Quoteସିଏଏ କୁ ନେଇ ଇଣ୍ଡି ମେଣ୍ଟ ଦିଲ୍ଲୀକୁ ବନ୍ଦୀ କରି ରଖିଛି, ଦଙ୍ଗା ସୃଷ୍ଟି କରିଛି, କିନ୍ତୁ ସେମାନଙ୍କ ମିଥ୍ୟା ପଦାକୁ ଆସିଛି: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ
Quoteଉତ୍ତର-ପୂର୍ବ ଦିଲ୍ଲୀ ରାଲିରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ କହିଛନ୍ତି, ଦିଲ୍ଲୀର ପ୍ରଗତି ଚାଲିଥିବା ବେଳେ ଇଣ୍ଡି ଆଲାଏନ୍ସ ଏହାର ବିନାଶ କରିବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କରୁଛି
Quoteଆମ ଦେଶର ବିକାଶକୁ ତ୍ୱରାନ୍ୱିତ କରିବା ପାଇଁ ଚୟନ କରାଯାଇଥିବା ଭଗବାନଙ୍କ ଆଶୀର୍ବାଦ ବୋଲି ମୁଁ ଭାବୁଛି: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ
Quoteଭାରତକୁ ଏପରି ଏକ ସରକାର ଦରକାର ଯିଏ ଦେଇପାରିବ ସେଥିପାଇଁ ଫିର୍ ଏକ ବାର... ମୋଦୀ ସରକାର!: ଉତ୍ତର-ପୂର୍ବ ଦିଲ୍ଲୀରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

देश की राजधानी, दिल्ली के सभी भाई-बहनों को मेरा नमस्कार। आप सबने, इतनी बड़ी तादाद में और मैं ऊपर से हेलीकॉप्टर से देख रहा था, सामने वाले दोनों मार्ग पूरी तरह भरे पड़े हैं। ये उमंग, ये उत्साह, इस बात का गवाह है कि फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार। साथियों, दिल्ली के लाल किले से मैंने कहा था, यही समय है सही समय है। आज 21वीं सदी के भारत के सामने सबसे अनमोल समय आया है। आपका ये प्यार, आपका आशिर्वाद, आपका उमंग, आपका उत्साह सब कुछ मेरे सिर आंखों पर।

साथियों,

सही समय है यही समय है। ये वो समय है जब भारत तेज विकास के लिए एक लंबी छलांग लगा रहा है। चौबीस का ये चुनाव, भारत को टॉप तीन इकॉनॉमी में लाने के लिए है और चौबीस का ये चुनाव, भारत की अर्थव्यवस्था को उन ताकतों से बचाने के लिए भी है, जो अपनी आर्थिक नीतियों से भारत को दिवालिया कर देना चाहती हैं। चौबीस का ये चुनाव, भारत में गरीब के लिए, मध्यम वर्ग के लिए उसका जीवन आसान बनाने के लिए, उसके जीवन में खुशियां लाने के लिए है। और चौबीस का ये चुनाव, गरीब और मध्यम वर्ग को उन ताकतों से बचाने के लिए है जो उनकी संपत्ति छीन लेना चाहती हैं। चौबीस का ये चुनाव, भारत के युवाओं के लिए नए अवसर बनाने के लिए है। चाहे, स्पेस सेक्टर हो, सेमीकंडक्टर हो, ग्रीन एनर्जी हो, सोलर रिवोल्यूशन हो, इलेक्ट्रिक व्हिक्ल का युग हो, हर क्षेत्र में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए है। और दूसरी ओर चौबीस का ये चुनाव उस परंपरा को, उस सोच को भी हराने का है, जिसने बरसों तक भाई-भतीजावाद, परिवारवाद के चलते भारत के युवाओं का भविष्य बर्बाद करके रख दिया है। चौबीस का ये चुनाव, मजबूत भारत बनाने के लिए है। और चौबीस का ये चुनाव, उन ताकतों को हराने के लिए है जो भारत को कमजोर करना चाहती हैं। तो देश की राजनीति को एक मजबूत सरकार चाहिए। देश की राजधानी को दुनिया में प्रतिष्ठा मिले, देश की राजधानी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बने और इसलिए इस देश को चाहिए, फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार !

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साथियों,

मैं इसे ईश्वर का आशीर्वाद मानता हूं कि परमात्मा ने मुझे देश के विकास को तेज गति देने के लिए आपकी सेवा में भेजा है। पचास-साठ साल पहले मैं अपना घर छोड़कर निकला था, तब मुझे भी नहीं पता था कि एक दिन लाल किले पर तिरंगा फहराउंगा। पचास साठ साल पहले जब घर छोड़ा सबकुछ छोड़ चुका था, सब कुछ छूट गया था लेकिन तब मुझे पता नहीं था कि एक दिन ये 140 करोड़ भारतीय ही मेरा परिवार बन जाएंगे।

साथियों,

न अपने लिए मैं जिया हूं न अपने लिए जन्मा हूं। मैं आपके लिए और आपके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए जीजान से खप रहा हूं। समाज जीवन का स्वाभाविक क्रम है कि हर परिवार, घर का हर मुखिया अपने वारिस के लिए सोचता है, योजना बनता है औऱ कुछ करता भी है। मुझे तो वो भी नहीं करना है। मेरा कोई वारिस नहीं है। अगर मेरा कोई वारिस है तो आप ही मेरे वारिस हैं। 140 करोड़ देशवासी, वही मेरे वारिस हैं। औऱ इसलिए आपके लिए ही मैं दिन-रात मेहनत कर रहा हूं, मेरा पल पल आपके लिए, मेरा पल पल देश के लिए, आपके सपने ही मेरा संकल्प हैं। आपके सपने सफल हों इसीलिए ये जिंदगी आपके लिए कुर्बान है। 24X7 फॉर 2047. ये मोदी की गांरटी है। औऱ साथियों (ये पर्दा नीचे करो पीछे लोगों को दिखता नहीं है भाई, नीचे करिए आप) साथियों, देश को मजबूत बनाना है इसके लिए मजबूत सरकार चाहिए और मुझे भी मजबूत साथी चाहिए। और इसलिए दिल्ली में भी हमारे सभी उम्मीदवार आपके आशीर्वाद से विजयी हों, विकसित भारत का मेरा संकल्प पूरा करने के लिए ये मेरे साथी बनें।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लेकर निकला हूं, तब मैं आपसे प्रार्थना करता हूं ( आप लोग कुछ समझते हैं कि नहीं, आप ये बोर्ड नीचे करेंगे क्या, ये जो भी हैं वहां ये सारे इकट्ठे कर लो, कोई एक इकट्ठे कर लो सब, भाई आपका प्यार मेरे सिर आंखों पर, लेकिन इतना प्यार मत करो कि पीछे वालों को दिखाई न दे। ये लोग दूर-दूर से आए हैं उनको परेशानी नहीं होनी चाहिए।) साथियों, आप चाहते हैं कि देश में मजबूत सरकार बने, आप चाहते हैं कि दिल्ली के सभी सांसद जीत कर आएं, इसके लिए हर बूथ में कमल खिलाना होगा। हर बूथ में कमल में खिले तभी तो देश मजबूत होगा।

साथियों,

विकसित होते भारत की राजधानी भी विकसित दिखनी चाहिए, विकसित होनी चाहिए। आपने G-20 सम्मेलन के दौरान देखा है, कैसे दुनिया के शीर्ष नेता दिल्ली को देखकर चकित थे। आज यहां भारत मंडपम् और यशोभूमि जैसे आधुनिक कन्वेंशन सेंटर बन रहे हैं। नया संसद भवन, हमारी शान और बढ़ा रहा है। नेशनल वॉर मेमोरियल, आजादी के बाद देश के जवान इसके लिए मांग करते थे, इसके लिए प्रतीक्षा करते थे, देश का दुर्भाग्य देखिए, जब तक मोदी नहीं आय़ा, दिल्ली में बैठी हुई सरकारों को देश के वीर जवानों के मान सम्मान में वॉर मेमोरियल बनाने का उनको महत्व समझ नहीं आय़ा। देश में लोगों की सुरक्षा करत-करते करीब 35 हजार पुलिस के जवान शहीद हुए हैं। हमारी रक्षा करते-करते शहीद हुए हैं। उन पुलिस मेमोरियल के लिए, देश के पुलिस जवानों को सत्तर साल इतंजार करना पड़ा, मोदी आया तब जा करके बना। डॉ. बाबा साहेब का मेमोरियल, एक परिवार के लिए सब कुछ हुआ, लेकिन इतने प्रधानमंत्री हो गए, उनको स्मरण करने के लिए, उनकी राजनीति उनका परिवारवाद आड़े आय़ा। ये मोदी है जिसके रगों में लोकतंत्र जिंदा है। जो जीता है लोकतंत्र के लिए, जो खपता है लोकतंत्र के लिए और उसने देश में पहली बार सभी प्रधानमंत्रियों का म्यूजियम बनाया। ऐसे अनेक स्मारक बन रहे हैं जो आधुनिक दिल्ली के दर्शन कराते हैं। हर शाम जब कर्तव्यपथ पर हजारों परिवार खुशियों के पल बिताते हैं तब लगता है मेरी मेहनत सफल हो रही है।

