ଇଣ୍ଡି ମେଣ୍ଟ ସରକାର ରେ ଦେଶ ସାମ୍ପ୍ରଦାୟିକତାର ନିଆଁରେ ଜଳିଗଲା: ମହାରାଜଗଞ୍ଜରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ
ଇଣ୍ଡି ମେଣ୍ଟ ଦେଶକୁ ବିଭାଜିତ କରିପାରେ କିନ୍ତୁ ଦେଶକୁ ଆଗକୁ ନେଇପାରିବ ନାହିଁ: ମହାରାଜଗଞ୍ଜରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ
ଆପଣଙ୍କ ଭୋଟ୍ କେବଳ ସାଂସଦ ଚୟନ ପାଇଁ ନୁହେଁ ବରଂ ଏକ ଶକ୍ତିଶାଳୀ ଭାରତ ପାଇଁ ଜଣେ ଶକ୍ତିଶାଳୀ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଚୟନ କରିବା ପାଇଁ: ମହାରାଜଗଞ୍ଜରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ

भारत माता की,

भारत माता की

भारत माता की।

मेरी एक रिक्वेस्ट है, जो हमारे होनहार नौजवान हैं, जो बड़े साहसिक नौजवान हैं। देश को इन नौजवानों की बहुत जरूरत है। मेरी उन नौजवानों को हाथ जोड़ कर के प्रार्थना है कि जहां ऊपर है वहां से नीचे आइए। नीचे उतरिए आप लोग। देखिए कोई भी गिरेगा तो मेरे लिए व बहुत दुखद होगा। आप नीचे उतरिए। जो एकदम पीछे भी अकेले अकेले बैठ गए हैं सब नीचे आ जाइए। देखिए सारा तामझाम बड़ा टेंपररी होता है भाई। अगर ये गिरा तो यहां के लोग भी परेशान होंगे आपकी भी हालत खराब होगी। पहले नीचे उतरिए उसके बाद मैं भाषण आगे करूंगा। मेरे लिए मेरे भाषण से आपकी जिंदगी ज्यादा मूल्यवान है। वो जो लास्ट में दो लोग खंबे पे हैं नीचे आओ भाई। जरा पीछे एकदम आखिर में नीचे आओ, ये सब नीचे आइए भाई। जरा सिक्योरिटी के जो लोग हैं जरा चिंता करें। आपको नीचे आना पड़ेगा भाई। आपको नीचे आना पड़ेगा, आपकी जिंदगी को कुछ भी हो जाए यह मेरे लिए बर्दाश्त नहीं होगा भाई। आप मेरे अपने हैं मैं आपको कैसे परेशान देख सकता हूं। अब आपने मुझे देख लिया है अब सुनना है तो नीचे आएंगे तो अच्छा सुनाई देगा। देखिए जगह छोटी पड़ गई है, मैं देख रहा हूं बाहर भी लाखों की तादाद में लोग खड़े हैं वे शायद सुन भी नहीं पाते होंगे। लेकिन ये नहीं करने दूंगा मैं आइए नीचे। शाबाश! बहुत समझदार हैं सब नौजवान। हां शाबाश, अभी एक रह गया उधर। आ जाइए भाई जल्दी जरा उनको नीचे लाइए अब वो चढ़ तो गए लेकिन परेशान है कैसे उतरें। हां शाबाश नीचे आ जाओ भाई, नीचे आ जाइए आइए। जिन नौजवानों को मैंने नीचे उतारा है अगर उनको उनके सम्मान को अगर कोई चोट पहुंची है तो मैं उनकी क्षमा मांगता हूं, लेकिन आप सब आप सब मेरे परिवार के सदस्य हैं और इसलिए इतने प्यार से परिवार के सदस्य को कहने का मेरा भी तो हक बनता है ना।

भारत माता की।

भारत माता की।

बाबा हंस नाथ की जय!

बाबा महेंद्रनाथ की जय !

