ୟୁପି ବର୍ତ୍ତମାନ ଝିଅ ଏବଂ ମହିଳାମାନଙ୍କ ପାଇଁ ସୁରକ୍ଷିତ; ଯୁବତୀମାନେ ବର୍ତ୍ତମାନ ବିନାଭୟରେ ବାହାରକୁ ଯାଇ ସେମାନଙ୍କର ଅଭିଳାଷକୁ ଅନୁସରଣ କରିପାରିବେ: ଭର୍ଚୁଆଲ୍ ଜନ ଚୌପାଲରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ
ଏହା ପୂର୍ବରୁ ସରକାର ଗୋଟିଏ ପରିବାରକୁ ବୁଝାଇଥିଲେ; ବିଜେପି ପାଇଁ ସମଗ୍ର ୟୁପି ଏକ ପରିବାର: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ
ପୂର୍ବ ଶାସନ ଦ୍ୱାରା ଧାର୍ମିକ ସ୍ୱାର୍ଥର ସ୍ଥାନ ଭୁଲିଯାଇଥିଲା । ବିଜେପିର ବିକାଶ କାର୍ଯ୍ୟ ପରେ ସେମାନେ ବର୍ତ୍ତମାନ ଦେବତାମାନଙ୍କୁ ସେମାନଙ୍କ ସ୍ୱପ୍ନରେ ଦେଖୁଛନ୍ତି: ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ମୋଦୀ

आज हमारे लिए एक बहुत दुखद खबर आई है। हमारी लता दीदी आज हमें छोड़कर चली गईं हैं, परमात्मा में विलीन हो गईं। कल ही बसंत पंचमी का पर्व था, मां शारदा की हम आराधना कर रहे थे। जिनके कंठ से मां सरस्वती का आर्शीवाद छोटे-बड़े हर किसी को मिलता था। वो लता दी ब्रह्मलोक की यात्रा पर चली गईं। उनके व्यक्तित्व का विस्तार सिर्फ गानों की संख्या पर सीमित नहीं था। मेरे जैसे अनेकों लोग हैं जो गर्व से कहेंगे कि लता दीदी के साथ उनका निकट संबंध था। जीवन के हर क्षेत्र के लोग हमें लता दीदी के प्रति अपना स्नेह जताते हुए हर पल मिलेंगे। इससे पता चलता है कि लता दीदी के व्यक्तित्व की विशालता कितनी बड़ी थी। वो अपने संबंधों को संवेदना से सिंचित करती थी, निरंतर मजबूती देती थीं। आज हम सब दुःखी हैं, पूरा देश दुःखी है। लता जी जैसी आत्माएं मानवता को सदियों में कभी कभार वरदान की तरह मिलती हैं। भारत की जो पहचान उन्होंने बनाई, भारत के संगीत को जो स्वर दिया, उससे दुनिया को भारत को देखने का एक नया नजरिया मिला। आप दुनिया में कहीं भी जाइए, भारत रत्न लता जी के चाहने वाले आपको जरूर मिलेंगे। और हर पीढ़ी में मिलेंगे। वो आज भौतिक रूप से हमारे बीच भले ही न हों, लेकिन स्वर और स्नेह के रूप में वह हमारे बीच हमेशा उपस्थित रहेंगी। उनकी मधुर आवाज हमारे साथ हमेशा रहेगी। मैं भारी मन से लता दी को श्रद्धांजलि देता हूं।

साथियों,

आज मथुरा, बुलंदशहर और आगरा के आप सभी लोगों ने इस कार्यक्रम की तैयारी कर ली थी, आप मेरा इंतजार कर रहे थे, इसलिए मैं आपसे बात करने आया हूं। ये भी लोकतंत्र का एक ऐसा दायित्व है, जिसकी अपेक्षा हमेशा लता दीदी ने मुझसे की थी।

साथियों,
बृज भूमि का कण-कण श्री कृष्ण और राधारानी मय है। मथुरा, आगरा, बुलंदशहर के क्रांतिकारियों ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। मैं ब्रज की इस पुण्य भूमि को नमन करता हूं।

