Kerala's culture is known for peace, but UDF and LDF parties are indulged in political violence: PM Modi
The people of Kerala are progressive and visionary, but Congress is still living with the 19th century's thoughts. Also, the ideology of LDF is completely outdated: PM
The LDF and UDF people pretend to be opponents, but in Delhi, they 'hug' each other, says PM Modi in Pathanamthitta
The only panacea for saving Kerala is getting rid of Congress and LDF. It's the only solution through which people of Kerala will get justice: PM Modi

भारत माता की, भारत माता की।
स्वामिये…शरणम् अय्यप्पा।
पथनमथिट्टायिले एन्डे सहोदरी- सहोदरनमारे एल्ललावरकुम, एन्डे नमस्कारम

आज पथनमथिट्टा का ये माहौल बता रहा है कि इस बार केरला में कमल खिलने जा रहा है। केरला में जनता हमें पिछले चुनावों में डबल डिजिट वोट पर्सेंट वाली पार्टी बना चुकी है। अब बीजेपी के लिए डबल डिजिट सीट्स की मंजिल बहुत दूर नहीं है। बीजेपी यहां की युवा ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। यहां बीजेपी के उम्मीदवार भाई अनिल के एंटनी, आपकी सेवा के जज्बे से भरे हुए हैं। ऐसी ही freshness की केरला की पॉलिटिक्स को जरूरत है। इसलिए अब केरला के लोग भी कह रहे हैं, अबकी बार, 400 पार। इत्तवणा....नानूरिल् अदिगम्, इत्तवणा....नानूरिल् अदिगम्।

साथियों,
केरला में करप्ट और नाकाबिल सरकार होने का बहुत बड़ा नुकसान केरल के आप सब मेरे भाई-बहनों को उठाना पड़ रहा है। हम जानते हैं, यहां रबर के किसान हैं, कितनी मुसीबतों से रबड़ का किसान गुजारा कर रहा है। लेकिन LDF और UDF ने अपनी आंखें बंद कर रखी है। केरला में कानून व्यवस्था का हाल भी बहुत बुरा है। यहां तक कि चर्च के पादरी भी हिंसा के शिकार हो रहे हैं। कितने ही कॉलेज कैंपस कम्युनिस्टों के गुंडों के अड्डे बन गए हैं। महिलाएं, युवा और हर वर्ग डर में जी रहा है और राज्य सरकार में बैठे लोग चैन की नींद सो रहे हैं। केरला को इन समस्याओं से छुटकारा तभी मिलेगा, जब, ‘एक बार कांग्रेस, एक बार LDF’ की, ये जो मिलीभगत का चक्र चल रहा है न, वो चक्र जब टूटेगा तब जाके आपको न्याय मिलेगा।

साथियों,
जिन पॉलिटिकल पार्टीज का एकमात्र लक्ष्य सिर्फ सत्ता हासिल करना होता है, वो कभी भी लोगों का भला नहीं कर सकतीं। यहां LDF-UDF दोनों लड़ने का दिखावा तो कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली जाकर एक-दूसरे को गले मिल जाते हैं। यहां आपके सामने कांग्रेस वाले लेफ़्ट सरकार को फासीवादी कहते हैं, और कम्युनिस्ट पार्टी के लोग कांग्रेस को घोटालेबाज पार्टी कहते हैं, फिर दिल्ली में ये लोग आपस में मिलकर गठबंधन कर लेते हैं। कांग्रेस और लेफ्ट, इन दोनों ने ही केरला को खूब ठगा है। इस खेल को केरला के लोग अब समझ गए हैं। खासकर के मेरी माताएं-बहनें, मेरे नौजवान उनके इस खेल को बराबर समझ गए हैं।

