The TMC-Congress-Left alliance, where TMC is concerned about the nephew, Congress wants to promote the sons and daughters of their royal families: PM Modi
First the left did not listen to you & then the TMC also ignored you. They were busy looting the land of the poor: PM Modi in Siliguri
Whether it's a farmer, a youth, a woman, or someone from the poor background, they are the strong pillars of a Viksit Bharat: PM Modi
PM Modi says due to the continuous efforts for the poor, in the 10 years of the BJP government, 25 crore people have escaped poverty

भारत माता की।
आमार प्रियो मां, भाई, दादा, दीदी ऐबोन बोनेदेर शादोर नमोशकार जानाई
मेरो प्यारो आमा, बाबा, दाजु, भाई, दीदी, बैनी सबै लाई ढेरों-ढेरों नमस्कार
मोर प्यारा माय-बाप, दादा-भाई, दीदी-बहीन सबकोई के नमस्कार
चाय बगान में काम करने वाले सभी परिवारजनों को भी इस चायवाले का प्रणाम।

मैं जब भी नॉर्थ बंगाल आया हूं, तो आप सभी की तरफ से भरपूर आशीर्वाद मिला है। विशेष रूप से हमारी माताएं-बहनों-बेटियों की तरफ से जो स्नेह मिलता है, वो अद्भुत है। यहां तो जलपाईगुड़ी, कूच-बिहार, अलीपुर-दुआर, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर और मालदा तक से अनेक साथी यहां आए हैं। अपने परिवार के लोगों के बीच आकर मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैं सबसे पहले तो आप सबसे क्षमा चाहता हूं। मुझे आने में थोड़ा विलंब हो गया। आपको इंतजार करना पड़ा। आज सुबह मैं काजीरंगा में था। फिर अरुणाचल गया फिर आसाम में कार्यक्रम किया। फिर यहां आया हूं और यहां से अभी काशी जा रहा हूं। और यहां रास्ते में 12 किलोमीटर का रोड शो जो प्लान किया हुआ नहीं था अचानक। और उनके सम्मान में जरा गाड़ी धीरे चला रहा था। और उसके कारण मुझे यहां पहुंचने में विलंब हुआ। आप सबको दिक्कत हुई, इसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं। मैं यहां कई बार आया हूं, इसी मैदान में कई बार आया हूं। लेकिन आज मैं देख रहा हूं उधर रोड भी पूरा भरा पड़ा है। चारों तरफ लोग ही लोग हैं। और जब यहां आते हैं न तो एक प्रकार से मिनी भारत के दर्शन होते हैं। लघु भारत नजर आता है। जितनी विविधता, जितनी वाइब्रेंसी इस क्षेत्र में दिखती है, वैसी कम ही जगह पर नजर आती है।

साथियों,
मैं जिस तरह का जीवन जीकर यहां आया हूं, मैंने देश की अनेकों माताओं को छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए संघर्ष करते हुए देखा है। और इसलिए मैं शौचालय, नल से जल, मुफ्त बिजली कनेक्शन, बैंक का खाता, प्रेगनेंसी के समय आर्थिक मदद, ऐसी हर बात पर ध्यान रखता हूं जोर दे रहा हूं। और मेरी हर माता-बहन का जीवन, हर गरीब परिवार का जीवन सरल हो इसके लिए मैं कोशिश करता हूं। और हमारा ये तो पहाड़ी क्षेत्र है। ये तो हमारे चाय बागानों और चाय श्रमिकों का क्षेत्र है। यहां पानी और लकड़ी का प्रबंध करने में कितनी मुसीबतें हमारी बहनों को झेलनी पड़ती थी, ये समस्याएं सबको दिखती थीं। लेकिन पहले लेफ्ट ने आपकी नहीं सुनी और फिर TMC ने भी आपको नजरअंदाज कर दिया। ये तो गरीबों की जमीन हड़पने में जुटे थे। इसलिए जब आपने मुझे अवसर दिया, तो मैंने यही सुविधाएं, अपने परिवार के आप सभी सदस्यों तक पहुंचाई हैं। अब देखिए, हमने बहनों को उज्जवला के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन दिए। लेकिन यहां की TMC सरकार, 14 लाख से ज्यादा बहनों को उज्जवला के गैस कनेक्शन भी नहीं देने दे रही। बीते कुछ समय में हमने उज्जवला की करोड़ों बहनों के लिए गैस सिलेंडर बहुत सस्ता किया है। कल, महिला दिवस पर बहनों के लिए एक और फैसला हमने लिया है। अब सभी बहनों के लिए गैस सिलेंडर 100 रुपए और सस्ता हो जाएगा।

