरमेंट को प्रोवाइड करते हैं तो जापान को भारत में भी अपनापन महसूस होगा।

तब मैं गुजरात का मुख्‍यमंत्री था, 2007 में, मैं यहां आया। जो बातें आप से सीखीं ,समझी, देखी, उसको मैंने भली-भांति वहां लागू किया था। 2012 में आया, मैंने दुबारा उसको और बारीकी से देखा फिर उसको लागू किया। आज परिणाम यह हुआ कि जब मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच आया हूं, तब मैं आपको विश्‍वास दिलाने आया हूं, कि आपको जापान के बाहर कहीं नजर डालनी है तो, मुझे नहीं लगता है कि अब आपको इधर-उधर देखने की जरूरत है।

अब एक ऐसी जगह है, जो आपकी चिर-परिचत है। सांस्‍कृतिक रूप से तो चिर-परिचित है, लेकिन अब अपने आप के विस्‍तार के लिए, अपने आप को ग्रो करने के लिए, आप जिस जगह की तलाश में हैं, मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं, मैं आपको निमंत्रण देता हूं, शायद भारत से बढ़कर के आप के अनुकूल कोई जगह नहीं है। ये मैं विश्‍वास दिलाने आया हूं।

मुझे अभी सरकार में सिर्फ 100 दिन हुए हैं। एक्‍सीलेंसी मोरी जी के साथ भी मेरा संबंध बहुत पुराना है और प्रधानमंत्री आबे जी के साथ भी बहुत पुराना संबंध है। पिछले तीन दिनों में मैंने देखा है कि जापान का भारत के साथ जुड़कर के अनेक क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए बहुत सारी संभावनाएं हैं। उसमें हमारा विश्‍वास पक्‍का हो गया है। कल का हमारा ज्‍वाइंट स्‍टेटमेंट आपने देखा है। मैं समझता हूं, किसी भी जापान के उद्योगकार के लिए भारत में आकर के कार्य प्रारंभ करना, इससे बड़ा स्‍ट्रांग मैसेज कोई नहीं हो सकता है। मेरी सरकार बनने के बाद मैने एक विजन के रूप में लोगों के सामने रखा है, ‘मेक इन इंडिया’।

मैं छोटा था, तो कोई कहता था ‘मेड इन जापान’, तो हम लागों का मन करता था कि कुछ देखने की जरूरत नहीं है कि किस शहर में बना है, किस कंपनी में बना है। ले लो, ये प्रतिष्‍ठा थी। हम ‘मेक इन इंडिया’ कह रहे हैं, इसका मतलब यह है कि हम ऐसा इन्‍वायरमेंट आपको देना चाहते हैं, कि आपकी वैश्विक मांग है, जो आपके प्रोडक्‍ट की, उस वैश्विक मांग को अगर पूरा करना है तो आज जापान, जो कि हाई कॉंस्‍ट मैन्‍यूफैक्‍चरिंग की ओर चल पड़ा है, आपकी पूरी इकोनोमी हाई कॉस्‍ट एंड वाली बनती जा रही है। इसलिए आपके लिए बहुत अनिवार्य है कि लो कॉम्‍स्‍ट मैन्‍यूफैचरिंग की संभावनाएं हों। ‘ईज़ आफ बिजनेस’ का वातावरण हो। स्किल्‍ड क्‍वालिटी मैनपावर अवेलेबल हो।

तो मैं विश्‍वास से कहता, जो दस साल में मिरेकल आप जापान में रह कर के आपकी कंपनी का करते हैं, आप वो मिरेकल दो साल के भीतर-भीतर हिन्‍दुस्‍तान में कर सकते हैं। इतनी संभावनाओं का वो देश है आप विश्‍व में अपने प्रोडक्‍ट को अगर पहुंचाना चाहते हैं, और कंपीटिटिव भी मार्केट है। अगर विश्‍व में अगर प्रोडक्‍ट पहुंचाना चाहते हो तो, इट इज ए गॉड गिफ्टेड लोकेशन है, इंडिया का। हमारा बहुत ही वाइब्रेंट सी कोस्‍ट है, वहीं से आप वेस्‍टर्न पार्ट आफ दि वर्ल्‍ड, मिडिल ईस्‍ट से लेकर, आगे कहीं भी जाना है, मैं समझता हूं, इससे बढ़कर कोई सुविधा नहीं होती है।

