Abhiyaan focuses on durable rural infrastructure and providing modern facilities like internet in the villages : Prime Minister
Skill Mapping of the rural migrant labour being done to help them work closer home : PM
Rs 50,000 Crore worth project to be implemented in a mission mode campaign in 125 days in 116 Districts of 6 States

साथियों,

इस औपचारिक उद्घाटन से पहले, मैं खगड़िया में अपने भाइयों और बहनों से बात कर रहा था। आज गांव के आप सभी से बात करके कुछ राहत भी मिली है और संतोष भी मिला है। जब कोरोना महामारी का संकट बढ़ना शुरू हुआ था, तो आप सभी, केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, दोनों की चिंताओं में बने हुए थे। इस दौरान जो जहां था वहाँ उसे मदद पहुंचाने की कोशिश की गई। हमने अपने श्रमिक भाई-बहनों के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेनें भी चलाईं !

वाकई, आपसे बात करके आज आपकी ऊर्जा में भी जो ताजगी थी, और एक सम्मान का भाव था, एक विश्वास था, यह सबकुछ मैं महसूस कर रहा हूं। कोरोना का इतना बड़ा संकट, पूरी दुनिया जिसके सामने हिल गई, सहम गई, लेकिन आप डटकर खड़े रहे। भारत के गावों में तो कोरोना का जिस तरह मुकाबला किया है, उसने शहरों को भी बहुत बड़ा सबक दिया है।

सोचिए, 6 लाख से ज्यादा गांवों वाला हमारा देश, जिनमें भारत की दो-तिहाई से ज्यादा आबादी, करीब-करीब 80-85 करोड़ लोग जो गांवों में रहते हैं, उस ग्रामीण भारत में कोरोना के संक्रमण को आपने बहुत ही प्रभावी तरीके से रोका है। और यह जो हमारे गावों की जनसंख्या हैं, ये जनसंख्या यूरोप के सारे देशों को मिला दें, तो भी उससे कहीं ज्यादा है। ये जनसंख्या, पूरे अमेरिका को मिला दें, रूस को मिला दें, ऑस्ट्रेलिया को मिला दें, तो भी उससे कहीं ज्यादा है। इतनी बड़ी जनसंख्या का कोरोना का इतने साहस से मुकाबला करना, इतनी सफलता से मुकाबला करना, बहुत बड़ी बात है। हर हिंदुस्तानी इस बात के लिए गर्व कर सकता है। इस सफलता के पीछे हमारे ग्रामीण भारत की जागरूकता ने काम किया है, पंचायत स्तर तक हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं, हमारी स्वास्थ्य सुविधाएं, हमारे चिकित्सा केंद्र-वेलनेस सेंटर, हमारे स्वच्छता अभियान की अहम भूमिका रही है।

लेकिन इसमें भी ग्राउंड पर काम करने वाले हमारे साथी, ग्राम प्रधान, आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर्स, जीविका दीदी, इन सभी ने बहुत बेहतरीन काम किया है। ये सभी वाह वाही के पात्र हैं, प्रशंसा के पात्र हैं।

साथियों,

अगर यह बात कोई और पश्चिमी देश में हुआ होता, तो दुनिया में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस सफलता की कितनी चर्चा होती, कितनी वाह-वाही होती। लेकिन हम जानते हैं कुछ लोगो को अपनी बात भी बताने में संकोच होता है , कुछ लोगो को लगता है भारत के ग्रामीण जीवन की वाह-वाही हो जाएगी तो दुनिया में फिर वह क्या जवाब देंगे। आप हकदार हैं इस प्रशंसा के, आप हकदार हैं इस पराक्रम के, आप हकदार हैं इतने बड़े जीवन और मौत का खेल जहाँ खेला जाता है, ऐसे वायरस के सामने गाँव वालों को बचने के लिए प्रशंसा के हकदार हैं। खैर दुनिया में इस तरीका का स्वाभाव है. हमारे देश में भी कुछ लोग हैं जो आपकी पीठ नहीं थपथपायेंगे खैर, कोई पीठ थपथपाए या न थपथपाए, मैं आपकी जय-जयकार करता रहूँगा। मैं आपके इस पराक्रम की बात दुनिया में गाजे बाजे के साथ करता रहूँगा। आपने अपने हजारों-लाखों लोगों को कोरोना से बचाने का पुण्य किया है।

