Congress opposes abrogation of Article 370 and CAA to enable divisive politics: PM Modi in Junagadh

जय जय गिरनारी 

जय जय गिरनारी

ये मेरा सौभाग्य है कि गिरनार की धरती पर इतने सारे संतों के दर्शन होते हैं, मुक्तानंदजी बापू के दर्शन होते हैं, मेरे महेश गिरी के दर्शन होते हैं। आप सभी संतों एवं बुजुर्गों को मेरा प्रणाम। पिछले दो दिनों से मुझे गुजरात की जनता जनार्दन के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है और गुजरात में बहुत उत्साह और उमंग मैं देख रहा हूं। यूं तो जब घर का कोई लड़का है तो सभी के मन में आशीर्वाद का भाव रहता है, लेकिन जो उत्साह और उमंग मैं देखता हूं। ये प्यार, ये आशीर्वाद बहुत बड़ी पूंजी है मेरे लिए और मुझे गर्व है कि जिस धरती पर मैंने आप सभी के चरणों में शिक्षा प्राप्त की उससे आज दुनिया की कसौटी में सफल हो रही है। आज आप सभी बुजुर्गों द्वारा मुझे दिये गये दण्ड, दीक्षा और संस्कार को मैं प्रणाम करता हूँ कि आपके संस्कारों के कारण ही आज भारत का विश्व में डंका बजा रहा है। परिश्रम मेरे भाग्य में लिखा है, परिश्रम मेरे संस्कारों की विरासत है, और शायद कड़ी मेहनत ही मेरी जिम्मेदारी के पीछे की प्रेरणा है और उसी का परिणाम है कि पिछले दस वर्षों में मुझे दिल्ली भेजने के बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और मेरे दिल में केवल एक ही नाम है - मेरा भारत। मेरा भारत मेरा परिवार, उन्हीं मूल्यों के साथ एक बड़े संकल्प के साथ मैं काम कर रहा हूं और 2024 में एक बहुत बड़े संकल्प के साथ, देश के चरणों में मेरा आने वाला समय, ईश्वर द्वारा दी गई उम्र, देश के लिए न्योछावर होना है। पल पल आपके लिए।  पल पल देश के लिए,24/7 फॉर 2047 और सपना है एक विकसित भारत। 2047 में जब देश आजादी के 100 साल का जश्न मनाएगा तो पूरी दुनिया एक स्वर से कहेगी कि भारत दुनिया का एक विकसित राष्ट्र बन गया है और जब भारत विकसित होगा तभी मेरा गुजरात पांच साल पहले विकसित होगा ।

और इसी संकल्प को पूरा करने के लिए ये चुनाव, भाइयो-बहनो, ये चुनाव कोई आम चुनाव नहीं है, ये देश के लिए तो जरूरी है ही, दुनिया के लिए भी भारत में मजबूत और स्थिर सरकार जरूरी है। और मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से यह चुनाव महत्वाकांक्षा के बारे में नहीं है। देश की जनता ने 2014 में उस महत्वाकांक्षा को पूरा किया था। 

2024 का चुनाव मोदी की महत्वाकांक्षा के लिए नहीं बल्कि मोदी के मिशन के लिए है। और मेरा मिशन देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए है, मेरा मिशन देश को आगे ले जाना है।

