एक तरफ श्री अमरनाथ यात्रा चल रही है, बड़ा पवि‍त्र माहौल है दूसरी तरफ रमजान का पवि‍त्र महीना चल रहा है और तीसरी तरफ आज माता वैष्‍णों देवी के चरणों में भारत भर से भक्‍तों को लाने की सुवि‍धा प्रदान करने का एक मंगल प्रारंभ हो रहा है। एक प्रकार से सब ओरएक पवि‍त्रता का माहौल हैऔर पवि‍त्रता के माहौल में इस मंगल कार्य का आरंभ हो रहा है। प्रदेश के माता वैष्‍णों देवी के चरणों में आने वाले करोड़ों-करोड़ों भक्‍तों को शुभकामनाएं देता हूँ और आज ये सुवि‍धा सि‍र्फ जम्‍मू-कश्‍मीर के लि‍ए सुवि‍धा नहीं है और न ही यह सि‍र्फ जम्‍मू-कश्‍मीर को भेंट है, यह भेंट पूरे हि‍न्‍दुस्‍तान को है,सवा सौ करोड़ देशवासि‍यों को है जो जम्‍मू-कश्‍मीर आने के लि‍ए लालायि‍त रहते हैं, जो माता वैष्‍णों देवी के चरणों में आने के लि‍ए आतुर रहते हैं। ऐसे कोटि-कोटि‍जनों के लि‍ए ये सुवि‍धा है और उनके चरणों में ये समर्पि‍त करते हुए मैं गर्व महसूस कर रहा हूँ और उनको मंगल कामनाएं देता हूँ। ये रेल सुवि‍धा आज प्रारंभ हो रही है। 

मैंने रेल मंत्री को सुझाया था कि‍दि‍ल्‍ली से कटरा तक की जो सुवि‍धा है और आगे चलकर और स्‍थानों से भी जुड़करकेदेश के भि‍न्‍न-भि‍न्‍न कोने से यात्रि‍यों को कटरा तक लाने का जो प्रबंध हो रहा है। इस ट्रेन को “श्री शक्‍ति‍एक्‍सप्रेस” के रूप में जाना जाए ताकि‍माता वैष्‍णों देवी के चरणों में हम जा रहे हैं इसकी अनुभूति‍यात्रि‍यों को लगातार होती रहे। मैं ‘माता वैष्‍णों देवी श्राइन बोर्ड’ का भी अभि‍नंदन करना चाहता हूँ। गवर्नर साहब का भी अभि‍नंदन करना चाहता हूँ कि‍यहां रेलवे स्‍टेशन पर भी यात्रि‍यों के लि‍ए आवश्‍यक आई-कार्ड नि‍कालने की सुवि‍धाओं का प्रबंध हुआ है। टैक्‍नोलॉजी का प्रबंध हुआ है और इसीलि‍ए हि‍न्‍दुस्‍तान के कि‍सी भी कोने से आने वाले यात्री के लि‍ए ये बहुत सुनि‍श्‍चि‍त हो जाएगा कि‍यात्री का समय न खराब होते हुए उसके आगे की यात्रा के लि‍ए जो भी प्रबंध होना चाहि‍ए उसके लि‍ए पूरी व्‍यवस्‍था मि‍लेगी, पूरा मार्गदर्शन मि‍लेगा। 

