Congress, NC, PDP are responsible for ruining of Jammu Kashmir: PM Modi in Srinagar
Congress, NC, PDP gave Jammu and Kashmir violence & chaos: PM Modi in Srinagar
Congress, NC, PDP sold hatred for decades to keep their political shops running: PM in Srinagar

मयानिन सारनी//

कशीर बायन त//

बेनिन छु म्योन//

सेठा सेठा नमस्कार !

क्या हाल-चाल छो?

आज इतनी बड़ी तादाद में, आप आए हैं। नौजवानों का ये उत्साह, बुजुर्गों की आंखों में शांति का संदेश और इतनी बड़ी मात्रा में माताएं-बहनें, ये नया कश्मीर है। हम सबका मकसद- जम्मू-कश्मीर की तेज तरक्की है। जम्मू-कश्मीर की तेज तरक्की का जज्बा और बुलंद करने के पैगाम के साथ मैं आज आपके बीच आया हूं। मैं देख रहा हूं...आज मेरे कश्मीर के भाई-बहन खुशाम-दीद पीएम कह रहे हैं। मैं भी तहे दिल से उनका शुक्रिया अदा करता हूं।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर में इस वक्त जम्हूरियत का तवहार चल रहा है। कल ही यहां 7 जिलों में पहले दौर की वोटिंग हुई है...पहली बार दहशतगर्दी के साये के बिना ये वोटिंग हुई। हम सभी के लिए ये बहुत खुशी की बात है...गर्व की बात है...कि इतनी बड़ी तादाद में लोग वोटिंग के लिए अपने घरों से बाहर निकले। युवा हों...महिलाएं हों...बुजुर्ग हों...सभी ने खुले मन से वोटिंग की। किश्तवाड़ में 80 परसेंट से ज्यादा वोटिंग. डोडा में 71 परसेंट से ज्यादा वोटिंग...रामबन में 70 परसेंट से ज्यादा वाटिंग, कुलगाम में 62 परसेंट से ज्यादा वोटिंग...अनेक सीटों पर पिछली बार की वोटिंग के रिकॉर्ड टूट गए हैं। ये नया इतिहास बना है। ये नया इतिहास आपने रचा है...ये नया इतिहास जम्मू-कश्मीर के लोगों ने रचा है। ये दिखाता है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की एस्पिरेशंसन नई ऊंचाई पर हैं। आज दुनिया देख रही है कि कैसे जम्मू-कश्मीर के लोग भारत के लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं। इसके लिए मैं जम्मू-कश्मीर की अवाम को मुबारकबाद देता हूं।

साथियों,

कुछ दिन पहले जब मैं जम्मू-कश्मीर आया था..तो कहा था कि जम्मू कश्मीर की बर्बादी के लिए तीन खानदान ज़िम्मेदार हैं। तब से दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक ये लोग बौखलाए हुए हैं। इन तीन खानदानों को लगता है कि इन पर कोई कैसे सवाल उठा सकता है...इन तीन खानदानों को लगता है, जैसे-तैसे कुर्सी पर कब्ज़ा जमाना और फिर आपको लूटना, इनका पैदाइशी हक है। जम्मू कश्मीर की अवाम को उनके जायज हक से महरूम रखना ही, इनका सियासी एजेंडा रहा है। इन्होंने, जम्मू कश्मीर को सिर्फ, तशद्दुत यानि डर और इंतशार यानि अराजकता ही दी है। लेकिन अब जम्मू-कश्मीर, इन तीन खानदानों के शिकंजे में रहने वाला नहीं है। अब यहां का हमारा नौजवान, इनको चैलेंज कर रहा है। जिन नौजवानों को इन्होंने आगे नहीं बढ़ने दिया, वही नौजवान इनके खिलाफ मैदान में उतर आए हैं।