लेकिन कांग्रेस का एजेंडा क्या है? कांग्रेस कह रही है कि वह अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेगी, जिसे मैंने कश्मीर में से हटाया था। इस देश में जो भाई-बहन संविधान को सिर पर रखकर नाच रहे हैं, उनके पास पंचायत से लेकर संसद तक सारी शक्ति थी, कश्मीर में भी उनकी सरकार थी, लेकिन जब वे देश के संविधान को हर जगह लागू नहीं कर पाए। मोदी के आने तक देश में दो संविधान थे । देश एक संविधान से चलता था और जम्मू-कश्मीर दूसरे संविधान से चलता था। क्या यह बाबा साहेब अम्बेडकर का अपमान नहीं था? क्या यह भारत के संविधान का अपमान नहीं था? क्या यह भारत के करोड़ों लोगों का अपमान नहीं था? मैं सरदार पटेल की धरती से आता हूं, अगर सरदार पटेल होते तो देश का संविधान सम्मानपूर्वक जम्मू-कश्मीर में लागू होता। लेकिन जो काम सरदार साहब ने अधूरा छोड़ दिया था, उसे इस धरती का बच्चा, आपका बेटा, आपका सेवक पूरा किया है। 370 खत्म हो गया, 370 जमीन में दफन हो गया और मैं कांग्रेस के राजघराने, कांग्रेस के शहजादे को खुली चेतावनी दे रहा हू, अगर उनका कोई छिपा हुआ एजेंडा है तो वह देश के सामने आकर यह कहने की हिम्मत करें कि वह धारा 370 फिर से लागू करेंगे और मैं यह भी देखता हूं कि उनमें बाबा साहब अंबेडकर का अपमान करने की कितनी हिम्मत है!

हम वहां कहते हैं कि खिलाड़ी और घोड़ा हसबारा, और इसीलिए उनका एजेंडा समजने जैसा है ।  CAA कांग्रेस का दूसरा एजेंडा है। हमारे पड़ोसी देशों में जो हिंदू हैं, जो भारत माता की संतान हैं, उनका एक ही अपराध है कि वे हिंदू धर्म को मानते हैं, जैन धर्म को मानते हैं, बौद्ध धर्म को मानते हैं, ईसाई धर्म को मानते हैं, पारसी धर्म को मानते हैं और इसी वजह से वहां उन पर अत्याचार होता है।  वहां से उन्हें भगा दिया जाता है, भारत माँ की गोद ही उनका सहारा है। वे लोग कहां जाएंगे? अगर उन्हें नागरिकता देने का कानून बना तो कहा कि उसे भी ख़त्म कर देंगे! फिर से रद्द कर देंगे, मैं कांग्रेस को चुनौती दे रहा हूं, मैं उसके नारों को भी चुनौती दे रहा हूं कि न तो आप देश में फिर से 370 ला सकते हैं और न ही CAA हटा सकते हैं। मैंने कानूनी कानून बनाकर तीन तलाक पर रोक लगायी। ताकि देश की मुस्लिम बहनों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिल सके। अगर कोई सिरफिरा तीन बार तलाक दे दे और बेटी की जिंदगी खराब हो जाए तो न केवल बेटी बल्कि उसके माता-पिता, भाई-बहन जिनकी शादी हो गई और बेटी घर वापस आ गई तो परिवार का क्या होगा? मैं ऐसे परिवारों की रक्षा करना चाहता था इसलिए मैंने कानून बनाकर तीन तलाक पर रोक लगा दी। मैं कांग्रेस को चुनौती देता हूं, मैं शहजादा को चुनौती देता हूं, वो लोग खुलकर कहे कि हम तीन तलाक लागू करेंगे। ये मोदी हैं, आप मोदी का मुकाबला नहीं कर सकते । कांग्रेस के एक सांसद दक्षिण भारत को अलग करने की मांग कर रहे हैं । देश इतना बंटा हुआ है, और कितना बांटोगे? राजनीति इतनी निम्न स्तर की हो गयी है? इंडी अलायंस की साथी पार्टी विभाजन की बात कर रही है ।