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साथियों,

मोदी का 10 वर्ष का सेवाकाल, दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए नए ट्रांसफॉर्मेशन का कालखंड रहा है। मेरा फोकस रहा है Ease of Living पर, Ease of Travel पर, 10 साल पहले दिल्ली में नेशनल हाईवे की लंबाई 80 किलोमीटर थी। अब ये 160 किलोमीटर से ज्यादा हो गई है। इन 10 सालों में 4 लेन के हाईवे की लंबाई भी दोगुनी हो गई है। हज़ारों बड़े वाहनों को अब दिल्ली में आने की ज़रूरत नहीं पड़ती। दिल्ली-NCR से होकर शानदार एक्सप्रेसवे चारों तरफ बन रहे हैं। 2014 में दिल्ली मेट्रो का जितना बड़ा नेटवर्क था आज उससे दोगुना बड़ा मेट्रो नेटवर्क दिल्ली के पास है। आज दिल्ली मेट्रो में हर रोज 65 लाख लोग सफर करते हैं। ये यात्रीगण अब ध्यान दे रहे हैं कि अब मेट्रो का गेट सिर्फ विकास की तरफ खुलता है। और अब तो नमो भारत ट्रेन भी दिल्ली-NCR की नई पहचान बन चुकी है। मैं दिल्ली के लोगों को एक और बात कहूंगा आज दिल्ली में जितनी भी इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, जो पर्यावरण की समस्याएं हैं उससे मुक्ति के लिए, भारत सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। देश के बड़े बड़े शहरों को भारत सरकार इलेक्ट्रिक बसें दे रही है। आपने देखा होगा, दिल्ली को भी भारत सरकार ने ऐसी सैकड़ों बसें दी हैं ताकि दिल्ली के लोगों की सुविधा भी बढ़े औऱ पर्यावरण की भी रक्षा हो। साथियों, हम सब जानते हैं, दुनिया में कोई भी जगह हो इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास इन्वेस्टमेंट लेकर आता है। आज छोटे से छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े-बड़े बिजनेस तक सभी फायदे में हैं क्योंकि भारत सरकार दिल्ली का चौतरफा विकास कर रही है।

साथियों,

मोदी, दिल्ली के हर गरीब, हर मिडिल क्लास परिवार का जीवन आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पूरी दिल्ली में पाइप से सस्ती गैस पहुंचाने का काम तेज़ी से चल रहा है। इससे हमारी बहनों को बहुत सुविधा हो रही है। मुफ्त अनाज की योजना भी लाखों लोगों के बहुत काम आ रही है। सबके घर का सपना पूरा करना भी मोदी की गारंटी है। आप देखिए, एक तरफ Unauthorised colonies को रेगुलर करने का काम चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ झुग्गियों की जगह पक्के घर बनाने का अभियान भी जारी है। मिडिल क्लास के जो साथी अपना घर बनाना चाहते हैं उनको भी भाजपा सरकार बड़ी आर्थिक मदद देने जा रही है।

साथियों,

गरीब और मध्यम वर्ग की बचत को बढ़ाने के लिए मोदी ने एक और योजना शुरू की है। ये योजना है- पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना। ये योजना दिल्ली के लोगों के लिए ट्रिपल बेनिफिट वाली है, तीन फायदा कराएगी। इस योजना में आपका 300 यूनिट तक का बिजली बिल जीरो हो जाएगा। बिजली बिल जीरो और इसके लिए भारत सरकार आपको 75 हजार रुपए तक की मदद देगी, इसका आनलाइन रजिस्ट्रेशन चालू हो चुका है। इस 75 हजार रुपए से आप अपने घरों पर सोलर पैनल लगवा पाएंगे। घर में इस्तेमाल के बाद जो बिजली बचेगी, उसे सरकार खरीदेगा उससे आपकी कमाई होगी। तीसरा लाभ, अब जमाना, इलेक्ट्रकि वेहिकल का है, अब पेट्रोल डीजल का जमाना चला गया। अब इलेक्ट्रिक्ल वेहिकल आपकी खुद की बिजली, खुद का सोलर प्लांट औऱ आपके वेहिकल का चार्जिंग भी आपके घर में, मतलब दिन भर आप स्कूटर ले करके, स्कूटी ले करके, मोटरसाइकिल ले करके, कार ले करके अगर इलेक्ट्रिक वेहिकल है तो उसका बिल भी जीरो हो जाएगा।