साथियों,

इन तीन खानदानों के राज में जम्मू-कश्मीर के नौजवानों ने जो भोगा है...जो तकलीफ सही है..वो अक्सर बाहर नहीं आ पाता। आज वादी का जो नौजवान 20-25-30 साल का है...उनमें से कई पढ़ाई-लिखाई से महरूम रह गए। बहुत सारे ऐसे हैं, जिनको 10वीं, 12वीं या कॉलेज तक पहुंचने में देश के बाकी बच्चों से ज्यादा साल लगे। ये इसलिए नहीं हुआ कि हमारे नौजवान फेल हुए। बल्कि ये इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस-एनसी और पीडीपी के तीन खानदान फेल हुए थे। इन्होंने अपनी सियासी दुकान चलाने के लिए दहाइयों तक नफरत का सामान बेचा है। कश्मीर में जो स्कूल जलाए गए, वो आग भी इनके नफरत के बाज़ार में ही बिकती थी। ये लोग नए स्कूल बनाते नहीं थे...और जो स्कूल थे भी..ये लोग उनको आग के हवाले करने वालों को शह देते थे। आप वो वक्त याद करिए...जो स्कूल-कॉलेज बच गए, वहां भी कई-कई महीनों तक पढ़ाई नहीं हो पाती थी। हमारे नौजवान स्कूल-कॉलेज से बाहर थे, पढ़ाई से दूर थे। और ये तीन खानदान...उनके हाथों में पत्थर थमाकर खुश रहते थे। इन लोगों ने अपने फायदे के लिए, हमारे बच्चों का फ्यूचर, उनका मुस्तकबिल, बर्बाद किया है।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर को टैरर से, दहशतगर्दी से आज़ाद कराना...जम्मू-कश्मीर के खिलाफ साजिश करने वाली हर ताकत को हराना...यहां के नौजवानों को, यहीं पर रोज़गार के मौके दिलाना- ये मोदी का इरादा है, मोदी का वादा है। हमारी एक और पीढ़ी को, एक और नस्ल को, इन तीन खानदानों के हाथों मैं तबाह नहीं होने दूंगा। इसलिए यहां, अमन की बहाली के लिए मैं पूरी ईमानदारी से जुटा हूं।

आज देखिए...पूरे जम्मू कश्मीर में स्कूल-कॉलेज आराम से चल रहे हैं। बच्चों के हाथ में पत्थर नहीं, बल्कि पेन हैं, किताबें हैं, लैपटॉप हैं। आज स्कूलों में आग लगने की खबरें नहीं आती...आज यहां नए स्कूल, नए कॉलेज, एम्स, मेडिकल कॉलेज, IIT बनने की खबरें आ रही हैं। मैं चाहता हूं कि हमारे बच्चे पढ़ें-लिखें...और ज्यादा काबिल बनें...उनके लिए यहीं पर नए मौके बनें।

साथियों,

ये हम कैसे कर रहे हैं...मैं सिर्फ बीते 5 साल का हिसाब आपको देता हूं। यहां करीब 50 हज़ार बच्चे, साथियों इस बात से मुझे भारी संतोष है। इसलिए मैं बड़े गर्व के साथ कहना चाहता हूं। यहां पर 50 हजार बच्चे ऐसे थे, जिनंका स्कूल छूट गया था...जिनकी पढ़ाई छूट गई थी। उन बच्चों का क्या कसूर था...? उनका कोई कसूर नहीं था। मोदी ने इन 50 हजार बच्चों का फिर से स्कूल में दाखिला कराया। यहां 15 हज़ार स्कूलों में प्री-प्राइमरी classes शुरु की गईं। इनमें आज डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। आज यहां करीब ढाई सौ स्कूलों को पीएम श्री स्कूल्स में अपग्रेड किया जा रहा है। यहां अनेक डिग्री कॉलेज, इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज बने हैं। अवंतीपोरा में एम्स बन रहा है। इन 5 सालों में यहां मेडिकल की करीब 1100 नई सीट्स जोड़ी गई हैं। नर्सिंग में भी 1500 और पैरामेडिकल में भी 1600 से ज्यादा नई सीटें जोड़ी गई हैं। अब मेरे जम्मू-कश्मीर का नौजवान मजबूर नहीं रहा...वो मोदी सरकार में मजबूत हो रहा है। मुझे खुशी है कि जम्मू-कश्मीर बीजेपी ने भी नौजवानों के रोज़गार के लिए भी बड़े ऐलान किए हैं। बच्चों का स्किल डवलपमेंट हो...बिना धांधली के काबिल लोगों को सरकारी नौकरी मिले...ये सारे काम बीजेपी यहां पूरे करके दिखाएगी।