जब सुजूकि, मारूति उद्योग के संबंध में लोग, मुझसे मिलने आते थे, तो मैंने उन्हे एक हिसाब समझाया था। मैंने कहा- आप गुड़गांवां में कार बनाते हैं और एक्‍सपोर्ट करते हैं, तो समुद्र तट पर जाने में आपकी कार को जाने में 9000 रुपए का खर्च लगता है। लेकिन समुद्र तट पर यदि आप गाड़ी बनाओगे तो हर कार पर आपका 9000 रुपए बच जाएगा। तो उन्‍होनें कहा कि मुझे तो यह व्‍यापारिक गुर किसी ने सिखाया ही नहीं और वह एक बात ऐसी थी कि उनको निर्णय करने में क्लिक कर गई।

पिछले दिनों में मैंने इतने वहां पर इतने महत्‍वपूर्ण निर्णय किये, जैसे – डिफेंस के सेक्‍टर में। एक समय था, मेरे यहां इतने सारे रिस्‍ट्रीक्‍शंस थे, डिफेंस इक्विपमेंट मैन्यूफैक्‍चरिंग में, यदि डिफेंस के लिए एक मुझे ट्रक चाहिए तो वो भी डिफेंस के रूल्‍स एवं रेगुलेशन के रिस्ट्रिक्‍शंस में पड़े हुए थे। हमने इन 100 दिन के अंदर-अंदर करीब-करीब 55 प्रतिशत ऐसी चीजों को उस सारी कानूनी व्‍यवस्‍था से बाहर निकाल दिया। हमने कहा कि आइए, ये सब आप जैसे सामान्यत: कोई भी चीज आप प्रोड्यूस करते हैं, आप कर सकते हैं और डिफेंस उसका परचेज करेगा। हमारा बहुत बड़ा मार्केट विदिन इंडिया है। डिफेंस मैन्‍यूफैक्‍चरिग सेक्‍टर में अगर आप आते हैं, तो मुझे विश्‍वास है कि आप न सिर्फ भारत की आवश्‍यकताएं, बल्कि विश्‍व के अनेक छोटे-छोटे देश हैं, जिनकी रिक्‍वायरमेंट को पूरा करने का, ऐसी मैन्‍यूफैक्‍चरिंग का काम आप हिंदुस्‍तान की धरती पर कर सकते हैं।

आपको जानकर के हैरानी होगी, भारत की पहचान साफ्टवेयर में है। हमारे टैलेंट, हमारे नौजवान साफ्टवेयर के क्षेत्र में बहुत बड़ी पहचान बनायी है। आपने हार्डवेयर में अपनी ताकत बनायी है। लेकिन साफ्टवेयर हार्डवेयर के बिना अधूरा है। हार्डवेयर साफ्टवेयर के बिना अधूरा है। भारत जापान के बिना अधूरा है, जापान भारत के बिना अधूरा है।

अगर हार्डवेयर इंडस्‍ट्री, भारत आपको निमंत्रण देता है। भारत के टैलेंट का साफ्टवेयर, आपकी बुद्धिमानी और मेहनत और बिजनेस एक्‍सीलेंस के कारण तैयार हुआ हार्डवेयर। अगर ये मेलजोल हो जाए, आप विश्‍व के अंदर बहुत बड़ा मिरेकल कर सकते हैं। मैंने देखा है कि स्‍मॉल स्‍केल इंडस्‍ट्रीज का एक बड़ा नेटवर्क ऐसा है, कि जो हार्डवेयर की दिशा में काम कर रहा है।

आज भारत का अपना इंपोर्ट इतना है। हमारा आज सबसे बड़ा इंपोर्ट पेट्रोलियम और आयल सेक्‍टर का है। हमारा एक अनुमान है कि 2020 में हमारा सबसे ज्‍यादा इंपोर्ट इलेक्‍ट्रानिक्‍स गुड्स का होने वाला है। आप कल्‍पना कर सकते हैं, कितना बड़ा मार्केट है। जापान का व्‍यापारी इंतजार करेगा क्‍य ? इतना बड़ा मार्केट आपका इंतजार कर रहा है। अगर आपका वहां लो कॉस्‍ट मैन्‍यूफैक्‍चरिंग होता है, आपको इफिशिएंट गवर्नेंस की अनुभूति होती है। मैं विश्‍वास से कहता हूं कि आपकी स्थिति बदल जाएगी।

आमतौर पर भारत की पहचान यह बन जाती है कि छोड़ो यार, वहां रेड टैप है। पता नहीं सरकारी कारोबार में कब गाड़ी चलेगी। मैं आपको विश्‍वास दिलाने आया हूं, आज भारत में रेड टैप नहीं, रेड कार्पेट है और रेड कार्पेट आपका इंतजार कर रही है।

