ବିଜେଡି ଶାସନରେ ପୁରୀର ଜଗନ୍ନାଥ ମନ୍ଦିର ସୁରକ୍ଷିତ ନୁହେଁ। ଗତ ୬ ବର୍ଷ ହେଲା 'ରତ୍ନଭଣ୍ଡାର'ର ଚାବି ହଜିଛି: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ
୨୫ ବର୍ଷ ପରେ ଓଡ଼ିଶା ଏକ ନୂଆ ଇତିହାସ ରଚିବାକୁ ଯାଉଛି ବୋଲି ଆପଣଙ୍କ ଉତ୍ସାହ କହୁଛି ବୋଲି କଟକରେ ଏକ ସମାବେଶରେ ଉଦ୍ବୋଧନ ଦେଇ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ କହିଛନ୍ତି
କଟକ ଭାରତକୁ ଏକ ବିକଶିତ ରାଷ୍ଟ୍ର ରେ ପରିଣତ କରିବା ପାଇଁ ସାମର୍ଥ୍ୟ ଓ ସାମର୍ଥ୍ୟ ବୃଦ୍ଧି ଦିଗରେ ଏକ ଉତ୍ପ୍ରେରକ: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ

जय जगन्नाथ !

जय जगन्नाथ !

जय जगन्नाथ !

जय श्रीराम !

जय श्रीराम !

एठी उपस्थित समस्त मान्यगण व्यक्तिनंकू मोर नमस्कार! देवी मां चामुंडा, चंडी मंदिर, डमडमणी पीठ, मां भट्टारिका, प्रभु नीलमाधव की धरती पर आप जनता-जनार्दन के दर्शन करके मेरा जीवन धन्य हो गया। यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें आई हैं, हमारे नौजवान जो फर्स्ट टाइम वोटर्स हैं, वो तो उमंग से भरे हुए नजर आ रहे हैं। आपका उत्साह-आपका जोश ये दिखा रहा है कि 25 साल बाद ओडिशा नया इतिहास रचने जा रहा है। ओडिशा में 10 जून को भाजपा का पहला सीएम शपथ लेगा, ये तय है। और आपके आशीर्वाद से तीसरी बार मोदी सरकार दिल्ली में शपथ लेगी, ये भी तय है।

भाइयों और बहनों,

कटक, देश के सबसे पुराने शहरों में से एक है। यहां इतिहास भी है, विरासत भी है। यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस, उत्कल गौरव मधुसूदन दास, उत्कलमणि गोपबंधु दास, उत्कल केसरी हरेकृष्ण महताब ऐसे अनेक महानुभावों की प्रेरणा है। ये आधुनिक शिक्षा की नगरी है। ये विकसित भारत का सामर्थ्य बढ़ाने वाली धरती है।

साथियों,

जिस कटक का जिस ओडिशा का इतना बड़ा महत्व है उसे क्या कोई ऐसा व्यक्ति संभाल सकता है जिसको ओडिशा की संस्कृति की समझ न हो? जिसको यहां की मिट्टी की संवेदना की समझ न हो? BJD को आपने इस शताब्दी के 24-25 साल देकर देखे हैं और आपने देखा है कि परिणाम क्या निकला। अब अगले 25 वर्ष ओडिशा के विकास के लिए बहुत जरूरी हैं। (यहां बहुत सारे लोग अपने कुछ न कुछ चित्र पेंटिंग लेकर के आए हैं। जरा एसपीजी के लोग सारा कलेक्ट कर लीजिए, जो नौजवान और बच्चे कुछ लाए हैं पीछे अपना नाम पता लिख दें। मैं जरूर आपको चिट्ठी भेजूंगा। ये सुभाष बाबू बन के आया है नौजवान। बोलिए भारत माता की, भारत माता की। जिसको जो देना है अभी दे दो बाद में मुझे कोई रह जाए ऐसा ना हो जय श्री राम, जय श्री राम।) ओडिशा को अब BJD की Slow रफ्तार सरकार पीछे छोड़कर डबल इंजन वाली भाजपा सरकार चुननी है। और मेरा आपसे आग्रह है अभी मीडिया वालों ने, कुछ लोगों ने शुरू कर दिया है कि यहां हंग असेंबली बनेगी, हंग असेंबली बनेगी। यह सरासर गपबाजी है, यहां भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने वाली है। और भाजपा ही अगले 25 वर्ष में उड़ीसा को विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाएगी।

