People of Jharkhand deserve a BJP government that prioritizes growth over vested interests: PM Modi
PM Modi criticises the JMM-Congress coalition for their alleged corruption and involvement in paper leaks
Ek Hain toh Safe Hain: PM Modi

झारखंड भाजपा के मेरे सभी कार्यकर्ता साथियों को जय जोहार। आप सभी ने बीते समय में जो परिश्रम की पराकाष्ठा करके दिखाई है और आज भी दिन-रात आप जिस प्रकार से जुटे हुए हैं। मेहनत कर रहे हैं। मैं साफ-साफ देख रहा हूं कि इसका नतीजा झारखंड के कोने-कोने में दिखाई दे रहा है।


साथियों,

चुनाव कोई भी हो, उम्मीदवार कोई भी हो, लेकिन इस बात को हम भलीभांति जानते हैं कि चुनाव असल में तो आप जैसे लाखों कार्यकर्ता ही लड़ते हैं। हमारी तो पार्टी ही संगठन पर आधारित है। इसलिए हमारा चुनाव लड़ने का तरीका भी संगठन आधारित ही होता है। कार्यकर्ता आधारित ही होता है। और इसलिए सबसे पहले मैं आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपकी मेहनत ने विपक्षी दल जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी की नींद उड़ा दी है। झारखंड को हमें इनके भ्रष्टाचार, माफियाबाद, कुशासन से मुक्त कराना है। हमें झारखंड को कटकी-बटकी वाली ये सारी गंदी रमतें, गंदे खेल, ये विकृत व्यवस्था, ये कटकी-बटकी से झारखंड को मुक्त कराके ही रहना है। और साथियों इसमें आपकी भूमिका बहुत बड़ी है। मुझे खुशी है इस बार में जब भी आया, हेलीपैड पर जब कार्यकर्ताओं से बात हुई। महिला कार्यकर्ताएं हर बूथ में जिस प्रकार से जी-जान से जुटी हैं। जिस प्रकार से और जब मैं उनको पूछता था कि घरों में जाते हैं तो क्या कहते हैं लोग और जिस उत्साह से हमारी महिला कार्यकर्ताएं मुझे बताती थीं, मुझे बहुत आनंद हुआ।


साथियों,

झारखंड वन संपदा और खनिज संपदा से भरपूर क्षेत्र है। यहां कितनी ही इंडस्ट्रीज हैं। अरे कभी-कभी तो मैं कहता हूं कि झारखंड समृद्ध राज्य है, लेकिन झारखंड के लोगों को गरीब रखा गया है। साथियों, ये समृद्धि होने के बावजूद भी विकास का अभाव और बेरोजगारी चरम पर है। इसका सबसे बड़ा कारण भ्रष्टाचार और झारखंड की अमूल्य प्राकृतिक संपदा की बेतहाशा लूट है। झारखंड में बहुत मुझे भ्रमण करने का अवसर मिला है। झारखंड का अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य यहां के पहाड़ों की सुंदरता, खूबसूरत झरने, नदी, पहाड़, पठार, वन और हर समाज की अपनी एक सांस्कृतिक प्रवृत्ति। झारखंड में टूरिज्म की कितनी संभावना हैं, लेकिन अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में यहां पर्यटक आकर्षित नहीं होते। झारखंड के नौजवानों का टैलेंट, उनकी ईमानदारी, उनकी मेहनत के कौन है जो कायल ना हो। लेकिन उन्हें शिक्षा के बेहतर अवसर ना मिला, उनकी स्किल ट्रेनिंग ना होना। ये झारखंड में और मैंने तो देखा है कि जिस प्रकार से झारखंड की संभावनाएं है। हिंदुस्तान भर के लोग रोजी-रोटी के लिए झारखंड आने का मन कर जाए इतने संपदा वहां पड़ी है। लेकिन सब उन्होंने तबाह करके रखा है। सारे नौजवानों के सपने चूर-चूर कर दिए हैं, लेकिन


साथियों,

आप जानते हैं सबका साथ-सबका विकास का मंत्र में झारखंड का विकास भी ये मेरी प्राथमिकता है। हम विकास के लिए काफी कोशिश कर रहे हैं। राज्य सरकार के असहयोग के बाद भी बहुत कुछ करने का प्रयास करते हैं, लेकिन अब मुझे खास लगता है कि जिस गति से मैं विकास चाहता हूं, जिस गति से झारखंड को अन्य राज्यों की बराबरी में लाना है, कुछ राज्यों से तो आगे ले जाना है। तो वहां पर एक डबल इंजन की सरकार की बहुत जरूरत है। मैं जानता हूं, आप यहां डबल इंजन की सरकार बनाने के लिए दिन-रात जुटे हैं। गांव-गांव, गली-गली, घर-घर चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। पुरुष कार्यकर्ता, महिला कार्यकर्ता, नौजवान कार्यकर्ता, किसान कार्यकर्ता, आदिवासी कार्यकर्ता हर कोई लगे हैं। मुझे इन दिनों कई रैलियो में जाने का मौका मिला है। मैंने वो उत्साह, उमंग वो दृश्य देखा है। मेरे लिए भी उत्साह बढ़ाने वाला था। और मैंने देखा है कि दिल्ली में बैठे हुए जो बड़े-बड़े राजनीति के विश्लेषक हैं, वे भी कानों-कान तो बता ही रहे हैं कि बीजेपी का कार्यकर्ता पोलिंग बूथ में जुटा हुआ ऐसा है कि वो परिणाम लाकर के दिखाएगा। और साथियों, मैं फिर से एक बार 13 तारीख को रूबरू में भी आपके बीच आने वाला हूं। और आज कुछ क्षेत्रों का चुनाव-प्रचार पूरा भी हो रहा है। आखिरी दिन कितने ही कार्यक्रम होंगे, लेकिन फिर भी आप सब समय निकाल करके मेरे साथ जुड़े हैं। मुझे भी आप सबसे बात करने का अवसर मिला है। और जब एक कार्यकर्ता दूसरे कार्यकर्ता से इस तरह जुड़ता है तो साथियों हमारा काम करने की ताकत बढ़ जाती है। हम निश्चित सिद्धि प्राप्त करके रहते हैं, लेकिन मैं आज खुद ज्यादा नहीं बोलना चाहता, रैलियो में आता हूं मैं जरूर बोलता हूं आज तो मैं आप लोगों से बात करना चाहता हूं। आइए, हम शुरू करते हैं। मुझे बताइये कि पहले कौन बात करेगा। कहां से बात करेंगे?

संवाद-1

राजीव- जोहार, भारत माता की जय।

PM – जोहार, भारत माता की जय।

राजीव- मैं राजीव रांची विधानसभा, मंडल का 336 बूथ का अध्यक्ष बात कर रहा हूं।

PM- राजीवजी, जोहार आपको।

राजीव - जी।

PM- राजीव जी बताइए, क्या पूछना चाहते हैं आप।

राजीव- सर, भाजपा के संकल्प पत्र में जितनी भी हमारी सभी बिंदुएं महत्वपूर्ण ही हैं। पर दो विषयों पर सबसे ज्यादा चर्चा होती है यहां। एक गोगो दीदी योजना, जो प्रतिमाह 2100 रुपए की है और युवा शक्ति भत्ता जो दो हजार रुपए की है। और हमारी जितनी भी महिलाएं यहां पर में निवास करती हैं झारखंड में। चाहे वो अनुसूचित जाती हो, अनुसूचित जनजाती हो, पिछड़ा वर्ग के हैं, वो चाहती हैं की यहां पर झारखंड में एक सर्वांगीण विकास भाजपा की सरकार आकर, एक महत्वपूर्ण भूमिका का अदा करे।

