The Sankalp Patr will strengthen our development work. We did what we said, says PM Modi in UP’s virtual rally
PM Modi says our party is known for fulfilling promises made in manifestoes
As long as there is a Yogi government, mafias can never harass the people of UP: PM Modi

नमस्कार।

संभल, रामपुर और बदायूं के सभी मतदाता भाई-बहन को मेरा प्रणाम। पहले चरण के मतदान के लिए अब बस 2 दिन शेष हैं। पश्चिम यूपी के भाई-बहन, हमारे युवा, हमारी माताएं, बेटियां, हमारे किसान, हमारे उद्यमी, कमल का बटन दबाने के लिए तैयार हैं, तत्पर हैं।

साथियों,

यूपी के लोग राजनीति के जानकार तो हैं ही, यूपी वाले सच्चाई के बहुत बड़े पारखी भी हैं। यूपी परखता सबको है, लेकिन विश्वास उसी को देता है, जो उम्मीदों पर खरा उतरता है। योगी जी सरकार से पहले के अनेक साल विकल्पों की तलाश में रहे, कभी एक को परखा,कभी दूसरे को। लेकिन अब यूपी को स्थायित्व का, निरंतरता का विश्वास मिल चुका है। यूपी के लोगों ने देखा है कि जिनको पहले मौका दिया उन्होंने कैसे विश्वासघात किया। किसी ने जातिवाद और भ्रष्टाचार को फैलाया। तो किसी ने परिवारवाद, माफियावाद, गुंडाराज और दंगाराज यूपी को दिया। यूपी का नौजवान प्रगति के लिए आकांक्षी है। यूपी की माताएं-बहनें, शांति के साथ विकास चाहतीं है। वो पिछली सरकारों की हर करतूत को याद रखे हुए हैं। इसलिए पश्चिमी यूपी, फिर एक बार एकजुट होकर, भाजपा को जिताने जा रहा है। कुछ लोग, जिन्हें दिन में सपने देखने की आदत है, वो सोच रहे हैं कि पश्चिमी यूपी के लोग बंट जाएंगे। लेकिन उन्हें पता नहीं कि जिन लोगों ने 2014 में उन्हें हराया, जिन लोगों ने 2017 में उन्हें हराया, जिन लोगों ने 2019 में उन्हें हराया, वो अब फिर उन्हें हराने जा रहे हैं। पश्चिमी यूपी के लोगों के लिए, यूपी के लोगों के लिए हमेशा देश सर्वोपरि रहा है। वो देश को बांटने वाली ताकतों को, डराने वाली ताकतों को, तुष्टिकरण करने वाली ताकतों को कभी जीतने नहीं देंगे।

भाइयों और बहनों,

आज यूपी, यूपी भाजपा ने, उत्तर प्रदेश की आकांक्षा को साकार करने के लिए अगले 5 वर्ष का संकल्प पत्र जारी किया है। गरीब को सशक्त करने वाले, किसान-युवा को सशक्त करने वाले इस संकल्प पत्र के लिए मैं उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को और योगी जी को बधाई देता हूं। ये नए संकल्प, बीते 5 सालों की सिद्धियों से प्रेरित हैं। इसमें बीते 5 साल की सिद्धियों की निरंतरता भी है। कंटीन्यूटी भी है। ये संकल्प पत्र यूपी को एक बड़ी कृषि अर्थव्यवस्था का रोडमैप है। कृषि सिंचाई में जो उपलब्धियां 5 साल में हासिल कीं, मुख्यमंत्री सिंचाई योजना उसको विस्तार देगी। सरदार वल्लभ भाई पटेल एग्री- इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन, यूपी में छंटाई और ग्रेडिंग यूनिट, कोल्ड चेन चेम्बर्स, गोदाम, प्रोसेसिंग सेंटर के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाएगा। भामाशाह भाव स्थिरता कोष, आलू, टमाटर, प्याज उगाने वाले किसानों, विशेष रूप से पश्चिमी यूपी के किसानों को बेहतर दाम देने में मदद करेगा। नई चीनी मिलों के निर्माण, पुरानी मिलों के आधुनिकीकरण के लिए हज़ारों करोड़ रुपए का मिशन, गन्ना किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करेगा। ये संकल्प पत्र उत्तर प्रदेश को देश के टॉप औद्योगिक राज्यों में शामिल करने का रास्ता बनाता है। ये संकल्प पत्र, युवाओं, महिलाओं, दलितों, पिछड़ों को विकास के अहम सारथी बनाने पर बल देता है। महिला सुरक्षा के संकल्पों को, महिला रोज़गार-स्वरोजगार के हमारे कमिटमेंट को ये संकल्प पत्र और मज़बूत करने वाला है। ये संकल्प पत्र स्वास्थ्य के मामले में उत्तर प्रदेश ने जो प्रशंसनीय काम किया है, उसको और सशक्त करने वाला है।

