भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
अररिया के इ पावन धरती मा, अहाँ सब के प्रणाम करे छी !
अररिया, फणीश्वर नाथ रेणु जी की भूमि है। और जब-जब भी मुझे यहां आपके बीच आने का अवसर मिला है। हर बार, बाबा मदनेश्वर और मां काली की कृपा और आप जनता-जनार्दन आपका भरपूर आशीर्वाद मिला है। आज भी अररिया और सुपौल का ये स्नेह मेरे लिए बहुत बड़ी ऊर्जा है। बहुत बड़ी शक्ति है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। आपके इस कर्ज को उतारने के लिए मैं और ज्यादा मेहनत करूंगा। और तीसरे कार्यकाल में आपके हित में, देश के हित में और ज्यादा बड़े फैसले देश लेने वाला है।
साथियों,
मैं हिंदुस्तान के कोने-कोने में इन दिनों जनता के आशीर्वाद मांगने के लिए जा रहा हूं। और देश के कोने-कोने में जहां -जहां गया। शहर हो, गांव हो, पुरुष हो, स्त्री हो, युवा हो, युवती हो पूरे देश एक ही बात कह रहा है- फिर एक बार- मोदी सरकार। फिर एक बार- मोदी सरकार। फिर एक बार- मोदी सरकार।
भाइयों और बहनों,
आज दूसरे चरण का मतदान भी चल रहा है। ये लोकतंत्र का महापर्व है। मेरी सभी मतदाताओं से, विशेषकर युवा वोटर्स से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट डालने के लिए जाएं। मैं जानता हूं गर्मी का समय है, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी हमें देश के हित में, लोकतंत्र की मजबूती के लिए वोट देने का अपना कर्तव्य निभाना ही चाहिए। हमें एक कदम भी पीछे नहीं रहना चाहिए। और मेरा तो आपसे भी आग्रह है। जब आप यहां पर मतदान का दिवस हो, हर पोलिंग बूथ में यात्रा निकाल करके बीस-बीस, पच्चीस-पच्चीस लोग गीत गाते-गाते, थाली बजाते-बजाते, उत्सव मनाते-मनाते पोलिंग स्टेशन पर वोट देने के लिए जाना चाहिए। पोलिंग बूथ पर उत्सव का वातावरण होना चाहिए। ये लोकतंत्र है, प्रचार में कितनी ही तू-तू, मैं-मैं चलती रहे, लेकिन मतदान का दिन पूरे इलाके का उत्सव का दिन होना चाहिए।
साथियों,
2024 का ये चुनाव भारत को आर्थिक और सामरिक रूप से शक्तिशाली बनाने के लिए चुनाव है। और इसमें बिहार के आप सभी मेरे जागरुक भाई-बहनों की बड़ी भूमिका है। गुलामी के लंबे कालखंड से पहले जब बिहार समृद्ध था, तब भारत एक महाशक्ति था। आज जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए चल पड़ा है, तो बिहार की भी इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। बिहार के लोगों की प्रतिभा, यहां के लोगों की बौद्धिकता, यहां के लोगों की परिश्रम की पराकाष्ठा करके दिखाने का जो जज्बा है ना, ऐसा जज्बा कहीं और देखने को नहीं मिलता है। बिहार के इस सामर्थ्य को और बढ़ाने के लिए दिल्ली में आपका ये सेवक और यहां बिहार में हमारे नीतीश जी और उनकी पूरी टीम पूरी शक्ति से काम कर रहे हैं।
साथियों