PM- राजीव जी, मुझे आज आपको सुन करके इतना अच्छा लग रहा है कि एक बूथ का कार्यकर्ता इतना उसका क्लीयरकट थिंकिंग है। और वाल्मिकी समाज में तो आपने काफी काम खड़ा किया है। एक समर्पित कार्यकर्ता के नाते काम किया है। लेकिन आज आपको सुन करके मुझे लगा कि अगर इतनी बारिकी से नीचे तक बातें पहुंची हैं। तो जरूर संकल्प पत्र की ताकत नजर आती है। झारखंड भाजपा ने इतना शानदार संकल्प पत्र रखा है और इसकी चर्चा देशभर की मीडिया में हो रही है। पॉलिटिकल जो जानकार लोग हैं, उनके अंदर हो रही है। राजीव जी, एक बात को स्पष्ट है कि झारखंड इस बार बदलाव करने के लिए संकल्पित हो गया है। इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि JMM-Cong-RJD ने झारखंड की रोटी-बेटी और माटी पर वार किया है। पिछले पांच साल इन्होंने बड़ी-बड़ी बातें कीं। लेकिन आज झारखंड के लोग देख रहे हैं। कि इनके ज्यादातर वादे अधूरे हैं। पांच साल हो गए हैं, तब भी JMM-Cong वाले झूठी घोषणाएं ही कर रहे हैं। फलां वादा दिसंबर में होगा, फलां जनवरी में होगा। फलाना कल होगा, फलाना परसों होगा। यही बातें करते रहते हैं। कांग्रेस जहां जहां सत्ता में है वहां के लोगों को इन्होंने ऐसे ही ठगा है। और आपने सुना होगा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान खड़गे जी खुद कहते हैं और वे कर्नाटक में बोल रहे थे कि इनकी पार्टी ने झूठी गारंटियां दीं हैं और वो नाराज हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि जितना कर सकते हो उतना करो, ज्यादा करके मर जाते हैं। और इससे कर्नाटक में हो सरकार चलाना मुश्किल हो गया है। आज उनकी जहां-जहां सरकारें हैं, वहां यही हाल है। कांग्रेस और उनके साथियों की ये सच्चाई हमें बार-बार झारखंड में एक-एक बूथ में, एक-एक घर में बतानी चाहिए और घर में जाकर बैठ कर बतानी चाहिए। चलते-चलते हाथ में पर्चा दे देना चाहिए ऐसा नहीं। उनको समझाना चाहिए की झूठी-झूठी बातें कि और वोट तो ले लिए, कर्नाटक में सरकार बना दी। तेलंगाना में में सरकार बना दी। लेकिन इतना बर्बाद कर दिया। ये बात हमें लोगों को बतानी चाहिए और आप देखिए भाजपा की सरकारें जहां-जहां हैं, एनडीए की सरकार जहां-जहां है। हम अपनी गारंटियों को पूरा करने के लिए आखिरी साल का इंतजार नहीं करते। क्योंकि हम गारंटियां वही देते हैं जो पूरी हो सकती हैं। आपके आस-पड़ोस में दो राज्य हैं, आप देखिए ओडिशा और छत्तीसगढ़, यहां हमारी सरकारें बनें एक साल भी नहीं हुआ है। वहां सरकार बनने के 100 दिन के भीतर-भीतर ज्यादातर गारंटी हमारे लोगों ने पूरी कर दी है। और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं क्योंकि मैं भाजपा झारखंड की टीम को भली-भांति जानता हूं। झारखंड भाजपा की टीम भी सरकार बनने के तुरंत बाद जनता को जो वादे किए हैं, उसको पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाएगी। इसलिए मैं कहता हूं कि घर-घर जाकर ये बातें बताइए, लोगों का विश्वास बढ़ेगा और मतदान भी ज्यादा होगा।

लेकिन मेरी एक बात आपसे करनी है, जब आप पोलिंग बूथ में काम करेंगे तो तय कीजिए, क्योंकि अब समय कम बचा है। अब दो-दो तीन तीन कार्यकर्ताओं की एक टोली, जिसमें एक महिला कार्यकर्ता हो एक पुरुष कार्यकर्ता हो पुरुष कार्यकर्ता हों दो महिला कार्यकर्ता हो। 10-10, 15-15 घर बांट ले। अब मतदान होने तक उन्हीं परिवारों की चिंता करे और ऐसे 15 टोली सारे परिवारों को बांट करके काम में लग जाए और दूसरा हमेशा आग्रह रहता है कि मतदान करने जाएं ना, तो उत्सव की तरह जाएं, जुलूस निकालकर जाएं, थाली बजा बजा करके गीत गाते हुए मतदान करने जाएं। ये लोकतंत्र का उत्सव है उससे मतदान भी बढ़ता है और मैं तो हमेशा करता हूं पहले मतदान फिर जलपान। राजीव जी मुझे बहुत अच्छा लगा आपसे बात करके। आइए, अब मेरे साथ कौन बात कर रहा है।

संवाद-2

पंकज- नमस्कार सर, मैं पंकज मंडल, राजमहल विधानसभा क्षेत्र से।

PM- पंकज जी, जोहार, नमस्कार।

पंकज - नमस्कार सर।

PM- अच्छा पंकज जी आपके जिम्मे क्या है।

पंकज- जी सर हमारे दिल में यही है कि हमारे राजमहल विधानसभा क्षेत्र में सर, पिछले दो बार से भाजपा है और इस बार

PM- आप सोशल मीडिया का काम देखते हैं युवा मोर्चा में हैं क्या हैं आप। पंकज जी। पंकज आपका फोन कट हो गया। हेलो

पंकज- कि सर हमारे राजमहल क्षेत्र में दो बार से भाजपा है। इस बार भी हमारे राजमहल विधानसभा में फुल बहुमत से भाजपा का ही सरकार आएंगे।

PM- अच्छा पंकज जी, पंकज जी, जब आज आपसे बात करने का मौका मिल रहा है। आप इतने सक्रिय कार्यकर्ता हैं। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि भाजपा को झारखंड में हर जगह नौजवानों और महिलाओं का बहुत अधिक समर्थन मिल रहा है।

पंकज - जी सर झारखंड में..

PM- झारखंड में उनके लिए अपार संभावनाएं बनेंगी। युवाओं में किस तरह का उत्साह है। क्योंकि मैंने देखा कि मेरी रैलियों में भी युवा बहुत हैं। महिलाएं बहुत हैं और जब मैं पेपर लीक की बात करता हूं, तब तो मैंने देखा कि नौजवान बिल्कुल उछल पड़ते हैं। जरा मैं आपसे जानना चाहता हूं कि वहां क्या आप इसके विषय में क्या कहेंगे।

पंकज- गठबंधन की सरकार चल रही है। वो गठबंधन की सरकार से सर, युवाओं का जो कहना है, तो युवाओं का हर एक एक्जाम में जो एससीसी का, जो पेपर लीक हो जा रहा है सर। इसमें हमारे जो गठबंधन की सरकार है युवाओं के साथ बहुत ही छल किया जा रहा है। और हमारे यहां झारखंड की महिलाओं के साथ भी बहुत ही गलत किया जाता है। हमारे जो पांच साल पहले के भाजपा की सरकार के जो भी योजनाएं लागू किए हैं, हमारे झारखंड प्रदेश में। उस योजना को भी इस गठबंधन की सरकार ने बंद कर दिया। और इस बार सर हमें झारखंड प्रदेश में ये देखने को मिल रहा है कि हमारे भाजपा की सरकार में जो भी...