साथियों,

भाजपा सरकार की पहचान रही है कि वो जो कहती है, करके दिखाती है। हम जो संकल्प लेते हैं उसको सिद्धि की तरफ ले जाते हैं। यूपी ने 2017 से पहले के अनेक साल भी देखे हैं जब वादों के नाम पर सिर्फ और सिर्फ धोखा होता था। आज बिजली की बात करने वाले जब सत्ता में थे, तब बिजली के तार कपड़े सुखाने के काम आते थे। आज बदायूं सोलर एनर्जी हब बन रहा है। आज दातागंज का सोलर प्लांट बड़े क्षेत्र को रोशन कर रहा है। यहां गांवों में कितने घरों तक पाइप से पानी आता था? आज हर घर नल से जल के लिए डबल इंजन की सरकार काम कर रही है। माताओं-बहनों की उत्तम सेवा का हमारे लिए काम है। संभल, बदायूं और रामपुर में 60 हजार से ज्यादा गरीबों को पक्का घर डबल इंजन की सरकार ने ही दिलाया है। उज्ज्वला योजना की वजह से इन तीन जिलों में 7 लाख से ज्यादा गरीब बहनें अब गैस के चूल्हे पर खाना पकाती हैं।

साथियों,

आपको विकास के छोटे से छोटे काम के लिए ये नकली समाजवादी, कितना तरसाते थे, वो दिन लोग भूले नहीं हैं। संभल के लोग मेडिकल कॉलेज की मांग सालों-साल करते रहे। ये मांग डबल इंजन सरकार ने ही पूरी करने जा रही है। यूपी में एक्सप्रेसवे का जाल बिछ रहा है, इसके इर्द-गिर्द उद्योगों का नेटवर्क बिछने वाला है। गंगा एक्सप्रेस-वे तो बदायूं के किसानों, यहां के नौजवानों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने वाला है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत आज हर जिले में पैदा होने वाले उत्पाद को, चाहे वो खेत का हो या MSME का, उसको प्रोत्साहित किया जा रहा है। गुन्नौर में इंडस्ट्रियल एरिया यहां के युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर देने वाला है।

साथियों,

गन्ने से इथेनॉल और दूसरी सड़ी-गली फसलों से बायोफ्यूल बनाकर हम इस क्षेत्र के किसानों को बेहतर भविष्य से जोड़ रहे हैं। यूपी के किसानों का बनाया इथेनॉल, ये बायोफ्यूल अब देश की गाड़ियों को, हवाई जहाज़ों को चलाने वाला है। 5 साल पहले की तुलना में अब यूपी में इथेनॉल उत्पादन काफी ज्यादा हो रहा है। इस दौरान लगभग 12 हज़ार करोड़ रुपए का इथेनॉल गन्ना किसानों से खरीदा गया है। आज यूपी के कोने-कोने में बायोफ्यूल बनाने वाली फैक्ट्रियां लगाई जा रही हैं। बदायूं में भी बायोफ्यूल की एक यूनिट पर काम हो रहा है। दूध के साथ-साथ गोबर को भी किसानों-पशुपालकों की आमदनी का माध्यम बनाया जा रहा है। यूपी के अलग-अलग जिलों में बायोगैस प्लांट का नेटवर्क बनाया जा रहा है। मुजफ्फरनगर का प्लांट तो शुरु भी हो चुका है। दूध से जो कमाई होती है, वो तो होती ही रहेगी, लेकिन साथ-साथ जब गोबर से भी धन का लाभ मिलेगा तो पशु बोझ नहीं लगेगा। इससे उनको खुले में छोड़ने की मजबूरी भी नहीं रहेगी।

साथियों,
हमारा ट्रैक रिकॉर्ड कचरे से कंचन बनाने का है, उनका ट्रैक रिकॉर्ड कंचन को भी कचरा बनाने का है। यही प्राथमिकताओं का फर्क है। यही 2017 से पहले और आज का फर्क है।

