Your one vote will enhance job opportunities for youth, & make a strong India: PM Modi in Khargone
Congress & INDI Alliance neither care about our faith nor the nation's welfare: PM Modi in Khargone

भारत माता की.. भारत माता की.. नर्मदे हर.. अच्छा मैं एक और नारा बुलवाता हूं मैं कहूंगा नर्मदे आप कहेंगे सर्वदे.. नर्मदे.. नर्मदे..नर्मदे.. नर्मदे.. सब भाई काजे राम-राम..आरु कई हालचाल छे.. सब मजाम छे।

आज देश में तीसरे चरण का मतदान चल रहा है और मैं भी सुबह- सुबह जल्दी वोट देकर के यहां आया हूं। आज मेरा वोट था तो लोकतंत्र में एक नागरिक के नाते मेरा जो कर्तव्य है उसको निभाया है और मुझे अभी हमारे साथी बता रहे थे कि दो घंटे में काफी अच्छा पोलिंग हो रहा है। मेरा सभी मतदाताओं से आज देशभर में जहां-जहां चुनाव चल रहा है सबसे विनम्र अनुरोध है, गर्मी है लेकिन फिर भी ये लोकतंत्र का पर्व हमने अछूत नहीं रहना चाहिए, बड़े उत्साह उमंग के साथ, परिवार के साथ, गाजे-बाजे के साथ मतदान करने के लिए जाना चाहिए। भारी संख्या में मतदान करना चाहिए।

साथियों,

इस पुण्य भूमि पर मैं ओंकारेश्वर महादेव और माता अहिल्या की नगरी को सिर झुका करके प्रणाम करता हूं। इस क्षेत्र में आना किसी सौभाग्य से कम नहीं है, मैं प्रधानमंत्री के नाते नहीं, लेकिन सालों तक भाजपा संगठन का कार्यकर्ता रहा हूं तो उसके अनुभव के आधार पर मैं कहना चाहता हूं कि कितना ही उमंग-उत्साह क्यों ना हो लेकिन जब मैं संगठन का काम करता था और हिंदुस्तान के करीब- करीब सभी राज्यों में मुझे काम करने का अवसर मिला है। मध्य प्रदेश में तो बहुत दिन काम किया है लेकिन अगर जनसभा का समय सुबह 10 बजे का मिलता था तो सुनते ही पसीना छूट जाता था। हमें लगता था अरे 10 बजे कैसे होगा? कौन आएगा? और 10 बजे का समय तो ऐसा होता है माताओं-बहनों को घर के सारे काम 12-1 बजे के पहले पूरे करने होते हैं, वो तो निकल ही नहीं सकती है। तो मैंने लंबे अरसे तक संगठन का काम किया है और मैं जानता हूं कि सुबह 10 बजे कार्यक्रम करना यानी लोहे के चने चबाने का काम होता है। लेकिन मैं आपको 100-100 सलाम करता हूं जी। ये इतना बड़ा रैली और सुबह और इतनी बड़ी तादाद में माताओं-बहनों का आना भाई गजब कर दिया। मैं सच बता दूं, मैं संगठन का काम करता, मैं कहता 10 बजे मत दो भाई, दो बजे के बाद दीजिए। मैं पूरी पार्टी के सभी साथियों को जितनी बधाई दूं कम है जी और सभी नागरिकों को भी आपका इतना प्यार, इतना आशीर्वाद शायद ही पता नहीं किस जन्म में क्या पुण्य किया होगा इतने आशीर्वाद।

साथियों,

मैं आज आपसे विकसित भारत के संकल्प के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं और हम जो नर्मदा के तट पर रहते हैं ना वो तो दिन में कितने ही लोग मांगने के लिए निकलते हैं लेकिन किसी को भी निराश नहीं करते हैं। ये माता नर्मदा की कृपा है सदियों से क्रम चला है कभी भी नर्मदा तट पर रहने वाला मांगने वाले को निराश नहीं करता है जी। और मैं आज आपसे मांगने आया हूं, आपको याद होगा मैंने लाल किले से कहा था ‘सबका प्रयास’ याद है ना, देश सबके प्रयास से सबके परिश्रम से ही आगे बढ़ेगा। अगर आज देश चल पड़ा है आगे बढ़ रहा है तो ये आप सबके प्रयास से, देशवासियों के प्रयास से हुआ है। यहां इस रैली में आए हुए आप सभी को भी मैं देश को आगे बढ़ाने में आपके अमूल्य योगदान के लिए बहुत-बहुत आभार भी व्यक्त करता हूं, बहुत-बहुत बधाई भी देता हूं। गांव में, शहर में आप जो दिन-रात मेहनत करते हैं जो पसीना बहाते हैं वही देश की ऊर्जा बढ़ाता है और जब इसे आपके एक वोट की ताकत मिल जाती है तो कायाकल्प होने लगता है।

