Bundelkhand Expressway will enhance connectivity in UP: PM Modi

Published By : Admin | February 29, 2020 | 14:01 IST
Bundelkhand Expressway will create many employment opportunities and will also connect the people with the facilities available in big cities: PM Modi
Bundelkhand Expressway will prove to be development expressway of region: PM Modi in Chitrakoot
UP Defense Corridor will be getting momentum from Bundelkhand Expressway: PM Modi
PM Modi lays the foundation stone of 296 km-long Bundelkhand Expressway in Chitrakoot, to be built at a cost of Rs 14,849 crore

चित्रकूट की इस पवित्र धरती पर भारी संख्या में पधारे मेरे भाइयों और बहनों, चित्रकूट में राम जी अपने भाई लखन और सिया जी के साथ इतई निवास करत हैं। जासै हम मर्यादा पुरुषोत्तम राम की तपोस्थली में आप सभई को अभिनंदन करत हौं।

इतै बहुत सारे बीरन ने जनम लओ है, कर्मभूमि बनाओ है। उनै भी हमाओ नमन।

भाइयों और बहनों,

मैं सबसे पहले तो आपकी क्षमा मांगता हूँ क्यूंकि मैंने हेलीकाप्टर से देखा जीतने लोग अंदर है उससे ज़्यादा लोग बाहर हैं। वे अंदर आने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आ नहीं पा रहे। इस असुविधा के लिए मैं क्षमा मांगता हूँ। लेकिन इतनी बड़ी तादाद में आने का मतलब है कि विकास की योजना के प्रति आपका कितना गहरा विशवास है गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है-

चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीर।

आज आप सभी को देखकर आपके इस सेवक को भी कुछ-कुछ ऐसी ही अनुभूति हो रही है। चित्रकूट सिर्फ एक स्थान नहीं है, बल्कि भारत के पुरातन समाज जीवन की संकल्प स्थली, तप स्थली है। इस धरती ने भारतीयों में मर्यादा के नए संस्कार गढ़े हैं। यहां से भारत के समाज को नए आदर्श मिले हैं। प्रभु श्री राम, आदिवासियों से, वन्य प्रदेश में रहने वालों से, दूसरे काम से जुटे साथियों से कैसे प्रभावित हुए थे, इसकी कथाएं अनंत हैं।

 

 

 

साथियों,

भारत पुरातन परंपराओं को बदलते हुए समय की आवश्यकताओं के साथ पिरो कर, उन्हें जीवंत रखने के प्रयोग भी इसी धरती से हुए हैं। भारत रत्न, राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने यहीं से भारत को स्वावलंबन के रास्ते पर ले जाने का व्यापक प्रयास शुरु किया था। 2 दिन पहले ही नाना जी को उनकी पुण्य तिथि पर देश ने याद किया है।

भाइयों और बहनों,

ये हम सभी का सौभाग्य है कि ग्रामोदय से राष्ट्रोदय के जिस संकल्प को लेकर नाना जी ने अपना जीवन जीया, उसको साकार करने वाली हज़ारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास और शुरुआत आज चित्रकूट की पवित्र धरती से हो रही है।

बुंदेलखंड को विकास के एक्सप्रेस-वे पर ले जाने वाला, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस पूरे क्षेत्र के जन-जीवन को बदलने वाला सिद्ध होगा। करीब 15 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला ये एक्सप्रेस-वे यहां रोज़गार के हजारों अवसर तैयार करेगा और यहां के सामान्य जन को बड़े-बड़े शहरों जैसी सुविधा से जोड़ेगा। थोड़ी देर पहले ही यहां देश के किसानों की आय बढ़ाने के लिए, किसानों को सशक्त करने के लिए 10 हज़ार Farmer Producer Organisations यानि किसान उत्पादक संगठन बनाने की योजना भी लॉन्च की गई है। यानि किसान अब तक उत्पादक तो था ही, अब वो Farmer Producer Organisations - FPO- के माध्यम से व्यापार भी करेगा। अब किसान फसल भी बोएगा और कुशल व्यापारी की तरह मोलभाव करके अपनी उपज का सही दाम भी प्राप्त करेगा। मेरा आपसे आग्रह है इस कार्यक्रम के बाद आप तुरंत जाने की जल्दी मत करना। यहाँ पर देश भर में जो सफल FPO हैं उनकी प्रदर्शिनी लगी है। मैंने उस प्रदर्शिनी को देखा। मेरा सीना चौड़ा हो गया। मेरा आपसे आग्रह है आप ज़रूर देखिएगा। आप समझने का प्रयास कीजियेगा… उन्होंने अपने अपने राज्य में FPO के द्वारा कितनी कमाल करके रखी हुई है। इस पूरे अभियान पर आने वाले 5 वर्षों में करीब 5 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इन सभी विकास योजनाओं के लिए मेरे किसान भाइयों बहनो को, बुंदेलखंड को, बुंदेलखंड के नागरिको को, आपको विकास की इस दौड़ में बुंदेलखंड के शामिल होने पर पूरे देश को बहुत-बहुत बधाई !!