जब वि‍कास होता है तो कभी-कभार ऐसा लगता है कि‍वहां पर ये हुआ तो मेरा क्‍या होगा जैसे मुख्‍यमंत्री जी ने जम्‍मू के लोगों की चिंता का जि‍क्र कि‍या। मैं अनुभव से कह सकता हूँ कि‍जम्‍मू के वि‍कास को कभी कोई रूकावट नहीं आएगी। जब सुवि‍धाएं बढ़ती है तो लोग भी अपने समय का सदुपयोग और जगह पर जाने के लि‍ए करते हैं और इसीलि‍ए जो सीधा कटरा आएगा वो जम्‍मू गए बि‍ना जाएगा नहीं ऐसा मैं नहीं मानता और इसलि‍ए जम्‍मू की वि‍कास यात्रा और अधि‍क क्‍वालि‍टी की बन पाएगी, ऐसा मेरा पूरा वि‍श्‍वास है और साथ-साथ जम्‍मू-कश्‍मीर की वि‍कास यात्रा में कटरा का जुड़ना, कटरा का सेंटर स्‍टेज पर आना, आने वाले 10 साल की आप कल्‍पना कीजि‍ए कटरा इतनी तेजी से वि‍कास करेगा, इतनी तेजी से वि‍कास करेगा जो पूरे जम्‍मू-कश्‍मीर के वि‍कास के अंदर एक नया योगदान करने वाला एक आर्थि‍क प्रभुत्‍ति‍का केन्‍द्र बन जाएगा। जब व्‍यवस्‍था वि‍कसि‍त होती है और वि‍कास के केन्‍द्र बिंदु में हमेशा इनफ्रास्‍ट्रक्‍चर का सबसे बड़ा महत्‍व होता है। जैसे ही इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर बना आप मानके चलि‍ए कि‍उसके अगल-बगल में व्‍यवस्‍थाएं वि‍कसि‍त होना शुरू हो जाएगी। मुझे अभी बताया जा रहा था कि‍ट्रेन तो अभी आज शुरू हो रही है लेकि‍न स्‍टेशन के अगल-बगल व्‍यापारि‍यों ने अपनी-अपनी जगह बना ली है और काम शुरू कर दि‍या है। अगर उनको समय दे कि‍वि‍कास के अंदर कैसे फायदा उठाना, वि‍कास को कैसे भागीदार बनाना है और इसलि‍ए ये सि‍र्फ एक रेलवे है, एक यात्रा करने की सुवि‍धा है ऐसा नहीं है। 

ये एक प्रकार से वि‍कास की जननी बन जाती है और मेरे हि‍साब से जम्‍मू-कश्‍मीर को रेल से जोड़ने का अटल बि‍हारी वाजपेयी जी ने जो शुभारंभ कि‍या है उसको हमें और आगे बढ़ाना है और आने वाले दि‍नों में बनि‍हाल तक जाने की जो व्‍यवस्‍था है उसको भी आगे बढ़ाने के लि‍ए सरकार प्रति‍बद्ध है। इतना ही नहीं, हि‍न्‍दुस्‍तान में पहली बार राज्‍य और केन्‍द्र मि‍ल करके एक नवीन व्‍यवस्‍था को आज प्रारंभ कर रहे हैं। एक प्रकार से हाइब्रि‍ड व्‍यवस्‍था है। रेल और बस की कनेक्‍टि‍वि‍टी को कॉम्‍बि‍नेशन बनाया गया है। अब जो लोग श्रीनगर जाना चाहते होंगे उनको रेलवे से ही रेलवे की भी टि‍कट मि‍लेगी और कटरा से बनि‍हाल तक जो कि‍जहां रेल-मार्ग नहीं है वहां बस की भी टि‍कट मि‍लेगी, कटरा वो उतरेगा, बस उपलब्‍ध होगी, बनि‍हाल पहुंचेगा, रेल उपलब्‍ध होगी और तुरंत वो आगे श्रीनगर पहुंचेगा। एक ही टि‍कट में रेल और बस दोनों का ट्रेवलिंग हो और पैसेंजर को कठि‍नाई न हो, यात्री को कठि‍नाई न हो ऐसी सुवि‍धा का आरंभ राज्‍य और केन्‍द्र की रेल मि‍ल करके ये दे रहे हैं और भवि‍ष्‍य में भी रेलवे का वि‍कास करने के लि‍ए केन्‍द्र और राज्‍य की पार्टनरशि‍प का मॉडल जि‍तना ज्यादा वि‍कसि‍त होगा उतना फायदा होने वाला है। 