साथियो,

कांग्रेस के लोगों को विभाजन की मानसिकता विरासत में मिली है। यह कांग्रेस ही है जिसने सत्ता के लिए देश का विभाजन स्वीकार किया। तमिलनाडु के पास एक कचडविपु द्वीप, एक पूरा द्वीप, कांग्रेस सरकार ने आजादी के 30 साल बाद एक पड़ोसी को दे दिया और वह भी ऐसे ही दे दिया । अपनी निजी विरासत हो ऐसे दे दिया की ले लो वह द्वीप और मौज करो । कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उस द्वीप पर कुछ भी नहीं है, वहां क्या होता है? भले ही वे ले लें । क्या आप ऐसी विचारधारा वाले लोगों की कल्पना कर सकते हैं? मैं ऐसा सोचकर भी कांप उठता हूं और अगर सरदार वल्लभभाई पटेल नहीं होते तो उन लोगों को मेरे गुजरात के गौरव की चिंता नहीं होती और मेरा जूनागढ़ भी पाकिस्तान पहुंच जाता। मेरे गीर के ये शेर जब दुनिया के सामने दहाड़ रहे होंगे तो ये हमारे पास नहीं होंगे।

साथियो,

ये सरदार पटेल की ही देन है कि भाइयो, आज हम यहां बैठ कर भारत के भाग्य पर चर्चा कर सकते हैं। मित्रों, कांग्रेस पार्टी जैसी खतरनाक मानसिकता, कांग्रेस के मन में गुजरात को लेकर जो चिड़चिड़ापन और नफरत है, अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो ये गुजरात के लिए, देश के लिए खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती है। ये लोग तो यह भी  कहेंगे की कच्छ के रेगिस्तान में कुछ नहीं है, घास नहीं है, वनस्पति नहीं है, तो उसे भी बेच दो। इनको कुछ पड़ी नहीं है, यह लोग इसका भी सौदा कर सकते है । यहां गुजरात के तटीय इलाके भी हैं, कई द्वीप भी हैं जहां कोई नहीं रहता, ऐसे द्वीपों का भी कांग्रेस सौदा कर सकती है । और ये मोदी हैं, प्रधानमंत्री बनने के बाद अरे इन मीडिया वालों को भी रिसर्च करना चाहिए, भारत के पास कितने द्वीप हैं, इसकी जानकारी भारत सरकार को नहीं थी। मेरे आने के बाद मैंने एक उपग्रह सर्वेक्षण किया, हमारे भारत के चारों ओर समुद्र में लगभग 1300 द्वीप हैं और कुछ द्वीप सिंगापुर से भी बड़े हैं। और मैंने इनमें से कुछ द्विपो को विकसित करने का भी निर्णय लिया हैइन पर्यटकों को इधर-उधर जाने की जरूरत नहीं होगी, यहां पर्यटकों के लिए जगह बनाई जाएगी । ये संभावनाएं हैं और ये हमारे समुद्री तटों पर भी हैं। इन सभी को विकसित करना होगा ।  

साथियो,

कांग्रेस का बस चले तो वह हिमालय पर्वत को भी बेच सकती है,क्योंकि वहां भी कोई नहीं रहता,देश को कांग्रेस के ऐसे खतरनाक विचारों से सावधान रहना होगा।जब तक कांग्रेस सत्ता में रही, देश की सुरक्षा खतरे में रही। यह पता नहीं था कि बम्ब कब और कहाँ फ़टेगा । यहां 20, 22, 25 साल के नौ- युवा हैं जो पहली बार मतदान करने जा रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि दस साल पहले देश की क्या हालत थी क्योंकि तब उनकी उम्र 8-10 साल रही होगी ।  आपको याद होगा कि अगर आप हवाई जहाज से यात्रा कर रहे हैं, अगर आप रेलवे से यात्रा कर रहे हैं, तो माइक्रोफोन से 24 घंटे लगातार सूचना मिलती रहती है कि अगर आपको कोई अवैध वस्तु दिखे तो उसे न छुएं। कहीं भी कोई लावारिस बैग पड़ा हो तो उसे न छुएं, पुलिस को सूचना दें। यदि कोई टिफिन या खिलौना कहीं लावारिस पड़ा मिला तो डर रहता था कि कहीं उसमें बम न हो और विस्फोट न हो जाए। ऐसी सूचनाएं 2013-2014 तक जारी की जाती रहीं थी । आपके द्वारा गुजरात के इस बेटे को पद पर बैठाने के बाद ऐसी खबरें बंद हो गईं या नहीं? क्या आपने कभी किसी लावरिश चीज के बारे में सुना है? जो लोग लावारिश की कहानियाँ सुनाते थे वे लावारिश हो गए। मित्र राष्ट्र सीमा पार से गोलियाँ बरसा रहे थे, जवाबी कार्रवाई के लिए हमारे जवानों को दिल्ली के जवाब का इंतज़ार करना पड़ा। जवान शहीद हो रहे थे लेकिन दिल्ली कार्रवाई की इजाजत नहीं दे रही थी । पहले कांग्रेस पाकिस्तान को अलग नजरिये से देखती थी, पाकिस्तान के इशारों पर फैसले लेती थी । आज इको सिस्टम मौके की तलाश में है कि कांग्रेस आये और उनके जीवन में फिर से खुशियाँ भर जाये। 