साथियों,

यहां के तीन खानदानों ने जमहूरियत और कश्मीरियत, दोनों को रौंदा है, कुचला है। आप याद कीजिए, 80 की दहाई में इन्होंने यहां क्या किया था। इन्होंने जम्मू कश्मीर की सियासत को अपनी जागीर समझ रखा था। ये अपने खानदान के सिवाय, दूसरे किसी को आगे आने ही नहीं देना चाहते। वरना पंचायत, BDC और DDC के इलेक्शन्स को इन्होंने क्यों रोका? इनको लगता था कि इससे नए लोग सियासत में उभरेंगे...ऐसे लोग जो इनके खानदानी निज़ाम को चैलेंज करेंगे...इनकी इस खुदगर्ज़ी का नतीजा क्या हुआ? यहां नौजवानों में जमहूरियत से भरोसा कम होता गया। उनको लगता था कि वोट डालें या न डालें, आना तो इन्हीं तीन खानदानों को है।

आप ज़रा याद कीजिए किन हालातों में इलेक्शन होते थे...शाम 5-6 बजे के बाद सारी कैंपेन बंद हो जाती थी...डोर टू डोर, मिलना-जुलना संभव नहीं था। और कांग्रेस-एनसी-पीडीपी ये तीन खानदान...इससे खुश रहते थे।आपके हक-हकूक छीनकर ये लोग मौज में रहते थे। पहले के उन हालातों से अलग...अब कितना कुछ बदल गया है। आज देर रात तक कैंपेन हो रही है...
आज लोग जमहूरियत को सेलिब्रेट कर रहे हैं। यहां के युवा में भरोसा जागा है कि उनका वोट, उनका जमहूरी हक ही, सही बदलाव ला सकता है।

साथियों,

जम्हूरियत को लेकर यही आस, यही उम्मीद, बड़ी कामयाबी की तरफ ले जाने वाली पहली सीढ़ी है। आज देखिए, यहां जो ऐजाज़ हसन जैसे हमारे नौजवान हैं, वो इन खानदानी पार्टियों को चैलेंज कर रहे हैं। जब ये लोग ऐजाज हसन जैसे नौजवानों को गालियां देते हैं...तब साफ होता है कि ग्रासरूट डेमोक्रेसी से ये तीन खानदान कितने डरे हुए हैं।

साथियों,

यहां पवित्र हज़रतबल है, चरार-ए-शरीफ है, जामिया मस्जिद है, ख्वाजा नक्शबंद साहिब दरगाह जैसे स्थान हैं। यहां शकंराचार्य मंदिर है, ज्येष्ठा माता बसी हैं, खीर भवानी हैं। इन तीन खानदानों के राज में, हमारी ये पवित्र जगहें भी महफूज़ नहीं थीं। बीते दशकों में यहां फिल्मों की शूटिंग बंद हो गई थी..
यहां सिनेमा हॉल पर भी ताला लग गया था। एक दौर था, जब लाल चौक पर आना, यहां तिरंगा फहराना...जान जोखिम में डालने वाला काम था। बरसों तक यहां लोग लाल चौक में आने से डरते थे। लेकिन अब तस्वीर बदल गई है।