मैं मुख्‍यमंत्री जी की इस बात से सहमत हूँ कि‍हमारे रेलवे स्‍टेशन ऐसे पुराने क्‍या होने की जरूरत है,क्‍यों न हि‍न्‍दुस्‍तान के महत्‍वपूर्ण स्‍थानों के रेलवे स्‍टेशन एयरपोर्ट से भी बढ़ि‍या क्‍यों न हो और मैं आपको वि‍श्‍वास दि‍लाता हूँ,‍सि‍र्फ जम्‍मू वासि‍यों को नहीं, मैं देशवासि‍यों को वि‍श्‍वास दि‍लाता हूँ कि‍हम रेलवे के वि‍कास में, प्राथमि‍कता मेट्रो सि‍टीज़ में जम्‍मू जैसे महत्‍वपूर्ण स्‍टेशन को और उसके जैसे रेलवे स्‍टेशनों को अति‍आधुनि‍क बनाना, एयरपोर्ट से भी रेलवे स्‍टेशन ज्‍यादा अधि‍क सुवि‍धाजनक हो, ये बनाने का हमारा सपना है और ये बन सकता है। ये कोई कठि‍न काम नहीं है और ये इकनॉमि‍कली वाइबल प्रोजेक्‍ट बन सकता है। मैंने पि‍छले दि‍नों रेलवे के मि‍त्रों के साथ बड़े वि‍स्‍तार से समय नि‍कालकर चर्चा की है और मैंने इसके वि‍षय पर उनको डि‍टेल में प्रारूप दि‍या है और अब देखि‍ए देखते ही देखते आपको बदलाव नजर आएगा और इसमें प्राइवेट पार्टी भी इनवेस्‍टमेंट करने के लि‍ए तैयार हो जाएगी क्‍योंकि‍ये आर्थि‍क रूप से एक अच्‍छी योजना होगी। जो सबको लाभ पहुंचाने वाली होगी एक विन-वि‍न सि‍चुएशन वाला प्रोजेक्‍ट होगा। उस दि‍शा में हम आने वाले दि‍नों में जरूर आगे बढ़ना चाहते हैं, आज जब हम इस रेल सुवि‍धा को दे रहे हैं यह भी मेरे लि‍ए अत्‍यंत खुशी की बात है। भारत के वि‍भि‍न्‍न राज्‍यों से कटरा तक छह जोड़ी रेल गाड़ि‍याँ तुरंत चलाई जाएगी। यानि उसका वि‍स्‍तार और जगहों पर भी किया जाएगा। उसके अति‍रि‍क्‍त जम्‍मू और उधमपुर तक चलने वाली तीनजोड़ी डेमू रेलगाड़ि‍यों का कटरा तक, आज से वि‍स्‍तार भी कि‍या जा रहा है। जो जम्‍मू से चलने वाली उधमपुर वाली जो डेमू ट्रेन्‍स है उसको भी कटरा से जोड़ने का काम हो रहा है। 

आने वाले दि‍नों में जम्‍मू-कश्‍मीर में वि‍कास एक नयी ताकत कैसे बनेगी, देखि‍ए आज का दि‍न एक प्रकारसे महत्‍वपूर्ण है। महत्‍वपूर्ण इसलि‍ए है कि‍आज का दि‍वस जम्‍मू कश्‍मीर को नयी गति‍भी देने जा रहा है और आज का दि‍न जम्‍मू कश्‍मीर को नयी ऊर्जा भी देने जा रहा है। आज मुझे दो कार्यक्रम करने का अवसर मि‍ला है एक इस रेल कनेक्‍टि‍वि‍टी, जो जम्‍मू कश्‍मीर को गति‍देगा और उरी में जा करके पावर प्रोजेक्‍ट का उद्घाटन जो जम्‍मू कश्‍मीर को ऊर्जा देगा, वि‍कास की ऊर्जा देगा और जम्‍मू कश्‍मीर को वि‍कास की ऊर्जा चाहि‍ए, जम्मू कश्‍मीर को वि‍कास की गति‍चाहि‍ए और एक प्रकार से आज के ये दोनों कार्यक्रम उस नि‍मि‍त्‍त बड़े महत्‍वपूर्ण हैं। 