ई पवित्र धरती पर हम रउआ लोगन के वंदन अभिनंदन करतानी ! महाराजगंज ने, सीवान ने अपने जोश से पूरे भारत में संदेश दे दिया है फिर एक बार मोदी सरकार। मैं आज इतना खुश हूं खास करके इतनी बड़ी तादाद में माताओं-बहनों को मैं देख रहा हूं। माताओं-बहनों का ये आशीर्वाद ये मेरी बहुत बड़ी ऊर्जा है। और यह समय तो घर में काम का होता है उसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें आशीर्वाद देने आई हैं। जीवन में इससे बड़ा सौभाग्य क्या होता है भाई। साथियों मेरा ये बहुत सौभाग्य है कि इन दिनों मुझे देश के कोने-कोने में देशवासियों के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। पूरे देश में मैं मातृ शक्ति का जो जज्बा देख रहा हूं माताओं-बहनों का जो प्यार देख रहा हूं, हमारे नौजवानों का जो उत्साह देख रहा हूं गांव हो गरीब हो किसान हो एक प्रकार से सारा देश के उज्जवल भविष्य के लिए संकल्प बद्ध हो चुका है और मैं भी आपको गारंटी देता हूं मैं आपके लिए दिन रात मेहनत करूंगा पहले से ज्यादा मेहनत करूंगा, क्योंकि मुझे आपके लिए विकसित बिहार, विकसित भारत बनाना है।

भाइयों-बहनों,

गरीब से गरीब मां-बाप भी हमेशा चाहता है कि जाने के बाद बच्चों को कोई विरासत में देकर के जाए। हर एक के मन में रहता है कि कोई विरासत छोड़ के जाए। भाइयों-बहनों मोदी एक ऐसा इंसान है जिसे अपनी कोई विरासत नहीं है। मेरे लिए तो आप ही मेरी विरासत हैं, आप ही मेरे वारिस हैं, मेरा और कोई वारिस नहीं है और इसलिए मुझे आपका और आपके बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए खपा देना है। मैं नहीं चाहता कि अपने जीवन में आपने जो कष्ट भोगे उसका रत्ती भर भी आपकी आने वाली पीढ़ियों परेशानियों में जीने के लिए मजबूर होना पड़े। इसलिए गरीब कल्याण के बड़े फैसलों के लिए आज मैं आपके गांव आया हूं, आपके बीच आया हूं, आपके आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं। (भाई वहां कोशिश मत करो भैया प्लीज, वहां कोई जगह ही नहीं कहां जाओगे। अब आप मुझे देख नहीं पाओगे। सुन सकते हो जी ये स्क्रीन पर कुछ दिखाई दे तो देखिए। मैं जानता हूं संख्या बहुत ज्यादा है आपको तकलीफ होती होगी। मैं आपकी तकलीफ के लिए मैं खुद क्षमा मांगता हूं लेकिन आप जहां हैं वहीं रहिए, आगे आने की कोशिश मत कीजिए भैया। मेरा तो सौभाग्य है कि इतना कष्ट उठा करके आप हमें आशीर्वाद देने आए हैं।) भाइयों-बहनों आपके उज्जवल भविष्य के लिए देश को केंद्र में फिर एक बार मजबूत सरकार चाहिए।

भाइयों और बहनों,

जैसे-जैसे 4 जून पास आ रहा है, मोदी के लिए इंडी वालों की गालियों और बद्दुवाओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इनसे बर्दाश्त नहीं हो रहा कि मोदी को देश की जनता अगले 5 साल के लिए फिर चुनने जा रही है। जिन्होंने बिहार को जंगलराज दिया, नौजवानों को पलायन दिया, परिवारों को गरीबी दी, जिन्होंने बिहार के लोगों को मारा-तड़पाया, माताओं-बहनों का जीवन बर्बाद किया, जो लोग आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं, जिन्हें अदालत ने घोटाले का दोषी साबित किया है, इन लोगों की आंखों में मोदी चौबीसों घंटे खटकता है। लेकिन इनकी लाख कोशिशों के बाद भी मैं आपकी सेवा में डटा रहूंगा। मैं दिल से जनता की सेवा करता हूं इसलिए देश की जनता से मेरा दिल का रिश्ता है। और इसलिए हर दिल में मोदी है! तभी तो पूरा देश कहता है....फिर एक बार...मोदी सरकार !

