Balanced development of every region is a huge priority: PM Modi

Published By : Admin | April 25, 2023 | 16:50 IST
QuoteVisits NAMO Medical Education & Research Institute and dedicates it to the nation
QuoteHands over keys to beneficiaries of PMAY Urban from Diu and Silvassa
Quote“These projects will improve ease of living, tourism, transportation and business. It is an example of new work culture of on-time delivery”
Quote“Balanced development of every region is a huge priority”
Quote“A sense of service marks the people of the area”
Quote“I give assurance to every student that our government will leave no stone unturned for their bright future”
Quote“Mann Ki Baat has become a very good platform to highlight the efforts of the people of India and the specialities of India”
Quote“I am seeing Daman, Diu and Dadra and Nagar Haveli as a bright spot of coastal tourism”
Quote“The country is laying emphasis not on ‘Tushtikaran’ or appeasement but on ‘Santushtikaran’ or satisfaction”
Quote“Prioritizing the needs of the underprivileged has become the hallmark of good governance in the last 9 years”
Quote“The resolution of Viksit Bharat and prosperity will be achieved with ‘Sabka Prayas’”

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान श्रीमान प्रफुल्ल पटेल, सांसद श्री विनोद सोनकर, सांसद बहन कलाबेन, जिला परिषद की अध्यक्षा निशा भवर जी, भाई राकेश सिह चौहान जी, मेडिकल जगत के साथियों, अन्य महानुभाव औऱ विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों ! केम छो मजा, सुख मा, संतोष मा, आनंद मा, प्रगति मा, विकास मा...वाह। मैं जब भी यहां आता हूं, मन आनंद से भर जाता है। दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली की विकास यात्रा को देखना भी मेरे लिए बहुत ही सुखद होता है। और अभी जो वीडियो देखी कोई कल्पना नहीं कर सकता है कि इतने से छोटे क्षेत्र में चहू दिशा में आधुनिक और तेज गति से विकास कैसा होता है वो वीडियो में हमने भली-भांति देखा है।

साथियों,

इस क्षेत्र की एक बड़ी विशेषता अब हमारा सिलवासा पहले वाला नहीं है, ये हमारा सिलवासा अब cosmopolitan हो गया है। हिंदुस्तान का कोई कोना ऐसा नहीं होगा जिसके लोग सिलवासा में न रहते हो। आपको अपनी जड़ों से प्यार है लेकिन आधुनिकता को भी उतना ही अपनत्व देते हैं। इस केंद्र शासित प्रदेश की इस खूबी को देखते हुए केंद्र सरकार अलग-अलग स्तरों पर तेजी से काम कर रही है। यहां पर अच्छी क्वालिटी का इंफ्रास्ट्रक्चर हो, अच्छी सड़कें, अच्छे पुल हों, यहां अच्छे स्कूल हों, वॉटर सप्लाई बेहतर हो, इन सभी पर केंद्र सरकार का बहुत जोर है। बीते 5 साल में इन सभी सुविधाओं पर 5500 करोड़ रुपए, साढ़े पांच हजार करोड़ रूपये से ज्यादा खर्च किए गए हैं। बिजली बिल से जुड़ी व्यवस्था हो, सारी स्ट्रीट्स लाइटों को LED से जगमगाना हो, ये क्षेत्र, तेजी से बदल रहा है। यहां Door to door waste collection की सुविधा हो या फिर सौ परसेंट Waste Processing, ये केंद्र शासित प्रदेश, सभी राज्यों को प्रेरणा दे रहा है। यहां जो नई Industrial Policy लाई गई है, वो भी यहां औद्योगिक विकास बढ़ाने में, रोजगार के नए मौके बनाने में मददगार साबित हो रही है। आज एक बार फिर मुझे लगभग नए 5 हज़ार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शुभारंभ करने का अवसर मिला है। ये प्रोजेक्ट हेल्थ, हाउसिंग, टूरिज्म, एजुकेशन और अर्बन डेवलपमेंट से जुड़े हैं। इससे Ease of Living बढ़ेगी। इससे Ease of Tourism बढ़ेगा। इससे Ease of Transportation बढ़ेगा। और इससे Ease of Business भी बढ़ेगा।

साथियों,

आज मुझे एक और बात की बहुत खुशी है। आज जिन प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण हुआ है, उनमें से कई का शिलान्यास करने का सौभाग्य आप सबने मुझे ही दिया था। लंबे समय तक हमारे देश में सरकारी प्रोजेक्ट सालों-साल तक लटकते थे, अटकते थे, भटकते थे। कई बार तो शिलान्यास के पत्थर भी पुराने होकर के गिर जाते थे, लेकिन प्रोजेक्ट पूरे नहीं होते थे। लेकिन पिछले 9 वर्षों में हमने देश में एक नई कार्यशैली विकसित की है, नया work culture लाए हैं।। अब जिस कार्य की नींव रखी जाती है, उसे तेजी से पूरा करने का भी भरसक प्रयास किया जाता है। एक काम पूरा करते ही हम दूसरा काम शुरू कर देते हैं। सिलवासा का ये कार्यक्रम इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। इसके लिए मैं आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

केंद्र की भाजपा सरकार, सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चल रही है। देश के हर क्षेत्र का विकास हो, देश के हर क्षेत्र का संतुलित विकास हो, इस पर हमारा बहुत जोर है। लेकिन देश का ये भी दुर्भाग्य रहा है कि अनेक दशकों तक विकास को राजनीति के, वोटबैंक के तराज़ू पर ही तौला गया। योजनाओं की, प्रोजेक्ट्स की घोषणाएं देखकर तो, बहुत कुछ होती थीं। लेकिन कैसे होती थी, कहां से कितना वोट मिलेगा, किस वर्ग को खुश करने से वोट मिलेगा। जिनकी पहुंच नहीं थी, जिनकी आवाज़ कमज़ोर थी, वो अभावों में रहे, विकास यात्रा में पीछे छूटते गए। यही कारण है कि हमारे आदिवासी क्षेत्र, हमारे सीमावर्ती क्षेत्र, विकास से वंचित रह गए। हमारे मछुआरों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली को भी इसी रवैये की बहुत कीमत चुकानी पड़ी है।