PM- हेलो, हेलो। हेलो, हेलो पंकजजी मुझे लगता है कि आपकी आवाज मुझे नहीं सुनाई दे रही। लेकिन मैं आपकी बात को मैं समझ पाया हूं, जो आप कह रहे थे। और कार्यकर्ता तो मुझे सुन रहे हैं तो मैं ….अच्छा चलिए आपकी फिर से आवाज आई। आपने जो कहा है तो मैं बताना चाहूंगा। देखिए, मैं तो उत्साह जबरदस्त देख रहा हूं। और माताएं-बहनें, युवा और उनका बहुत बड़ा कारण जो है, हम लोगों की काम करने की पद्धति है। जहां-जहां हमें सेवा करने का मौका मिला, हम लोगों ने काम किया। माताओं-बहनों को भाजपा पर भरोसा इसलिए होता है, क्योंकि हमने जो वादे किए, उसको पूरा के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी। हमने 10 सालों में माताओं-बहनों के लिए दूरगामी नीतियों पर काम किया है। और केंद्र सरकार के काम को देश की पूरी जनता ने तीसरी बार मोहर लगा दी है। देखिए, मैं कह रहा हूं इस बार भाजपा ने झारखंड में जो गोगो दीदी योजना की बात कही है। और बहनों के खाते में सीधा पैसा जमा करने की बात कही है। इसकी जबरदस्त असर है। और ये कैसे संभव हो पाता, अगर गांव की, गरीब परिवार की, आदिवासी-ओबीसी परिवार की बहनों का अगर बैंक खाता ही नहीं होता तो ये काम हो ही नहीं हो सकता। तो उन सबको विश्वास हो गया है कि हमने कोविड के समय सब खातों में पैसा जमा करवाया था। तो उनको विश्वास है कि आज जब भाजपा के लोग गोगो दीदी योजना कह रहे हैं तो जरूर पैसा आएगा और उनके खाते में आएगा। और महिलाओं के खाते में पैसा जाता है ना, तो महिलाएं बहुत तरीके से पैसों का उपयोग करती हैं। एक पाई भी बर्बाद नहीं होने देती। घर को क्या चाहिए। बच्चों को क्या चाहिए। घर में बुजुर्ग है तो उनको क्या चाहिए तो ये। इसलिए महिलाओं के हाथ में पैसा जाना मतलब उसका सही उपयोग होता है। देखिए, जेएमएम-कांग्रेस वालों ने तो बैंक के खाते भी नहीं खुलवाए थे। और बैंक खाते किसके नहीं खुले। कोई अमीरों के खाते नहीं खुले, ऐसा थोड़ा था। गरीबों के खाते नहीं खुले थे। आदिवासियों के, दलितों के, जंगलों में रहने वाले, पहाड़ों में रहने वाले, दूर-सुदूर इलाके में रहने वाले, उनके ही खाते नहीं खुले थे। क्योंकि उनको उनकी परवाह ही नहीं थी। ये मोदी था, उसने तय किया कि मैं पहले बैंक के खाते खुलवाउंगा तो चिल्लाने लगे। पैसे तो नहीं, खाते क्यों खोलेंगे। अरे पैसे नहीं है, फिर भी खाते खुले और आज उनके खातों में पैसे हैं। लेकिन उनकी सोच ही ऐसी है। और आज पैसे सीधे भिजवा रहे हैं हम। देखिए, गैस का सिलेंडर। पहले तो बड़े-बड़े रईसों के घर गैस का सिलेंडर होता था। गरीब तो गैस का सोच ही नहीं सकता था। क्यों कि उनके दिमाग में बस रईसों, अमीरों की खातिरदारी करने का उनका स्वभाव था। देखिए, भाजपा-एनडीए ने उज्ज्वला योजना से बहनों को घर में मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाया। और इसलिए आज जब झारखंड भाजपा सस्ते सिलेंडर देने की बात करती है तो बहनों को भरोसा पक्का हो जाता है। और आप तो भलीभांति लोगों को बता सकते हैं कि भई हमारी नीयत और नीति दोनों में कोई अंतर नहीं होता। हमारी नीयत साफ है, हमारी नीति स्पष्ट है। हम पहले हर काम के लिए बहुत ही अच्छा ग्राउंड तैयार करते हैं। आधार तैयार करते हैं। फिर सुविधा का विस्तार करते हैं। लेकिन जेएमएम-कांग्रेस के लोग सिर्फ वोट के लिए ही अनाप-शनाप घोषणाएं करना, गाली-गलौज करना, लोगों को बदनाम करना, लोगों को भड़काना इसी काम में लगे हुए हैं।

साथियों,

नौजवानों के लिए भी हमने रोजगार-स्वरोजगार के लिए नए रास्ते बनाए हैं। कांग्रेस की सरकारों के दौरान गरीब, दलित, पिछड़े-आदिवासी परिवार के नौजवानों को बैंकों से लोन तक नहीं मिलता था। क्योंकि उनके पास गिरवी रखने के लिए कुछ होता ही नहीं था। गारंटी चाहिए। डाक्युमेंट चाहिए। अब उसके पास बेचारे के पास तो होता ही नहीं था। और हम ये मुसीबत जानते थे, तो हमने क्या किया, हमने मुद्रा योजना बनाई। इसके तहत कोई भी गारंटी नहीं। कुछ भी गिरवी रखना नहीं है। बस मोदी ही आपकी सबसे बड़ी गारंटी है। और बिना गारंटी 10 लाख रूपए तक के लोन भी दिए। अब तो उनको भी बढ़ाकर हमने 20 लाख कर दिया है। इससे गरीब-आदिवासी बेटे-बेटी कोई ना कोई छोटा-मोटा काम शुरू कर देते हैं। परिवार की मदद करना शुरू करते हैं। सरकारी नौकरियों में भी ये लोग पेपर लीक और भर्तियों में धांधली, और उनको शर्म नहीं है कोई। इतना सारा पाप करने के बाद भी शर्म नहीं है। आप देखिए, इतने नेता चुनाव भाषण कर रहे हैं। एक जगह भी बोलते हैं कि पेपर लीक जो हुआ है, वो बहुत गलती है। माफी मांगते हैं। आगे से नहीं होगा। ऐसा कुछ तो बोलना चाहिए ना। परवाह ही नहीं है। वो तो नौजवानों को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। और मैंने तो वादा किया है हम निष्पक्षता से नौजवानों को नौकरियां दे रहे हैं और देते रहेंगे।

आप तो देखिए, हरियाणा में अभी-अभी हमारी सरकार बनी है। हमारी हरियाणा में सरकार बनने के तुरंत बाद पहला काम क्या किया, बिना खर्ची, बिना पर्ची लोगों को नौकरी देना शुरू कर दिया। और खर्ची का मतलब होता है, रिश्वत देना। और पर्ची का मतलब होता है, किसी बड़े कांग्रेस के नेता से चिठ्ठी लिखवाना। ये हमने हरियाणा में सब कुछ बंद कर दिया। और जब नौजवानों को घर में सीधे आर्डर मिल गए। विधवा मां को अपने बेटे या बेटी के लिए आर्डर मिल गया तो क्या खुशी थी। आपने तो वीडियो देखे होंगे सारे। सारे नौजवानों ने डबल दीवाली मनाई इस बात तो। तो ऐसे काम करते हैं हम। तो मैं, पंकज जी मुझे बहुत अच्छा लगा कि आप बड़े विश्वास के साथ लगे हुए हैं। लेकिन मैं फिर से कहूंगा कि अब हमें मतदान तक, जहां 13 तारीख को मतदान है, वहां 13 तारीख और जहां 20 तारीख को मदतान है, वहां 20 तारीख। अब पूरी ताकत बूथ में लगानी है। और तय कीजिए, जब मतदान करने जाएंगे तो कम से कम एक बूथ में 10-15 जुलूस निकलने चाहिए। और गाते-गाते, बाजे-बाजे के साथ वोट करने जाना चाहिए। एक फेस्टिवल मनाना चाहिए लोकतंत्र का। चलिए, मुझे अच्छा लगा पंकज जी। आप तो पंकज का मतलब ही कमल होता है। चलिए मैं अब किसी और से बात करता हूं। अभी कौन है मेरे साथ बात करेंगे।