साथियों,

आपके एक वोट ने भारत को पांचवीं बड़ी आर्थिक ताकत बनाया, आपके एक वोट ने दुनिया में भारत का दबदबा बढ़ाया, आपके एक वोट ने 70 साल बाद आर्टिकल 370 हटाया, आपके एक वोट ने एक आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति बनाया, आपके एक वोट ने महिलाओं को आरक्षण का उनका हक दिलवाया, आपके एक वोट ने भ्रष्टाचारियों को जेल भिजवाया, आपके एक वोट ने मुफ्त राशन, इलाज की गारंटी दी, आपके एक वोट ने युवाओं के भविष्य को संवार दिया, अपार अवसर खड़े कर दिए, आपके एक वोट ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाल दिया और आपके वोट की ताकत देखिए आपके एक वोट ने 500 साल की प्रतीक्षा, 500 साल की प्रतीक्षा खत्म करके भगवान राम का भव्य मंदिर बना दिया तो बोलिए जय श्री राम.. जय-जय श्री राम और साथियों, ये तो.. ये तो ट्रेलर है ट्रेलर, अभी तो बहुत कुछ करना है। अब इस चुनाव में आपका एक वोट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएगा, आपका एक वोट आपकी कमाई बढ़ाएगा युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा, आपका एक वोट मजबूत भारत बनाएगा और इसलिए मैं हिंदुस्तान के कोने-कोने में जाकर के देशवासियों के आशीर्वाद मांग रहा हूं इसलिए भाजपा आपसे वोट मांग रही है और दूसरी तरफ ये इंडी गठबंधन वाले किसके लिए चुनाव लड़ रहे हैं? वो चुनाव लड़ रहे हैं अपनी-अपनी विरासत बचाने के लिए, अपने बच्चों को अपनी पार्टी सौंपकर जाने के लिए, इन्हें आपके सुख-दुख से कोई फर्क नहीं पड़ता। इंडी वालों की एक फेवरेट कहावत है मैं बताऊं आपको लेकिन मुझे डर लगता है कि मैं ये कहावत बताऊंगा तो कुछ एक लोग फेक वीडियो बनाने वाली फैक्ट्री है ना, वो क्या करेंगे उसमें से आधा निकाल करके चलाएंगे और मोदी सफाई देते-देते थक जाएगा, फिर भी मैं कहावत बताऊं, अच्छा मैं कहावत आधी बताता हूं, आधी आपको पूरी करनी होगी। करेंगे? ये इंडी वालों के लिए कहावत फिट बैठती है, अपना काम बनता.. अपना काम बनता.. भाड़ में जाए.. भाड़ में जाए ये कौन कहता है ये आदत किसकी है। अब जिनके लिए आपको इतनी कहावत मालूम है तो फिर आप इनके लिए क्या सोचेंगे भाई?

भाइयों और बहनों,

आज भारत इतिहास के एक अहम मोड़ पर खड़ा है आपको ये तय करना है कि भारत में वोट जिहाद चलेगा या राम राज्य चलेगा। (देखिए भाई प्यारी- प्यारी गुड़िया वहां से हाथ ऊपर कर रही है शाबाश, इतनी छोटी गुड़िया सभा में आ गई है। देखिए ये 2047 का वोटर है वो अभी से 2047 की तैयारी कर रही है।)

साथियों,

पाकिस्तान में आतंकी भारत के खिलाफ जिहाद की धमकी दे रहे हैं और यहां के कांग्रेस के लोगों ने भी घोषणा कर दी है मोदी के खिलाफ वोट जिहाद करो। यानी मोदी के खिलाफ एक खास धर्म के लोगों को एकजुट होकर वोट करने को कहा जा रहा है। सोचिए, कांग्रेस किस स्तर पर उतर आई है हताशा- निराशा ने कांग्रेस को कहां ले जाकर के पटका है। आपको एक सवाल मैं पूछता हूं जवाब देंगे जरूर देंगे। आवाज इधर से आती है उधर से नहीं आती है। ये मीडिया वालों को छोड़ करके सारे लोगों ने आवाज देनी चाहिए इनको परेशान नहीं करना चाहिए। आप मुझे बताइए क्या वोट जिहाद आपको मंजूर है? क्या लोकतंत्र में ये बात चल सकती है? क्या भारत का संविधान ऐसी जिहाद के लिए अनुमति देता है?