हमने ईज़ आफ बिजनेस के लिए इतने सारे नए रेगुलेशन्‍स को लिबरल कर दिया है। शायद विश्‍व में इतनी तेज गति से लिबरलाइज मूड में, सारे हमारे पुराने रूल्‍स और रेगुलेशन्‍स में परिवर्तन लाने का किसी एक सरकार ने काम किया हो तो आज हिंदुस्‍तान की सरकार है। आखिरकार व्‍यापारी को, उद्योगकार को, इंवेस्‍टर को एक सिक्‍युरिटी चाहिए। उसको प्रोपरली ग्रो करने के लिए एक इन्‍वायरामेंट चाहिए।

आज भारत, किसी को भी आकर के ग्रो करने के लिए प्रोपर इन्‍वायरामेंट के लिए, बहुत तेज गति से आगे चल रहा है। जहां तक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का सवाल है, अब कभी, जो भी आज भारत में हमारे साथ काम करते हैं, और जिन्‍होंने गुजरात में मेरे साथ काम किया है, कई उद्योगकार हैं, जिन्‍होंने मेरे साथ काम किया है। जिस गति से हम इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को प्रोवाइड करने के लिए व्‍यवस्‍थाएं करते हैं, जिस गति से हम निर्णय करते हैं। मैं नहीं मानता हूं कि आज किसी भी उद्योगकार को उसके लिए कठिनाई हो सकती है।

आप कल्‍पना कर सकते हैं, हिंदुस्‍तान के आज 50 से अधिक छोटे शहर ऐसे हैं, जो मेट्रो रेल के लिए कतार में खड़े हैं। 50 शहरों में मेट्रो ट्रेन लगना, यानी इस फील्‍ड में काम करने वाले लोगों के लिए किसी एक देश में इतना बड़ा बिजनेस कभी सोचा है आपने ? इतना बड़ा बिजनेस अ‍बेलेबल है। आप कितना सारा काम वहां पर कर सकते हैं। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, और खास करके हम एस एम ईज को पोत्‍साहन देना चाहते हैं। स्‍मॉल स्‍केल इंडस्‍ट्रीज को हम इंवाइट करना चाहते हैं। ताकि जॉब क्रिएशन भी हो, मास स्‍केल पर प्रोडक्‍शन भी हो और एक ऐसी हेल्‍दी कंपीटिशन हो, जिसके कारण क्‍वालिटी प्रोडक्‍शन पर बल मिले। इसलिए मैं आप सबसे आग्रह करने आया हूं कि आप आइए। और कल भी मैंने एक जगह कहा था, 21वीं सदी एशिया की सदी है। मतलब क्‍या है ? इसका मतलब ये है कि विश्‍व की आर्थिक गतिविधि का केंद्र ये बनने वाला है।

विश्‍व की आर्थिक गतिविधि का केंद्र बनने वाला है तो कहां बनेगा ? मैं देख रहा हूं, आज विश्‍व के लोगों को तीन बातों के लिए शायद कोई एक जगह पर ऑपरच्‍युनिटी हो, वैसी विश्‍व में कोई जगह नहीं है। एक स्‍थान पर तीन ऑपरच्‍युनिटी, एक – डेमोक्रेसी, दूसरा – डेमोग्राफी, तीसरा – डिमांड। ये एक ही जगह ऐसी है, जहां डेमोक्रेसी है, जहां पर डिमांड है और जहां पर 65 प्रतिशत पोपुलेशन बिलो 35 एज ग्रुप की है, डेमोग्राफिक डिवीजन। तीनों जगह एक स्‍थान पर हो, वैसी विश्‍व में एक भी जगह नहीं नहीं है और डेमोक्रेसी सेफ्टी, सिक्‍योरिटी एंड जस्टिस की गारंटी देती है।

आखिरकर बाहर के व्‍यक्ति को ये चीजें चाहिए, जो हम प्रोवाइड करते हैं। उसी प्रकार से, किसी भी उद्योगकार को, मैन्‍यूफैचरर को यंग ब्रेन चाहिए, यंग माइंड चाहिए, यंग पोपुलेशन चाहिए। उत्‍साह-उमंग से भरी हुई जवानी, अगर उसके हाथ में स्किल हो तो मिरेकल कर देती है। भारत आज विश्‍व का सबसे युवा देश है। और डिमांड, आप कल्‍पना कर सकते हैं, सवा सौ करोड़ देशवासी कितना बड़ा मार्केट है। अकेले हिंदुस्‍तान के मार्केट को आप सर्व करें तो भी आज जहां है, वहां से अनेक गुना आपकी कंपनी ग्रो कर जाएगी। एक ऐसी सरकार आई है जो विकास के मुद्दे पर काम कर रही है। मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सैक्‍टर को हम बढ़ावा देना चाहते हैं।