भाइयों और बहनों,

राजधानी दिल्ली में हो रहे इन विकास कार्यों के बीच, इंडी गठबंधन दिल्ली को तबाह करने में जुटा है। ये लोग राजनीति का लगातार पतन करने के जिम्मेदार हैं। ये लोग, करोड़ों देशवासियों का भरोसा तोड़ने के जिम्मेदार हैं। ये लोग दिल्ली को लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे, ये लोग भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर आए थे, और अब हजारों करोड़ के घोटाले में जेल के चक्कर लगा रहे हैं। और ये कांग्रेस, ये तो पूरी तरह एक्सपोज हो गई है। पहले कांग्रेस वाले पत्रकार वार्ता करते करते क्रेडिट लेने के लिए तूफान मचा देते थे, वे कहते थे शराब घोटाले के पर्दाफाश का क्रेडिट कांग्रेस को जाता है। फिर शाही परिवार के कहने पर भ्रष्टाचारी को ही गले लगा लिया। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को भी समझ नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें? दिल्ली-हरियाणा में दोस्ती और पंजाब में कुश्ती, ये ढोंग कब तक चलेगा? दुनिया देख रही है कि कैसे एक भ्रष्टाचारी दूसरे भ्रष्टाचारी को कवर दे रहा है।

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साथियों,

एक जमाना था, जब कांग्रेस पूरे देश पर राज करती थी। इनकी उंगलियों के इशारों से सरकारें बनती और गिरती थीं। कांग्रेस की चार पीढ़ियों ने दिल्ली पर राज किया। लेकिन आज दिल्ली में चार सीट लड़ने की उनकी ताकत नहीं रही है। कांग्रेस उस सीट पर भी नहीं लड़ रही, जहां देश की संसद है, जहां इनका 10 जनपथ का दरबार है। लेकिन फिर भी, कांग्रेस का घमंड नहीं टूटा है।

साथियों,

इंडी गठबंधन वालों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ में, आपके स्वास्थ्य को भी दांव पर लगा दिया है। यहां केंद्र सरकार के अस्पतालों में 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज हो रहा है। लेकिन इंडी वालों ने यहां आयुष्मान भारत योजना पर रोक लगा रखी है। मोदी ने अब तय किया है कि हर परिवार के 70 वर्ष के ऊपर के बुजुर्गों को भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। और इससे परिवार के खर्च में बहुत बड़ी राहत होगी। बहुत बड़ी बचत होगी। लेकिन इसका फायदा दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आपको नहीं मिल पाएगा। ये लोग दिल्ली के एक भी बुजुर्ग को भारत सरकार की योजना का लाभ नहीं लेने देते। मेरा आपसे अनुरोध है, सत्तर साल के ऊपर के सब लोगों से मिलिए, उनको ये बताइए मोदी ये देना चाहते हैं लेकिन ये दिल्ली की सरकार रूकावट बनी है, एक भी बुजुर्ग का वोट ये इंडी गठबंधनों वालों को जाना नहीं चाहिए।