साथियों,
जो परिवार का सदस्य होता है, वो आपके सुख-दुख का भी साथी होता है। मैं जानता हूं, कोरोना के दौरान मेरे गरीब परिवार कितनी बड़ी चिंता से घिरे हुए थे। इसलिए मोदी ने देश के अपने परिवारजनों को मुफ्त राशन देने की योजना शुरू की। क्योंकि मेरा मकसद यही थी किसी भी गरीब का बच्चा रात को भूखा सोना नहीं चाहिए। किसी गरीब के घर का चूल्हा बुझना नहीं चाहिए। और अब इस योजना को मुफ्त राशन की योजना को मोदी ने 5 साल के लिए और बढ़ा दिया है। इसका बहुत बड़ा लाभ चाय बागान में काम करने वाले हमारे श्रमिक साथियों को मिलेगा। लेकिन साथियों, TMC-कांग्रेस-लेफ्ट का इंडी गठबंधन आपको मुफ्त राशन देने का भी विरोध कर रहा है। यहां बंगाल में तो भ्रष्ट TMC सरकार, दलित, ओबीसी, आदिवासी, महिला विरोधी TMC सरकार ने तो आपके राशन की योजना में ही घोटाला कर दिया। इनके नेता, इनके मंत्री, राशन घोटाले के मामले में जेल में हैं। मोदी ने अपने गरीब परिवारों को राशन के साथ-साथ मुफ्त इलाज की भी गारंटी दी है। लेकिन भ्रष्ट और गरीब विरोधी TMC सरकार, यहां आयुष्मान योजना लागू ही नहीं कर रही है। TMC सरकार आपको कदम-कदम पर लूट रही है। मोदी मनरेगा की मजदूरी का पैसा दिल्ली से भेजता है। लेकिन यहां की TMC सरकार ने अपने तोलाबाज़ों को फायदा पहुंचाने के लिए यहां 25 लाख फर्ज़ी जॉब कार्ड बनाकर लोगों को दे दिए। मोदी गरीब के घर के लिए पैसा भेजता है, तो TMC सरकार तोलाबाज़ों के चुने लोगों को आपका पैसा दे देती है। TMC को आपकी तकलीफ से, आपकी परेशानियों से कोई कष्ट नहीं होता। संदेशखाली में गरीब, दलित, आदिवासी, बहनों के साथ TMC के नेताओं ने क्या-क्या किया है, इसकी चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। महिलाओं पर अत्याचार और गरीब की कमाई को लूटना, यही TMC के तोलाबाज़ों का काम रहा है।

और साथियों,
नॉर्थ बंगाल के साथ तो, TMC, कांग्रेस और लेफ्ट के इंडी-गठबंधन ने बहुत ज्यादा भेदभाव किया है। इन लोगों ने इस क्षेत्र को विकास से तो वंचित रखा ही, समाज के भीतर भी खाई पैदा की। लेकिन भाजपा के लिए...एक-एक गोरखा का उत्साह, एक-एक राजबंशी का साहस, एक-एक आदिवासी की दृढ़ता और बंगालियों की रचनात्मकता यही विकसित बंगाल से विकसित भारत के निर्माण की एक ऊर्जा है। भाजपा, शांति और सौहार्द से हर आकांक्षा, हर सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। तभी तो सैकड़ों सालों के इंतज़ार के बाद, अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 को हटाया गया है। ऐसे अनेक मुद्दे थे, जिनके हल की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन मोदी ने ऐसे हर मुद्दे को हल किया है। हमारे गोरखा भाई-बहनों की जो समस्याएं रही हैं, जो चुनौतियां रही हैं, उनके प्रति भी बीजेपी हमेशा संवेदनशील रही है। बीजेपी ने आपकी चिंताओं को दूर करने का निरंतर प्रयास किया है। अब भी हम समाधान के नजदीक हैं। बीजेपी आपकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अपने प्रयास जारी रखेगी।

साथियों,
भाजपा के पास, नॉर्थ बंगाल के विकास के लिए एक स्पष्ट रोडमैप है। हम यहां tea, tourism और timber से जुड़े व्यवसाय को बढ़ावा देने में जुटे हैं। इसके लिए यहां जरूरी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। कम क्षेत्र में चाय उगाने वाले बंगाल के करीब 40 हजार छोटे Tea Growers का हित भी भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। भाजपा ने, NDA ने छोटे Tea Growers को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा। भाजपा ने छोटे Tea Growers को PM फसल बीमा योजना के लाभ से जोड़ा। भाजपा सरकार ने यहां छोटे Tea Growers को सिंचाई की सुविधाओं के लिए आर्थिक मदद दी। चाय बागान में काम करने वाले श्रमिकों का पैसा सीधे उनके खाते में जाए, हमने इस दिशा में भी लगातार काम किया है।