हमारे 100 दिन का रिकॉर्ड देखिए आप। सिर्फ 100 दिन में हमारा जो जीडीपी था, 4.4 - 4.5 - 4.6 पर लुढ़क रहा था। पिछले ढ़ाई-तीन साल में जो हमने अचीव नहीं किया था, वह 100 दिन में कर दिया और 5.7 प्रतिशत का जीडीपी अचीव कर लिया। यह बताता है कि हमारी जो निर्णय हैं, हमारी जो पालिसीज हैं, ‘ईज़ आफ बिजनेस’ की हमारी जो सोच है, उसके कारण ये परिणाम मिल रहे हैं। इसलिए मैं आपको निमंत्रण देता हूं कि आप आइए, हम सब मिल करके एशिया की पीस और प्रोग्रेस की गारंटी के लिए, जापान और भारत को कंधे से कंधा मिला कर के जितना आगे बढ़ने की जरूरत है। उसी प्रकार से हमने एशिया की समृधि के लिए, भारत जैसे देश की समृधि की दिशा में मिलकर के प्रयास करने की आवश्‍यकता है।

मैं आप सबको निमंत्रण देता हूं। आप भारत आइए। अपना नसीब आजमाइए। अपना कौशल्‍य आजमाइए। भारत पूरी तरह आपका स्‍वागत करने के लिए तैयार है। मुझे दुबारा एक बार यहां आने का मौका मिला। बार-बार मैं जेट्रो में आता हूं। मैं जब गुजरात में था तो एक जेट्रो का आफिस भी मेरे यहां मैंने खोल दिया था और हमारे कुछ मित्र हैं जो अब गुजराती बोलना भी सीख गए हैं।

मैं बारीक-बारीक चीजों का केयर करने वाला इंसान हूं। मैं जानता हूं कि ‘ईज़ आफ बिजनेस’ के लिए जितनी छोटी-छोटी चीजें, अगर दो चीजें आप भी ध्‍यान में लाएंगे तो हम तुरंत उसको करने के पक्ष में रहते है। इसलिए मैं आपको निमंत्रण देने आया हूं। फिर से आपने मुझे बुलाया, इतनी बड़ी संख्‍या में आपका यहां आना, ये बताता है कि आपका हिंदुस्‍तान के प्रति कितना विश्‍वास बढ़ा है। आपकी हिंदुस्‍तान के प्रति कितनी रूचि बढ़ी है और हिंदुस्‍तान और जापान मिलकर के एक नया इतिहास आर्थिक विकास के क्षेत्र में निर्माण कर सकते हैं। इस पूरे विश्‍वास के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

थैंक यू,थैंक यू वैरीमच।

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TMC hatao, Bangla bachao: PM Modi in Durgapur, West Bengal
July 18, 2025
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भारत माता की... भारत माता की...

बोरोरा आमार प्रोणाम नेबेन छोटोरा भालोबासा। जय मां काली, जय मां दुर्गा! ये सावन का पवित्र महीना है। ऐसे पावन समय में... मुझे पश्चिम बंगाल के विकास पर्व में हिस्सा लेने का मौका मिला है। थोड़ी देर पहले ही, 5 हजार चार सौ करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के लिए बड़े सपने देखे हैं। बीजेपी...एक समृद्ध पश्चिम बंगाल बनाना चाहती है। बीजेपी...एक विकसित पश्चिम बंगाल का निर्माण करना चाहती है। ये सारी परियोजनाएं, इस सपने को साकार करने का ही हमारा नम्र प्रयास हैं।

साथियों,

पश्चिम बंगाल की ये धरती...प्रेरणाओं से भरी हुई है...

मैं देख रहा हूं कई छोटे-छोटे बच्चे चित्र बनाकर ले आए हैं, शायद वो देना चाहते हैं। अगर आपने अपना नाम और पता उस पर लिख दिया है तो मैं आपको चिट्ठी भेजूंगा और मैं अपने एसपीजी के लोगों से कहता हूं कि जो सब बच्चे कुछ ना कुछ अपनी कला लेकर के आए हैं जरूर आप ले लिजिए इनसे। आप लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, बीच में बारिश भी बड़ी तेज आ गई, आपने वो मुकाबला भी कर लिया।