साथियों,

ये भूमि, मेधा की भूमि है। राष्ट्रभक्ति की अविरल गंगा यहां बहती है। राजेंद्र बाबू जैसे अनेक सपूत इस धरती ने देश को दिए हैं। ऐसी समृद्ध प्रतिभा वाली धरती की पहचान कांग्रेस और RJD वालों ने रंगदारी टैक्स के लिए बना दी थी। इंडी वालों ने पहले तो यहां से उद्योग-व्यापार का पलायन करवाया और अब ये लोग बिहार के परिश्रमी साथियों का अपमान करने में जुटे हैं। पंजाब में कांग्रेस के एक नेता हैं, दिल्ली में कांग्रेस के शाही परिवार के खासमखास हैं। कांग्रेस के ये नेता कहते हैं कि बिहार के लोगों का बहिष्कार करना चाहिए। ये कांग्रेस के नेता बोल रहे हैं और RJD वाले इनके साथ यहां आपसे वोट मांग रहे हैं। वो कहते हैं कि बिहार के लोगों को ना पंजाब में घर खरीदने देना चाहिए, न ही पंजाब में बिहारियों को कोई अधिकार देना चाहिए। बिहार के लोगों के लिए इतनी नफरत इन लोगों के दिल-दिमाग में भरी पड़ी है। क्या आपने कांग्रेस के शाही परिवार से सुना कि भाई इनका मंत्री बोल रहा है, गलत बोल रहा है। उनका नेता बोल रहा, गलत बोल रहा, ऐसा नहीं बोलना चाहिए। नहीं बोल रहे हैं। यहां RJD के लोगों ने तो कान में रुई ठूंस ली है। बिहार की मान मर्यादा, बिहारियों का सम्मान इंडी गठबंधन वालों के लिए कोई मायने नहीं रखता। साहब मैं गुजरात में था, वहां का मुख्यमंत्री था लेकिन बिहार जब अपने 100 साल मना रहा था मैंने बिहार से अनेक महानुभावों को गुजरात में बुला कर के उनका सम्मान किया था। जब DMK के लोगों ने बिहारियों को गाली दी, जब तेलंगाना के कांग्रेस के नेता ने गालियां दीं, तब भी ये शाही परिवार अपने होठों पर ताले लगा कर के बैठ गया था। क्या जिन्होंने बिहार का अपमान किया, जो दिन रात बिहारियों का अपमान करते हैं, क्या ऐसे कांग्रेस और उनके साथियों को, आरजेडी और उनके साथियों को, आपका एक वोट भी मिलना चाहिए क्या? पूरी ताकत से बताइए, एक वोट भी मिलना चाहिए क्या? एक वोट भी मिलना चाहिए क्या? अरे वोट तो छोड़ो इनको सजा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? इस बार चुनाव में एनडीए के पार्टियों का बटन दबाकर ऐसी सजा दो, ऐसी सजा दो सब पोलिंग बूथ में साफ हो जाएं, करेंगे?