साथियों,
कांग्रेस हो या लेफ्ट, इन दलों ने सत्ता के लालच में जिस तरह के खेल खेले, जिस तरह राज्यों को बर्बाद किया, वो भी अब लोग अच्छी तरह जानते हैं। इसलिए जिस राज्य से एक बार ये दल पराजित हो जाते हैं, ये दल निकल जाते हैं, वहां के लोग इन्हें वापस नहीं लौटने देते। अब देखिए पड़ोस में तमिलनाडु, तमिलनाडु में कांग्रेस ने 1962 में आखिरी चुनाव जीता था। यूपी-गुजरात-बिहार में भी कांग्रेस ने 4 दशक पहले आखिरी चुनाव जीता था। ओडिशा में भी कांग्रेस, 3 दशक से सरकार से बाहर ही है। देश के कितने ही राज्यों में आज कांग्रेस का एक सांसद तक नहीं है। त्रिपुरा में और बंगाल में भी अब लेफ्ट पार्टियों का सितारा इतना चमकता था, तीन-तीन चार दशक तक उन्हीं की चलती थी। लेकिन एक बार जब लोगों ने त्रिपुरा से उन्हें हटाया, बंगाल से लेफ्ट वालों को हटाया, उसके बाद कितने ही साल हो गए, कांग्रेस और लेफ्ट को कोई घुसने नहीं देता है। ऐसे राज्यों के लोगों को ये सच्चाई पता है, कि जितने साल उन्होंने कांग्रेस पर भरोसा किया, जितने साल उन्होंने लेफ्ट पर भरोसा किया, उतने साल उनके राज्य का सर्वाधिक नुकसान हुआ।

साथियों,
केरला की अपनी एक महान परंपरा है, समृद्ध परंपरा है और यहां के नागरिक प्रोग्रेसिव हैं। अच्छा सोचने वाले लोग हैं, दूर का सोचने वाले लोग हैं। जबकि, कांग्रेस और LDF, पिछली शताब्दी की पुरानी सोच से भी ज्यादा और पुरानी सोच रखने वाली पार्टियां हैं। कांग्रेस पार्टी अभी तक 19वीं सदी की सोच के साथ चल रही है। LDF भी एक विलुप्त और outdated विचारधारा पर आश्रित है। इन दोनों का कल्चर भी केरला की महान परंपराओं और प्रगतिशील जनता की विचारधारा से बिल्कुल उलट है। ये लोग संसद में आप सोचिए, 21वीं सदी में ये लोग संसद में तीन तलाक के खिलाफ जो कानून बन रहा था उसका विरोध कर रहे थे। ये लोग ओबीसी कमीशन का विरोध करते हैं। ये लोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देना है तो उसका विरोध करते हैं।

साथियों,
केरला की संस्कृति, आध्यात्मिकता से जुड़ी है। लेकिन UDF और LDF के लोग आस्था को कुचलने के लिए जाने जाते हैं। UDF – LDF वोट बैंक की राजनीति और समाज में खाई पैदा करने में लगे रहते हैं। केरला का कल्चर, शांति को बढ़ावा देने वाला है। लेकिन UDF-LDF के लोग दिन-रात राजनीतिक हिंसा में विश्वास करते हैं। केरला के कल्चर में ईमानदारी को सर्वोपरि रखा जाता है। लेकिन UDF और LDF के नाम पर घोटालों की पूरी डिक्शनरी है। LDF को सोने के जरिए लूटने के लिए जाना जाता है, और UDF की पहचान सोलर पावर की लूट से होती है। लूट का ये खेल पूरी तरह से बंद करने के लिए मैं आज आपका आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं। मुझे केरल का आशीर्वाद चाहिए। मुझे केरल के लोगों का पूरा सहयोग चाहिए।

साथियों,
यहां की करप्ट सरकार के बावजूद, बीजेपी सरकार, केरला के आप लोगों के विकास के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है। अगर मैं आपको सिर्फ पथनमथिट्टा जिले में बीजेपी सरकार के विकास कार्य बताउंगा तो आप अंदाजा लगा पाएंगे कि हम केरल के लोगों के कल्याण के लिए कितना काम कर रहे हैं। मैं एक जिले का बताता हूं। पथनमथिट्टा में Around Three Lakh Fifty Thousand परिवारों को जल जीवन मिशन के तहत नल से जल का कनेक्शन दिया गया है। पथनमथिट्टा में लगभग Five Lakh लोगों को पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन मिल रहा है। पथनमथिट्टा में One Lakh Fifty Thousand से ज्यादा किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के Three Hundred Eighty करोड़ रुपए दिए गए हैं। पथनमथिट्टा में One Lakh Fifty Thousand से ज्यादा पशुओं का वैक्सीनेशन हुआ है। यहां करीब Twelve Thousand महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन दिया गया है।