मैं मानता हूँ कि‍हमारे देश के जो हि‍मालयन स्‍टेट्स हैं, उन हि‍मालयन् स्‍टेट्स के वि‍कास के लि‍ए एक अलग से रूप-रेखा की आवश्‍यकता है। सारे हि‍मालयन् रेजिंग स्‍टेटस की कई एक समान कठि‍नाइयां है कई प्रकार की एक समान अवसर भी हैं अगर उनका एक कॉमन मॉडल वि‍कसि‍त कि‍या जाएगा तो समस्‍याओं का समाधान भी बहुत जल्‍दी होगा। केंद्र के पास भी स्‍पष्‍ट वि‍ज़न होगा। राज्‍यों की अपेक्षाओं को समझने में केन्‍द्र सामर्थ बनेगा और हि‍मालयन स्‍टेट्स जो है उसके वि‍कास में इस नयी परि‍धि‍में हम जाना चाहते हैं और जि‍सका लाभ जम्‍मू कश्‍मीर को भी मि‍लेगा और उधर नार्थ-ईस्‍ट तक हि‍मालयन रेंज की वि‍कास की यात्रा का लाभ उन सभी राज्‍यों को मि‍लेगा और उस दि‍शा में भी हम आगे बढ़ने के लि‍ए प्रति‍बद्ध हैं। आज मैं जम्‍मू कश्‍मीर की धरती पर आया हूँ माता वैष्‍णोदेवी के चरणों में आया हूँ और जब चुनाव अभि‍यान प्रारंभ कि‍या था तब भी माता वैष्‍णोदेवी का आशीर्वाद ले करके गया था और आज वि‍कास यात्रा का आरंभ कर रहा हूँ वो भी माता वैष्‍णोदेवी के आशीर्वाद से कर रहा हूँ और इसलि‍ए मुझे वि‍श्‍वास है कि‍भारत की वि‍कास यात्रा को और अधि‍क शक्‍ति‍मि‍लेगी, और अधि‍क ताकत मि‍लेगी और अधि‍क सामर्थ्‍यवान वि‍स्‍तार के साथ हम इस वि‍कास यात्रा को आगे बढ़ाएंगे। 

टूरि‍ज्म में यात्रि‍यों की सुवि‍धा के साथ रेलवे एक प्रकार से Environment Friendly व्‍यवस्‍था होती है और जम्‍मू-कश्‍मीर में Environment Friendly Transportation, वो दुनि‍या को आकर्षि‍त करने का कारण बनता है। हम इस मार्ग के माध्‍यम से वि‍श्‍व के अंदर जम्‍मू-कश्‍मीर में Environment Friendly यातायात को भी बल दे रहे हैं यह अपने आप में एक अच्‍छे प्रयोग के रूप में हम दुनि‍या के सामने प्रस्‍तुत कर सकते हैं। 

और हिमालयन में जितना विकास हम करना चाहेंगे, वो Environment Friendly विकास हो सकता है। उसको हम बल भी दे सकते है, उसकी सुरक्षा करते हुए यात्रियों की सुविधा भी बढ़ा सकते हैं, Environment की सुरक्षा भी हो, यात्रियों की सुविधा भी बढ़े, उस दिशा में हम प्रयास करते हैं, मैं जब यहां रेलवे स्‍टेशन का उद्घाटन करने गया, वहां का जो मैंने द़श्‍य ऐसा, ऐसा रेलवे स्‍टेशन देखने को मिलता बहुत कम है, क्‍योंकि ऊपर पहाड़ से नीचे स्‍टेशन पर जाना होता है, तो छोटी पहाड़ी पर से पूरा स्‍टेशन दिख रहा है, तो कितना बड़ा तामझाम है उसका दर्शन होता है। मैंने तुरंत कहा-हिंदुस्‍तान का ये ऐसा रेलवे स्‍टेशन बन सकता है कि जिसको पूरा हम सोलर रेलवे स्‍टेशन के रूप में कनवर्ट कर सकते हैं। इतनी संभावनाएं पड़ी है। रेलवे चेयमैन ने मुझे कहा मैं साहब, तुरंत इस काम को हाथ में लूंगा और मैं कटरा का पूरा रेलवे स्‍टेशन, देश का एक रेलवे स्‍टेशन, Environment Friendly Movement का एक हिस्‍सा... और बहुत संभावना पड़ी है, उसको जब करेंगे तो जब यात्री आएंगे और ऊपर स्‍टेशन पे जब जाते होंगे तो उसको देखकर कोर्ठ भी जान लेगा कि सोलर एा उपयोग कैसे और कहां हो सकता है और मुझे विश्‍वास है कि बहुत जल्‍दी रेलवे विभाग पूरे रेलवे स्‍टेशन पर सोलर पैनल का उपयोग करके एक-एक इंच की जगह का उपयोग कर करके उस ऊर्जा का भी उपयोग आने वाले दि‍नों में कैसे कर सके उस पर प्रयास होगाऔर ऐसा मुझे पूरा वि‍श्‍वास है। 