मैं तो गुजरात में था, मैं लगातार देखता रहता था कि क्या करके रखा है इन लोगों ने। आज जिस मेडिकल कॉलेज को अपना कैंपस मिला है, वो इस अन्याय का बहुत बड़ा साक्षी रहा है। आप सोचिए साथियों, आज़ादी के दशकों-दशक बीत गए, लेकिन दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली में एक मेडिकल कॉलेज नहीं बना था। यहां के इने-गिने कुछ युवाओं को किसी तरह डॉक्टरी की पढ़ाई का अवसर मिल पाता था वो भी दूसरी जगह पे। इसमें भी आदिवासी परिवारों के बेटे-बेटियों की भागीदारी तो बिल्कुल ना के बराबर थी। जिन्होंने दशकों-दशक तक देश पर शासन किया, उनको यहां के युवाओं के साथ हो रहे, इस भयंकर अन्याय की चिंता कभी भी नहीं हुई। वो समझते थे इस छोटे से केंद्र शासित प्रदेश का विकास करके, उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा। वो आपके इस आशीर्वाद का मूल्य कभी समझ ही नहीं पाए। 2014 में जब आपने हमें सेवा का अवसर दिया, तो हमने आपकी सेवा की भावना से काम करना शुरू किया, समर्पण भाव से काम करना शुरू किया। इसी का परिणाम है, कि दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली को अपना पहला-National Academic Medical Organization (NaMo) मेडिकल कॉलेज मिला। अब यहां से हर वर्ष करीब-करीब डेढ़ सौ स्थानीय युवाओं को डॉक्टरी की पढ़ाई करने का अवसर मिल रहा है। कुछ ही वर्षों में, बहुत निकट भविष्य में एक हजार जितने डॉक्टर यहीं से तैयार हो जाएंगे। आप कल्पना कीजिए इतने छोटे से इलाके से एक हजार डॉक्टर। इनमें भी हमारे आदिवासी परिवारों के युवाओं की संख्या निरंतर बढ़ रही है। मैं यहां आने से पहले, एक समाचार रिपोर्ट में एक बिटिया की बात भी पढ़ रहा था। आदिवासी परिवार से ही आने वाली ये बिटिया अभी यहां मेडिकल में पहले साल की पढ़ाई कर रही है। उस बिटिया ने अखबार वालों से तो कहा कि मेरे परिवार को तो छोड़िए, मेरे पूरे गांव में कभी कोई डॉक्टर नहीं बन सका था। अब वो बिटिया इसे अपना सौभाग्य मानती है, कि दादरा और नगर हवेली में ये मेडिकल कॉलेज बना है और वो उसकी छात्रा है।

साथियों,

सेवाभावना ये यहां के लोगों की पहचान है। मुझे याद है, कोरोना के समय में यहां के मेडिकल स्टूडेंट्स ने आगे बढ़कर लोगों की मदद की थी। और कोरोना के समय तो परिवार में भी कोई एक दूसरे की मदद नहीं कर पाता था। तब यहां के स्टूडेंट्स गांवों में मदद करने पहुंचे थे और मैं उन विद्यार्थी मित्रों से कहना चाहूंगा। आप लोगों ने जो Village adoption Programme चलाया था, उसका जिक्र मैंने मन की बात में भी किया था। यहां के डॉक्टरों ने, मेडिकल स्टूडेंट्स ने जिस तरह अपने कर्तव्यों का पालन किया है, वो सभी के लिए बड़ी प्रेरणा है। मैं आज इस कार्य के लिए यहां चिकित्सा सुविधा से जुड़े हर व्यक्ति की सराहना करूंगा।

भाइयों और बहनों,

सिलवासा का ये नया मेडिकल कॉलेज, यहां पर स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव भी कम करेगा। आप भी जानते हैं कि यहां पास में जो सिविल अस्पताल है, उस पर कितना प्रेशर था। अब तो यहां दमन में एक और 300 बेड का नया अस्पताल बन रहा है। सरकार ने आयुर्वेदिक अस्पताल के निर्माण के लिए भी अपनी मंजूरी दे दी है। यानि आने वाले समय में, सिलवासा और ये पूरा क्षेत्र, स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बहुत मजबूत होने वाला है।

साथियों,

आपको याद होगा, गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में भी मैं यहां बहुत बार आया हूं, आपके बीच आया हूं। जब मैं वहां सरकार में आया था, तो देखा था कि अंबाजी से लेकर के उमरगांव तक के आदिवासी पट्टे में किसी स्कूल में साइंस की पढ़ाई नहीं होती थी। जब साइंस की पढ़ाई ही नहीं होगी तो फिर बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर कैसे बनेंगे ? इसलिए मैंने वहां स्कूल कॉलेजों में साइंस की पढ़ाई शुरू करवाई। हमारे आदिवासी बच्चों को एक बड़ी दिक्कत, दूसरी भाषाओं में पढ़ाई से भी होती है, किसी भी बच्चे को होती है। अंग्रेजी में पढ़ाई होने के कारण गांव के, गरीब, दलित, वंचित, आदिवासी परिवारों के अनेक प्रतिभाशाली बेटे-बेटियां डॉक्टर-इंजीनियर नहीं बन पाते थे। हमारी सरकार ने अब इस समस्या का समाधान भी कर दिया है। अब भारतीय भाषाओं में, आपकी अपनी भाषा में मेडिकल-इंजीनियरिंग की पढ़ाई का भी विकल्प दिया जा रहा है। इससे भी इस क्षेत्र के बच्चों को बहुत बड़ी मदद मिलने वाली है। अब गरीब मां का बच्चा भी डॉक्टर बनने का सपना संजो सकता है।