साथियों,

शांति और सुरक्षा के बिना विकास संभव ही नहीं है। आप कल्पना कीजिए, आपके पास गाड़ी है, बंगला है, खेत-खलिहान है। अच्छी खासी जिंदगी है, लेकिन नौजवान बेटा या नौजवान बेटी काम के लिए बाहर गए हों, और बेटा या बेटी, अंधेरे के बाद घर वापस न लौटें तो वो बंगला, रुपया-पैसा किस काम का...और बेटे की लाश आ जाए, बेटी की लाश आ जाए तो वो रुपये किस काम के और इसलिए शांति भी चाहिए सुरक्षा भी चाहिए, तभी ये धन हो, दौलत हो, घर हो, खेत हो, बेटे-बेटी हो उनका जीवन बच सकता है। 10 साल में अनेकों दंगे का पश्चिमी क्या हाल करके रखा है, क्या कोई मेरा उत्तर प्रदेश का भाई-बहन इसको भूल सकता है? क्या ये दंगे यहां की बेटियां, यहां के युवा भूला सकते हैं क्या?

मेरे प्यारे उत्तर प्रदेश के भाइयो और बहनो,

ये लोग सत्ता पाने के लिए जिस प्रकार के खेल खेल रहे हैं, उनको अपने कारनामों का कोई अफसोस नहीं है। उन्हें अपनी भूल का भी कोई ऐहसास नहीं है, इसलिए वैसे ही उम्मीदवार दिए हैं। आप सोचिए, उम्मीदवारों के नाम पढ़कर के पता चलेगा कि उनकी सोच क्या है? जिस मानसिकता ने पश्चिमी यूपी का इतना नुकसान किया, उसी को आगे बढ़ाने का ये खेल है। जो इनके कैंडिडेट हैं, वो या तो हिस्ट्रीशीटर हैं या फिर दंगावादी हैं। मैं सभी मतदाताओं से कहूंगा कि वोट डालने से पहले इनके कारनामे, इनकी करतूतों को कभी भी मत भूलना और कमल पर बटन दबाने से पहले इनको याद रखोगे तो लगेगा कमल दबाते समय आप उनको सजा दे रहे हैं, जिन्होंने आपकी जिंदगी तबाह कर दी थी और एक बात भूलता मत मेरे भाइयो और बहनो, इनको सिर्फ कुर्सी का मोह है, ऐसा नहीं है ये लोग बदला लेने की फिराक में है। इनको गलती से भी मौका मिल गया तो, फिर खेत लहुलुहान हो जाएंगे, फिर दुकानें जलेंगी, फिर डर और खौफ का वो काल लौटेगा। आप याद रखिए, दबंगों और दंगाइयों से मुक्ति भाजपा का सबसे बड़ा कमिटमेंट है। हमें शांति चाहिए, हमें भाईचारा चाहिए, हमें एकता चाहिए, हमें हमारे बेटे-बेटियों का उज्ज्वल भविष्य चाहिए। आपका एक एक वोट, यूपी को दंगामुक्त रखेगा।

भाइयों और बहनों,

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, ये डबल इंजन सरकार की नीति भी है और निष्ठा भी। यही कारण है कि हर चुनाव में भाजपा पहले से अधिक समर्थन के साथ लौटती है। देश की महिलाएं, माताएं-बहनें-बेटियां भी जानती हैं कि भाजपा सरकार कैसे उनके हितों के लिए काम करती है, उनका जीवन आसान बनाने के लिए काम करती है। दिन रात ईमानदारी से मेहनत के साथ आपके लिए काम करती है। इसलिए वो हमेशा भाजपा को भरपूर आशीर्वाद देती हैं और इस बार भी वो अपने आशीर्वाद में कोई कमी नहीं रखेंगी।