आरजेडी-कांग्रेस के इंडी गठबंधन को ना देश के संविधान की परवाह है और ना ही लोकतंत्र की परवाह है। ये वो लोग हैं, जिन्होंने दशकों तक बैलेट पेपर के बहाने लोगों का, गरीबों का अधिकार छीना। पोलिंग बूथ लूट लिए जाते थे। बैलेट पेपर लूट लिए जाते थे। बिहार के लोग साक्षी हैं कि कैसे RJD-कांग्रेस के शासन में चुनावों में मतदान पत्र, बैलेट पेपर लूटे जाते थे। इतना ही नहीं गरीबों को तो वोट नहीं डालने के लिए घर से बाहर भी नहीं निकलने दिया जाता था। मेरे दलित भाई-बहन, मेरे पिछड़े भाई-बहन उनको तो डंडे के जोर पे घर के बाहर निकलना मना कर दिया जाता था। अब जब गरीबों को, देश के ईमानदार मतदाता को EVM की ताकत मिली है, ये जो चुनाव के दिन के लूट चलाते थे। वोट हड़प करने के खेल खेल खेलते थे। तो इन लोगों से बर्दाश्त नहीं हो रहा था। अभी भी वो परेशान हैं। और इसलिए उनका दिन-रात यही काम रहता है, कैसे भी करके इवीएम हटना चाहिए। ये बटन दबाने वाला खेल बंद होना चाहिए। यही उनका खेल चल रहा है। इंडी गठबंधन के हर नेता ने EVM को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है। लेकिन आज देश के लोकतंत्र की ताकत देखिए। बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान की ताकत देखिए। आज सुप्रीम कोर्ट ने, अभी एक-दो घंटे पहले ही मतपेटियों को लूटने का इरादा रखने वालों को ऐसा गहरा झटका दिया है। ऐसा गहरा झटका दिया है कि उनके सारे सपने चूर-चूर हो गए हैं। आज उच्चतम न्यायालय ने, सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौट करके नहीं आएगा। आज जब पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र की, भारत की चुनाव प्रक्रिया की, भारत के चुनावों में टेक्नोलॉजी के उपयोग की वाहवाही करती है, तारीफ करती है। तब ये लोग अपने निजी स्वार्थ से, बदनीयती से EVM को बदनाम करने पर लगे पड़े थे। इन्होंने लोकतंत्र के साथ लगातार विश्वासघात करने की कोशिश की है। लेकिन आज इन्हीं लोगों को देश की सर्वोच्च अदालत ने, सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करारा तमाचा मारा है। ऐसा करारा तमाचा मारा है। ये अब मुंह ऊंची करके देख नहीं पाएंगे जी।
भाइयों और बहनों,
आज का दिन लोकतंत्र के लिए शुभ दिन है। आज का दिन लोकतंत्र के लिए विजय का दिन है। मेरे साथ मैं नारा बुलवाता हूं, बोलिए। मैं कहूंगा लोकतंत्र, आप कहेंगे जिंदाबाद। लोकतंत्र जिंदाबाद! लोकतंत्र जिंदाबाद! लोकतंत्र जिंदाबाद! मैं दूसरा नारा बुलाता हूं। बाबासाहेब अंबेडकर अमर रहे-अमर रहे। बाबासाहेब अंबेडकर अमर रहे-अमर रहे। बाबासाहेब अंबेडकर अमर रहे-अमर रहे। बाबासाहेब अंबेडकर अमर रहे-अमर रहे। इंडी गठबंधन के हर नेता को, देश की जनता की माफी मांगनी चाहिए। माफी मांगनी चाहिए कि नहीं मांगनी चाहिए। माफी मांगनी चाहिए कि नहीं मांगनी चाहिए।
साथियों,