आज मैं इस कार्यक्रम की शुरुवात से पहले ही हिंदुस्तान के ग्रामीणजनो ने जो काम किया है , हर गाँव ने जो काम किया है , हर राज्य ने किया है, मैं ऐसे गाँव, गाँव वासियों को सँभालने वालों को आदर पूर्वक नमन करता हूं!

देश के गरीबों, मजदूरों, श्रमिकों की इस शक्ति को नमन! मेरे देश के गांवों को नमन। शत-शत नमन। वैसे मुझे बताया गया है कि परसो से पटना में कोरोना टेस्टिंग के एक बड़ी आधुनिक टेस्टिंग मशीन भी काम शुरू करने वाली है। इस मशीन से करीब-करीब 1500 टेस्ट एक ही दिन में करने संभव होंगे। इस टेस्टिंग मशीन के लिए भी बिहार के लोगों को बधाई।

इस कार्यक्रम में जुड़ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी, अलग-अलग राज्यों के सम्माननीय मुख्यमंत्री महोदय, आदरणीय नीतीश बाबू, अशोक गहलोत जी, शिवराज जी, योगी आदित्यनाथ जी, उपस्थित सांसद और विधायक साथी, सभी अधिकारीगण, पंचायतों के प्रतिनिधिगण और टेक्नॉलॉजी के जरिए देश के सैकड़ों गांवों से जुड़े मेरे कर्मठ कामगार साथियों, आप सभी को फिर से मेरा नमस्कार !!

आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। आज गरीब के कल्याण के लिए, उसके रोजगार के लिए एक बहुत बड़ा अभियान शुरू हुआ है। ये अभियान समर्पित है हमारे श्रमिक भाई-बहनों के लिए, हमारे गांवों में रहने वाले नौजवानों-बहनों-बेटियों के लिए। इनमें से ज्यादातर वो श्रमिक हैं जो लॉकडाउन के दौरान अपने घर वापस लौटे हैं। वो अपनी मेहनत और हुनर से अपने गाँव के विकास के लिए कुछ करना चाहते हैं! वो जब तक अपने गांव में हैं, अपने गांव को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

मेरे श्रमिक साथियों, देश आपकी भावनाओं को भी समझता है और आपकी जरूरतों को भी। आज खगड़िया से शुरू हो रहा गरीब कल्याण रोज़गार अभियान इसी भावना, इसी जरूरत को पूरा करने का बहुत बड़ा साधन है।

बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओड़ीशा, मध्य प्रदेश और राजस्थान, इन 6 राज्यों के 116 जिलों में ये अभियान पूरे जोर-शोर से चलाया जाएगा। हमारा प्रयास है कि इस अभियान के जरिए श्रमिकों और कामगारों को घर के पास ही काम दिया जाए। अभी तक आप अपने हुनर और मेहनत से शहरों को आगे बढ़ा रहे थे, अब अपने गाँव को, अपने इलाके को आगे बढ़ाएँगे। और साथियों, आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि मुझे इस कार्यक्रम की प्रेरणा कुछ श्रमिक साथियों से ही मिली।

साथियों, मैंने मीडिया में एक खबर देखी थी। ये खबर उत्तर प्रदेश के उन्नाव से थी। वहां एक सरकारी स्कूल को क्वारन्टाइन सेंटर बनाया गया था। जो शहर से श्रमिक वापस आये थे उनको वहां रखा था। इस सेंटर में हैदराबाद से आए कई श्रमिकों को रखा गया था। ये श्रमिक रंगाई-पुताई और पीओपी के काम में एक्सपर्ट थे। ये अपने गांव के लिए कुछ करना चाहते थे। तो उन्होंने सोचा ऐसे पड़े रहेंगे दो टाइम खाते रहेंगे उसके बजय हम जो जानते हैं हमारे हुनर का उपयोग करिए। और देखिए, सरकारी स्कूल में रहते हुए, इन श्रमिकों ने अपने हुनर से, स्कूल का ही कायाकल्प कर दिया।