क्या देश दोबारा ऐसे दिन आने देगा

क्या देश फिर ऐसे दिन देखना चाहता है?

क्या ऐसे लोगों को मिलेगी दोबारा एंट्री

तो देखिए सोशल मीडिया पर उनकी बेचैनी, पूरी ताकत से जबरन और फर्जी प्रचार किया जा रहा है, उसका अपना चेहरा नहीं चल रहा तो मोदीका चेहरा AI का उपयोग करके फेक विडिओ चला रहे है ।  भाजपा नेताओं का चेहरा और उनके द्वारा फैलाया जा रहा झूठ, यह गेम आज देशभर में खेला जा रहा है, दुकान तो प्रेम से खुल रही है लेकिन सामान मजबूरी में बिक रहा है। 

साथियो,

कांग्रेस अब अपना मोहर उतारकर अपने असली रंग में आ रही है। पहले कांग्रेस पार्टी 500 साल बाद अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बना रही थी, आजादी के 75 साल बाद भी उन्होंने इसे रोकने की कोशिश की और अदालत के माध्यम से भी प्रयास किया और यह मेरा सौभाग्य है और आपका आशीर्वाद है, अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन गया। लेकिन जब उन्हें प्राणप्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित किया गया तो उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया,यह कहाँ का संस्कार है? मंच पर आने के बाद जब मैंने पहली बार संतों को देखा तो सिर झुकाकर उन्हें प्रणाम किया। यही हमारा संस्कार है, संस्कृति है, परंपरा है । 

साथियो,

कांग्रेस ने यह भी कारण बताया है कि उसने यह निमंत्रण क्यों ठुकराया। कांग्रेस ने कहा है, उनके अध्यक्ष ने कहा है कि उनका लक्ष्य भगवान राम को हराना है ।  आपने सुना होगा और ये बात कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कही है. और कहते हैं कि शिव राम को हरा देंगे। वे समाज को बांटने की भी बात करते हैं. कांग्रेस पार्टी यह चुनाव लोकतंत्र के लिए नहीं लड़ रही है, कांग्रेस यह चुनाव भगवान श्री राम के खिलाफ लड़ रही है, बनाया है।  मैं आप से पूछना चाहता हूं कि भगवान राम किसे हराकर किसे जीतना चाहते हैं? कोई मुझे बताए कि अगर भगवान राम हार गए तो कौन जीतेगा? ये लोग क्या सोच रहे हैं और इन्हीं विचारों के कारण मुगलों ने 500 साल पहले राम मंदिर को तोड़ दिया था । और इन्हीं विचारों के साथ हमारे सोमनाथ मंदिर को भी तोड़ दिया गया और हमारे देश के वीरों ने सोमनाथ के अंदर 17 लड़ाईयां लड़ीं, बलिदान दिया। यह कांग्रेस पार्टी, हम इसे हराएंगे, हम इसे नष्ट कर देंगे, यह कौन सी भाषा बोलती है ।