साथियों,

आज मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ यहां इंजीनियरिंग कॉलेज का भी लोकार्पण हुआ है। इससे यहां के करीब 300 युवाओं को हर वर्ष इंजीनियरिंग की पढ़ाई का अवसर मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है कि देश के बड़े शिक्षा संस्थान भी दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली में अपने कैंपस खोल रहे हैं। दमन में निफ्ट का सैटेलाइट कैंपस बना है, सिलवासा में गुजरात नेशऩल लॉ यूनिवर्सिटी का कैंपस बना है, दीव में ट्रिपल आईटी वडोदरा ने अपना कैंपस खोला है। ये नया मेडिकल कॉलेज तो सिलवासा की सुविधाओं को नए स्तर पर लेकर जाएगा। मैं इस क्षेत्र के हर विद्यार्थी को ये भरोसा देता हूं कि उनके उज्जवल भविष्य के लिए हमारी सरकार कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।

भाइयों और बहनों,

मैं जब पिछली बार सिलवासा आया था, तो मैंने विकास की पंचधारा की बात कही थी। विकास की पंचधारा यानि, बच्चों की पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई, और जन-जन की सुनवाई। आज मैं इसमें एक और धारा जोड़ूंगा। औऱ ये है, महिलाओं को खुद के घर की ढेर सारी बधाई। हमारी सरकार ने बीते वर्षों में देश के 3 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पक्का घर बनाकर दिया है। यहां भी हमारी सरकार ने 15 हजार से ज्यादा घर बनाकर गरीबों को देना तय किया है। इनमें से ज्यादातर घर बनकर तैयार हो चुके हैं। आज भी यहां 1200 से ज्यादा परिवारों को उनके अपने मालिकाना हक वाले घर मिले हैं। और आप ये जानते हैं कि पीएम आवास योजना के जो घर दिए जा रहे हैं, उनमें महिलाओं को भी बराबर की हिस्सेदारी दी जा रही है। यानि हमारी सरकार ने यहां दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली की हजारों महिलाओं को भी अपने घर की मालकिन बनाने का काम किया है। वरना हम जानते है हमारे यहां कैसा होता है घर का मालिक पुरूष, खेत का मालिक पुरूष, दुकान का मालिक पुरूष, गाड़ी का मालिक पुरूष, स्कूटर है तो भी मालिक पुरूष। महिला के नाम कुछ होता ही नहीं है। हमने इन घरों के मालिकाना हक महिलाओं को दिए हैं। और आप ये भी जानते है कि पीएम आवास योजना के तहत बने एक एक घर की कीमत कई लाख रुपए होती है। इसलिए ये महिलाएं जिनको ये जो घर मिला है ना, लाखों रूपये की कीमत का घर मिला है और इसलिए ये हमारे गरीब परिवार की माताएं-बहने, ये हमारी महिलाएं लखपति दीदी बन गई हैं, अब वो लखपति दीदी के नाम से जानी जाएंगी। क्योंकि लाख रूपए से भी ऊपर की कीमत के घर की वो मालकिन बनी हैं। मैं इन सभी लखपति दीदियों को जितनी बधाई दूं उतनी कम है उनको मैं विशेष तौर पर बधाई दे रहा हूं।

साथियों,

भारत की कोशिशों की वजह से आज पूरा विश्व, इस वर्ष को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मना रहा है। मिलेट्स यानि मोटे अनाज को, हमारी सरकार ने श्रीअन्न की पहचान दी है। यहां के किसान, रागी या यहां की भाषा में कहें तो नगली या नचनी जैसे जिन मिलेट्स की पैदावार करते हैं, उन्हें भी हमारी सरकार बढ़ावा दे रही है। आज रागी से बना आटा हो, रागी से बनी कुकीज हो, रागी से बनी इडली हो, लड्डू हो, इन सबकी खपत बढ़ रही है औऱ किसानों को भी फायदा हो रहा है। मैं अक्सर मन की बात कार्यक्रम में इसका जिक्र करता हूं। और आप तो जानते ही है अब तो मन की बात का अगले रविवार को सेंचुरी होने वाला है, सौवां एपिसोड। भारत के लोगों के प्रयासों को सामने लाने का, भारत की विशेषताओं को उनका गौरव गान करने का, मन की बात बहुत अच्छा मंच बना है। आपकी तरह मुझे भी सौवें एपिसोड का बहुत इंतजार है, रविवार का इंतजार है।

साथियों,

बढ़ती हुई इन सुविधाओं के बीच, मैं दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली को भारत में coastal tourism के ब्राइट स्पॉट के रूप में भी देख रहा हूं। दमन, दीव, दादरा-नगर हवेली के पास देश के महत्वपूर्ण टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभरने का सामर्थ्य है। आज जब भारत को हम दुनिया का सबसे आकर्षक टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाने पर काम कर रहे हैं, तब यहां का महत्व और बढ़ गया है। दमन में रामसेतु और Nani Daman Marine Overview (NaMo) पथ नाम से जो दो seafronts बने हैं, वो भी यहा टूरिज्म को विस्तार देने में अहम भूमिका निभाएंगे। Weekends में जो टूरिस्ट यहां आते हैं, उनका तो ये फेवरेट स्पॉट बनने जा रहा है। मुझे बताया गया है कि पर्यटकों की सुविधा के लिए beach areas में नए टेंट सिटी भी बनाए जा रहे हैं। थोड़ी देर बाद मैं खुद Nani Daman Marine Overview (NaMo) पथ को देखने जाने वाला हूं। ये सी-फ्रंट निश्चित रूप से देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करेगा। इसके साथ ही खानवेल रिवरफ्रंट, दुधनी जेट्टी, इको रिसॉर्ट का निर्माण, ये सब भी यहां टूरिज्म को बढ़ावा देंगे। Costal प्रोमोनेड, beach development के प्रोजेक्ट्स भी जब पूरे हो जाएंगे तो यहां का आकर्षण और बढ़ जाएगा। और इन सबसे यहां रोजगार के नए मौके बनेंगे, स्वरोजगार के मौके बनेंगे।