साथियों,

कांग्रेस के इरादे कितने भयानक है उनकी साजिशें कितनी खतरनाक है ये समझना हो तो आपको उन लोगों की बातें सुननी होगी, जो 20-20, 25 यानी बीस-बीस, पच्चीस-पच्चीस साल कांग्रेस में रहे हैं। बीस-बीस, पच्चीस-पच्चीस साल जो कांग्रेस के कार्यकर्ता रहे हैं, नेता रहे हैं और ये लोग अब धमाधम कांग्रेस छोड़ रहे हैं। ये कुछ अजीब सी बात है जी और वो बाहर आकर के खुली हवा में सांस लेते कहते हैं बस अब और नहीं, इनफ इज इनफ। अब इनकी बातें सुनिए एक महिला ने कहा कि मैं राम मंदिर गई तो उसको इतना टॉर्चर किया, इतना टॉर्चर किया उन्हें कांग्रेस ही छोड़नी पड़ गई। एक और व्यक्ति ने कहा कि कांग्रेस पर मुस्लिम लीग और माओवादियों ने कब्जा कर लिया है, तीसरे ने एक और गहरी साजिश से पर्दा उठा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शहजादे का इरादा राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने का है जैसे शहजादे जी के पिताजी ने शाह बानो केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटा था, वैसे ही कांग्रेस राम मंदिर का फैसला पलटने के लिए सोच रही है। चौथे व्यक्ति ने तो ये भी सनसनीखेज खुलासा किया है कहा कि ये लोग पिछले 2 साल से एक बड़ी साजिश में जुटे हैं ये जो कांग्रेस से निकल कर आए बोले मैं इन्हीं की बात बता रहा हूं जी। कांग्रेस में चर्चा हुई है कि मोदी को भ्रष्टाचार का आरोप लगा नहीं सकते, कितना ही चौकीदार चोर बोलो कोई मानने को तैयार नहीं है। मोदी को देश की सुरक्षा के मुद्दे पर, आतंकवाद के मुद्दे पर कोई आरोप नहीं लगा सकता है, विदेश नीति की सफलता को देखते हुए उसपर भी बोलती बंद हो जाती है और कहते हैं कि जब कोई मुद्दा ही नहीं बचा है, हर मुद्दा मोदी के पक्ष में है तो मोदी को हराना बड़ा मुश्किल है और ये कांग्रेस वाले कहते हैं। और इसलिए कांग्रेस ने तय किया कि मोदी को झूठे आरोप में फंसाओ, अफवाह फैलाओ और इसलिए आजकल संविधान को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है इसलिए लोग देश में आग लगाने की बातें कर रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस को, इंडी गठबंधन को ना हमारी आस्था की परवाह है और ना ही देश हित की परवाह है। राष्ट्र विरोधी बातें करने में तो कांग्रेस के लोगों में होड़ लगी है होड़। वोट के हर चरण के बाद कांग्रेस का पाकिस्तान प्यार चरम पर पहुंच रहा है, इन लोगों के बयान हैरान करने वाले हैं, कांग्रेस के एक पूर्व सीएम ने कहा कि हमारी सेना आतंकी हमले करती है, पाकिस्तान तो निर्दोष है। क्या ये देश का नागरिक ऐसी बातें सुन सकता है क्या? हमारी सेना का ये अपमान है कि नहीं भाई? कांग्रेस के एक और बड़े नेता ने उनकी बेशर्मी देखिए है उन्होंने कहा कि मुंबई आतंकी हमले में भी पाकिस्तान का हाथ नहीं था, क्या आप इस बात को मानते हैं क्या? कोई मानेगा क्या? अरे दुनिया के किसी देश का व्यक्ति मानेगा क्या? कांग्रेस के साथी दल के एक और नेता भारत को धमकी देते हैं। कहते हैं कि पाकिस्तान ने चूड़िया नहीं पहनी हुई है बताओ मैं तो कांग्रेस के शहजादे से