संवाद-3

बलवंत सिंह- नमस्कार प्रधानमंत्री महोदय, मैं बलवंत सिंह बोल रहा हूं बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर विधानसभा से।

PM- बलवंत जी नमस्ते। चलिए आप तो बाबा की नगरी से बोल रहे हैं। आपका जिम्मेवारी क्या है पार्टी में बलवंत जी।

बलवंत सिंह- सर मैं संयोजक हूं घनौरा मंडल के शक्तिकेंद्र मावेल में।

PM- अच्छा, वाह। मतलब मुझे आपसे धरती की जानकारी मिलेगी, पक्की जानकारी मिलेगी। अच्छा मुझे बताइए, देखिए मैं झारखंड में जितना गया हूं, भ्रष्टाचार और परिवार के खिलाफ लोगों को में बहुत गुस्सा है। केंद्र की जिन योजनाओं में भ्रष्टाचार नहीं हो पाता उसको तो वो लागू ही नहीं करते क्योंकि उनकी कटकी नहीं मिलती। क्या आप लोगों से जब मिलते हैं, तो ऐसी बातें उठाते हैं क्या और लोगों का क्या रिस्पांस होता है।

बलवंत सिंह- जी सर, ऐसी बात तो उठाते हैं। और हमारा झारखंड में दो ही मुद्दे पर चर्चा होती है, भ्रष्टाचार और परिवारवाद। ये ज्वलंत मुद्दा है और इसको लेके लोगों में बहुत सारा आक्रोश है सर।

PM- लेकिन लोग इन परिवारवादी पार्टियों को खत्म करने के मूड में हैं क्योंकि नौजवानों का भविष्य ये परिवारवादी पार्टियां ही बर्बाद करती हैं।

बलवंत सिंह- जी सर, ये परिवारवाद…ये हेमंत सोरेन अपने परिवार से ही सरकार चलाता है। अब तो जान ही रहे हैं, सारी जनता ने तो देखा ही कि एक लोकप्रिय, एक योग्य आदमी चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया और जेल से आते ही उनको उठाकर फेंक दिया। जो भी करना है इनका ही परिवार करेंगे। जिससे लोगों के बीच में काफी आक्रोश है सर। उसके बाद रहा भ्रष्टाचार के विषय में तो आपके नेतृत्व में भारत हमारा बहुत आगे जा रहा है। और सर्वांगीण विकास हुआ है और हो रहा है लेकिन हमारे झारखंड में आपकी जो है लोकप्रिय और जनकल्याणकारी योजना जल नल मिशन और प्रधानमंत्री आवास ये पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

PM- यही तो…क्योंकि इनमें उनको कटकी-बटकी मिलती नहीं है। क्योंकि पैसा हम सीधा भेजते हैं लाभार्थी के खाते में। बलवंत जी मुझे बहुत अच्छा लगा। आपकी बातों से मुझे पक्का लगता है कि आप बिलकुल धरती पे काम कर रहे हैं। घर-घर जाने वाले कार्यकर्ता दिखते हैं। इसलिए आपको धरती की बारीकी पता है। यही तो मेरी ताकत है, यही मेरी पार्टी की ताकत है। देखिए आपकी बात बिलकुल सही है। झारखंड में भ्रष्टाचार और परिवारवादी पार्टी, सिर्फ परिवार, ये पार्टी फॉर द परिवार, बाय द परिवार, ऑफ द परिवार, ऐसी ही है परिवार। परिवारवादी पार्टियां भ्रष्टाचारी तो होती ही हैं। ये समाज के प्रतिभाशाली नौजवानों के रास्ते में सबसे बड़ी दीवार होती हैं। जेएमएम के परिवारवादियों ने कांग्रेस के शाही परिवार से ऐसी गंदी चीजें सीखी हैं कि जिसमें कुर्सी और खजाना बस दो की ही चिंता रहती है। नागरिकों की उनको परवाह ही नहीं होती है। यहां एक ही परिवार से अलग सामान्य आदिवासी समाज का एक दूसरा बेटा, और आपने सही कहा चंपई सोरेन जी को मजबूरी में मुख्यमंत्री तो बनाना पड़ा, एमएलए का दबाव था इसलिए बना तो दिया लेकिन काम भी नहीं करने दिया और जैसे ही बाहर आए जिस प्रकार से अपमानित किया और ये सिर्फ चंपई सोरेन जी का नहीं, पूरे आदिवासी समाज का अपमान है। पूरे झारखंड के नागरिकों का अपमान है। चंपई जी को सीएम तो उन्होंने ही बना था। लेकिन चंपई जी उनके पाप के भागीदार नहीं बने। तो बस उनको लात मारके निकाल दिया। और समाज के दबाव में सब होता रहा, अपमानित करते रहे। जहां तक भ्रष्टाचार की बात है उन्होंने आपका बालू, आपका नल, आपका राशन, नौजवानों को परीक्षा का पेपर, नौजवानों की नौकरी में भर्तियां क्या नहीं लूटा है। बस लूटना ही उनका काम है। और मैं तो हैरान हूं जी जब मैंने टीवी पर देखे नोटों के पहाड़। सारे देश ने देखे, देश चौंक गया है लेकिन फिर भी इनको शरम नहीं है। और मैं आपको कहता हूं, अभी तो जो नोटों के पहाड़ निकले हैं ना, इससे ज्यादा दबे पड़े हैं पहाड़ नोटों के। और मैं तो लगा हूं इसको निकाल करके रहना है।

साथियों,

इनलोगों का काम करने का एक और तरीका भी है। ये केंद्र की जिन योजनाओं में उनकी कटकी-बटकी नहीं चलती है। भ्रष्टाचार नहीं कर सकते, तो वो बिलकुल ऐसे सारे कामों को ताला लगा देते हैं। और अपनी एक नकली योजना का नाम देकर के लोगों को गुमराह करते हैं। गरीबों को घर देने के नाम पर इन्होंने यही किया है। आवास के फर्जी स्कीम लेकर आए और लोगों से फार्म भरवाए और फार्म भरवाने में भी उगाही की। हफ्ता खाया, कमीशन खाया, और गरीब बेचारा इंतजार में बैठा रहा कि मकान मिलेगा। मुफ्त इलाज की भी योजना, अब आयुष्मान भारत योजना से झारखंड में तो मुफ्त इलाज मिलता ही है। दूसरे राज्यों में जो काम करने गए हैं उनको भी वहां फायदा होता है। अगर झारखंड का कोई भाई मुंबई में गया है और वहां उसको तकलीफ हुई और आयुष्मान कार्ड होगा तो उसकी दवाई हो जाएगी। जेएमएम-कांग्रेस वाले जिस प्रकार की फर्जी योजनाएं चलाते हैं, उनका लाभ कभी भी लोगों को मिलता नहीं है। दूसरे राज्यों में किसी भी अस्पताल में योजनाएं नहीं चलती। और इसलिए मैं तो झारखंड के हर भाई-बहन को कहूंगा जरा सतर्क रहना है। बलवंत जी मुझे बहुत अच्छा लगा आपसे बात करके। आइए, हमारे और कार्यकर्ता इंतजार कर रहे हैं। अब हमसे कौन बात करेंगे।

संवाद-4

पिंकी खोया- जी प्रधानमंत्री जी को मेरा जोहार। मैं पिंकी खोया, हटिया विधानसभा से बूथ नंबर 274 से बात कर रही हूं।

PM- पिंकी जी आपकी जिम्मेवारी क्या है?