साथियों,

हमारे देश में किसानों से जुड़ी जो नीतियां थीं, उन्हें हमारी सरकार ने निरंतर नई दिशा दी है, उसे किसानों की आय से जोड़ा है। सरकार द्वारा ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसान की लागत घटे, उत्पादकता बढ़े और उपज के उचित दाम मिले। इसके लिए बीते पाँच वर्षों में बीज से बाजार तक अनेक फैसले लिए गए हैं। MSP का फैसला हो, सॉयल हेल्थ कार्ड हो, यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग हो, दशकों से अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना हो, हर स्तर पर सरकार ने काम किया है। किसानों की आय बढ़ाने की अहम यात्रा का, आज भी एक अहम पड़ाव है। आज ही यहां प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के, एक वर्ष पूरा होने का समारोह भी मनाया जा रहा है। मुझे याद है कि एक वर्ष पहले जब इस योजना को लॉन्च किया गया था तो किस तरह की आशंकाएं पैदा करने की कोशिश की गई थी। लेकिन इतने कम समय में देश के करीब साढ़े 8 करोड़ किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधे 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा हो चुकी है। चित्रकूट सहित पूरे यूपी के 2 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के खाते में भी करीब 12 हज़ार करोड़ रुपए जमा हुए हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा, सिर्फ एक वर्ष में। वो भी सीधे बैंक खाते में, बिना बिचौलिए के, बिना सिफारिश के, बिना किसी भेदभाव के !!

साथियों,

आपने बीते दशकों में वो दिन भी देखे हैं जब बुंदेलखंड के नाम पर, किसानों के नाम पर हज़ारों करोड़ के पैकेज घोषित होते थे, लेकिन किसान को उसका लाभ नहीं मिलता था। अब देश उन दिनों को पीछे छोड़ चुका है। अब दिल्ली से निकलने वाली पाई-पाई उसके हकदार तक पहुंच रही है। इसी कड़ी में आज किसान सम्मान निधि योजना के दायरे को और विस्तार दिया गया है। अब जो इस योजना के लाभार्थी हैं, उनको बैंकों से आसान ऋण भी मिले, इसके लिए सभी किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा जा रहा है। हमारे गरीब किसान को, छोटे किसान को, साहूकारों पर निर्भर न रहना पड़े, ऐसा बड़ा काम किसान क्रेडिट कार्ड से होने वाला है। बैंक से मिलने वाले सस्ते और आसान कर्ज के कारण अब ऋण के लिए आपको इधर उधर नहीं जाना पड़ेगा।

भाइयों और बहनों,

कोशिश ये है कि जितने भी साथी पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं, उनको किसान क्रेडिट कार्ड से भी जोड़ा जाए। अभी करीब पौने 2 करोड़ लाभार्थी इससे वंचित हैं। इस गैप को भरने के लिए इसी महीने 15 दिन का एक विशेष अभियान भी चलाया गया, जिससे 40 लाख से ज्यादा किसानों को KCC से जोड़ा गया है। इनमें से कुछ साथियों को थोड़ी देर पहले यहां कार्ड भी दिए गए।