साथियों,

उत्तर प्रदेश, भारत का दिल है, यूपी भारत की धड़कन है। यूपी ने हमेशा देश को दिशा दिखाई है। आज एक बार फिर यूपी देश को नया रास्ता दिखा रहा है। यूपी के लोगों ने दो टूक कह दिया है कि धन-दौलत, बाहुबल, जातिवाद, संप्रदायवाद के दम पर, परिवारवाद के दम पर भले कुछ लोग कितनी ही राजनीति कर लें, लेकिन वो जनता का प्यार नहीं पा सकते। जनता का आशीर्वाद तो उसे ही मिलेगा, तो सच्चे अर्थ में सेवा भावना से, सेवक बनकर यूपी के लोगों की सेवा करेगा, यूपी के लोगों का विकास करेगा। इसलिए यूपी की जनता ने तय कर दिया है कि इस बार भी चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा एक ही है- यूपी का विकास, यूपी का सबसे तेज विकास। और भाइयों और बहनों, पिछले पांच साल में योगी जी की सरकार ने दिखा दिया है कि अगर यूपी का विकास कोई कर सकता है, तो वो भाजपा है, भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार है। इसलिए, पिछले कई महीनों से यूपी के लोग ये ठानकर बैठे हैं कि कमल का बटन फिर दबाना है, भाजपा को ही जिताना है।

साथियों,

पिछली बार मैं जब मथुरा आया था, ब्रज क्षेत्र में गया था तो आप सबसे जो प्यार मिला, जो स्नेह मिला, वो मैं कभी भूल नहीं सकता हूं। हमारी सरकार मथुरा को, यहां की पहचान को वैश्विक पहचान दिलाने का प्रयास कर रही है। ब्रज के धार्मिक स्थानों के विकास के लिए योगी जी की सरकार ने ब्रज तीर्थ विकास परिषद का निर्माण किया है। चुनाव देखकर कृष्ण भक्ति का चोला ओढ़ने वाले जब सरकार में थे, तो वृंदावन, बरसाना, गोवर्धन, बलदेव, नंद गांव, इन सब क्षेत्रों को वो भूल ही गए थे। यूपी के नक्शे में ये क्षेत्र हैं, उन्हें पता ही नहीं आता था। आज बीजेपी को अपार समर्थन देख, इन लोगों को अब सपने में भगवान कृष्ण की याद आने लगी है। और मैंने पहले ही कहा था जो सोते रहते हैं, वो सपने देखते हैं, जो जागते रहते हैं, वो संकल्प लेते हैं।

भाइयों और बहनों,

जो पहले सरकार में थे उन्हें ना तो आप लोगों की आस्था से मतलब रहा है और आप लोगों की जरूरतों से कोई लेना-देना। उनका सिर्फ एक ही एजेंडा रहा है- यूपी को लूटो। उन्हें यूपी के विकास से कोई वास्ता नहीं हैं उन्हें बस सरकार बनाने से मतलब रहा है। इसलिए आज वो योगी जी को, बीजेपी सरकार को पानी पी-पी कर कोस रहे हैं।

साथियों,

यूपी का इन लोगों ने जो हाल बना दिया था, वो इन नकली समाजवादियों के कर्मों का कच्चा-चिट्ठा है। पिछली सरकार में अपराधियों के हौसले इतने बुलन्द थे कि हाइवे पर गाड़ी रोक कर गाड़ियों से लूट पाट की जाती थी। बीच हाइवे पर ही महिलाओं, बेटियों के साथ क्या होता था बुलंदशहर के लोग ये अच्छी तरह जानते हैं। तब उत्तर प्रदेश में घरों-दुकानों पर अवैध कब्जे होना आम बात थी। लोग अपना घर छोड़कर पलायन को मजबूर होते थे। आगरा के दंगों में आरोपियों के सिर पर किसका हाथ था ये आप भली-भांति जानते हैं।

साथियों,

पहले की सरकारें भय फैलाने में जुटी थीं। भय निर्माण करना यही उनका काम था, जबकि हम भविष्य का निर्माण कर रहें हैं। अब रिकार्ड हाईवे भी बन रहे हैं और उन हाइवेज़ पर लोग निडर होकर सफर भी कर रहे हैं। अब बेटी घर से बाहर निकल भी रही है और उसके करियर की अनंत संभावनाओं के लिए अनेकों यूनिवर्सिटी कॉलेज भी बन रहे हैं। यही फर्क है भाजपा की सरकार और पिछली सरकारों में। इसलिए आज यूपी में बहनें-बेटियां खुले दिल से कह रही हैं-

पहले हमें घर से निकलने में लगता था डर,

अब भाजपा राज में अपराधी कांपे थर-थर।

भाजपा सरकार में अपराधी या तो जेल गए या प्रदेश छोड़ गये। कुछ ने जमानत रद्द करा ली, कुछ जेल से बाहर आने से कतराने लगे। और याद रखिए, ये सब योगी जी के कारण हुआ है ऐसा मैं नहीं कहता हूं। ये सब आपके कारण हुआ है, उत्तर प्रदेश के लोगों के कारण हुआ है, उत्तर प्रदेश की माताओं और बहनों के संकल्प के कारण हुआ है। क्योंकि आपने एक वोट योगी जी को दिया था। आपने एक वोट मोदी जी को दिया था, आपने भाजपा के कमल पर बटन दबाया था। ये आपके एक वोट की ताकत है जो यूपी को नई पहचान दिला रही है।