भाइयों और बहनों,

आज देश में तुष्टिकरण पर नहीं बल्कि संतुष्टिकरण पर बल दिया जा रहा है। वंचितों को वरीयता, ये बीते 9 वर्ष के सुशासन की पहचान बन चुकी है। केंद्र सरकार देश के हर ज़रूरतमंद, हर वंचित वर्ग, वंचित क्षेत्र तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए तेजी से काम कर रही है। जब योजनाओं का सैचुरेशन होता है, जब सरकार खुद लोगों के दरवाजे तक जाती है, तो भेदभाव खत्म होता है, भ्रष्टाचार खत्म होता है, भाई भतीजावाद खत्म होता है। मुझे खुशी है कि दमन, दीव और दादरा नगर हवेली, केंद्र सरकार की अनेक योजनाओं के सैचुरेशन के बहुत निकट पहुंच गई है। आप सभी के ऐसे ही प्रयासों से समृद्धि आएगी, विकसित भारत का संकल्प सिद्ध होगा। एक बार फिर आप सभी को विकास कार्यों की बहुत-बहुत बधाई।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • Shivnaraya Sharma May 12, 2024

    मेरी बिटिया सूनी होगई, मेरे दुख की छाया दूनी होगई, यही कारण रहा जी
  • Vaishali Tangsale February 12, 2024

    🙏🏻🙏🏻✌️❤️
  • ज्योती चंद्रकांत मारकडे February 11, 2024

    जय हो
  • Raj kumar Das VPcbv April 28, 2023

    नया भारत विकसित भारत💪✌️✌️
  • Dharamvati Devi April 26, 2023

    जय भारत वंदे मातरम
  • Ranjeet Kumar April 26, 2023

    congratulations🎉🥳👏
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PM Modi's address to the nation
May 12, 2025
QuoteToday, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
QuoteOperation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
QuoteTerrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
QuotePakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
QuoteOperation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
QuoteThis is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
QuoteZero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
QuoteAny talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM

ପ୍ରିୟ ଦେଶବାସୀ,

ନମସ୍କାର

ଆମେ ସମସ୍ତେ ଗତ କିଛିଦିନ ହେବ ଦେଶର ଶକ୍ତି ଏବଂ ସଂଯମ ଉଭୟକୁ ଦେଖିଛୁ। ସର୍ବପ୍ରଥମେ, ମୁଁ ପ୍ରତ୍ୟେକ ଭାରତୀୟଙ୍କ ତରଫରୁ ଭାରତର ପରାକ୍ରମୀ ସେନାବାହିନୀ, ସଶସ୍ତ୍ର ବଳ, ଆମର ଗୁଇନ୍ଦା ସଂସ୍ଥା, ଆମର ବୈଜ୍ଞାନିକମାନଙ୍କୁ ପ୍ରଣାମ କରୁଛି। ‘ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୁର’ର ଲକ୍ଷ୍ୟ ହାସଲ କରିବା ପାଇଁ ଆମର ସାହସୀ ସୈନିକମାନେ ଅପାର ବୀରତ୍ୱ ପ୍ରଦର୍ଶନ କରିଥିଲେ। ମୁଁ ସେମାନଙ୍କର ବୀରତ୍ୱ, ସାହସ ଏବଂ ପରାକ୍ରମକୁ ଆଜି ଆମ ଦେଶର ପ୍ରତ୍ୟେକ ମା’, ଦେଶର ପ୍ରତ୍ୟେକ ଭଉଣୀ ଏବଂ ଦେଶର ପ୍ରତ୍ୟେକ ଝିଅଙ୍କୁ ସମର୍ପିତ କରୁଛି । ମୁଁ ଏହି ପରାକ୍ରମକୁ ସମର୍ପଣ କରୁଛି ।

ସାଥୀଗଣ,

ଏପ୍ରିଲ ୨୨ ତାରିଖରେ ପହଲଗାମରେ ଆତଙ୍କବାଦୀମାନେ ଯେଉଁ ବର୍ବରତା ପ୍ରଦର୍ଶନ କରିଥିଲେ, ତାହା ଦେଶ ତଥା ବିଶ୍ୱକୁ ବ୍ୟଥିତ କରିଦେଇଥିଲା। ଛୁଟି ପାଳନ କରୁଥିବା ନିର୍ଦ୍ଦୋଷ ନାଗରିକମାନଙ୍କୁ, ସେମାନଙ୍କ ପରିବାର ସମ୍ମୁଖରେ, ସେମାନଙ୍କ ପିଲାମାନଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ, ସେମାନଙ୍କ ଧର୍ମ ପଚାରି ନିର୍ମମ ହତ୍ୟା, ଆତଙ୍କବାଦର ଏକ ଅତ୍ୟନ୍ତ ବିଭତ୍ସ ଚେହେରା ଥିଲା, କ୍ରୁରତା ଥଲା। ଏହା ମଧ୍ୟ ଦେଶର ସୌହାର୍ଦ୍ଦ୍ୟକୁ ଭାଙ୍ଗିବାର ଏକ ନିନ୍ଦନୀୟ ପ୍ରୟାସ ଥିଲା। ବ୍ୟକ୍ତିଗତ ଭାବେ ମୋ ପାଇଁ ଏହି ଯନ୍ତ୍ରଣା ଅତ୍ୟନ୍ତ ଅସହ୍ୟ ଥିଲା। ଏହି ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆକ୍ରମଣ ପରେ ସମଗ୍ର ଦେଶ, ପ୍ରତ୍ୟେକ ନାଗରିକ, ପ୍ରତ୍ୟେକ ସମାଜ, ପ୍ରତ୍ୟେକ ବର୍ଗ, ପ୍ରତ୍ୟେକ ରାଜନୈତିକ ଦଳ, ଏକ ସ୍ୱରରେ ଆତଙ୍କବାଦ ବିରୋଧରେ ଦୃଢ଼ କାର୍ଯ୍ୟାନୁଷ୍ଠାନ ପାଇଁ ଛିଡ଼ା ହୋଇଥିଲେ। ଆତଙ୍କବାଦୀମାନଙ୍କୁ ଦମନ କରିବା ପାଇଁ ଆମେ ଭାରତୀୟ ସେନାକୁ ସ୍ୱାଧୀନତା ଦେଇଥିଲୁ। ଆଉ ଆଜି ପ୍ରତ୍ୟେକ ଆତଙ୍କବାଦୀ, ପ୍ରତ୍ୟେକ ଆତଙ୍କୀ ସଙ୍ଗଠନ ଭଲ ଭାବେ ଜାଣିପାରିଛନ୍ତି ଯେ ଆମ ଭଉଣୀ ଓ ଝିଅମାନଙ୍କ ମଥାରୁ ସିନ୍ଦୁର ପୋଛିବାର ପରିଣାମ କ’ଣ ହୋଇପାରେ।