साथियों,

पश्चिम बंगाल की ये धरती...प्रेरणाओं से भरी हुई है... ये देश के पहले उद्योग मंत्री, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की धरती है। उन्होंने भारत के औद्योगिक विकास की नींव रखी...देश को पहली इंडस्ट्रियल पॉलिसी दी। ये बीसी रॉय जैसे विजनरी नेतृत्व की धरती है...जिन्होंने दुर्गापुर को बड़े सपनों, बड़े संकल्पों के लिए चुना था। पश्चिम बंगाल ने देश को...द्वारकानाथ टैगोर जी जैसे रिफॉर्मर दिए...जिन्होंने गुलामी के कालखंड में बैंकिंग रिफॉर्म्स पर काम किया.. उद्योगों-उद्यमों से कैसे समाज का भला हो सकता है, ये करके दिखाया। इस भूमि पर सर बीरेन मुखर्जी हुए...जिनके विजन से भारत में स्टील उद्योग को मजबूत नींव मिली। ऐसे महान लोगों ने ही पश्चिम बंगाल की महान विरासत को आगे बढ़ाया है। और तभी पश्चिम बंगाल, एक समय में भारत के विकास के विकास का केंद्र हुआ करता था। यहां उद्योग फले फूले, व्यापार-कारोबार को बल मिला। लोग यहां देशभर से रोज़गार के लिए आते थे। लेकिन आज स्थिति पूरी तरह उलट गई है। आज पश्चिम बंगाल का नौजवान... पलायन के लिए मजबूर है। छोटे-छोटे काम के लिए भी उसे दूसरे राज्यों की तरफ जाना पड़ रहा है। दुर्गापुर, बर्धमान और आसनसोल...ये पूरा क्षेत्र भारत के औद्योगिक विकास को किसी जमाने मे गति दे रहे थे। लेकिन आज यहां नए उद्योग लगने के बजाय, जो है उसको भी ताले लग रहे हैं।

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साथियों,

हमें बंगाल को इस बुरे दौर से बाहर निकालना है और आज जो परियोजनाएं यहां शुरू हुई हैं...वो इसी का प्रतीक हैं। बंगाल बदलाव चाहता है, बंगाल विकास चाहता है, बांग्ला...पोरिबोर्तन चाहे, बांग्ला...उन्नयन चाहे।

साथियों,

बंगाल के प्रबुद्ध लोग जानते हैं कि 21वीं सदी का ये समय नई टेक्नोलॉजी का है। बंगाल के उद्योगों को भी नई टेक्नोलॉजी की जरूरत है। आज जो गैस आधारित इकोनॉमी का काम आगे बढ़ा है...स्टील प्लांट को आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस करने का काम हुआ है..वो भारत सरकार की इसी सोच का नतीजा है। दुर्गापुर-कोलकाता गैस पाइपलाइन से यहां के उद्योगों को नया जीवनदान मिलेगा। ये जो गैस-पाइपलाइन है, इस पर केंद्र की भाजपा सरकार हज़ारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है। ताकि यहां CNG वाली गाड़ियां चल पाएं... आपके पैसे बचे, यहां नए-नए कारखानों को बल मिले... और सबसे बड़ी बात...इससे बंगाल के नौजवानों के लिए रोजगार के नए मौके बनेंगे।

साथियों,

आज़ादी के अनेक दशकों तक पश्चिम बंगाल के लाखों परिवारों के लिए गैस कनेक्शन एक सपना था। बीते सालों में ऐसे परिवारों को गैस कनेक्शन मिला। अब हमारा प्रयास है कि बहनों के किचन में, रसोई घर में जैसे नल से पानी आता है वैसे ही पाइप से सस्ती गैस आपके किचन तक पहुंचे। अभी कुछ देर पहले जो कार्यक्रम हुआ है...वो आपका जीवन भी आसान बनाएगा और यहां उद्योगों को भी गति देगा।

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साथियों,

मैं आज आपको...पश्चिम बंगाल के नौजवानों को...ये यकीन दिलाने आया हूं, बंगाल की बदहाल स्थिति को बदला जा सकता है। बीजेपी सरकार आने के बाद...कुछ ही वर्षों में...पश्चिम बंगाल, देश के टॉप इंडस्ट्रियल राज्यों में से एक बन सकता है। ये मेरा दृढ़ विश्वास है। और मेरे इस विश्वास का कारण है... पश्चिम बंगाल में समर्थ और प्रतिभाशाली मेरे नौजवान भाई-बहन हैं, यहां नदियां भी हैं और समंदर भी है। पश्चिम बंगाल, सैकड़ों वर्षों से इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का केंद्र रहा है... यहां पोर्ट्स का बहुत बड़ा नेटवर्क है। यहां प्राकृतिक संसाधन हैं... यानि मेक इन इंडिया को गति देने के लिए मिशन मैन्यूफैक्चरिंग में तेजी लाने के लिए पश्चिम बंगाल के पास हर शक्ति मौजूद है। बस यहां की टीएमसी सरकार...बंगाल के विकास के आगे दीवार बनकर खड़ी है। जिस दिन टीएमसी सरकार की दीवार बंगाल में गिरी...उसी दिन से बंगाल विकास की नई तेजी पकड़ लेगा। टीएमसी की सरकार जाएगी, तभी असली परिवर्तन आएगा टीएमसी जाबे, तबेई आशोल पोरिबोर्तोन आशबे