साथियों,

पहले की सरकारों का एक और पसंदीदा खेल होता था। तिजोरियों को भरने का खेल। सब मिलकर खेलते थे। मिलकर खाते थे। आज ऐसे लोगों का पूरा खेल बिगड़ गया है। पहले परिवार ही सरकार थी अब पूरा यूपी भाजपा सरकार का परिवार है।

भाइयों और बहनों,

परिवारवादी सरकारों के लिए सत्ता शासन का माध्यम थी। हमारे लिए सत्ता सिर्फ और सिर्फ जनता की सेवा करने का रास्ता है। हम लगातार इसी उद्देश्य से काम कर रहे हैं। हमारी सरकार गांव, गरीब को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। पिछले 2 साल से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से परेशान है। महामारी की शुरुआत में बहुत से लोगों ने भारत को लेकर कई तरह की आशंका जताई थी। वो लोग सोचते थे, कैसे हमारे गांव, हमारे गरीब इस महामारी में खुद को बचा पाएंगे। लेकिन आज दो साल के बाद भारत के प्रयासों से दुनिया सीख रही है। पिछले दो साल से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से हमने करोड़ों लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया है। हमारी सरकार ने चावल-दाल, गेहूं, चना,नमक और तेल गरीब के घर पहुंचाया है। इसका बहुत बड़ा लाभ यूपी के लोगों को हुआ है, गरीबों-दलितों-पिछड़ों को हुआ है, और आज भी हो रहा है।

साथियों,

आज आयुष्मान भारत योजना की वजह से यूपी के हर गरीब परिवार को 5 लाख रुपए तक का इलाज मिलना संभव हुआ है। पीएम आवास योजना के जरिए गरीब की सिर पर छत की चिंता भी दूर हो रही है। जिन गरीबों को घर नहीं मिला है उन्हें भी घर मिले इसके लिए इस बजट में सरकार ने करीब-करीब 50 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की है। जो यूपी के काम आएगी। योगी जी की सरकार दोबारा बनने के बाद, गरीबों को घर देने का काम और तेजी से किया जाएगा। और मैं आपको बता दूं, अगर ये कोरोना काल न आया होता, कोरोना की वैश्विक महामारी का संकट न आया होता, आने-जाने में इतनी रूकावट न आई होती, तो इस दो साल में योगी जी ये काम कर देते, ऐसे अनेक काम दो साल में कर देते। लेकिन ये दो साल बीच में कठिनाइयों से गुजारना पड़ा। सरकार की शक्ति को भी लोगों की जान बचाने में लगाड़ी पड़ी। नहीं तो जिस तरीके से 2017 से योगी जी ने मामला उठाया था काम का, अगर दो साल में ये रूकावट न आई होती तो आज यूपी कहां से कहां पहुंच गया होता। लेकिन मुझे विश्वास है उत्तर प्रदेश के लोग आने वाले पांच साल के लिए ऐसा भरपूर बहुमत देंगे, सरकार को ऐसी मजबूती देंगे और योगी जी भी इतनी ताकत से दौड़ेंगे कि जो दो साल बीमारी के कारण तकलीफ आई है न, उससे वे बाहर निकाल कर यूपी को आगे ले जाएंगे।

साथियों,

गरीब के घरों को लेकर नकली समाजवादियों का परिवारवादियों का क्या रवैया रहा है, ये मैं आपको जरूर याद दिलाना चाहता हूं। आगरा, मथुरा और बुलंदरशहर के शहरी क्षेत्रों में पिछली सरकार ने आठ हजार से भी कम घर गरीबों के लिए बनवाए थे। पिछले पांच साल में योगी जी की सरकार ने आगरा-मथुरा और बुलंदशहर में ही करीब 85 हजार घर बनाकर गरीबों को दिए हैं। आप सोचिए पहले की सरकार के कहां 8 हजार से भी कम और योगी जी के समय में कहां 85 हजार। यानि 10 गुना ज्यादा काम। यही फर्क है जो आज पूरे यूपी के लोगों को दिख रहा है। हमारी सरकार की योजनाओं से दलितों को, पिछड़ों को, गरीबों को सबसे ज्यादा लाभ हो रहा है।