साथियों,

बीते 7 सालों में महिलाओं के हित में जो भी योजनाएं चली हैं, उनका स्पष्ट प्रभाव आज ज़मीन पर दिख रहा है। गांव-गांव में शौचालय-इज्जतघर बनने से, और मैंने देखा, मुझे उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा आशीर्वाद मेरी माताओं-बहनों ने दिए। इज्जत घर से वो मुझे अपने भाई की तरह, अपने बेटे की तरह हमेशा मेरी माताएं-बहनें आशीर्वाद देती रही हैं। मैं इन माताओं-बहनों के लिए जितना काम करूं, उतना कम है। उतने आशीर्वाद आप लोगों ने दिए हैं। उत्तर प्रदेश के मेरे भाइयो और बहनो, टीकाकरण अभियान गरीब के घर तक पहुंचना, गरीब की जिंदगी बचाने के लिए हमारा एक बहुत बड़ा अभियान रहा है। मैंने देखा चुनाव की इस आपाधापी में भी योगी जी आज भी अस्पताल जाना, ड़ॉक्टरों से बात करना, टीकाकरण को बढ़ाना आज भी दिन-रात उस काम को कर रहे हैं। क्यों, हमारे लिए गरीब से गरीब की जिंदगी भी बचाने का हमारी कोशिश है। अस्पताल में डिलिवरी की संख्या बढ़ने से, गर्भ के दौरान पोषण के लिए हज़ारों रुपए की मदद से, माताओं, बहनों, बेटियों का स्वास्थ्य अब ज्यादा बेहतर हुआ है। पहले बहनें अपनी बीमारी छुपाती थी, इसलिए नहीं कि कुछ बुरा था, लेकिन माता-बहनों के दिल में रहता था कि बीमारी का पता चलेगा, डॉक्टरों के पास जाना पड़ेगा, ऑपरेशन करवाना पड़ेगा, दवाई लेनी पड़ेगी। खर्च बढ़ जाएगा, बच्चों पर बोझ हो जाएगा, कर्ज बच्चों के सिर पर पड़ेगा। बच्चों के सुख के लिए, घर के लोगों के सुख के लिए मेरी माताएं-बहनें पीड़ा सहन करती थीं, लेकिन अस्पताल में जाकर उपचार नहीं कराती थीं। ये पीड़ा मैंने देखी, मैंने समझी और इसलिए हमने 5 लाख रुपए का मुफ्त इलाज मेरे देश के गरीब भाई बहनों को मिले, उत्तर प्रदेश की मेरी माताओं-बहनों को मिले, इस काम को हमने आगे बढ़ाया। ये शुरू हुआ तब से हमारी बहनें जो अब तक बीमारी सहती थी, बच्चों पर बोझ नहीं होने देती थीं, वे आज अपना इलाज कराने के लिए आगे आ रही हैं और मुझे, मुझे अपने जीवन में इतना संतोष मिल रहा है कि मेरी ऐसी गरीब माताओं-बहनों और उनकी संतानों को अगर कोई बीमारी आ जाए तो मैं उनकी सेवा कर पा रहा हूं। योगी जी उनकी सेवा कर पा रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

इतने दशकों तक हमारी मुस्लिम बहनों को तीन तलाक जैसी कुरीति में जकड़ कर रखा गया था। अब मुस्लिम बहनों के विरुद्ध ऐसे कदम उठाने वाले सौ बार सोचते हैं। मुस्लिम बहनों को सुरक्षा का अहसास हुआ है और कभी-कभी लोगों को लगता है कि तीन तलाक के खिलाफ मैंने जो कानून बनाया, उससे बहनों को तो अच्छा लगा, लेकिन पुरुष नाराज है। मैं जरा पूछना चाहता हूं कि तीन तलाक के कारण अगर कोई बेटी वापस आती है तो पीड़ा पिता को होती है कि नहीं होती। पीड़ा भाई तो होती है कि नहीं होती। पीड़ा माता को होती है कि नहीं होती। मैंने तीन तलाक के कानून को खतम करके ऐसे लाखों पिताओं को आश्वस्त किया है। ऐसी लाखों माताओं को आश्वस्त किया है। ऐसे लाखों मुस्लिम भाईयों को आश्वस्त किया है कि अब उनकी बेटी अचानक वापस नहीं आएगी। वो सुख-चैन से अपना जीवन बिता पाएगी। मैने सारे परिवार के सुख की चिंता की है। मैंने वोट की चिंता नहीं की है। मैंने आपसे सुख की चिंता की है। मेरी माताएं-बहनें मेरे इस काम को, इस साहस को, आलोचनाएं झेलने के बावजूद भी मैने आपके कल्याण के लिए काम किया है और मुझे खुशी है कि मुस्लिम समाज के कुछ समझदार लोग मेरे साथ खड़े रहे। मेरे पक्ष में खड़े रहे और मेरी मुस्लिम माताएं-बहनें तो मुझे बहुत बड़ी हिम्मत दी, बहुत बड़ी ताकत दी और उसके कारण आज मे आपको इस संकट से मुक्त करा पाया हूं। मेरे भाइयो और बहनो बेटे और बेटियों की शादी की उम्र बराबर करने का लाभ भी मुस्लिम बेटियों को बहुत अधिक होगा। अब मुस्लिम बेटियां अपने करियर पर ध्यान दे पाएंगी। ऐसे काम जब मुस्लिम बेटियां-बहनें अनुभव करती हैं, तब जाकर वो कमल के फूल को चुनकर आती हैं। मैं बेटियों से आग्रह करुंगा कि वो बेखौफ होकर अपना पैशन फॉलो करें, जो उनके मन में है, उस रास्ते पर चल पड़ें,उनके लिए भी प्रगति इंतजार कर रही है। डबल इंजन सरकार, आपके साथ चट्टान की तरह खड़ी है।