साथियो,

कांग्रेस के लिए यह जीतने का चुनाव नहीं बल्कि अपना अस्तित्व बचाने का चुनाव है, यही कारण है कि कांग्रेस धर्म के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने के लिए मैदान में उतरी है और हमारे और कांग्रेस के बीच अंतर स्पष्ट है। उनके लिए तुष्टिकरण है और हमारे लिए संतुष्टिकरण है,हम देशवासियों की संतुष्टि के लिए काम करते हैं। यहाँ तक कांग्रेस का घोषणापत्र भी मुस्लिम लीग की भाषा में लिखा गया है। हमारे यहां कहावत है कि हथेली में चांद दिखता है । अब अगर आप उसका हाथ देखेंगे तो सिर्फ चांद ही नजर आ रहा है, बाकी कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। कर्नाटक में कांग्रेस ने धर्म के नाम पर मुसलमानों को ओबीसी समुदाय का आरक्षण दिया. जब देश का संविधान बना तो उस पर महीनों तक बहस हुई और उस समय देश के संविधान निर्माता न तो आरएसएस के सदस्य थे और न ही भाजपा के। कांग्रेस के मूल नेता बाबा साहेब अम्बेडकर थे और महीनों की चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि भारत में धर्म के नाम पर कोई आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए। दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को सामाजिक कारणों से आरक्षण दिया गया। लेकिन कांग्रेस ने कर्नाटक में रातों-रात फतवा घोषित कर दिया। एक आदेश निकाला, कर्नाटक में सभी मुसलमानों को ओबीसी घोषित कर दिया गया। वहां ओबीसी को 27% आरक्षण मिला, उसका बड़ा हिस्सा लूट लिया क्यों? उनके मन में उनका वोट बैंक भरा हुआ था । ये कोशिश कांग्रेस ने आंध्र में भी की थी. और अब कांग्रेस संविधान में बदलाव कर देश भर में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों के आरक्षण को कम करने की योजना लेकर आई है । लेकिन मोदी ने कांग्रेस मनसूबा को देश की जनता के बीच खुले मंच पर ला दिया है. मैंने गारंटी दी है कि जब तक मोदी जिंदा हैं तब तक एसटी, एससी, ओबीसी के आरक्षण, सामान्य समाज के गरीबों के आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी और धर्म के नाम पर कोई आरक्षण नहीं होने दिया जायेगा । 

भाइयों और बहनों,

मैं पिछले नौ दिनों से कांग्रेस को तीन चुनौतियां दे रहा हूं।

मेरी पहली चुनौती है कि कांग्रेस लिखकर दे कि कांग्रेस संविधान नहीं बदलेगी और धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देगी. 

मेरी दूसरी चुनौती है कि कांग्रेस लिखकर दे दे कि एसटी, एससी, ओबीसी और सामान्य वर्ग को जो 10 फीसदी आरक्षण मिलता है, उसे छीने नहीं. 

मेरी तीसरी चुनौती यह है कि कांग्रेस यह लिखकर दे कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वह कर्नाटक की तरह अन्य राज्यों में ओबीसी समुदाय के आरक्षण में कटौती करके वैसा पाप नहीं करेगी।

ये देश को लिखो, मैं लगातार कह रहा हूं, लेकिन वो लोग कुछ नहीं बोल रहे हैं, तो ये कांग्रेस का निजी एजेंडा है. इसका मतलब है कि उनकी विचारधारा में खोट है और मैं आपको चेतावनी देने आया हूं कि हम उन्हें यह पाप नहीं करने देंगे। कांग्रेस मेरी चुनौतियों से भाग रही है और अगर कांग्रेस कुछ भी कहती है तो उसका छिपा हुआ एजेंडा उजागर हो जाएगा ।