केरला के विकास के लिए बीजेपी सरकार के इन प्रयासों के बीच, ये भी जरूरी है कि केरला के लोगों की सही भावनाएं केंद्र सरकार तक पहुंचें। अगर यहां बीजेपी के सांसद होंगे, तो केरला की भावनाओं को केंद्र सरकार तक पहुंचाने में, और केंद्र सरकार की योजनाओं को यहां लागू करने में भी और आसानी होगी। केरला के लोगों को विकास की जिन योजनाओं-परियोजनाओं की जरूरत है, वो अपनी बात बीजेपी सांसदों से और बेहतर तरीके से लोग अपनी बात पहुंचा पाएंगे। और मोदी आपकी इच्छा की पूर्ति में कोई कमी नहीं रखेगा। ये मोदी की गारंटी है। ये है- मोदियुडे गारंटी।

साथियों,
मैं जब विदेश जाता हूं, वैश्विक नेताओं से मिलता हूं, तो वो सभी, खासतौर पर गल्फ देशों के नेता, प्रवासी भारतीयों और विशेषकर केरला के लोगों के बारे में बहुत बातें करते हैं। मैं भी केरला के परिश्रमी लोगों की खूब तारीफ करता हूं, केरला की ब्रांडिंग जहां जाता हूं वहां करता हूं। मैं विदेशों में लोगों को बताता हूं कि क्यों हमारा केरला इतना खास है। मुझे याद है, भारत ने 2022 में यूएई के साथ ट्रेड एग्रीमेंट किया था। इससे आने वाले वर्षों में, सैकड़ों बिलियन डॉलर के कारोबार और निवेश का रास्ता तैयार हुआ। इससे किसका फायदा होगा? इसका लाभ केरला के हमारे उन ऊर्जावान युवाओं को होगा जो बड़ी संख्या में यूएई में रहते हैं। जब 2021 में, मेरी वेटिकन में हिज होलीनेस पोप फ्रांसिस से मुलाकात हुई थी तब भी मैंने केरला का विशेष जिक्र किया था। भारत में हो रही प्रगति के बारे में जानकर भी वो बहुत प्रभावित हुए थे।

साथियों,
पिछले 10 वर्षों में हमने देश के हर क्षेत्र में, हर वर्ग के लिए जितना ज्यादा काम कर सकते हैं, करने का प्रयास किया। आप जानते हैं, हम युद्ध के बीच फंसी हमारी नर्स बहनों को भारत वापस लेकर आए थे इराक से। हमने संकट में फंसे हमारे पादरियों को बाहर निकाल करके सुरक्षित वापस लाए। कोरोना के समय दुनिया के हर हिस्से से भारतवासियों को स्वदेश पहुंचाया है। क्योंकि, जहां एक भी भारतीय परेशानी में होगा वहां उसके साथ हमारी सरकार मजबूती से खड़ी होगी। ये है- मोदियुडे गारंटी।

साथियों,
अगले कुछ दिनों में ही Easter भी आने वाला है। ये दिन हमें जीसस क्राइस्ट के आदर्शों की याद दिलाता है। मैं आप सभी को Easter की हार्दिक शुभकामनाएं भी देता हूं। हमारे पारसी भाइयों का बड़ा महत्वपूर्ण त्योहार नवरोज का त्योहार भी आने वाला है। रामनवमी और होली भी बिलकुल पास में हैं। रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। और लोकतंत्र का सबसे बड़ा फेस्टिवल भी शुरू होने वाला है। मुझे विश्वास है, केरला का बीजेपी के लिए जो स्नेह है, इस बार विशाल जनसमर्थन में बदलेगा। और इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड टूटेंगे। LDF, UDF के इस चक्र से हमारा केरला बाहर निकालेगा। और मोदी को केरला की सबसे ज्यादा सेवा करने का मौका देगा। मैं आपसे फिर ये वादा करता हूं, मोदी केरला के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा।

मेरे साथ बोलिए…भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।
बहुत बहुत धन्यवाद!