ସାଥୀଗଣ,

‘ଅପରେସନ୍‌ ସିନ୍ଦୁର’ କେବଳ ଗୋଟିଏ ନାମ ନୁହେଁ, ଏହା ଦେଶର କୋଟି କୋଟି ଲୋକଙ୍କ ଭାବନାର ପ୍ରତିଫଳନ। ‘ଅପରେସନ୍‌ ସିନ୍ଦୁର’ ନ୍ୟାୟର ଅଖଣ୍ଡ ପ୍ରତିଜ୍ଞା ଅଟେ। ୬ ମଇ ବିଳମ୍ବିତ ରାତ୍ରୀରେ, ୭ ମଇ ସକାଳେ ସାରା ଦୁନିଆ ଏହି ପ୍ରତିଜ୍ଞାକୁ ପରିଣାମରେ ବଦଳୁଥିବା ଦେଖିଛି । ଭାରତର ସେନାବାହିନୀ ପାକିସ୍ତାନରେ ଥିବା ଆତଙ୍କୀ ଆଡ୍ଡା ଉପରେ, ସେମାନଙ୍କ ଟ୍ରେନିଂ ସେଣ୍ଟର୍‌ ଉପରେ ସଠିକ୍‌ ପ୍ରହାର କରିଥିଲା। ଆତଙ୍କବାଦୀମାନେ ସ୍ୱପ୍ନରେ ସୁଦ୍ଧା ଭାବିପାରିନଥିଲେ ଯେ ଭାରତ ଏତେ ବଡ଼ ନିଷ୍ପତ୍ତି ନେଇପାରିବ। କିନ୍ତୁ ଯେତେବେଳେ ଦେଶ ଏକଜୁଟ ହୋଇଥାଏ, ରାଷ୍ଟ୍ର ପ୍ରଥମ ଭାବନାରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଥାଏ, ରାଷ୍ଟ୍ର ସର୍ବୋପରି ହୋଇଥାଏ, ସେତେବେଳେ ଦୁଃସାହିକ ନିଷ୍ପତ୍ତି ଗ୍ରହଣ କରାଯାଏ, ପରିଣାମ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ପ୍ରଦର୍ଶିତ କରାଯାଏ।

ଯେତେବେଳେ ପାକିସ୍ତାନରେ ଥିବା ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ଆଡ୍ଡା ଉପରେ ଭାରତ କ୍ଷେପଣାସ୍ତ୍ର ମାଡ଼ କଲା, ଭାରତର ଡ୍ରୋନ ମାଡ଼ ହେଲା, ସେତେବେଳେ କେବଳ ଆତଙ୍କବାଦୀ ସଙ୍ଗଠନଗୁଡ଼ିକର ଅଟ୍ଟାଳିକା ନୁହେଁ, ବରଂ ସେମାନଙ୍କର ମନୋବଳ ମଧ୍ୟ ଭାଙ୍ଗି ଚୁରମାର୍‌ ହୋଇଥିଲା। ବାହାବଲପୁର ଏବଂ ମୁରୀଦକେ ଭଳି ଆତଙ୍କବାଦୀ କେନ୍ଦ୍ରଗୁଡ଼ିକ ଏକ ପ୍ରକାରରେ ବିଶ୍ୱ ଆତଙ୍କବାଦର ବିଶ୍ୱବିଦ୍ୟାଳୟ ହୋଇ ରହିଆସିଥିଲା। ବିଶ୍ୱର ଯେକୌଣସି ସ୍ଥାନରେ ବଡ଼ ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆକ୍ରମଣ ହେଉ, ତାହା ୯/୧୧ ହେଉ, ଲଣ୍ଡନ ଟ୍ୟୁବ୍ ବୋମା ବିସ୍ଫୋରଣ ହେଉ, କିମ୍ବା ଦଶନ୍ଧି ଦଶନ୍ଧି ଧରି ଭାରତରେ ହୋଇଥିବା ବଡ଼ ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆକ୍ରମଣ ହେଉ, କେଉଁଠି ନା କେଉଁଠି ଏହି ଆତଙ୍କବାଦର ଆଡ୍ଡା ସହିତ ଜଡିତ ହୋଇଛି। ଆତଙ୍କବାଦୀମାନେ ଆମ ଭଉଣୀମାନଙ୍କ ସିନ୍ଦୁରକୁ ଉଜାଡ଼ି ଦେଇଥିଲେ, ତେଣୁ ଭାରତ ଆତଙ୍କବାଦର ଏହି ମୁଖ୍ୟାଳୟଗୁଡ଼ିକୁ ଧ୍ୱଂସ କରିଦେଇଥିଲା। ଭାରତ ଦ୍ୱାରା ହୋଇଥିବା ଏହି ଆକ୍ରମଣରେ ୧୦୦ରୁ ଅଧିକ କୁଖ୍ୟାତ ଆତଙ୍କବାଦୀ ନିହତ ହୋଇଛନ୍ତି। ଗତ ଅଢେଇରୁ ତିନି ଦଶନ୍ଧି ଧରି ପାକିସ୍ତାନରେ ଖୋଲାଖୋଲି ଭାବେ ବୁଲୁଥିବା, ଭାରତ ବିରୋଧରେ ଷଡ଼ଯନ୍ତ୍ର କରୁଥିବା, ଅନେକ ପ୍ରମୁଖ ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କୁ ଭାରତ ଗୋଟିଏ ଆଘାତରେ ନିପାତ କରିଦେଇଛି ।