जम्‍मू-कश्‍मीर अनेक समस्‍याओं से गुजरा है, अनेक कठि‍नाईयों से गुजरा है और एक भारत के हर नागरि‍क की इच्‍छा है, भारत के हर नागरि‍क का दायि‍त्‍व है कि‍हमारा जम्‍मू-कश्‍मीर सुखी हो, समृद्ध हो। हर एक की इच्‍छा है और इसको पूरा करना हम सबका दायि‍त्‍व है। चाहे हम शासन व्‍यवस्‍था में हो तो भी, हम शासन व्‍यवस्‍था में न हो तो भी। यह हम सबका दायि‍त्‍व है। यहां के नौजवानों को रोजगार मि‍ले, रोजगार के नए अवसर मि‍ले। उनको नई जिंदगी जीने का अवसर मि‍ले। मैं अभी जब कटरा स्‍टेशन पर बच्‍चे ट्रेन में जा रहे थे तो उनको मैंने पूछा कि‍आपमें से कि‍तने लोग है जि‍न्‍होंने पहले कभी ट्रेन देखी है, कि‍तने है जो ट्रेन में बैठे है। 21वीं सदी का पहला दशक चला गया उन बच्‍चों में 80 प्रसेंट बच्‍चों ने हाथ ऊपर कि‍या कि‍हमने पहली बार ट्रेन में बैठे है आज। उन बच्‍चों के लि‍ए आनंद का वि‍षय है। लेकि‍न हमारे लि‍ए सोचने का वि‍षय है कि‍हमवि‍कास यात्रा को कैसे चलाया कि कटरा, इतने निकट के भी बच्‍चों को जीवन में पहली बार रेल को देखने का 21वीं सदी आने के बाद अवसर मि‍ला है। हमारा दायि‍त्‍व बनता है कि‍हमारे देश के दूर-सूदूर कोने में बैठे हुए लोगों को भी वि‍कास का लाभ मि‍लना चाहिए। वि‍कास से प्राप्‍त सुवि‍धाएं सामान्‍य मानव तक पहुंचनी चाहिए, आखिरी छोर पर बैठे हुए मानव तक पहुंचनी चाहिए। हम लोगों का प्रयास यही है और मुझे विश्‍वास है देश की जनता ने जो आशीर्वाद दि‍ए हैं उस आर्शीवाद के बलबूते पर अंति‍म छोर पर बैठे हुए गरीब से गरीब व्‍यक्‍ति‍के कल्‍याण में ये वि‍कास की यात्रा आगे बढ़ेगी, वि‍कास के नए मार्ग स्‍थापि‍त होंगे और सामान्‍य व्‍यक्‍ति‍के जीवन को.. उसकी Quality of life में चेंज आएगा। 

उसकी आशा अपेक्षा के अनुकूल जीवन व्‍यवस्‍था विकसित हो, उस दिशा में हम प्रयास करेंगे। मैं जम्‍मू कश्‍मीर के नागरिकों को यही संदेश देना चाहता हूं, अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जिस यात्रा को प्रारंभ किया है, उस यात्रा को हम आगे बढ़ाना चाहते हैं और हमारा मकसद राजनीति‍क जय-पराजय वाला नहीं होता है। हमारा मकसद होता है जम्‍मू-कश्‍मीर के हर नागरि‍क का दि‍ल जीतना है और मैं जम्‍मू-कश्‍मीर के नागरि‍कों का दि‍ल जीतना यही मेरी प्राथमि‍कता है और यह प्राथमि‍कता उसी को वि‍कास के माध्‍यम से करना है यहां के लोगों के कल्‍याण के माध्‍यम से करना है। यहां के लोगों की भलाई के माध्‍यम से करना है और मुझे वि‍श्‍वास है इस स्‍वप्‍न को हम बहुत ही जल्‍द, बहुत तेजी गति‍से पूरा करते जाएंगे। इसी सद्भावना के साथ फि‍र एक बार यह श्री शक्‍ति‍एक्‍सप्रेस राष्‍ट्र को समर्पि‍त कर रहा हूँ। माता वैष्‍णों देवी के चरणों में आने वाले कोटि‍कोटि‍भक्‍तों को समर्पि‍त करता हूँ और जम्‍मू-कश्‍मीर के टूरि‍ज्‍म के वि‍कास के लि‍ए यह यात्रा अहम भूमि‍का अदा करेगी। जम्‍मू–कश्‍मीर के टूरि‍ज्‍म को बहुत बल मि‍लेगा। जम्‍मू-कश्‍मीर के वि‍कास को बहुत बल मि‍लेगा। इस शुभकामनाओं के साथ बहुत-बहुत धन्‍यवाद। 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।