Only development can rid Bihar of all it's problems: PM Modi in Gopalganj

Published By : Admin | October 30, 2015 | 14:00 IST
Only development can rid Bihar of all it's problems: PM Modi #ParivartanRally
How can a Prime Minister who has the mandate of people of this state be a 'Bahri': PM Modi #ParivartanRally
I promise to eliminate corruption and nepotism if NDA wins in Bihar: PM Modi
NDA's 6 sutras for Bihar -for people education, employment, medical facilities & for state electrification, safe water, proper roads
It is shameful that a minister of ‘Mahaswarthbandhan’ has been caught taking bribes in front of TV camera: PM Modi
Nitish ji used to say that he will put end to corruption, seize property of corrupt and open schools. What happened to his promise?, asks PM Modi
'Mahaswarthbandhan' is misleading the people of Bihar. People of Bihar won't spare them: PM Modi
By asking for old days, does Nitish Kumar want days of kidnappings, crimes against dalits & women back? - PM Modi
Nitish Kumar wants old days back just for his seat but Bihar doesn’t need those old days of ‘Jungle Raj’: PM Modi
'Mahaswarthbandhan' has not been able to find a single instance of corruption against us: PM Modi

मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव, हम पार्टी के उम्मीदवार श्रीमान महाचंद्र प्रसाद सिंह जी, बरौली से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान राम प्रवेश राय, बैकुंठपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान मिथिलेश तिवारी जी, भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान इन्द्रदेव मांझी जी, भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान काली प्रसाद पांडेय जी, और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे भाईयों और बहनों

मैं गोपालगंज पिछले लोकसभा के चुनाव में भी आया था और आज दुबारा मैं आपके बीच आया हूँ। भाईयों-बहनों, आजकल आप महास्वार्थबंधन के नेताओं की बयानबाजी सुनते हैं, अनाप-शनाप भाषाएं बोली जा रही हैं। डिक्शनरी खाली हो गई है लेकिन रोज नई-नई गालियां बोली जा रही हैं। मैं सोचता था कि आख़िरकार 25 साल से जो लोग यहाँ सरकार चला रहे हैं, 35 साल तक जिस कांग्रेस ने यहाँ सरकार चलाई है, 60 साल तक सरकार चलाई; सरकार में जितने मुलाज़िम हैं, इनको इन्हीं के कालखंड में कभी-न-कभी नौकरी मिली है, एक प्रकार से ऊपर से नीचे तक सारा उन्हीं का खेल है इसके बावजूद वे चुनाव में इस प्रकार का व्यवहार करने को मजबूर क्यों हुए हैं, सारी मर्यादा तोड़कर निम्न स्तर की भाषा पर क्यों उतर आए हैं। इसका कारण यह नहीं है कि मोदी ने कोई गलती की है, कारण है कि आपके इस प्रेम को वे पचा नहीं पा रहे हैं। जैसे-जैसे आपका प्यार बढ़ता जाता है, उनकी गलियों की संख्या बढ़ती जाती है। एनडीए, भाजपा का चुनाव प्रचार कितना सफ़ल चल रहा है, रैलियां कितनी बड़ी हो रही हैं, ये रैलियों से नहीं पता चलता है बल्कि रैली समाप्त होने के बाद जिस तरह वे गाली-गलौज पर उतर आते हैं, उससे पता चलता है कि रैली कितनी जबर्दस्त हुई है।

भाईयों-बहनों, आप बताईये कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी कोई अगर यह कहे कि तुम बिकाऊ हो तो कोई सहन करेगा क्या? फुटपाथ पर भीख मांगने वाले व्यक्ति को भी अगर कोई बिकाऊ कहे हो तो वो इसे मानेगा क्या? नीतीश जी, चुनाव में हार-जीत तो होती रहती है, ऐसा भी क्या गुस्सा। अब मोदी को गालियां देते-देते थक गए तो बिहारियों को गालियां देना शुरू कर दिया; मोदी पर आरोप लगाते-लगाते थक गए तो बिहारियों पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। नीतीश बाबू, बिहारियों का अपमान आपको महंगा पड़ जाएगा, लेने के देने पड़ जाएंगे।

उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी की रैली में जो लोग आते हैं, वो पैसों से लाये जाते हैं। आप बताईये कि ये झूठ है कि नहीं; ये आपका और समस्त बिहारियों का अपमान है कि नहीं? बिहारियों को बिकाऊ कहने का पाप उन्हें महंगा पड़ेगा। नीतीश बाबू, मोदी पर जितना जुल्म करना है कर लो लेकिन बिहारियों के स्वाभिमान को चोट मत पहुँचाओ, ये आपको शोभा नहीं देता। कोई कल्पना नहीं कर सकता कि बिहार का क्या मिज़ाज बदला है। बिहार गुस्से में है क्योंकि बिहार आपसे 25 साल का हिसाब मांग रहा है और आप हिसाब देने को तैयार नहीं हैं।