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଭାରତର ଏହି କାର୍ଯ୍ୟ ଦ୍ୱାରା ପାକିସ୍ତାନ ଗଭୀର ଭାବେ ନିରାଶ, ହତାଶ ଏବଂ କ୍ରୋଧିତ ହୋଇଥିଲା, ଏବଂ ଏହି ହତାଶାରେ ସେ ଆଉ ଏକ ଦୁଃସାହସ କରିଥିଲା। ଆତଙ୍କବାଦ ଉପରେ ଭାରତର କାର୍ଯ୍ୟାନୁଷ୍ଠାନକୁ ସମର୍ଥନ କରିବା ପରିବର୍ତ୍ତେ ପାକିସ୍ତାନ ଭାରତ ଉପରେ ହିଁ ଆକ୍ରମଣ କରିବା ଆରମ୍ଭ କରିଥିଲା। ପାକିସ୍ତାନ ଆମର ବିଦ୍ୟାଳୟ, କଲେଜ, ଗୁରୁଦ୍ୱାର, ମନ୍ଦିର, ସାଧାରଣ ନାଗରିକଙ୍କ ଘରକୁ ଟାର୍ଗେଟ କରିଛି, ପାକିସ୍ତାନ ଆମର ସାମରିକ ପ୍ରତିଷ୍ଠାନକୁ ଟାର୍ଗେଟ କରିଛି, କିନ୍ତୁ ଏଥିରେ ମଧ୍ୟ ପାକିସ୍ତାନର ମୁଖା ଖୋଲି ଯାଇଛି।

ପାକିସ୍ତାନର ଡ୍ରୋନ୍ ଏବଂ ପାକିସ୍ତାନର କ୍ଷେପଣାସ୍ତ୍ର ଭାରତ ସାମ୍ନାରେ ଧୂଳିସାତ ହୋଇଥିଲା ତାହା ସାରା ଦୁନିଆ ଦେଖିଛି । ଭାରତର ଶକ୍ତିଶାଳୀ ବାୟୁ ପ୍ରତିରକ୍ଷା ବ୍ୟବସ୍ଥା ସେଗୁଡ଼ିକୁ ଆକାଶରେ ଧ୍ୱଂସ କରିଦେଇଥିଲା। ପାକିସ୍ତାନର ପ୍ରସ୍ତୁତି ଥିଲା ସୀମାରେ ଆକ୍ରମଣ କରିବା, କିନ୍ତୁ ଭାରତ ପାକିସ୍ତାନକୁ ଛାତିରେ ଆଘାତ କରିଥିଲା। ଭାରତର ଡ୍ରୋନ୍, ଭାରତର କ୍ଷେପଣାସ୍ତ୍ରଗୁଡ଼ିକ ପୂର୍ଣ୍ଣ ସଠିକତାର ସହ ଆଘାତ କରିଥିଲା। ପାକିସ୍ତାନ ବାୟୁସେନାର ସେହି ବିମାନ ଘାଟି କ୍ଷତିଗ୍ରସ୍ତ ହୋଇଥିଲା, ଯାହାକୁ ନେଇ ପାକିସ୍ତାନ ଗର୍ବ କରୁଥିଲା। ଭାରତ ପ୍ରଥମ ତିନି ଦିନ ମଧ୍ୟରେ ପାକିସ୍ତାନରେ ଏପରି ଧ୍ୱଂସଲୀଳ କରିଥିଲା, ଯାହା ପାକିସ୍ତାନ କେବେ କଳ୍ପନା ମଧ୍ୟ କରିପାରିନଥିଲା।

ସେଥିପାଇଁ ଭାରତର ଆକ୍ରମଣାତ୍ମକ କାର୍ଯ୍ୟାନୁଷ୍ଠାନ ପରେ, ପାକିସ୍ତାନ ପଳାୟନ ମାର୍ଗ ଖୋଜିବା ଆରମ୍ଭ କରିଥିଲା। ପାକିସ୍ତାନ ସାରା ବିଶ୍ୱରେ ଉତ୍ତେଜନା ହ୍ରାସ ପାଇଁ ନିବେଦନ କରିଥିଲା। ଆଉ ଏତେ ମାତ୍ରାରେ ଆଘାତ ସହିବା ପରେ ପାକିସ୍ତାନ ସେନା ବାଧ୍ୟ ହୋଇ ମଇ ୧୦ ତାରିଖ ଅପରାହ୍ଣରେ, ଆମର ଡିଜିଏମଓଙ୍କୁ ଯୋଗାଯୋଗ କରିଥିଲା। ସେତେବେଳକୁ, ଆମେ ଆତଙ୍କବାଦର ଭିତ୍ତିଭୂମିକୁ ବ୍ୟାପକ ଭାବେ ଧ୍ୱଂସ କରିଦେଇଥିଲୁ, ଆତଙ୍କବାଦୀମାନଙ୍କୁ ନିପାତ କରାଯାଇଥିଲା, ପାକିସ୍ତାନର ଛାତିରେ ଥିବା ଆତଙ୍କବାଦୀ ଘାଟିଗୁଡ଼ିକ ଧ୍ୱଂସ ହୋଇଯାଇଥିଲା, ତେଣୁ ଯେତେବେଳେ ପାକିସ୍ତାନ ନିବେଦନ କଲା, ସେତେବେଳେ ପାକିସ୍ତାନ କହିଲା ଯେ ତା’ ତରଫରୁ ଆଉ କୌଣସି ଆତଙ୍କବାଦୀ କାର୍ଯ୍ୟକଳାପ ଏବଂ ସାମରିକ ଦୁଃସାହସ ହେବ ନାହିଁ। ତେଣୁ ଭାରତ ମଧ୍ୟ ଏହା ଉପରେ ବିଚାର କରିଥିଲା। ଆହୁରି, ମୁଁ ଦୋହରାଇବାକୁ ଚାହେଁ, ଆମେ ପାକିସ୍ତାନର ଆତଙ୍କବାଦୀ ଏବଂ ସାମରିକ ଘାଟିଗୁଡ଼ିକ ବିରୋଧରେ ଆମର ପ୍ରତିଶୋଧମୂଳକ କାର୍ଯ୍ୟାନୁଷ୍ଠାନକୁ ସ୍ଥଗିତ ରଖିଛୁ। ଆଗାମୀ ଦିନରେ, ଆମେ ପାକିସ୍ତାନର ପ୍ରତ୍ୟେକ ପଦକ୍ଷେପକୁ ତା’ର ଆଭିମୁଖ୍ୟ ଦ୍ୱାରା ବିଚାର କରିବୁ।