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस का शाही परिवार, टुकड़े-टुकड़े गैंग को पाल-पोस रहा है। कांग्रेस, उत्तर और पूर्वी भारत से बदला ले रही है। आपने कांग्रेस को यहां से साफ कर दिया, इसलिए ये आपसे बदला ले रहे हैं। ये भारत को एक करने वाले भगवान राम का विरोध करते हैं। अयोध्या में राम मंदिर बना, आपका गौरव बढ़ा कि नहीं बढ़ा। आपका माथा ऊंचा हुआ कि नहीं हुआ। आपको संतोष हुआ कि नहीं हुआ। रामलला को अपना घर मिल गया आप खुश हुए कि नहीं हुए। ये आरजेडी-कांग्रेस वाले दुखी हैं बताओ। जिस कांग्रेस-आरजेडी की राजनीति भारत के टुकड़े टुकड़े करने वाली है उसको साफ करने की जिम्मेदारी महाराजगंज की भी है और सीवान की भी है।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस-RJD और उसके साथियों ने हमेशा इस देश को पीछे ले जाने का खेल खेला है। ये खुद लाखों करोड़ के मालिक हो गए और जनता रोटी, कपड़ा, मकान के लिए जूझती है। इंडी गठबंधन का मंच, राजनीतिक मंच नहीं लाखों करोड़ों के घोटालेबाज़ों का सम्मेलन है। भ्रष्टाचार का अता-पता उसका नाम है इंडी गठबंधन। इनके मंच पर क़रीब 20 लाख करोड़ रुपये के घोटालेबाज़ एक साथ बैठते हैं। जब ये इकट्ठा होते हैं तो इनमें तीन बुराइयां एकदम साफ नजर आती हैं। कोई अपवाद नहीं है, ये तीन बुराइयां ये इंडी गठबंधन के सबमें समान है। ये तीन बुराइयां क्या हैं, ये इंडी अलायंस वाले घोर कम्यूनल हैं, शत प्रतिशत सांप्रदायिक हैं। दूसरा- ये इंडी अलायंस वाले घोर जातिवादी हैं, शत-प्रतिशत जातिवादी। तीसरा- ये इंडी अलायंस वाले घोर परिवारवादी हैं, शत-प्रतिशत परिवारवादी। अपने बेटे-बेटी के सिवा कुछ करना ही नहीं। ये वो लोग हैं जिनकी सरकारों में देश सांप्रदायिकता की आग में जले। ये वो लोग हैं जिन्होंने सालों तक देश को जातिवाद में बांटकर पिछड़ों का हक़ मारा है। ऐसे लोग बस देश बांट सकते है, ऐसे लोग देश का ख़ज़ाने ख़ाली कर सकते हैं, लेकिन देश को आगे नहीं ले जा सकते।

साथियों,

मोदी ने अपने 10 साल में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। आखिर इंडी गठबंधन वाले अपने 60 साल में ऐसा क्यों नहीं कर पाए? इन लोगों ने गरीब को गरीब रखा ताकि उसके शाही परिवार की जयजयकार होती रहे। कांग्रेस ने देश के कानूनों को ऐसा बनाया, जिससे गरीब असहाय हो। उसे किसी दूसरे की मदद लेनी पड़े।

साथियों,

हमारे यहां आज भी जो पुलिस की व्यवस्था है, वो अंग्रेज़ों की बनाई हुई है। पहली बार मोदी ने उसको बदलने का साहस किया है। पुरानी व्यवस्था के कारण गरीब सालों-साल जेल में सड़ता रहता था। लेकिन आंतकवादी, अपराधी, भ्रष्टाचारी, लुटेरे बड़े-बड़े वकील करके जैसे-तैसे छूट जाते थे। अब ऐसा नहीं होगा। अब मोदी दंड संहिता की जगह, न्याय संहिता लेकर आया है। इससे सामान्य जन को तेज़ी से न्याय मिलेगा। अब आतंकियों का, आपको लूटने वालों का बचना और मुश्किल हो जाएगा।

साथियों,

यहां इतनी बड़ी संख्या में हमारे साथी खेती से जुड़े हैं, किसान हैं। 10 साल पहले तक एक भी रुपया किसानों को कांग्रेस सरकार से मिलता था क्या? पीएम किसान सम्मान निधि से सीवान के किसानों को अबतक करीब 1200 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। सारण के भी किसानों को 1500 करोड़ रुपए मिले हैं। सिर्फ 5 साल में ही इतना पैसा मिला है, वो भी सीधे खाते में।