आज देश में राजनीति की दो मुख्य धाराएं बन गई हैं। एक धारा BJP और NDA की है, जिसका मकसद है देश के लोगों को सशक्त करना। हर लाभार्थी के दरवाजे तक खुद जाकर उसे लाभ पहुंचे। इसके विपरीत एक और धारा है- कांग्रेस और आरजेडी की। इंडी गठबंधन वालों का मकसद है, देश के लोगों से छीनना, उन्हें तरसाकर रखना और खुद की तिजोरी भरना। जैसे कांग्रेस हो या आरजेडी, इन दोनों पार्टियों ने बिहार के लोगों को विकास के लिए तरसाकर रखा। इन दोनों पार्टियों ने मिलकर बिहार के करोड़ों लोगों को दाने-दाने का मोहताज बना दिया था। किसी के पास खेत-खलिहान है, तो नौकरी के बदले उसकी जमीन छीन लो। किसी के पास नौकरी है, तो तनख्वाह छीन लो। किसी के पास गाड़ी है, तो गाड़ी छीन लो। कोई थोड़ा भी सामर्थ्यवान है, तो उसका अपहरण करवा लो। यही जंगलराज के दिनों का हाल था। यही आरजेडी और कांग्रेस के शासन का तरीका था। नीतीश जी ने और बीजेपी के लोगों ने और एनडीए के सब साथियों ने बड़ी मेहनत करके बिहार को उस जंगलराज से बाहर निकाला है। अब NDA की सरकार मिलकर प्रयास कर रही है कि हर लाभार्थी के दरवाजे पर पहुंचे, उन्हें अपनी योजनाओं से जोड़ें। पिछले 10 साल में बिहार के लोगों को 50 हजार करोड़ रुपये, ये आंकड़ा याद रखोगे। मेरे बिहार के लोग तो बहुत जागरूक है। मैं जो आंकड़ा बोल रहा हूं वो याद रखोगे। जरा आप जवाब दें तो मैं बोलूं। जो मैं आंकड़ा बोल रहा हूं बोल रहा हूं, याद रखोगे। जो आंकड़ा मैं कह रहा हूं, याद रखोगे। 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा से ज्यादा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत सीधा दिल्ली से आप सब लोगों के खाते में भेजे गए हैं। 50 हजार करोड़ रुपया। अररिया और सुपौल के किसानों के बैंक खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के 1600 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। कोई बिचौलिया नहीं, कोई रिश्वत नहीं, कोई कट नहीं, कोई चोरी नहीं। सीधा किसान के खाते में मोदी ने भेजा है। यहां अररिया और सुपौल, दोनों जिलों में गरीबों को 3 लाख पक्के घर मिले हैं। 3 लाख पक्के घर।
साथियों,
बहनों-बेटियों के जीवन को आसान बनाना, ये NDA की प्राथमिकता है। बहनों को उनकी सुविधा के लिए नल से जल मिला है, शौचालय मिला है। मुफ्त बिजली कनेक्शन मिले हैं। NDA सरकार की मुफ्त राशन की योजना ने हमारी माताओं-बहनों-बेटियों की बहुत बड़ी चिंता समाप्त की है। 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज वाली आयुष्मान योजना, बहनों-बेटियों के लिए नई संजीवनी बन आई है।
भाइयों और बहनों,
हम लोग तो जानते हैं, अपने परिवारों में। क्योंकि मैं भी तो आप ही तरह बिल्कुल सामान्य परिवार से, गरीब परिवार में पैदा होकर के आया हूं। और इसलिए मैंने, मैंने वो दुखदर्द क्या होता है ना, वो जीकर आया हूं। आपने भी वो ही देखा है। हमारी यहां परिवार में कोई मां बीमार हो जाए ना। गंभीर बीमारी हो, लेकिन वो घर में किसी को पता ही नहीं चलने देती। वो दुख सहन करती है। काम करती रहती है, लेकिन घर में किसी को पता नहीं चलते देती है कि उसे इतनी बड़ी मुसीबत हो रही है। क्यों कि मां के मन में विचार रहता है अगर बच्चों को, परिवार को पता चल जाएगा कि मुझे बीमारी है, तो वो मुझे अस्पताल ले जाएंगे। बहुत खर्चा होगा। ये बच्चे कर्ज कर देंगे और मेरे मरने के बाद बच्चों को कर्ज में जीना पड़ेगा। मैं अपने बच्चों को कर्ज नहीं करने दूंगी। मैं बीमारी सहन कर लूंगी, अगर मौत जल्दी