पूछूंगा जरा ये बताओ भाई आपके साथी ये सब बोल रहे हैं इनकी मंशा क्या है ये आखिरकार अचानक एक साथ चारों तरफ से सीनियर लोगों की आवाज क्यों आने लगी है? पाकिस्तान से इतनी मोहब्बत और हमारी सेना से इतनी नफरत और इसलिए ही तो लोग कहते हैं कांग्रेस का हाथ, कांग्रेस का हाथ, कांग्रेस का हाथ, अब मैं तो नहीं बोल रहा हूं आप बोल रहे भाई मीडिया वाले देखना मैं नहीं बोला हूं मेरे गले मत मढ़ देना। इनको लगता है कि पाकिस्तान प्रेम दिखाकर ये अपनी वोट बैंक की राजनीति मजबूत कर लेंगे लेकिन मैं जानता हूं इनकी जमानत तक बचनी मुश्किल है।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस की नजर आपकी कमाई और आपके आरक्षण पर पड़ी है वो किसी ना किसी बहाने आपकी जो संपत्ति है वो भी लूटना चाहते हैं। और बाबा साहेब ने जो आपको आरक्षण दिया है उसमें भी डाका डालना चाहते हैं, मैं समझाता हूं कैसे? तुष्टीकरण के लिए कांग्रेस एससी-एसटी-ओबीसी के हक का जो आरक्षण है वो धर्म के आधार पर लूट चला कर के बांटना चाहती है। अब ये कोई हवाबाजी नहीं उन्होंने किया है। कर्नाटक में उनकी सरकार है कांग्रेस की, कर्नाटक में क्या किया? उन्होंने रातों- रात एक हुकुम निकाला, फतवा निकाला सरकारी हुकुम और रातों-रात ठप्पे मार करके बना दिया। उन्होंने ऐसा कानून बनाया कि कर्नाटक में जितने भी मुसलमान हैं हर बस मुसलमान होना चाहिए उसको रातों- रात ओबीसी घोषित कर दिया, ओबीसी बना दिया अब इसका मतलब क्या हुआ कि जो ओबीसी को आरक्षण मिलता था 27 परसेंट ये रातों- रात ओबीसी बन गए तो उन्होंने ऐसा डाका डाला, ऐसा डाका डाला कि जो पहले से जो ओबीसी है उनके नसीब में था वो भी आधे से कम हो गया, ये ओबीसी जो बने हुए थे उनमें से लूट चला ली अब इसी मॉडल को वो पूरे देश में लागू करना चाहते हैं, आप मुझे बताइए क्या आप आपके आरक्षण पर डाका डालने देंगे? ये चोरी करने देंगे? क्या ये बाबा साहेब अंबेडकर की पीठ में छुरा भोंकने वाली बात है कि नहीं है? ये हमारे संविधान का अपमान है कि नहीं है? यही नहीं ये शहजादे तो साहब ऐसी चीज लेकर आए हैं दुनिया में कोई डेवलपिंग कंट्री सोच ही नहीं सकता है। वो कहते हैं आपकी संपत्ति का एक्सरे करेंगे, एक्सरे और मैं आपको बताता हूं मैंने इस कांग्रेस के सबका एक्सरे करके रखा हुआ है लेकिन मैंने उनके दिमाग का एक्सरे किया है ये क्या सोचते हैं तो क्या करेंगे। मेरे एक्सरे में साफ दिखता है इनका एक्सरे क्या है वो आपके लॉकर का एक्सरे करेंगे, आपके बैंक के खाते का एक्सरे करेंगे, आपके घर में गहने कितने हैं, सोना कितना है, चांदी कितनी है, आपके यहां बहू शादी करके आई तो क्या लेकर के आई थी, आपकी पत्नी शादी में क्या लेकर के आई थी, आपके घर कितने, खेत कितने इन सारों का वो सर्वे करेंगे और वो कहते हैं खुल करके कहते हैं और फिर आपकी जरूरत से जितना ज्यादा है अगर आपके पास 10 एकड़ भूमि है तो पांच एकड़ गई, अगर दो साइकिल है तो एक गई अगर आपका मंगलसूत्र है तो गया ये खेल खेलने वाले हैं और क्यों तो ये जो संपत्ति आपसे ले लेंगे वो अपनी वोट बैंक को बांटना चाहते हैं।