साथियों,

विकसित भारत बनाने में पश्चिम बंगाल की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसी संकल्प के साथ...बीजेपी आपका आशीर्वाद मांग रही है। आप अपने आसपास देखिए...असम में लंबे समय बाद बीजेपी को अवसर मिला। आज असम तेज़ गति से प्रगति कर रहा है। बगल में त्रिपुरा की क्या स्थिति थी ये भी किसी से छिपी नहीं है। आज बीजेपी सरकार त्रिपुरा को विकास की नई रफ्तार दे रही है। अब ओडिशा में भी भाजपा सरकार बन चुकी है। आप देखिएगा...ओडिशा भी बहुत जल्द देश के सबसे तेज़ी से विकसित होने वाले राज्यों में से अपनी जगह बना लेगा। इसलिए, भाजपा की तरफ से मेरा ये आग्रह है कि आप एक बार भाजपा को अवसर दें... एक ऐसी सरकार बनाएं...जो ईमानदार हो, कामदार हो और दमदार हो। बिकोशितो बांग्ला, मोदीर गारंटी! बिकोशितो बांग्ला, बीजेपीर शंकल्पो!

साथियों,

हमें दुर्गापुर का, पश्चिम बंगाल का पुराना गौरव वापस लाना है। इसके लिए ज़रूरी है कि पश्चिम बंगाल में नया निवेश आए..लोग यहां उद्योग लगाने के लिए आगे आएं...यहां के नौजवानों की शिक्षा और कौशल पर ज्यादा निवेश हो...लेकिन जब तक यहां TMC की सरकार रहेगी...ये कभी भी नहीं होने देगी। बीते दशकों में...जो स्थितियां यहां पैदा की गई हैं...वो बंगाल में निवेश विरोधी हैं, नौकरी विरोधी है। आप ज़रा सोचिए...जहां मुर्शीदाबाद जैसे दंगे होते हों...छोटी-छोटी बातों पर हिंसा हो जाती हो...और पुलिस एकतरफा कार्रवाई करे...जहां न्याय की कोई उम्मीद ना हो... वहां कोई कैसे निवेश कर सकता है। यहां की राज्य सरकार, लोगों की जान और उनकी दुकान की सुरक्षा नहीं कर सकती... तो निवेशकों को भी चिंता होती है। मैं जानता हूं कि पश्चिम बंगाल में जितनी संभावनाएं हैं... उनको देखते हुए दुनियाभर के निवेशक यहां पैसा लगाने आना चाहेंगे... लेकिन जब वो यहां सिंडिकेट राज देखते हैं.. वो ये देखते हैं कि कैसे यहां उगाही होती है। बिजनेस करने वालों से पैसे मांगे जाते हैं... कैसे टीएमसी के लोग...धमकाते हैं, तोड़फोड़ करने की, काम बंद करने की धमकियां देते हैं... वो भी डरकर भाग जाते हैं। ये जो TMC का गुंडा टैक्स है...ये बंगाल में निवेश को रोकता है। यहां संसाधनों पर माफिया का कब्ज़ा है...वो बंगाल में निवेश को रोकता है। यहां की सरकार, नीतियां ही अपने नेताओं को भ्रष्टाचार की खुली छूट देने के लिए बनाती है। कब कौन सी नीति पलट दी जाए...इसकी भी कोई गारंटी नहीं। यही कारण है कि टीएमसी के राज में सैकड़ों कंपनियां पश्चिम बंगाल छोड़ चुकी हैं। तभी तो यहां नौजवानों को आगे बढ़ने के अवसर नहीं मिल रहे...तभी तो बंगाल का हाल बेहाल हो गया है। इसलिए आज हर कोई कह रहा है...टीएमसी हटाओ, बंगाल बचाओ टीएमसी के शोराओ, बांग्ला के बाचाओ