आएगा तो स्वीकार कर लूंगी, लेकिन मेरे बच्चों पर मैं कभी भी कर्ज नहीं होने दूंगी। और हमारे देश की माताएं-बहनें कितना ही ज्यादा दर्द क्यों ना हो, कितनी ही बड़ी बीमारी क्यों न हो। वो सहन करती रहती है। तब मेरे मन में विचार आया कि फिर इस बेटे का दिल्ली में बैठने का क्या मतलब है। अगर गरीब का बेटा दिल्ली में बेठा है। आपका बेटा दिल्ली में बैठा है। तो हर मां मेरी मां है। उसका दर्द, उसके स्वास्थ्य की चिंता दिल्ली में उसका बेटा करेगा। और उसका इलाज का पूरा खर्चा ये आपका बेटा करेगा।
और अब मैं एक नई योजना आपके पास लेकर आया हूं। किसी भी जाति बिरादरी में पैदा हुआ हो, कुछ भी कमाता हो, शहर में रहता हो, गांव में रहता हो। अब हर परिवार में बुजुर्ग होते ही होते हैं। 70 साल की उम्र के माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, चाचा-चाची हमारे परिवार में होते ही हैं। और वह कमा-धमा तो सकते नहीं है और जब कमा-धमा सकते नहीं और बीमारी तो आ ही जाती है इस उम्र में। और बीमारी आती है तो जो बच्चे कमाते हैं उन पर खर्च आ जाता है। अब बच्चों के लिए चिंता होती है कि मां-बाप की बीमारी में पैसा खर्च करूं कि बच्चों की पढ़ाई में खर्चा करुं। और इसलिए जो 40, 50, 55 साल का बेटा जो मेहनत करके कमा रहा है, उसको एक बोझ रहता है। अब आपका यह बोझ भी मोदी उठाएगा। 70 साल की ऊपर के आपके पर किसी भी परिवार में बुजुर्ग माता-पिता हैं। अब उनका इलाज का खर्चा उनके संतानों को नहीं करना पड़ेगा, यह उनका बेटा करेगा।
साथियों,
कांग्रेस और आरजेडी, आपका हक छीनने की प्रवृत्ति से बाज नहीं आ रहे। अब कांग्रेस ने दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों के आरक्षण का हक छीनने की बहुत गहरी साजिश रची है। और ये मैं बहुत जिम्मेवारीपूर्वक करता हूं। देश के संविधान ने, बाबासाहेब अंबेडकर ने साफ-साफ कहा है कि भारत में धर्म आधारित आरक्षण नहीं हो सकता। लेकिन कांग्रेस, पूरे देश में धर्म आधारित आरक्षण के लिए जोर लगा रही है। कांग्रेस चाहती है कि उसका कर्नाटका का आरक्षण को जो मॉडल पूरे देश में लागू हो। और ये कर्नाटका का आरक्षण का मॉडल क्या है। ये कर्नाटका का रिजर्वेशन मॉडल क्या है? आप सब बिहार के मेरे भाईयों और बहनों को मैं ध्यान से समझाना चाहता हूं। और जो लोग नहीं हैं ना, उनके भी जरा मेरा ये वीडियो जरूर भेज देना। पूरे बिहार के घर-घर में पहुंचा देना। मैं जरा बड़े दर्द और दुख के साथ और आपकी चिंता है ना इसलिए मैं बात कहना चाहता हूं। कर्नाटका का मॉडल क्या है? कर्नाटका में कांग्रेस ने ये जो OBC समाज को आरक्षण मिलता है, जो 27 परसेंट का कोटा है। उसमें से चोरी करने का बहुत बड़ा खेल खेला है। उसमें से काट करके, धर्म के आधार पर मुसलमानों को देने का षडयंत्र किया है। अब सुप्रीम कोर्ट मना करे, संविधान मना करे तो उन्होंने एक नई चालाकी की है। और सभी की आंखों में धूल झोंककर के, OBC समाज की आंख में धूल झोंककर के, पर्दे के पीछे उन्होंने एक खेल खेला है। उन्होंने क्या किया रातों-रात कर्नाटका