पिंकी खोया- जी, मैं एसटी मोर्चा में प्रदेश प्रवक्ता हूं।

PM- अरे वाह, इसलिए इतना बढ़िया बोलती हैं आप।

पिंकी खोया- मैंने तो आपका साक्षात दर्शनों की कामना की थी, लेकिन मेरी प्रार्थना कुछ कमी रह गई शायद। लेकिन मेरे लिए ईश्वर की बहुत कृपा है कि आज मैं वन टू वन आप से बात कर पा रही हूं।

PM- देखिए बहन, जरूर मौका मिलेगा, मैं एक कार्यकर्ता हूं। मैं जाता-आता रहता हूं, जरूर मैं भी आपका दर्शन करूंगा। पिंकी जी आपकी पढ़ाई क्या हुई।

पिंकी खोया- जी मैंने बीएससी किया हुआ है और एलएलबी है और मैं हाईकोर्ट में प्रैक्टिस भी करती हूं। मैं जनजातीय समाज से आती हूं सर।

PM- वाह-वाह.. मेरा यह गर्व है, मेरे पार्टी के लिए यह गर्व है कि पिंकी खोया जी पढ़ी लिखी हैं और पार्टी के प्रति समर्पित हैं। अच्छा, पिंकी जी आप इतनी एक्टिव हैं, पत्रकारों से भी मिलती होंगी, लोगों से भी मिलती होंगी, टीवी डिबेटों में भी जाती होंगी, अच्छा मुझे बताइए कांग्रेस-जेएमएम के लोग आदिवासी और ओबीसी समाज को छोटी-छोटी जातियों में तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। जहां भी कांग्रेस सरकार में आई है, उसने पहला काम किया है कि आरक्षण को लूटो। इस मुद्दे पर आपके यहां चर्चा कैसे हो रही है, कैसे आप लोगों को समझा रहे हैं।

पिंकी खोया- जी जब हमलोग जा रहे हैं ग्राउंड लेवल पर परिवारों के बीच में हमलोग अखरा लेवेल पर भी बहुत सारी बैठकें कर रहे हैं। तो लोगों के मन में एक भ्रम है कि आपने पिछले दिनों देखा कि कैसे बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर ये लोग बहुत एक्टिव हुए और ये लोग लगातार पक्षधर हैं जातीय जनगणना का। जिससे एक एक तोड़क शक्तियां बनकर उभर के आए हैं। तो हम लोग लोगों को बताने का प्रयास कर रहे हैं कि आदिवासी के असल में विकास के लिए असल में किसी भी पार्टी ने चिंता की है तो वो भारतीय जनता पार्टी है। क्योंकि 60 साल से अधिक समय तक केंद्र में कांग्रेस ने राज किया और तब भी आदिवासी की स्थिति वही है और फिर आज आदिवासी की गरीबी की राजनीति पुनः करना चाहते हैं ये लोग। तो हम लोग ये बताने का प्रयास करते हैं कि जेएमएम और कांग्रेस की सरकार ये भ्रष्ट से भ्रष्टतम सरकार में से एक है। जो बोलते आदिवासियों के लिए हैं लेकिन असल में ये आदिवासियों की ही जड़ें काटने में लगे हुए हैं। मैं आपको छोटा उदाहरण बताना चाहती हूं। क्योंकि झारखंड अनुसूचित क्षेत्र है और यहां पे जनजातियों के पास जल, जंगल और जमीन ही है। जमीन जो है यहां आदिवासियों की सबसे बड़ी संपदा है। लेकिन जमीन की लूट ये जेएमएम की सरकार में सबसे ज्यादा बहुतायत तरीके से हुई है। और आम आदमी की जमीन की लूट तो हुई ही है लेकिन यहां पर जनजातियों की जो कस्टमरी जमीन है, जो पूजा की भूमि होती है जनजातीय समाज की जैके सरना, मसना, खडगड़ी देशावली, इस तरह की जमीनों की भी लूट हो रही है। जो अनट्रांसफरेबल है, ऐसी जमीनों की भी लूट हो रही है, ऐसी जमीनों पर भी इनक्रोचमेंट हो रहे हैं। और ये जेएमएम की सरकार बहुत जोर-शोर से करवा रही है। तो ये इस बात से यह स्पष्ट होता है कि जेएमएम और कांग्रेस को आदिवासियों की चिंता नहीं है। ये असल में आदिवासियों की जड़ों को, इस तरह से कस्टम और यूजेज को ये अगर खंडित करते हैं, विखंडित करते हैं या उसको धूमिल और हल्का करने की कोशिश करते हैं, आदिवासी अपने कस्टम से ही सबकुछ है उसको वहां से ही काटना शुरू कर रहे हैं तो यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है।

PM- पिंकी जी, आपको सुनने के बाद मुझको लगता है कि मैं आपको अभी तक नहीं मिला तो मैंने बहुत कुछ खोया है। आपके विचारों को सुनकर मुझको लगता है कि आपके पास बहुत खजाना है। मेरे ज्ञानवर्धन के लिए भी काम आ सकता है। अब तो पक्का हो गया है कि मुझे आपसे मिलकर के छोटी-छोटी बारीकियां समझनी है। मुझे अच्छा लगेगा, चुनाव तक तो संभव नहीं होगा लेकिन जरूर मैं आपको इतना नॉलेज है और इतनी बारीकि का नॉलेज है। मुझे गर्व होता है कि मेरे पास ऐसी पढ़ी-लिखी महिला कार्यकर्ता हैं, जो समाज की भलाई के लिए ऐसे जुटी हुई हैं। इस विषय को पूरी गंभीरता से मुझे लगता है कि जन-जन के बीच रखना है।