ये गोपालगंज लालू जी का गृह जिला है न, यहाँ के लोगों को क्या मिला। इन्होंने जंगलराज के समय इसे ‘मिनी-चम्बल’ बना दिया था जहाँ रेलवे स्टेशन पर खुले आम गोलियां चलती थीं। यहाँ अपहरण उद्योग बना था कि नहीं? यहाँ एक ही कारोबार हुआ था – अपहरण का कारोबार। गोपालगंज नौजवान जो सम्मान से जीना चाहता था, पसीना बहा करके पैसा कमाना चाहता था, उसे गोपालगंज छोड़कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। पूरे बिहार में सबसे ज्यादा नौजवानों का पलायन कहीं हुआ है तो या तो सीवान से हुआ है या गोपालगंज से हुआ है।

मैं पिछले दिनों आबुधाबी, दुबई गया था, वहां जो लेबर कॉलोनी बनी है, वहां के शासकों से मैंने प्रार्थना की कि लेबर कॉलोनी में मेरे भारत के लोग काम कर रहे हैं, मैं उनका हाल जानना चाहता हूँ, अपने गरीब भाईयों से मिलना चाहता हूँ। मैं वहां के शासकों का आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे जाने दिया। वहां मैं सभी मजदूरों से मिला था। मुझे वहां सबसे ज्यादा लोग बिहार के मिले। ये मजदूरी करने के लिए क्यों मजबूर हुए। हमारी सीधी बात है कि हमें बिहार को ऐसा विकास देना है ताकि बिहार के लोगों को यहीं रोजी-रोटी मिले, यही हमारा मकसद है। इनलोगों को अपने परिवार के बाहर किसी की चिंता नहीं है। उनको अपने किसी नेता पर भरोसा नहीं है। जेल गये तो पत्नी को दे के गए अब जब ज़िन्दगी जेल में गुजारनी है तो कहते हैं कि बेटे तैयार हो जाओ और ये सब पकड़ लो ताकि मैं आराम से जेल में गुजारा कर लूँ; ऐसा खेल चल रहा है।

आज इन सारी समस्याओं का अगर हमें समाधान करना है तो एक ही रास्ता है – बिहार का विकास। बिहार का विकास ही बिहार को बर्बादी से बचा सकता है। इसलिए मैं बिहार के मतदाताओं से एक ही बात कहने आया हूँ कि मुझ पर भरोसा कीजिये। लोकसभा में अपने भरोसा किया है, अब विधानसभा में भी मुझ पर भरोसा कीजिये, मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को मैं ख़त्म करके दिखा दूंगा। दिल्ली दिन-रात भ्रष्टाचार के कारण बदनाम था। रोज लाखों-करोड़ों रुपये के घोटाले सामने आते थे कोयले, 2जी में से रुपये खाए, चारों तरफ लूट मची थी आप बताएं कि हम पर एक भी आरोप लगा है क्या? ये इतनी गालियां मुझे देते हैं लेकिन अभी तक मुझ पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। ये बचा पैसा जनता के ही काम आएगा। ये देश की सेवा है अगर बिहार की भी लूट बच जाए तो ये बिहार के लिए भला होगा।

भाईयों-बहनों, इसलिए मुझे बिहार की सेवा करने का मौका दीजिए; ये लूटपाट मुझे बंद करानी है, ये घर भरने और तिजोरी लूटने का खेल मुझे बंद कराना है। हमारे देश में इनकी हालत तो देखिये नीतीश बाबू के भागीदार और उनके मंत्रिपरिषद के मंत्री अभी टीवी पर कैमरा के सामने रुपये लेते पकड़े गए, ये क्या कम अपराध है लेकिन उनको कोई शर्म नहीं है। नीतीश बाबू ने कहा था कि अगर किसी का भ्रष्टाचार पकड़ा गया तो उसकी मिल्कियत जब्त कर ली जाएगी और उसके घर में स्कूल खोला जाएगा। लालू जी को भ्रष्टाचार में जेल हुई और ये मैंने नहीं किया बल्कि अदालत ने किया। अब नीतीश बाबू बताएं कि उनका घर कब्ज़े में किया क्या, उनके घर में स्कूल खोला? लोगों को क्यों मूर्ख बना रहे हैं? जेडीयू के मंत्री कैमरा के सामने घूस लेते पकड़े गए। ये अभी से ऐसा काम कर रहे हैं तो चुनाव के बाद क्या करेंगे। बिहार बेचने का एडवांस लिया जा रहा है। भाईयों-बहनों, क्या हम बिहार को बेचने देंगे, उनका घर भरने देंगे क्या?