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साथियों,

युवाओं की शिक्षा और कौशल के साथ जो कुछ यहां हो रहा है, वो और ज्यादा चिंता बढ़ाने वाला है। प्राइमरी एजुकेशन हो या फिर हायर एजुकेशन...सबको बर्बाद किया जा रहा है। टीएमसी, यहां के एजुकेशन सिस्टम पर, करप्शन और क्राइम का डबल अटैक कर रही है। ये जो हज़ारों शिक्षक बेरोजगार हुए हैं...इसका कारण टीएमसी का भ्रष्टाचार है। इससे हजारों परिवारों उनपर तो संकट आया ही है, स्कूलों में जो लाखों बच्चे पढ़ रहे हैं...उनका भविष्य भी टीचर्स की कमी के कारण अंधेरे में है। हालत ये है कि कोर्ट को भी कहना पड़ा कि - ये सिस्टमिक फ्रॉड है। टीएमसी ने बंगाल के नौजवानों के वर्तमान और भविष्य...दोनों को संकट में डाल दिया है।

साथियों,

मां, माटी, मानुष की बात करने वाली पार्टी की सरकार में...बेटियों के साथ जो अन्याय हो रहा है, वो पीड़ा भी देता है और आक्रोश से भर भी देता है। ये उस धरती पर हो रहा है...जिसने कादंबिनी गांगुली जैसी बेटी को संस्कार दिए... जो भारत की पहली वेस्टर्न मेडिसिन डॉक्टर थीं। आज उनका जन्मदिन भी है। लेकिन आज पश्चिम बंगाल में अस्पताल भी बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं है। और आप सबने देखा है... जब यहां डॉक्टर बेटी के साथ अत्याचार हुआ तो कैसे टीएमसी सरकार अपराधियों को बचाने में जुट गई। इस घटना से देश अभी बाहर निकला भी नहीं था कि एक और कॉलेज में एक बेटी के साथ भयंकर अत्याचार किया गया। इसमें भी जो आरोपी हैं, उनका कनेक्शन टीएमसी से निकला है। टीएमसी के बड़े नेता, मंत्री... आरोपियों के बजाय, पीड़ित को ही दोषी ठहराते रहे। ऐसे कई उदाहरण हैं...जो टीएमसी की निर्ममता के साक्षी हैं। हमें मिलकर के बंगाल को इस निर्ममता से मुक्ति दिलानी है।

साथियों,

पश्चिम बंगाल, भारत की सांस्कृतिक विरासत की भी आत्मा है। आज प्रसिद्ध बांग्ला कवि...बिष्णु डे जी का भी जन्मदिवस है। बांग्ला भाषा को समृद्ध करने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। टीएमसी और लेफ्ट ने सालों तक दिल्ली में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चलाई। इस दौरान इनको बांग्ला भाषा की याद तक नहीं आई। ये भाजपा सरकार है, जिसने बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया। ऐसा करके हमने बांग्ला साहित्य की सेवा करने वाले बिष्णु डे जी जैसे अनेक साहित्यकारों को भी श्रद्धांजलि दी है।

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साथियों,

भाजपा, ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है....जिसका बीज बंगाल की मिट्टी में पनपा है। भाजपा की वैचारिक नींव को...बंगाल के सपूत, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने खून से सींचा है। डॉक्टर मुखर्जी ने, एक देश एक संविधान का जो सपना देखा...वही भाजपा का संकल्प बना...और उसे हमने पूरा करके भी दिखाया। भाजपा, बांग्ला भाषा को प्रेरणा, परंपरा और पहचान का माध्यम मानती है। भाजपा के लिए बांग्ला अस्मिता सर्वोपरि है। देश में जहां भी भाजपा है, वहां बांग्ला का सम्मान है, पश्चिम बंगाल के लोगों का सम्मान है। लेकिन यहां पश्चिम बंगाल में क्या हो रहा है? यहां टीएमसी ने अपने स्वार्थ में पश्चिम बंगाल की पहचान को भी दांव पर लगा दिया है। इसके लिए यहां घुसपैठ को बढ़ावा दिया जा रहा है...घुसपैठियों के फर्जी कागज़ बनाए जा रहे हैं...इसका एक पूरा इकोसिस्टम यहां डवलप किया गया है। ये पश्चिम बंगाल की, देश की सुरक्षा के लिए खतरा है...ये बांग्ला संस्कृति के लिए खतरा है...लेकिन तुष्टिकरण के लिए टीएमसी हर हद पार कर रही है। आज जब देश के सामने टीएमसी की साजिशें उजागर हो गई हैं...तो उसने घुसपैठियों के पक्ष में नई मुहिम शुरू कर दी है। ये देश के संविधान को, संवैधानिक संस्थाओं को भी चुनौती दे रहे हैं। टीएमसी अब उनके समर्थन में खुलकर उतर आई है। लेकिन मैं दुर्गापुर की धरती से साफ-साफ कह दूं... जो भारत का नागरिक नहीं है.. फिर से सुन लिजिए.. जो भारत का नागरिक नहीं है.जो घुसपैठ करके आया है...उसके साथ भारत के संविधान के तहत न्याय-सम्मत कार्रवाई होती रहेगी। बंगाल की अस्मिता के खिलाफ होने वाली किसी भी साजिश को बीजेपी, कामयाब नहीं होने देगी। ये आपको...मोदी की गारंटी है।