पिंकी – जी बिल्कुल।

PM- क्योंकि आपने जो बताए, वो सारे विषयों को वो बहुत गंभीर है। मैं आपको बताता हूं कि आप इसे कैसे समझा सकती हैं। एक समय था जब पूरे देश में पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक सिर्फ कांग्रेस ही थी। जब तक कांग्रेस ही कांग्रेस थी तब तक देश में आरक्षण की बात करने की हिम्मत ही नहीं होती थी। कांग्रेस ऐसी आवाजों को कुचल देती थी। क्योंकि नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक शाही परिवार के सभी लोग आरक्षण के घोर विरोधी रहे हैं। तब दलित समाज, ओबीसी समाज, आदिवासी समाज छोटी-छोटी अनेक जातियों में छितराया हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे लोगों को बाबासाहेब अंबेडकर की बात समझ में आने लगी। दलित समाज एससी के रूप में. आदिवासी समाज एसटी के रूप में एकजुट हुआ। इसके कारण कांग्रेस को कई राज्यों में चुनौतियां मिलने लगी। ओबीसी समाज तो 1990 तक एकजुट ही नहीं हो पाया था। जब एकजुट हुआ तो कांग्रेस का दिवाला निकल गया। तब से लेकर आज तक कांग्रेस केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली सरकार ही नहीं बना पाई। और आज पूरे देश में गिनकर के सिर्फ तीन राज्यों में उनकी सरकार है। और जहां-जहां दलित, ओबीसी और आदिवासी सबसे ज्यादा है, सबसे जागरूक है और एक है वहां भाजपा और एनडीए सरकारें हैं। नॉर्थ-ईस्ट हो, ओडिशा हो, छत्तीसगढ़ हो, एमपी हो, गुजरात हो, राजस्थान हो, यूपी हो, बिहार हो, महाराष्ट्र हो या हरियाणा हो, यहां एससी,एसटी और ओबीसी की आबादी सबसे अधिक है। इन सभी राज्यों में भाजपा एनडीए सरकार है। यहां कांग्रेस के आने के आसार दूर-दूर तक नहीं है। और इससे कांग्रेस का शाही परिवार बहुत गुस्से में है। इसलिए उन्होंने, एससी, एसटी और ओबीसी की सामूहिक शक्ति को ही तोड़ने का फैसला किया। आप देखेंगे कि बीते कुछ सालों से यही इनका एजेंडा बन गया है। ये चाहते हैं कि दलित समाज, एससी के बजाय छोटी-छोटी जातियों के रूप में टूट जाए। ये चाहते हैं कि ओबीसी समाज भी सैकड़ों उपजातियों के रूप में बंट जाए, टूट जाए और आपस में भिड़ता रहे। एसटी समाज भी सैकड़ों छोटी-छोटी जातियों के रूप में बिखर जाए, इनकी पहचान ही खत्म हो जाए। जब ये समाज छोटी-छोटी जातियों में टूटेंगे तो एससी, एसटी और ओबीसी के रूप में इनकी आवाज कमजोर हो जाएगी। जिस दिन ऐसा होगा उस दिन कांग्रेस की साजिश सफल हो जाएगी और उस दिन कांग्रेस आपसे आपका आरक्षण भी छीन लेगी। और आप जानते हैं कि इसलिए मैं लगातार कहता रहा हूं कि एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। सभी ओबीसी समाज एक रहने चाहिए। सभी एसटी समाज एक रहने चाहिए। सभी एससी समाज एक रहने चाहिए। और आप तो सोशल मीडिया में मेरे पास कांग्रेस की एक पुरानी एडवरटाइजमेंट लोगों ने भेजी है। मैं तो हैरान हूं कि कैसी एडवरटाइजमेंट छापते थे चुनाव में। आप तो प्रवक्ता के रूप में टीवी में जाती हो, जरा उस एडवरटाइजमेंट, आज लोग उसे सोशल मीडिया पर दिखा रहे हैं, शायद जब राजीव गांधी जी कांग्रेस के नेता थे, उस जमाने का एडवरटाइइजमेंट है। और उस एडवरटाइजमेंट में एससी, एसटी और ओवीसी को इतना भद्दा पेंट किया है। और उससे देश को कितना बड़ा नुकसान होगा उसमें साफ-साफ कह दिया गया है कि एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण छीन लेना पड़ेगा। ये उनकी एडवरटाइजमेंट है। तभी आप जरूर देखिए, तब आपको पता चलेगा और इसे लोगों को भी दिखाइए। पिंकी जी मुझे बहुत अच्छा लगा आपसे संवाद करा और आपको बारीकियों का पता है और आपको सुनकर के और कार्यकर्ताओं को भी अच्छा लगा होगा।

PM- चलिए सभी कार्यकर्ताओं से बात करने का मौका मिला यह बहुत अच्छा लगा। देखिए बूथ स्तर पर जो आशीर्वाद भाजपा को मिल रहा है, उससे साफ है कि जेएमएम की भ्रष्ट सरकार उसका जाना तय है। काउंटडाउन शुरू हो चुका है। मेरा तो आपसे यही कहना है कि पूरी ताकत बूथ में लगाइए। मेरा बूथ सबसे मजबूत, पहले से ज्यादा वोट बीजेपी-एनडीए के साथियों को मिलना चाहिए। पहले से ज्यादा बूथ में मतदान होना चाहिए। और मेरा तो आग्रह है कि सुबह-सुबह बूथ पर वोट होना चाहिए और हम कार्यकर्ताओं को तो शाम को मतदान पूरा होने तक, आखिरी व्यक्ति जब तक है, हमें सक्रिय रहना चाहिए। और मैं तो आश्वस्त हूं कि हर बूथ पर लाखों मोदी बैठे हैं। मेरे लिए तो आप ही मोदी है। चाहे पर्ची बांटने का काम हो, बूथ की जानकारी आप सबके पास हो, घर में अलग से महिलाओं के साथ बात करने की व्यवस्था हो, उनको वोट डालने की जिम्मेवारी हो और मैं तो आप से कहूंगा कि बूथ के अंदर मान लीजिए 300 परिवार हैं। तो 15 टोली बनाकर के 20 परिवार को लेकर बैठ जाइए। 20-20 परिवारों में बैठकर के मतदान होने तक उनके साथ जुड़े रहिए। क्योंकि अब तो प्रचार भी अंत हो रहा है, इसलिए पूरी शक्ति बूथ पर लगाने की है और बूथ पर परिवार में लगानी चाहिए और जिस दिन मतदान हो ना थाली बजाते-बजाते, जैसे हम कहीं मंदिर के उत्सव में जाते हैं, ये लोकतंत्र का उत्सव है। तो थाली बजाते, घंटी बजाते, गीत गाते-गाते, हर मोहल्ले से वोट करने के लिए जाना चाहिए। इससे उत्साह भी बढ़ेगा। मतदान भी बढ़ेगा। और भाजपा को भी लाभ होगा और लोकतंत्र को भी लाभ होगा। और इसलिए घर-घऱ जाना है, हमारे संकल्प की बात करनी है, जिन मुद्दों को लेकर हम काम कर रहे हैं वो बताना है और लोगों को विश्वास देना है कि आपका भी भविष्य उज्ज्वल होगा आपके बच्चों का भी भविष्य उज्ज्वल होगा। और तब जा करके हम इस विजय को एक उत्सव के रूप में मना पाएंगे। गरीब हो, दलित हो, पीडित हो, शोषित हो, वंचित हो, मजदूर हो, शहरी हो, ग्रामीण हो हर किसी को पूरे तामझाम के साथ लेकर के मतदान करने के लिए जाना है। मुझे आज बहुत अच्छा लगा आप सबसे मिलने का मौका मिला। पब्लिक रैली में आता हूं। तब तो बहुत बारीकी से बात नहीं हो पाती है। लेकिन हेलीपैड पर जहां उतरता हूं और हवाई जहाज पर बैठने से पहले या तो मंच पर जाने से पहले, मेरी आदत होती है छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं से बात करने की। और मैं जो उनका उत्साह और उमंग देख रहा हूं और जो उनका एनालसिस देख रहा हूं। मेरा पक्का विश्वास है कि भारतीय जनता पार्टी बहुत भाग्यवान है कि आप जैसे दिन-रात मेहनत करने वाला लाखों कार्यकर्ता है। जनता के लिए जीने वाले कार्यकर्ता है और भारतीय जनता पार्टी को जिताने के लिए और वो भी जनता की भला करने के लिए जिताने के लिए दिन-रात आप मेहनत करते हैं। मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। ज्यादा से ज्यादा मतदान हो। भारी मतो से विजयी हों यही लक्ष्य लेकर के हम हर बूथ पर काम करें। एक-एक परिवार पर काम करें, यहीं मंत्र आपको काम आएगा। मेरी आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। सबको जय जोहार! धन्यवाद।

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Text of PM’s address at Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 23, 2024
It is a moment of pride that His Holiness Pope Francis has made His Eminence George Koovakad a Cardinal of the Holy Roman Catholic Church: PM
No matter where they are or what crisis they face, today's India sees it as its duty to bring its citizens to safety: PM
India prioritizes both national interest and human interest in its foreign policy: PM
Our youth have given us the confidence that the dream of a Viksit Bharat will surely be fulfilled: PM
Each one of us has an important role to play in the nation's future: PM

Respected Dignitaries…!

