आज संयुक्त राष्ट्र का 71वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान के बाद योग को लेकर संयुक्त राष्ट्र की पहल को याद करना लाजमी है। हाल के वर्षों में योग ने पहली बार पूरी दुनिया को एक सूत्र में बांधा है। 2014 में संयुक्त राष्ट्र के अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग की महत्ता पर जोर देते हुए योग दिवस मनाने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि योग हमारी पुरातन परंपरा की अनमोल देन है। योग मन व शरीर, विचार व कर्म, संयम व उपलब्धि की एकात्मकता का तथा मानव व प्रकृति में सामंजस्य का मूर्त रूप है।

प्रधानमंत्री की संयुक्त राष्ट्र में योग को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता दिलाने की मुहिम रंग लाई। उनके आह्वान के महज 90 दिन के भीतर संयुक्त राष्ट्र में भारी बहुमत से 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। यह किसी भी दूसरे दिवस को मनाने के लिए कम समय में पारित प्रस्ताव के लिहाज से एक रिकॉर्ड है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष सैम के. कुटेसा ने इसके लिए श्री मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा था कि  इतने देशों का इस प्रस्ताव  के प्रति समर्थन इस बात को दर्शाता है कि योग दुनिया भर के लोगों को कितना आकर्षित करता है।

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