साथियो,

जूनागढ़ सहित ये पूरा क्षेत्र हमारा समुद्री तट है। मैं समझता हूं कि देश के विकास में कोस्टल इकोनॉमी की बहुत जरूरत है, इसलिए मैं ब्लू इकोनॉमी पर जोर देता हूं। जब तक कांग्रेस यहां थी, उसने गुजरात के तटीय क्षेत्रों के विकास को नजरअंदाज किया। पहली बार हमारी सरकार ने गुजरात की तटीय अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने के लिए काम किया है। हमारी भाजपा सरकार ने ही पहली बार मछुआरों के साथ-साथ किसानों को भी किसान कार्ड उपलब्ध कराया। हम तटीय बुनियादी ढांचे पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम सूत्रपाड़ा, नवलबंदर और वेरावल बंदरगाहों का विकास कर रहे हैं। 22 हेक्टेयर में 7000 से अधिक नावों को रखने की क्षमता वाला मछली पकड़ने का बंदरगाह तैयार किया जा रहा है। ऐसे प्रयासों के कारण ही गुजरात का मछली निर्यात 8% से अधिक बढ़ गया है। आज, गुजरात जापान को निर्यात किए जाने वाले सुरीमी मछली का अग्रणी उत्पादक है। बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में मछुआरों के आर्थिक विकास की गारंटी दी है. हम पीएम मत्स्य सम्पदा योजना का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा संकल्प मछुआरे भाइयों और बहनों के लिए बीमा कवरेज प्रदान करना है और हम इसे बढ़ाएंगे, लेकिन हम प्रसंस्करण इकाइयां भी बनाएंगे और समुद्री उपज की खेती को भी बढ़ावा देंगे। देश की आजादी के बाद हमारी विशाल तटरेखा के बावजूद कोई अलग मंत्रालय नहीं था। पहली बार भाजपा ने मछुआरों के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया है क्योंकि हम नीली अर्थव्यवस्था, मछुआरों के जीवन, तटीय क्षेत्रों में आमूलचूल परिवर्तन लाना चाहते हैं। मित्रों, गुजरात की धरती, मुझे याद है जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और बाहर जाकर बातें करता था कि हमारा बजट पानी पर बहुत बड़ा है और ऐसे भी दिन थे जब गुजरात में 10 साल में से 7 साल सूखा रहता था, हम पानी के बिना संघर्ष कर रहे थे. आज गुजरात में हमने 20 साल तक पानी के लिए कड़ी मेहनत की, आंदोलन चलाया, अमृत झीलें बनाईं, चेक डेमो बनाए, सुजलाम सुफलाम योजना चलाई। इन सभी प्रयासों का ही परिणाम है कि आज हम अपने घर तक, अपने खेतों तक पीने का पानी पहुंचा सकते हैं। नर्मदा नदी का लाभ सभी तक पहुँचाने के लिये सभी योजनाएँ चल रही हैं। जल जीवन मिशन, हर घर में नल का पानी, मेरी माताओं-बहनों को 2-2 किलोमीटर खाट ढोना पड़ा, सब बंद कर दिया। मोदी ने बेड़ियाँ हटा दीं । घर में नल से पानी मिलता है, जूनागढ़, अमरेली में अब सभी गांवों में पानी पहुंचाने के लिए बड़ी पाइपलाइनें हैं, जब मैं गुजरात के बाहर जाता था और कहता था कि पाइपलाइन इतनी बड़ी है कि मारुति चल सकेगी, तो वे आश्चर्यचकित हो जाते थे। गुजरात के लोगों ने देखा है कि अंदर घर बनाने लायक बड़े-बड़े पाइप हैं, जो मैंने जमीन में खोदे हैं। अमरेली में सौनी योजना से 30000 हेक्टर भूमि को सिंचाई का लाभ मिला है । यह व्यवस्था की गई है कि आदिवासी किसान तीन फसलें ले सकते हैं। मैंने सतत विकास के लिए बुनियादी ढांचे पर जोर दिया है। सोमनाथ से भावनगर राष्ट्रीय राजमार्ग, जूनागढ़ में 300 करोड़ रुपये की 4-लेन सड़क पर काम चल रहा है।  मैं सोमनाथ और जूनागढ़ के बीच केशोद हवाई अड्डा बनाना चाहता हूं, मैं दुनिया भर से पर्यटकों को यहां लाना चाहता हूं। गिर का सिंह देखा, मेरा सोमनाथ देखा, दिव दमन देखा मैं उन भाइयों के लिए बड़ा काम करना चाहता हूं। जूनागढ़ जिले में पर्यटन की इतनी संभावनाएं हैं, जब मैं बाहर से कहता हूं कि आप मेरे जूनागढ़ में जितने दिन चाहें, दूसरे 7 राज्यों में घूम सकते हैं। गिर सोमनाथ कोडिनार एक बड़ा बंदरगाह बनाने का विजन है और दस साल की उपलब्धियां, 5 साल का संकल्प और 25 साल का विजन लेकर हम आज देश में आए हैं।