आप सभी को, सभी देशवासियों को और विशेषकर दुनिया भर में उपस्थित ईसाई समुदाय को क्रिसमस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, ‘Merry Christmas’ !!!

अभी तीन-चार दिन पहले मैं अपने साथी भारत सरकार में मंत्री जॉर्ज कुरियन जी के यहां क्रिसमस सेलीब्रेशन में गया था। अब आज आपके बीच उपस्थित होने का आनंद मिल रहा है। Catholic Bishops Conference of India- CBCI का ये आयोजन क्रिसमस की खुशियों में आप सबके साथ जुड़ने का ये अवसर, ये दिन हम सबके लिए यादगार रहने वाला है। ये अवसर इसलिए भी खास है, क्योंकि इसी वर्ष CBCI की स्थापना के 80 वर्ष पूरे हो रहे हैं। मैं इस अवसर पर CBCI और उससे जुड़े सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियों,

पिछली बार आप सभी के साथ मुझे प्रधानमंत्री निवास पर क्रिसमस मनाने का अवसर मिला था। अब आज हम सभी CBCI के परिसर में इकट्ठा हुए हैं। मैं पहले भी ईस्टर के दौरान यहाँ Sacred Heart Cathedral Church आ चुका हूं। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे आप सबसे इतना अपनापन मिला है। इतना ही स्नेह मुझे His Holiness Pope Francis से भी मिलता है। इसी साल इटली में G7 समिट के दौरान मुझे His Holiness Pope Francis से मिलने का अवसर मिला था। पिछले 3 वर्षों में ये हमारी दूसरी मुलाकात थी। मैंने उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया है। इसी तरह, सितंबर में न्यूयॉर्क दौरे पर कार्डिनल पीट्रो पैरोलिन से भी मेरी मुलाकात हुई थी। ये आध्यात्मिक मुलाक़ात, ये spiritual talks, इनसे जो ऊर्जा मिलती है, वो सेवा के हमारे संकल्प को और मजबूत बनाती है।

साथियों,

अभी मुझे His Eminence Cardinal जॉर्ज कुवाकाड से मिलने का और उन्हें सम्मानित करने का अवसर मिला है। कुछ ही हफ्ते पहले, His Eminence Cardinal जॉर्ज कुवाकाड को His Holiness Pope Francis ने कार्डिनल की उपाधि से सम्मानित किया है। इस आयोजन में भारत सरकार ने केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में आधिकारिक रूप से एक हाई लेवल डेलिगेशन भी वहां भेजा था। जब भारत का कोई बेटा सफलता की इस ऊंचाई पर पहुंचता है, तो पूरे देश को गर्व होना स्वभाविक है। मैं Cardinal जॉर्ज कुवाकाड को फिर एक बार बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

आज आपके बीच आया हूं तो कितना कुछ याद आ रहा है। मेरे लिए वो बहुत संतोष के क्षण थे, जब हम एक दशक पहले फादर एलेक्सिस प्रेम कुमार को युद्ध-ग्रस्त अफगानिस्तान से सुरक्षित बचाकर वापस लाए थे। वो 8 महीने तक वहां बड़ी विपत्ति में फंसे हुए थे, बंधक बने हुए थे। हमारी सरकार ने उन्हें वहां से निकालने के लिए हर संभव प्रयास किया। अफ़ग़ानिस्तान के उन हालातों में ये कितना मुश्किल रहा होगा, आप अंदाजा लगा सकते हैं। लेकिन, हमें इसमें सफलता मिली। उस समय मैंने उनसे और उनके परिवार के सदस्यों से बात भी की थी। उनकी बातचीत को, उनकी उस खुशी को मैं कभी भूल नहीं सकता। इसी तरह, हमारे फादर टॉम यमन में बंधक बना दिए गए थे। हमारी सरकार ने वहाँ भी पूरी ताकत लगाई, और हम उन्हें वापस घर लेकर आए। मैंने उन्हें भी अपने घर पर आमंत्रित किया था। जब गल्फ देशों में हमारी नर्स बहनें संकट से घिर गई थीं, तो भी पूरा देश उनकी चिंता कर रहा था। उन्हें भी घर वापस लाने का हमारा अथक प्रयास रंग लाया। हमारे लिए ये प्रयास केवल diplomatic missions नहीं थे। ये हमारे लिए एक इमोशनल कमिटमेंट था, ये अपने परिवार के किसी सदस्य को बचाकर लाने का मिशन था। भारत की संतान, दुनिया में कहीं भी हो, किसी भी विपत्ति में हो, आज का भारत, उन्हें हर संकट से बचाकर लाता है, इसे अपना कर्तव्य समझता है।

साथियों,

भारत अपनी विदेश नीति में भी National-interest के साथ-साथ Human-interest को प्राथमिकता देता है। कोरोना के समय पूरी दुनिया ने इसे देखा भी, और महसूस भी किया। कोरोना जैसी इतनी बड़ी pandemic आई, दुनिया के कई देश, जो human rights और मानवता की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जो इन बातों को diplomatic weapon के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जरूरत पड़ने पर वो गरीब और छोटे देशों की मदद से पीछे हट गए। उस समय उन्होंने केवल अपने हितों की चिंता की। लेकिन, भारत ने परमार्थ भाव से अपने सामर्थ्य से भी आगे जाकर कितने ही देशों की मदद की। हमने दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में दवाइयाँ पहुंचाईं, कई देशों को वैक्सीन भेजी। इसका पूरी दुनिया पर एक बहुत सकारात्मक असर भी पड़ा। अभी हाल ही में, मैं गयाना दौरे पर गया था, कल मैं कुवैत में था। वहां ज्यादातर लोग भारत की बहुत प्रशंसा कर रहे थे। भारत ने वैक्सीन देकर उनकी मदद की थी, और वो इसका बहुत आभार जता रहे थे। भारत के लिए ऐसी भावना रखने वाला गयाना अकेला देश नहीं है। कई island nations, Pacific nations, Caribbean nations भारत की प्रशंसा करते हैं। भारत की ये भावना, मानवता के लिए हमारा ये समर्पण, ये ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच ही 21वीं सदी की दुनिया को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।

Friends,

The teachings of Lord Christ celebrate love, harmony and brotherhood. It is important that we all work to make this spirit stronger. But, it pains my heart when there are attempts to spread violence and cause disruption in society. Just a few days ago, we saw what happened at a Christmas Market in Germany. During Easter in 2019, Churches in Sri Lanka were attacked. I went to Colombo to pay homage to those we lost in the Bombings. It is important to come together and fight such challenges.

Friends,

This Christmas is even more special as you begin the Jubilee Year, which you all know holds special significance. I wish all of you the very best for the various initiatives for the Jubilee Year. This time, for the Jubilee Year, you have picked a theme which revolves around hope. The Holy Bible sees hope as a source of strength and peace. It says: "There is surely a future hope for you, and your hope will not be cut off." We are also guided by hope and positivity. Hope for humanity, Hope for a better world and Hope for peace, progress and prosperity.