भाइयों और बहनों,

जो साथी पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं, उनको पीएम जीवन ज्योति बीमा और पीएम जीवन सुरक्षा बीमा योजना से भी जोड़ा जा रहा है। इससे किसान साथियों को मुश्किल समय में 2 लाख रुपए तक की बीमा राशि सुनिश्चित हो जाएगी।

साथियों,

हाल में सरकार ने एक और बड़ा फैसला प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित लिया है। अब इस योजना से जुड़ना स्वैच्छिक कर दिया गया है। पहले बैंक से ऋण लेने वाले किसान साथियों को इससे जुड़ना ही पड़ता था, लेकिन अब ये किसान की इच्छा पर निर्भर होगा। अब वह जुड़ना चाहें तो जुड़ सकते हैं, ना जुड़ना चाहें तो अपने आप को बहार रख सकते हैं। ये फैसला भी इसलिए लिया गया है क्योंकि अब खुद से ही इस योजना से जुड़ने वाले किसानों की संख्या निरंतर बढ़ रही है।

इस योजना से जुड़ना इसलिए भी लाभदायक है क्योंकि 13 हजार करोड़ रुपए के प्रीमियम के बदले, तीन साल में किसानों को 56 हजार करोड़ रुपए की क्लेम राशि दी गई है। यानि संकट के समय ये योजना, एक तरह से किसानों के लिए वरदान है।

साथियों,

इस वर्ष के बजट में भी अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिसका लाभ किसानों को होगा। किसान की आय बढ़ाने के लिए एक 16 सूत्रीय कार्यक्रम बनाया गया है।

गांव में भंडारण के लिए आधुनिक भंडार गृह बनें, पंचायत स्तर पर कोल्ड स्टोरेज बनें, पशुओं के लिए उचित मात्रा में चारा उपलब्ध हो, इसके लिए एक व्यापक योजना बनाई गई है।

इसके अलावा गांवों से किसानों और पशुपालकों के फल-सब्जी, दूध, मछली जैसे जल्दी खराब होने वाले सामान को सुरक्षित मंडियों तक पहुंचाने के लिए किसान रेल जैसी सुविधा की घोषणा भी की गई है।

भाइयों और बहनों,

हमारे देश में ग्रामीण बाजारों का या गांव की स्थानीय मंडियों को, होलसेल मार्केट और ग्लोबल मार्केट तक जोड़ा जाना भी बहुत आवश्यक है। इसके लिए सरकार ग्रामीण रीटेल एग्रीकल्चर मार्केट के विस्तार पर काम कर रही है। देश में 22 हजार ग्रामीण हाटों में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि किसान को, उसके खेत के कुछ किलोमीटर के दायरे में ही एक ऐसी व्यवस्था मिले, जो उसे देश के किसी भी मार्केट से जोड़ दे। आने वाले समय में ये ग्रामीण हाट, कृषि अर्थव्यवस्था के नए केंद्र बनेंगे। यही कारण है कि ग्रामीण मंडियों को बड़ी मंडियों यानि APMC और फिर दुनिया भर के मार्केट से जोड़ा जा रहा है। कोशिश ये है कि हमारे किसानो को अपनी उपज बेचने के लिए बहुत दूर ना जाना पड़े। इसी कोशिश का परिणाम है कि यूपी सहित देशभर के हज़ारों ग्रामीण हाटों को APMC और e-NAM से जोडा जा रहा है।

ये e-NAM प्लेटफॉर्म यानि राष्ट्रीय मंडी, जिसमें मोबाइल फोन या कंप्यूटर से ही किसान अपनी उपज पूरे देश में कहीं भी बेच पा रहा है, ये तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है। यूपी में भी 100 से अधिक मंडियां इस प्लेटफॉर्म से जोड़ी जा चुकी हैं। अभी तक इस राष्ट्रीय मंडी में पूरे देश में लगभग एक लाख करोड़ रुपए का व्यापार हो चुका है। किसानो ने एक लाख करोड़ रुपए का व्यापार किया है...टेक्नोलॉजी की मदद से किया है ।