भाइयों और बहनों,

जब 24 घंटे दिमाग में सिर्फ वोटबैंक चलता हो, तब ना इस तरह की योजनाएं संभव हैं और ना ही तब विकास हो पाता है। इंडी गठबंधन का यही हाल है। ये तुष्टिकरण के लिए सारी हदें पार कर चुके हैं। इनका मेनिफेस्टो देखिए, ऐसा लगता है जैसे मुस्लिम लीग के दबाव में तैयार किया हो, मैनिफेस्टो में लिखा है अब सरकारी टेंडरों को धर्म के आधार पर देना चाहते हैं। ये स्पोर्ट्स टीमों में भी धर्म के आधार पर सलेक्शन करना चाहते हैं, ये देश के बजट को धर्म के आधार पर देना चाहते हैं और यही नहीं, कांग्रेस के शहजादे आपकी संपत्ति का एक्स-रे कराकर, आपके घर पर छापा मारकर, आपकी संपत्ति का आधा हिस्सा अपने वोट बैंक को देना चाहते हैं। और ये पिछले कई बरसों से ऐसा करते भी आ रहे हैं। आप जानकर चौंक जाएंगे, 2014 में चुनाव की घोषणा होने के समय डॉ मनमोहन सिंह जी की रिमोट वाली जो सरकार चलती थी, मैडम सोनिया जी जिस सरकार को पीछे से चलाती थीं, उन्होंने वोट बैंक के लिए वोट जिहाद करने वालों से सौदा किया औऱ सौदा किया कि वो वोट देंगे औऱ बदले में कांग्रेस क्या देगी? दिल्ली के लोगों की संपत्ति, हिन्दुस्तान के लोगों की संपत्ति, भारत की महान विरासत, 123 प्रोपर्टी रातों रात वोट पाने के बदले में वक्फ बोर्ड को सौंप दी गई थी। ये प्रॉपर्टी आपकी है दिल्ली वालों, 123 प्रॉपर्टी, एक दो नहीं, एक ही निर्णय में और मकसद यही था इनका वोट बैंक खुश हो और चुनाव में फायदा हो। ये संपत्तियां, दिल्ली की प्राइम लोकेशन्स में हैं। जहां एक-एक गज़ ज़मीन की कीमत कई-कई लाख रुपए है। क्या इस लूट को, दिल्ली के लोग बर्दाश्त करेंगे क्या? क्या ऐसे लोगों को माफ करेंगे क्या? इनको को चुन- चुन करके साफ करेंगे कि नहीं करेंगे?

भाइयों और बहनों,

ये मौकापरस्त गठबंधन, तुष्टिकरण के लिए देश में हिंसा भी फैला सकता है। याद कीजिए, CAA कानून आया था, तो इन्होंने दिल्ली को महीनों-महीने तक बंधक बना दिया था। पहले रास्ते रोके और फिर दंगे कराए। लेकिन आज पूरा देश देख रहा है कि इनके झूठ का पर्दाफाश हो चुका है। दिल्ली में कई-कई सालों से रह रहे शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल रही है। अभी दो परिवार यहां आए थे, वो प्रताड़ित हो करके पड़ोस से आए हुए हैं, उनको नागरिकता मिली वो खुशी जताने के लिए आए थे। औऱ ये कौन लोग हैं ये हिंदु हैं, सिख हैं, बौद्ध हैं, जैन, पारसी, ईसाई हैं ये प्रताड़ित होकर यहां आए हैं इनमें से ज्यादातर दलित परिवार हैं। इसलिए, इनका इतना विरोध किया गया? अभी कुछ देर पहले बिटिया से मिलने का मौका मिला, जो पाकिस्तान से आई थी। भाईयों-बहनों, उसे भारत की नागरिकता मिल गई है। उसे अपने उज्ज्वल भविष्य की गारंटी मिली है। ये इंडी गठबंधन वाले घुसपैठियों के लिए आंसू बहाते हैं, लेकिन जिनके साथ 1947 में जुल्म में हुआ उनको हिकारत की नज़र से देखते हैं।

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साथियों,

तुष्टिकरण की जिद में ये लोग पूरे देश को सांप्रदायिकता की भेंट चढ़ाना चाहते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे। लेकिन ये खुलेआम कह रहे हैं कि SC/ST/OBC का आरक्षण धर्म के आधार पर बांट देंगे। साथियों, राम मंदिर को लेकर भी इनका रवैया आज पूरा देश देख रहा है। अब ये लोग अयोध्या में राम मंदिर से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटना चाहते हैं। ये खुलकर कह रहे हैं कि आर्टिकल 370 वापस लाएंगे। ये खुलकर कह रहे हैं कि भारत के हमारे परमाणु हथियारों को खत्म कर देंगे। क्या ऐसे खतरनाक गठबंधन को आपका एक भी वोट मिलना चाहिए क्या?

साथियों,

25 मई को जब आप वोट डालने घर से निकलिएगा तो विकसित भारत का लक्ष्य याद रखिएगा आपको पूर्वी दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा जी, उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी जी, और चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल जी को रिकॉर्ड वोटों से विजयी बनाना है। मेरा आप लोगों से आग्रह है पहले मतदान...फिर जलपान !

मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय !

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March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।