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଭାରତର ତିନି ସେନା, ଆମର ବାୟୁସେନା, ଆମର ସେନା, ଆମର ନୌସେନା, ଆମର ସୀମା ସୁରକ୍ଷା ବଳ-ବିଏସଏଫ, ଭାରତର ଅର୍ଦ୍ଧସାମରିକ ବାହିନୀ, ସବୁବେଳେ ସତର୍କ ରହିଛନ୍ତି। ସର୍ଜିକାଲ୍ ଷ୍ଟ୍ରାଇକ୍ ଏବଂ ଏୟାର ଷ୍ଟ୍ରାଇକ୍ ପରେ ଏବେ ‘ଅପରେସନ ସିନ୍ଦୁର’ ହେଉଛି ଆତଙ୍କବାଦ ବିରୋଧରେ ଭାରତର ନୀତି। ଆତଙ୍କବାଦ ବିରୋଧରେ ଲଢ଼େଇରେ ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୁର ଏକ ନୂତନ ଲକ୍ଷ୍ମଣରେଖା ଟାଣିଛି, ଏକ ନୂତନ ମାନଦଣ୍ଡ, ଏକ ନୂତନ ବାସ୍ତବିକତା ପ୍ରତିଷ୍ଠା କରିଛି।

ପ୍ରଥମତଃ, ଯଦି ଭାରତ ଉପରେ କୌଣସି ଆତଙ୍କବାଦୀ ଆକ୍ରମଣ ହୁଏ, ତା’ହେଲେ ଉପଯୁକ୍ତ ଜବାବ ଦିଆଯିବ। ଆମେ ନିଜ ଶୈଳୀରେ, ନିଜ ସର୍ତ୍ତରେ ଜବାବ ଦେବା ଜାରି ରଖିବୁ। ଯେଉଁଠାରୁ ଆତଙ୍କବାଦର ଉତ୍ପତ୍ତି ହୋଇଛି, ସେହି ପ୍ରତ୍ୟେକ ସ୍ଥାନକୁ ଯାଇ କଠୋର କାର୍ଯ୍ୟାନୁଷ୍ଠାନ ଗ୍ରହଣ କରାଯିବ। ଦ୍ୱିତୀୟତଃ, ଭାରତ କୌଣସି ପରମାଣୁ ଯୁଦ୍ଧ ବ୍ଲାକମେଲକୁ ବରଦାସ୍ତ କରିବ ନାହିଁ। ପରମାଣୁ ବ୍ଲାକମେଲର ଛଦ୍ମବେଶରେ ବିକଶିତ ହେଉଥିବା ଆତଙ୍କବାଦୀ ଘାଟିଗୁଡ଼ିକ ଉପରେ ଭାରତ ସଠିକ୍ ଏବଂ ନିର୍ଣ୍ଣାୟକ ଭାବରେ ଆକ୍ରମଣ କରିବ।

ତୃତୀୟତଃ, ଆମେ ଆତଙ୍କବାଦକୁ ପ୍ରୋତ୍ସାହନ ଦେଉଥିବା ସରକାର ଏବଂ ଆତଙ୍କବାଦୀ ସଂଗଠନର ମୁଖିଆମାନଙ୍କୁ ଅଲଗା କରି ଦେଖିବୁ ନାହିଁ। ଅପରେସନ ସିନ୍ଦୁର ସମୟରେ, ବିଶ୍ୱ ପୁଣିଥରେ ପାକିସ୍ତାନର କୁତ୍ସିତ ବାସ୍ତବତା ଦେଖିଲା ଯେତେବେଳେ ପାକିସ୍ତାନ ସେନାର ବରିଷ୍ଠ ଅଧିକାରୀମାନେ ନିହତ ଆତଙ୍କବାଦୀମାନଙ୍କୁ ଅନ୍ତିମ ବିଦାୟ ଦେବାକୁ ବାହାରିଥିଲେ। ଏହା ରାଷ୍ଟ୍ର-ପ୍ରାୟୋଜିତ ଆତଙ୍କବାଦର ଏକ ବଡ଼ ପ୍ରମାଣ। ଭାରତ ଏବଂ ଆମର ନାଗରିକମାନଙ୍କୁ ଯେକୌଣସି ବିପଦରୁ ରକ୍ଷା କରିବା ପାଇଁ ଆମେ ନିର୍ଣ୍ଣାୟକ ପଦକ୍ଷେପ ନେବା ଜାରି ରଖିବୁ।

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଆମେ ପ୍ରତ୍ୟେକ ଥର ଯୁଦ୍ଧକ୍ଷେତ୍ରରେ ପାକିସ୍ତାନକୁ ଧୂଳି ଚଟେଇଛୁ। ଆଉ ଏଥର ଅପରେସନ୍ ସିନ୍ଦୁର ଏକ ନୂଆ ଦିଗ ଯୋଡ଼ିଛି। ଆମେ ମରୁଭୂମି ଏବଂ ପର୍ବତଗୁଡ଼ିକରେ ନିଜର ସାମର୍ଥ୍ୟର ଚମତ୍କାର ପ୍ରଦର୍ଶନ କରିଛୁ, ଏବଂ ଠିକ୍‌ ଏହି ସମୟରେ, ନୂତନ ଯୁଗର ଯୁଦ୍ଧରେ ନିଜର ଶ୍ରେଷ୍ଠତାକୁ ପ୍ରମାଣିତ କରିଛୁ। ଏହି ଅପରେସନ୍ ସମୟରେ, ଆମର ମେଡ ଇନ୍ ଇଣ୍ଡିଆ ଅସ୍ତ୍ରଶସ୍ତ୍ରର କ୍ଷମତା ପ୍ରମାଣିତ ହୋଇଥିଲା। ଆଜି ବିଶ୍ୱ ଦେଖୁଛି, ଏକବିଂଶ ଶତାବ୍ଦୀର ଯୁଦ୍ଧରେ ଭାରତରେ ନିର୍ମିତ ପ୍ରତିରକ୍ଷା ଉପକରଣର ସମୟ ଆସିଛି।