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Text of PM’s interaction with the 17 awardees of Rashtriya Bal Puraskar on the occasion of 3rd Veer Baal Diwas
December 26, 2024

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – I have written three Books, my main cause of writing books is i love reading. And I myself have this rare disease and I was given only two years to live but with help of my mom, my sister, my School, …… and the platform that I have published my books on which is every books, I have been able to make it to what I am today.

प्रधानमंत्री जी – Who inspired you?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – I think it would be my English teacher.

प्रधानमंत्री जी – Now you have been inspiring others. Do they write you anything, reading your book.

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – Yes I have.

प्रधानमंत्री जी – So what type of message you are getting?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – one of the biggest if you I have got aside, people have started writing their own books.

प्रधानमंत्री जी – कहां किया, ट्रेनिंग कहां हुआ, कैसे हुआ?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – कुछ नहीं।

प्रधानमंत्री जी – कुछ नहीं, ऐसे ही मन कर गया।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – हां सर।

प्रधानमंत्री जी – अच्छा तो और किस किस स्पर्धा में जाते हो?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैं इंग्लिश उर्दू कश्मीरी सब।

प्रधानमंत्री जी – तुम्हारा यूट्यूब चलता है या कुछ perform करने जाते हो क्या?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – सर यूट्यूब भी चलता है, सर perform भी करता हूं।

प्रधानमंत्री जी – घर में और कोई है परिवार में जो गाना गाते हैं।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – नहीं सर, कोई भी नहीं।

प्रधानमंत्री जी – आपने ही शुरू कर दिया।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – हां सर।

प्रधानमंत्री जी – क्या किया तुमने? Chess खेलते हो?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – हां।

प्रधानमंत्री जी – किसने सिखाया Chess तुझे?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – Dad and YouTube.

प्रधानमंत्री जी – ओहो।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – and my Sir

प्रधानमंत्री जी – दिल्ली में तो ठंड लगता है, बहुत ठंड लगता है।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – इस साल कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती मनाने के लिए मैंने 1251 किलोमीटर की साईकिल यात्रा की थी। कारगिल वार मेमोरियल से लेकिर नेशनल वार मेमोरियल तक। और दो साल पहले आजादी का अमृत महोत्सव और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वी जयंती मनाने के लिए मैंने आईएनए मेमोरियल महिरांग से लेकर नेशनल वार मेमोरियल नई दिल्ली तक साईकलिंग की थी।

प्रधानमंत्री जी – कितने दिन जाते थे उसमे?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – पहली वाली यात्रा में 32 दिन मैंने साईकिल चलाई थी, जो 2612 किलोमीटर थी और इस वाली में 13 दिन।

प्रधानमंत्री जी – एक दिन में कितना चला लेते हो।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – दोनों यात्रा में maximum एक दिन में मैंने 129.5 किलोमीटर चलाई थी।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – नमस्ते सर।

प्रधानमंत्री जी – नमस्ते।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैंने दो international book of record बनाया है। पहला रिकॉर्ड मैंने one minute में 31 semi classical का और one minute में 13 संस्कृत श्लोक।

प्रधानमंत्री जी – हम ये कहां से सीखा सब।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – सर मैं यूट्यूब से सीखी।

प्रधानमंत्री जी – अच्छा, क्या करती हो बताओं जरा एक मिनट में मुझे, क्या करती हो।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। (संस्कृत में)

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – नमस्ते सर।

प्रधानमंत्री जी – नमस्ते।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैंने जूड़ो में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल लाई।

प्रधानमंत्री जी – ये सब तो डरते होंगे तुमसे। कहां सीखे तुम स्कूल में सीखे।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – नो सर एक्टिविटी कोच से सीखा है।

प्रधानमंत्री जी – अच्छा, अब आगे क्या सोच रही हो?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैं ओलंपिक में गोल्ड लाकर देश का नाम रोशन कर सकती हूं।

प्रधानमंत्री जी – वाह , तो मेहनत कर रही हो।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – जी।

प्रधानमंत्री जी – इतने हैकर कल्ब है तुम्हारा।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – जी अभी तो हम law enforcement को सशक्त करने के लिए जम्मू कश्मीर में trainings provide कर रहे हैं और साथ साथ 5000 बच्चों को फ्री में पढ़ा चुके हैं। हम चाहते हैं कि हम ऐसे models implement करे, जिससे हम समाज की सेवा कर सकें और साथ ही साथ हम मतलब।