श्रीनगर के बाज़ारों में अब ईद और दीवाली, दोनों की रौनक देखने को मिलती है। तीन दहाइयों के बाद, अब जाकर यहां मुहर्रम का जुलूस निकल पाया है। अब लाल चौक बाज़ार में देर शाम तक, चहल-पहल रहती है...यहां बच्चे खेलते हैं। यहां देश-दुनिया से रिकॉर्ड टूरिस्ट आ रहे हैं। रिक्शा-टैक्सी से लेकर दुकान-ढाबे और शिकारे वाले तक, हर कोई शांति से अपनी रोज़ी रोटी कमा रहा है। ये अमनो-अमान, ये साज़गार ये माहौल...ये काम किसने किया है? ये सब कुछ आपने किया है...जम्मू-कश्मीर के लोगों ने किया है।

साथियों,

कश्मीरियत को सींचने में, उसको आगे बढ़ाने में हमारे कश्मीरी पंडितों की बहुत बड़ी भूमिका रही है। लेकिन तीन खानदानों की खुदगर्ज़ सियासत ने, कश्मीरी हिंदुओं को भी अपने घर से बेघर कर दिया। हमारे सिख परिवारों पर जुल्म हुए। ये तीन खानदान...उनके लोग, यहां कश्मीरी हिंदुओं पर होने वाले हमारे कश्मीरी सिख भाई-बहनों पर होने वाले, हर जुल्म के भागीदार बने रहे। कांग्रेस-एनसी-पीडीपी ने सिर्फ बंटवारा किया। लेकिन बीजेपी, सबको जोड़ रही है। हम दिल और दिल्ली की दूरी मिटा रहे हैं।

आज देखिए, कश्मीर वादी रेल से जुड़ रही है। इससे सेब किसान को, दूसरे फल-सब्ज़ी किसानों को फायदा होगा। आपकी फसल, कम लागत में देश के बड़े बाज़ारों तक पहुंच पाएगी। कनेक्टिविटी बढ़ने से टूरिज्म सेक्टर को बड़ा फायदा होगा। यहां नए कारखाने, नई फैक्ट्रियां, नए कारोबार शुरु होंगे।

साथियों,

आज दुनिया...जम्मू कश्मीर में बदलते हालात को देखकर खुश है। यहां G-20 का इतना बड़ा इवेंट हुआ। दुनियाभर से लोग यहां आए। यहां जब स्पोर्ट्स कारों की रेस हुई...तब मैं देख रहा था कि यहां के लोग बहुत खुशियों से भरे हुए थे। आज खेलों इंडिया, विंटर गेम्स यहां होते हैं। देशभर से खिलाड़ी यहां आते हैं। यहां इंटरनेशनल योग डे का सेलिब्रेशन होता है। यही तो कश्मीरियत है, जो बाहें फैलाकर सबको वेलकम करती है।

लेकिन साथियों,

ये खानदानी पार्टियां क्या कह रही हैं? ये कहती हैं, ये वो पुराना दौर वापस लाना चाहते हैं। पिछले 35 सालों में कश्मीर करीब 3 हज़ार दिन बंद रहा। 35 साल में तीन हजार दिन बंद यानि 35 साल में से 8 साल बंद में ही गुज़र गए। जबकि पिछले 5 साल में 8 घंटे भी कश्मीर बंद नहीं हुआ। ये आपने किया है। ये आपका क्रेडिट है। अब आप मुझे बताइए-क्या आप चाहते हैं कि वो पुराने दिन फिर लौटें? क्या आप चाहते हैं कि फिर हड़तालें हों, फिर खून-खराबा हो? क्या आप चाहते हैं कि फिर हमारी बेटियों के, कमज़ोर तबके के हक मारे जाएं? ये चाहते हैं कि फिर स्कूल जलाए जाएं। ये चाहते हैं फिर सिनेमा हॉल बंद हों। ये चाहते हैं यहां फिर कारोबार ठप हों। ये चाहते हैं...कि नौकरियों में फिर पहले जैसी धांधली हो।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर में हम सिर्फ और सिर्फ विकास को, तेज तरक्की पर फोकस करते हुए काम कर रहे हैं। आज यहां बच्चों के लिए ग्राउंड बने हैं...ये नया हब्बा कदल पुल...नए रंगरूप में सामने आए जीरो ब्रिज और अब्दुल्ला ब्रिज.. गांदरबल में वाईल ब्रिज...डल लेक और झेलम के इर्द-गिर्द की सुंदरता...श्रीनगर की सड़कों पर दौड़ती इलेक्ट्रिक बसें...चका-चक पोलो व्यू मार्केट...आज चारों तरफ जो ये नयापन आ रहा है, जो खूबसूरती बढ़ रही है...ये सारे काम पहले भी हो सकते थे। लेकिन आज जो ईंट, जो पत्थर, आपके रोड, आपके घर, आपकी इमारत बनाने में लग रहे हैं...उनसे पहले कुछ लोगों के आलीशान महल बनते थे।