मेरे श्रमिक भाई-बहनों के इस काम को जब मैंने जाना , उनकी देशभक्ति ने, उनके कौशल ने, मुझे मेरे मन को प्रेरणा दी, उसी में से मुझे आईडिया आया की यह कुछ करने वाले लोग हैं, और उसी में से इस योजना का जन्म हुआ है । आप सोचिए, कितना टैलेंट इन दिनों वापस अपने गांव लौटा है। देश के हर शहर को गति और प्रगति देने वाला श्रम और हुनर जब खगड़िया जैसे ग्रामीण इलाकों में लगेगा, तो इससे बिहार के विकास को भी कितनी गति मिलेगी!

साथियों,

गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत आपके गांवों के विकास के लिए, आपको रोजगार देने के लिए 50 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं! इस राशि से गांवों में रोजगार के लिए, विकास के कामों के लिए करीब 25 कार्यक्षेत्रों की पहचान की गई है। ये 25 काम या प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं, जो गांव की मूलभूत सुविधाओं से जुड़े हैं, जो गांव के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हैं। ये काम अपने ही गांव में रहते हुए, अपने परिवार के साथ रहते हुए ही आपको करने का अवसर मिलेगा ।

अब जैसे, खगड़िया के तेलिहार गांव में आज से आंगनबाड़ी भवन, सामुदायिक शौचालय, ग्रामीण मंडी और कुआं बनाने का काम शुरू किया किया जा रहा है। इसी तरह हर गांव की अपनी-अपनी जरूरतें हैं। इन जरूरतों को अब गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के माध्यम से पूरा किया जाएगा। इसके तहत अलग-अलग गांवों में कहीं गरीबों के लिए पक्के घर भी बनेंगे, कहीं वृक्षारोपण भी होगा, कहीं पशुओं को रखने के लिए Shed भी बनाए जाएंगे। पीने के पानी के लिए, ग्राम सभाओं के सहयोग से जल जीवन मिशन को भी आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। इसके अलावा, जहां जरूरी है सड़कों के निर्माण पर भी जोर दिया जाएगा। और हां, जहां पंचायत भवन नहीं हैं, वहां पंचायत भवन भी बनाए जाएंगे।

साथियों,

ये तो वो काम हैं जो गांव में होने ही चाहिए। लेकिन, इसके साथ-साथ इस अभियान के तहत आधुनिक सुविधाओं से भी गांवों को जोड़ा जाएगा। अब जैसे, शहरों की तरह ही गांव में भी हर घर में सस्ता और तेज़ इंटरनेट होना ज़रूरी है। जरूरी इसलिए ताकि गांव के हमारे बच्चे भी अच्छे से पढ़-लिख सकें। गांव की इस जरूरत को भीगरीब कल्याण रोज़गार अभियान से जोड़ा गया है। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब गांव में, शहरों से ज्यादा इंटरनेट इस्तेमाल हो रहा है। गांवों में इटंरनेट की स्पीड बढ़े, फाइबर केबल पहुंचे, इससे जुड़े कार्य भी होंगे।

साथियों, ये सब काम करेगा कौन? गांव के ही लोग करेंगे! मेरे जो श्रमिक साथी साथ में जुड़े हैं, आप लोग ही करेंगे! चाहे मजदूर हो, मिस्त्री हो, मटीरियल बेचने वाले छोटे दुकानदार हों, ड्राइवर, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, मैकेनिक, हर प्रकार के साथियों को रोज़गार मिलेगा। जो हमारी बहनें हैं, उनको भी स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी जोड़ा जाएगा, ताकि वो अपने परिवार के लिए अतिरिक्त साधन जुटा सकें।