साथियों,

आगरा, मथुरा और बुलंदशहर में उज्जवला योजना के तहत साढ़े सात लाख से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए गए हैं। इससे महिलाओं के जीवन में जो इतना बड़ा फर्क आया है, वो हमारी माताएं-बहनें ही भली-भांति समझती हैं। इसलिए, यूपी की नारीशक्ति भी ठानकर बैठी हैं कि भाजपा को जिताना है, योगी जी को फिर मुख्यमंत्री बनवाना है।

भाइयों और बहनों,

यूपी की भलाई के लिए इन नकली समाजवादियों और उनके साथियों का सत्ता से दूर रहना आवश्यक है। आज भी वो किसानों से झूठे वादे किए जा रहे हैं, गन्ना किसानों को झूठी बातों को बता कर उकसाने का प्रयास भी कर रहे हैं। किसान भूले नहीं हैं कि सत्ता में रहकर उन्होंने क्या किया था, कैसे गन्ना किसानों को भुगतान के नाम पर रुला दिया था।

साथियों,

योगी जी की सरकार ने पिछले पांच साल में गन्ना किसानों का डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किया है। ये योगी जी से पहले की सरकारों में 10 साल में हुए भुगतान से भी काफी ज्यादा है। इतना ही नहीं हमने पिछली सरकारों के समय जो बकाया था, उसका भुगतान भी किया है। इन लोगों का एक खेल गन्ना पर्चियों का भी था। गन्ना माफिया, किसानों की उपज औने-पौने खरीद कर अपनी जेब भरते थे। आज लाखों गन्ना किसानों को ई-गन्ना एप के जरिए पर्ची से सम्बंधित सभी जानकारी मिल रही है।

भाइयों और बहनों,

यूपी के किसानों को एमएसपी का पैसा मिले, इसके लिए भी टेक्नोलॉजी की ज्यादा से ज्यादा मदद ली जा रही है। ज्यादा खरीद केंद्र खोले जाने की वजह से खऱीद में भी हर साल नए रिकार्ड बनाए गये हैं। पीएम किसान सम्मान निधि भी छोटे किसानों के लिए बड़ी ताकत बन रही है। आगरा, मथुरा और बुलंदशहर के लाखों किसानों को इसका लाभ मिला है। उनके खाते में 1600 करोड़ से ज्यादा की रकम पहुंची है। इस बार के बजट में किसानों के लिए एक और बड़ी घोषणा की गई है। अब गंगा जी के दोनों किनारों पर प्राकृतिक खेती यानि नैचुरल फार्मिंग का एक कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके गंगा जी केमिकल फ्री तो होंगी ही, किसानों को भी उपज के अच्छे दाम मिलेंगे।

साथियों,

सरकार की एक और योजना का लाभ हमारे ब्रज के साथियों को मिला है। आज मैं उसका विशेष तौर पर जिक्र करना चाहता हूं। पहले किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ पशुपालकों और मछली पालकों को नहीं मिलता था। हमारी सरकार ने नियमों में बदलाव किया। इस बदलाव के बाद यूपी के करीब 1 लाख पशुपालकों को-मछलीपालकों को केसीसी दिया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड दिया गया। इस वजह से उन्हें बैंक से 1100 हजार करोड़ रुपये की मदद भी मिली है। इसका बड़ा हमारे ब्रज क्षेत्र के पशुपालकों को भी हुआ है। हमारी सरकार जो यूपी में बायोगैस प्लांट का नेटवर्क बना रही है, गोबर-धन योजना को प्रोत्साहन दे रही है, उससे भी हमारे पशुपालकों को बहुत मदद मिल रही है।

भाइयों और बहनों,

यूपी का युवा भूला नहीं है कि कैसे इसी प्रदेश में पहले की सरकारों में नौकरी के लिए क्या योग्यता तय थी? क्या-क्या खेल होते थे? कहां-कहां से खेल होते थे? आज सब लोगों को पर्याप्त और समान अवसर मिल रहें हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने युवाओं को रिकार्ड सरकारी नियुक्तियां दी है। भाजपा सरकार में दलित, शोषित, वंचित, गरीब, महिला, कारोबारी कोई भी हो सभी को हर योजना का लाभ मिला है। इसलिए, यूपी चाहे असरदार सरकार, फिर एक बार योगी सरकार। मैं आपसे भारी मतदान करने का आग्रह भी कर रहा हूं। पहले मतदान फिर जलपान, ये आप ज़रूर याद रखिएगा। आपका हर वोट कमल के फूल पर पड़ेगा, इसी विश्वास के साथ आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद ! और आने वाले दिनों के लिए मेरी अनेक-अनेक शुभकामनाएं, बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।