मैं नीतीश बाबू से पूछना चाहता हूँ कि जेडीयू के मंत्री कैमरा के सामने घूस लेते पकड़े गए, उन्होंने उनका घर जब्त किया क्या? अभी आपकी सरकार चल रही है, आपको अपने साथियों को भ्रष्टाचार के लिए सजा करने से कौन रोक रहा है। 25 साल में इन्होंने क्या किया, इसकी सूची देखकर मैं हैरान हो गया अपने आपको ईमानदारी से काम करने वाले बताने वाले महाशय ने क्या खेल किया है, मैं आपको बताना चाहता हूँ याद कीजिये, अलकतरा घोटाला, दवाई खरीद घोटाला, ट्रांसफर्मर खरीद घोटाला, एस्टीमेट घोटाला, इंजीनियरिंग कॉलेज नॉमिनेशन घोटाला, फ़र्टिलाइज़र सब्सिडी घोटाला, राशन-किरासन घोटाला, शराब घोटाला, व्याख्याता नियुक्ति घोटाला, सिपाही नियुक्ति घोटाला, नलकूप घोटाला, इंदिरा आवास घोटाला, मनरेगा घोटाला, शौचालय घोटाला, कोसी चैनल निर्माण घोटाला, मिड-डे मिल घोटाला, आंगनवाड़ी घोटाला, मेघा घोटाला, कुलपति नियुक्ति घोटाला, पथ निर्माण घोटाला, पुल निर्माण घोटाला, शिक्षा अभियान घोटाला, टैक्स बुक छपाई घोटाला, कंबल खरीद घोटाला, परिवहन घोटाला, वायरलेस घोटाला, दियारा जमीन घोटाला, बुद्ध स्मृति पार्क निर्माण घोटाला, चावल घोटाला, रोल एंड डबल पे घोटाला, रेलवे में घोटाला और जिस घोटाले में आपके महाशय को सजा हुई है, उस चारे की तो बात करता ही नहीं हूँ

भाईयों-बहनों, ऐसे घोटाले करने वालों को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं? इस प्रकार से बिहार को लूटने वालों को बिहार से बर्खास्त करना चाहिए कि नहीं? ये चुनाव सिर्फ़ सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि बिहार को लूटने वालों को बिहार से बर्खास्त करने का चुनाव है। नीतीश जी हिम्मत से कह रहे हैं कि हमें पुराने दिन लौटा दो। आए दिन अपहरण होते थे, दलितों पर जुल्म होता था, हत्याएं होती थीं, विनाश की परिस्थिति बनी हुई थी, वो पुराने दिन वापस चाहिए क्या? नीतीश जी, आपको कुर्सी के लिए पुराने दिन मंजूर है लेकिन बिहार को ये मंजूर नहीं है। जीत-हार तो होती है लेकिन बिहार के लोगों के साथ खिलवाड़ करना बंद कीजिये।

बिहार में सिवाय अपराधीकरण क्या हुआ? ये अपराध की ज़िन्दगी बिहार के जीवन को नहीं बदल सकती और रोजी-रोटी नहीं दे सकती। बिहार के परिवारों के लिए मेरा तीन सूत्र है - पढ़ाई, कमाई और बुजुर्गों को दवाई। बिहार के गरीब बच्चों को सस्ती एवं अच्छी शिक्षा मिलनी जरुरी है क्योंकि तब गरीब माँ-बाप को अपनी जमीन गिरवी रखने और अपनी बहू-बेटियों की अमानत गिरवी रखने की नौबत नहीं आएगी। दूसरी बात है, कमाई; बिहार का नौजवान अपनी कमाई कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता है। 20-25 साल का नौजवान अपने माँ-बाप से 5 रूपया मांगे, उसे दुःख होता होगा कि नहीं। स्वाभिमान से जीने के लिए बिहार का नौजवान को अवसर मिलना चाहिए। नौजवान अपनी कमाई के लिए अवसर तलाश रहा है लेकिन सरकार उसे वो अवसर नहीं दे रही है। उद्योग नहीं लगेंगे तो रोजगार कैसे मिलेगा और उद्योग लगाने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है। पिछली बार इन्होंने कहा था कि मेरी सरकार बनाईए, मैं घर-घर बिजली पहुंचाऊंगा और अगर मैं बिजली न पहुंचाऊं तो मैं वोट मांगने नहीं आऊंगा। बिजली तो नहीं आई लेकिन वो वोट मांगने जरुर आये। उन्होंने आपसे धोखा किया तो अब आप उनसे नाता तोड़ोगे?