साथियों,

ओडिशा, BJD के भ्रष्टाचारी रैकेट से यहां के लोग तंग आ गए हैं। जो BJD, चिटफंड जैसे फर्ज़ीवाड़े से गरीब लोगों को धोखा देती है, BJD ने ओडिशा को क्या दिया? अगर BJD ने ओडिशा को दिया है तो Land mafia दिया है, sand mafia दिया है, coal mafia दिया है, mining mafia दिया है। BJD के विधायक और मंत्री 24X7 इसी में लगे हुए हैं। ऐसे में यहां इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास संभव है क्या? संभव है क्या? यहां इन्वेस्टमेंट आ सकता है क्या? यहां रोज़गार बन सकता है क्या? मैं तो हैरान हूं, मेरे यहां गुजरात में शायद उड़ीसा का कोई ऐसा ब्लॉक नहीं होगा, वहां के लोग गुजरात में आकर के रोजी रोटी ना कमाते हों। जो प्रदेश इतना समृद्ध है उस प्रदेश को ऐसे बर्बाद करने वाले लोगों को यह चुनाव तो सजा करने के लिए चुनाव है उन लोगों को।

भाइयों और बहनों,

BJD सरकार कैसे काम करती है, इसका कच्चा-चिट्ठा अब जनता के सामने आ रहा है। जबसे मोदी सरकार बनी है, तबसे ओडिशा के विकास के लिए मैंने रिकॉर्ड पैसा दिल्ली से यहां भेजा है, पहले टैक्स का जितना पैसा केंद्र सरकार से ओडिशा को आता था, मोदी ने उससे 3 गुना ज्यादा पैसा ओडिशा को दिया है। कांग्रेस की सरकार के दौरान जब पुरानी खनन नीति थी तब ओडिशा को करीब 5 हज़ार करोड़ रुपए मिलते थे। मोदी ने नई खनन नीति बनाई। आज ओडिशा को खनन से ही लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपए की आय हो रही है। अब आप सोचिए कांग्रेस के जमाने में 5000 करोड़, मोदी के जमाने में 50 हजार करोड़ रुपया यहां मिलता है इसके अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन के तहत भी ओडिशा को 26 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक मिल चुके हैं। यानि मोदी सरकार यहां पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा पैसा भेज रही है। लेकिन ओडिशा में BJD की भ्रष्ट सरकार इस पैसा का गोलमाल कर रही है। मैं ओडिशा के करीब-करीब हर जिले में जा चुका हूं। यहां सड़क, बिजली, पानी, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल हर चीज़ का अभाव है। तो ये पैसा किसकी जेब में गया? यहां कटक में ही देखिए, जलभराव का कितना बड़ा संकट हर साल रहता है? मैं यहां हाईवे के, रेलवे के इतने सारे प्रोजेक्ट्स भेजता हूं। लेकिन BJD के नेताओं को जब तक कट-कमीशन नहीं मिलता तब तक वो हर प्रोजेक्ट को लटकाए रखते हैं। BJD नेता, अपने करीबी ठेकेदारों को ही ठेके दिलवाकर, आपको हर तरफ से लूट रहे हैं। आप मुझे बताइए, ओडिशा के साथ ये लूट बंद होनी चाहिए या नहीं? ऐसा नहीं दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बताइए ये लूट बंद होनी चाहिए? यह लूट बंद होनी चाहिए? यह लूट कौन बंद करेगा? यह लूट बंद कौन करेगा? यह लूट बंद कौन करेगा? मोदी मोदी को मत करो, यह आपका एक वोट है ना वो ये लूट बंद करेगा। आपके वोट की ताकत है जो उड़ीसा का भाग्य बदल सकती है।

भाइयों और बहनों,

BJD के इस भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा नुकसान आप नौजवानों को ही हो रहा है। यहां से नौजवानों को पलायन करना पड़ता है। BJD सरकार यहां निवेश के लिए उचित माहौल नहीं बना पाई। एक माफिया है जो हर सेक्टर पर कब्ज़ा करके बैठा हुआ है, वो यहां कंपटीशन आने ही नहीं देता। 10 जून को हमारी सरकार आने दीजिए, भाजपा सरकार इस माफिया की कमर तोड़ने वाली है।