प्रधानमंत्री जी – तुम्हारा प्रार्थना वाला कैसा चल रहा है?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – प्रार्थना वाला अभी भी development phase पर है! उसमे कुछ रिसर्च क्योंकि हमें वेदों के Translations हमें बाकी languages में जोड़नी है। Dutch over बाकी सारी कुछ complex languages में।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैंने एक Parkinsons disease के लिए self stabilizing spoon बनाया है और further हमने एक brain age prediction model भी बनाया है।

प्रधानमंत्री जी – कितने साल काम किया इस पर?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – सर मैंने दो साल काम किया है।

प्रधानमंत्री जी – अब आगे क्या करोगी?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – सर आगे मुझे रिसर्च करना है।

प्रधानमंत्री जी – आप हैं कहां से?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – सर मैं बैंगलोर से हूं, मेरी हिंदी उतनी ठीक नहीं है।

प्रधानमंत्री जी – बहुत बढ़िया है, मुझसे भी अच्छी है।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – Thank You Sir.

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – I do Harikatha performances with a blend of Karnataka music and Sanskritik Shlokas

प्रधानमंत्री जी – तो कितनी हरि कथाएं हो गई थी।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – Nearly hundred performances I have.

प्रधानमंत्री जी – बहुत बढ़िया।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – पिछले दो सालों में मैंने पांच देशों की पांच ऊंची ऊंची चोटियां फतेह की हैं और भारत का झंडा लहराया है और जब भी मैं किसी और देश में जाती हूं और उनको पता चलता है कि मैं भारत की रहने वाली हूं, वो मुझे बहुत प्यार और सम्मान देते हैं।

प्रधानमंत्री जी – क्या कहते हैं लोग जब मिलते हैं तुम भारत से हो तो क्या कहते हैं?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – वो मुझे बहुत प्यार देते हैं और सम्मान देते हैं, और जितना भी मैं पहाड़ चढ़ती हूं उसका motive है एक तो Girl child empowerment और physical fitness को प्रामोट करना।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – I do artistic roller skating. I got one international gold medal in roller skating, which was held in New Zealand this year and I got 6 national medals.

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैं एक Para athlete हूं सर और इसी month में मैं 1 से 7 दिसम्बर Para sport youth competetion Thailand में हुआ था सर, वहां पर हमने गोल्ड मेडल जीतकर अपने देश का नाम रोशन किया है सर।

प्रधानमंत्री जी – वाह।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – मैं इस साल youth for championship में gold medal लाई हूं। इस मैच में 57 केजी से गोल्ड लिया और 76 केजी से वर्ल्ड रिकॉर्ड किया है, उसमें भी गोल्ड लाया है, और टोटल में भी गोल्ड लाया है।

प्रधानमंत्री जी – इन सबको उठा लोगी तुम।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – नहीं सर।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – one flat पर आग लग गई थी तो उस टाइम किसी को मालूम नहीं था कि वहां पर आग लग गई है, तो मेरा ध्यान उस धुएं पर चला गया, जहां से वो धुआं निकल रहा था घर से, तो उस घर पर जाने की किसी ने हिम्मत नहीं की, क्योंकि सब लोग डर गए थे जल जाएंगे और मुझे भी मना कर रहे थे कि मत जा पागल है क्या, वहां पर मरने जा रही, तो फिर भी मैंने हिम्म्त दिखकर गई और आग को बुझा दिया।

प्रधानमंत्री जी – काफी लोगों की जान बच गई?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – 70 घर थे उसमे और 200 families थीं उसमें।

प्रधानमंत्री जी – स्विमिंग करते हो तुम?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – हां।

प्रधानमंत्री जी – अच्छा तो सबको बचा लिया?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – हां।

प्रधानमंत्री जी – डर नहीं लगा तुझे?

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – नहीं।

प्रधानमंत्री जी – अच्छा, तो निकालने के बाद तुम्हे अच्छा लगा कि अच्छा काम किया।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता – हां।

प्रधानमंत्री जी – अच्छा, शाबास!