साथियों,

बीते 10 साल में हमारे देश में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को परास्त किया है। ये इसलिए हुआ क्योंकि गरीबों में एक उम्मीद जगी, की हां, गरीबी से जंग जीती जा सकती है। बीते 10 साल में भारत 10वें नंबर की इकोनॉमी से 5वें नंबर की इकोनॉमी बन गया। ये इसलिए हुआ क्योंकि हमने खुद पर भरोसा किया, हमने उम्मीद नहीं हारी और इस लक्ष्य को प्राप्त करके दिखाया। भारत की 10 साल की विकास यात्रा ने हमें आने वाले साल और हमारे भविष्य के लिए नई Hope दी है, ढेर सारी नई उम्मीदें दी हैं। 10 साल में हमारे यूथ को वो opportunities मिली हैं, जिनके कारण उनके लिए सफलता का नया रास्ता खुला है। Start-ups से लेकर science तक, sports से entrepreneurship तक आत्मविश्वास से भरे हमारे नौजवान देश को प्रगति के नए रास्ते पर ले जा रहे हैं। हमारे नौजवानों ने हमें ये Confidence दिया है, य़े Hope दी है कि विकसित भारत का सपना पूरा होकर रहेगा। बीते दस सालों में, देश की महिलाओं ने Empowerment की नई गाथाएं लिखी हैं। Entrepreneurship से drones तक, एरो-प्लेन उड़ाने से लेकर Armed Forces की जिम्मेदारियों तक, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जहां महिलाओं ने अपना परचम ना लहराया हो। दुनिया का कोई भी देश, महिलाओं की तरक्की के बिना आगे नहीं बढ़ सकता। और इसलिए, आज जब हमारी श्रमशक्ति में, Labour Force में, वर्किंग प्रोफेशनल्स में Women Participation बढ़ रहा है, तो इससे भी हमें हमारे भविष्य को लेकर बहुत उम्मीदें मिलती हैं, नई Hope जगती है।

बीते 10 सालों में देश बहुत सारे unexplored या under-explored sectors में आगे बढ़ा है। Mobile Manufacturing हो या semiconductor manufacturing हो, भारत तेजी से पूरे Manufacturing Landscape में अपनी जगह बना रहा है। चाहे टेक्लोलॉजी हो, या फिनटेक हो भारत ना सिर्फ इनसे गरीब को नई शक्ति दे रहा है, बल्कि खुद को दुनिया के Tech Hub के रूप में स्थापित भी कर रहा है। हमारा Infrastructure Building Pace भी अभूतपूर्व है। हम ना सिर्फ हजारों किलोमीटर एक्सप्रेसवे बना रहे हैं, बल्कि अपने गांवों को भी ग्रामीण सड़कों से जोड़ रहे हैं। अच्छे ट्रांसपोर्टेशन के लिए सैकड़ों किलोमीटर के मेट्रो रूट्स बन रहे हैं। भारत की ये सारी उपलब्धियां हमें ये Hope और Optimism देती हैं कि भारत अपने लक्ष्यों को बहुत तेजी से पूरा कर सकता है। और सिर्फ हम ही अपनी उपलब्धियों में इस आशा और विश्वास को नहीं देख रहे हैं, पूरा विश्व भी भारत को इसी Hope और Optimism के साथ देख रहा है।

साथियों,

बाइबल कहती है- Carry each other’s burdens. यानी, हम एक दूसरे की चिंता करें, एक दूसरे के कल्याण की भावना रखें। इसी सोच के साथ हमारे संस्थान और संगठन, समाज सेवा में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में नए स्कूलों की स्थापना हो, हर वर्ग, हर समाज को शिक्षा के जरिए आगे बढ़ाने के प्रयास हों, स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामान्य मानवी की सेवा के संकल्प हों, हम सब इन्हें अपनी ज़िम्मेदारी मानते हैं।

साथियों,

Jesus Christ ने दुनिया को करुणा और निस्वार्थ सेवा का रास्ता दिखाया है। हम क्रिसमस को सेलिब्रेट करते हैं और जीसस को याद करते हैं, ताकि हम इन मूल्यों को अपने जीवन में उतार सकें, अपने कर्तव्यों को हमेशा प्राथमिकता दें। मैं मानता हूँ, ये हमारी व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी भी है, सामाजिक दायित्व भी है, और as a nation भी हमारी duty है। आज देश इसी भावना को, ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ के संकल्प के रूप में आगे बढ़ा रहा है। ऐसे कितने ही विषय थे, जिनके बारे में पहले कभी नहीं सोचा गया, लेकिन वो मानवीय दृष्टिकोण से सबसे ज्यादा जरूरी थे। हमने उन्हें हमारी प्राथमिकता बनाया। हमने सरकार को नियमों और औपचारिकताओं से बाहर निकाला। हमने संवेदनशीलता को एक पैरामीटर के रूप में सेट किया। हर गरीब को पक्का घर मिले, हर गाँव में बिजली पहुंचे, लोगों के जीवन से अंधेरा दूर हो, लोगों को पीने के लिए साफ पानी मिले, पैसे के अभाव में कोई इलाज से वंचित न रहे, हमने एक ऐसी संवेदनशील व्यवस्था बनाई जो इस तरह की सर्विस की, इस तरह की गवर्नेंस की गारंटी दे सके।

आप कल्पना कर सकते हैं, जब एक गरीब परिवार को ये गारंटी मिलती हैं तो उसके ऊपर से कितनी बड़ी चिंता का बोझ उतरता है। पीएम आवास योजना का घर जब परिवार की महिला के नाम पर बनाया जाता है, तो उससे महिलाओं को कितनी ताकत मिलती है। हमने तो महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नारीशक्ति वंदन अधिनियम लाकर संसद में भी उनकी ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित की है। इसी तरह, आपने देखा होगा, पहले हमारे यहाँ दिव्यांग समाज को कैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। उन्हें ऐसे नाम से बुलाया जाता था, जो हर तरह से मानवीय गरिमा के खिलाफ था। ये एक समाज के रूप में हमारे लिए अफसोस की बात थी। हमारी सरकार ने उस गलती को सुधारा। हमने उन्हें दिव्यांग, ये पहचान देकर के सम्मान का भाव प्रकट किया। आज देश पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर रोजगार तक हर क्षेत्र में दिव्यांगों को प्राथमिकता दे रहा है।

साथियों,

सरकार में संवेदनशीलता देश के आर्थिक विकास के लिए भी उतनी ही जरूरी होती है। जैसे कि, हमारे देश में करीब 3 करोड़ fishermen हैं और fish farmers हैं। लेकिन, इन करोड़ों लोगों के बारे में पहले कभी उस तरह से नहीं सोचा गया। हमने fisheries के लिए अलग से ministry बनाई। मछलीपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं देना शुरू किया। हमने मत्स्य सम्पदा योजना शुरू की। समंदर में मछलीपालकों की सुरक्षा के लिए कई आधुनिक प्रयास किए गए। इन प्रयासों से करोड़ों लोगों का जीवन भी बदला, और देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिला।

Friends,

From the ramparts of the Red Fort, I had spoken of Sabka Prayas. It means collective effort. Each one of us has an important role to play in the nation’s future. When people come together, we can do wonders. Today, socially conscious Indians are powering many mass movements. Swachh Bharat helped build a cleaner India. It also impacted health outcomes of women and children. Millets or Shree Anna grown by our farmers are being welcomed across our country and the world. People are becoming Vocal for Local, encouraging artisans and industries. एक पेड़ माँ के नाम, meaning ‘A Tree for Mother’ has also become popular among the people. This celebrates Mother Nature as well as our Mother. Many people from the Christian community are also active in these initiatives. I congratulate our youth, including those from the Christian community, for taking the lead in such initiatives. Such collective efforts are important to fulfil the goal of building a Developed India.

साथियों,

मुझे विश्वास है, हम सबके सामूहिक प्रयास हमारे देश को आगे बढ़ाएँगे। विकसित भारत, हम सभी का लक्ष्य है और हमें इसे मिलकर पाना है। ये आने वाली पीढ़ियों के प्रति हमारा दायित्व है कि हम उन्हें एक उज्ज्वल भारत देकर जाएं। मैं एक बार फिर आप सभी को क्रिसमस और जुबली ईयर की बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।