साथियों,

मोदी सरकार शिक्षा-कौशल विकास और आत्मनिर्भर भारत पर बल दे रही है। 10 साल में ओडिशा को IIM, आईजर ब्रह्मपुर… इंस्‍टीट्यूट ऑफ कैमिकल टैक्नॉलॉजी भुवनेश्वर, ऐसे अनेक संस्थान मिले। टेक्नॉलॉजी और टेक्सटाइल से लेकर इथेनॉल तक हर सेक्टर में मोदी सरकार ने बड़े लक्ष्य रखे हैं। इससे कटक में भी उद्योगों की संभावनाएं बढ़ेंगी। और अभी हमारे मित्र महताब जी मुझे बता रहे थे यहां पहले इतने उद्योग थे, एक के बाद एक सबको ताले लग गए। यहां का आर्थिक जीवन तबाह हो गया और इससे यहां के नौजवानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। और इसलिए साथियों, हमें यहां निवेश चाहिए, हमें उद्योग चाहिए, हमें पुराने उद्योगों का पुनर्जीवन चाहिए। साथियों और वह जब होगा और मैं आपको दिलाता हूं विश्वास, ये भाजपा में ताकत है वह कर सकती है। मैं उड़िया वासियों को वादा करता हूं, मेरे पास लंबे समय तक एक राज्य को चलाने का अनुभव है। भले मैं दिल्ली में प्रधानमंत्री रहूंगा लेकिन उड़ीसा में जो बीजेपी का मुख्यमंत्री बनेगा, उड़ीसा में जो बीजेपी की सरकार बनेगी उसको कभी भी कोई तकलीफ नहीं आने दूंगा।

साथियों,

BJD सरकार को कटक के लोगों की परेशानी से कोई सरोकार नहीं है। कटक चारों तरफ नदियों से घिरा है। लेकिन यहां पीने के पानी की समस्या है। मोदी नल से जल देना चाहता है लेकिन ये रोड़े अटकाते हैं। मोदी ने देश के गांव और शहरों में गरीबों के 4 करोड़ पक्के घर बनाए हैं। आने वाले सालों में 3 करोड़ और नए घर बनाने की गारंटी दी है। ओडिशा में भी करीब 30 लाख गरीबों के घर बने हैं। लेकिन BJD आपके लिए नए घर बनाने में लगातार अड़चनें पैदा कर रही है। गरीब को पक्का घर मिलने से रोके, ऐसा काम आपका दुश्मन ही कर सकता है।

भाइयों और बहनों,

आप यहां डबल इंजन की भाजपा सरकार बनाइए तो आपका बिजली का बिल भी ज़ीरो होगा और बिजली से कमाई भी होगी। ये कमाल मोदी सरकार की, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से होगा। और उसकी रजिस्ट्री चल रही है आप अभी भी रजिस्ट्री करवा सकते हैं ऑनलाइन जाकर के। घर की छत पर सोलर पैनल के लिए मोदी सरकार आपको 75 हजार रुपये से ज्यादा देगी हर घर के ऊपर। और अतिरिक्त बिजली भाजपा सरकार यहां जो बनेगी वह आपसे खरीदेगी। अब मुझे बताइए आपको डबल मुनाफा हुआ कि नहीं हुआ। डबल फायदा हुआ कि नहीं हुआ। पैसे की बचत हुई कि नहीं हुई। वह पैसे आपके बच्चों के काम आएंगे कि नहीं आएंगे?