भाइयों और बहनों,

रामपुर के गरीबों, दलितों, पिछड़ों से बेहतर अवैध कब्ज़े की पीड़ा कौन समझ सकता है। जिन नकली समाजवादियों ने दलितों की ज़मीन पर कब्ज़े किए उनको आज वोट के लिए बाबा साहेब आंबेडकर याद आ रही है। लेकिन इन लोगों की सच्चाई ये है कि ये लोग भूमाफिया को टिकट दे रहे हैं। ये लोग बाबा साहेब का अपमान करने वालों को टिकट दे रहे हैं। यूपी का दलित समाज ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करेगा। इतना ही नहीं, दूसरे प्रदेशों के जो नेता, यूपी के लोगों को गुंडा करार देते थे, उन्हें भी ये अपने प्रचार के लिए यहां ले आए हैं। यूपी के लोगों के सम्मान का ध्यान होता, तो ये लोग यूपी के लोगों को गुंडा बोलने वालों को कभी अपने यहां नहीं बुलाते। लेकिन इन्हें ना यूपी की परवाह है, ना यूपी के लोगों के सम्मान की।

भाइयों-बहनों,

यूपी में जब माफियावादी सरकार थी, तो हर खाली प्लॉट पर उनके कार्यकर्ता अपना झंडा गाड़ देते थे। यही नहीं, अगर गरीब, दलित, पिछड़े परिवार के लोग रोज़ी-रोटी के लिए दूसरे राज्य जाते थे, उनको यही चिंता रहती थी कहीं उनके घर पर कोई कब्ज़ा ना कर ले। क्योंकि गांव के घर का कोई कानूनी दस्तावेज़ उनके पास था ही नहीं। अब केंद्र सरकार ने पीएम स्वामित्व योजना से गांव के घरों, गांव की संपत्ति के कानूनी दस्तावेज़ दिए जा रहे हैं, घरौनी दी जा रही है। यूपी तो इसमें योगी जी के नेतृत्व में बहुत प्रशंसनीय काम कर रहा है। अब जब ये दस्तावेज़ आपके पास रहेगा तो कोई भी अवैध कब्ज़ा नहीं कर पाएगा। योगी जी के बुल्डोज़र से तो वैसे ही भू-माफिया बेचैन हैं। रामपुर वाले तो इस बेचैनी के साक्षी भी रहे हैं। जब तक योगी सरकार है, ये माफिया, कभी यूपी के लोगों को परेशान नहीं कर सकते। हमारे गरीब, दलित, पिछड़ों के लिए ये सरकार, माफिया से बचाने वाली, माफियाओं से सुरक्षा देने वाली एक सुरक्षा का कवच देने वाली है।

साथियों,

हमारी सरकार, सामाजिक न्याय के लिए, समाज में समानता लाने के लिए निरंतर काम कर रही है। इस बार के बजट में भी दलितों और आदिवासियों के कल्याण के लिए तय राशि को बढ़ाया गया है। मैट्रिक के बाद अनूसूचित जाति के बेटे-बेटियों की पढ़ाई के लिए जो मदद दी जाती है, उसमें हज़ारों करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की गई है। इससे यूपी के भी लाखों दलित नौजवानों को लाभ होगा।

भाइयों और बहनों,

आपका एक-एक वोट यूपी का विकास सुनिश्चित करेगा, यूपी को नई ऊंचाई पर पहुंचाएगा। इसलिए कमल के फूल पर वोट डालना भी है और अपने आस-पास, अड़ोस-पड़ोस के लोगों को भी कमल के फूल पर बटन दबाने के लिए प्रेरित करना है। प्रोत्साहित करना है। आप जमकर मतदान करेंगे, भरपूर मतदान करें, इसी विश्वास के साथ आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।