साथियों,

नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के पास बताने के लिए काम नहीं सिर्फ और सिर्फ नाकामियां हैं, नाकामियां। इन लोगों ने कश्मीर को सिवाय बर्बादी के और कुछ नहीं दिया। जबकि बीजेपी, गरीब, किसान, नौजवान और महिलाएं, सबके लिए बहुत बड़े इरादों के साथ इलेक्शन में उतरे हैं। यहां बीजेपी सरकार बनेगी, तो किसानों के खातों में 6 हज़ार से बढ़ाकर 10 हज़ार रुपए हर साल जमा होंगे। यहां बनने वाली बीजेपी सरकार, हर परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला के खाते में हर साल 18 हज़ार रुपए जमा करेगी। आज जम्मू कश्मीर के हर परिवार के पास 5 लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा है। यहां बीजेपी सरकार बनी तो, 7 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज मिलेगा। बीते सालों में यहां गरीबों को हज़ारों घर मिले हैं। अब दिल्ली की केंद्र सरकार, यहां 24 घंटे बिजली और वो भी मुफ्त बिजली देने के लिए काम कर रही है। इस मुफ्त बिजली के लिए पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली स्कीम चल रही है। छत पर सोलर प्लांट लगाने के लिए करीब 80 हज़ार रुपए सेंटर की सरकार हर परिवार को दे रही है। हर परिवार को 80 हजार। इस योजना से जुड़े हर परिवार को साल में करीब 25 हजार रुपए की बचत होगी।

साथियों,

मुझे जानकारी मिली है कि कश्मीर के गौरव, कश्मीर के पहले IAS अधिकारियों में से एक श्रीमान मोहम्मद शफी पंडित जी का कल रात इंतकाल हो गया है। रिटायरमेंट के बाद भी वो समाज के हित में लगातार काम करते रहे। गम की इस घड़ी में हम सभी की दुआएं उनके परिवार के साथ हैं।

साथियों,

बीजेपी जो कहती है, वो 100 परसेंट पूरा करती है। हमने देश की संसद में कहा है कि जम्मू कश्मीर फिर से स्टेट बनेगा और बीजेपी ही इस कमिटमेंट को पूरा करेगी। लिहाज़ा मेरी आपसे अपील है...25 सितंबर को वोटिंग के सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिए। सारे रिकॉर्ड तोड़ोगे ना, भारी मतदान करोगे ना। इतिहास में नाम दर्ज कराओगे ना। आप बीजेपी को जरूर मौका दें...बीजेपी के कैंडिडेट, जमहूरियत के लिए, अमन के लिए, खुशहाली के लिए, आपके बीच में हैं। जो उम्मीदवार हैं उनसे मेरी प्रार्थना है आगे आ जाएं, जो चुनाव लड़ रहे हैं। मैं एक मिनट इन लोगों के बीच जाकर फिर आकर अपना भाषण आगे करता हूं।

साथियों,

आप यहां केसर उगाते हैं, ज़ाफरान उगाते हैं...श्रीनगर को ट्यूलिप गार्डन के लिए भी जाना जाता है। कमल का फूल, इस खूबसूरत गुलदस्ते की शान में चार चांद ही लगाएगा। आप सभी यहां इतनी बड़ी तादाद में उत्साह-उमंग के साथ जुड़े मैं आप सभी का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

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भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद

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