भाइयों- बहनों,

हमारे देश में हर मां-बाप बच्चों के लिए कुछ न कुछ बचाता है, उसके मन में रहता है कि जाने के बाद बच्चों के लिए कुछ छोड़ कर के जाऊं। दुनिया से, अब ये कहते हैं कि आपके मां-बाप ने जो बचाया है वो सारा का सारा उनके बेटे-बेटियों को नहीं मिलेगा। उसपर आधे से ज्यादा टैक्स लगेगा और आधे से ज्यादा सरकार छीन लेगी। मुझे बताइए क्या भारत जैसे देश में आप अपनी संपत्ति लूटने देंगे क्या? क्या आप अपनी संपत्ति बचाना चाहते हैं? आप अपनी संपत्ति अपने वारिस को देना चाहते हैं तो आपको कौन बचाएगा? कौन बचाएगा? कौन बचाएगा आपको? कौन बचाएगा आपको? कौन बचाएगा आपको? मोदी नहीं आपका एक वोट बचाएगा, आपका एक वोट बचाएगा। आप मोदी को वोट देकर के मजबूत बनाइए मोदी आपके लिए लड़ता रहेगा।

साथियों,

मोदी ने इसका भंडाफोड़ कर दिया, इनका नकाब उतार दिया उनका हिडन एजेंडा देशवासियों के सामने खोल करके रख दिया। तब वो हड़बड़ी में हैं गालियां दे रहे हैं, नई- नई गालियां दे रहे हैं पूरी डिक्शनरी खाली कर दी गालियां देते-देते।

साथियों,

हमारा आदिवासी समाज हमारी संस्कृति, हमारी आजादी का सबसे बड़ा रक्षक रहा है, आदिवासी समाज ने ही राजकुमार, अयोध्या से एक राजकुमार निकले थे 14 साल के बाद, अयोध्या से निकला हुआ राजकुमार जब वापिस गया तो पूर्ण पुरुषोत्तम राम बन गया। एक राजकुमार को राम किसने बनाया, एक राजकुमार को राम बनाया मेरे आदिवासी भाई-बहनों ने। आप पूरी रामायण पढ़िए उनके साथ केवट निषाद ये ही लोग थे 14 साल, एक राजकुमार को ये आदिवासी प्रभु राम बना सकते हैं। भाइयों- बहनों, और इसलिए मैं आदिवासियों की पूजा करता हूं, टंट्या भील और भीमा नाइक की राष्ट्रभक्ति की परंपरा हमारे यहां रही है, इस समृद्ध आदिवासी योगदान को कांग्रेस ने 60 सालों में आगे आने नहीं दिया। आपने अपने इस सेवक को दिल्ली भेजा, हमने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। हम देशभर में आदिवासी सेनानियों से जुड़े म्यूजियम बना रहे हैं, निमाड़ में क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है। ऐसे ही यहां अनेक संस्थानों के नाम राजा शंकर शाह के नाम पर है, रानी कमलापति के नाम पर है, जननायक टंट्या भील के नाम पर है, भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर है और राजा हृदय शाह के नाम पर रखे गए हैं।

साथियों,

भाजपा हर घर और हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है, खरगोन में झिरन्या उद्वहन सिंचाई योजना पर काम चल रहा है। बिस्टान उद्वहन सिंचाई योजना का लोकार्पण हो चुका है। यहां मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है। मैं जानता हूं आदिवासी बेटे-बेटी का सामर्थ्य जितना ज्यादा होता है इसलिए भाजपा आदिवासी क्षेत्र में एकलव्य विद्यालय बनाने पर बहुत बल दे रही है।

भाइयों और बहनों,

याद रखियेगा 13 मई को खरगोन से मेरे साथी गजेंद्र सिंह पटेल और खंडवा से ज्ञानेश्वर पाटिल जी को हर बूथ पर विजय बनाना है, बनाएंगे ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे, मतदान करने के लिए एक उत्सव की तरह थाली बजाते-बजाते मतदान केंद्र तक जाएंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे, करेंगे, कमाल हो यार इन लोगों के लिए कहता हूं तो बड़े उत्साह से बोल रहे हो मेरे लिए कहता हूं तो बोलते ही नहीं आप तो जरा सबके सब हाथ ऊपर करके बताइए मेरा एक काम करेंगे, पक्का करेंगे। अच्छा देखिए घर-घर जाइए ज्यादा से ज्यादा घरों में जाइए, ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिलिए और कहियेगा कि मोदी जी आए थे मोदी जी ने आपको जय श्री राम कहा है। मेरा जय श्री राम पहुंचा देंगे, हर परिवार में मेरा जय श्री राम पहुंचाएंगे, बिना भूले पहुंचाएंगे।

बोलिए, भारत माता की। भारत माता की। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!