भाइयों, पीएम सूर्यघर योजना मेरा सपना है कि आपका बिजली बिल जीरो हो जाए, मेरा सपना है कि आपकी कार, स्कूटी, स्कूटर का पेट्रोल बिल जीरो हो जाए।  क्या आप जानते हैं ये मोदी जी क्या कहते हैं! मैं सच्चा गुजराती हूं। पीएम सूर्यघर योजना सरकार पैसे देती है, अपने घर के ऊपर सोलर पैनल लगवाएं, घर में मुफ्त बिजली का उपयोग करें और सरकार अतिरिक्त बिजली खरीदकर आपको पैसे देगी। इतना ही नहीं, आप जो बिजली पैदा करते हैं, उससे आपका स्कूटर अब इलेक्ट्रिक वाहन बनने वाला है और चार्ज होने के बाद यहां से भावनगर, जामनगर, राजकोट, अहमदाबाद जाएगा। 

अरे लहर लहर, एक रुपया भी लागत नहीं। कान के बिना ही सब कुछ मुफ़्त ।

7 मई, वोटिंग दें है, ज्यादा दिन नहीं बचे हैं, ज्यादा से ज्यादा वोट करना है, सारे रिकॉर्ड तोड़ देना है, वोट करना है? आपको बूथ पर बैठना है, पिछली बार आपको 600 वोट मिले थे, इस बार आपको 700 वोट डालने हैं और जब आप वोट डालने जाएं तो गांव में छोटे-छोटे जुलूस निकालना, भाई, गांव है तो 10 जुलूस गांव में 25-25 लोग हो जाएं, श्री राम थाली बजाएं, श्री राम बजाएं और लोकतंत्र का जश्न मनाएं और उत्साह से मतदान करें।

मेरी दूसरी मांग है सभी बूथ जीतना है भाई, आपको मुझे 26 सीट देनी है भाई, मुझे नजरअंदाज मत करना, ये मत सोचना कि मैं आपके घर का हूं, मुझे निराश मत करना, मुझे यकीन है, लेकिन ये मैं एक बड़ा काम लेकर आया हूं, मुझे पोलिंग बूथ पर जीतना है भाई। कड़ी मेहनत से पोलिंग बूथ पार करना है और 7 तारीख को जूनागढ़ से अपने साथी राजेश चुडासमा को भारी मतदान से जिताना है । 

मेरी अपेक्षा है कि पोरबंदर से हमारे मनसुखभाई मंडाविया, अमरेली से हमारे भरतभाई सुतारिया और माणावदर विधानसभा के उपचुनाव में हमारे पुराने मित्र भाई अरविंद भाई विजयी हों और भारी मतों से विजयी हों।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।