साथियों,

पश्चिम बंगाल को बीजेपी की डबल इंजन की सरकार की जरूरत है। यहां भाजपा सरकार इसलिए भी चाहिए...ताकि दिल्ली से भेजा एक-एक रुपया आपकी सुविधा के लिए लगे। गरीब कल्याण की, आदिवासी कल्याण की जो योजनाएं पूरे देश में लागू हैं, उनका लाभ पश्चिम बंगाल के लोगों को भी मिले। टीएमसी सरकार...केंद्र की योजनाओं को या तो रोक लेती है या फिर उनमें भ्रष्टाचार करती है। रोड, रेल, टेलिकॉम ऐसे अनेक विभागों से जुड़े...अनेक प्रोजेक्ट हैं, जो यहां लटके हुए हैं। केंद्र सरकार इनके लिए हजारों करोड़ रुपए दे रही है...फिर भी इन परियोजनाओं को जानबूझकर लटकाया जा रहा है। हमने पूरे देश में हर घर जल का अभियान चलाया है। देश में कई राज्य ऐसे हैं...जहां हर घर में नल लग चुका है। लेकिन पश्चिम बंगाल में दुर्भाग्य से एक जिला भी ऐसा नहीं है, जहां शत-प्रतिशत नल से जल पहुंचा हो। देशभर में 4 करोड़ गरीब परिवारों को पीएम आवास योजना के तहत पक्के घर दिए जा चुके हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल के लाखों गरीब परिवारों को उनके पक्के घर नहीं मिल पा रहे है।

साथियों,

5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज देने वाली आयुष्मान स्कीम पूरे देश में चल रही है। करोड़ों लोग इसका फायदा उठा चुके हैं...लेकिन टीएमसी निर्ममता के साथ यहां इसे लागू नहीं कर रही। अगर बंगाल का मेरा कोई भाई इंटरव्यू के लिए कहीं गया है टूरिज्म के लिए कहीं गया है, रिश्तेदार को मिलने गया है और वहां कुछ हो गया तो उसको आयुष्मान कार्ड के अभाव में वहां मुफ्त इलाज नहीं मिल पा रहा।

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साथियों,

गरीब हो या आदिवासी...अपनी राजनीति के लिए टीएमसी सभी को वंचित कर रही है। केंद्र की ऐसी कई योजनाएं हैं...जिनको टीएमसी ने यहां रोक रखा है। भाजपा सरकार बनते ही...इन सभी योजनाओं का फायदा पश्चिम बंगाल के हर परिवार को मिलेगा...ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

भाजपा...बंगाल को संकट से बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध है। बंगाल को माफिया नहीं...काबिल शिक्षक चाहिए। बंगाल को परिवारवाद नहीं...प्रतिभा का सम्मान चाहिए। बंगाल को सिंडिकेट नहीं...स्टार्टअप का इकोसिस्टम चाहिए। बंगाल को ऐसी सरकार चाहिए...जो शांति और सुरक्षा की गारंटी दे सके। भाजपा...इसी संकल्प को लेकर आगे बढ़ रही है। ये पश्चिम बंगाल के पुनर्जागरण का कालखंड है। मैं यहां के गांव-गांव में एक नई उम्मीद, नई लहर देख रहा हूं। मैं यहां के नौजवानों में एक नया जोश अनुभव कर रहा हूं।

हमें मिलकर...नया सवेरा लाना है...परिवर्तन का कमल खिलाना है। बीकोशितो बांग्ला, मोदीर गारंटी!

एक बार फिर...आप सभी का इतनी बड़ी संख्या में आशीर्वाद देने के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं।

मेरे साथ बोलिए

भारत माता की

दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए..

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय

वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे... वंदे...

बहुत-बहुत धन्यवाद!