साथियों, यही नहीं, आप सभी श्रमिकों, आप सभी के हुनर की मैपिंग की भी शुरुआत की गई है। यानि कि, गांव में ही आपके हुनर की पहचान की जाएगी, ताकि आपके कौशल के मुताबिक आपको काम मिल सके! आप जो काम करना जानते हैं, उस काम के लिए जरूरतमंद खुद आपके पास पहुंच सकेगा।

साथियों,

सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि कोरोना महामारी के इस समय में, आपको गांवों में रहते हुए किसी से कर्ज न लेना पड़े, किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े। गरीब के स्वाभिमान को हम समझते हैं। आप श्रमेव जयते, श्रम की पूजा करने वाले लोग हैं, आपको काम चाहिए, रोजगार चाहिए। इस भावना को सर्वोपरि रखते हुए ही सरकार ने इस योजना को बनाया है, इस योजना को इतने कम समय में लागू किया है। इससे पहले आपकी और देश के करोड़ों गरीबों की तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भी सरकार ने लॉक डाउन के प्रारम्भ में तुरंत कदम उठाए थे।

आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से हुई थी। और मुझे याद है जब शुरू में हम गरीबो के लिए योजना लाये तो चारो तरफ चिल्लाहट शुरू हुई थी - उद्योगों का क्या होगा, व्यापर का क्या होगा, MSME का क्या होगा, सबसे पहले यह करो। बहुत लोगो ने मेरी आलोचना की थी. लेकिन मैं जानता हूँ इस संकट में गरीबो का हाथ पकड़ना प्राथमिकता थी मेरी ।

इस योजना पर कुछ ही सप्ताह के भीतर करीब-करीब पौने 2 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए। इन तीन महीनों में 80 करोड़ गरीबों की थाली तक राशन-दाल पहुंचाने का काम हुआ है। राशन के साथ साथ उन्हें गैस सिलिंडर भी मुफ्त दिए गए। इसी तरह, 20 करोड़ गरीब माताओं-बहनों के जन धन खातों में 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक सीधे ट्रांसफर किए गए। गरीब बुजुर्ग, माताओं-बहनों और दिव्यांग साथियों के लिए 1000 रुपए की सहायता भी सीधे उनके खातों में भेजी गई।

सोचिए,

अगर घर घर जाकर आपके जन धन खाते न खुलवाए गए होते, मोबाइल से इन खातों और आधार कार्ड को जोड़ा नहीं होता, तो ये कैसे हो पाता? पहले का समय तो आपको याद ही होगा! पैसा ऊपर से चलता तो था, आपके नाम से ही चलता था, लेकिन आप तक आता नहीं था! अब ये सब बदल रहा है। आपको सरकारी दुकान से अनाज की दिक्कत न हो इसके लिए, एक देश एक राशन कार्ड योजना भी शुरू की गई है। यानि कि, अब हमारे गरीब भाई-बहन एक ही राशन कार्ड पर देश के किसी भी राज्य में, किसी भी शहर में राशन ले सकेंगे।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर किसान भी उतना ही जरूरी है। लेकिन इतने वर्षों से हमारे देश में कृषि और किसान को बेवजह के नियमों और क़ानूनों से बांधकर रखा गया था। आप सब किसान साथी जो मेरे सामने बैठे हैं, आप तो खुद ही इतने सालों से इस बेबसी को महसूस कर रहे होंगे!