साथियों,

समूह से शक्ति मिलती है और इसी सामूहिक शक्ति से किसान भी समृद्धि की ओर अग्रसर होंगे। किसानों को उचित दाम दिलाने के लिए अब किसानों की सामूहिक ताकत का उपयोग किया जाएगा। आज चित्रकूट में जो नए FPO यानि Farmer Producer Organizations की शुरुआत हुई है, उसके पीछे भी यही भावना है। ये विशेषतौर पर देश के लिए उन छोटे और सीमांत किसानों के हित में हैं जिनकी संख्या देश में सबसे अधिक है। एक किसान परिवार के बजाय जब गांव के अनेक किसान मिलकर बीज से लेकर बाज़ार तक की व्यवस्थाओं से जुड़ेंगे तो उनकी क्षमता निश्चित रूप से अधिक होगी।

अब जैसे, सोचिए, जब गांव के किसानों का एक बड़ा समूह इकट्ठा होकर खाद खरीदेगा, उसे Transport करके लाएगा, तो पैसे की कितनी बचत होगी। इसी तरह ज्यादा खरीद में डिस्काउंट भी अधिक मिलता है। फसल तैयार हो गई, मंडी ले जाने का समय आया, तब भी आपकी सामूहिकता ज्यादा काम आएगी। मंडी में व्यापारी-कारोबारी के साथ आप अधिक प्रभावी तरीके से बातचीत कर पाएंगे, अच्छे से मोल-भाव कर पाएंगे।

भाइयों और बहनों,

बीते कुछ सालों में इन FPOs की सफलता से प्रोत्साहित होकर ही इनका अभूतपूर्व विस्तार किया जा रहा है। किसानों और उत्पादकों के इन समूहों के माध्यम से कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए भी व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। अब जैसे आलू हो या फिर यहां जंगलों से मिलने वाले दूसरे उत्पाद हों, उनकी कीमत कम होती है। लेकिन अगर उनके चिप्स बनाकर मार्केट में अच्छी पैकेजिंग के साथ उतारे जाएं तो कीमत ज्यादा मिलती है। ऐसे ही उद्योग इन FPOs के माध्यम से लगाए जा रहे हैं। और प्रत्येक FPO को 15 लाख रुपए तक की मदद देने का प्रावधान भारत सरकार ने किया है। जैसे यहां योगी जी की सरकार ने एक जनपद एक उत्पाद की योजना चलाई है, उसके साथ भी इन संगठनों को जोड़ा जा रहा है। सरकार ने ये भी तय किया है कि आदिवासी क्षेत्रों और चित्रकूट जैसे देश के 100 से ज्यादा Aspirational Districts- आकांक्षी जिलों में FPOs को अधिक प्रोत्साहन दिया जाए, हर ब्लॉक में कम से कम एक FPO का गठन जरूर किया जाए। आदिवासी क्षेत्रों की वन उपज में वैल्यू एडिशन को इससे बल मिलेगा और ज्यादा से ज्यादा बहनें इन संगठनों से जुड़ें ये भी प्रयास किया जा रहा है।

साथियों,

बुंदेलखंड सहित पूरे भारत को जिस एक और अभियान का व्यापक लाभ मिलने वाला है, वो है जल जीवन मिशन। अब देश का एक-एक जन भारत को जलयुक्त और सूखा मुक्त करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। आने वाले 5 वर्ष में देश के लगभग 15 करोड़ परिवारों तक शुद्ध पीने का पानी पहुंचाने के संकल्प के लिए काम तेज़ी से शुरु हो चुका है। इसमें भी प्राथमिकता आकांक्षी जिलों को दी जा रही है। ये योजना ऐसी है जिसका संचालन आप सभी को करना है, हर गांव को करना है। सरकार आपके हाथ में पैसा देगी, फंड देगी… कारोबार आपको करना है । कहां से पाइप जाना है, कहां पानी को इकट्ठा किया जाएगा, उनका रख-रखाव कैसे होगा, ये आप सभी गांव के लोग ही तय करेंगे, हमारी बहनें उसमें बड़ी भूमिका अदा करेंगी । यही स्वावलंबन है, यही गांव के सशक्तिकरण की भावना है, यही गांधी जी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना है और इसी उद्देश्य के लिए नाना जी ने अपना जीवन समर्पित किया।