में जितने भी मुसलमान समाज के लोग थे। कितने ही अमीर क्यों ना हों। कितने ही पढ़े-लिखे क्यों ना हों। भले ही कोर्ट में जज बनकर के बैठे हों। कोई भी हो, रातों-रात उन्होंने एक कागज पे ठप्पा मार करके उनको ओबीसी बना दिया। सबको ओबीसी बना दिया। अब परिणाम क्या हुआ, जो ओबीसी समाज के लिए 27 परसेंट आरक्षण था, उसका बहुत बड़ा हिस्सा इनके खाते में चला गया। और जिस ओबीसी समाज को आरक्षण मिला था, उनका हक सवालिया निशान में फंस गया।
इन्होंने OBC के हक पर डाका डाला है। और अब यही काम कांग्रेस यहां बिहार में, देश के और हिस्सों में करना चाहती है। और यहां तो आरजेडी पूरी तरह उनका समर्थन कर रही है। आप मुझे बताइये, आरजेडी ने कांग्रेस के इस पाप के विरुद्ध में एक शब्द भी बोला है। एक शब्द भी बोला है क्या। यानि यहां बिहार के जो कुर्मी भाई-बहन हैं। कुशवाहा भाई-बहन हैं। मंडल है, यादव है निषाद है, कई सारी हमारी जातियां OBC समाज में आती हैं। और मैं खुद उसमें से आता हूं, इसलिए मुझे पता है, कि हम लोगों की जिंदगी क्या है। ओबीसी जातियों का आरक्षण छीनकर कांग्रेस- अपने चहेते वोटबैंक को देना चाहता है। मैं जरा मेरे बिहार के जागरूक नागरिकों के पूछना चाहता हूं। आप मुझे पूरी ताकत से जवाब देंगे। आप सब मुझे जवाब देंगे। जो पीछे खड़े हैं, वो भी जवाब देंगे। जो इधर बैठे हैं, वो भी जवाब देंगे। जो इतने दूर से मुझे देख नहीं पा रहे हैं, वो भी जवाब देंगे। क्या आप ओबीसी के आरक्षण को लूटने देंगे? क्या आप ओबीसी के आरक्षण पर डाका डालने देंगे। क्या आप अपना हक जाने देंगे। आज इनकी नजर OBC के हक पर है, कल कांग्रेस-आरजेडी इसी तरीके से SC-ST का हक भी छीनने का पाप करेगी, ये मैं आपको चेताना चाहता हूं।
साथियों,
तुष्टिकरण के दलदल में कांग्रेस-आरजेडी जैसी पार्टियां इतनी धंस गई हैं कि उनके लिए संविधान कोई मायने नहीं रखता। संविधान की भावना मायने नहीं रखती। बाबासाहेब की बात मायने नहीं रखती। 2011 में जब दिल्ली में RJD और कांग्रेस की सरकार थी। ये RJD वाले सरकार में थे। तब उस समय के प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह जी की कैबिनेट ने ओबीसी आरक्षण का हिस्सा छीनकर, डाका डालकर, धर्म के आधार पर वोट बैंक को आरक्षण देने की मंज़ूरी दे दी थी। उस समय जागरूक कोर्ट ने इन्हें ऐसा करने से रोक दिया था। बावजूद इसके OBC कोटे से अपने वोटबैंक को आरक्षण देना, सुप्रीम कोर्ट के मना करने के बाद भी इन्होंने घोषणापत्र में रखा।
साथियों,
जब मैं कांग्रेस द्वारा सिर्फ मुसलमानों को प्राथमिकता दिए जाने की बात करता हूं। इंडी गठबंधन का भेदभाव पूर्ण रवैया देश के सामने रखता हूं, तो कुछ लोग आग-बगूला हो जाते हैं। उनकी पूरी इकोसिस्टम पिछले एक सप्ताह से मेरे बाल की खाल उधेड़ रही है। मेरे बाल नोंच रही है। आज मैं इन सबको चुनौती देता हूं। पहले तो ये समझ लें, 25 साल हो गए आपने मुझे बहुत डराने की कोशिश की। अभी तक नहीं डरा पाए हो। अब ये कोशिश बंद कर दो।
साथियों,