किसान अपनी फसल कहाँ बेच सकता है, अपनी फसल को स्टोर कर सकता है या नहीं, ये भी तय करने का अधिकार किसान को नहीं दिया गया था। इस तरह के भेदभाव वाले क़ानूनों को हमने दो सप्ताह पहले खत्म कर दिया है! अब आप कहाँ फसल बेचेंगे, ये सरकार तय नहीं करेगी, अधिकारी तय नहीं करेंगे, बल्कि किसान खुद तय करेगा।

अब किसान अपने राज्य के बाहर भी अपनी फसल बेच सकता है, और किसी भी बाज़ार में बेच सकता है! अब आप अपनी उपज का अच्छा दाम देने वाले व्यापारियों से, कंपनियों से सीधे जुड़ सकते हैं, उन्हें सीधे अपनी फसल बेच सकते हैं। पहले जो कानून फसल के स्टॉक करने पर रोक लगाता था, अब उस कानून में भी परिवर्तन कर दिया गया है।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत पैकेज में किसानों की फसल रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज बनें, किसानों को सीधे बाज़ार से जोड़ा जाए, इसके लिए भी 1 लाख करोड़ के निवेश की घोषणा की गई है। जब किसान बाज़ार से जुड़ेगा, तो अपनी फसल को ज्यादा दामों पर बेचने के रास्ते भी खुलेंगे।

आपने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक और फैसले के बारे में सुना होगा! आपके गांवों के पास, कस्बों और छोटे शहरों में स्थानीय उपज सेअलग अलग उत्पाद बने, पैकिंग वाली चीजें बने, इसके लिए उद्योग समूह बनाए जाएंगे। इसका बहुत बड़ा लाभ किसानों को होने जा रहा है।

अब जैसे, खगड़िया में मक्का की फसल कितनी अच्छी होती है! लेकिन अगर किसान मक्के के उत्पाद बनाने वाली कंपनियों से सीधा जुड़ जाए, खगड़िया की मक्का के लोकल products तैयार हों, तो कितना फायदा होगा! इसी तरह बिहार में मखाना है, लीची है, केला है! यूपी में आंवला है, आम है, राजस्थान में मिर्च है, मध्य प्रदेश की दालें हैं, ओडिशा में- झारखंड में वनों की उपज हैं, हर जिले में ऐसे अनेक लोकल उत्पाद हैं, जिनसे जुड़े उद्योग पास में ही लगाए जाने की योजना है।

साथियों,

बीते 6 वर्षों से लगातार चल रहे इन सभी प्रयासों का एक ही उद्देश्य है, हमारा गांव, हमारा गरीब अपने दम पर खड़ा हो, सशक्त हो। हमारे किसी गरीब, मजदूर, किसान को किसी के सहारे की ज़रूरत ना पड़े! आखिर, हम वो लोग हैं जो सहारे से नहीं, श्रम के सम्मान से जीते हैं!

गरीब कल्याण रोज़गार अभियान से आपके इस आत्मसम्मान की सुरक्षा भी होगी, और आपके श्रम से आपके गाँव का विकास भी होगा। आज आपका ये सेवक, और पूरा देश, इसी सोच के साथ, इसी संकल्प के साथ आपके मान और सम्मान के लिए काम कर रहा है।

आप काम पर निकलें, लेकिन मेरा ये भी अनुरोध है कि ज़रूरी सावधानी भी रखें। मास्क लगाने का, गमछा या चेहरे को कपड़े से ढकने का, स्वच्छता का, और दो गज़ की दूरी के नियम का पालन करना ना भूलें। आप सावधानी बरतेंगे, तो आपका गाँव, आपका घर इस संक्रमण से बचा रहेगा। ये हमारे जीवन और हमारी आजीविका दोनों के लिए बहुत ज़रूरी है।

आप सब स्वस्थ रहिए, आगे बढ़िए, और आपके साथ देश भी आगे बढ़े, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ, आप सभी साथियों का बहुत-बहुत धन्यवाद !!

मैं सभी आदरणीय मुख्यमंत्रियों का आभारी हूँ, विशेष रूप से बिहार सरकार का आभारी हूँ, इस अत्यंत महत्वपूर्ण काम की योजना करने के लिए और उसको आगे बढ़ाने के लिए, आपके साथ और समर्थन के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करते हुए आप सबको बहुत बहुत धन्यवाद ।

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।