बिहार को 24 घंटे बिजली चाहिए ताकि यहाँ उद्योग लगे और यहाँ के नौजवानों को रोजगार मिले इसलिए मैं आपसे पढ़ाई, कमाई और बुजुर्गों को दवाई के लिए वोट मांग रहा हूँ। बुजुर्गों के लिए सस्ती दवाई, डॉक्टर और दवाखाना होना चाहिए। बिहार राज्य की भलाई के लिए तीन सूत्र है, बिजली, पानी एवं सड़क। किसान को पानी मिले, वो मिट्टी में से सोना पैदा कर देगा; बिहार को बिजली मिले, कारखाने लग जाएंगे; और बिहार को सड़कें मिलें, बिहार प्रगति की दिशा में आगे बढ़ जाएगा। मेरे भाईयों-बहनों, बिहार के विकास के लिए एक ऐसी सरकार चुनिये जिसका एकमात्र एजेंडा है- विकास।

पिछले दिनों विकास के नाम पर उनके पास कहने के लिए कुछ था नहीं, 25 साल के शासन में कोई विकास नहीं था तो जब हम सिर्फ़ विकास पर जोर देकर बातें कर रहे थे तो वो आरक्षण की माला जप रहे थे और जब मैंने थोड़े दिन पहले उनके पापों का चिट्ठा खोल दिया तो तिलमिला गए हैं। अब तो मैं खुलेआम कहता हूँ कि 24 अगस्त 2005 को पार्लियामेंट के अन्दर श्रीमान नीतीश बाबू ने अपने इरादे साफ़ कर दिए थे। मैंने आरोप लगाया था कि ये दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों का 5% आरक्षण चोरी करना चाहते हैं। भारत के संविधान-निर्माता ने मना किया था कि संप्रदाय के आधार पर आरक्षण मत कीजिये लेकिन ये लोग पिछड़ों का आरक्षण चोरी कर संप्रदाय के आधार पर आरक्षण बाँटना चाहते हैं। मैंने कहा तो तिलमिला गए लेकिन 24 अगस्त 2005 को पार्लियामेंट में उन्होंने जो भाषण दिया था, उसका दस्तावेज़ मेरे पास मौजूद है। उनका यही कहना था कि दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों, पिछड़ों का आरक्षण निकाल कर संप्रदाय के आधार पर आरक्षण दिया जाए। उनको मैं चुनौती देता हूँ कि उनमें हिम्मत है तो इसका जवाब दें। इतना झूठ बोलते हैं और हल्की-फुल्की बात कर के निकल लेते हैं; ये खेल लंबा नहीं चलने वाला है।

भाईयों-बहनों, मैंने गरीबी देखी है इन दिनों ये कह रहे हैं कि मोदी जी ने अपना प्रोफाइल बदल लिया। पहले मोदी विकास की बात करते थे और अब कह रहे हैं कि मैं तो चाय बेचता हूँ, मैं गरीब माँ का बेटा हूँ, मैं पिछड़ा हूँ। मैं नीतीश बाबू से पूछना चाहता हूँ कि क्या इस देश के पिछड़े को विकास की बात करने का हक़ भी नहीं है क्या? अगर मैं पिछड़ा हूँ तो क्या मैं विकास पर बोल नहीं सकता, उस पर चर्चा नहीं कर सकता? क्या विकास की बात करने का ठेका आप लोगों के ही पास है क्या? ये उनका अहंकार ही उनसे ये सब बोलवाता है और वो इतने निराश हैं कि अब उन्हें आपके पास आने की हिम्मत नहीं है और अब वे तांत्रिक के पास जाते हैं। आपको गाली देते हैं कि आप यहाँ पैसों से आते हैं और ख़ुद तांत्रिक के चरणों में जाकर रूपये का ढेर करते हैं। अब वे 100 तांत्रिक ले आएं लेकिन अब वे बचने वाले नहीं हैं।

हमारा भरोसा जनता-जनार्दन में हैं, आप पर है। हमें बदलाव चाहिए विकास के लिए; हमें सरकार चाहिए विकास के लिए। इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि ज्यादा-से-ज्यादा और भारी संख्या में मतदान कीजिये। अपना आशीर्वाद हमें देते रहिए और दो-तिहाई बहुमत के साथ भाजपा, एनडीए की सरकार बनाईए। सब लोग पूरी ताक़त के साथ बोलिये -    

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!                     

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।