भाइयों और बहनों,

गरीब का ये बेटा आज आपके जीवन को आसान बनाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहा है। आज करोड़ों गरीबों को मुफ्त अनाज मिल रहा है। आज घर-घर नल पहुंचा है, बिजली पहुंची है, टॉयलेट हुआ है। मोदी ने सस्ता सिलेंडर बहनों तक पहुंचाया है। मुझे बहनें बताती हैं कि मुफ्त इलाज की योजना से उनको बहुत फायदा हुआ है।

साथियों,

पक्का घर तो गरीब का सबसे बड़ा सपना होता है। अभी तक बिहार में करीब 40 लाख पक्के घर गरीबों को मिल चुके हैं। और मेरा एक काम करोगे? जरा हाथ ऊपर करके बताओ मेरा काम करोगे? ढीला ढाला नहीं, पूरी ताकत से बताओ करोगे? अच्छा अभी आप गांव गांव जाते होंगे, हर मोहल्ले में जाते होंगे, लोगों से मिलते होंगे, अगर आपको गांव में अभी भी कोई झुग्गी-झोपड़ी में रहता है, कोई मिट्टी की छोटी सी खोली बना कर के रहता है उसको मिलकर के कह देना कि हम मोदी जी की तरफ से आए हैं। उनको कह देना हम मोदी जी की तरफ से आए हैं और 4 जून के बाद तीसरी बार जब मोदी की सरकार बनेगी तो जिनका घर अभी कच्चा है मोदी उसको पक्का घर देगा। मेरी तरफ से बता दोगे? मेरे लिए तो आप ही मोदी हैं आप बता देंगे ना काम हो जाएगा। साथियों, मोदी ने 3 करोड़ नए घर बनाने की गारंटी दी है, इसलिए आप बता दीजिए। उसको कहिए जो 3 करोड़ बनेंगे न, उसमें उस परिवार का भी घर होगा। और आप ये भी जान लीजिए, ये जो आपको घर मिलेगा,उसमें घर की रजिस्ट्री घर की महिला के नाम पर होगी, मकान की मालकिन महिला होंगी।

भाइयों और बहनों,

यहां हमारी बहुत सारी बहनें सखी मंडलों से, दीदियों के समूहों से भी जुड़ी हैं। महिलाओं के ऐसे सभी समूहों के लिए आने वाले 5 साल समृद्धि लेकर आने वाले हैं। बहनें ड्रोन पायलट बनेंगी और ड्रोन से खेती करके कमाई करें, ये योजना मोदी ने बनाई है। मोदी की गारंटी- 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की है। जब माताओं-बहनों की आय बढ़ेगी, तो परिवार की, गांव की खरीद शक्ति बढ़ेगी। यही तो विकसित भारत का रास्ता है।

साथियों,

आपका वोट, सिर्फ MP चुनने के लिए नहीं है। आपका वोट, एक मज़बूत भारत के लिए मज़बूत PM चुनने का भी है। इसलिए, महाराजगंज से जनार्दन सिंह सिगरीवाल जी, सीवान से बहन विजय लक्ष्मी जी को और गोपालगंज से आलोक कुमार सुमन जी को ज्यादा से ज्यादा वोटों से जिताना है। जिताएंगे? घर घर जाएंगे? ज्यादा मतदान कराएंगे? अच्छा मेरा एक काम करेंगे? मेरा एक काम करेंगे? क्यों ठंडे पड़ गए भाई। इनके लिए तो बड़े उत्साह से बोल रहे हो इनके लिए बोला तो हाथ ऊपर कर दिया मेरे लिए बोला तो हाथ नीचे हो गया। मेरा एक काम करोगे, पक्का करोगे। यहां से ज्यादा से ज्यादा घरों में जाना, ज्यादा से ज्यादा परिवारों में मिलना और सबको जाके कहना कि अपने मोदी जी आए थे। मोदी जी ने आपको जय श्री राम कहा है। मेरा जय श्रीराम हर घर में पहुंचा दोगे, हर परिवार में पहुंचा दोगे?

बोलिए भारत माता की,

भारत माता की,

भारत माता की।

बहुत-बहुत धन्यवाद

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!