इन्होंने यहां तक झूठ फैलाया गया कि कभी मनमोहन सिंह जी ने ऐसा कहा ही नहीं था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। लेकिन साथियों, आज डा. मनमोहन सिंह जी का एक और पुराना वीडियो सामने आया है, जिसमें फिर से वो वही कह रहे हैं कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। और ये वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम जो आए दिन मोदी को गालियां देता था, आज उनको जैसे सांप सूंघ गया है। सांप सूंघ गया है। जो मीडिया पहले के बयान को गलत ठहरा रही थी, उसने भी चुप्पी साध ली है। और मैं दिल्ली में उन मीडिया के लोगों को रात देर जाकर देखा था। मैं आज उनकी व्यक्तिगत रूप से आलोचना करना नहीं चाहता। और न ही ऐसे लोगों के लिए कुछ कहना चाहता हूं। लेकिन मैं देख रहा था, बिना सबूत, बिना जानकारी, बिना फेक्ट के एकदम से मोदी पर हमला बोलने के लिए नए-नए शब्दों का श्रृंगार कर रहे थे। आज वीडियो सामने आ गया है। मेरा तो मीडिया से आग्रह है कि वो इस वीडियो, मनमोहन सिंह जी के वीडियो को देश को दिखाने की हिम्मत करें। जरा देश की जनता को जागरूक करें। नहीं करेंगे, ये इनका इकोसिस्टम है। देखना आप, शाम तक गोल-मोल करके डिब्बे में बंद कर देंगे। देश को भी जानना चाहिए कि इंडी गठबंधन ने 10 वर्षों तक किस मानसिकता से सरकार चलाई है।
भाइयों और बहनों,
मैं खुलकर कह रहा हूं। पहले दिन से कह रहा हूं। इस देश के जो संसाधन है। इस देश की जो भी संपत्ति है। इस देश की जॉब की जो संभावनाएं हैं, अगर उसपर पहला किसी का हक है तो मेरे देश के गरीबों का है। मेरे देश के मजदूरों का है। मेरे देश के खेत में मजदूरी करने वाले किसानों का है। मेरे देश में गरीबी में जीने वाली मेरी माताओं-बहनों का हक है। किसी भी धर्म के क्यों न हों, लेकिन अगर वो गरीब है, तो पहला हक उस गरीब का है। ये मोदी की सोच है। कांग्रेस ने जिस तरह अपनी वोटबैंक पॉलिटिक्स के लिए देश के हिंदुओं के साथ भेदभाव किया, पक्षपात किया, आज कांग्रेस की कलई खुल गई है।
साथियों,
इस बार भी जो मुस्लिम लीगी घोषणापत्र कांग्रेस ने जारी किया है, और मैने पहले दिन कहा था, ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो पर मुस्लिम लीग की छाप है। और उसका भी सार यही, सत्ता के लिए छटपटा रहे ये लोग, संविधान तक बदलने की हद तक जा सकते हैं।
भाइयों और बहनों,
यहां नीतीश जी के नेतृत्व में इतने सालों से हम मिलकर सरकार चला रहे हैं। हर जाति, हर समुदाय, हर धर्म के लोगों के विकास के लिए काम कर रहा है। हमने किसी से कुछ नहीं छीना। संविधान के हिसाब से सबको ध्यान रखा। लेकिन कांग्रेस और आरजेडी जैसी पार्टियां अपने स्वार्थ में संविधान की मूल भावना के खिलाफ जा रही हैं।
भाइयों और बहनों,