साथियों,

ओडिशा भाजपा ने माताओं-बहनों के लिए जो गारंटियां दी हैं, आज उनकी पूरे देश में चर्चा हो रही है। सुभद्रा योजना से माताओं-बहनों को बहुत मदद मिलेगी। आप कल्पना कीजिए, 10 साल पहले तक माताओं-बहनों के बैंक खाते तक नहीं थे। अब ऐसी-ऐसी शानदार योजनाएं भाजपा माताओं-बहनों के नाम पर ला रही हैं। मोदी की एक और गारंटी, देश की 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का मेरा संकल्प है। तीन करोड़ लखपति दीदी बनेगी, आप कल्पना कर सकते हैं हमारी इकोनॉमी कितनी तेज चलेगी। लखपति दीदियों ने हर साल एक लाख रुपये से ज्यादा की आय और वो भी स्वाभिमान के साथ। आशा और आंगनबाड़ी से जुड़ी बहनों के लिए भी ओडिशा भाजपा ने बहुत बड़ी घोषणा की है। आंगनबाड़ी से जुड़ी बहनों को 12 हज़ार रुपए तक की सैलरी मिलेगी, ये ओडिशा भाजपा ने कहा है। इसके साथ-साथ जब यहां आयुष्मान योजना लागू होगी तो कटक के किसी भी परिवार को अपने बुजुर्गों के इलाज के लिए कोई चिंता नहीं करनी पड़ेगी। ये दिल्ली में जो बेटा बैठा है न वो करेगा। बुजुर्गों को मुफ्त इलाज की गारंटी, ये मोदी की गारंटी है।

भाइयों और बहनों,

विकास और विरासत, ये भाजपा का एजेंडा है। आपने देखा कि दिल्ली में जो जी-20 का शिखर सम्मेलन हुआ, उसमें दुनियाभर के दिग्गज नेता आए थे और सबको मोदी ने कोणार्क के चक्र के सामने खड़ा किया। कोणार्क के चक्र के सामने फोटो निकाली और उनके घरों में आज कोणार्क का सूर्य चक्र पहुंच गया। इससे पूरी दुनिया में कोणार्क का गौरव बढ़ा है। लेकिन BJD सरकार को ओडिशा की धरोहर की कोई चिंता नहीं है। जगन्नाथ जी के श्री रत्न भंडार को लेकर जो कुछ हो रहा है, उससे पूरा ओडिशा बहुत गुस्से में है। अब लोग कहते हैं कि श्री रत्न भंडार की चाबी तमिलनाडु चली गई है। अभी किसने भेजी है भाई तलमलनाडु। ये तमिलनाडु कौन ले गया है। ऐसे लोगों को माफ करोगे क्या? जिस तरह श्री रत्न भंडार की चाबी खो गई और फिर जांच रिपोर्ट को दबा दिया गया और इस मामले पर बहुत बड़े गंभीर सवाल उठते हैं। लेकिन मैं उड़ीसा के मेरे भाई बहनों को कहना चाहता हूं, साथियों ये मोदी है मैं सोमनाथ की धरती से आया हूं। जगन्नाथ की धरती की पूजा कर रहा हूं और मेरे लिए जितने भगवान सोमनाथ दादा के आशीर्वाद है इतने ही महाप्रभु जगन्नाथ जी के आशीर्वाद है। मुझ पर सोमनाथ दादा का भी कर्ज है मुझ पर महाप्रभु जगन्नाथ जी का भी कर्ज है। और इसलिए मैं उड़ीसा के एक-एक नागरिक को गारंटी देता हूं आप आश्वस्त रहिए यहां भाजपा सरकार बनते ही यह चाबी का राज खोला जाएगा। जांच रिपोर्ट आपके सामने आएगी और अगर किसी ने गड़बड़ की है तो मोदी किसी को छोड़ता नहीं है।

भाइयों और बहनों,

ये चुनाव ओडिशा के विकास और ओडिया गौरव को बचाने का है। इसलिए, ये जितने भी हमारे साथी MLA का चुनाव लड़ रहे हैं। उन सबको चुन करके हमें ओडिशा की सरकार, बीजेपी की सरकार बनानी है। सारे एमएलए के उम्मीदवार आगे आ जाएं। एमएलए के उम्मीदवार आगे आ जाएं। यह चुनाव देश को एक मजबूत सरकार देने का भी है इसलिए कटक से मित्र भर्तृहरि महताब जी को इस बार बहुत बड़ी लीड से दिल्ली भेजना है और इनको मिला हर वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में आएगा। तो ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे, हर पोलिंग बूथ जीतेंगे।

बोलिए भारत माता की,

भारत माता की,

भारत माता की।

बहुत-बहुत धन्यवाद

 

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!