साथियों,
गरीबों के लिए निरंतर काम की वजह से भाजपा सरकार के 10 साल में 25 करोड़ लोग, गरीबी से बाहर निकले हैं। जिनको पहले किसी ने नहीं पूछा, मोदी उनको पूछता है। मोदी हर गरीब के लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर बना रहा है। लेकिन ये बात उन परिवारवादियों को बिल्कुल पसंद नहीं आती जो राजनीति में सत्ता पाने के लिए ही आए हैं। इसलिए वो अपने परिवार को सत्ता के शीर्ष पर रखने के लिए साजिशें करते हैं। ये TMC-कांग्रेस-लेफ्ट का इंडी गठबंधन भी तो यही करता है। TMC वालों को भतीजे की चिंता है। कांग्रेस वालों को अपने शाही परिवार के बेटे-बेटी को आगे बढ़ाना है। लेफ्ट वालों को इन दोनों के साथ तालमेल बनाए रखना है, ताकि उसकी भी गाड़ी चलती रहे। इन लोगों को आपके बच्चों की परवाह नहीं है। आपके बच्चों के भविष्य की चिंता करने वाला अगर कोई है तो वो मोदी है, बीजेपी है, NDA का गठबंधन है। इसलिए आज बंगाल का जन-जन कह रहा है, देश का जन-जन कह रहा है, हर परिवार कह रहा है- मैं हूं मोदी का परिवार। मैं हूं …मैं हूं … मैं हूं …मैं हूं …मैं हूं …मुझे किसी के लिए कोई बैंक बैलेंस नहीं छोड़ना है, कोई बंगला-गाड़ी नहीं छोड़नी है। मुझे तो संतोष तभी होता है, जब आप जैसे मेरे परिवार के सदस्यों को मैं पक्के घर में, सारी सहूलियत के साथ जीवन जीते देखता हूं।

साथियों,
भाजपा सरकार, यहां कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। थोड़ी देर पहले ही, यहां रेल, रोड जैसी अनेक परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। सिलीगुड़ी और जलपाईगुड़ी के चौड़े हाईवे और यहां बायपास बनने से आना-जाना और आसान होगा। आज नॉर्थ बंगाल की रेल कनेक्टिविटी बेहतर हो रही है, हर किसी की इच्छा है कि यहां से आधुनिक ट्रेनें चलें। आने वाले 5 वर्षों में यहां की आधुनिक कनेक्टिविटी नई बुलंदी पर पहुंचने वाली है।

साथियों,
किसानों का कल्याण भी हमारी प्राथमिकता है। दो दिन पहले ही जूट किसानों के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जूट का समर्थन मूल्य 285 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। इससे पश्चिम बंगाल के, नॉर्थ ईस्ट के लाखों जूट किसानों को लाभ होगा। 10 वर्ष पहले जूट का MSP 2400 रुपए था और आज ये 5300 (तिरेपन सौ) रुपए यानि दोगुने से भी अधिक हो चुका है। किसान हो, नौजवान हो, नारीशक्ति हो, गरीब हो, ये विकसित भारत के मज़बूत स्तंभ हैं। इसलिए मोदी की हर गारंटी, इन सभी को सशक्त करने के लिए है। तभी आज देश कह रहा है, गांव-गांव से आवाज उठ रही है, बंगाल के कोने-कोने से आवाज उठ रही है - अबकी बार...400 पार ! अबकी बार...अबकी बार...अबकी बार...अबकी बार...अबकी बार...और आप याद रखिएगा, गरीब विरोधी, दलित, आदिवासी, महिला विरोधी TMC को हटाने का दरवाज़ा, लोकसभा चुनाव से खुलेगा। इसलिए, नॉर्थ बंगाल की सभी लोकसभा सीट, सभी पोलिंग बूथ हरेक जगह पर कमल खिलना चाहिए। खिलेगा न। खिलेगा न।

मेरा एक काम और आपको करना है। आप करेंगे मेरा एक काम। जरा हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे। आप घर-घर जाकर कहिएगा- कि मोदी जी आए थे, मोदी जी ने आपको नमस्कार भेजा है ! इतना मेरा काम कर देंगे। देखिए हमारा संकल्प है विकसित भारत। होना चाहिए न। भारत विकसित होना चाहिए न। उसके लिए बंगाल भी विकसित होना चाहिए न। तो विकसित भारत के संकल्प के लिए आप अपना मोबाइल फोन बाहर निकालिए उसकी फ्लैश लाइट चालू कीजिए। और विकसित भारत के संकल्प को आप सब प्रकट कीजिए। आपके मोबाइल पर…जो वहां ऊपर रोड पर खड़े हैं, वो भी निकालें। सबके मोबाइल फोन, फ्लैशलाइट चालू करके, ये विकास का संकल्प है। ये विकसित भारत का संकल्प है। ये विकसित बंगाल का संकल्प है। हम आन बान शान के साथ भारत को विकसित बनाएंगे।

मेरे साथ बोलिए…भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!