जब कोई भी देश आगे बढ़ता है, तो उसके नागरिकों की संपत्ति भी बढ़ती है। उनकी कमाई भी बढ़ती है। उनके अवसर भी बढ़ते हैं। बीते 10 वर्षों में भारत की भी संपदा, भारत के संसाधन कई गुणा बढ़े हैं। अब आप मुझे बताइए, ये जो देश के संसाधन हैं। इन पर पहला हक गरीबों का है कि नहीं है। मेहनतकश लोगों का है कि नहीं है? जो देश को बनाते हैं, उनका हक है कि नहीं है। ये हक आपका है और मोदी आपका है। ये हक गरीब का, दलित का, पिछड़े का, आदिवासी का है। लेकिन RJD और कांग्रेस का कहना है कि इन संसाधनों पर पहला हक उनके वोटबैंक का, खास लोगों का है। कांग्रेस ने कहा है कि वो आप लोगों की संपत्ति का, आपकी जमीन का, आपके खेत का, महिलाओं के गहनों का, स्त्री धन का, अरे मंगलसूत्र की भी जांच करवाएंगे। उन्होंने घोषणा की है कि वो एक्सरे लेकर आए, एक्सरे। एक्सरे निकालेंगे, अगर सरकार उनकी बनी। और आपके घर में क्या पड़ा है। कहीं गहना दबाके छुपा के तो नहीं रखा। ये सारा हिसाब-किताब निकालेंगे। और फिर आपके पास जो भी थोड़ी-बहुत संपत्ति होगी, वो छीनकर उसे ये लोग अपने वोटबैंक को दे देंगे। मुझे बताइये, आपकी हक का, आपकी आपकी मेहनत को कोई भी चीज ये अगर छीनना चाहते हैं। ये खुली लूट होगी की नहीं होगी? ये खुली लूट होगी की नहीं होगी?
साथियों,
हमारे गांवों में सामान्य परिवार के पास कच्चा-पक्का छोटा सा घर होता है। खेत-खलिहान होता है। कई बार खेत-घर अपने पुरखों से, माता-पिता से मिलते हैं और कई बार वो खुद भी खरीद लेता है। आप सोचते हैं कि आपके जाने के बाद ये संपत्ति आपके बच्चों के काम आएगी। लेकिन कांग्रेस ने एक नई योजना बनाई है कि आपकी इस संपत्ति को भी, आप अपने बच्चों को भी पूरी-पूरी नहीं दे पाएंगे, वो कहते हैं कि 50 प्रतिशत से ज्यादा, आधे से अधिक संपत्ति ये कांग्रेस वाले कहते हैं कि आरजेडी वाले उनकी सरकार बनेगी तो जप्त कर लेंगे। सब छीन लेंगे। आप अपने बच्चों को जो संपत्ति देना चाहते हैं, आपके गुजर जाने के बाद कांग्रेस उस पर 55 प्रतिशत टैक्स लगाना चाहती है। और इसलिए ही आज देश में नया नारा गांव-गांव से सुनाई दे रहा है। हर गरीब के घर से सुनाई दे रहा है और नारा कह रहा है- कांग्रेस की लूट- जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी।
साथियों,
इंडी-गठबंधन की इस सोच को NDA को दिया आपका वोट रोक सकता है। उनको रोकने की ताकत आपके वोट में है। आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, मैं जी-जान से लड़ूंगा। लेकिन उनके ऐसे मंसूबे पार नहीं होने दूंगा। साथियों, इस क्षेत्र में नए हाईवे हो, नई रेल लाइनें हों, नई ट्रेने हों, ऐसे काम हो रहे हैं। पूर्णिया में इथेनॉल प्लांट से किसानों का कितना फायदा हो रहा है। ऐसा ही काम बिहार में नया निवेश लाएगा और निवेश से नौकरी मिलेगी। इसलिए 7 मई को कमल के फूल और तीर चुनाव चिन्ह पर हर बूथ पर भारी मतदान होना चाहिए। अररिया से मेरे साथी भाई प्रदीप कुमार सिंह जी और सुपौल से हमारे JDU के साथी दिलेश्वर कामैत जी को आप जो वोट देंगे ना, वो वोट सीधा-सीधा मोदी को भी मिलने वाला है। तो घर-घर जाएंगे। ज्यादा से ज्यादा वोट करवाएंगे। मेरा एक और काम करिएगा- घर-घर जाइएगा और कहिएगा मोदी जी आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम हर घर पहुंचा देना। मेरे साथ बोलिए
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
बहुत-बहुत धन्यवाद!