साथियों,

यूपी के किसानों को, व्यापारियों-उद्यमियों का तेज विकास यहां की कनेक्टिविटी पर भी निर्भर है। इसके लिए योगी जी और उनकी सरकार एक प्रकार से एक्सप्रेस गति से काम कर रही है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे हो, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे हो या फिर प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे, ये यूपी में कनेक्टिविटी तो बढ़ाएंगे ही, रोज़गार के भी अनेक अवसर तैयार करने वाले हैं। पहले एक्सप्रेसवे सिर्फ दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में देखने को मिलते थे, अब चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया के लोग भी आधुनिक एक्सप्रेसवे पर चलेंगे। करीब 300 किलोमीटर की ये आधुनिक सड़क जब तैयार हो जाएगी तो आप बहुत कम समय में सीधे लखनऊ और दिल्ली पहुंच पाएंगे।

भाइयों और बहनों,

ये आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर यहां नए उद्योगों, नए उद्यमों को विकसित करेगा। ये संयोग ही है कि पिछले साल फरवरी में ही झांसी में यूपी डिफेंस कॉरिडोर का शिलान्यास करने आया था और इस साल बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास हो रहा है। इस साल के बजट में यूपी डिफेंस कॉरिडोर के लिए 3700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इन दोनों योजनाओं का आपस में गहरा नाता है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से यूपी डिफेंस कॉरिडोर को भी गति मिलने वाली है।

 

साथियों,

एक समय में ये क्षेत्र भारत की आजादी के क्रांतिवीरों को पैदा करता रहा है और आने वाले समय में ये भारत को युद्ध के साजो-सामान में आत्मनिर्भर बनाने वाले क्षेत्र के रूप में भी जाना जाएगा। बुंदेलखंड का ये क्षेत्र मेक इन इंडिया का बहुत बड़ा सेंटर बनने वाला है। यहां बना साजो सामान पूरे विश्व में निर्यात भी होगा। जब यहां बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां लगनी शुरु हो जाएंगी तो आस पास के छोटे और लघु उद्योगों को भी व्यापक लाभ होगा, यहां के किसानों को भी लाभ होगा। इस तरह रोज़गार के अभूतपूर्व अवसर यहां बनेंगे और हर परिवार की आय में बढ़ोतरी होगी।

भाइयों और बहनों,

आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का यहां के पर्यटन उद्योग को विशेष लाभ होगा। चित्रकूट में तो प्राकृतिक सौंदर्य भी है और आध्यात्मिकता का भी गहरा वास है। प्रभु राम के चरण जहां-जहां पड़े, उनको जोड़कर रामायण सर्किट के रुप में विकसित किया जा रहा है। चित्रकूट इसका एक अहम पड़ाव है। रामायण सर्किट के दर्शन देश और दुनिया के श्रद्धालु कर सकें इसके लिए रामायण एक्सप्रेस नाम से विशेष ट्रेन भी चलाई जा रही है। आने वाले समय में जब यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होगा, तो यहां श्रद्धालुओं की आवाजाही भी अधिक होगी। जिससे यहां के युवाओं को रोज़गार के नए अवसर, यहीं पर उपलब्ध होंगे।

मुझे विश्वास है कि चित्रकूट से, बुंदेलखंड से पूरे यूपी, पूरे देश की आकांक्षाओं को एक्सप्रेस रफ्तार मिलेगी। तप-तपस्या और तेज की ये पावन भूमि नए भारत के सपनों का एक अहम केंद्र बने, इसी कामना के साथ इस क्षेत्र के सभी नागरिकों को, आप सभी को विकास योजनाओं की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। मेरे किसान भाइयों बहनों को अनेक अनेक शुभकमानाएं देता हूँ। और बुंदेलखंड सिर्फ अपना ही नहीं भारत का भी भाग्य बदलने के लिए तैयार हो रहा है ।

भारत माता की जय

भारत माता की जय

जय जवान जय किसान

जय जवान जय किसान

डिफेन्स कॉरिडोर - यह - जवान

FPO की शुरुवात - यह - किसान

जय जवान जय किसान मंत्र के साथ बुंदेलखंड आगे चल पड़े इसी शुभकामनाओं के साथ बहुत-बहुत धन्यवाद !!

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November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
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Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।