ବନ୍ଧୁଗଣ, ପ୍ରତ୍ୟେକ ପ୍ରକାରର ଆତଙ୍କବାଦ ବିରୋଧରେ ଏକଜୁଟ ରହିବା ହେଉଛି ଆମର ସବୁଠାରୁ ବଡ଼ ଶକ୍ତି। ନିଶ୍ଚିତ ଭାବେ ଏହା ଯୁଦ୍ଧର ଯୁଗ ନୁହେଁ, କିନ୍ତୁ ଏହା ମଧ୍ୟ ଆତଙ୍କବାଦର ଯୁଗ ନୁହେଁ। ଆତଙ୍କବାଦ ବିରୋଧରେ ଶୂନ୍ୟ ସହନଶୀଳତା ହେଉଛି ଏକ ଉନ୍ନତ ବିଶ୍ୱର ଗ୍ୟାରେଣ୍ଟି।

ବନ୍ଧୁଗଣ,

ଯେଭଳି ଭାବେ ପାକିସ୍ତାନ ସେନା ଏବଂ ପାକିସ୍ତାନ ସରକାର ଆତଙ୍କବାଦକୁ ପୋଷଣ ଦେଉଛନ୍ତି, ଦିନେ ନା ଦିନେ ଏହା ପାକିସ୍ତାନକୁ ଶେଷ କରିଦେବ। ଯଦି ପାକିସ୍ତାନ ବଞ୍ଚିବାକୁ ଚାହେଁ, ତା’ହେଲେ ତାର ଆତଙ୍କବାଦୀ ଭିତ୍ତିଭୂମିକୁ ଧ୍ୱଂସ କରିବାକୁ ପଡ଼ିବ। ଶାନ୍ତି ପାଇଁ ଅନ୍ୟ କୌଣସି ରାସ୍ତା ନାହିଁ। ଭାରତର ସ୍ଥିତି ଅତ୍ୟନ୍ତ ସ୍ପଷ୍ଟ: ଆତଙ୍କବାଦ ଏବଂ ଆଲୋଚନା, ଏକାଠି କରାଯାଇପାରିବ ନାହିଁ, ଆତଙ୍କବାଦ ଏବଂ ବ୍ୟବସାୟ ଏକାଠି ଯାଇପାରିବ ନାହିଁ। ଏହା ବ୍ୟତୀତ, ପାଣି ଏବଂ ରକ୍ତ ଏକାଠି ପ୍ରବାହିତ ହୋଇପାରିବ ନାହିଁ। ମୁଁ ଆଜି ବିଶ୍ୱ ସମୁଦାୟକୁ ମଧ୍ୟ କହିବି, ଆମର ଘୋଷିତ ନୀତି ହେଉଛି, ଯଦି ପାକିସ୍ତାନ ସହିତ ଆଲୋଚନା ହୁଏ, ତେବେ ତାହା ଆତଙ୍କବାଦ ଉପରେ ହେବ, ଯଦି ପାକିସ୍ତାନ ସହିତ ଆଲୋଚନା ହୁଏ, ତେବେ ପାକିସ୍ତାନ ଅଧିକୃତ କାଶ୍ମୀର, ପିଓକେ ଉପରେ ଆଧାରିତ ହେବ।

ପ୍ରିୟ ଦେଶବାସୀ,

ଆଜି ବୁଦ୍ଦ ପୂର୍ଣ୍ଣିମା। ଭଗବାନ ବୁଦ୍ଧ ଆମକୁ ଶାନ୍ତିର ମାର୍ଗ ଦେଖାଇଛନ୍ତି। ଶାନ୍ତିର ମାର୍ଗ ମଧ୍ୟ ଶକ୍ତିର ମାର୍ଗ ହୋଇଯାଇଥାଏ। ମାନବତା, ଶାନ୍ତି ଏବଂ ସମୃଦ୍ଧି ଦିଗରେ ଆଗକୁ ବଢ଼ୁ, ପ୍ରତ୍ୟେକ ଭାରତୀୟ ଶାନ୍ତିରେ ରୁହନ୍ତୁ, ବିକଶିତ ଭାରତର ସ୍ୱପ୍ନକୁ ପୂରଣ କରନ୍ତୁ, ସେଥିପାଇଁ ଭାରତ ଶକ୍ତିଶାଳୀ ହେବ ଅତ୍ୟନ୍ତ ଜରୁରୀ। ଆବଶ୍ୟକତା ପଡ଼ିଲେ ଏହି ଶକ୍ତିର ଉପଯୋଗ କରିବା ମଧ୍ୟ ଜରୁରୀ। ଆଉ ବିଗତ କିଛି ଦିନ ମଧ୍ୟରେ ଭାରତ ଏହା କରି ଦେଖାଇଛି ।

ମୁଁ ପୁଣିଥରେ ଭାରତୀୟ ସେନା ଏବଂ ସଶସ୍ତ୍ର ବଳକୁ ଅଭିବାଦନ ଜଣାଉଛି। ଆମେ ଭାରତବାସୀଙ୍କ ସାହସକୁ ପ୍ରଣାମ କରୁଛି। ଭାରତବାସୀଙ୍କ ଏକତାର ଶପଥ, ସଂକଳ୍ପକୁ ମୁଁ ପ୍ରଣାମ କରୁଛି।

ବହୁତ - ବହୁତ ଧନ୍ୟବାଦ।

ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ!!!

ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ!!!

ଭାରତ ମାତା କୀ ଜୟ!!!